প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী শুক্রবার (৭ ডিসেম্বর) নতুন দিল্লিতে দৈনিক জাগরণ সংবাদপত্রের ৭৫তম বার্ষিকী উদযাপন উপলক্ষে জাগরণ মঞ্চে ভাষণ দেন।
তাজ প্যালেস হোটেলে সমবেত বিশিষ্ট ব্যক্তিবর্গের উদ্দেশে তাঁর ভাষণে প্রধানমন্ত্রী অন্যান্যদের মধ্যে বিশেষ করে, রোজ সকালে যাঁরা সংবাদপত্র বন্টনের কাজ করেন সেই সমস্ত হকারদের প্রশংসা করেন। তিনি বলেন, এই হকাররাই রোজ অসংখ্য পরিবারে সংবাদপত্র পৌঁছে দিতে সাহায্য করে থাকেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, দৈনিক জাগরণ পত্রিকা সচেতনতা গড়ে তোলার পাশাপাশি, দেশের পুনর্গঠনে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করেছে। তিনি আরও বলেন, তাঁর ব্যক্তিগত অভিজ্ঞতা অনুযায়ী, দেশে ও সমাজে পরিবর্তন নিয়ে আসার আন্দোলনগুলিকে এই পত্রিকা সক্রিয়ভাবে সাহায্য করেছে। এ প্রসঙ্গে তিনি ‘বেটি বাঁচাও বেটি পড়াও’; ‘স্বচ্ছ ভারত অভিযান’-এর মত উদ্যোগগুলির কথা উল্লেখ করেন। ডিজিটাল বিপ্লবের সঙ্গে সঙ্গতি রেখে গণমাধ্যমগুলি দেশকে আরও শক্তিশালী করতে গুরুত্বপূর্ণ ভূমিকা পালন করবে বলেও তিনি অভিমত প্রকাশ করেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, ‘ন্যূনতম শাসন, সর্বাধিক প্রশাসন’ এবং ‘সকলকে সঙ্গে নিয়ে সকলের অগ্রগতি’র নীতি নতুন ভারত গঠনের ভিত্তি গড়ে তুলছে। বর্তমান যুবসমাজ অনুভব করছেন, তাঁরাও সার্বিক উন্নয়ন প্রক্রিয়ার অংশীদার।
তিনি প্রশ্ন করেন, স্বাধীনতার পর এতগুলি দশক পেরিয়েও কেন আমাদের দেশ এখনও পিছিয়ে রয়েছে? তিনি জানতে চান, কেন দেশের মানুষের সমস্যাগুলির সমাধান হতে পারে না? তিনি বলেন, বিদ্যুৎ সংযোগ এখন সেই সমস্ত জায়গাতেও পৌঁছে যাচ্ছে যা বিগত ৭০ বছরেও পৌঁছয়নি। এমনকি, যে রাজ্যগুলিতে রেল সংযোগ ছিল না, সেগুলিকেও রেল মানচিত্রে নিয়ে আসা হচ্ছে।
প্রধানমন্ত্রী এক উল্লেখযোগ্য তুলনামূলক খতিয়ানের কথা তুলে ধরে বলেন, স্বাধীনতা থেকে ২০১৪ পর্যন্ত – এই ৬৭ বছর তাঁর কার্যকাল ২০১৪-১৮ পর্যন্ত সময়ের সমতুল্য।
তিনি আরও বলেন, তাঁর এই চার বছরের কার্যকালে গ্রামীণ পরিবারগুলিতে শৌচালয়ের পরিধি ৩৮ শতাংশ থেকে বেড়ে ৯৫ শতাংশে পৌঁছেছে। গ্রামীণ সড়ক যোগাযোগ ৫৫ শতাংশ থেকে বেড়ে ৯০ শতাংশে পৌঁছেছে। পারিবারিক রান্নার গ্যাসের সংযোগ ৫৫ শতাংশ থেকে বেড়ে ৯০ শতাংশ হয়েছে। ৯৫ শতাংশ গ্রামীণ পরিবারের কাছে বিদ্যুৎ সংযোগ পৌঁছেছে যা চার বছর আগে ছিল মাত্র ৭০ শতাংশ। চার বছর আগে কেবল ৫০ শতাংশ মানুষের ব্যাঙ্ক অ্যাকাউন্ট ছিল। এখন প্রায় প্রত্যেকে ব্যাঙ্কিং পরিষেবার সুযোগ-সুবিধা পাচ্ছেন। ২০১৪ অন্তক কেবল চার কোটি মানুষ কর দাখিল করতেন। বিগত চার বছরে আরও তিন কোটি মানুষ কর দাখিল ব্যবস্থায় এসেছেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, যখন অন্য সবকিছু একই থাকছে, তাহলে এই পরিবর্তন কিভাবে এল?
