Gujarat’s mantra of development is ‘Inclusive Growth through Collective Efforts’, says Narendra Modi

Ahmedabad, Tuesday: Gujarat Chief Minister Narendra Modi today reiterated his confidence that his ‘Sadbhavna Mission’ would lend new colour to politics in the India. It establishes the values of six-crore Gujaratis.

Rounding up his day-long Sadbhavna fast at Mehsana as part of his state-wide ‘Sadbhavna Mission’ to hold such fasts at 33 places, he said the mission is to serve the society.

Mr. Modi said that he is aware that Gujarat’s development model is now being discussed even abroad, but the people’s unprecedented response at different places during Sadbhavna fasts confirms its message is reaching nooks and corners of the state, too.

Many people may not have yet an idea of the extent of development taking place in all fields in the state. Gujarat tops the nation in implementation of 20-Point Programme for the last ten years. It is because Gujarat cares about the poor. Incidentally, the top five states in the implementation of the 20-Point Programme are non-UPA Governments.

He said that he is too overwhelmed by the people’s love and affection. It gives him strength to work more with greater vigour. Nearly 11,000 people voluntarily joining his fast is no small incidence. It could not be exactly defined in political parlance.

Mr. Modi said that Sadbhavna mission is simple and yet has tremendous strength. He said that Gujarat’s mantra of development is ‘Inclusive Growth through Collective Efforts’, taking people along, rising above the decades-old politics of divide and rule, rising above politics of casteism and communalism. One could see some development taking place within 25 km.

Talking about Mehsana, he said that 150-km corridor is set to undergo face change with the ambitious Delhi Mumbai Industrial Corridor passing through the district.

The Chief Minister on the occasion announced new development projects worth Rs.2,555-crore for the district.

Prominent among those who spoke at the function included Revenue Minister Anandiben Patel, Water Resources Minister Nitinbhai Patel, BJP Vice-President Purshottam Patel, BJP State President R. C. Faldu, Labour Minister Liladhar Vaghela, Natubhai Thakor, MP, Chankarbhai Thakor, MLA, and Dudhsagar Dairy Chairman Vipulbhai Choudhary

सद्भावना मिशन : महेसाणा

छह करोड़ गुजरातियों की नैतिकता का अधिष्ठान है सद्भावना मिशन : मुख्यमंत्री

महेसाणा जिले के विकास कार्यों के लिए 2555 करोड़ की घोषणा

11000 लोगों ने किया स्वेच्छा से उपवास

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अहमदाबाद, मंगलवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महेसाणा में सद्भावना मिशन के एक दिवसीय उपवास का समापन करते हुए कहा कि सद्भावना मिशन तो छह करोड़ गुजरातियों की नैतिकता का अधिष्ठान है।

श्री मोदी के सद्भावना मिशन में आज महेसाणा जिले के गांव-गांव से अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ पड़ा था। मुख्यमंत्री के साथ-साथ 11,000 नागरिकों ने भी अनशन कर इस सात्विक यज्ञ में अपना योगदान दिया।

महेसाणा जिले की विकासयात्रा को और भी शक्ति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने 2555 करोड़ के नए विकास कार्यों की घोषणा की, जिसका उपस्थित विशाल जनसमूह ने जोरदार स्वागत किया।

जनशक्ति की अपार स्नेहवर्षा से भावविभोर हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, सद्भावना मिशन की ताकत ऐसी है कि सात्विक होने के बावजूद इसकी सत्शक्ति ही हिन्दुस्तान की राजनीति का रंग बदल कर रख देगी। उन्होंने कहा कि मिशन में उमड़ रही समाजशक्ति को राजनीतिक तराजू से नहीं तौला जा सकता।

उन्होंने कहा कि सद्भावना मिशन तो समाजशक्ति की सेवा का प्रगटीकरण है। यदि यह वातावरण घर-घर पहुंचे तो कुपोषण का नामोनिशान मिटाया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा कि, समग्र विश्व में गुजरात के विकास की चर्चा है। उनकी सरकार गरीबों की भलाई के लिए गरीबोन्मुखी बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अमलीकरण में लगातार दस वर्षों से देश में प्रथम नंबर पर है। यहां तक कि पहली पांच पायदान पर यूपीए गठबंधन की एक भी सरकार नहीं है। उन्होंने कहा कि, यही गुजरात की गरीबों के प्रति संवेदना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का एक ही मंत्र है, गुजरात का विकास और हमारा संकल्प है सबका साथ-सबका विकास। पहले की परिस्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जातिवाद और संप्रदायवाद के जहर और कौमी दंगों ने समाज को अशांति की आग में धकेल दिया था। इसकी वजह उनकी राजनीति थी जो फूट डालो और राज करो की नीति पर आधारित थी। जबकि आज किसी भी दिशा में 25 किलोमीटर के व्यास में विकास का कोई न कोई काम अंजाम दिया जा रहा है। वजह साफ है, जनता के पैसों का दुरुपयोग करने वाले और दलाल कंपनियों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है।

श्री मोदी ने मार्मिक शब्दों में कहा कि जनता का इतना अधिक प्रेम मिलने पर सभी को आनन्द की अनुभूति होती है लेकिन इससे उनकी पीड़ा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि, समूची दुनिया में राज्य सरकार की प्रशंसा हो रही है।

लेकिन अपने वतन की सरजमीं पर इतने प्रेम की प्राप्ति, यही मेरी अनमोल अमानत है जो मुझे आपकी सेवा करने की अनोखी ऊर्जा देती है। आज दस वर्षों बाद मैं कह सकता हूं कि मुझे इस बात का संतोष है कि, मेरे किसी कार्य से गुजरात को सिर नहीं झुकाना पड़ा। साथ ही मुझे इस बात का गर्व भी है कि आज ऐसी गौरवपूर्ण स्थिति का निर्माण हुआ है कि दुनिया में प्रत्येक गुजराती की छाती चौड़ी हुई है और वह सिर उठा के जी रहा है।

उन्होंने कहा कि मुझे जो काम सौंपा गया है उसे मैं पूरी निष्ठा और प्रामाणिकता से अंजाम दे रहा हूं और इसके लिए मैने अपने जीवन के दस वर्ष के प्रत्येक पल का उपयोग किया है। आपने भी जिस उदारता से मुझ पर प्रेम बरसाया है उसे मैं वंदन करता हूं। किसी भी राजनैतिक विश्लेषक के लिए इसका मूल्यांकन करना संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महेसाणा जिले में विकास कार्यों से कायापलट होने वाली है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के चलते इस इलाके में विकास को नई उड़ान मिलने वाली है।

January 10, 2012

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.