QuoteNDA's 6 sutras for development of Bihar-for people: Education, Employment, Medical facilities; for state: Power, Water, Roads: PM
QuoteIf hitting out at Modi develops Bihar, then I'm ready to take all allegations: PM Modi
QuoteFor NDA biggest of the grounds seem minute while for 'Mahaswarthbandhan' even a small pandal becomes huge: PM Modi
QuotePeople of Bihar do not spare the one's who betrays the state. Nitish Kumar would be wiped off in the elections: PM
QuoteLies spread by Nitish & Lalu are unveiling the truth of reservation: PM Modi
QuotePeople of Bihar would press the button of development. They would vote for the NDA: PM
QuoteThe term 'Darbhanga Module' was used after blasts in Mumbai & Pune, innocent policewoman had to face consequences: PM

मंच पर विराजमान यहाँ के सभी वरिष्ठ नेतागण। चुनाव में कुशेश्वर स्थान से लोजपा के उम्मीदवार धनंजय कुमार, लोजपा के उम्मीदवार विनोद साहनी, बेनीपुर से भाजपा के उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर, अलीनगर से भाजपा के उम्मीदवार लाल जी यादव, दरभंगा ग्रामीण से हम पार्टी के उम्मीदवार नौशाद आलम जी, दरभंगा नगर से भाजपा के उम्मीदवार संजय जी, हयागढ़ से लोजपा के उम्मीदवार आर। के। चौधरी जी, बहादूरपुर से भाजपा के उम्मीदवार हरीश साहनी, और केवटी से भाजपा के उम्मीदवार अशोक यादव, झाले से भाजपा के उम्मीदवार द्विवेश कुमार मिश्रा, विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों एवं बहनों।

दरभंगा के ई पावन मिथिला भूमि के नमन करै छी। बाबा कुशेश्वर के ई पावन धरती पर आई के गौरवान्वित महसूस काय रहल छी। दरभंगा की जो पहचान है – पग-पग पोखर पान मखान, सरस बोल मुस्की मुस्कान; विद्या, वैभव, शांति प्रतीक, ललित नगर मिथिला ठीक। आप सबके दिल से अभिनंदन करै छी।

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आज मैं सबसे पहले अपने प्रिय मित्र कीर्ति आज़ाद के खिलाफ़ शिकायत करना चाहता हूँ। मेरी शिकायत ये है कि जब कीर्ति स्वयं चुनाव लड़ रहे थे, मैं लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था, तब तो आधी भीड़ भी नहीं थी और आज क्या कमाल कर दिया आप लोगों ने। जहाँ भी मेरी नज़र पहुँचती है, लोग ही लोग नज़र आते हैं। दरभंगा का मैदान भी छोटा पड़ गया है, ये चुनाव ऐसा है कि एनडीए वालों के लिए मैदान छोटा पड़ता है और महास्वार्थबंधन वालों के लिए पंडाल भी बड़ा हो जाता है।

भाईयों-बहनों, इस चुनाव अभियान का ये मेरा आखिरी कार्यक्रम है। पिछली बार मैं जब दरभंगा आया था, समय-सीमा के कारण 12-15 मिनट ही बोल पाया था, मेरे मन में भी कसक थी कि जिस मिथिला की भूमि को अटल जी इतना प्यार करते थे, वहां इतनी कम देर लेकिन आज मैं आपसे जी भर कर मिलने आया हूँ। मुझे बिहार के हर कोने में जाने और एक से बढ़कर एक रैलियों को संबोधित करने का अवसर मिला। इसे क्या कहें, चुनाव सभा, जन सभा, रैली, रैला कहें, मुझे तो लगता है कि ये मेला है, परिवर्तन का मेला है।

