প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী আজ ইম্ফল সফর করেন। এক বিশাল জনসভায় তিনি মোরে-তে সুসংহত সীমান্ত চৌকির উদ্বোধন করেন। সাওমবুঙ্গ-এ তিনি দোলাইথাবি বাঁধ প্রকল্প, ভারতীয় খাদ্য নিগমের মজুতভাণ্ডার সহ জল সরবরাহ ও পর্যটন সংক্রান্ত একাধিক প্রকল্পের সূচনা করেন।
প্রধানমন্ত্রী, ৪০০ কিলোভোল্ট বিদ্যুৎবাহী শিলচর-ইম্ফল ডবল সার্কিট লাইনের উদ্বোধন করেন।
ক্রীড়াক্ষেত্রের সঙ্গে যুক্ত একাধিক প্রকল্পেরও তিনি শিলান্যাস করেন।
জনসভায় ভাষণে প্রধানমন্ত্রী বীর স্বাধীনতা সংগ্রামীদের বিশেষ করে, মণিপুরের মহিলা স্বাধীনতা সংগ্রামীদের প্রতি শ্রদ্ধা নিবেদন করেন। অবিভক্ত ভারতে মণিপুরের মইরাং-এ স্থাপিত প্রথম অন্তর্বর্তী সরকার গঠনের কথাও তিনি স্মরণ করেন। উত্তর-পূর্বাঞ্চলের মানুষের কাছ থেকে আজাদ হিন্দ ফৌজ যে বিপুল সমর্থন পেয়েছিল, তার কথাও প্রধানমন্ত্রী উল্লেখ করেন। তিনি বলেন, ‘নতুন ভারতে’র অগ্রগতিতে মণিপুর গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করতে পারে।
আজকের অনুষ্ঠানে ১,৫০০ কোটি টাকার বেশি যে সমস্ত প্রকল্পের উদ্বোধন বা শিলান্যাস হয়েছে, সেগুলি এই রাজ্যের মানুষের জীবনযাপনের মানোন্নয়নে বড় ভূমিকা নিতে চলেছে বলেও শ্রী মোদী অভিমত প্রকাশ করেন।
বিগত সাড়ে চার বছরে তিনি প্রায় ৩০ বার উত্তর-পূর্ব সফর করেছেন জানিয়ে প্রধানমন্ত্রী বলেন, এই অঞ্চলের সামগ্রিক পরিবর্তন ঘটছে এবং কয়েক দশক ধরে যে সমস্ত প্রকল্পের কাজ থমকে ছিল সেগুলি সম্পূর্ণ করা হচ্ছে।
মোরের সুসংহত চেক পোস্টটি সীমাশুল্ক সংক্রান্ত ছাড়পত্র প্রদান, বিদেশি মুদ্রা বিনিময়, অভিবাসন সংক্রান্ত কাজকর্ম সম্পাদনের ক্ষেত্রে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা নেবে বলে তিনি জানান।
প্রধানমন্ত্রী আরও বলেন, আজ যে সব প্রকল্পের উদ্বোধন করা হচ্ছে, সেগুলি কেন্দ্রীয় সরকারের উন্নয়নের প্রতি অঙ্গীকারকেই প্রতিফলিত করে। তিনি জানান, ১৯৮৭ সালে দোলাইথাবি বাঁধ প্রকল্প রূপায়ণের সিদ্ধান্ত হয়। কিন্তু ২০১৪ সালের পর এই প্রকল্প রূপায়ণের কাজে গতি আসে এবং আজ এই প্রকল্পের কাজ সম্পূর্ণ হল। পর্যটন ক্ষেত্রের সঙ্গে যুক্ত যে সমস্ত প্রকল্পের আজ উদ্বোধন করা হয় সেগুলির কথাও তিনি উল্লেখ করেন। এ প্রসঙ্গে শ্রী মোদী জানান, কেন্দ্রীয় সরকারের পক্ষ থেকে বিভিন্ন প্রকল্পের কাজ আরও দ্রুতগতিতে শেষ করতে ‘প্রগতি’ ব্যবস্থায় ভিডিও কনফারেন্সের মাধ্যমে প্রকল্পগুলির কাজকর্মের অগ্রগতিতে নজর রাখা হচ্ছে। তিনি বলেন, ‘প্রগতি’ বৈঠকের মাধ্যমে ১২ লক্ষ কোটি টাকারও বেশি থমকে থাকা বিভিন্ন প্রকল্পের সঙ্গে যুক্ত সমস্যার সমাধান করা হয়েছে।
সাওমবুঙ্গ-এ ভারতীয় খাদ্য নিগমের (এফসিআই) মজুতভাণ্ডার গড়ে তোলার কাজ ২০১৬-র ডিসেম্বরে শুরু হয়। ইতিমধ্যেই এই কাজ শেষ হয়েছে। প্রসঙ্গত তিনি জল সরবরাহ সংক্রান্ত একাধিক প্রকল্পের কাজ শেষ হওয়ার কথাও উল্লেখ করেন।
শ্রী মোদী বলেন, কেন্দ্রীয় সরকার এবং মণিপুর সরকার উভয় পক্ষই ‘সবকা সাথ সবকা বিকাশ’-এর উদ্দেশ্য পূরণের লক্ষ্যে কাজ করছে। তিনি রাজ্য সরকারের ‘গো টু হিল্স, গো টু ভিলেজ’ কর্মসূচির প্রশংসা করেন। ‘পরিবহণের মাধ্যমে পরিবর্তন’ আনার যে কর্মসূচি গ্রহণ করা হয়েছে, তার ভিত্তিতে উত্তর-পূর্বে উন্নত সড়ক, রেল ও বিমান যোগাযোগ ব্যবস্থার কথাও তিনি উল্লেখ করেন।
