প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী ‘নমামী গঙ্গে’ যোজনা এবং ‘অম্রুত’ যোজনার অধীনে বিহারে বিভিন্ন প্রকল্পের উদ্বোধন করলেন। আজ চারটি কর্মসূচির উদ্বোধন হল যার মধ্যে আছে পাটনা শহরে বেউর এবং করমলীচক-এ পয়ঃপ্রণালী পরিশোধন প্রকল্প, পাশাপাশি অম্রুত যোজনার অধীনে সিওয়ান এবং ছাপরায় জল সংক্রান্ত প্রকল্প। এছাড়া আজ মুঙ্গের এবং জামালপুরে জল সরবরাহ প্রকল্প এবং মুজাফ্ফরপুরে নমামী গঙ্গের অধীনে নদীমুখ উন্নয়ন কর্মসূচির শিলান্যাস করা হল।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, এমন কি করোনার সময়েও বিহারে বিভিন্ন উন্নয়নমূলক প্রকল্পের অব্যাহত গতিতে অগ্রগতি হয়েছে।
তিনি রাজ্যে সাম্প্রতিক অতীতে বহু কোটি টাকার উদ্বোধন হওয়া প্রকল্পের উল্লেখ করেন যেগুলি পরিকাঠামো উন্নয়নের পাশাপাশি বিহারে কৃষকের উপকারে লাগবে।
ইঞ্জিনিয়ার্স দিবস উপলক্ষে দেশের উন্নয়নে ইঞ্জিনিয়ারদের অবদানের প্রশংসা করেন প্রধানমন্ত্রী। এই দিনটি পালন করা হয় ভারতের পথিকৃত আধুনিক সিভিল ইঞ্জিনিয়ার স্যার এম বিশ্বেশ্বরাইয়ার স্মৃতিতে। শ্রী মোদী বলেন, বিহারও কয়েক লক্ষ ইঞ্জিনিয়ারের জন্ম দিয়ে দেশের উন্নয়নে উল্লেখযোগ্য অবদান রেখেছে।
শ্রী মোদী বলেন, বিহার ঐতিহাসিক শহরের দেশ। এর আছে বহু হাজার বছরের মূল্যবান ঐতিহ্য। স্বাধীনতার পরে বিহারে নেতৃত্ব দিয়েছিলেন দূরদর্শী নেতারা। তাঁরা প্রাণপন চেষ্টা করেছিলেন দাসত্বের যুগে যেসব বিকৃতির জন্ম হয়েছিল তা অপসারণ করতে। তিনি বলেন, তারপরে উন্নয়ন হয়েছিল পক্ষপাতিত্বমূলক। অগ্রাধিকারের ক্ষেত্র সংকুচিত থাকায় শহরের পরিকাঠামো হয়েছিল নিম্নগামী এবং রাজ্যে গ্রামীণ পরিকাঠামো ধসে গিয়েছিল।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, যখন স্বার্থপরতা প্রশাসনের ওপর চড়ে বসে এবং ভোট ব্যাঙ্কের রাজনীতি গুরুত্ব পায় তখন প্রান্তিক এবং বঞ্চিত মানুষরাই সবচেয়ে বেশি ক্ষতিগ্রস্ত হন। তিনি বলেন, বিহারের মানুষ বহু যুগ ধরে এই কষ্ট সহ্য করেছেন। পানীয় জল, পয়ঃপ্রণালীর ন্যূনতম সুবিধাটুকু পাননি।দূষিত জল পান করে মানুষ অসুস্থ হন এবং তাদের আয়ের একটা বিশাল অংশ চিকিতসায় ব্যয় হয়। এইরকম অবস্থায় বিহারের একটি বড় অংশের মানুষ তাদের ভাগ্য হিসেবে মেনে নিয়েছিলেন ঋণ, ব্যাধি, অশিক্ষা, হতাশাকে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, গত কয়েক বছরে চেষ্টা করা হয়েছে এই ব্যবস্থাকে পাল্টাতে এবং সমাজে সবচেয়ে বেশি ক্ষতিগ্রস্ত শ্রেণীর আত্মবিশ্বাস ফেরাতে। যেভাবে কন্যা সন্তানদের শিক্ষায় অগ্রাধিকার দেওয়া হয়েছে, যেভাবে পঞ্চায়েতী রাজ সহ স্থানীয় প্রতিষ্ঠানে অনগ্রসর শ্রেণীর অংশগ্রহণ বাড়ছে এবং আত্মবিশ্বাসও বাড়ছে। ২০১৪ থেকে পরিকাঠামো সংক্রান্ত কর্মসূচিগুলির পূর্ণ নিয়ন্ত্রণ গ্রাম পঞ্চায়েত বা স্থানীয় সংস্থাকে দেওয়া হয়েছে। বর্তমানে, পরিকল্পনা থেকে রূপায়ণ এবং কর্মসূচি রক্ষনাবেক্ষণ, স্থানীয় সংস্থাগুলি স্থানীয় চাহিদা মেটাতে সক্ষম এবং এটাই কারণ যে বিহারের শহরগুলিতে পানীয় জল এবং পয়ঃপ্রণালীর মতো প্রাথমিক প্রয়োজনীয়তার মতো উন্নয়ন হচ্ছে প্রতিনিয়ত।