ভারতীয় বণিকসভাগুলির সংগঠন ফিকি’র ৯০তম বার্ষিকসাধারণসভার উদ্বোধনী পর্বে আজ ভাষণ দেন প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী। এক স্মৃতিচারণপ্রসঙ্গে তিনি বলেন, ১৯২৭ সালে ফিকি’র প্রতিষ্ঠাকালে ভারতীয় শিল্প জোটবদ্ধ হয়েছিলব্রিটিশ সরকার গঠিত সাইমন কমিশনের বিরুদ্ধে। ঐ সময়ে ভারতীয় সমাজ ব্যবস্থার বিভিন্নক্ষেত্রকে জাতীয় স্বার্থে ঐক্যবদ্ধ করার কাজে সাফল্য দেখিয়েছিল ভারতীয়শিল্পগোষ্ঠী।
শ্রী মোদী তাঁর ভাষণে বলেন, এই ধরণের এক পরিবেশ ওপরিস্থিতির বর্তমানে উদ্ভব ঘটেছে আমাদের দেশে। কারণ, জাতির প্রতি তাঁদেরদায়দায়িত্ব পালনের কাজে এগিয়ে আসছেন ভারতের বৃহত্তর জনসাধারণ। দুর্নীতি ও কালোটাকার মতো অভ্যন্তরীণ সমস্যাগুলি থেকে মুক্তি পাওয়াই এখন সাধারণ মানুষের ঐকান্তিকইচ্ছা ও বাসনা। এই পরিস্থিতিতে জনসাধারণের আবেগ, অনুভূতি ও চাহিদাগুলির কথা মনেরেখে সেই মতো কাজ করে যাওয়া উচিৎ দেশের সবকটি রাজনৈতিক দল এবং বণিকসভাগুলির।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, স্বাধীনতা উত্তরকালে অনেকক্ষেত্রেই সাফল্য যেমন অর্জিত হয়েছে, নতুন নতুন চ্যালেঞ্জ ও সমস্যারও তেমনই উদ্ভবঘটেছে। বহুদিন ধরে যে ব্যবস্থা এতদিন চলে আসছিল তার বিরুদ্ধে এখন সরব হয়েছেন দেশেরদরিদ্র সাধারণ মানুষ। যেমন – ব্যাঙ্ক অ্যাকাউন্ট, গ্যাস সংযোগ, বৃত্তিলাভ ওপেনশনের মতো সুযোগ-সুবিধার প্রসার দেখতে চাইছেন তাঁরা। তাই, এই বিশেষ লক্ষ্য পূরণেকাজ করে চলেছে বর্তমান কেন্দ্রীয় সরকার, যাতে একটি স্বচ্ছ ও সংবেদনশীল কর্মপদ্ধতিগড়ে ওঠে। এর একটি দৃষ্টান্ত হ’ল জন ধন যোজনা। এছাড়াও, কেন্দ্রীয় সরকারের আরেকটিলক্ষ্য হ’ল জীবনযাপনের মানকে আরও সহজ করে তোলা।
প্রসঙ্গত, উজ্জ্বলা যোজনা, স্বচ্ছ ভারত মিশনেরআওতায় শৌচাগার নির্মাণ এবং প্রধানমন্ত্রী আবাস যোজনার কথাও উল্লেখ করেনপ্রধানমন্ত্রী। তিনি নিজে ছিলেন এক দরিদ্র পরিবারের সন্তান। সুতরাং, দেশের দরিদ্রজনসাধারণ তথা সমগ্র জাতির অভাব ও চাহিদাগুলি তিনি খুব ভালোভাবেই উপলব্ধি করেন বলেজানান প্রধানমন্ত্রী । শিল ্পোদ্যোগীদের স্বার্থে রূপায়িত মুদ্রা যোজনার কথাও প্রসঙ্গত উল্লেখ করেনতিনি।
দেশের ব্যাঙ্ক ব্যবস্থাকে আরও শক্তিশালী করে তুলতেতাঁর সরকার যে বিশেষভাবে সচেষ্ট রয়েছে, এই প্রসঙ্গ উত্থাপন করে শ্রী মোদী বলেন,আর্থিক নিয়ন্ত্রণ এবং আমানত বিমা (এফআরডিআই) বিলটি সম্পর্কে নানা ধরণের গুজব রটানোহচ্ছে। কিন্তু অ্যাকাউন্ট গ্রহীতাদের স্বার্থ রক্ষায় কেন্দ্রীয় সরকার বিশেষভাবেতৎপর, যা কিনা গুজব ও রটনার সম্পূর্ণ বিপরীত।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, ফিকি’র মতো সংগঠনগুলিরদায়িত্ব হ’ল এই ধরণের বিষয়গুলি সম্পর্কে সচেতনতার প্রসার ঘটানো । সেইস ঙ্গে, পণ্য ও পরিষেবা কর অর্থাৎজিএসটি’কে যাতে সফল ও কার্যকর করে তোলা যায়, তা দেখাও ফিকি’র অন্যতম দায়িত্বেরমধ্যেই পড়ে। দেশের সর্বোচ্চ সংখ্যক শিল্পোদ্যোগ ও বাণিজ্যিক প্রচেষ্টাকে জিএসটি’রআওতায় নিয়ে আসার লক্ষ্যে সচেষ্ট রয়েছে কেন্দ্রীয় সরকার। প্রধানমন্ত্রীর মতে,পদ্ধতিগত ব্যবস্থাকে যত ব্যবহারিক করে তোলা হবে, ততই আখেরে লাভবান হবেন দেশেরদরিদ্র সাধারণ মানুষ। এই ব্যবস্থায় একদিকে যেমন ব্যাঙ্ক থেকে ঋণ পাওয়া অনেক সহজহয়ে উঠবে, অন্যদিকে তেমনই সার্বিকভাবে বিভিন্ন ক্ষেত্রে খরচ-খরচাও অনেকটাই কমেযাবে। এই পরিস্থিতিতে বাণিজ্যিক ক্ষেত্রে প্রতিযোগিতামুখিনতারও ব্যাপক প্রসারঘটবে। এই লক্ষ্যে দেশের ক্ষুদ্র ব্যবসায়ী ও শিল্পোদ্যোগীদের মধ্যে ব্যাপক সচেতনতাগড়ে তুলতে ফিকি এগিয়ে আসবে বলেই আশা করেন প্রধানমন্ত্রী। প্রয়োজনে বিভিন্ন উদ্বেগও আশঙ্কার কথাও ফিকি’র তুলে ধরা উচিৎ বলে মনে করেন তিনি। উদাহরণ-স্বরূপ, সাধারণমানুষকে শোষণ করার জন্য আবাসন নির্মাতাদের প্রবণতার কথাও তুলে ধরেন প্রধানমন্ত্রী।
