PM Modi interacts with beneficiaries of PM SVANidhi Scheme from Uttar Pradesh

Published By : Admin | October 27, 2020 | 10:34 IST
QuoteUttar Pradesh has greatly benefitted from PM SVANidhi scheme: PM
QuoteBanks are reaching the doorsteps of poor to provide loans for helping the latter start their ventures: PM
QuoteFor the first time since independence street vendors are getting unsecured affordable loans: PM Modi

The Prime Minister Shri Narendra Modi interacted with beneficiaries of PM SVANIDHI Yojana from Uttar Pradesh through video conferencing.

The Prime Minister while interacting with the beneficiaries gave suggestions on benefits of digital payment and how to get cashback benefits. He also said with this money one can have proper education and a better career.

Later in his address, the Prime Minister said earlier it was difficult for even the salaried people to approach the banks for loans while the poor and the street vendors could not even think of approaching the bank. But now, he said, the banks are reaching the doorsteps of people to provide loans for helping the latter start their ventures.

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The Prime Minister wished the beneficiaries and lauded the bankers for their efforts. He said their efforts will help the poor celebrate their festivals. He said this day is an important day for AatmaNirbhar Bharat and the day to honour the street vendors. He said the nation recognizes their contribution towards self-reliant India. He said when the Corona pandemic broke out, other nations were concerned how their workers would cope, but in our country our workers have proved that they can surmount any challenge and can fight back and win.

The Prime Minister said the Government launched the Garib Kalyan Yojana with a package of Rs 1 Lakh 70 thousadnd crores to mitigate the sufferings of the poor during the pandemic. He said in the economic stimulus of Rs 20 lakh crores the focus was on the poor. He expressed happiness that the street vendors can resume their work and become self-sufficient again.

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Shri Narendra Modi appreciated the speed with which the scheme is being implemented across the country. The Prime Minister said there is no need for a guarantor for the loans under the Svanidhi Scheme and that the provision of loans is hassle free. One can upload the application online oneself at any common service center or Municipal office or by going to a bank.

The Prime Minister said for the first time since independence street vendors are getting unsecured affordable loans. He said the maximum applications of urban street vendors have come from UP. He said under this scheme, out of the 25 lakh loan applications received in the country, more than 6.5 lakh applications are from UP alone. Out of the 6.5 lakh applications received from UP, 4.25 lakh applications have been approved. He said that stamp duty has been exempted for the loan agreement of Swanidhi Yojana in UP.

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The Prime Minister thanked the Government of UP for providing financial assistance of Rs 1000 to 6 lakh street vendors during the pandemic.

He said that most of the street vendors who were given the loan through the Swanidhi scheme are repaying their loan on time proving that small time borrowers do not compromise on their honesty & sincerity.

The Prime Minister urged the need to spread awareness about the scheme to as many people as possible. He said under this scheme there will also be a 7 percent discount on interest on timely repayment and there will be Rs 100 cashback a month on digital transactions.

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The Prime Minister remarked that people doubted the efficacy of the Jan Dhan accounts but that the same today are helping the poor at the time of crisis.

He listed the initiatives of the Government for the welfare of the poor.

On this occasion the Prime Minister assured the street vendors, workers and farmers that the country will leave no stone unturned to advance their business and improve their life.

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सिक्किम के राज्यपाल श्री ओपप्रकाश माथुर जी, राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे मित्र प्रेम सिंह तमांग जी, संसद में मेरे साथी दोरजी शेरिंग लेपचा जी, डॉ इंद्रा हांग सुब्बा जी, उपस्थित अन्य जनप्रतिनिधिगण, देवियों और सज्जनों,

कंचनजंगाको शितल छायाँमा बसेको हाम्रो प्यारो सिक्किमको आमा-बाबु, दाजु-भाई अनि दीदी-बहिनीहरु। सिक्किम राज्यको स्वर्ण जयंतीको सुखद उपलक्ष्यमा तपाईहरु सबैलाई मंगलमय शुभकामना।

