Karnataka has pledged to remove Congress from power: PM Modi in Bengaluru
Congress is standing at the exit gate of Karnataka, says PM Modi in Bengaluru
Congress only stands for corruption, politics of appeasement and division: PM Modi
At a time when the entire country is talking about ‘Ease of Doing Business’ and ‘Ease of Living’, a few people in Karnataka are busy discussing ‘Ease of Doing Murder’: PM
We introduced anti-triple talaq bill; by not letting it pass in Parliament, Congress made it a part of their vote-bank politics: PM

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बैगंलुरू ने ली कर्नाटक दा नंद प्रतिय बंधु भगनी रिय निवग्यनला नन नमस्कार करून। नाड़ प्रभु कैम्पे गोड़ा, महात्मा बसेश्वर, शरण मादार चेन्नया, वीर रानी कितुर चेनम्मा, संगोली रायन्ना सूफी संत सिजुराल शरीन, सर एम विश्वसैरेया, अवरंत महा पुरुषा नाडू कर्नाटक। नव कर्नाटक निर्माण करली परिवर्तन माडी, बीजेपी गेल्ल्सी।

मंच पर विराजमान कर्नाटक की आशा के केंद्र और हमारे वरिष्ठ नेता श्रीमान बी एस येदुरप्पा जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान अनंत कुमार जी, श्रीमान डी बी सदानंद गौड़ा जी, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और यहां के वरिष्ठ नेता श्रीमान एस एम कृष्णा जी, विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता श्रीमान जगदीश शेट्टार जी, कर्नाटक में विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष मेरे पुराने साथी श्रीमान ईश्वरप्पा जी, केंद्र में मेरे मंत्री परिषद के साथी  श्रीमानरमेश जी, श्रीमान अनंत कुमार हेगड़े जी, श्री मान श्रीनिवास प्रसाद जी, आर अशोक, वी रामलू, अरविंद लिंबाले, सांसद पीसी मोहन, प्रदेश महासचिव भाई सीपी रवि, सांसद श्रीमान जीएम सिधेश्वर जी, श्रीमान एन रविकुमार, संसद में मेरे साथी शोभा जी, विधायक गोविन्द जी, संसद के मेरे साथी प्रहलाद जोशी जी, श्रीमान सीएम उदासी जी, संसद में मेरे साथी नलिन कुमार कुटिल जी।

मैं चारों तरफ देख रहा हूं। मैं कर्नाटक पहले भी आया हूं, ऐसा दृश्य का सौभाग्य पहले नहीं मिला। और पूरा देश देख रहा है कि हवा का रूख क्या है?

साथियों।

बैंगलुरू अपनी 480वीं वर्षगांठ और कर्नाटक की  गौरवपूर्ण राजधानी होने का उत्सव मना रहा है। ये भूमि भारत का गौरव है। बैंगलुरू में, कर्नाटक में आध्यात्म की महान संस्थाएं सृजित हुई है, जिन्होंने देश को मार्गदर्शन किया है। आपलोगों का ये उत्साह, हर तरफ ये केसरिया लहर, ये बता रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का जाने का काउंट डाउन अब शुरू हो गया है। कर्नाटक में कांग्रेस इस समय एक्जिट गेट पर खड़ी है। और मैं देख रहा हूं कि कर्नाटक ने ठान लिया है कि कर्नाटक को कांग्रेस मुक्त करके ही रहेंगे। कांग्रेस के कल्चर से मुक्त करेंगे। समाज में राजनीति में अपने देश में कांग्रेस ने ऐसी तबाही की है कि अब इस कल्चर को देश की जरूरत नहीं है। आपके आशीर्वाद से कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बहुत दूर नहीं है। सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत पर चलते हुए कर्नाटक की बीजेपी सरकार राज्य के विकास को गति देगी, राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाएगी और राज्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी। कर्नाटक में 21वीं शताब्दी के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर हो, ग्लोबल बैंचमार्क वाला इंफ्रास्ट्रक्चर हो। मेट्रो, सड़कें, रेलवे, शिक्षा की व्यवस्था, स्वास्थ्य की सुविधाएं, बेहतर सुविधाएं हो, इस लक्ष्य के साथ, भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर्नाटक की जनता को समर्पित होगी।

