Our government truly prioritizes the well-being of the Janjatiyas: PM Modi

Published By : Admin | February 3, 2024 | 15:30 IST
The government has decided to honour Advani ji with the Bharat Ratna for his invaluable contributions and service to India
Previous governments instead of focusing on improved budgets, they only squandered public money indulging in rampant corruption
Our government truly prioritizes the well-being of the Janjatiyas and not merely treating them as vote-banks like previous governments
To enable international acclaim to the state of Odisha the Konark Chakra was chosen as a symbol during the G20 Summit in New Delhi
Sadhu Meher Ji was the ambassador of the entire potential of the state of Odisha

जॉय जगन्नाथ! जॉय जगन्नाथ! जॉय मां समलेई मोर सबू मा बहेन, आर दादा भाई, समकू नुआ बछर, आर पुषपुनिर्, गुर्दु-टे शुभेच्छा आर ऑभिनंदन!

मेरे परिवारजनो,
संबलपुर, वीर सुरेंद्र साय जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों, संत कवि भीम भोई जैसे दार्शनिकों और स्‍वभाव कवि गंगाधर मेहर जैसे स्वाभिमानी देशभक्तों की भूमि है। मैं कूदोपाली, चिताखाई और सिंघोंड़ा के सभी शहीदों को भी नमन करता हूं। इस वर्ष ओडिशा की कला-संस्कृति की सेवा करने वाले 4 और साथियों को पद्म पुरस्कार मिले हैं। मैं, गोपीनाथ स्वैन जी, भगबत प्रधान जी, बिनोद महराणा जी और बिनोद कुमार पसायत जी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियो,
आज भारतीय जनता पार्टी के हर एक कार्यकर्ता के लिए भी गर्व और गौरव का दिन है। आप सबको ये खुशखबरी मिल चुकी है कि आज देश ने हम सबके आदरणीय नेता लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न देने की घोषणा की है। ये सम्मान राष्ट्रसेवा की परंपरा के सम्मान के हम सब कार्यकर्ताओं का भी सम्मान है। ये सम्मान उस विचारधारा का सम्मान भी है, जो सिर्फ और सिर्फ राष्ट्र प्रथम को लेकर के ही चलती है। ये सम्मान 2 सांसदों वाली पार्टी से चलकर देश और विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनने का और लोकतंत्र को मजबूती देने वाले कार्यकर्ताओं के संघर्षों का सम्मान है। एक समय था जब शुचिता और ईमानदारी पर आधारित एक अलग राजनीति के कारण भाजपा को सियासी अछूत घोषित कर दिया गया। लेकिन अटल जी के साथ, आडवाणी जी जैसे नेताओं ने उस दुष्चक्र को तोड़ने के लिए अपना जीवन खपाया। आडवाणी जी ने भारत के लोकतन्त्र को एक पार्टी, एक परिवार की कैद से निकालने के लिए निरंतर संघर्ष किया, सबका मार्गदर्शन किया। उन्होंने परिवारवादी विचारधारा को चुनौती देकर भारत के लोकतन्त्र को सर्वसमावेशी और राष्ट्रवादी विचारधारा से जोड़ा। आज उस तपस्या का परिणाम हम सब देख रहे हैं। मैं आडवाणी जी को पुन: बधाई दूंगा, उनके दीर्घायु होने की कामना करूंगा।

साथियो,
अब से कुछ देर पहले ही मैंने ओडिशा के विकास के लिए 70 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है। केंद्र की भाजपा सरकार, ओडिशा के विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। मैं इन योजनाओं के लिए ओडिशा के लोगों को अनेक-अनेक बधाई देता हूं।

भाइयों और बहनो,
दो दिन पहले ही देश का नया बजट आया है। पिछले 10 वर्षों में जिस नीति पर चलते हुए देश के 25 करोड़ लोग, गरीबी से बाहर निकले हैं, ये बजट उसी नीति को और मजबूत करता है। इस बजट का ऐलान है- गरीबों को सशक्त करने की गारंटी। हमारे युवा हों, महिलाएं हों, किसान हों, मछलीपालक हों, ये बजट सबके विकास की गारंटी देता है और आप भलीभांति जानते हैं- मोदी की गारंटी यानि...गारंटी पूरा होने की गारंटी।