ইউরিয়া, বস্ত্রশিল্প, অসামরিক বিমান পরিবহণ এবংস্বাস্থ্য ক্ষেত্রে নীতিগত সিদ্ধান্তগুলির কথা এদিনের সভায় বর্ণনা করেনপ্রধানমন্ত্রী। এরফলে, অর্জিত সাফল্যগুলিকেও তিনি স্পর্শ করে যান তাঁর ভাষণেরমধ্যে। প্রতিরক্ষা, নির্মাণ এবং খাদ্য প্রক্রিয়াকরণ শিল্পে গৃহীত সংস্কারপ্রচেষ্টার কথাও উল্লেখ করেন শ্রী নরেন্দ্র মোদী। তিনি বলেন, সরকার গৃহীত বিভিন্নপদক্ষেপের পরিপ্রেক্ষিতে বাণিজ্যিক কাজকর্ম সহজতর করে তোলার ক্ষেত্রে বিশ্বব্যাঙ্ক ঘোষিত র্যাঙ্কিং-এ ১৪২ থেকে বর্তমানে ১০০ অবস্থানে উত্থান ঘটেছে ভারতের।দেশের অর্থনীতি যে এখন বেশ বলিষ্ঠ, একথারও উল্লেখ করেন প্রধানমন্ত্রী। তিনি বলেন,কর্মসংস্থানের সুযোগ সৃষ্টির ক্ষেত্রেও এক গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করে চলেছেতাঁর সরকার ।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, খাদ্য প্রক্রিয়াকরণ,স্টার্ট-আপ, গোয়েন্দা তথ্য বিনিময়, সৌরশক্তি এবং স্বাস্থ্য পরিচর্যার মতোক্ষেত্রগুলিতেও এক গুরু দায়িত্ব পালন করতে পারে ফিকি। ক্ষুদ্র, মাঝারি এবংঅতিক্ষুদ্র শিল্প ক্ষেত্রে ফিকি থিঙ্ক ট্যাঙ্কের ভূমিকা পালন করতে পারে বলে মনেকরেন শ্রী নরেন্দ্র মোদী।
हमारे यहां एक ऐसा सिस्टम बना जिसमें गरीब हमेशा इस सिस्टम से लड़ रहा था। छोटी-छोटी चीजों के लिए उसे संघर्ष करना पड़ रहा था। गरीब को बैंक अकाउंट खुलवाना है, उसे गैस कनेक्शन चाहिए, तो सिस्टम आड़े आ जाता था । अपनी ही पेंशन, स्कॉलरशिप पाने के लिए यहां-वहां कमीशन देना होता था: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 13, 2017
सिस्टम के साथ इस लड़ाई को बंद करने का काम ये सरकार कर रही है। हम एक ऐसे सिस्टम का निर्माण कर रहे हैं जो ना सिर्फ Transparent हो बल्कि Sensitive भी हो। एक ऐसा सिस्टम जो लोगों की आवश्यकताओं को समझे: PM @narendramodi
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हम गरीब की एक-एक आवश्यकता, एक-एक समस्या को पकड़ कर उसे सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं। गरीब महिलाओं को लगातार शर्मिंदगी का सामना ना करना पड़े, उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा पर असर ना हो, इसलिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत 5 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनवाए गए: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 13, 2017
विज्ञान भवन की इन चमचमाती लाइटों से बहुत अलग दुनिया आपको देश के गांवों में मिलेगी। मैं गरीबी की उसी दुनिया से निकलकर आपके बीच आया हूं। सीमित संसाधन, सीमित पढ़ाई, लेकिन सपने अथाह-असीमित। उसी दुनिया ने सिखाया है कि गरीबो की आवश्यकताओं को समझते हुए कार्य करो: PM
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आप देखेंगे कि सरकार देश के नौजवानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रही है, योजनाएं बना रही है। इसका बिल्कुल contrast आपको पिछली सरकार में देखने को मिलेगा। उस दौरान कुछ बड़े उद्योगपतियों को लाखों करोड़ के लोन दिए गए, बैंकों पर दबाव डालकर पैसा दिलवाया गया: PM Modi
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मुझे जानकारी नहीं है कि पहले की सरकार की नीतियों ने जिस तरह बैंकिंग सेक्टर की दुर्दशा की, उस पर फिक्की ने कोई सर्वे किया है या नहीं? ये आजकल NPA का जो हल्ला मच रहा है, वो पहले की सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों की, इस सरकार को दी गई सबसे बड़ी Liability है: PM