তিনি আরও বলেন, যখন দরিদ্র ও বঞ্চিত মানুষ মৌলিক সুযোগ-সুবিধা পান, তখন তাঁরা নিজেরাই দারিদ্র্য থেকে মুক্তির চেষ্টা করেন। বিগত চার বছরে এই পরিবর্তনই প্রত্যক্ষ করা যাচ্ছে এবং পরিসংখ্যান এটাই প্রমাণ করে।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, মানুষের আশা-আকাঙ্ক্ষা পূরণে সরকার আগ্রহী। প্রযুক্তিকে কাজে লাগানোর ভারতের পন্থা-পদ্ধতি উন্নয়নশীল দেশগুলির কাছে আদর্শস্বরূপ হয়ে উঠছে। প্রযুক্তির সঙ্গে মানুষের সংবেদনশীলতার বোঝা-পড়ার দরুণ সহজে জীবনযাপনের মান বাড়ছে। তিনি জানান, জলপথ এবং বিমান ভ্রমণের ক্ষেত্রেও প্রয়াস গ্রহণ করা হয়েছে। কম সময়ে রান্নার গ্যাস সিলিন্ডার ভর্তি, আয়কর ফেরতের ক্ষেত্রে কম সময়, পাসপোর্ট তৈরিতে কম সময় প্রভৃতির কথা তিনি উল্লেখ করেন। তিনি জানান, প্রধানমন্ত্রী আবাস যোজনা, উজ্জ্বলা যোজনা, সৌভাগ্য যোজনা প্রভৃতির সুযোগ-সুবিধা যাঁদের প্রয়োজন তাঁদের কাছে সহজেই পৌঁছে দেওয়া হচ্ছে। ‘আয়ুষ্মান ভারত’ কর্মসূচির কথাও তিনি বিশেষভাবে উল্লেখ করেন।
তিনি বলেন, এই ধরণের কর্মসূচির সুফলভোগীদের মধ্যে রয়েছে শ্রমিক শ্রেণী, কৃষক সমাজ প্রভৃতি। গরিব মানুষের ক্ষমতায়নের এ ধরণের উদ্যোগকে আরও এগিয়ে নিয়ে যাওয়া হবে। ভারতের অগ্রগতিতে সমগ্র বিশ্বের দৃষ্টি নিবদ্ধ রয়েছে বলেও তিনি অভিমত প্রকাশ করেন।
প্রধানমন্ত্রী বলেন, আর্থিক অভিযোগে যুক্ত ব্যক্তিরা যাতে কোথাও নিরাপদ আশ্রয় না পায়, তার জন্য ভারত আন্তর্জাতিক মহলের কাছে কিছু প্রস্তাব দিয়েছে।
सबसे पहले मैं दैनिक जागरण के हर पाठक को, अख़बार के प्रकाशन और अख़बार को घर-घर तक पहुंचाने के कार्य से जुड़े हर व्यक्ति को, हॉकर बंधुओं को आपकी संपादकीय टीम को, हीरक जयंति पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं: PM @narendramodi
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बीते 75 से आप निरंतर देश के करोड़ों लोगों को सूचना और सरोकार से जोड़े हुए हैं: PM @narendramodi
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देश के पुनर्निर्माण में आपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, देश को जागरुक करने में दैनिक जागरण का अहम रोल रहा है। भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि में जो कार्य आपने शुरु किया, वो आज नए भारत की नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नए संस्कारों को आगे बढ़ाने में सहयोग कर रहा है: PM
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मैं तो खुद भी दैनिक जागरण का पाठक रहा हूं। अपने अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि बीते दशकों में दैनिक जागरण ने देश और समाज में बदलाव लाने की मुहिम को शक्ति दी है: PM @narendramodi
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बीते चार वर्षों में आपके समूह और देश के तमाम मीडिया संस्थानों ने राष्ट्र निर्माण के मजबूत स्तंभ के तौर पर अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन किया है: PM @narendramodi
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चाहे वो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान हो, स्वच्छ भारत अभियान हो, ये अगर जन आंदोलन बने हैं, तो इसमें मीडिया की भी एक सकारात्मक भूमिका रही है। दैनिक जागरण भी इसमें अपना प्रभावी योगदान देने के लिए हमेशा आगे रहा है: PM @narendramodi
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समाज में मीडिया का ये रोल आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण होने वाला है। आज डिजिटल क्रांति ने मीडिया को, अखबारों को और विस्तार दिया है। मेरा मानना है कि ये नया मीडिया, नए भारत की नींव को और ताकत देगा: PM @narendramodi
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नए भारत की जब भी हम बात करते हैं तो Minimum Government, Maximum Governance और सबका साथ, सबका विकास इसके मूल में है। हम एक ऐसी व्यवस्था की बात करते हैं जहां जनभागीदारी से योजनाओ का निर्माण भी हो और जनभागीदारी से ही उन पर अमल भी हो: PM @narendramodi
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इसी सोच को हमने बीते चार वर्षों से आगे बढ़ाया है। केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं को जनता अपनी जिम्मेदारी समझकर आगे बढ़ा रही हैं। सरकार, सरोकार और सहकार, ये भावना देश में मज़बूत हुई है: PM @narendramodi
