PM Modi inaugurates the new headquarters building of the Archaeological Survey of India in New Delhi
We need to device new ways to promote civil and social involvement in preserving and promoting our historical heritage: PM
Until we feel proud of our heritage we will not be able to preserve it, says PM Modi
PM Modi says that India must take pride in the rich history of our nation
রাজধানীর তিলক মার্গে ভারতীয় পুরাতত্ত্ব সমীক্ষা বিভাগ (এএসআই)-এর নতুন সদর দপ্তর ভবন ‘ধারোহার ভবন’-এর আজ (১২ই জুলাই, ২০১৮) উদ্বোধন করেন প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী।
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তিনি তাঁর ভাষণে বলেন যে গত প্রায় ১৫০ বছর ধরে ভারতীয় পুরাতত্ত্ব সমীক্ষা বিভাগ অত্যন্ত গুরুত্বপূর্ণ একটি কাজের সঙ্গে যুক্ত রয়েছে। দেশের ইতিহাস এবং সমৃদ্ধ পুরাতাত্ত্বিক ঐতিহ্য যে আমাদের গর্ব একথাও স্মরণ করিয়ে দেন প্রধানমন্ত্রী। তিনি বলেন যে স্থানীয় ইতিহাস এবং নিজেদের শহর, মফঃস্বল তথা অঞ্চলগুলির পুরাতাত্ত্বিক তাৎপর্য সম্পর্কে ওয়াকিবহাল থাকার জন্য সকলকেই আগ্রহী হতে হবে। এমনকি, বিদ্যালয় পাঠ্যক্রমেও স্থানীয় পুরাতত্ত্বের তাৎপর্যের বিষয়টি অন্তর্ভুক্ত করা উচিৎ। প্রসঙ্গত, পর্যটনের সঙ্গে যুক্ত প্রশিক্ষিত গাইডদের কথা উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন যে তাঁরা সংশ্লিষ্ট অঞ্চলের ইতিহাস ও ঐতিহ্যের সঙ্গে সুপরিচিত।
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শ্রী মোদী বলেন, প্রত্যেকটি পুরাতাত্ত্বিক আবিষ্কারেরই নিজস্ব একটি কাহিনী রয়েছে। এই সমস্ত আবিষ্কারের সঙ্গে এক সময় যুক্ত ছিলেন বহু পুরাতত্ত্ববিদ, যাঁরা বহু পরিশ্রমে এ সমস্ত কিছু আবিষ্কার করে গেছেন। কয়েক বছর আগে তিনি স্বয়ং ফ্রান্সের তদানীন্তন প্রেসিডেন্টকে সঙ্গে নিয়ে ভারত-ফ্রান্স যৌথ উদ্যোগে আবিষ্কৃত পুরাতত্ত্ব নিদর্শনগুলি পরিদর্শন করে এসেছেন বলে জানান প্রধানমন্ত্রী।
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ভারতের মহান ঐতিহ্যগুলিকে গর্ব ও আত্মবিশ্বাসের সঙ্গে বিশ্ব সমক্ষে তুলে ধরা উচিৎ বলে মনে করেন প্রধানমন্ত্রী।
উল্লেখ্য, ভারতীয় পুরাতত্ত্ব বিভাগের নতুন সদর দপ্তর ভবনটিকে বিদ্যুৎ সাশ্রয়ী আলো এবং বৃষ্টির জলের পুনর্ব্যবহারের ব্যবস্থা সহ নানা অত্যাধুনিক প্রযুক্তিগত সাজসরঞ্জামে সাজিয়ে তোলা হয়েছে। এখানে রয়েছে প্রায় দেড় লক্ষ বই ও সাময়িকপত্রের এক কেন্দ্রীয় পুরাতাত্ত্বিক গ্রন্থাগার।
Text of PM’s address during the launch of various projects at Kanpur Nagar, Uttar Pradesh
May 30, 2025
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In Operation Sindoor, the world has seen the power of India's indigenous weapons and Make in India: PM
The infrastructure, the facilities, the resources that are available in big metro cities are now visible in Kanpur as well: PM
We are making UP a state of industrial possibilities: PM
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, केन्द्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी, यहां उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और श्री बृजेश पाठक जी, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री, सांसद, विधायक और विशाल संख्या में पधारे हुए कानपुर के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
