We launched Digital India with a very simple focus- to ensure more people can benefit from technology, especially in rural areas: PM
We ensured that the advantages of technology are not restricted to a select few but are there for all sections of society. We strengthened network of CSCs: PM
The Digital India initiative is creating a group of village level entrepreneurs, says PM Modi
The movement towards more digital payments is linked to eliminating middlemen: PM Modi
Due to ‘Make in India’, we see a boost to manufacturing and this has given youngsters an opportunity to work in several sectors: PM Modi
Along with digital empowerment, we also want technology to boost creativity: PM

জীবনের সর্বস্তরের জনসাধারণের, বিশেষত গ্রামীণ নাগরিকদের ডিজিটাল ক্ষমতায়নের লক্ষ্যেই ডিজিটাল ভারত অভিযানের সূচনা এবং তা সম্ভব করে তুলতে এক সার্বিক নীতি অনুসরণের মাধ্যমে কাজ করে চলেছে কেন্দ্রীয় সরকার। এজন্য ফাইবার অপটিক ব্যবস্থায় গ্রামগুলির মধ্যে সংযোগ স্থাপন, নাগরিকদের ডিজিটাল পন্থা-পদ্ধতি সম্পর্কে শিক্ষিত করে তোলা, মোবাইলের সাহায্যে পরিষেবা প্রদান এবং বৈদ্যুতিন উৎপাদন ব্যবস্থার মতো কর্মসূচির কাজ হাতে নেওয়া হয়েছে।

ভিডিও সংযোগ ও যোগাযোগ ব্যবস্থায় ডিজিটাল ইন্ডিয়া মিশনের সুফলভোগীদের সঙ্গে আলাপচারিতার এক অনুষ্ঠানে আজ একথা বলেন প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী। ভিডিও সংযোগের মাধ্যমে যুক্ত করা হয়েছিল ৫০ লক্ষেরও বেশি সুফল গ্রহীতাকে। তাঁদের মধ্যে ছিলেন সাধারণ পরিষেবা কেন্দ্র, এনআইসি সেন্টার, জাতীয় জ্ঞান ব্যবস্থা সম্পর্কিত নেটওয়ার্ক, বিপিও, মোবাইল নির্মাণকারী সংস্থা এবং Mygov-এর প্রতিনিধিরা।

প্রযুক্তি প্রসঙ্গে শ্রী মোদী বলেন যে, ডিজিটাল ব্যবস্থায় জীবনযাত্রা এখন সহজতর হয়ে উঠছে। সরকারের উদ্দেশ্যই হ’ল প্রযুক্তির সুযোগ-সুবিধাকে সমাজের সর্বস্তরের মানুষের কাছে পৌঁছে দেওয়া। ভীম অ্যাপ, রেল টিকিটের অনলাইন সংরক্ষণ এবং বৈদ্যুতিন পদ্ধতিতে পেনশন ও বৃত্তির অর্থ সংশ্লিষ্ট ব্যাঙ্ক অ্যাকাউন্টগুলিতে জমা পড়ার ব্যবস্থা চালু হওয়ার ফলে সাধারণ মানুষের ওপর বোঝা এখন অনেকটাই হ্রাস পেয়েছে।

সাধারণ পরিষেবা কেন্দ্রগুলির গুরুত্ব ও প্রয়োজনীয়তার কথা ব্যাখ্যা করতে গিয়ে প্রধানমন্ত্রী বলেন যে, দেশের এই কেন্দ্রগুলির মাধ্যমে গ্রামীণ ভারতে পৌঁছে দেওয়া হচ্ছে ডিজিটাল পরিষেবা। গ্রাম পর্যায়ে শিল্পোদ্যোগীদের উৎসাহদান ছাড়াও ১০ লক্ষেরও বেশি মানুষের কর্মসংস্থানের সুযোগ সৃষ্টি হয়েছে এই কেন্দ্রগুলির মাধ্যমে। গ্রাম ভারতে বর্তমানে সাধারণ পরিষেবা কেন্দ্রগুলির সংখ্যা হ’ল মোট ২ লক্ষ ৯২ হাজার। অন্যদিকে, ২ লক্ষ ১৫ হাজার গ্রাম পঞ্চায়েত এলাকায় সরকারি ও অন্যান্য পরিষেবার যোগান দিয়ে যাচ্ছে এই কেন্দ্রগুলি।

শ্রী মোদী বলেন, ডিজিটাল পদ্ধতিতে লেনদেনের কাজ বৃদ্ধি পাওয়ার ফলে মধ্যসত্ত্বভোগী বা দালালদের উৎখাত করা সম্ভব হয়েছে। গত চার বছরে দেশে ডিজিটাল পদ্ধতিতে লেনদেন বৃদ্ধি পেয়েছে উল্লেখযোগ্যভাবে। এরফলে, ভারতীয় অর্থনীতি এখন অনেকটাই স্বচ্ছ ও প্রযুক্তি-নির্ভর হয়ে উঠেছে।

গ্রামীণ ডিজিটাল সাক্ষরতা অভিযান প্রসঙ্গে শ্রী মোদী বলেন যে, এই কর্মসূচি ইতিমধ্যেই ১ কোটি ২৫ লক্ষ মানুষকে ডিজিটাল দিক দিয়ে দক্ষ ও প্রশিক্ষিত করে তুলেছে। এদের মধ্যে ৭০ শতাংশই তপশিলি জাতি/তপশিলি উপজাতি ও অন্যান্য অনগ্রসর সম্প্রদায়ভুক্ত মানুষ। ২০ ঘন্টার প্রাথমিক কম্প্যুটার প্রশিক্ষণ ব্যবস্থার মাধ্যমে দেশের ৬ কোটি মানুষকে ডিজিটাল পদ্ধতি সম্পর্কে দক্ষ করে তোলাই হ’ল এই কর্মসূচির উদ্দেশ্য।