भाइयो बहनों।

जिसके पास साधन होते हैं, पास संसाधन होते हैं, जो संपन्न होते हैं, ऐसे अमीर लोगों के लिए सुविधाएं जुटाना बहुत आसान होता है, लेकिन जो अमीर नहीं है, उसकी तो पूरी जिंदगी रोजमर्रा की चीजें जुटाने में चली जाती है। और इसलिए हमारी सरकार गरीब की, मध्यम वर्ग की जिंदगी आसान बनाने, इज ऑफ लिविंग के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। उन योजनाओं से कर्नाटक के लोगों को भी बहुत बड़ा फायदा पहुंचा है। और मैं ये भी बता दूं अगर अनुकूल सरकार होती तो और ये फायदा अनेक गुणा ज्यादा पहुंचता, रूकावटें नहीं आती। जन धन योजना के तहत एक करोड़ 16 लाख से ज्यादा गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के बैंक के खाते खोले गए और पहली बार इस वर्ग के लोगों ने बैंक के दरवाजे पर गए। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत यहां के नौजवानों के लिए एक करोड़ से ज्यादा, ये बहुत बड़ी संख्या है। एक करोड़ से ज्यादा लोन स्वीकृत किए गए हैं। सिर्फ 1 रुपए महीना और 90 पैसे प्रतिदिन के दो बीमा हमने प्रस्तुत किए। उस प्रीमियम वाली योजना से बीमा योजना के तहत कर्नाटक के लगभग 1 करोड़ गरीब और निम्न वर्ग के लोगों को बीमा योजना से जोड़ा गया है।

भाइयो बहनों।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत राज्य की लगभग साढ़े 8 लाख महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत कर्नाटक में 34 लाख से ज्यादा शौचालय बनवाए गए हैं। मिशन इंद्रधनुष के तहत राज्य के करीब 9 लाख बच्चों और डेढ़ लाख से ज्यादा महिलाओं का टीकाकरण किया गया है।

भाइयो बहनों।

ये टीकाकरण सिर्फ एक-दो मिनट का हिसाब नहीं है। ये टीकाकरण की वजह से उसकी पूरी जिंदगी के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा देने का प्रमाणिक प्रमाण है। कुछ महीने पर देश की केंद्र सरकार ने देश के हर घर को बिजली कनेक्शन से जोड़ने के लिए सौभाग्य योजना शुरू की। इस योजना के तहत कर्नाटक के 7 लाख घरों में मुफ्त में बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा। आप सोचिए। अगर एक दिन बैंगलुरू में बिजली न आए तो कैसा हाहाकार मच जाएगा। लेकिन कर्नाटक में ऐसे सात लाख घर और पूरे देश में ऐसे 4 करोड़ घर है जो आजादी के इतने वर्षों के बाद भी अंधेरे की जिंदगी जी रहे हैं, 18वीं शताब्दी की जिंदगी जी रहे हैं। इन घरों में बिजली कनेक्शन से घरों में रौशनी होगी। इन घरों में सिर्फ रौशनी नहीं होगी बल्कि लोगों का जीवन भी रौशन होगा। इस विश्वास के साथ भारत सरकार आगे बढ़ रही है। ऐसी अनेक योजनाओं, ऐसी अनेक कोशिशों के माध्यम से केंद्र सरकार देश के दूर-दराज क्षेत्र में रहने वाले गरीब के जीवन से, मध्यम वर्ग के जीवन से परेशानी कम करने के लिए अनेक उपाय कर रही है।

साथियों।

लेकिन कुछ लोग देश हित के बजाय खुद के हित की चिंता करते हैं, अपने दल के हित को ही वरीयता देते हैं। यहां कर्नाटक के लोग पिछले साढ़े चार सालों से देख रहे हैं कि कैसे सिर्फ और सिर्फ खुद का हित साधने के लिए कांग्रेस ने सरकार चलाई है, मुख्यमंत्री ने कारोबार किया है। यही वजह है कि पिछले साढ़े तीन सालों में जो राशि केंद्र की तरफ से कर्नाटक को मिली। उसका भी पूरा लाभ यहां के लोगों को तक नहीं पहुंचा है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब कर्नाटक को, ये बात लोगों तक पहुंचाइए। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब कर्नाटक को 73 हजार करोड़ रुपए मिलते थे। लेकिन जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की बनी और उसके बाद दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मिलना तय हुआ यानि करीब-करीब 180 प्रतिशत की वृद्धि हुई, बढ़ोतरी हुई। इतना ही नहीं केंद्र सरकार कर्नाटक को अन्य योजनाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, ग्रामीण सड़क, गरीबों के घरों के लिए भी आर्थिक मदद दे रही है। ये राशि इसके अलावा करीब-करीब 40 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।

लेकिन भाइयों बहनों।

मैं आपको पूछना चाहता हूं। क्या कर्नाटक में आपको इस राशि का सही इस्तेमाल हुआ हो, ऐसा कहीं पर भी नजर आता है ...। क्या केंद्र से ज्यादा पैसा मिलने के बाद भी कर्नाटक में कोई पॉजीटिव भाव आपको नजर आता है ...।

साथियों।

कर्नाटक को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आवश्यक है कि यहां की आवश्यकता को पूरा करने वाले फैसले लिए जाएं और यहां के लोगों की जरूरत के हिसाब से कार्य किये जाएं। बैंगलुरू के लोगों की एक बड़ी परेशानी की बात करूं तो, उसके समाधान की शुरुआत हाल में प्रस्तुत बजट में हो चुकी है।

