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কৃষকদের আয়ও উপার্জন বৃদ্ধির লক্ষ্যে কেন্দ্রীয় সরকার বেশ কয়েকটি সুচিন্তিত পদক্ষেপ গ্রহণকরেছে। সহায়ক কৃষি উপকরণের মূল্য হ্রাস, উৎপাদিত পণ্যের উচিৎ মূল্য, বর্জ্যেরপরিমাণ হ্রাস এবং আয় ও উপার্জনের বিকল্প উপায় অনুসন্ধানের মধ্য দিয়ে দেশের কৃষকসাধারণের কল্যাণ নিশ্চিত করার চেষ্টা করা হচ্ছে।
দিল্লিরপুসাএনএএসসি কমপ্লেক্সে ‘কৃষি-২০২২ : কৃষকদের আয় ও উপার্জন দ্বিগুণ করে তোলা’র লক্ষ্যে আয়োজিত এক জাতীয়সম্মেলনে ভাষণদানকালে একথা ঘোষণা করেন প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী। ডালশস্যউৎপাদনে অসাধারণ সাফল্যের জন্য কৃষিজীবী মানুষদের বিশেষ প্রশংসাও করেন তিনি।
শ্রী মোদীবলেন, ইউরিয়াকে ১০০ শতাংশ নিম কোটিংযুক্ত করে তোলার ফলে এই সারের কার্যকারিতাবহুগুণে বৃদ্ধি পেয়েছে। শুধু তাই নয়, এর ফলে প্রসার ঘটেছে উৎপাদনশীলতারও। অন্যদিকেএক সমীক্ষায় প্রকাশ যে মাটির স্বাস্থ্য পরীক্ষা সম্পর্কিত কার্ড অর্থাৎ, ‘সয়েলহেল্থ কার্ড’ ব্যবহার করে রাসায়নিক সারের ব্যবহার উল্লেখযোগ্যভাবে কমিয়ে আনাসম্ভব হয়েছে। অথচ, শস্যের উৎপাদন বৃদ্ধি পেয়েছে যথেষ্ট মাত্রায়।
দেশের ৯৯টিঅসম্পূর্ণ সেচ প্রকল্পের কাজ সম্পূর্ণ করতে কেন্দ্রীয় সরকার যে বিশেষভাবে সচেষ্টরয়েছে, একথারও এদিন উল্লেখ করেন প্রধানমন্ত্রী। তিনি বলেন, এই প্রকল্পগুলির ৫০শতাংশের কাজই এই বছরের মধ্যেই সম্পূর্ণ করা যাবে বলে আশা করা হচ্ছে। এক একটি সেচপ্রকল্পের কাজ সম্পূর্ণ হওয়ার অর্থই হল কৃষি উপকরণ খাতে কৃষকদের ব্যয়ের মাত্রাকেকমিয়ে আনা। ‘প্রধানমন্ত্রী কৃষি সিচাঁই যোজনা’র আওতায় এ পর্যন্ত দেশের ২০ লক্ষকৃষি জমিকে নিয়ে আসা হয়েছে বলে প্রসঙ্গত উল্লেখ করেন তিনি।
এ বছরবাজেটে ঘোষিত ‘অপারেশন গ্রিন্স’ টোমাটো, পেঁয়াজ এবং আলু চাষের ক্ষেত্রে কৃষকদেরবিশেষভাবে সাহায্য করবে বলে মনে করেন প্রধানমন্ত্রী। তিনি বলেন, উপযুক্ত পরিকাঠামোসহ ২২ হাজার গ্রামীণ হাটকে আরও উন্নত করে সেগুলিকে বৈদ্যুতিন বিপণন কর্মসূচিরমঞ্চে যুক্ত করা হবে।
শ্রী মোদীবলেন, কৃষি ঋণ খাতে মঞ্জুরির পরিমাণও বৃদ্ধি করা হয়েছে। এর ফলে কৃষকদের হাতে ঋণপৌঁছে দেওয়ার বিষয়টি এখন থেকে সহজতর হয়ে উঠবে। কৃষি বর্জ্যকে সম্পদে রূপান্তরিতকরতে তাঁর সরকার যে বেশ কয়েকটি পদক্ষেপ গ্রহণ করেছে একথাও এদিন প্রসঙ্গত উল্লেখকরেন তিনি।
এদিনেরসম্মেলনে নীতি ও প্রশাসনিক সংস্কার, কৃষি বাণিজ্য নীতি, রপ্তানির প্রসার, বিপণনকাঠামো ও দক্ষতা, যোগান ও মূল্যমান শৃঙ্খলের ব্যবস্থাপনা, কৃষিক্ষেত্রে বিজ্ঞান,প্রযুক্তি ও স্টার্ট আপ কর্মসূচির প্রয়োগ, মূলধনী বিনিয়োগ ও কৃষকদের জন্যপ্রাতিষ্ঠানিক ঋণ, গবাদি পশু, দুগ্ধোৎপাদন, হাঁস-মুরগি পালন ও মৎস্যচাষকে উন্নয়নেরএকটি চালিকাশক্তি রূপে তুলে ধরা সহ বিভিন্ন বিষয়ের ওপর আজ সম্মেলনে কয়েকটিউপস্থাপনাও পেশ করা হয়। দেশের কৃষক সাধারণের প্রশংসা ছাড়াও এই উপস্থাপনাগুলিরবিশেষতারিফ করেন প্রধানমন্ত্রী।
पिछले वर्ष तो हमारे किसानों के परिश्रम से खाद्यान्न और फल-सब्जियों का उतना उत्पादन हुआ है, जितना पहले कभी नहीं हुआ।
— PMO India (@PMOIndia) February 20, 2018
ये हमारे देश के किसानों का सामर्थ्य है कि सिर्फ एक साल में देश में दाल का उत्पादन लगभग 17 मिलियन टन से बढ़कर लगभग 23 मिलियन टन हो गया है: PM @narendramodi
किसान की उन्नति हो, किसान की आमदनी बढ़े, इसके लिए ‘बीज से बाजार तक’ फैसले लिए जा रहे हैं। उत्पादन में आत्मनिर्भरता के इस दौर में, पूरे Eco System को किसानों के लिए हितकारी बनाने का काम किया जा रहा है: PM @narendramodi
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भाइयों और बहनों, किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने चार अलग-अलग स्तरों पर फोकस किया:
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पहला- ऐसे कौन-कौन से कदम उठाए जाएं जिनसे खेती पर होने वाला उनका खर्च कम हो?