दिल्ली में बैठकर पॉलिटिकल पंडित हिसाब लगाते हैं कि 2% इधर जाएगा तो ये होगा, 2% उधर जाएगा तो ये होगा। पंडित जी, अपने पुराने हिसाब-किताब बंद कर दो, बिहार नया इतिहास लिखने जा रहा है। ये पुराने समीकरण और नई गिनतियाँ अब नहीं चलेंगी। बिहार की जनता ने बिहार की तो सेवा की है, इस चुनाव के माध्यम से देश की बहुत बड़ी सेवा की है। जातिवाद और संप्रदायवाद का ज़हर हमारे लोकतंत्र में खरोच पैदा कर रहा है लेकिन इस चुनाव में बिहार का नौजवान नेतृत्व कर विकास के मुद्दे पर लड़ रहा है। इस चुनाव के बाद हिन्दुस्तान की सभी पॉलिटिकल पार्टियों को विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और इसका क्रेडिट बिहार के लोगों को जाता है। इस चुनाव में बिहार का माहौल देश के भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

मैं आज सार्वजनिक रूप से प्रधान देवक के रूप में बिहार के नागरिकों का सर झुका कर अभिनंदन करता हूँ। मैं जहाँ-जहाँ गया, एनडीए के लोग जहाँ-जहाँ गए, बिहार की जनता ने पलकें बिछाकर हम सभी का स्वागत किया, इसलिए मैं आप सभी को सर झुका कर धन्यवाद करता हूँ। दूसरी बात कि पहले के मतदान के सारे रिकॉर्ड बिहार के चार चरणों ने तोड़ दिए, भारी मतदान किया, माओवादियों के बम-बंदूक की धमकी के बावजूद अभूतपूर्व मतदान किया। इससे लोकतंत्र में जो विश्वास बढ़ा है, इसके लिए मैं बिहार की जनता को नमन करता हूँ। तीसरी बात, पहले बिहार में जब भी चुनाव होता था तो ये ख़बर आती थी कि इतने पोलिंग बूथ लूटे गए, इतनी गोलीबारी हुई, इतनी हत्याएं हुईं लेकिन इस बार के शांतिपूर्ण चुनाव के लिए बिहार के मतदाताओं का ह्रदय से अभिनंदन करता हूँ।

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भाईयों-बहनों, इस चुनाव में हम विकास का मुद्दा लेकर पहले दिन से चले, लोकसभा के चुनाव में भी हमारा मुद्दा विकास था लेकिन हम आशा करते थे कि जिन्होंने यहाँ 60 साल राज किया, मैडम सोनिया जी ने 35 साल राज किया, 15 साल तक लालू जी और 10 साल तक नीतीश जी ने राज किया; ये हमारे साथ विकास के मुद्दों पर चर्चा करते, बिहार की बर्बादी के कारण और बिहार से नौजवानों के पलायन का जवाब देते लेकिन अभी भी वे 1990 के कालखंड में जी रहे हैं। उन्हें पता नहीं है कि ये 21वीं सदी चल रही है और 1990 में पैदा हुआ बच्चा आज बिहार का भाग्य बदलने को लालायित है।

दो महीने से चुनाव का अभियान चल रहा है लेकिन लालू जी हो या नीतीश जी या मैडम सोनिया जी, ये लोग बिहार के विकास पर कुछ भी नहीं बोलते। बिहार के भविष्य की किसी योजना के बारे में बात नहीं करते। 25 साल इन्होंने सरकार चलाई, ये कोई कम समय नहीं होता। एक बालक में भी 25 साल के बाद अपने माँ-बाप का पेट भरने की ताक़त आ जाती है। आप मुझे बताईये, 25 साल की इनकी सरकार में किसी का भी कोई भला हुआ? मेरी सरकार को अभी 25 महीने नहीं हुए हैं और ये लोग मेरा हिसाब मांग रहे हैं। ख़ुद का 25 साल का हिसाब देने का तैयार नहीं हैं; और हमसे हिसाब मांग रहे हैं।