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, গত ৪-৫ বছরে অম্রুত মিশন এবং রাজ্য সরকারী কর্মসূচির অধীনে শহরাঞ্চলে লক্ষ লক্ষ পরিবার পানীয় জলের সুবিধা পেয়েছেন। আগামী বছরগুলিতে দেশের সব রাজ্যগুলির মধ্যে বিহারও হবে অন্যতম রাজ্য যেখানে প্রতিটি বাড়িতে নল বাহিত জল সরবরাহের ব্যবস্থা থাকবে। বিহারের মানুষ এই লক্ষ পূরণে করোনা সংকটের মধ্যেও নিয়মিত কাজ করে গেছেন। তিনি আরও বলেন, প্রধানমন্ত্রী গরিব কল্যাণ রোজগার অভিযান বিহারের গ্রামাঞ্চলে একটি বড় ভূমিকা নিয়েছে গত কয়েক মাসে ৫৭ লক্ষের বেশি পরিবারকে জল সরবরাহে। এটা সম্ভব হয়েছে পরিযায়ী শ্রমিকদের কাজের জন্য যারা অন্য রাজ্য থেকে বিহারে ফিরেছেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, এই জল জীবন মিশন উতসর্গ করা হয়েছে এইসব বিহারের কঠোর পরিশ্রমী সহকর্মীদের উদ্দেশে। গত ১ বছরে ২ কোটির বেশি জল সংযোগ দেওয়া হয়েছে সারা দেশে জল জীবন মিশনের অধীনে। আজ ১ লক্ষের বেশি বাড়ি সংযুক্ত হয়েছে পাইপের দ্বারা দৈনিক জল সরবরাহের জন্য। পরিষ্কার জল শুধুমাত্র গরিব মানুষের জীবনের উন্নতিই করেনা তাদের অনেক ভয়ানক অসুখের হাত থেকেও সুরক্ষা দেয়। তিনি বলেন শহরাঞ্চলেও অম্রুত যোজনার অধীনে বিহারে ১২ লক্ষ পরিবারকে পরিশ্রুত জল সরবরাহের কাজ চলছে। এরমধ্যে ৬ লক্ষ পরিবার ইতিমধ্যে সংযোগ পেয়ে গেছে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, শহরে বসতি সংখ্যা দ্রুত বাড়ছে। নগরায়ন আজকের দিনে একটি বাস্তবতা। কিন্তু বহুযুগ ধরে নগরায়নকে ভাবা হয়ে আসছে একটি প্রতিবন্ধকতা হিসেবে। নগরায়নের বড় সমর্থক বাবা সাহেব আম্বেদকরকে উদ্ধৃত করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, আম্বেদকর নগরায়নকে একটি সমস্যা বলে মনে করতেন না। তিনি এমন শহরের স্বপ্ন দেখেছিলেন যেখানে দরিদ্রতম মানুষও সুবিধা পাবে, ভালোভাবে বেঁচে থাকার সুযোগ পাবে। তিনি আরও বলেন, শহর সেইরকমই হওয়া উচিত যে একজন বিশেষ করে আমাদের যুব সম্প্রদায় এগোনোর জন্য নতুন এবং অসীম সুযোগ পায়। এমনই শহর হওয়া উচিত যেখানে প্রতিটি পরিবার সুখে-শান্তিতে জীবন কাটাতে পারে। শহর হবে এমন যেখানে প্রত্যেকে, গরিব, দলিত, অনগ্রসর, মহিলা একটি সম্মানজনক জীবন কাটাতে পারেন। প্রধানমন্ত্রী বলেন, বর্তমানে আমরা দেশে নতুন নগরায়নের সাক্ষী থাকছি এবং শহরগুলি তাদের উপস্থিতির জানান দিচ্ছে। এই কয়েক বছর আগে পর্যন্ত নগরায়নের অর্থ ছিল নির্বাচিত কিছু শহরের কিছু এলাকার উন্নয়ন। কিন্তু বর্তমানে এই চিন্তা-ভাবনা বদলাচ্ছে। এবং বিহারের মানুষ ভারতের এই নব-নগরায়নে পূর্ণ অবদান রাখছে। তিনি বলেন শুধু বর্তমান নয়, ভবিষ্যতের প্রয়োজনীয়তা অনুযায়ী শহরগুলিকে গড়ে তোলা অত্যন্ত প্রয়োজন। এতে আত্ননির্ভর বিহার, আত্মনির্ভর ভারত অভিযান গতি পাবে। এই ভাবনা নিয়ে আম্রুত মিশনের অধীনে বিহারের অনেক শহরে প্রাথমিক সুবিধাগুলির উন্নয়নের ওপর জোর দেওয়া হচ্ছে।