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देश का युवा आज विकास में खुद को स्टेक होल्डर मानने लगा है, सरकारी योजनाओं को अपनेपन के भाव से देखा जाने लगा है। उसको लगने लगा है कि उसकी आवाज़ सुनी जा रही है: PM @narendramodi
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यही कारण है कि सरकार और सिस्टम पर विश्वास आज अभूतपूर्व स्तर पर है। ये विश्वास तब जागता है, जब सरकार तय लक्ष्य हासिल करते हुए दिखती है, पारदर्शिता के साथ काम करती हुई नज़र आती है: PM @narendramodi
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आप भी अकसर सोचते होंगे, हैरत में पड़ते होंगे, कि आखिर हमारा देश पिछड़ा क्यों रह गया? आजादी के इतने दशकों के बाद ये कसक आपके मन में भी होगी कि हम क्यों पीछे रह गए।
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हमारे पास विशाल उपजाऊ भूमि है: PM @narendramodi
हमारे नौजवान बहुत प्रतिभाशाली और मेहनती भी हैं। हमारे पास प्राकृतिक संसाधनों की भी कोई कमी नहीं। इतना सब कुछ होने के बावजूद हमारा देश आगे क्यों नहीं बढ़ पाया: PM @narendramodi
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मंजिलों की कमी नहीं थी, नीयत की कमी थी।
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पैसों की कमी नहीं थी, Passion की कमी थी।
Solutions की कमी नहीं थी, संवेदना की कमी थी।
सामर्थ्य की कमी नहीं थी, कमी थी कार्यसंस्कृति की।
बहुत आसानी से कुछ लोग कबीरदास जी के उस दोहे को बिगाड़कर मजाक बना देते हैं जिसमें उन्होंने कहा था- “काल करे सो आज कर, आज करे सो अब”: PM @narendramodi
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हाल ही मैंने एलिफेंटा तक Underwater Cables के जरिए बिजली पहुंचाने का एक वीडियो देखा। उम्मीद है, आपने भी देखा होगा: PM @narendramodi
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कल्पना कीजिए, मुंबई से थोड़ी ही दूरी पर बसे लोगों को कैसा लगता होगा, जब वो खुद अंधेरे में रात-दिन गुजारते हुए मुंबई की चकाचौंध को देखते होंगे। उस अंधेरे में 70 साल गुजार देने की कल्पना करके देखिए: PM @narendramodi
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अभी कुछ दिन पहले ही मुझे एक व्यक्ति ने पत्र लिखकर धन्यवाद दिया। उसने पत्र इसलिए लिखा क्योंकि मेघालय पहली बार ट्रेन सेवा से जुड़ गया है: PM @narendramodi
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क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि हमारे सत्ता में आने से पहले मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा भारत के रेल मैप में ही नहीं थे। सोचिए, इसने किस तरह इन राज्यों के लोगों की जिंदगी पर असर डाला होगा: PM @narendramodi
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सोचिए, आखिर क्यों आजादी के 67 साल तक केवल 38 प्रतिशत ग्रामीण घरों में ही शौचालय बने और कैसे केवल चार साल में 95 प्रतिशत ग्रामीण घरों को शौचालय उपलब्ध करा दिए: PM @narendramodi
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सोचिए, आखिर क्यों, आजादी के 67 साल बाद तक केवल 55 प्रतिशत बस्तियों, टोले और गांव तक ही सड़क पहुंची थी और कैसे केवल चार साल में सड़क संपर्क को बढ़ाकर 90 फीसदी से ज्यादा बस्तियों, गांव, टोलों तक पहुंचा दिया गया: PM @narendramodi
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सोचिए, आखिर क्यों आजादी के 67 साल बाद तक केवल 55 प्रतिशत घरों में ही गैस का कनेक्शन था और अब कैसे केवल 4 साल में गैस कनेक्शन का दायरा 90 फीसदी घरों तक पहुंचा दिया: PM @narendramodi
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सोचिए, आखिर क्यों, आजादी के बाद के 67 वर्षों तक केवल 70 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक ही बिजली की सुविधा पहुंची थी और अब कैसे बीते चार वर्षों में 95 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक बिजली पहुंच गई है: PM @narendramodi
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व्यवस्थाओं में अपूर्णता से संपूर्णता की तरफ बढ़ते हमारे देश ने पिछले चार-साढ़े चार वर्षों में जो प्रगति की है, वो अभूतपूर्व है: PM @narendramodi
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सोचिए कि आखिर क्यों, आजादी के 67 वर्षों तक देश के सिर्फ 50 प्रतिशत परिवारों के पास ही बैंक खाते थे और ऐसा कैसे हुआ कि आज देश का लगभग हर परिवार बैंकिंग सेवा से जुड़ गया है: PM @narendramodi