ये एक बच्ची शायद यहां कोई पेंटिंग बनाकर के, जरा एसपीजी के लोग उसे ले लें। उधर भी कोई एक चित्र बनाकर के लाया है, उस कोने में, आप अपना अता-पता उस पर लिख देना, मैं चिट्ठी भेजूंगा। एक उधर कोने में कोई नौजवान है, उसका अता-पता लिख दीजिए, ताकि मैं आपको चिट्ठी लिखूंगा। ये इधर एक बालक, कब से हाथ उठा रहा है, तेरे कंधे पर दर्द होगा आज, थक जाओगे। आज कानपुर का उत्साह बड़ा जोरो पर है भई। उधर कोई जरा फोटोग्राफर उधर देखो, एसपीजी के लोग जरा उस बच्चे को मदद करो।
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
कानपुर में विकास का ये कार्यक्रम 24 अप्रैल को होने वाला था, लेकिन पहलगाम हमले के कारण मुझे अपना कानपुर दौरा रद्द करना पड़ा। पहलगाम के कायराना आतंकी हमले में हमारे कानपुर के बेटे शुभम द्विवेदी ने भी इस बर्बरता का वो शिकार हुए। बेटी ऐशान्या की वो पीड़ा, वो कष्ट और भीतर का आक्रोश हम सब महसूस कर सकते हैं। हमारी बहनों-बेटियों का वही आक्रोश ऑपरेशन सिन्दूर के रूप में पूरी दुनिया ने देखा है। हमने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकाने घर में घुसकर, सैकड़ों मील अंदर जाकर तबाह कर दिए। और हमारी सेना ने ऐसा पराक्रम किया, ऐसा पराक्रम किया कि पाकिस्तानी सेना को गिड़गिड़ाकर युद्ध रोकने की मांग करने पर मजबूर होना पड़ा। स्वतंत्रता संग्राम की इस धरती से सेना के शौर्य को बार-बार सैल्यूट करता हूं। मैं फिर कहना चाहता हूं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो दुश्मन गिड़गिड़ा रहा था, वो किसी धोखे में न रहे, ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत ने आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई में तीन सूत्र स्पष्ट रूप से तय किए हैं। पहला- भारत हर आतंकी हमले का करारा जवाब देगा। उसका समय, जवाब देने का तरीका और जवाब देने की शर्तें हमारी सेनाएं खुद तय करेंगी। दूसरा- भारत अब एटम बम की गीदड़ भभकी से नहीं डरेगा और न ही उसके आधार पर कोई फैसला लेगा। तीसरा- आतंक के आका और आतंकी की सरपरस्त सरकार को भारत एक ही नजर से देखेगा। पाकिस्तान का Straight और Non Straight Actor ये अब खेल चलने वाला नहीं है। अगर मैं सीधे-सीधे कानपुरिया में कहूं तो दुश्मन कहीं भी हो, हांक दिया जाएगा।
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साथियों,
ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने भारत के स्वदेशी हथियारों और मेक इन इंडिया की ताकत भी देखी है। हमारे भारतीय हथियारों ने, ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मन के घर में घुसकर तबाही मचाई है। जहां टारगेट तय किया, वहां धमाके किए। यह ताकत हमें आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से मिली है। एक समय था, जब भारत अपनी सैन्य जरूरतों के लिए, अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था। हमने उन हालातों को बदलने की शुरुआत की। भारत अपनी सुरक्षा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर हो, यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए तो जरूरी है ही, यह देश के आत्म सम्मान के लिए भी उतना ही जरूरी है। इसलिए हमने देश को उस निर्भरता से आजादी दिलाने के लिए आत्मनिर्भर अभियान चलाया है और यह पूरे यूपी के लिए गर्व की बात है, वो डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर में बड़ी भूमिका निभा रहा है। जैसे कानपुर में पुरानी Ordnance Factory है, वैसे ही 7 Ordnance Factories को हमने बड़ी आधुनिक कंपनियों में बदल दिया है। आज यूपी में देश का बड़ा डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। इस कॉरिडोर का कानपुर नोड, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का बड़ा केंद्र है।