भाइयों बहनों।

बहुत जल्द बैंगलुरू में 17 हजार करोड़ रुपए की लागत से 160 किमी लंबे सबअर्बन रेलवे नेटवर्क का काम शुरू हो जाएगा। और हमारे रेलमंत्री यहां बैठे हुए हैं। 17 हजार करोड़ रुपया, ये नए सबअर्बन रेलवे में 28 रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। 50 लाख यात्रियों को फायदा होगा। शहर के लोगों को जाम से होने वाली परेशानी कम होगी ही, यहां के पर्यावरण की भी रक्षा होगी। इस समय अकेले कर्नाटक में, कोई भी कर्नाटक की वासी, भारत सरकार पर, भारतीय जनता पार्टी पर गर्व कर सकता है। अकेले कर्नाटक में 82 हजार करोड़ रुपए की लागत से 44 बड़े प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है। इनमें से 33 प्रोजेक्ट रोड और रेलवे के ही हैं सिर्फ। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े इतने ज्यादा प्रोजेक्टों पर केंद्र का ये निवेश बताता है कि हम कर्नाटक में नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को महत्व देते हैं। हमारे लिए ये प्राथमिकता है।

यूपीए सरकार के कार्यकाल में 4 सालों में, मैं उनके आखिरी चार सालों का हिसाब देता हूं। चार सालों में जहां 950 किमी, 1000 भी नहीं, 950 किमी नेशनल हाईवे निर्माण कर्नाटक में हुआ था। इस सरकार के साढ़े 3 वर्षों में, उनसे 6 महीना कम लगभग एक हजार छह सौ किमी नेशनल हाईवे का निर्माण किया जा चुका है। चार साल में 950 और साढ़े तीन साल में 1600 किमी। कर्नाटक की चिंता किसके दिल में है, यह कर्नाटक के लोग भली भांति समझ सकते हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे काम करने की स्पीड कितनी ज्यादा है। यूपीए सरकार के 4 साल में कर्नाटक में सिर्फ 38 किमी नई रेल लाइन बिछी और 105 किमी रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ। हमारी सरकार ने तीन साढ़े तीन साल में 200 किमी से ज्यादा नई रेलवे लाइन बिछाई, उसका दोहरी करण हुआ। लाखों करोड़ रुपए की योजनाएं अपने साथ रोजगार के भी नए अवसर लेकर आती है।

भाइयो बहनों।

नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास पूरे देश के ट्रांसपोर्ट सेक्टर को एक बहुत बड़ी मजबूती देगी। इसलिए इस साल के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर किए जाने वाले खर्च पर लगभग एक लाख रुपए की बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने इस बर्ष देशभर में 9 हजार किमी से ज्यादा नेशनल हाईवे बनाने का लक्ष्य रखा है। भारत माला परियोजना के तहत 5 लाख 35 हजार करोड़ की लागत से 35 हजार सड़कों का निर्माण किया जाएगा। सरकार देश के 6 सौ बड़े रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण का काम हाथ में ले रही है। इसके अलावा उड़ान योजना के तहत 56 नए एयरपोर्ट और 31 हैलीपेड का काम भी शुरू किया जाएगा। और मेरा एक सपना है हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज सफर कर सके, इतनी सस्ती हवाई सफर बने।

भाइयो बहनों।

हमारी सरकार रिफार्म, परफार्म और ट्रासफोर्म उस नीति पर चलते  हुए काम कर रही है। हम छोटी-छोटी मुश्किलों को पकड़कर उन्हें सुलझाते हैं। व्यवस्था में, नीतियों में, काम करने की नीति में, प्रायोरिटी में हम परिवर्तन लाते हैं। आप लोगों को पता है कि पहले की सरकारों में देश के किसानों को किस तरह यूरिया के लिए लाठियां खानी पड़ती थी। रात-रात जागना पड़ता था। किसान को फसल की बीमा के लिए ज्यादा प्रीमियम देना पड़ता था। अपनी फसल बेचने के लिए यहां-वहां दौड़ना पड़ता था। कितनी ही परेशानियां थी किसान के जिंदगी में। हमारी सरकार ने एक-एक परेशानी दूर करने के लिए संवेदनशीलता के साथ, किसानों की जरूरत के मुताबिक कदम उठाए। किसानों को संकट से बचाने के लिए हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की। और अधूरी सिंचाई योजना को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना शुरू की। अब आप देखिए एक तरफ भारत सरकार प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में अरबों रुपए खर्च करती हो, और जैसा अभी येदुरप्पा जी ने कहा कि वो मुख्यमंत्री बनने के बाद सिंचाई योजना के लिए एक लाख करोड़ रुपए कृषि सिंचाई के लिए देंगे। अब बताइए दिल्ली सरकार और कर्नाटक सरकार दोनों की ताकत मिल जाएगी तो हमारे किसानों के खेत में पानी पहुंचेगा कि नहीं पहुंचेगा ...। हमारा किसान मिट्टी में से सोना पैदा करेगा कि नहीं करेगा ...। आज कहीं से भी देश में यूरिया की किल्लत की खबर नहीं आती है। हमने उसके लिए नीतियों में बदलाव किया। यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग किया। और ये डिपार्टमेंट इसी शहर की संतान हमारा अनंत कुमार संभालता है। किसानों को 11 करोड़ स्वायल हेल्थ कार्ड बांटे। ऐसे अनेक कार्यों की वजह से देश का किसान और सशक्त हुआ है। और उसी का नतीजा है कि देश में अनाज और फल सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस बजट में सरकार द्वारा किसानों को फसल की सही कीमत मिले। इसके लिए एक बहुत बड़ा अहम फैसला हमने लिया। उसका दुरगामी परिणाम होने वाला है। सरकार ने तय किया है कि विभिन्न कृषि उत्पादों पर किसानों को जो लागत मूल्य होता है, इंवेस्टमेंट कोस्ट होती है, उसका डेढ़ गुणा, कम से कम डेढ़ गुणा राशि एमएसपी के रूप में दी जाएगी। एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय है और ये किसानों तक पहुंचे, किसानों को संतोष हो, उस प्रकार से मिले। इसके लिए राज्य सरकारों से मिलकर के इस काम को लागू किया जाएगा। और अगर किसान का बेटा येदुरप्पा मुख्यमंत्री बनेंगे तो मैं मानता हूं कि कर्नाटक में ये योजना सबसे ज्यादा सफल होगी। ये मुझे विश्वास है क्योंकि किसान के प्रति क्या लगाव है।

सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी का पूरा लाभ किसानों को मिले। इसके लिए भी केंद्र सरकार दिन-रात काम कर रही है। किसानों को फसल की ऊंची कीमत दिलाने के लिए ग्रामीण रिटेल एग्रीकल्चर मार्केट विकसित करने की योजना भी बनाई गई है। देश में 22 हजार से ज्यादा ग्रामीण हॉटों का विकास और 580 से ज्यादा बड़ी कृषि मंडियों के ऑनलाइन जुड़ने से किसानों को फसल बेचने में आसानी होगी और फसल की सही कीमत भी मिलेगी। फल और सब्जियां पैदा करने वाले किसान भी हमारे लिए टॉप प्रायोरिटी में हैं। जब मैं टॉप कहता हूं तब हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में जाइए, तीन सब्जियां जरूर नजर आएगी टोमेटो, ऑनियन और पोटेटो। और इसलिए मैं कहता हूं टॉप प्रायोरिटी। टोमेटो का टी, ऑनियन का ओ और पोटेटो का पी – टीओपी टॉप प्रायोरिटी। ऐसे पैदावार करने वाले किसानों को ध्यान में रखते हए ऑपरेशन ग्रीन्स की घोषणा की गई है। जैसे दूध के क्षेत्र में अमूल एक मॉडल बहुत कामयाब रहा। वैसे भी ऑपरेशन ग्रीन्स भी टमाटर, आलू, प्याज समेत सभी सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए, फल-फूल उगाने वाले किसानों के लिए एक एस्योर व्यवस्था देगा जो लाभकारी रहेगा। सरकार ने इस बजट में एक और बड़ा फैसला लिया है।



 

भाइयो बहनों।

सभी प्रकार के फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन, जिसमें फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी भी शामिल है। जो किसान मिलकरके बनाते हैं, उन्हें को-ऑपरेटिव जैसा बेनिफीट मिलता है वैसा ही इन संस्थाओं को भी आयकर माफ कर देने का बहुत बड़ा फैसला किया है।

भाइयो बहनों।  

इस बार गांव और कृषि क्षेत्र में लगभग साढ़े 14 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड आवंटन किया गया है, गांव और किसान के विकास के लिए। 51 लाख नए घर, तीन लाख किमी से भी ज्यादा ग्रामीण सड़कें, करीब-करीब 2 करोड़ से ज्यादा शौचालय, पौने दो करोड़ घरों में बिजली का कनेक्शन, इसका सीधा लाभ देश का गरीब, शोषित, वंचित, दलित, आदिवासी भाइ बहन को मिलेगा। गांव में सुविधाएं बढ़ेगी तो गांवों से पलायन भी कम होगा और शहरों पर दबाव भी कम होगा। लेकिन मैं ये जानना चाहता हूं। क्या किसानों के प्रति ऐसी संवेदनशीलता यहां की कांग्रेस सरकार ने दिखाई है क्या ...। केंद्र में रही पहले की कांग्रेस सरकारों ने कभी दिखाई है क्या ...।

भाइयो बहनों।

देश भलीभांति जानता है कि उन्होंने देश और राज्य कैसे चलाए हैं। आप तो अभी भी जानते हैं पूरी तरह। कर्नाटक में सूखे के दौरान राज्य सरकार का रवैया कैसा रहा? इसी से पता चलता है कि कांग्रेस सरकार किसानों के हितों के लिए कितनी गंभीर है।