প্রধানমন্ত্রীর মতে, ডিজিটাল ইন্ডিয়া কর্মসূচি বিপিও ক্ষেত্রেও আমূল পরিবর্তন এনেছে। এতদিন পর্যন্ত বিপিও-র প্রসার সীমাবদ্ধ ছিল শুধুমাত্র বড় বড় শহরগুলিতে। কিন্তু বর্তমানে তা পৌঁছে গেছে ছোট ছোট শহর সহ গ্রামগঞ্জেও। এর ফলে, কর্মসংস্থানের নতুন নতুন সুযোগও গড়ে উঠেছে। ডিজিটাল ইন্ডিয়া কর্মসূচির আওতায় যে ভারত বিপিও প্রসার কর্মসূচি এবং উত্তর-পূর্বাঞ্চলের জন্য এক পৃথক বিপিও প্রসার কর্মসূচি রূপায়ণের কাজ হাতে নেওয়া হয়েছে, তা দেশের গ্রামাঞ্চল সহ উত্তর-পূর্ব ভারতে নতুন নতুন কর্মসংস্থানের সুযোগ সৃষ্টি করবে। দেশের সর্বত্র বিপিও ইউনিট গড়ে ওঠায় তরুণ ও যুবকরা এখন তাঁদের ঘর-বাড়ির নিকটবর্তী অঞ্চলেই কাজ করার সুযোগ লাভ করছেন।

বৈদ্যুতিন উৎপাদন শিল্পের কর্মীদের সঙ্গে আলাপচারিতাকালে শ্রী মোদী বলেন যে, গত চার বছরে বৈদ্যুতিন হার্ডওয়্যার উৎপাদনের ক্ষেত্রে দেশ এখন অনেকটাই এগিয়ে গেছে। বৈদ্যুতিন উৎপাদনের প্রসারে সরকার চালু করেছে বৈদ্যুতিন উৎপাদন গুচ্ছ (ইএমসি) কর্মসূচি। এর আওতায় ২৩ ইএমসি চালু করা হচ্ছে দেশের ১৫টি রাজ্যে। এই কর্মসূচির মাধ্যমে প্রায় ৬ লক্ষ মানুষের কর্মসংস্থানের সুযোগ ঘটবে বলে আশা করা হচ্ছে। ২০১৪ সালে দেশে মোবাইল ফোন উৎপাদনকারী ইউনিটের সংখ্যা ছিল মাত্র ২টি। তুলনায়, ভারতে বর্তমানে রয়েছে মোবাইল উৎপাদনকারী ১২০টির মতো সংস্থা। এই ইউনিটগুলির মাধ্যমে প্রত্যক্ষ ও পরোক্ষ কর্মসংস্থানের সুযোগ ঘটেছে ৪ লক্ষ ৫০ হাজার নাগরিকের।

এক বলিষ্ঠ ডিজিটাল ভারত গড়ে তোলার ক্ষেত্রে জাতীয় জ্ঞান ব্যবস্থা সম্পর্কিত নেটওয়ার্ক (এনকেএন)-এর গুরুত্বের বিষয়টিও এদিন স্থান পায় প্রধানমন্ত্রীর বক্তব্যে। তিনি বলেন, এনকেএন-এর মাধ্যমে পরস্পর সংযুক্তি ঘটেছে দেশের প্রায় ১৭০০টি প্রধান প্রধান শিক্ষা ও গবেষণা প্রতিষ্ঠানগুলির মধ্যে। এরফলে, ৫ কোটি ছাত্রছাত্রী, গবেষক, শিক্ষাবিদ এবং সরকারি আধিকারিকদের নিয়ে গড়ে উঠেছে একটি শক্তিশালী মঞ্চ।

Mygov মঞ্চটি ব্যবহার করার ক্ষেত্রে যাঁরা আগ্রহ দেখিয়েছেন, তাঁদের সঙ্গেও আলোচনা ও মতবিনিময় করেন শ্রী নরেন্দ্র মোদী। বর্তমান সরকার ক্ষমতায় আসার মাত্র দু’মাসের মধ্যেই নাগরিক-কেন্দ্রিক এই মঞ্চটি গড়ে তোলা হয়। এই মঞ্চে বর্তমানে যুক্ত রয়েছেন ৬০ লক্ষেরও বেশি মানুষ। এক নতুন ভারত গঠনের লক্ষ্যে তাঁরা তাঁদের প্রস্তাব, পরামর্শ ও মতামত পেশ করছেন এই মঞ্চের মাধ্যমে। ডিজিটাল ভারত কর্মসূচির মাধ্যমে শিক্ষা, কর্মসংস্থান, শিল্পোদ্যোগ এবং ক্ষমতায়ন সম্ভব হয়ে উঠছে বলে মনে করেন প্রধানমন্ত্রী।

ডিজিটাল ভারত কর্মসূচি কিভাবে তাঁদের জীবনযাত্রায় এক বিশেষ পরিবর্তন এনে দিয়েছে, সে সম্পর্কে কর্মসূচির সুফল গ্রহীতারা অবহিত করেন প্রধানমন্ত্রীকে। তাঁরা জানান যে, সাধারণ পরিষেবা কেন্দ্রগুলির মাধ্যমে কর্মসংস্থানের সুযোগ ও বিভিন্ন পরিষেবার সুবিধা তাঁদের জীবনযাত্রাকে এখন আরও অনেক সহজ করে তুলেছে।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।