आज का ये दिन विशेष है, ये अवसर सिक्किम की लोकतांत्रिक यात्रा की गोल्डन जुबली का है। मैं स्वयं आप सबके बीच रहकर के इस उत्सव का, इस उमंग का, 50 वर्ष की सफल यात्रा का साक्षी बनना चाहता था, मैं भी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस उत्सव का हिस्सा बनना चाहता था। मैं बहुत सुबह दिल्ली से निकलकर बागडोगरा तो पहुंच गया, लेकिन मौसम ने मुझे आपके दरवाजे तक तो पहुंचा दिया, लेकिन आगे जाने से रोक लिया और इसलिए मुझे आपके प्रत्यक्ष दर्शन का अवसर नहीं मिला है। लेकिन मैं यह दृश्य देख रहा हूं, ऐसा भव्य दृश्य मेरे सामने है, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं, कितना अद्भुत नजारा है। कितना अच्छा होता, मैं भी आपके बीच होता, लेकिन मैं नहीं पहुंच पाया, मैं आप सबकी क्षमा मांगता हूं। लेकिन जैसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने मुझे निमंत्रण दिया है, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जैसे ही राज्य सरकार तय करेगी, मैं सिक्किम जरूर आऊंगा, आप सबके दर्शन करूंगा और इस 50 वर्ष की सफल यात्रा का मैं भी एक दर्शक बनूंगा। आज का ये दिन बीते 50 वर्षों की अचीवमेंट्स को सेलिब्रेट करने का है और आपने काफी अच्छा कार्यक्रम आयोजित किया है। और मैं तो लगातार सुन रहा था, देख रहा था, खुद मुख्यमंत्री जी इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए काफी ऊर्जा के साथ लगे रहे हैं। वो दिल्ली में भी मुझे दो बार आकर के निमंत्रण देकर गए हैं। मैं आप सभी को सिक्किम राज्य के 50 वर्ष होने की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,

50 साल पहले सिक्किम ने अपने लिए एक डेमोक्रेटिक फ्यूचर तय किया था। सिक्किम के लोगों का जनमन geography के साथ ही भारत की आत्मा से जुड़ने का भी था। एक भरोसा था, जब सबकी आवाज़ सुनी जाएगी, सबके हक सुरक्षित होंगे, तो विकास के एक जैसे मौके मिलेंगे। आज मैं कह सकता हूं कि सिक्किम के एक-एक परिवार का भरोसा लगातार मजबूत हुआ है। और देश ने इसके परिणाम सिक्किम की प्रगति के रूप में देखे हैं। सिक्किम आज देश का गर्व है। इन 50 वर्षों में सिक्किम प्रकृति के साथ प्रगति का मॉडल बना। बायोडायवर्सिटी का बहुत बड़ा बागीचा बना। शत-प्रतिशत ऑर्गेनिक स्टेट बना। कल्चर और हैरिटेज की समृद्धि का प्रतीक बनकर सामने आया। आज सिक्किम देश के उन राज्यों में है, जहां प्रतिव्यक्ति आय सबसे अधिक है। ये सारी उपलब्धियां सिक्किम के आप सभी साथियों के सामर्थ्य से हासिल हुई हैं। इन 50 वर्षों में सिक्किम से ऐसे अनेक सितारे निकले हैं, जिन्होंने भारत का आसमान रोशन किया है। यहां के हर समाज ने सिक्किम की संस्कृति और समृद्धि में अपना योगदान दिया है।

साथियों,

2014 में सरकार में आने के बाद मैंने कहा था- सबका साथ-सबका विकास। भारत को विकसित बनाने के लिए देश का संतुलित विकास बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि, एक क्षेत्र तक तो विकास का लाभ पहुंचे और दूसरा पीछे ही छूटता चला जाए। भारत के हर राज्य, हर क्षेत्र की अपनी एक खासियत है। इसी भावना के तहत बीते दशक में हमारी सरकार, नॉर्थ ईस्ट को विकास के केंद्र में लाई है। हम 'Act East' के संकल्प पर 'Act Fast' की सोच के साथ काम कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली में नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टमेंट समिट हुई है। इसमें देश के बड़े-बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट, बड़े इन्वेस्टर शामिल हुए। उन्होंने सिक्किम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट में बहुत बड़ी इन्वेस्टमेंट्स की घोषणा की है। इससे आने वाले समय में सिक्किम के नॉर्थ ईस्ट के नौजवानों के लिए यहीं पर रोजगार के अनेक बड़े अवसर तैयार होने वाले हैं।

साथियों,

आज के इस कार्यक्रम में भी सिक्किम की फ्यूचर जर्नी की एक झलक मिलती है। आज यहां सिक्किम के विकास से जुडे अनेक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इन सारे प्रोजेक्ट्स से यहां हेल्थकेयर, टूरिज्म, कल्चर और स्पोर्ट्स की सुविधाओं का विस्तार होगा। मैं आप सभी को इन सारे प्रोजेक्ट्स के लिए ढेर सारी बधाई देता हूं।