चुनाव लोकतंत्र का पर्व होता है और यह पर्व लोकतंत्र को ताक़तवर बनाता है। सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात और अपनी नीतियां बतानी होती हैं और जो सरकार में हैं उन्हें अपना हिसाब देना होता है। 2019 में जब मैं लोकसभा चुनाव के लिए आपसे वोट मांगने आऊंगा, तो मेरा फ़र्ज बनता है कि मैं आपको अपने 5 सालों का हिसाब दूँ और आपका हक़ बनता है कि आप मुझसे हिसाब मांगें। लेकिन इन लोगों को देखो, इन्हें मोदी पर कीचड़ उछालने के सिवा और कोई काम ही नहीं है। रोज नए-नए आरोप और गालियां गढ़ी जाती है, क्या इससे बिहार का भला होगा क्या? लालू जी, नीतीश जी, अगर मोदी पर आरोप लगाने से या कीचड़ उछालने से बिहार का भला होता है तो मैं मौजूद हूँ, आपको जो कहना है कहिये। बिहार का भला हो तो मैं ये झेलने के लिए तैयार हूँ।

मेरा जीवन बिहार के काम आए, इससे बड़ा भाग्य मेरा क्या हो सकता है। लालू जी, नीतीश जी, कान खोलकर सुन लीजिये, अहंकार ने आपके आँखों पर ऐसी पट्टी बांध दी है कि आप देख नहीं पाओगे, आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमाल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और एक बात जो बाहर नहीं आई है, मुझे भी आश्चर्य लगा कि हर चरण के बाद 12-15 पोलिंग बूथ ऐसे थे जहाँ मतदान के बाद लालू जी और नीतीश जी के कार्यकर्ताओं के बीच झगड़े हुए, कहीं हाथापाई हुई, धमकियाँ हुई; मतदान पूरा होने के बाद अगर ये तुरंत लड़ना शुरू कर देते हैं तो आगे क्या होगा, आप समझ सकते हैं।

पिछले दो महीनों से चुनाव अभियान चल रहा है लेकिन क्या आपने लालू जी, नीतीश जी और राहुल जी को एक साथ मंच पर देखा, पत्रकार परिषद् में देखा, कार्यकर्ता की मीटिंग में देखा? आप उनसे सवाल पूछिये, उनके दरबारी तो पूछेंगे नहीं। जो तीन लोग चुनावी अभियान में एकसाथ नहीं आए, वो बाद में क्या साथ आएंगे और साथ में चलेंगे। जिन्हें ख़ुद पर विश्वास नहीं है, वो आपका भला नहीं कर सकते।

मुझे अपने विश्वस्त सूत्रों से पता चला, उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने उनसे पूछा कि क्या हमारा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता है, क्या आपका बेटा नहीं बन सकता है, लालू जी के मुंह में पानी आ गया, उनको ख़ुशी होने लगी कि हाँ, संभावना दिखती है; दूसरे ने पूछा कि अगर चुनाव हार जाते हैं तो विपक्ष का नेता कौन बनेगा; इस पर लालू जी ने जवाब दिया कि मैंने तो नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने पर समर्थन देने का वाद किया है न कि विपक्ष के नेता बनने का वादा। लालू जी ने कहा कि चुनाव हारने पर तो विपक्ष का नेता हमारा बेटा बनेगा। मैं सार्वजनिक रूप से मैं लालू जी से पूछना चाहता हूँ कि आप बिहार की जनता को बताओ कि विपक्ष का नेता कौन होगा, लालू जी का बेटा होगा या नीतीश बाबू होंगे, क्योंकि आपका चुनाव हारना तय है। ये मेरी मांग है आपसे।

मैं आपको एक पुरानी घटना याद कराना चाहता हूँ। जब मुंबई में बम धमाके हुए तो हमारे देश में आतंकी दुनिया के लिए एक शब्द चल पड़ा था - दरभंगा मॉड्युल, और कारण ये थे कि कुछ लोग यहाँ बैठ कर हिन्दुस्तान में आतंकवाद फ़ैलाने का षड़यंत्र रच रहे हैं। यहाँ पर एक जाबांज पुलिस अधिकारी महिला थी, दलित कन्या थी, उसने हिन्दुस्तान के निर्दोष नागरिकों की रक्षा के लिए आतंकवादी गतिविधि करने वाले लोगों की कार ढूंढने की कोशिश की। इस महास्वार्थबंधन के निकट के नेता के घर तक आतंकवाद के तार जाने लगे थे, तब सरकार में बैठे लोगों ने आतंकवाद से जुड़े नेताओं पर कदम नहीं उठाया लेकिन उस पुलिस अफसर को यहाँ से जाने और बिहार छोड़ने के लिए मज़बूर कर दिया। आप देश की रक्षा के साथ समझौता करने वाले और आतंकवादियों पर कृपा करने वाले लोगों को पटना में सरकार में बिठाएंगे क्या?

