Published By : Admin | February 29, 2024 | 16:03 IST
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নয়াদিল্লি, ২৯ ফেব্রুয়ারি ২০২৪।। প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদীর পৌরহিত্যে কেন্দ্রীয় মন্ত্রিসভার বৈঠকে প্রধানমন্ত্রী সূর্য ঘর : বিনামূল্যে সৌর বিদ্যুৎ যোজনা অনুমোদন দেওয়া হয়েছে, যার আওতায় দেশে এক কোটি পরিবারের ছাদে সৌর বিদ্যুৎ স্থাপন এবং প্রতি মাসে ৩০০ ইউনিট পর্যন্ত বিনামূল্যে বিদ্যুৎ দেওয়ার জন্য মোট ৭৫,০২১ কোটি টাকা ব্যয়ের অনুমোদন দেওয়া হয়েছে। গত ২০২৪ সালের ১৩ ফেব্রুয়ারি প্রধানমন্ত্রী এই প্রকল্পের সূচনা করেন।
এই প্রকল্পের প্রধান বিশেষত্বগুলির মধ্যে রয়েছে:
আবাসনের ছাদে সৌর বিদ্যুৎ ব্যবস্থার জন্য কেন্দ্রীয় আর্থিক সহায়তা (সিএফএ)
এই প্রকল্পটি ২ কিলোওয়াট ব্যবস্থার জন্য সিস্টেম ব্যয়ের ৬০ % এবং ২ থেকে ৩ কিলোওয়াট ক্ষমতার মধ্যে সিস্টেমের জন্য অতিরিক্ত সিস্টেম ব্যয়ের ৪০ % সিএফএ সরবরাহ করা হবে । সিএফএ সর্বোচ্চ ৩ কিলোওয়াট পর্যন্ত সীমাবদ্ধ থাকবে বর্তমান বেঞ্চমার্ক দামে, এর অর্থ ১ কিলোওয়াট সিস্টেমের জন্য ৩০,০০০ টাকা, ২ কিলোওয়াট সিস্টেমের জন্য ৬০,০০০ টাকা এবং ৩ কিলোওয়াট বা তার বেশি সিস্টেমের জন্য সর্বোচ্চ ৭৮,০০০ টাকা পর্যন্ত ভর্তুকি দেওয়া হবে।
পরিবারগুলি জাতীয় পোর্টালের মাধ্যমে ভর্তুকির জন্য আবেদন করতে পারবেন এবং ছাদে সৌর বিদ্যুৎ ব্যবস্থা স্থাপনের জন্য উপযুক্ত ভেন্ডর বা বিক্রেতা নির্বাচন করতে সক্ষম হবেন । ন্যাশনাল পোর্টাল, উপযুক্ত সিস্টেম সাইজ, বেনিফিট ক্যালকুলেটর, ভেন্ডর রেটিং ইত্যাদির মতো প্রাসঙ্গিক তথ্য সরবরাহ করে পরিবারগুলিকে তাদের সিদ্ধান্ত গ্রহণ প্রক্রিয়ায় সহায়তা করবে। ৩ কিলোওয়াট পর্যন্ত আবাসিক আরটিএস সিস্টেম স্থাপনের জন্য পরিবারগুলি বর্তমানে প্রায় ৭% জামানতবিহীন ঋণে স্বল্প সুদে পণ্য সংগ্রহ করতে সক্ষম হবেন। প্রকল্পের অন্যান্য বৈশিষ্ট্য
গ্রামীণ এলাকায় রুফটপ সোলার ব্যবস্থা গ্রহণের জন্য রোল মডেল হিসেবে কাজ করতে দেশের প্রতিটি জেলায় একটি করে মডেল সোলার ভিলেজ গড়ে তোলা হবে। শহরাঞ্চলীয় স্থানীয় সংস্থা এবং পঞ্চায়েতি রাজ প্রতিষ্ঠানগুলিও তাদের অঞ্চলে আরটিএস ইনস্টলেশনের প্রচারের জন্য ব্যবস্থা নিতে পারবে। এই প্রকল্পটি পুনর্নবীকরণযোগ্য শক্তি পরিষেবা সংস্থা (RESCO) ভিত্তিক মডেলগুলির জন্য অর্থ প্রদানের সুরক্ষার পাশাপাশি আরটিএসে উদ্ভাবনী প্রকল্পগুলির জন্য একটি তহবিল সরবরাহ করবে ।
ফলাফল এবং প্রভাব
প্রস্তাবিত প্রকল্পের ফলে আবাসিক খাতে রুফটপ সোলারের মাধ্যমে ৩০ গিগাওয়াট সৌর ক্ষমতা যোগ করা হবে, ১০০০ বিইউ বিদ্যুৎ উৎপাদন করা হবে এবং এর ফলে রুফটপ সিস্টেমের ২৫ বছরের জীবনকালে ৭২০ মিলিয়ন টন কার্বন ডাই অক্সাইড সমতুল্য নির্গমন হ্রাস পাবে।
অনুমান করা হচ্ছে যে এই প্রকল্পটি উত্পাদন, সরবরাহ, সরবরাহ শৃঙ্খল, বিক্রয়, ইনস্টলেশন, ওএম এবং অন্যান্য পরিষেবাগুলিতে প্রায় ১৭ লক্ষ সরাসরি কর্মসংস্থান তৈরি করবে।
পিএম-সূর্য ঘরের সুবিধা গ্রহণ: মুফত বিজলি যোজনা
এই প্রকল্প চালু হওয়ার পর থেকেই সচেতনতা বৃদ্ধি এবং আগ্রহী পরিবারগুলির কাছ থেকে আবেদন গ্রহন করার জন্য সরকার একটি বিশাল প্রচার শুরু করেছে। পরিবারগুলি নিজেরাই আবেদনের জন্য নিবন্ধন করতে পারবে।
Text of PM’s address at the News9 Global Summit via video conferencing
November 22, 2024
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गुटेन आबेन्ड
स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!
मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!
Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।
साथियों,
इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।
साथियों,
यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।
साथियों,
भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।
साथियों,
आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।
साथियों,
जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।
साथियों,
आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।