প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী আজ কর্ণাটকের তুমকুরে এক জনসভায় প্রগতিশীল কৃষকদের কৃষি কর্মন পুরস্কার এবং রাজ্যগুলিকে তাদের সাফল্যের জন্য বিশেষ স্বীকৃতি পুরস্কার প্রদান করেন। তিনি ২০১৯ – এর ডিসেম্বর থেকে ২০২০-র মার্চ পর্যন্ত সময়ের জন্য প্রধানমন্ত্রী কিষাণ সম্মান নিধি বা পিএম কিষাণ কর্মসূচির আওতায় তৃতীয় কিস্তিতে সুফলভোগীদের প্রত্যেককে ২ হাজার টাকা করে দেওয়ার প্রক্রিয়ারও সূচনা করেন। এই কর্মসূচির ফলে প্রায় ৬ কোটি কৃষক লাভবান হবেন। কর্ণাটকের নির্দিষ্ট কিছু কৃষকের হাতে তিনি কিষাণ ক্রেডিট কার্ড তুলে দেন। পিএম কিষাণ কর্মসূচির আওতায় ৮টি রাজ্য ও কেন্দ্রশাসিত অঞ্চলের সুফলভোগীদের হাতে তিনি শংসাপত্র তুলে দেন। তামিলনাডুর কয়েকজন মৎস্যজীবীকে তিনি গভীর সমুদ্রে মাছ ধরার জলযানের সরকারি নথিপত্র এবং এ ধরনের জলযানে ব্যবহৃত ট্রান্সপন্ডার বিতরণ করেন।
এই উপলক্ষে প্রধানমন্ত্রী বলেন, নববর্ষ দিয়ে শুরু হওয়া এক নতুন দশকের সূচনাতেই দেশের অন্নদাতা – আমাদের প্রিয় ভাই-বোনেদের সঙ্গ পাওয়া সৌভাগ্যের বিষয়। ১৩০ কোটি ভারতবাসীর পক্ষ থেকে প্রধানমন্ত্রী দেশের কৃষকদের কঠোর পরিশ্রমের জন্য ধন্যবাদ জানান।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, দেশে প্রায় ৬ কোটি কৃষকের ব্যক্তিগত অ্যাকাউন্টে পিএম কিষাণ প্রকল্পের আওতায় সরাসরি অর্থ হস্তান্তরের ঐতিহাসিক ঘটনার সাক্ষী হয়েছে কর্ণাটকও। তিনি আরও জানান, এই কর্মসূচির তৃতীয় কিস্তি বাবদ কৃষকদের জন্য প্রায় ১২ হাজার কোটি টাকার সংস্থান করা হয়েছে।
তিনি আশা প্রকাশ করেন, যে রাজ্যগুলি এখনও ‘পিএম কিষাণ সম্মান নিধি যোজনা’ কার্যকর করেনি তারা অবিলম্বে এটি কার্যকর করবে এবং রাজনৈতিক দলগুলি রাজনীতির ঊর্ধ্বে উঠে নিজেদের রাজ্যের কৃষকদের সাহায্য করবে।
দেশে সেই সময়ের কথা স্মরণ করে প্রধানমন্ত্রী বলেন, যখন গরিবদের জন্য ১ টাকা পাঠানো হ’ত, তখন তাঁরা কেবলমাত্র ১৫ পয়সা পেতেন। কিন্তু এখন সময় বদলেছে। এখন গরিবদের কাছে টাকা মধ্যস্বত্ত্বভোগীদের হস্তক্ষেপ ছাড়াই সরাসরি পৌঁছে যাচ্ছে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, বহু দশক ধরে থমকে থাকা কৃষি সেচ প্রকল্পগুলি এখন রূপায়িত হচ্ছে। কৃষকদের স্বার্থে সরকার সবসময়েই অগ্রাধিকার দিয়েছে বলে জানিয়ে প্রধানমন্ত্রী বলেন, এদের কল্যাণে শস্য বিমা, সয়েল হেলথ কার্ড এবং ১০০ শতাংশ নিম প্রলেপযুক্ত ইউরিয়া সরবরাহ করা হচ্ছে।
সরকারের আন্তরিক প্রয়াসের ফলেই মশলাপাতির উৎপাদন ও রপ্তানি উভয়ই লক্ষ্যণীয় হারে বেড়েছে। এ প্রসঙ্গে তিনি বলেন, “ভারতে মশলা উৎপাদনের পরিমাণ বেড়ে হয়েছে ২৫ লক্ষ টন। একইভাবে রপ্তানির পরিমাণ প্রায় ১৫ হাজার কোটি টাকা থেকে বেড়ে দাঁড়িয়েছে ১৯ হাজার কোটি টাকা”।
তিনি জানান, উদ্যানজাত শস্যের পাশাপাশি, বিভিন্ন ধরণের ডালশস্য, তৈলবীজ ও মোটা দানাশস্য উৎপাদনেও দক্ষিণ ভারতের গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা রয়েছে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, দেশে ডালশস্যের উৎপাদন বাড়াতে একাধিক সীড হাব গড়ে তোলা হয়েছে। এমনকি, এ ধরণের ৩০টি কেন্দ্র রয়েছে কর্ণাটক, অন্ধ্র, কেরল, তামিলনাডু এবং তেলেঙ্গানায়।