बिहार का भाग्य बदलने के लिए भाजपा, एनडीए का आप समर्थन करें, इसके लिए मैं आपके पास वोट मांगने आया हूँ। भाईयों-बहनों, मेरे पास एक जानकारी है, सही है या गलत पता नहीं क्योंकि समय के अभाव के कारण मैं वेरीफाई नहीं कर पाया, 1990 में लालू जी की सरकार ने बिहार के लोक सेवा आयोग से मैथिलि भाषा को निकाल दिया था, लालू जी ने मैथिलि भाषा का अपमान किया लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली में एनडीए की सरकार बनने के तुरंत बाद 2002 में संविधान की 8वीं सूची में इसे स्थान दिया गया। हम अपमानित करना नहीं बल्कि सम्मानित करना जानते हैं।  

हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ का पैकेज और 40 हज़ार करोड़ पुराना वाला जो कागज़ पर पड़ा था जिसकी न कोई फाइल थी, न बजट था लेकिन बिहार के प्रति मेरा यह प्यार है, बिहार के लिए हमें कुछ करना है, हमने निर्णय लिया इसे देने का। हमने सब मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज दिया जो बिहार का भाग्य बदलने और यहाँ के लोगों का जीवन बदलने की ताकत रखता है। विकास के बिना बिहार की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। बिहार एक ज़माने में हिन्दुस्तान का सिरमौर हुआ करता था लेकिन 25 साल में जंगलराज और जंतर-मंतर ने बिहार को बर्बाद कर दिया। इन दोनों की जुगलबंदी वो भी बर्बाद कर देगी जो कुछ बिहार में अब बचा हुआ है।

कोई स्कूटर अगर छोटे से गड्ढ़े में फंस जाए तो 3-4 लोग निकालें तो निकल जाता है लेकिन अगर स्कूटर कुएं में गिरा हो तो उसको निकालने के लिए ट्रेक्टर की ज़रुरत होती है। 25 साल की इनकी सरकार ने बिहार को ऐसे गड्ढ़े में डाल दिया है जिसे निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरुरत है। पटना और दिल्ली के दो इंजन लगेंगे तब यह बिहार गड्ढ़े में से बाहर आएगा। एक इंजन बिहार में जो नई सरकार बनेगी वो और दूसरा इंजन दिल्ली में मेरी सरकार जो आपने बनाई है।

भाईयों-बहनों, हम चुनाव के मैदान में विकास के मुद्दे को लेकर आए थे। लालू जी और नीतीश जी के पास विकास का ‘व’ बोलने की कोई जगह नहीं है और इसलिए उन्होंने चुनाव को जातिवाद के रंग में रंगने का नाटक किया। आरक्षण को लेकर महीने भर चीखते-चिल्लाते रहे, दिल्ली में उनके दरबारी भी इसी बात को बढ़ाते रहे। इन्होंने एक काल्पनिक भय पैदा किया और आरक्षण के नाम पर हौवा खड़ा किया। उनकी हर बात में बस आरक्षण था। जब एक दिन मुझे लगा कि इनका गुब्बारा बहुत बड़ा हो गया है तो मैंने एक छोटी सी सुई लगा दी और उनका पूरा गुब्बारा नीचे आ गया। उनकी सारी पोल खुल गई है।

