নেতাজী সুভাষ চন্দ্র বসুর গঠিত আজাদ হিন্দ সরকার গঠনের ৭৫তম বর্ষপূর্তিতে দিল্লীর লালকেল্লায় জাতীয় পতাকা উত্তোলন করেন প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী।
আজাদ হিন্দ সরকারের হীরক জয়ন্তীর অত্যন্ত গর্বের এই অনুষ্ঠানে দেশবাসীকে অভিনন্দন জানান প্রধানমন্ত্রী। অনুষ্ঠানে তিনি বলেন, আজাদ হিন্দ ফৌজ সরকার গঠনের ক্ষেত্রে নেতাজী সুভাষ চন্দ্র বসুর এক শক্তিশালী অবিভক্ত ভারতের দৃষ্টিভঙ্গি প্রতিফলিত হয়েছিল। আজাদ হিন্দ সরকার দেশ গঠনের প্রক্রিয়ায় অত্যন্ত তৎপর ছিল এবং নিজস্ব ব্যাঙ্ক, মুদ্রা ও স্ট্যাম্প প্রকাশের ব্যাপারেও উদ্যোগ নিয়েছিল বলেও প্রধানমন্ত্রী উল্লেখ করেন।
নেতাজীর অবদানের উল্লেখ করে মোদী বলেন, সুভাষ চন্দ্র বসু দূরদর্শী ছিলেন, অত্যন্ত শক্তিশালী ঔপনিবেশিক ব্রিটিশ শক্তির বিরুদ্ধে লড়াই করার জন্য ভারতীয়দের তিনি ঐক্যবদ্ধ করেছিলেন। অত্যন্ত অল্প বয়স থেকেই নেতাজী স্বাধীনতা সংগ্রামে উদ্বুদ্ধ হয়েছিলেন। তাঁর মা’কে লেখা চিঠিতেই এর উল্লেখ রয়েছে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, নেতাজী যে শুধুমাত্র ভারতীয়দের কাছেই এক অনুপ্রেরণার উৎস ছিলেন তাই নয়, বরং বিশ্বের বিভিন্ন দেশের স্বাধীনতাকামীদের জন্যও তিনি ছিলেন অন্যতম অনুপ্রেরণা। দক্ষিণ আফ্রিকার নেতা নেলসন ম্যান্ডেলাও নেতাজীর দ্বারাই অনুপ্রাণিত হয়েছিলেন বলে প্রধানমন্ত্রী উল্লেখ করেন।
প্রধানমন্ত্রী দেশবাসীকে সুভাষ চন্দ্র বসুর দেখানো পথে দেশকে এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার কথা মনে করিয়ে দেন, নেতাজীর কাজে উদ্বুদ্ধ হয়ে দেশকে আরও উন্নয়নের দিকে এগিয়ে নিয়ে যাওয়ার জন্য দেশবাসীকে আহ্বান জানান তিনি। প্রধানমন্ত্রী আরও বলেন, বহু ত্যাগ স্বীকারের পর ভারত স্বাধীনতা অর্জন করেছে এবং সেই স্বাধীনতা রক্ষার দায়িত্ব দেশবাসীরই।
জনসভায় প্রধানমন্ত্রী বলেন, রানি ঝাঁসি রেজিমেন্ট গঠনের মাধ্যমে মহিলা এবং সশস্ত্র বাহিনীর সমান সুযোগ-সুবিধার ভিত্তিপ্রস্তর নেতাজী সুভাষ চন্দ্র বসুই স্থাপন করেছিলেন। সরকার প্রকৃত অর্থেই এই ঐতিহ্য বহন করে চলেছে এবং সশস্ত্র বাহিনীতে স্থায়ী কমিশনের ক্ষেত্রে মহিলাদের সমান সুযোগ-সুবিধা দেওয়ার কথা প্রধানমন্ত্রী পুনরুল্লেখ করেন।
आज़ाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेते हुए नेताजी ने ऐलान किया था, कि इसी लाल किले पर एक दिन पूरी शान से तिरंगा लहराया जाएगा: PM @narendramodi
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आज मैं नमन करता हूं उन माता-पिता को जिन्होंने नेताजी जैसा सपूत देश को दिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले वीर-वीरांगनाओं को जन्म दिया।
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मैं नतमस्तक हूं, उन सैनिकों और उनके परिवारों के आगे जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में सर्वस्व न्योछावर कर दिया: PM @narendramodi
आजाद हिन्द सरकार सिर्फ नाम नहीं था, बल्कि नेताजी के नेतृत्व में इस सरकार द्वारा हर क्षेत्र से जुड़ी योजनाएं बनाई गई थीं। इस सरकार का अपना बैंक था, अपनी मुद्रा थी, अपना डाक टिकट था, अपना गुप्तचर तंत्र था: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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नेताजी का एक ही उद्देश्य था, एक ही मिशन था भारत की आजादी। यही उनकी विचारधारा थी और यही उनका कर्मक्षेत्र था: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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आज हम आज़ाद हिंद सरकार के 75 वर्ष का समारोह मना रहे हैं, तो चार वर्ष बाद, 2022 में आज़ाद भारत के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं: PM @narendramodi