साथियों,

सिक्किम समेत पूरा नॉर्थ ईस्ट, नए भारत की विकास गाथा का एक चमकता अध्याय बन रहा है। जहाँ कभी दिल्ली से दूरियां विकास की राह में दीवार थीं, अब वहीं से अवसरों के नए दरवाज़े खुल रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, यहां की कनेक्टिविटी में जो बदलाव आ रहा है, आप लोगों ने तो अपनी आंखों के सामने ये परिवर्तन होते देखा है। एक समय था जब पढ़ाई के लिए, इलाज के लिए, रोजगार के लिए कहीं पर भी आना-जाना बहुत बड़ी चुनौती था। लेकिन बीते दस वर्षों में स्थिति काफी बदल गई है। इस दौरान सिक्किम में करीब चार सौ किलोमीटर के नए नेशनल हाईवे बने हैं। गांवों में सैकड़ों किलोमीटर नई सड़कें बनी हैं। अटल सेतु बनने से सिक्किम की दार्जिलिंग से कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। सिक्किम को कालिम्पोंग से जोड़ने वाली सड़क पर भी काम तेज़ी से चल रहा है। और अब तो बागडोगरा-गंगटोक एक्सप्रेसवे से भी सिक्किम आना-जाना बहुत आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं, आने वाले समय में हम इसे गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से भी जोड़ेंगे।

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साथियों,

आज नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य की राजधानी को रेलवे से जोड़ने का अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। सेवोक-रांगपो रेल लाइन, सिक्किम को भी देश के रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। हमारा ये भी प्रयास है कि जहां सड़कें नहीं बन सकतीं, वहां रोपवे बनाए जाएं। थोड़ी देर पहले ऐसे ही रोपवे प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया गया है। इससे भी सिक्किम के लोगों की सहूलियत बढ़ेगी।

साथियों,

बीते एक दशक में भारत नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है। और इसमें बेहतर हेल्थकेयर का लक्ष्य हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता रहा है। पिछले 10-11 साल में देश के हर राज्य में बड़े अस्पताल बने हैं। एम्स और मेडिकल कॉलेजों का बहुत विस्तार हुआ है। आज यहां भी 500 बेड का अस्पताल आपको समर्पित किया गया है। ये अस्पताल गरीब से गरीब परिवार को भी अच्छा इलाज सुनिश्चित करेगा।

साथियों,

हमारी सरकार एक तरफ अस्पताल बनाने पर बल दे रही है, वहीं दूसरी तरफ सस्ते और बेहतर इलाज का भी इंतज़ाम कर रही है। आयुष्मान भारत योजना के तहत सिक्किम के 25 हजार से ज्यादा साथियों का मुफ्त इलाज किया गया है। अब पूरे देश में 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। अब सिक्किम के मेरे किसी भी परिवार को अपने बुजुर्गों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। उनका इलाज हमारी सरकार करेगी।

साथियों,

विकसित भारत का निर्माण, चार मजबूत पिलर्स पर होगा। ये पिलर्स हैं- गरीब, किसान, नारी और नौजवान। आज देश, इन पिलर्स को लगातार मजबूत कर रहा है। आज के अवसर पर मैं सिक्किम के किसान बहनों-भाइयों की खुले दिल से प्रशंसा करुंगा। आज देश, खेती की जिस नई धारा की तरफ बढ़ रहा है, उसमें सिक्किम सबसे आगे है। सिक्किम से ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है। हाल में ही यहा की मशहूर डैले खुरसानी मिर्च, ये पहली बार एक्सपोर्ट शुरु हुआ है। मार्च महीने में ही, पहला कन्साइनमेंट विदेश पहुंच गया है। आने वाले समय में ऐसे अनेक उत्पाद यहां से विदेश निर्यात होंगे। राज्य सरकार के हर प्रयास के साथ केंद्र सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।