साथियों,
एक समय जहां से पारंपरिक उद्योग पलायन कर रहे थे, वहां अब डिफेंस सेक्टर की बड़ी कंपनियां आ रही हैं। यहां पास में ही अमेठी में AK203 राइफल का निर्माण शुरू हो चुका है। ऑपरेशन सिंदूर में जिस ब्रह्मोस मिसाइल ने दुश्मनों को सोने नहीं दिया, उस ब्रह्मोस मिसाइल का भी नया पता है उत्तर प्रदेश। भविष्य में कानपुर और यूपी भारत को डिफेंस का बड़ा एक्स्पोर्टर बनाने में सबसे आगे रहेंगे। यहाँ नई फैक्ट्रियां लगेंगी। यहाँ बड़े पैमाने पर निवेश आएगा। यहां के हजारों युवाओं को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे।
साथियों,
यूपी और कानपुर को विकास की नई ऊंचाई पर लेकर जाना, ये डबल इंजन सरकार की पहली प्राथमिकता है। ये तभी होगा, जब यहाँ पर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जब कानपुर का पुराना गौरव फिर से लौटेगा, लेकिन भाइयों और बहनों, पिछली सरकारों ने आधुनिक उद्योगों की इन जरूरतों को नज़रअंदाज करके रखा था। कानपुर से उद्योगों का पलायन होता गया। परिवारवादी सरकारें आँख बंद करके बैठे रहीं। नतीजा ये हुआ कि केवल कानपुर ही नहीं पूरा यूपी पीछे हो गया।
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भाइयों बहनों,
राज्य की औद्योगिक प्रगति के लिए दो सबसे जरूरी शर्तें हैं, पहली- ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, यानी बिजली सप्लाई और दूसरी- इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी। आज यहाँ 660 मेगावाट के पनकी पावर प्लांट, 660 मेगावाट के नेवेली पावर प्लांट, 1320 मेगावाट के जवाहरपुर पावर प्लांट, 660 मेगावाट के ओबरासी पावर प्लांट, 660 मेगावाट के खुर्जा पावर प्लांट, का लोकार्पण हुआ है। ये यूपी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत बड़ा कदम है। इन पावर प्लांट्स के बाद यूपी में बिजली की उपलब्धता और बढ़ेगी, इससे यहां के उद्योगों को भी गति मिलेगी। आज 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत के कई और विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया गया है। यहां बुजुर्गों को मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड भी दिये गए हैं। अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को भी मदद दी गई है। ये योजनाएँ, ये विकास कार्य, कानपुर और यूपी की प्रगति के लिए हमारे कमिटमेंट को दिखाते हैं।
साथियों,
आज केंद्र और प्रदेश की सरकार आधुनिक और विकसित यूपी के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। इसी का परिणाम है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर, जो सुविधाएं, जो संसाधन बड़ी-बड़ी मेट्रो सिटीज़ में होती है, वो सब अब अपने कानपुर में भी दिखने लगी हैं। कुछ साल पहले हमारी सरकार ने कानपुर को पहली मेट्रो की सौगात दी थी। अब आज कानपुर मेट्रो की ऑरेंज लाइन, कानपुर सेंट्रल तक पहुंच गयी है। पहले elevated और अब अंडरग्राउंड, हर तरह का मेट्रो नेटवर्क कानपुर के महत्वपूर्ण इलाकों को जोड़ रहा है। कानपुर मेट्रो का ये विस्तार, ये कोई साधारण प्रोजेक्ट नहीं है। कानपुर मेट्रो इस बात का सबूत है, अगर सही इरादों, मजबूत इच्छाशक्ति और नेक नियत वाली सरकार हो, तो देश के विकास के लिए, प्रदेश के विकास के लिए कैसे