भाइयों बहनों।

देश के मध्यम वर्ग से आ रहे युवाओं की एस्पेरेशन्स, देश के विकास के लिए इसका महत्व है। और ये मध्यम वर्ग के परिवारों का जो युवा हैं, उनका एसपेरेशन, उनका काम करने का जज्बा। मैं समझता हूं कि देश को एक नई ताकत देता है। इसलिए हमारी सरकार ने स्किल इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं का पूरे देश में क्रम चलाया है। स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड बनाकर और उन्हें टैक्स में छूट देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसका सीधा-सीधा लाभ मध्यम वर्ग का नौजवान प्राप्त करेगा। और हम भली भांति जानते हैं कि मध्यम वर्ग के बैकग्राउंड वाला नौजवान जॉब सिकर नहीं जॉब क्रिएटर बनना चाहता है। वो अपने दम पर कुछ करना चाहता है। लेकिन अपना काम शुरू करने के लिए पहले वह जब बैंक के पास जाता था तो उसे बैंक वाले गारंटी मांगते थे। उतनी व्यवस्था होती तो वो बैंक के पास आता ही क्यों?

भाइयों बहनों।

इस समस्या का हमने समाधान किया। मुद्रा योजना के तहत हमारी सरकार ने स्वरोजगार के तहत बैंक गारंटी देने की बाध्यता को खत्म कर दिया। इस योजना में पिछले तीन वर्षों में देश को 3 करोड़ नए इंटरपेन्योर दिए हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने अपना काम शुरू किया है, जो स्वरोजगार कर रहे हैं और किसी न किसी को रोजगार दे रहे हैं। इस वर्ष के बजट में सरकार ने मुद्रा योजना द्वारा लोगों को स्वरोजगार के लिए 3 लाख करोड़ रुपए कर्ज देने का लक्ष्य रखा है। आप कल्पना कर सकते हैं कि मध्यम वर्गीय नौजवानों के हाथ में जब 3 लाख करोड़ रुपए जब आएगा तो देश को कहां से कहां ले जाएंगे। मैं इस बात को भलीभांति जानता हूं। बजट में देश के सूक्ष्म, लघु, और मध्यम उद्योग यानि MSME को भी टैक्स में बड़ी राहत दी गई है। जिन कंपनियों का टर्न ओवर 250 करोड़ से कम है, उनके लिए इनकम टैक्स की दर को घटा कर अब 25 प्रतिशत कर दिया गया है, 5 प्रतिशत कम कर दिया है। और सरकार ने दूसरी तरफ मेक इन इंडिया का मूवमेंट चलाते हुए डिफेंस प्रोडक्शन भारत में हो, उसके लिए जो पॉलिसी बनाई है, वो भी देश के छोटे-छोटे उद्यमों को बहुत बड़ा फायदा पहुंचाएगी। सरकार का ये प्रयास, मेक इन इंडिया को भी बल देंगे। नौजवानों को रोजगार देंगे। नए उद्यमकारों को प्रोत्साहन देंगे। और हम भली भांति जानते हैं कि हमारे देश MSME सेक्टर प्रमुखत: मध्यम वर्ग के लोगों के पास, उच्च मध्य वर्ग के लोगों से जुड़ा हुआ है। इससे इन वर्गों को भी विशेष लाभ होने वाला है। लेकिन कर्नाटक में एक तरफ देश, भारत सरकार, भाजपा सरकार देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है। लेकिन कर्नाटक में ऐसी सरकार बैठी है, जहां उल्टी गंगा बहती है। आधुनिक इको सिस्टम तो दूर की बात है। यहां कानून के राज से ज्यादा अपराधियों का राज नजर आता है। बैंगलुरू में भी इस तरह अपराधी तत्व सामान्य नागरिक के जीवन को परेशान कर रखा है। आप लोगों ने खुद ने महसूस किया है। पूरी दुनिया में इज ऑफ डूइंग की चर्चा होती है। उस दिशा में प्रयास होते हैं। हमारी सरकार एक कदम आगे बढ़कर के इज ऑफ डूइंग बिजनस के साथ-साथ इज ऑफ लिविंग की बात कर रही है। लेकिन कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की रहते हुए यहां इज ऑफ, इज ऑफ डूइंग मर्डर की चर्चा होती है। स्थिति ये है कि कर्नाटक सरकार का राजनीतिक विरोध करना भी जान जोखिम में डालने के बराबर हो गया है। विरोध करने वाले को विरोध की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़े। ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है। उस राज्य सरकार के लिए शर्मनाक है। जिस तरह से कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं की लगातार हत्याएं हो रही है। मैं कर्नाटक की जनता से कहूंगा कि इन नौजवानों की हत्याओं से सामाजिक जीवन के फेब्रिक को गहरी चोट पहुंचाई है। इस चोट का जवाब वोट से देना है। यहां की सरकार को उठाकर फेंक देना है।

साथियों।

कर्नाटक को अपराध मुक्त होने के साथ-साथ भ्रष्टाचार मुक्त होने का भी समय आ गया है। कांग्रेस मुक्त कर्नाटक का सपना सच होने में अब बहुत समय नहीं बचा है। कांग्रेस मुक्त कर्नाटक का मतलब है भ्रष्टाचारवाद, भाई-भतीजावाद, वंशवाद, बांटो और राज करो, विभाजन की राजनीति, ये सारी सोच से कर्नाटक से मुक्त करना है।