यही लालू जी और नीतीश जी ने आरक्षण पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। उन्हें चिंता अपनी कुर्सी की थी और जब मैंने उनका वीडियो निकाल दिया तो पिछले एक हफ़्ते से आरक्षण का नाम लेना भूल गए। बिजली की तो वो कोई बात ही नहीं करते क्योंकि उन्हें डर है कि अगर बोल दिया तो लोग उनसे हिसाब मांगेंगे क्योंकि 2010 में नीतीश जी ने कहा था कि अगर घर-घर बिजली नहीं पहुंचाऊंगा तो 2015 में अगले चुनाव में वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली नहीं तो वोट नहीं, ऐसे उन्होंने कहा था कि नहीं? उन्होंने अपना वादा तोड़ा है, आपसे धोखा किया है। जो जनता से धोखा कर सकते हैं, जनता उन्हें कभी स्वीकार नहीं करती।

बिहार की जनता जब देती है तो छप्पर फाड़ कर देती है; कांग्रेस को 35 साल तक दिया और जब लेती है तो चुन-चुन कर साफ़ कर देती है। जब लालू जी को दिया तो जी भर दिया लेकिन जब लालू जी पर गुस्सा आया तो फ़िर किसी को बचने नहीं दिया। अब बारी आई अहंकार की, बिहार अहंकार को बर्दाश्त नहीं कर सकता और अब अहंकार की विदाई की बारी है। नीतीश बाबू ने कहा था कि अगर किसी का भ्रष्टाचार पकड़ा गया तो उसकी मिल्कियत जब्त कर ली जाएगी और उसके घर में स्कूल खोला जाएगा। नीतीश जी रोज इस बात का ढोल पीटते थे। लोगों को क्यों मूर्ख बना रहे हैं? जेडीयू के मंत्री कैमरा के सामने घूस लेते पकड़े गए। ये अभी से ऐसा काम कर रहे हैं तो चुनाव के बाद क्या करेंगे। बिहार बेचने का एडवांस लिया जा रहा है। अब नीतीश बाबू बताएं कि उनका घर कब्ज़े में किया क्या, उनके घर में स्कूल खोला?

भाईयों-बहनों, बिहार में आप लोगों के लिए मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम है – पढ़ाई, कमाई और दवाई। बिहार के गरीब से गरीब बच्चे को अच्छी एवं सस्ती शिक्षा मिलनी चाहिए। हर मां अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती है, लेकिन बिहार में पढ़ाई की इतनी हालत खराब है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए माँ-बाप को अपनी ज़मीन गिरवी रखनी पड़ती है। ये हमें शोभा देता है क्या? इसलिए मेरा संकल्प है, बिहार के बच्चों को सस्ती एवं अच्छी पढ़ाई। मेरा दूसरा सपना है, कमाई; नौजवान के लिए रोजगार। बिहार में नौजवान को अपना राज्य और अपने माँ-बाप को छोड़ना पड़ता है। बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार का अवसर मिलना चाहिए और ये पलायन बंद होना चाहिए। इसलिए मेरा दूसरा संकल्प है, बिहार के नौजवानों के लिए कमाई। मेरा तीसरा सपना है, दवाई; बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, दवाखाना और डॉक्टर होना चाहिए।

बिहार राज्य के लिए तीन कार्यक्रम है - बिजली, पानी एवं सड़क। बिजली आएगी तो कारखाने लगेंगे, और इससे रोजगार मिलेगा। बिजली के लिए अकेले दरभंगा को मैंने पौने 400 करोड़ आवंटित कर दिये हैं। बिहार को जो सौभाग्य मिला है, वो किसी और राज्य को नहीं मिला है; बिहार की दो ताक़त है - बिहार का पानी और बिहार की जवानी। ये दोनों पूरे हिन्दुस्तान का भाग्य बदल सकती हैं। किसान को अगर पानी मिल जाए तो वो मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। हमारा दूसरा संकल्प है - खेतों में पानी, उद्योगों को पानी और पीने का पानी पहुँचाना। तीसरा मेरा संकल्प है – सड़क; बिहार में सडकों का जाल हो। गाँव ज़िले से, ज़िला राज्य से, राज्य दिल्ली से जुड़ जाए, ऐसा नेटवर्क बनाना है ताकि बिहार का सीधा मार्ग विकास की ओर चल पड़े, इन कामों को लेकर मैं आगे बढ़ना चाहता हूँ।