भाइयों और बहनो,
मोदी की गारंटी है कि देश के हर गरीब परिवार के पास अपना पक्का घर हो। बीते 10 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को अपना पक्का घर मिल चुका है। इसमें से 25 लाख लाभार्थी परिवार ये हमारे ओडिशा के ही हैं। जिन लोगों को अब तक पीएम आवास योजना के घर नहीं मिल पाए हैं, उनकी भी चिंता हमारी सरकार कर रही है। इस बजट में गरीबों के लिए 2 करोड़ और नए घर बनाने की घोषणा की गई है। आप अपने इलाके में कोई गरीब परिवार अगर पक्के घर में नहीं रह रहा है तो जाकर के बताना कि मोदी जी आए थे आपको पकका घर देंगे, इसकी गारंटी देकर के गए हैं। बताओगे? सबको बताओगे? मिलकर के बताओगे? मेरा कोई गरीब भाई-बहन झुग्गी-झोपड़ी में ना रहे, इसके लिए मैं दिन-रात एक कर रहा हूं।

साथियो,
किसान हो, पशुपालक हो, मछुआरे हों, इनकी आय बढ़े, इनका जीवन आसान हो, ये भाजपा सरकार की प्राथमिकता रही है। पीएम किसान सम्मान निधि से पहली बार देश के करोड़ों किसानों को सीधा लाभ पहुंचा है। इसमें से ओडिशा के भी 40 लाख किसानों को लाभ हुआ है। हर किसान के बैंक खाते में भाजपा सरकार ने कम से कम 30 हजार रुपए भेजे हैं। आपको आंकड़ा याद रहेगा? जरा हाथ ऊपर करके बताइये कि आंकड़ा याद रहेगा? एक किसान को कितने रुपये पहुंचे हैं? 30 हजार, कितने? भाजपा सरकार ने पहली बार लागत का डेढ़ गुणा MSP भी सुनिश्चित किया। भाजपा सरकार, यहां के धान किसानों से ज्यादा से ज्यादा सरकारी खरीद भी कर रही है। 2014 के पहले के 10 सालों में ओडिशा के धान किसानों से 36 हज़ार करोड़ रुपए की ही खरीद हुई थी। ये आंकड़े याद रखना। जब पहले जो लोग सरकार चलाते थे उन्होंने 36 हजार करोड़ का ही धान खरीदा था। जबकि हमारी सरकार के 10 साल में ओडिशा के धान किसानों को MSP के रूप में 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। अभी जो बजट आया है, उसमें भी किसानों की आय बढ़ाने और खर्च करने के लिए अनेक योजनाएं देश के सामने रखी गई है। नैनो यूरिया के बाद अब केंद्र सरकार नैनो DAP भी किसानों को उपलब्ध कराने जा रही है। इससे किसान की लागत और कम होगी। हमारी सरकार, देश के करोड़ों पशुपालकों के लिए भी बहुत बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। बजट में मछुआरों के लिए भी बहुत बड़ी घोषणा की है। मत्स्य संपदा योजना के तहत मिलने वाली मदद अब और बढ़ाई जाएगी। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा के मछुआरे साथियों को भी होगा।

साथियो,
मछलीपालकों के हित में जितना काम भाजपा की सरकार ने किया है, उतना पहले किसी सरकार ने नहीं किया। ये भाजपा की सरकार है जिसने मछलीपालकों के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग मिनिस्ट्री बनाई। ये भाजपा की सरकार है जिसने मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी। ये भाजपा की सरकार है जिसने मछलीपालकों की बीमा राशि को एक लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया। हमारे मछुवारे भाइयों के पास आधुनिक नावें हों, उनके पास आधुनिक संसाधन हो, इसके लिए भाजपा सरकार ने हजारों करोड़ रुपए की मदद दी है। सरकार के इन प्रयासों से देश में मछली उत्पादन भी रिकॉर्ड तेजी से बढ़ रहा है।