স্বচ্ছ ভারত ও অনাময় অভিযান সহ উন্নয়নকামী জেলাগুলির মধ্যে রাজ্যের চান্দেল জেলার অন্তর্ভুক্তির প্রসঙ্গ উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বিভিন্ন ক্ষেত্রে মণিপুরের অগ্রগতির কথা তুলে ধরেন।
মহিলা ক্ষমতায়ন ক্ষেত্রে মণিপুর সামনে থেকে নেতৃত্ব দিচ্ছে বলে উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী রাজ্যের উজ্জ্বল ক্রীড়া ব্যক্তিত্ব মেরি কম-এর প্রসঙ্গ উল্লেখ করেন। শ্রী মোদী বলেন, ক্রীড়াক্ষেত্রে ভারতকে বিশ্ব আঙিনায় শক্তিধর দেশে পরিণত করতে উত্তর-পূর্বাঞ্চল গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা নিতে পারে। আন্তর্জাতিক ক্রীড়া প্রতিযোগিতাগুলিতে ভারতের উজ্জ্বল সাফল্য প্রশিক্ষণ প্রদান এবং খেলোয়াড়দের নির্বাচন প্রক্রিয়ায় স্বচ্ছতা বজায় রাখার বিষয়টিকেই প্রতিফলিত করে বলে প্রধানমন্ত্রী মন্তব্য করেন।
जिस मणिपुर को, जिस नॉर्थ ईस्ट को नेताजी ने भारत की आज़ादी का गेटवे बताया था, उसको अब New India की विकास गाथा का द्वार बनाने में हम जुटे हुए हैं।
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जहां से देश को आज़ादी की रोशनी दिखी थी, वहीं से नए भारत की सशक्त तस्वीर आप सभी की आंखों में स्पष्ट दिखाई दे रही है: PM
आप सभी साक्षी रहे हैं कि नॉर्थ-ईस्ट के साथ बीते दशकों में पहले की सरकारों ने क्या किया।
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उनके रवैये ने दिल्ली को आपसे और दूर कर दिया था।
पहली बार अटल जी की सरकार के समय, देश के इस अहम क्षेत्र को विकास के रास्ते पर ले जाने की पहल हुई थी।
हम दिल्ली को आपके दरवाजे तक ले आए हैं: PM
मैं खुद बीते साढ़े चार साल में करीब 30 बार नॉर्थ ईस्ट आ चुका हूं।
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आपसे मिलता हूं, बातें करता हूं तो एक अलग ही सुख मिलता है, अनुभव मिलता है।
मुझे अफसर से रिपोर्ट नहीं मांगनी पड़ती, सीधे आप लोगों से मिलती है।
ये फर्क है पहले और आज में: PM
ऐसे निरंतर प्रयासों की वजह से अलगाव को हमने लगाव में बदल दिया है।
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आज इन्हीं कोशिशों की वजह से पूरा नॉर्थ ईस्ट परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है।
तीस-चालीस साल से अटके हुए प्रोजेक्ट्स पूरे किए जा रहे हैं।
आपके जीवन को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है: PM
देश के जिन 18 हज़ार गांवों को रिकॉर्ड समय में अंधेरे से मुक्ति मिली है, उनमें सबसे आखिरी गांव कांगपोकपी जिले का लेइशांग है।
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जब भी भारत के हर गांव तक बिजली पहुंचाने के अभियान की बात आएगी तो, लेइशांग और मणिपुर का नाम भी आएगा: PM
आज मणिपुर को 125 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का भी उपहार मिला है।
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ये सिर्फ एक चेक पोस्ट नहीं है दर्जनों सुविधाओँ का केंद्र भी है।
भारत म्यांमार सीमा पर स्थित ये चेकपोस्ट यात्री और व्यापार की सुविधा देगा: PM
दोलाईथाबी बराज की फाइल 1987 में चली थी
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निर्माण का काम 1992 में 19 करोड़ की लागत से शुरु हुआ था
2004 में इसको स्पेशल इक्नॉमिक पैकेज का हिस्सा बनाया गया, लेकिन फिर लटक गया