विकास ही एक मंत्र है, विकास के लिए मैं आपका आशीर्वाद लेने आया हूँ। मैं आपसे वोट विकास के लिए मांगता हूँ। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और अब पांचवे चरण में आप सारे रिकॉर्ड तोड़ दोगे न? आप सब दस-दस परिवारों से वोट कराओ, भाजपा, एनडीए को वोट कराओ।  मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!        

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Many of India’s space missions are being led by women scientists: PM Modi at GLEX 2025
May 07, 2025
QuoteSpace is not merely a destination but a declaration of curiosity, courage, and collective progress: PM
QuoteIndian rockets carry more than payloads—they carry the dreams of 1.4 billion Indians: PM
QuoteIndia’s first human spaceflight mission - Gaganyaan, reflects the nation’s growing aspirations in space technology: PM
QuoteMany of India’s space missions are being led by women scientists: PM
QuoteIndia’s space vision is rooted in the ancient philosophy of ‘Vasudhaiva Kutumbakam': PM

Distinguished delegates, Esteemed scientists, Innovators, Astronauts, And, Friends from across the globe,

Namaskaar !

It is a great pleasure to connect with all of you at the Global Space Exploration Conference 2025. Space is not just a destination. It is a declaration of curiosity, courage, and collective progress. India’s space journey reflects this spirit. From launching a small rocket in 1963, to becoming the first nation to land near the South Pole of Moon, our journey has been remarkable. Our rockets carry more than payloads. They carry the dreams of 1.4 billion Indians. India’s achievements are significant scientific milestones. Beyond that, they are proof that the human spirit can defy gravity. India made history by reaching Mars on its first attempt in 2014. Chandrayaan-1 helped discover water on the Moon. Chandrayaan-2 gave us the highest-resolution images of the Moon. Chandrayaan-3 increased our understanding of the lunar South Pole. We built cryogenic engines in a record time. We launched 100 satellites in a single mission. We have launched over 400 satellites for 34 nations on our launch vehicles. This year, we docked two satellites in space, a major step forward.

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Friends,

India’s space journey is not about racing others. It is about reaching higher together. Together, we share a common goal to explore space for the good of humanity. We launched a satellite for the South Asian nations. Now, the G20 Satellite Mission, announced during our Presidency, will be a gift to the Global South. We continue to march ahead with renewed confidence, pushing the boundaries of scientific exploration. Our first human space-flight mission, ‘Gaganyaan’, highlights our nation’s rising aspirations. In coming weeks, an Indian astronaut will travel to space as part of a joint ISRO-NASA Mission to the International Space Station. By 2035, the Bharatiya Antariksha Station will open new frontiers in research and global cooperation. By 2040, an Indian’s footprints will be on the Moon. Mars and Venus are also on our radar.

Friends,

For India, space is about exploration as well as about empowerment. It empowers governance, enhances livelihoods, and inspires generations. From fishermen alerts to GatiShakti platform, from railway safety to weather forecasting, our satellites look out for the welfare of every Indian. We have opened our space sector to startups, entrepreneurs, and young minds. Today, India has over 250 space start-ups. They are contributing to cutting-edge advancements in satellite technology, Propulsion systems, imaging, and much more. And, you know, it is even more inspiring that many of our missions are being led by women scientists.

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Friends,

India’s space vision is grounded in the ancient wisdom of ‘Vasudhaiva Kutumbakam’, that is, the world is one family. We strive not just for our own growth, but to enrich global knowledge, address common challenges, and inspire future generations. India stands for dreaming together, building together, and reaching for the stars together. Let us together write a new chapter in space exploration, guided by science and shared dreams for a better tomorrow. I wish you all a very pleasant and productive stay in India.

Thank you.