साथियो,
भाजपा सरकार, लगातार आपका जीवन आसान बनाने के लिए काम कर रही है। आपकी बचत बढ़े, आपकी आमदनी बढ़े, आपके खर्च कम हों, ये हमारी प्राथमिकता है। बीते 10 वर्षों में हमने उन गांवों में भी बिजली पहुंचाई, जो आज़ादी के अनेक दशकों बाद भी अंधेरे में थे। हमारे इस अभियान से ओडिशा के भी 25 लाख से अधिक परिवारों तक बिजली पहुंची। हम LED बल्ब की नई क्रांति देश में लाए, ताकि बिजली का बिल कम हो। अब हमारा प्रयास है कि देश के गरीब का बिजली बिल भी ज़ीरो हो जाए। इसलिए इस बजट में 1 करोड़ परिवारों के लिए रूफटॉप सोलर पावर स्कीम को घोषणा की गई है। इससे छत पर सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा करने वालों को मुफ्त बिजली तो मिलेगी ही, वो ज्यादा बिजली पैदा कर पैसे भी कमा सकेंगे। हमारा ओड़िया तो सूर्य भगवान के साथ जुड़ा हुआ है, जहां कोनार्क का सूर्य मंदिर हो वहां हर घर में तपता हुआ सूर्य एक नई जिंदगी लेकर के आएगा। रूफटॉप सोलर की इतनी बड़ी योजना से देश में रोजगार के भी लाखों नए अवसर बनेंगे।

भाइयों और बहनो,
बीते 10 वर्षों में बहनों के स्वास्थ्य, उनकी सुविधा के लिए जो अभूतपूर्व काम हुए हैं, उनको इस बजट में और विस्तार दिया गया है। गांव-गांव में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी भूमिका है। अब भाजपा सरकार ने तय किया है कि आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स को भी आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी। आज ओडिशा में बने साढ़े 6 हज़ार से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का लाभ हमारी बहनों-बेटियों को ही हो रहा है। भाजपा सरकार ने ओडिशा के 60 लाख से ज्यादा परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचाया है। यहां की लगभग 55 लाख बहनों को उज्ज्वला के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है। इसने हमारी बहनों-बेटियों का स्वास्थ्य भी सुधारा है और उनका जीवन भी आसान किया है।

साथियो,
मोदी ने बहनों को लखपति दीदी बनाने की गारंटी दी है। बीते 10 वर्षों में करीब 1 करोड़ बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। इस वर्ष के बजट में 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की तरफ बड़ा कदम उठाया गया है। आप कल्पना कीजिए जब इतने परिवारों की बहनें लखपति होंगी तो पूरे परिवार की ताकत कितनी बढ़ जाएगी। आज मैं देख रहा हूं दूर-दूर तक माताएं और बहनें ही दिख रही हैं। इतनी बड़ी तादाद में माताएं और बहनें आशीर्वाद देने आए इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है। इससे ओडिशा में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हज़ारों बहनों को बहुत लाभ होने जा रहा है।

साथियो,
2014 से पहले के 10 वर्षों में केंद्र में जो सरकार थी, वो बजट में जितनी घोषणाएं करती थी, उनसे कई गुणा बड़े घोटाले करती थी। 2014 से पहले भारत का युवा निराशा में डूबा था, उसका भविष्य अंधेरे में था। लेकिन आज स्थितियां बदल गई हैं। आज भारत का युवा आत्मविश्वास से भरा है, क्योंकि उसके पीछे ईमानदार और मज़बूत भाजपा सरकार खड़ी है। जिनके पास बैंक को गारंटी देने के लिए कुछ नहीं था, उनके पास आज मोदी की गारंटी है। आज किसी को मुद्रा योजना का लोन लेना हो, तो उसके पास मोदी की गारंटी है। आज किसी को स्वनिधि योजना का लोन लेना हो, तो उसके पास मोदी की गारंटी है। संबलपुर तो मेक इन इंडिया का, आत्मनिर्भर भारत का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। केंद्र सरकार के प्रयासों से बीते 10 वर्षों में ओडिशा में हज़ारों नए लघु उद्योग स्थापित हुए हैं। ओडिशा में हथकरघा के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 30 से ज्यादा हथकरघा क्लस्टर स्‍वीकृत किए हैं। जब मैं यहां उतरा तो मुझसे स्पेशल जैकेट पहनने का आग्रह किया हमारी टोली ने। मैंने कहा क्यों? तो बोले अरे साहब इतना बड़ा हथकरघा के लिए यहां काम हुआ है आज जरा आप इसको पहनिए। मेरे लिए ये प्रसाद है। मैं आपका आभारी हूं। जो परिवार ऐसी चीजें बनाते हैं ना मैं उनका गौरव करता हूं। कच्चा माल हो या फिर दूसरी मदद, यहां के उद्यमियों को केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपए की मदद दी है। इसका लाभ यहां के श्रमिकों और नौजवानों को हुआ है।