ईमानदारी से प्रयास होते हैं। आप याद करिए कानपुर के बारे में पहले लोग कैसी-कैसी बातें करते थे? चुन्नीगंज, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल, इतनी भीड़-भाड़ वाले इलाके, जगह-जगह सँकरी सड़कों की समस्या, आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर और प्लानिंग की कमी, लोग कहते थे, यहाँ कहाँ मेट्रो जैसे काम हो पाएंगे? यहाँ कहाँ कोई बड़ा बदलाव हो पाएगा? एक तरह से कानपुर और यूपी के दूसरे प्रमुख शहर विकास की दौड़ से बाहर थे। इससे ट्रैफिक की समस्या गहराती रही, शहर की रफ्तार कम होती चली गई, यूपी में सबसे ज्यादा संभावनाओं से भरे शहर विकास की दौड़ में पिछड़ते गए। लेकिन, आज वही कानपुर, वही यूपी, विकास के नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। आप देखिए, मेट्रो सेवाओं से ही कानपुर के लोगों को कितना फायदा होने जा रहा है। कानपुर व्यापार का इतना बड़ा केंद्र है। मेट्रो के कारण अब हमारे व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए नवीन मार्केट और बड़ा चौराहा पहुंचना आसान हो जाएगा। कानपुर आने-जाने वाले लोग, IIT के स्टूडेंट्स, सामान्य मानवी, इन सबके लिए सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक पहुंचने में कितना समय बचेगा। हम जानते हैं, शहर की गति ही शहर की प्रगति बनती है। ये सुविधाएं, ये कनेक्टिविटी, ट्रांसपोर्ट की आधुनिक फैसिलिटी आज यूपी के आधुनिक विकास की नई तस्वीर बन रही है।
साथियों,
आज हमारा यूपी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के मामले में बहुत आगे निकल रहा है। जिस यूपी की पहचान टूटी-फूटी सड़कों और गड्ढों से होती थी, वो अब एक्स्प्रेसवेज के नेटवर्क के लिए जाना जाता है। जिस यूपी में लोग शाम के बाद बाहर जाने से बचते थे, वहाँ अब हाइवेज पर 24 सौ घंटे लोग ट्रैवल करते हैं। यूपी कैसे बदला है, ये कानपुर वालों से बेहतर भला कौन जानता है? कुछ ही दिनों में कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस वे से लखनऊ का सफर सिर्फ 40-45 मिनट का होने वाला है। यह बेटी कब से खड़ी है, चित्र लेकर के थक गई होगी, जरा एसपीजी के लोग इस बेटी से वो चित्र ले लीजिए। Thank you बेटा, बहुत बढ़िया शानदार चित्र बनाकर लाई हो आप, देखिए इस बच्ची के कब से, थक जाएगी बेटा, वो तुम्हारा नाम पता लिख दिया है बेटा? वो मेरे ऑफिस के लोग आएंगे, अभी ले लेंगे, मुझे पहुंच जाएगा बेटा, बहुत-बहुत धन्यवाद आपका।
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साथियों,
लखनऊ से ही पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से सीधे कनेक्टिविटी भी मिलेगी। कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे को गंगा एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाएगा। इससे पूर्व और पश्चिम, दोनों तरफ जाने के लिए दूरी भी और समय भी बचेगा।
साथियों,
कानपुर के लोगों को अब तक फर्रुखाबाद अनवरगंज सेक्शन में, सिंगल-लाइन से दिक्कत होती रही है। एक दो नहीं 18 रेलवे क्रॉसिंग से आपको संघर्ष करना पड़ता था, कभी ये फाटक बंद, कभी वो फाटक बंद, आप लोग कब से इस परेशानी से मुक्ति की मांग कर रहे थे। अब यहां भी एक हजार करोड़ रुपए खर्च करके एलिवेटेड रेल कॉरिडोर बनने जा रहा है। इससे यहां ट्रैफिक सुधरेगा, स्पीड बढ़ेगी और प्रदूषण भी कम होगा और सबसे बड़ी बात, कानपुर के आप लोगों का समय बचेगा।
साथियों,
