প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী শনিবার মুম্বাইয়ে এক অনুষ্ঠানে ভারতীয় চলচ্চিত্রের জাতীয় সংগ্রহালয়ের নতুন ভবনের উদ্বোধন করেন।
অনুষ্ঠানে মহারাষ্ট্রের রাজ্যপাল শ্রী সি বিদ্যাসাগর রাও, রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী শ্রী দেবেন্দ্র ফড়নবিশ, দুই কেন্দ্রীয় প্রতিমন্ত্রী শ্রী রামদাস আথাওয়ালে ও কর্ণেল রাজ্যবর্ধন রাঠোর সহ বহু বিশিষ্ট ব্যক্তি উপস্থিত ছিলেন।
এই উপলক্ষে প্রধানমন্ত্রী তাঁর ভাষণে বলেন, ভারতীয় চলচ্চিত্রের জাতীয় সংগ্রহালয়টি তরুণ প্রজন্মকে ভারতীয় সিনেমা সম্বন্ধে জানতে ও বুঝতে খুব সাহায্য করবে। এই সংগ্রহালয়ে ভারতীয় বিনোদন শিল্পের ইতিহাস সম্বন্ধে বিস্তারিত বিবরণ রয়েছে। চলচ্চিত্র ব্যক্তিত্বদের সুনাম অর্জনের আগে তাঁদের জীবন সংগ্রামের কাহিনীও সংগ্রহালয়ে রয়েছে।
চলচ্চিত্র ও সমাজকে একে অপরের প্রতিফলন বলে উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, সমাজে যা ঘটছে সিনেমার মাধ্যমে তা প্রতিফলিত হয়। একই ভাবে, চলচ্চিত্রের চরিত্রগুলি সমাজের প্রতিবিম্ব। চলচ্চিত্রের বর্তমান ধারা প্রসঙ্গে প্রধানমন্ত্রী বলেন, এমন অনেক চলচ্চিত্র রয়েছে, যেখানে সমস্যার পাশাপাশি, সমাধানের কথাও দর্শকদের সামনে তুলে ধরা হচ্ছে। নিঃসন্দেহে এ এক ইতিবাচক দিক। আগে, চলচ্চিত্রে কেবল আনন্দ ও সুখের কথা তুলে ধরা হ’ত।
শ্রী মোদী বলেন, ভারত আজ যেসব সমস্যার সম্মুখীন, তার সমাধানসূত্র খুঁজে বের করতেও নিজের প্রতি যথেষ্ট আস্থাশীল। বিশ্ব জুড়ে ভারতীয় সিনেমার প্রভাব ও বিস্তার প্রসঙ্গে প্রধানমন্ত্রী বহু শিল্পীর সঙ্গে তাঁর মতবিনিময়ের কথা উল্লেখ করেন, যাঁরা ভারতীয় ভাষাতেও গান গাইতে পারেন। চলচ্চিত্রের সঙ্গে যুক্ত ব্যক্তিদের শুভেচ্ছা জানিয়ে বলেন, তাঁদের ছবিতে যে সমস্ত চরিত্র ফুটে উঠেছে, তা তরুণ প্রজন্মের কল্পনার সঙ্গে মিশে গেছে। সিনেমায় এ ধরণের চরিত্রগুলির বিশ্ব জুড়ে গ্রহণযোগ্যতার দরুণ তরুণ প্রজন্মের ভারতীয়রা কেবল ব্যাটমান – এরই অনুরাগী নয়, বাহুবলীরও অনুগামী।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, সফট্ পাওয়ার হিসাবে ভারতের গ্রহণযোগ্যতা, ব্র্যান্ড ইন্ডিয়া নামের প্রতি সুবিচার ও বিশ্বাসযোগ্যতা বাড়াতে ভারতীয় চলচ্চিত্রের বড় ভূমিকা রয়েছে। এখন সিনেমার মাধ্যমে অনাময়, মহিলা ক্ষমতায়ন, ক্রীড়া প্রভৃতির মতো গুরুত্বপূর্ণ সামাজিক বিষয়গুলির বার্তা সাধারণ মানুষের কাছে পৌঁছে যাচ্ছে। দেশ গঠনের পাশাপাশি, ‘এক ভারত, শ্রেষ্ঠ ভারত’ – এর উপলব্ধিকে আরও মজবুত করতে সিনেমা গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করে। দেশে পর্যটনের বিকাশেও অবদান যোগানোর বিপুল সম্ভাবনা চলচ্চিত্রে রয়েছে বলে তিনি অভিমত প্রকাশ করেন।
দেশের বিভিন্ন অংশে চলচ্চিত্রের দৃশ্যায়নের জন্য একক অনুমোদন জানালা ব্যবস্থা গড়ে তোলা হচ্ছে, যাতে চলচ্চিত্র নির্মাণ ও প্রযোজনা আরও সহজ হয়ে ওঠে। ফিল্ম পাইরেসির সমস্যা দূরীকরণে ১৯৫২-র সিনেমাটোগ্রাফ আইন সংশোধনের কাজ চলছে বলেও শ্রী মোদী জানান।