साथियों,

सिक्किम की ऑर्गेनिक बास्केट को और समृद्ध करने के लिए केंद्र सरकार ने एक और कदम उठाया है। यहां सोरेंग जिले में देश का पहला ऑर्गेनिक फिशरीज़ क्लस्टर बन रहा है। ये सिक्किम को, देश और दुनिया में एक नई पहचान देगा। ऑर्गेनिक फार्मिंग के साथ-साथ सिक्किम को ऑर्गेनिक फिशिंग के लिए भी जाना जाएगा। दुनिया में ऑर्गेनिक फिश और फिश प्रोडक्ट्स की बहुत बड़ी डिमांड है। इससे यहां के नौजवानों के लिए मछली पालन के क्षेत्र में नए मौके मिलेंगे।

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साथियों,

अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई है। इस बैठक के दौरान मैंने कहा है, हर राज्य को अपने यहां एक ऐसा टूरिस्ट डेस्टिनेशन डवलप करना चाहिए, जो इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाए। अब समय आ गया है, सिक्किम सिर्फ हिल स्टेशन नहीं, ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन बने! सिक्किम के सामर्थ्य का कोई मुकाबला ही नहीं है। सिक्किम टूरिज्म का complete package है! यहाँ प्रकृति भी है, आध्यात्म भी है। यहाँ झीलें हैं, झरने हैं, पहाड़ हैं और शांति की छाया में बसे बौद्ध मठ भी हैं। कंचनजंगा नेशनल पार्क, UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट, सिक्किम की इस धरोहर पर सिर्फ भारत नहीं, पूरी दुनिया को गर्व है। आज जब यहां नया स्कायवॉक बन रहा है, स्वर्ण जयंती प्रोजेक्ट का लोकार्पण हो रहा है, अटल जी की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है, ये सभी प्रोजेक्ट, सिक्किम की नई उड़ान के प्रतीक हैं।

साथियों,

सिक्किम में एडवेंचर और स्पोर्ट्स टूरिज्म का भी बहुत पोटेंशियल है। ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग, हाई-एल्टीट्यूड ट्रेनिंग जैसी गतिविधियाँ यहां आसानी से हो सकती हैं। हमारा सपना है सिक्किम को कॉन्फ्रेंस टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म और कॉनसर्ट टूरिज्म का भी हब बनाया जाए। स्वर्ण जयंती कन्वेंशन सेंटर, यही तो भविष्य की तैयारी का हिस्सा है। मैं चाहता हूँ कि दुनिया के बड़े-बड़े कलाकार गंगटोक की वादियों में आकर perform करें, और दुनिया कहे “अगर कहीं प्रकृति और संस्कृति साथ-साथ हैं, तो वो हमारा सिक्किम है!”

साथियों,

G-20 समिट की बैठकों को भी हम नॉर्थ ईस्ट तक इसलिए लेकर आए, ताकि दुनिया यहाँ की क्षमताओं को देख सके, यहां की संभावनाओं को समझ सके। मुझे खुशी है कि सिक्किम की NDA सरकार इस विज़न को तेज़ी से धरातल पर उतार रही है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों में से एक है। आने वाले समय में भारत स्पोर्ट्स सुपरपावर भी बनेगा। और इस सपने को साकार करने में, नॉर्थ ईस्ट और सिक्किम की युवा शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। यही धरती है जिसने हमें बाईचुंग भूटिया जैसे फुटबॉल लीजेंड दिए। यही सिक्किम है, जहाँ से तरुणदीप राय जैसे ओलंपियन निकले। जसलाल प्रधान जैसे खिलाड़ियों ने भारत को गौरव दिलाया। अब हमारा लक्ष्य है, सिक्किम के हर गाँव, हर कस्बे से एक नया चैम्पियन निकले। खेल में सिर्फ भागीदारी नहीं, विजय का संकल्प हो! गंगटोक में जो नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन रहा है, वो आने वाले दशकों में चैम्पियनों की जन्मभूमि बनेगा। ‘खेलो इंडिया’ स्कीम के तहत सिक्किम को विशेष प्राथमिकता दी गई है। टैलेंट को पहचान कर, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और टूर्नामेंट – हर स्तर पर मदद दी जा रही है। मुझे पूरा विश्वास है, सिक्किम के युवाओं की ये ऊर्जा, ये जोश, भारत को ओलंपिक पोडियम तक पहुंचाने का काम करेगा।

