প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী নতুন দিল্লীতে শনিবার (২৯ সেপ্টেম্বর) পুনর্জাগরনের জন্য শিক্ষাক্ষেত্রে নেতৃত্বদান সংক্রান্ত সম্মেলনে ভাষন দেন।
তিনি বলেন, যখন একজন ব্যক্তি পুনর্জাগরন বা পুনরুজ্জীবনের বিষয়ে চিন্তাভাবনা করেন, তখন প্রথমই স্বামী বিবেকানন্দের ছবি মনে ভেসে ওঠে। স্বামী বিবেকানন্দই ভারতীয় দর্শনের শক্তি বিশ্বের সামনে তুলে ধরেছিলেন বলেও তিনি উল্লেখ করেন।
শিক্ষার গুরুত্বপূর্ণ উপাদান হিসেবে স্বামী বিবেকানন্দ আন্মবিশ্বাস, চরিত্র গঠন এবং মানবিক মূল্যবোধের প্রতি যে গুরুত্ব দিয়েছিলেন, প্রধানমন্ত্রী সে কথা স্মরণ করেন। তিনি আরও বলেন, বর্তমানে শিক্ষার অন্যতম একটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান হল উদ্ভাবন।
প্রাচীন গ্রন্হ বেদের কথা স্মরণ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, “আমাদের সমাজ, আমাদের দেশ এমনকি, আমাদের জীবনের কথা আমরা জ্ঞান ছাড়া কল্পনাও করতে পারি না”তক্ষশীলা, নালন্দা ও বিক্রমশীলার মতো প্রাচীন বিশ্ববিদ্যালয়গুলিও জ্ঞানের পাশাপাশি উদ্ভাবনের ওপর অগ্রাধিকার দিয়েছিল বলে তিনি অভিমত প্রকাশ করেন। শিক্ষা প্রসঙ্গে প্রধানমন্ত্রী বাবাসাহেব ভীমরাও আম্বেদকর, দীনদয়াল উপাধ্যায় এবং ডঃ রাম মনোহর লোহিয়ার কথাও স্মরণ করেন।
শ্রী মোদী বলেন, বর্তমানে কোনও দেশ বা কোনও ব্যক্তি পরস্পরের থেকে বিচ্ছিন্ন হয়ে বাঁচতে পারেন না। ‘বিশ্ব-নাগরিক’ বা ‘ভূবনগ্রাম’ হিসেবে চিন্তা-ভাবনা করার গুরুত্বের ওপর তিনি জোর দেন। “আমরা আজ যে সমস্ত সমস্যার সম্মুখীন, তার সমাধান খুঁজে বের করতে বিশ্ববিদ্যালয় ও কলেজগুলিকে একযোগে কাজ করার ব্যাপারে” তিনি পরামর্শ দেন। উদ্ভাবন ও নতুন আবিস্কারের জন্য শিক্ষা প্রতিষ্ঠানগুলির মধ্যে যোগসূত্র গড়ে তুলতে হবে বলেও তিনি অভিমত প্রকাশ করেন। উদ্ভাবনের ব্যাপারে শিশুদের উৎসাহ দিতে ‘অটল টিঙ্কারিং ল্যাব’ স্হাপনের কথাও তিনি উল্লেখ করেন। শিক্ষা পরিকাঠামো উন্নয়নের জন্য তিনি ‘রাইজ’ (রিভাইটালাইজিং অফ্ ইনফ্রাস্ট্রাকচার অ্যান্ড সিস্টেম ইন এডুকেশন)-এর প্রসঙ্গে অবতারনা করেন। তিনি উচ্চশিক্ষা ক্ষেত্রে গৃহিত পদক্ষেপগুলির কথাও উল্লেখ করেন।
প্রধানমন্ত্রী সমাজের স্বার্থে ভালো মানের শিক্ষক-শিক্ষিকার প্রয়োজনীয়তার ওপর জোর দেন। ডিজিটাল স্বাক্ষরতার প্রসারে বিদ্বান ও ছাত্রছাত্রীদের গুরুত্ব পূর্ণ দায়িত্ব পালনের কথা উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, সহজে জীবনযাপনের মানোন্নয়নে সরকারি কর্মসূচিগুলি সম্পর্কে সচেতনতা প্রসারেও তারা বড় ভূমিকা নিতে পারেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, যুব সম্প্রদায় ‘ব্র্যান্ড ইন্ডিয়া’কে এক নতুন বিশ্ব পরিচিতি দিয়েছে। তরুণ প্রতিভাবানদের স্বার্থে স্টার্ট আপ, স্যান্ড আপ এবং দক্ষ ভারত কর্মসূচির কথাও তিনি উল্লেখ করেন।
ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकते हैं।
— PMO India (@PMOIndia) September 29, 2018
शिक्षा का मकसद व्यक्ति के हर आयाम का संतुलित विकास करना है और संतुलित विकास Innovation के बिना संभव नहीं है।
हमारे प्राचीन तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों में ज्ञान के साथ INNOVATION पर भी ज़ोर दिया जाता था: PM