भाइयो बहनों।

कर्नाटक की सरकार भ्रष्टाचार में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। तमाम योजनाओं, सरकारी अभियान में कमीशनखोरी की खबरें, ये रोजमर्रा का हिसाब है यहां। कभी ढाई सौ करोड़, कभी ढाई हजार करोड़। मुझे बताया गया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की पहचान 10 परसेंट सरकार, 10 परसेंट की तरह होती है। और 10 परसेंट का चढ़ावा दिए बिना यहां कोई काम संभव नहीं होता है। ये 10 परसेंट की चटकी अगर ये सरकार की पहचान बन जाए तो सामान्य मानवी का सरकार पर भरोसा कैसे हो सकता है? स्थिति ये है कि राज्य के दो-दो मंत्री और कांग्रेस के एक बड़े नेता के यहां छापे पड़ चुके हैं। कांग्रेस के कई नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। कई मंत्री बेनामी संपत्ति के आरोप से घिरे हुए हैं। बिल्डर माफिया, सेंड माफिया, ट्रांसफर माफिया, अनगिणत माफिया, इनका खुला खेल आज कर्नाटक में चल रहा है, नंगा नाच चल रहा है। बैंगलुरू के लोगों ने खुद को देखा कि कैसे स्टील ब्रिज के निर्माण के लिए, स्टील ब्रिज के निर्माण के लिए कर्नाटक में बड़े-बड़े लोगों के द्वारा बड़ी-बड़ी साजिश रची गई। ये तो बैंगलुरू के लोगों का गुस्सा, बीजेपी के विरोध का असर था कि कांग्रेस सरकार को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा वर्ना स्टील ब्रिज के नाम कुछ लोग करोड़ों रुपए का खेल खेलना चाहते थे। कर्नाटक के लोग ऐसे हैं, भाइयो बहनों। पूरा देश कर्नाटक के लोगों पर गर्व करता है। कर्नाटक के लोग ऐसे हैं जो देश के विकास को भी गति दे रहे हैं। देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। कल ही आपने देखा होगा कि कैसे हमारी अंडर-19 क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीता।

और भाइयो बहनों।

हर हिन्दुस्तानी को इस बात का गौरव है कि अंडर-19 टीम ने जो करतब दिखाया है, उसके पीछे इसी धरती के सपूत टीम के कोच राहुल द्रविड की मेहनत की प्रशंसा कम नहीं है। ये कर्नाटक की संस्कृति है जो निस्वार्थ भाव से काम करना सिखाती है। ये कर्नाटक का संस्कृति है जो दूसरों के लिए जीना सिखाती है। लेकिन आज यहां ऐसी सरकार है जो कर्नाटक के लोगों की पूरी मेहनत पर पानी फेर रही है। कांग्रेस सरकार ने अपनी पार्टी की परंपरा पर चलते हुए सिर्फ अपना और अपने लोगों को भला किया है। बाकी कर्नाटक के लोग कैसे जी रहे हैं और कैसे रह रहे हैं। इससे कांग्रेस सरकार को कोई लेना देना नहीं है।

भाइयो बहनों।

केंद्र सरकार 2022 तक, 2022, आजादी के 75 साल, हमारा सपना है, हर गरीब, निम्न वर्ग के हर व्यक्ति को घर देने के लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में घर बनवाए जा रहे हैं। सरकार घर निर्माण के लिए ब्याज दरों में छूट भी दी रही है। लेकिन कर्नाटक सरकार ऐसे विषय पर भी गंभीर नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत कर्नाटक के लिए अब तक 3 लाख 36 हजार घरों को स्वीकृति दी गई, 3 लाख 36 हजार घरों को स्वीकृति दी गई लेकिन इसमें से अब तक सिर्फ भाइयों बहनों, कर्नाटक के लोगों को एक आंकड़ा सुनकरके कर्नाटक सरकार को निकाल देना पड़ेगा। सिर्फ और सिर्फ 38 हजार घर का निर्माण कर पाए हैं। अभी भी अब तक दो लाख घरों के लिए काम भी शुरू नहीं किया है। आप मुझे बताइए। क्या गरीबों के लिए, मध्यम वर्ग के लिए संवेदनशील कोई सरकार ऐसी लापरवाही कर सकती है क्या ...। कभी नहीं कर सकती है। स्वच्छ भारत अर्बन को लेकर भी कर्नाटक सरकार उदासीन हैं। और मैं जानता हूं कि कर्नाटक के शहरों में इतने नए नौजवान एनजीओ के रूप में काम करते हैं। डेडिकेटेड हैं, पढ़े-लिखे लोग सब लोग हैं। लेकिन उसके बावजूद यहां की सरकार उदासीन हैं। शहरी इलाके में लगभग साढ़े 3 लाख व्यक्तिगत शौचालय बनाए जाने थे। वहां केवल एक लाख 32 हजार टॉयलेट का ही निर्माण किया गया है। यानि सिर्फ 30 से 40 परसेंट काम हुआ है।