মৎস্য চাষ ক্ষেত্রে সরকারের প্রয়াসের কথা উল্লেখ করে প্রধানমন্ত্রী জানান, এই ক্ষেত্রের সার্বিক অগ্রগতি ও উন্নয়নে তিনটি স্তরে কাজ চলছে।
প্রথমত, মৎস্যজীবীদের আর্থিক সহায়তার মাধ্যমে গ্রামে গ্রামে মৎস্য চাষে উৎসাহ দেওয়া হচ্ছে।
দ্বিতীয়ত, নীল বিপ্লব কর্মসূচির আওতায় মাছ ধরার নৌকাগুলির আধুনিকীকরণ করা হচ্ছে।
তৃতীয়ত, মাছ ব্যবসা-বাণিজ্যের সঙ্গে যুক্ত আধুনিক পরিকাঠামো গড়ে তোলা হচ্ছে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, মৎস্যজীবীদেরকেও কিষাণ ক্রেডিট কার্ডের সুবিধা পৌঁছে দেওয়া হচ্ছে। মৎস্যজীবীদের সুবিধার্থে বৃহদায়তন নদী ও সমুদ্রে নতুন বন্দর গড়ে তোলা হছে। আধুনিক পরিকাঠামো গড়ে তোলার জন্য সাড়ে সাত হাজার কোটি টাকার বিশেষ তহবিল গড়ে তোলা হয়েছে। গভীর সমুদ্রে মাছ ধরার জন্য মৎস্যজীবীদের নৌকাগুলির আধুনিকীকরণ করা হচ্ছে এবং মাঝ সমুদ্রে মৎস্যজীবীদের সুরক্ষায় নৌকাগুলিতে দিক-নির্দেশক উপকরণ বসানো হচ্ছে। এই কাজে ভারতীয় মহাকাশ গবেষণা সংস্থা ইসরো সাহায্য করছে।
দেশের পুষ্টি নিরাপত্তার বিষয়টি বিবেচনায় রেখে প্রধানমন্ত্রী পুষ্টিসমৃদ্ধ দানাশস্য, উদ্যানপালন এবং জৈব চাষাবাদের ক্ষেত্রে কৃষি করমন পুরস্কার চালুর অনুরোধ করেন। এ ধরণের পুরস্কার চালু হলে সংশ্লিষ্ট রাজ্য ও সেই রাজ্যের কৃষকরা আরও ভালো কাজে উৎসাহিত হবেন।
नए वर्ष, नए दशक की शुरुआत में, देश के अन्नदाता-हमारे किसान भाई-बहनों के दर्शन होना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है।
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मैं 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से, देश के हर किसान को नए वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं, देश के लिए अन्न उपजाने वाले किसानों का आभार व्यक्त करता हूं:PM @narendramodi
कृषि कर्मण अवार्ड के साथ ही, आज कर्नाटका की ये धरती, एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की गवाह बनी है।
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आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 8 करोड़वें किसान साथी के खाते में पैसा जमा किया गया है: PM @narendramodi
इतना ही नहीं, आज अभी, इस कार्यक्रम में ही एक साथ देश के 6 करोड़ किसान परिवारों के खाते में 12 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं: PM @narendramodi
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देश में एक वो दौर भी था जब देश में गरीब के लिए एक रुपए भेजा जाता था तो सिर्फ 15 पैसे पहुंचते थे।
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बाकी के 85 पैसे बिचौलिए मार जाते थे।
आज जितने भेजे जा रहे हैं, उतने, पूरे के पूरे सीधे गरीब के खाते में पहुंच रहे हैं: PM @narendramodi
दशकों से लटकी सैकड़ों सिंचाई परियोजनाएं हों, फसल बीमा से जुड़े नियमों में बदलाव हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो या फिर यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग, हमने हमेशा किसानों के हितों को प्राथमिकता दी: PM @narendramodi