दूसरा- ऐसे कौन-कौन से कदम उठाए जाएं जिससे उन्हें अपनी पैदावार की उचित कीमत मिले?
तीसरा- खेत से लेकर बाजार तक पहुंचने के बीच फसलों-फलों-सब्जियों की जो बर्बादी होती है, उसे कैसे रोका जाए?
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चौथा- ऐसा क्या कुछ हो जिससे किसानों की अतिरिक्त आय हो: PM @narendramodi
यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिंग की वजह से यूरिया की Efficiency बढ़ी है और ये सामने आ रहा है कि अब उतनी ही जमीन के लिए किसानों को कम यूरिया डालना पड़ता है। कम यूरिया डालने की वजह से पैसे की बचत और ज्यादा पैदावार की वजह से अधिक कमाई। ये बदलाव यूरिया की नीम कोटिंग से आ रहा है: PM
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सॉयल हेल्थ कार्ड की वजह से अनाज की पैदावार बढ़ रही है। देश के 19 राज्यों में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि सॉयल हेल्थ कार्ड के आधार पर खेती करने की वजह से केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल में 8 से 10 प्रतिशत की कमी आई है और उत्पादन में भी 5 से 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है: PM
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जो काम 25-30 साल से अटका हुआ था, वो हम 25-30 महीने में पूरा कर रहे हैं। पूरी होती हर सिंचाई परियोजना देश के किसी न किसी हिस्से में किसान का खेती पर होने वाला खर्च कम कर रही है। PMKSY के तहत अब तक 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को माइक्रो इरिगेशन के दायरे में लाया जा चुका है: PM
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इस बजट में जिस Operation Greens का ऐलान किया है, वो भी नई सप्लाई चेन व्यवस्था से जुड़ा है। जैसे देश में दूध के क्षेत्र में अमूल मॉडल बहुत कामयाब रहा, लाखों किसानों की आय बढ़ाने वाला रहा, वैसे ही ऑपरेशन ग्रीन्स Tomato, Onion और Potato उगाने वाले किसानों के लिए लाभकारी रहेगा: PM
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GrAM के तहत देश के 22 हजार ग्रामीण हाटों को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड किया जाएगा और इन्हें APMC और e-Nam प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेड कर दिया जाएगा। खेत के 5-15 किलोमीटर के दायरे में किसान के पास ऐसी व्यवस्था होगी, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से कनेक्ट कर देगी: PM
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सरकार Farmer Producer Organization- FPO को बढ़ावा दे रही है।
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किसान अपने क्षेत्र में, अपने स्तर पर छोटे-छोटे संगठन बनाकर भी ग्रामीण हाटों और बड़ी मंडियों से जुड़ सकते हैं: PM @narendramodi
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किसानों को अलग-अलग संस्थाओं और बैंकों से कर्ज मिलने में दिक्कत न हो इसके लिए पिछले तीन वर्ष में कर्ज दी जाने वाली राशि साढ़े 8 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर अब इस बजट में 11 लाख करोड़ रुपए कर दी गई है: PM @narendramodi
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सोलर एनर्जी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किसानों की आय बढ़ाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले तीन साल में सरकार ने लगभग पौने तीन लाख सोलर पंप किसानों के लिए स्वीकृत किए हैं। लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इससे डीजल पर होने वाले खर्च की भी काफी बचत हुई है: PM
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देश के अलग-अलग हिस्सों में अब इस तरह की मुहिम जोर पकड़ रही है जो Agriculture Waste से Wealth के लिए काम कर रही है। Coir Waste हो, Coconut Shells हों, Bamboo Waste हो, फसल कटने के बाद खेत में बचा residue हो, इन सभी से आमदनी बढ़ सकती है: PM
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Agri Sector किस तरह से Operate करता है,सरकार उस व्यवस्था को बदल रही है
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Agri Sector में नए Culture की स्थापना की जा रही है
यही Culture 2022 तक संकल्प से सिद्धि की हमारी यात्रा को पूरा करेगा
जब गावों का उदय होगा, तभी भारत का भी उदय होगा
जब किसान सशक्त होगा,तो देश भी सशक्त होगा: PM