2014 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरु हुआ और ये प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद अब बनकर तैयार है: PM
हम जो संकल्प लेते हैं, उसे सिद्ध करने के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं, परिश्रम करते हैं।
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हमें ऐहसास है कि योजनाओं में देरी से सबसे ज्यादा नुकसान देश के गरीब का, सामान्य मानवी का होता है।
मैं आपको कुछ और उदाहरण देना चाहता हूं: PM
मणिपुर की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण Sawombung के FCI गोडाउन का लोकार्पण आज किया गया। 2016 में इस पर काम शुरु हुआ और हमने इसका काम पूरा करके दिखाया है।
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समय पर पूरा होने से ज्यादा खर्च से बचे और अनाज स्टोर करने के लिए 10 हज़ार MT अतिरिक्त व्यवस्था का निर्माण भी हो गया: PM
उखरुल और उसके आसपास के हज़ारों परिवारों की पानी की ज़रूरतों को देखते हुए Buffer Water Reservoir पर काम 2015 में शुरु हुआ।
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ये तैयार भी हो गया है और आज इसका लोकार्पण किया गया। ये प्रोजेक्ट 2035 तक की ज़रूरतों को पूरा करने वाला है: PM
चुराचांदपुर, जोन-थ्री प्रोजेक्ट पर भी 2014 में काम शुरु हुआ और 4 वर्ष बाद आज लोकार्पण भी हो गया है।
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इससे 2031 तक यहां की आबादी की पानी की ज़रूरतें पूरी होंगी: PM
चुराचांदपुर, जोन-थ्री प्रोजेक्ट पर भी 2014 में काम शुरु हुआ और 4 वर्ष बाद आज लोकार्पण भी हो गया है।
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इससे 2031 तक यहां की आबादी की पानी की ज़रूरतें पूरी होंगी: PM
Go To Hills और Go To Village के तहत यहां की राज्य सरकार दूर दराज़ के इलाकों तक पहुंच रही है।
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जनभागीदारी को सरकारी योजनाओं का हिस्सा बनाने के ये प्रयास सराहनीय हैं।
यही कारण है कि आज मणिपुर बंद और ब्लॉकेड के दौर से बाहर निकलकर आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटा है: PM
कनेक्टिविटी के साथ-साथ यहां की बिजली व्यवस्था को भी सशक्त किया जा रहा है।
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आज ही 400 केवी की सिल्चर इम्फाल लाइऩ को भी राष्ट्र को समर्पित किया है।
7 सौ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी ये लाइन पावर कट की समस्या को दूर करेगी: PM
मणिपुर हर पैमाने पर आज विकास के रास्ते पर चल रहा है।
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स्वच्छ भारत अभियान में भी मणिपुर ने खुद को खुले में शौच से मुक्त कर दिया है।
चंदेल जिला जो देश के 100 से अधिक Aspirational Districts में है, वहां भी तमाम पैरामीटर्स में बहुत अधिक सुधार देखा गया है: PM
आज शिक्षा, स्किल और स्पोर्ट्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है।
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धनमंजूरी विश्वविद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट हों, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज से जुड़े प्रोजेक्ट हों, ये सभी युवा साथियों को सुविधा देने वाले हैं: PM