সাংহাই সহযোগিতা সংগঠনের (এসসিও) রাষ্ট্রপ্রধানদের পরিষদের ২২তম বৈঠকে উজবেকিস্তানের রাষ্ট্রপতি শ্রী শওকত মিরজিয়োয়েভ-এর আমন্ত্রণে প্রধানমন্ত্রী শ্রী নরেন্দ্র মোদী বৃহস্পতিবার সন্ধ্যায় উজবেকিস্তানের সমরকন্দে পৌঁছেছেন।

সমরকন্দে পৌঁছানোর পর উজবেকিস্তানের প্রধানমন্ত্রী শ্রী আব্দুল্লা আরিপোভ প্রধানমন্ত্রীকে স্বাগত জানান। বিমান বন্দরে সেইসময় সমরকন্দের গভর্নর সহ উজবেকিস্তানের শীর্ষ আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন।

শুক্রবার ১৬ সেপ্টেম্বর সকালে প্রধানমন্ত্রী এসসিও শিখর সম্মেলনে যোগ দেবেন এবং সম্মেলনে অংশগ্রহণকারী বিভিন্ন নেতা এবং রাষ্ট্রপতির সঙ্গে পৃথক পৃথক বৈঠক করবেন।

  • Ranjeet Kumar September 27, 2022

    jay sri ram
  • Chowkidar Margang Tapo September 25, 2022

    Jai jai jai shree ram 🐏♈
  • MOHANKRISHNA sundarrajaiyer September 23, 2022

    ON 15/09/2022 I HAD WISHED BIRTH DAY GREETINGS.IN THESE COLUMNS when Sri MODIJI was in SAMARKHAND AS MODIJI INITIATED INTERNATIONAL YOGA DAY HE HAS POWERFUL INTUITION AND POWERFUL LEADERSHIP .WISH MANY HAPPY RETURNS OF HIS BIRTH DAY From MOHANKRISHNA AND FAMILY. I HAVE LOST 90% VISION IN MY RIGHT EYE AND DIABETIC RETINOPATHY SURGERY IN BOTH EYES.
  • Sudhir kumar modi September 21, 2022

    vande matram vande matram vande matram vande matram vande matram vande matram vande matram
  • Ranjeet Kumar September 20, 2022

    jay sri ram🙏
  • Raj kumar Das September 19, 2022

    शुभकामनाएं साहेब🙏🏻💐💐
  • Manda krishna BJP Telangana Mahabubabad District mahabubabad September 19, 2022

    🇮🇳💐
  • Chowkidar Margang Tapo September 18, 2022

    Jai jai jai jai shree ram ♈🐏🐏🐏🐏🐏
  • SRS SwayamSewak of RSS September 18, 2022

    सनातन धर्म संस्कृति को जीवित रखने वाले महाराज भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाला असली राजा कौन था ? कौन था वह राजा जिसके राजगद्दी पर बैठने के बाद उनके श्रीमुख से देववाणी ही निकलती थी और देववाणी से ही न्याय होता था ? कौन था वह राजा जिसके राज्य में अधर्म का संपूर्ण नाश हो गया था ? *महाराजा वीर विक्रमादित्य* बड़े ही दुख की बात है कि महाराजा विक्रमादित्य के बारे में देश को लगभग शून्य बराबर ज्ञान है। जिन्होंने भारत को सोने की चिड़िया बनाया था और स्वर्णिम काल लाया था। उज्जैन के राजा थे गन्धर्वसैन। उनके तीन संताने थी, सबसे बड़ी लड़की थी मैनावती, उससे छोटा लड़का भृतहरि और सबसे छोटा वीर विक्रमादित्य... बहन मैनावती की शादी धारानगरी के राजा पदमसैन के साथ कर दी, जिनके एक लड़का हुआ गोपीचन्द, आगे चलकर गोपीचन्द ने श्री ज्वालेन्दर नाथ जी से योग दीक्षा ले ली और तपस्या करने जंगलों में चले गए।फिर मैनावती ने भी श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से योग दीक्षा ले ली। आज ये देश और यहाँ की संस्कृति केवल विक्रमादित्य के कारण अस्तित्व में है। सम्राट अशोक ने बोद्ध धर्म अपना लिया था और बोद्ध बनकर 25 साल राज किया था। भारत में तब सनातन धर्म लगभग समाप्ति पर आ गया था, देश में बौद्ध और अन्य हो गए थे। रामायण और महाभारत जैसे धर्म ग्रन्थ खो गए थे, महाराजा विक्रम ने ही पुनः उनकी खोज करवा कर स्थापित किया। विष्णु और शिव जी के मंदिर बनवाये और सनातन धर्म को बचाया। विक्रमादित्य के 9 रत्नों में से एक कालिदास ने "अभिज्ञान शाकुन्तलम्" लिखा। जिसमे भारत का इतिहास है। अन्यथा भारत का इतिहास क्या हम भगवान् श्री कृष्ण और प्रभु श्री राम को भी खो चुके थे। हमारे ग्रन्थ ही भारत में खोने के कगार पर आ गए थे। उस समय उज्जैन के राजा भृतहरि ने राज छोड़कर श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से योग की दीक्षा ले ली और तपस्या करने जंगलों में चले गए, राज पाठ अपने छोटे भाई विक्रमादित्य को दे दिया। वीर विक्रमादित्य भी श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से गुरू दीक्षा लेकर राजपाट सम्भालने लगे और आज उन्ही के कारण सनातन धर्म बचा हुआ है, हमारी संस्कृति बची हुई है। महाराजा विक्रमादित्य ने केवल धर्म ही नही बचाया, उन्होंने देश को आर्थिक तौर पर सोने की चिड़िया बनाई, उनके राज को ही भारत का स्वर्णिम राज कहा जाता है। विक्रमादित्य के काल में भारत का कपडा विदेशी व्यपारी सोने के वजन से खरीदते थे। भारत में इतना सोना आ गया था कि विक्रमादित्य काल में सोने के सिक्के चलते थे। कैलंडर जो विक्रम संवत लिखा जाता है वह भी विक्रमादित्य का स्थापित किया हुआ है। आज जो भी ज्योतिष गणना है जैसे हिन्दी सम्वंत, वार, तिथियां, राशि, नक्षत्र, गोचर आदि वह उन्ही के काल की रचना है। वे बहुत ही पराक्रमी, बलशाली और बुद्धिमान राजा थे। कहा जाता है कि कई बार तो देवता भी उनसे न्याय करवाने आते थे। विक्रमादित्य के काल में हर नियम धर्मशास्त्र के हिसाब से बने होते थे। न्याय और राज सब धर्मशास्त्र के नियमो पर चलता था। विक्रमादित्य का काल प्रभु श्रीराम के राज के बाद सर्वश्रेष्ठ माना गया है, जहाँ प्रजा धनी थी और धर्म पर चलने वाली थी। बड़े दुःख की बात है कि भारत के सबसे महानतम राजा विक्रमादित्य के बारे में हमारे स्कूल कालेजों मे कोई स्थान नही है। देश को अकबर, बाबर, औरंगजेब जैसै खूनी दरिन्दो का इतिहास पढाया जा रहा है। ऐसे महान सम्राट को कोटि-कोटि नमन।
  • Hitesh Goswami September 18, 2022

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