साथियों,

सिक्किम के आप सभी लोग पर्यटन की पावर को जानते हैं, समझते हैं। टूरिज्म सिर्फ मनोरंजन नहीं है, ये डायवर्सिटी का सेलिब्रेशन भी है। लेकिन आतंकियों ने जो कुछ पहलगाम किया, वो सिर्फ भारतीयों पर हमला नहीं था, वो मानवता की आत्मा पर हमला था, भाईचारे की भावना पर हमला था। आतंकियों ने हमारे अनेक परिवारों की खुशियां को तो छीन लिया, उन्होंने हम भारतीयों को बांटने की भी साजिश रची। लेकिन आज पूरी दुनिया देख रही है कि, भारत पहले से कहीं ज़्यादा एकजुट है! हमने एकजुट होकर आतंकियों और उनके सरपरस्तों को साफ़ संदेश दिया है। उन्होंने हमारी बेटियों के माथे से सिंदूर पोछकर उनका जीना हराम कर दिया, हमने आतंकियों को ऑपरेशन सिंदूर से करारा जवाब दिया है।

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साथियों,

आतंकी अड्डे तबाह होने से बौखलाकर पाकिस्तान ने हमारे नागरिकों और सैनिकों पर हमले की कोशिश की, लेकिन उसमें भी पाकिस्तान की पोल ही खुल गई। और हमने उनके कई एयरबेस को तबाह करके दिखा दिया, कि भारत कब क्या कर सकता है, कितना तेजी से कर सकता है, कितना सटीक कर सकता है।

साथियो,

राज्य के रूप में सिक्किम के 50 वर्ष का ये पड़ाव हम सभी के लिए प्रेरणा है। विकास की ये यात्रा अब और तेज़ होगी। अब हमारे सामने 2047 हैं, वो साल जब देश की आजादी के 100 साल पूरे होंगे

और यही वो समय होगा, जब सिक्किम को राज्य बने 75 वर्ष कंप्लीट हो जाएंगे। इसलिए हमें आज ये लक्ष्य तय करना है, कि 75 के पड़ाव पर हमारा सिक्किम कैसा होगा? हम सभी किस प्रकार का सिक्किम देखना चाहते हैं, हमें रोडमैप बनाना है, 25 साल के विजन के साथ कदम कदम पर कैसे आगे बढ़ेंगे ये सुनिश्चित करना है। हर कुछ समय पर बीच-बीच में उसकी समीक्षा करते रहना है। और लक्ष्य से हम कितना दूर हैं, कितना तेजी से आगे बढ़ना है। नए हौसले, नई उमंग, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना है, हमें सिक्किम की इकॉनॉमी की रफ्तार बढ़ानी है। हमें कोशिश करनी है कि हमारा सिक्किम एक वेलनेस स्टेट के रूप में उभरे। इसमें भी विशेष रूप से हमारे नौजवानों को ज्यादा अवसर मिले। हमें सिक्किम के यूथ को स्थानीय जरूरतों के साथ ही दुनिया की डिमांड के लिए भी तैयार करना है। दुनिया में जिन सेक्टर्स में यूथ की डिमांड है, उनके लिए यहां स्किल डवलपमेंट के नए मौके हमें बनाने हैं।

साथियों,

आइए, हम सब मिलकर एक संकल्प लें, अगले 25 वर्षों में सिक्किम को विकास, विरासत और वैश्विक पहचान का सर्वोच्च शिखर दिलाएँगे। हमारा सपना है— सिक्किम, केवल भारत का नहीं, पूरे विश्व का ग्रीन मॉडल स्टेट बने। एक ऐसा राज्य जहां के हर नागरिक के पास पक्की छत हो, एक ऐसा राज्य जहां हर घर में सोलर पावर से बिजली आए, एक ऐसा राज्य जो एग्रो- स्टार्ट अप्स, टूरिज्म स्टार्ट अप्स में नया परचम लहराए, जो ऑर्गैनिक फूड के एक्सपोर्ट में दुनिया में अपनी पहचान बनाए। एक ऐसा राज्य जहां का हर नागरिक डिजिटल ट्रांजेक्शन करे, जो वेस्ट टू वेल्थ की नई ऊंचाइयों पर हमारी पहचान को पहुंचाए, अगले 25 साल ऐसे अनेक लक्ष्यों की प्राप्ति के हैं, सिक्किम को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाई देने के हैं। आइए, हम इसी भावना के साथ आगे बढ़ें और विरासत को, इसी तरह आगे बढ़ाते रहें। एक बार फिर, सभी सिक्किम वासियों को इस महत्वपूर्ण 50 वर्ष की यात्रा पर, इस महत्वपूर्ण अवसर पर देशवासियों की तरफ से, मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत बहुत धन्यवाद!