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हमारी सरकार के प्रयासों के कारण भारत द्वारा मसालों के उत्पादन और निर्यात, दोनों में काफी बढ़ोतरी हुई है।
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भारत में मसाला उत्पादन 25 लाख टन से अधिक बढ़ा है तो एक्सपोर्ट भी करीब 15 हज़ार करोड़ से बढ़कर लगभग 19 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है: PM @narendramodi
Horticulture के अलावा दाल, तेल और मोटे अनाज के उत्पादन में भी दक्षिण भारत का हिस्सा अधिक है। भारत में दाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बीज हब बनाए गए हैं, जिनमें से 30 से अधिक सेंटर कर्नाटका, आंध्रा, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में ही हैं: PM @narendramodi
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फिशरीज सेक्टर को मजबूत करने के लिए सरकार तीन स्तरों पर काम कर रही है।
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पहला- गांवों में मछलीपालन को बढ़ावा, मछुवारे भाई-बहनों को आर्थिक मदद: PM @narendramodi
दूसरा- ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के तहत नावों का आधुनिकीकरण।
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और तीसरा- मछली के व्यापार और कारोबार से जुड़े आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण: PM @narendramodi
मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा जा चुका है। मछली पालकों की सहूलियत के लिए बड़ी नदियों और समंदर में नए फिशिंग हार्बर बनाए जा रहे हैं।
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आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए साढ़े 7 हज़ार करोड़ रुपए का विशेष फंड भी बनाया गया है: PM @narendramodi
डीप सी फिशिंग के लिए मछुआरों की नावों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और ISRO की मदद से मछुआरों की सुरक्षा के लिए नेविगेशन डिवाइस नावों में लगाए जा रहे हैं।
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आज यहां तमिलनाडु और कर्नाटका के अनेक किसानों को इसका लाभ लेते हुए आपने भी देखा है: PM @narendramodi
मेरा आग्रह है कि कृषि कर्मण अवार्ड में देश की पोषण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पौष्टिक अनाज- Nutri Cereals, Horticulture और Organic Agriculture को लेकर भी नई कैटेगरी बनाई जाए।
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इससे, इन क्षेत्रों में बेहतर काम कर रहे लोगों और राज्यों को प्रोत्साहन मिलेगा: PM @narendramodi
वर्ष 2022 में जब हमारा देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तब हमारे संकल्पों की सिद्धि ही हमारे राष्ट्र निर्माताओं को हमारी श्रद्धांजलि होगी।
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आज हमें यहां से किसानों की आय दोगुनी करने के लिए नई ऊर्जा लेकर, नई प्रतिबद्धता लेकर जाना है: PM @narendramodi