প্রধানমন্ত্রী আরও বলেন, অ্যানিমেশন, ভিজ্যুয়াল এফেক্টস্, গামিং ও কমিক্স ক্ষেত্রের জন্য জাতীয় স্তরের এক উৎকর্ষ কেন্দ্র গড়ে তোলার লক্ষ্যে কাজ করছে। জনসংযোগ ও বিনোদন ক্ষেত্রের জন্য একটি স্বতন্ত্র বিশ্ববিদ্যালয় স্থাপনের প্রয়োজনীয়তার ওপর গুরুত্ব দিয়ে শ্রী মোদী এই ধরণের প্রতিষ্ঠান স্থাপনে চলচ্চিত্র ব্যক্তিত্বদের গুরুত্বপূর্ণ পরামর্শ ও মতামত আহ্বান করেন। ভারতীয় চলচ্চিত্রের বাজার বাড়াতে দাভোস শীর্ষ সম্মেলনের মতো বিশ্ব চলচ্চিত্র শীর্ষ সম্মেলন আয়োজনের প্রস্তাব দেন শ্রী মোদী।
नेशनल फिल्म म्यूजियम में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी।
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प्रसिद्ध फिल्मी हस्तियों के बारे और उनके संघर्षों के स्वर्णिम किस्से-कहानियों की झलक मिलेगी।
हमारी युवा पीढ़ी को काफी कुछ देखने, सीखने और समझने का अवसर मिलेगा: PM
वास्तव में फिल्म और समाज – दोनों एक दूसरे के रिफ्लेक्शन्स होते हैं।
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समाज में क्या हो रहा है वो फिल्मों में देखने को मिलता है और जो फिल्मों में हो रहा है, वो समाज में भी आपको दिखता है।
कला जगत आने वाले कल को परख लेता है: PM
हमने भारत की गरीबी पर तो बहुत फिल्में देखी है, भारत की बेबसी पर भी फिल्में देखी हैं।
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मेरा मानना है कि ये एक बदलते समाज की निशानी है कि अब प्रॉब्लम्स के साथ-साथ सॉल्यूशंस पर भी फिल्में देखने को मिलती हैं।
साफ है, आज समाज के साथ फिल्मों में भी ये बदलाव दिख रहा है: PM
समस्याएं है तो अब उसका सॉल्यूशन भी है।
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अड़चन है तो उसे दूर करने का जुनून भी है।
भारत बदल रहा है, अपना हल खुद ढूंढ़ रहा है।
हम बदल सकते हैं, ये आत्मबल दिख रहा है: PM
यही वो कॉन्फिडेंस है, जिसकी वजह से अब समाज को झकझोरने वाले विषयों को उठाने में झिझक नहीं होती।
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हम परेशानियों से घबराते नहीं, उन्हें छिपाते नहीं, बल्कि सामने लाकर उसे दूर करने का प्रयत्न करते हैं: PM
बात चाहे फन पैदा करने की हो या फैन बनाने की, हम यहां भी अपना असर डाल सकते हैं।
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मैं फिल्म जगत को इस उपलब्धि के लिए अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आज हमारा युवा बैटमैन का फैन है, तो साथ में बाहुबली का भी फैन है।
हमारे किरदारों की भी अब ग्लोबल अपील है: PM
भारत के सॉफ्ट पावर की शक्ति में हमारी फिल्मों की बड़ी भूमिका है। दुनिया को भी वह अपनी ओर आकर्षित करती रही हैं।
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हमारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर तो धूम मचाती ही हैं, साथ ही पूरे विश्व में भारत की साख बढ़ाने, भारत का ब्रैंड बनाने में भी बड़ा रोल प्ले करती हैं: PM