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सोचिए, कि आखिर ऐसा क्यों था कि आजादी के 67 वर्षों तक बमुश्किल 4 करोड़ नागरिक ही इनकम टैक्स रिटर्न भर रहे थे और केवल चार वर्ष में ही तीन करोड़ नए नागरिक इनकम टैक्स के नेटवर्क से जुड़ गए हैं: PM @narendramodi
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सोचिए कि आखिर क्यों ऐसा था कि जब तक GST नहीं लागू हुआ था, हमारे देश में Indirect Tax सिस्टम से 66 लाख उद्यमी ही रजिस्टर्ड थे और अब GST लागू होने के बाद 54 लाख नए लोगों ने रजिस्टर कराया है: PM @narendramodi
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जब हमारे देश के गरीब, शोषित और वंचितों को सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी, उन्हें शौचालय, बिजली, बैंक अकाउंट, गैस कनेक्शन जैसी चीजों की चिंताओं से मुक्ति मिल जाएगी, तो फिर मेरे देश के गरीब खुद ही अपनी गरीबी को परास्त कर देंगे: PM @narendramodi
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बीते चार वर्षों में आप इस परिवर्तन को होते हुए देख भी रहें हैं। आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं।
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लेकिन ये सब पहले नहीं हुआ।
पहले इसलिए नहीं हुआ क्योंकि गरीबी कम हो जाएगी, तो ‘गरीबी हटाओ’ का नारा कैसे दे पाएंगे: PM @narendramodi
आज हम शत-प्रतिशत लोगों को करीब-करीब सभी मूलभूत सुविधाएं देने के करीब पहुंच गए हैं, तो भारत दूसरे युग में छलांग लगाने के लिए तैयार है। करोड़ों भारतीयों की Aspirations, उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए तत्पर हैं। आज हम न्यू इंडिया की संकल्प से सिद्धि की यात्रा की ओर अग्रसर हैं।
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आज भारत में Connectivity से लेकर Communication तक, Competition से लेकर Convenience तक, जीवन के हर पहलू को तकनीक से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। तकनीक और मानवीय संवेदनाओं की शक्ति से Ease of Living सुनिश्चित की जा रही है: PM @narendramodi
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गरीब के सशक्तिकरण का माध्यम बनाने का ये काम सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहने वाला है, इसको आने वाले समय में विस्तार दिया जाना है। हमारा प्रयास है कि बिचौलियों को तकनीक के माध्यम से हटाया जाए: PM @narendramodi
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उत्पादक और उपभोक्ता को जितना संभव हो पाए उतना पास लाया जाए। भ्रष्टाचार चाहे किसी भी स्तर पर हो, हमारी नीति स्पष्ट भी है और सख्त भी: PM @narendramodi
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जैसा कि आप सभी जानते हैं पिछले दिनों अर्जेंटीना में G-20 का सम्मेलन हुआ। उस सम्मेलन में आए नेताओं से मेरी बातचीत हुई, हमने अपनी बातें भी दुनिया की ताकतवर अर्थव्यवस्थाओं के बीच रखी: PM @narendramodi
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जो आर्थिक अपराध करने वाले हैं, भगोड़े हैं, उनको दुनिया में कहीं भी सुरक्षित पनाहगाह ना मिले इसके लिए भारत ने कुछ सुझाव अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच रखे हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी ये मुहिम रंग लाएगी: PM @narendramodi
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आज बड़े लक्ष्यों, कड़े और बड़े फैसलों का अगर साहस सरकार कर पाती है, तो उसके पीछे एक मजबूत सरकार है, पूर्ण बहुमत की सरकार है। New India के लिए सरकार का फोकस सामर्थ्य, संसाधन, संस्कृति और सुरक्षा पर है: PM @narendramodi
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विकास की पंचधारा यानि बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई,किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, इसी को केंद्र में रखते हुए सरकार आगे बढ़ रही है: PM @narendramodi
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नए भारत के, नए सपनों को साकार करने में दैनिक जागरण की, पूरे मीडिया जगत की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। सिस्टम से सवाल करना आपकी जिम्मेदारी है, आपका अधिकार है।
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मीडिया के सुझावों, और आपकी आलोचनाओं का तो मैं हमेशा स्वागत करता रहा हूं: PM @narendramodi