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन को भी अपग्रेड करके विश्वस्तरीय लुक दिया जा रहा है। थोड़े ही समय में कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन भी एयरपोर्ट की तरह आधुनिक वर्ल्ड क्लास आपको नजर आएगा। हमारी सरकार यूपी के 150 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित कर रही है। यूपी, पहले ही देश में सबसे ज्यादा इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बन चुका है। यानी, हाइवेज, रेलवेज़ और एयरवेज, यूपी अब हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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साथियों,
हम यूपी को औद्योगिक संभावनाओं का राज्य बना रहे हैं। इस साल के बजट में हमने मेक इन इंडिया के लिए मिशन manufacturing की घोषणा की है। इसके तहत लोकल उद्योगों को, उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। कानपुर जैसे शहरों को इसका बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। आप जानते ही हैं, कानपुर के औद्योगिक सामर्थ्य में सबसे बड़ा योगदान यहाँ की MSMEs, लघु उद्योगों का होता था। आज हम यहां के लघु उद्योगों की अपेक्षाओं को पूरा करते हुए काम कर रहे हैं।
साथियों,
कुछ समय पहले तक हमारी MSMEs को इस तरह परिभाषित किया जाता था, कि उन्हें विस्तार करने में भी डर लगता था। हमने उन पुरानी परिभाषाओं को बदला। हमने लघु उद्योगों के टर्नओवर और स्केल की सीमा को बढ़ाया। इस बजट में सरकार ने एक बार फिर MSMEs के दायरे को और बढ़ाते हुए उन्हें और भी छूट दी है। पहले के समय में MSMEs के सामने बड़ी दिक्कत क्रेडिट की भी होती थी। पिछले 10 वर्षों में हमने क्रेडिट की समस्या को खत्म करने के लिए एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए हैं। आज युवा अपना उद्योग शुरू करना चाहते हैं, तो उन्हें मुद्रा योजना के जरिए तुरंत पूंजी मिल जाती है। छोटे और मध्यम उद्योगों को आर्थिक मजबूती देने के लिए हमने क्रेडिट गारंटी स्कीम चलाई है। इस साल के बजट में MSME लोन पर गारंटी को बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया गया है। MSMEs के लिए 5 लाख तक की लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड भी दिए जा रहे हैं। हम यहां पर नए उद्योगों, खासकर, MSMEs के लिए अनुकूल माहौल बना रहे हैं। इसके लिए प्रक्रियाओं को सरल किया जा रहा है। कानपुर के पारंपरिक चमड़ा और होजरी उद्योगों को 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट' जैसी योजनाओं के माध्यम से सशक्त किया जा रहा है। हमारे इन प्रयासों का लाभ कानपुर के साथ-साथ यूपी के सभी जिलों को भी मिलेगा।
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साथियों,
आज उत्तर प्रदेश में निवेश का एक अभूतपूर्व और सुरक्षित माहौल बना है। गरीब कल्याण की योजनाओं को पारदर्शिता से जमीन पर उतारा जा रहा है। मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करने के लिए भी सरकार उनके साथ खड़ी है। इस बजट में हमने 12 लाख रुपए तक की आय को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया है। इससे करोड़ों मध्यम वर्गीय परिवारों में नया विश्वास जगा है, उन्हें नई ताकत मिली है। हम सेवा और विकास के इस संकल्प के साथ इसी तरह तेजी से आगे बढ़ेंगे। हम देश को, यूपी को नई ऊंचाई पर लेकर जाने के लिए मेहनत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। मैं कानपुर के उज्ज्वल भविष्य के लिए सभी मेरे कानपुर के भाई-बहनों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।