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भारत अनेक कदम आगे बढ़ा है, लेकिन अभी नई ऊंचाइयों पर पहुंचना बाकी है। इसी लक्ष्य को पाने के लिए आज भारत के 130 करोड़ लोग नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
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एक ऐसा नया भारत, जिसकी कल्पना सुभाष बाबू ने भी की थी: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
कैम्ब्रिज के अपने दिनों को याद करते हुए सुभाष बाबू ने लिखा था कि- "हम भारतीयों को ये सिखाया जाता है कि यूरोप, ग्रेट ब्रिटेन का ही बड़ा स्वरूप है। इसलिए हमारी आदत यूरोप को इंग्लैंड के चश्मे से देखने की हो गई है": PM @narendramodi
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आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता,तो स्थितियां बहुत भिन्न होतीं: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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ये भी दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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देश का संतुलित विकास, समाज के प्रत्येक स्तर पर, प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण का अवसर, राष्ट्र की प्रगति में उसकी भूमिका, नेताजी के वृहद विजन का हिस्सा थी: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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आज़ादी के लिए जो समर्पित हुए वो उनका सौभाग्य था, हम जैसे लोग जिन्हें ये अवसर नहीं मिला, हमारे पास देश के लिए जीने का, विकास के लिए समर्पित होने का मौका है: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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लाखों बलिदान देकर हम स्वराज तक पहुंचे हैं, अब हम सभी पर, 130 करोड़ भारतीयों पर इस स्वराज को सुराज के साथ बनाए रखने की चुनौती है।। लाखों बलिदान देकर हम स्वराज तक पहुंचे हैं, अब हम सभी पर, 130 करोड़ भारतीयों पर इस स्वराज को सुराज के साथ बनाए रखने की चुनौती है: PM @narendramodi
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आज मैं कह सकता हूं कि भारत अब एक ऐसी सेना के निर्माण की तरफ बढ़ रहा है, जिसका सपना नेताजी ने देखा था। जोश, जुनून औरजज्बा तो हमारी सैन्य परंपरा का हिस्सा रहा ही है, अब तकनीक और आधुनिक हथियारों की शक्ति भी जुड़ रही है: PM @narendramodi
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हमारी सैन्य ताकत हमेशा से आत्मरक्षा के लिए रही है और आगे भी रहेगी। हमें कभी किसी दूसरे की भूमि का लालच नहीं रहा, लेकिन भारत की संप्रभुता के लिए जो भी चुनौती बनेगा, उसको दोगुनी ताकत से जवाब मिलेगा: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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सेना की क्षमता हो या फिर बहादुर जवानों के जीवन को सुगम और सरल बनाने का काम हो, बड़े और कड़े फैसले लेने का साहस इस सरकार में है और ये आगे भी बरकरार रहेगा: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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कल यानि 22 अक्टूबर को रानी झांसी रेजीमेंट के भी 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। सशस्त्र सेना में महिलाओं की भी बराबरी की भागीदारी हो, इसकी नींव भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही रखी थी: PM @narendramodi https://t.co/1LD1kehYqq
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