भाइयों बहनों।

केंद्र सरकार ने कर्नाटक को स्वच्छ भारत मिशन अर्बन के लिए 247 करोड़ रुपए रिलीज किए थे। इसका 70 करोड़, 70 करोड़ अब तक खर्च भी नहीं कर पाए। एक तरफ तो शहर को स्वच्छ करने के लिए लोग आंदोलन कर रहे हैं। वहीं केंद्र ने जो पैसा भेजा है, उसे ये सरकार खर्च नहीं कर पा रही है। और कांग्रेस को, कर्नाटक की जनता को, बैंगलुरू की जनता को इन सवालों के जवाब देने पड़ेंगे। इसी तरह स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राज्य सरकार को 836 करोड़ रुपए रिलीज किए गए। लेकिन कांग्रेस सरकार सिर्फ, 836 करोड़ में से सिर्फ 143 करोड़ रुपए का काम आरंभ कर पाएं है। अब भी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कर्नाटक सरकार को दिए गए 309 करोड़ रुपया राज्य सरकार की तिजौरी में सड़ रहे हैं। कांग्रेस की प्राथमिकता में गरीब, मध्यम वर्ग कहीं नजर नहीं आता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना केंद्र द्वारा दिए करीब-करीब 100 करोड़ रुपए भी कर्नाटक सरकार खर्च नहीं कर पाई है। एक अहम तथ्य ये भी है कि दक्षिण भारतीय राज्यों में पब्लिक हेल्थ पर अगर किसी राज्य सरकार ने सबसे कम खर्च किया है तो उस राज्य का नाम कर्नाटक है, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार है। इस साल की बजट ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। आयुष्मान भारत योजना दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी योजना है। हमारे देश के गरीबों की, निम्न मध्यम वर्ग की सबसे बड़ी चिंता होती है कि अगर वो बीमार पड़ गया या उसे कुछ ऐसा हो गया, जिसके इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो सबसे पहले वह यही सोचता है कि इलाज के लिए पैसे कहां से आएंगे। अगर अस्पताल में भर्ती के लिए किसी तरह इलाज के पैसे का इंतजाम हो भी जाता है तो अस्पताल में गुजरने वाला हर दिन उसके लिए नई चिंता बनकर के आता है। इलाज के लिए मजबूरी में फंसा परिवार कहीं से भी पैसा का इंतजाम कहीं से भी करता है। और अकसर सूदखोरों के जाल में फंसता है। अधिक पैसे की आवश्यकता होने पर घर के सामान बिकते हैं। जमीन, जानवर, धन, दौलत सबकुछ बिक जाता है। देश के ऐसे 10 करोड़ परिवार यानि करीब-करीब 40 से 50 करोड़ नागरिक को केंद्र सरकार अब हेल्थ इंश्योरेंस दे रही है। सरकारी खर्च से शुरू हुई ये दुनिया की, दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। गंभीर बीमारी के इलाज के समय सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत एक परिवार को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाएगा। उस परिवार उपचार के लिए 5 लाख रुपए तक खर्च करेगी, वो 5 लाख रुपए का खर्चा भारत सरकार देगी भाइयों।

भाइयो बहनों।

ये सरकार टुकड़ों-टुकड़ों में नहीं, बल्कि समग्रता में काम करती है। देश की स्वास्थ्य सेवाओं की सुधार के लिए भाजपा के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार ने व्यापक स्तर पर काम किया है। नए एम्स का गठन हो, देशभर के मेडिकल कॉलेजों का आधुनिकीकरण हो, 13 हजार से ज्यादा एमबीबीएस नई सीटें जोड़ी गई हो, 6 से 7 हजार से ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट की नई सीटें जोड़ी गई हो, अब इस बजट में डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर, डेढ़ लाख पंचायतों मे वेलनेस सेंटर और 24 नए मेडिकल कॉलेज की भी हमने बजट में ऐलान किया। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से देश की स्वास्थ्य सेवा और विकसित होगी, और मजबूत होगी। दूर दराज इलाकों में रहने वाले गरीबों की जिंदगी को भी आसान बनाएगी। इस योजना के माध्यम से सरकार गरीबों के प्रीमियम का पैसा अपनी तरफ से देगी और इलाज के दौरान खर्च हुई राशिबीमा कंपनियों के द्वारा आ जाएंगे। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण तथ्य ये भी है कि  10 करोड़ गरीब परिवार यानि लगभग 50 करोड़ गरीब नागरिकों को लाभ मिलेगा, वो पहले से चिन्हित किए जा चुके हैं। जब देश के गरीब को समय पर इलाज मिलेगा, गंभीर बीमारी का बेहतर इलाज मिलेगा। तो बार-बार बीमार होने का उसका सिलसिला भी रूकेगा। नए अस्पताल बनेंगे। गरीब और मध्यम वर्ग के लाखों बेटे-बेटियों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। कम बीमारी बेहतर स्वास्थ्य का सीधा और सकारात्मक असर देश के विकास पर पड़ेगा। देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