हमें एक और वास्तविकता को स्वीकार करना होगा कि आज दुनिया में कोई भी देश, समाज या व्यक्ति isolate होकर नहीं रह सकता।
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हमें ‘ग्लोबल सिटीजन और ग्लोबल विलेज’ के दर्शन पर सोचना ही होगा।
और ये दर्शन तो हमारे संस्कारों में प्राचीन काल से ही मौजूद है: PM
उच्च शिक्षा हमें
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उच्च विचार,
उच्च आचार,
उच्च संस्कार और
उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का
उच्च समाधान भी उपलब्ध करती है।
मेरा आग्रह है कि विद्यार्थियों को कालेज, यूनीविर्सिटी के क्लास रुम में तो ज्ञान दें हीं लेकिन उन्हें देश की आकांक्षाओं से भी जोड़ें: PM
इसी मार्ग पर चलते हुए केंद्र सरकार की भी यही कोशिश है कि हम हर स्तर पर देश की आवश्यकताओं में शिक्षण संस्थानों को भागीदार बनाएं।
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इसी विजन के साथ हमने अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत की है। इसमें स्कूली बच्चों में Innovation की प्रवृत्ति बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है: PM
हमारी सरकार शिक्षा जगत में निवेश पर भी ध्यान दे रही है।
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शिक्षा का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने के लिए RISE यानि Revitalisation of Infrastructure and Systems in Education कार्यक्रम शुरु किया गया है।
इसके जरिए वर्ष 2022 तक एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है: PM
सरकार ने HEFA- यानि HIGHER EDUCATION FUNDING AGENCY की स्थापना भी की है जो उच्च शिक्षण संस्थाओं के गठन में आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी।
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सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान का बजट भी बढ़ाने का निर्णय लिया है: PM
हमने IIM जैसे संस्थानों को स्वायत्ता देकर इसकी शुरुआत कर दी है।
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अब IIM को अपने कोर्स करिकुलम, टीचर अपाइंटमेंट, बोर्ड मेंबर अपाइंटमेंट, एक्सपेंशन, खुद तय करने की शक्ति मिल गई है।
सरकार की इनमें अब कोई भूमिका नहीं होगी। भारत में उच्च शिक्षा से जुड़ा ये एक अभूतपूर्व फैसला है: PM
हाल ही में UGC ने ग्रेडेड एटॉनॉमी रेग्यूलेशंस भी जारी किए हैं।
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इसका उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना तो है ही, इससे उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनने में भी मदद मिलेगी।
इस रेग्यूलेशन की वजह से देश में 60 Higher Education Institutes और Universities को ग्रेडेड अटॉनॉमी मिली है: PM
मेरी कोशिश रहती है कि जहां कहीं भी मैं कॉन्वोकेशन में जाऊं, तो वहां पर 40-50 गरीब बच्चों को भी उस कार्यक्रम में बुलाया जाए।
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ये बच्चे आते हैं, देखते हैं कि कैसे बड़े भैया,बड़ी दीदी डिग्रियां लेकर खुश हो रहे हैं, उनका सम्मान किया जा रहा है, तो उन्हें भी प्रेरणा मिलती है: PM