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जब सरकार में बैठे कुछ लोगों द्वारा बैंकों पर दबाव डालकर कुछ विशेष उद्योगपतियों को लोन दिलवाया जा रहा था, तब फिक्की जैसी संस्थाएं क्या कर रही थीं?पहले की सरकार में बैठे लोग जानते थे,बैंक भी जानते थे, उद्योग जगत भी जानता था,बाजार से जुड़ी संस्थाएं भी जानती थीं कि गलत हो रहा है: PM
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ये NPAs यूपीए सरकार का सबसे बड़ा घोटाला था। कॉमनवेल्थ, 2 जी, कोयला,सभी से कहीं ज्यादा बड़ा घोटाला। ये एक तरह से सरकार में बैठे लोगों द्वारा उद्योगपतियों के माध्यम से जनता की कमाई की लूट थी। जो लोग मौन रहकर सब कुछ देखते रहे, क्या उन्हें जगाने की कोशिश, किसी संस्था द्वारा की गई:PM
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साथियों, बैंकिंग सिस्टम की इस दुर्दशा को ठीक करने के लिए, बैंकिंग सिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। बैंकों का हित सुरक्षित होगा, ग्राहकों का हित सुरक्षित होगा, तभी देश का हित भी सुरक्षित रहेगा: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 13, 2017
FRDI को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सरकार ग्राहकों के हित सुरक्षित करने के लिए, बैंकों में जमा उनकी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रही है, लेकिन खबरें इसके ठीक उलट फैलाई जा रही हैं। भ्रमित करने वाली ऐसी कोशिशों को नाकाम करने में फिक्की जैसी संस्था का योगदान जरूरी है: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 13, 2017
मेरी एक और अपेक्षा आपसे है कि MSME का जो पैसा बड़ी कंपनियों पर Due रहता है, वो समय पर चुकाया जाए, इसके लिए भी कुछ करिए। नियम है लेकिन ये भी सच है कि छोटे उद्यमियों का पैसा ज्यादातर बड़ी कंपनियों के पास अटका रहता है: PM
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साथियों, ऐसी बहुत सी वजहें थीं जिनकी वजह से हमारा देश पिछली शताब्दी में औद्योगिक क्रांति का पूरी तरह लाभ नहीं उठा पाया। आज बहुत सी वजहें हैं, जिसकी वजह से भारत एक नई क्रांति की शुरुआत कर सकता है: PM
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क्यों ऐसा हुआ कि बिल्डरों की मनमानी की खबर पहले की सरकार तक नहीं पहुंची। जिंदगी भर की कमाई बिल्डर को देने के बाद भी घर नहीं मिल रहे थे.
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RERA जैसे कानून पहले भी तो बनाए जा सकते थे, लेकिन नहीं बने। मध्यम वर्ग की इस दिक्कत को सरकार ने ही समझा और बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाई: PM
पिछले 3 वर्षों में 21 सेक्टरों से जुड़े 87 छोटे-बड़े Reform किए गए हैं। Defence सेक्टर, Construction सेक्टर, Financial Services, Food Processing, जैसे कितने ही सेक्टरों में बड़े बदलाव हुए हैं। इसी का नतीजा आपको अर्थव्यवस्था से जुड़े अलग-अलग पैरामीटर्स में नजर आ रहा है: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 13, 2017
सरकार इस लक्ष्य पर काम कर रही है कि 2022 तक देश के गरीब के पास अपना घर हो। इसके लिए लाखों घरों का निर्माण किया जा रहा है। घरों को बनाने के लिए Manpower स्थानीय स्तर पर ही जुटाई जा रहा है। घरों के निर्माण में सामान लग रहा है, वो भी स्थानीय बाजार से ही आ रहा है: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) December 13, 2017