শ্রী মোদী বলেন, বিহারে ১০০টির বেশি পুর অঞ্চলে সাড়ে ৪ লক্ষের বেশি এলইডি স্ট্রিট লাইট বসানো হয়েছে। এরজন্য রাস্তার আলো এবং ছোট ছোট শহরের রাস্তাগুলি আরও সুন্দর হয়েছে। কয়েকশো কোটি টাকার বিদ্যুত সাশ্রয় হচ্ছে এবং মানুষের জীবন হচ্ছে আরও সহজ। তিনি বলেন, এই রাজ্যের ২০টি বড় এবং গুরুত্বপূর্ণ শহর গঙ্গা নদীর তীরে অবস্থিত। এইসব শহরে বসবাসকারী কোটি কোটি মানুষের ওপর পরিচ্ছন্ন গঙ্গা নদী, পরিচ্ছন্ন গঙ্গা জলের সরাসরি প্রভাব আছে। গঙ্গা নদীর পরিচ্ছন্নতার কথা মাথায় রেখে প্রধানমন্ত্রী বলেন, বিহারে ৬ হাজার কোটি টাকার মূল্যের ৫০টিরও বেশি প্রকল্প অনুমোদিত হয়েছে। তিনি বলেন, গঙ্গা নদীর ধারে সব শহরে অনেকগুলি জল পরিশোধন কেন্দ্র বসানোর চেষ্টা করছে সরকার যাতে শহরের দূষিত জল সরাসরি গঙ্গায় না পড়ে।
তিনি বলেন, আজ পাটনায় বেউর এবং করমলীচকে যে কর্মসূচির উদ্বোধন হল তাতে এই অঞ্চলের লক্ষ লক্ষ মানুষ উপকৃত হবেন। এই সঙ্গেই গঙ্গার তীরে অবস্থিত গ্রামগুলি গঙ্গা গ্রাম হিসেবে উন্নত হবে।
आज का ये कार्यक्रम, एक विशेष दिन पर हो रहा है।
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आज हम Engineers Day मनाते हैं।
ये दिन देश के महान इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया जी की जन्म-जयंती का है, उन्हीं की स्मृति को समर्पित है: PM#TransformingUrbanBihar
हमारे भारतीय इंजीनियरों ने हमारे देश के निर्माण में और दुनिया के निर्माण में भी अभूतपूर्व योगदान किया है।
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चाहे काम को लेकर समर्पण हो, या बारीक नज़र, भारतीय इंजीनियरों की दुनिया में एक अलग ही पहचान है।
हमें गर्व है कि हमारे इंजीनियर देश के विकास को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं: PM
बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है।
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बिहार की धरती तो आविष्कार और इनोवेशन की पर्याय रही है।
बिहार के कितने ही बेटे हर साल देश के सबसे बड़े इंजीन्यरिंग संस्थानों में पहुँचते हैं, अपनी चमक बिखेरते हैं: PM
एक दौर ऐसा आया, जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धतताएं बदल गईं।
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राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया।
इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार के गांव पिछड़ते गए और जो शहर कभी समृद्धि का प्रतीक थे, उनका इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड हो ही नहीं पाया: PM
सड़कें हो,
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गलियां हों,
पीने का पानी हो,
सीवरेज हो,
ऐसी अनेक मूल समस्याओं को या तो टाल दिया गया या फिर जब भी इनसे जुड़े काम हुए वो घोटालों की भेंट चढ़ गए: PM
जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है,
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वोटबैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है,
तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है,
जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है।
बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है: PM
बीते डेढ़ दशक से नीतीश जी, सुशील जी और उनकी टीम समाज के सबसे कमज़ोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है।
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जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है, उससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है: PM
अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है।
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मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बीते 4-5 सालों में बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है: PM
बीते 1 साल में, जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
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आज देश में हर दिन 1 लाख से ज्यादा घरों को पाइप से पानी के नए कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है।
स्वच्छ पानी, न सिर्फ जीवन बेहतर बनाता है बल्कि अनेक गंभीर बीमारियों से भी बचाता है: PM
शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई है।
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लेकिन कई दशकों से हमारी एक मानसिकता बन गई थी, हमने ये मान लिया था जैसे कि शहरीकरण खुद में कोई समस्या है, कोई बाधा है!
लेकिन मेरा मानना है, ऐसा नहीं है। ऐसा बिलकुल भी नहीं है: PM
आज आवश्यक है कि हमारे शहरों में संभावनाएं हों,
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समृद्धि हो,
सम्मान हो,
सुरक्षा हो,
सशक्त समाज हो और
आधुनिक सुविधाएं हों: PM#TransformingUrbanBihar
बिहार के लोगों का तो गंगा जी से बहुत ही गहरा नाता है।
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गंगा जल की स्वच्छता का सीधा प्रभाव करोड़ों लोगों पर पड़ता है।
गंगा जी की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ही बिहार में 6 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की 50 से ज्यादा परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं: PM
सरकार का प्रयास है कि गंगा के किनारे बसे जितने भी शहर हैं, वहां गंदे नालों का पानी सीधे गंगा जी में गिरने से रोका जाए।
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इसके लिए अनेकों वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटस् लगाए जा रहे हैं।
आज जो बेऊर और करम-लीचक की योजना का उद्घाटन हुआ है, उससे इस क्षेत्र के लाखों लोगों को लाभ होगा: PM
गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने का अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इसमें पर्यटन के आधुनिक आयाम भी जुड़ते जा रहे हैं।
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नमामि गंगे मिशन के तहत बिहार सहित पूरे देश में 180 से अधिक घाटों के निर्माण का काम चल रहा है।
इसमें से 130 घाट पूरे भी हो चुके हैं: PM