साथियों।

जब केंद्र में एनडीए की सरकार को कर्नाटक में बीजेपी की सरकार का साथ मिलेगा तो योजनाओं की गति और बढ़ेगी। यहां कर्नाटक में डबल ताकत के साथ विकास होगा। बीजेपी की सरकार का मतलब है सिर्फ और सिर्फ विकास। और कांग्रेस सरकार का मतलब है भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण, जातिवाद, वंशवाद। हाल ही में कांग्रेस ने अपनी तुष्टीकरण की राजनीति का एक और परिचय दिया। हमारी सरकार मुस्लिम समाज की बहन बेटियों को उनका हक दिलाने के लिए संसद में तीन तलाक पर बिल लेकर आई है। लेकिन कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति एक बार फिर मुस्लिम महिलाओं के सामने आकर खड़ी हो गई। उनके हक को छीनने के लिए खड़े हो गए हैं। कांग्रेस तीन तलाक से जुड़े बिल को लटकाने का प्रयास कर रही है। इतना ही नहीं, ओबीसी के लोग, वर्षों से ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा मिले, इसकी मांग कर रहे हैं। तीन-तीन दशकों तक से इसे लटकाए रखा है। जब हम इसको लेकर बिल लाएं हैं तो ये कांग्रेस उसको भी पार्लियामेंट में लटकाकर बैठी हुई है।

भाइयो बहनों।

हम देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए सबको साथ लेकरके आगे बढ़ना चाहते हैं। हमारे देश में साधन-संसाधन और सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है। न्यू इंडिया के लिए हम सभी ने मिलकर जो संकल्प लिया है। उसे कर्नाटक में बनने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार से और बल मिलेगा।

भाइयो बहनों।

कर्नाटक दल्ली कांग्रेस एनवरू हरनी वरू केसरी निंदले नोरारू कमलग हरक लिवे बीजेपी विजयती अभूतपूर्व जय गल श्रीगे नन विश्वास। एक बार फिर बैंगलुरू के लोगों का, कर्नाटक के लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद। आप सबने इतना परिश्रम किया। 85 दिन की यात्रा, कर्नाटक का कोना-कोना छान मारा। आप सब नए कर्नाटक के निर्माता हैं। आप सब न्यू इंडिया को बनाने के लिए न्यू कर्नाटक बनाकरके देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले लोग हैं। यहां पर आपके परिश्रम को नमन करता हूं, आपके पुरुषार्थ को नमन करता हूं, आपकी इस प्रतिबद्धता को विश्वास करता हूं। मुझे विश्वास है कर्नाटक की भलाई के लिए ईमानदारी के साथ निकल पड़े हैं। विजय आपका इंतजार कर रहा है। बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय।

 

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PM chairs 45th PRAGATI Interaction
December 26, 2024
PM reviews nine key projects worth more than Rs. 1 lakh crore
Delay in projects not only leads to cost escalation but also deprives public of the intended benefits of the project: PM
PM stresses on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of families affected during implementation of projects
PM reviews PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana and directs states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner
PM advises conducting workshops for experience sharing for cities where metro projects are under implementation or in the pipeline to to understand the best practices and key learnings
PM reviews public grievances related to the Banking and Insurance Sector and emphasizes on quality of disposal of the grievances

Prime Minister Shri Narendra Modi earlier today chaired the meeting of the 45th edition of PRAGATI, the ICT-based multi-modal platform for Pro-Active Governance and Timely Implementation, involving Centre and State governments.

In the meeting, eight significant projects were reviewed, which included six Metro Projects of Urban Transport and one project each relating to Road connectivity and Thermal power. The combined cost of these projects, spread across different States/UTs, is more than Rs. 1 lakh crore.

Prime Minister stressed that all government officials, both at the Central and State levels, must recognize that project delays not only escalate costs but also hinder the public from receiving the intended benefits.

During the interaction, Prime Minister also reviewed Public Grievances related to the Banking & Insurance Sector. While Prime Minister noted the reduction in the time taken for disposal, he also emphasized on the quality of disposal of the grievances.

Considering more and more cities are coming up with Metro Projects as one of the preferred public transport systems, Prime Minister advised conducting workshops for experience sharing for cities where projects are under implementation or in the pipeline, to capture the best practices and learnings from experiences.

During the review, Prime Minister stressed on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of Project Affected Families during implementation of projects. He further asked to ensure ease of living for such families by providing quality amenities at the new place.

PM also reviewed PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana. He directed to enhance the capacity of installations of Rooftops in the States/UTs by developing a quality vendor ecosystem. He further directed to reduce the time required in the process, starting from demand generation to operationalization of rooftop solar. He further directed states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner.

Up to the 45th edition of PRAGATI meetings, 363 projects having a total cost of around Rs. 19.12 lakh crore have been reviewed.