मेरे परिवारजनो,
मोदी की गारंटी, उसके साथ है, जिसके पास किसी का सहारा नहीं है। जिसका कोई नहीं उसका मोदी है। ओडिशा में बड़ी संख्या में हमारा आदिवासी समाज रहता है। लेकिन सालों-साल तक सरकारें चलाने वालों ने आदिवासियों को सिर्फ और सिर्फ वोट-बैंक बनाकर रखा। मोदी ने तो अपने आदिवासी भाई-बहनों के बीच दशकों तक काम किया है, मैं उनके सुख-दुख से परिचित हूं। इसलिए आज हमारी सरकार आदिवासी कल्याण को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। बीते 10 वर्षों में जनजातीय कल्याण के लिए बजट को हमने कई गुणा बढ़ाया है। ये भाजपा ही है जिसने ओडिशा की सम्मानित बेटी, आदिवासी समाज की प्रतिनिधि द्रोपदी मुर्मू जी को देश की राष्ट्रपति बनाया है। अभी तीन दिन पहले जब उन्होंने संसद को संबोधित किया, तो पूरी दुनिया उनके एक-एक शब्द को सुन रही थी। लेकिन ओडिशा के मेरे भाइयों और बहनों, आपको याद रखना है, ये कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हैं, जिन्होंने द्रोपदी मुर्मू जी के खिलाफ पूरी ताकत लगा दी थी। और वो द्रौपदी जी का अपमान था ऐसा नहीं, समग्र देश के आदिवासी समाज का अपमान था। वो द्रौपदी जी का अपमान नहीं वो मेरे प्यारे ओड़िशा का भी अपमान था।

साथियो,
आज भाजपा सरकार, राष्ट्रनिर्माण में आदिवासियों के योगदान को निरंतर आगे ला रहा है। देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। आदिवासी जनजातियों में भी जो सबसे पिछड़ी जनजातियां हैं, जिन्हें PVTG कहते हैं, उनकी भी पहली बार किसी ने सुध ली है तो वो भाजपा सरकार है। इन जनजातियों के लिए पहली बार हज़ारों करोड़ रुपए की पीएम जनमन योजना बनाई गई। इसका सबसे अधिक फायदा ओडिशा के करीब 1700 कबीलों के लाखों साथियों को होने वाला है। इससे इन बस्तियों में अच्छे घर बनेंगे, सड़कें पहुंचेंगी, पानी पहुंचेगा, रोजगार के साधन बनेंगे। इस क्षेत्र के, देबगड़ के जो पाऊडी भूयां बहन-भाई हैं, उन्हें भी जनमन अभियान से बहुत मदद मिलने जा रही है।

साथियो,
भाजपा सरकार, गरीबों का कल्याण करने वाली सरकार है, गरीबों की चिंता को कम करने वाली सरकार है। हम आज गरीब को मुफ्त इलाज और मुफ्त राशन की सुविधा दे रहे हैं। ओडिशा के सवा 3 करोड़ साथियों को आने वाले 5 वर्षों तक राशन की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। आपके घर भोजन बनता रहे, इसकी गारंटी मोदी ने दी है। मोदी ने एक और काम भी किया है। ओडिशा के जो साथी काम के लिए दूसरे राज्यों में गए हैं, उनकी परेशानी को भी समझा है। मेरे गुजरात में तो बहुत बड़ी तादाद में ओड़िया भाई-बहन रहते हैं। गुजरात के विकास में मेरे ओड़िया भाई-बहन बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। और इसलिए मैं उनके जीवन को बाहर रहने के कारण जो आवश्यकताएं होती हैं उसे भलीभांति जानता हूं। पहले उन्हें दूसरे राज्यों में सरकारी राशन नहीं मिल पाता था, यहां बना राशनकार्ड दूसरे राज्यों में नहीं चलता था। मोदी, एक देश, एक राशनकार्ड योजना लेकर आया। आज ओडिशा का कोई भी साथी, देश के किसी भी राज्य में मुफ्त राशन का लाभ ले सकता है।

मेरे परिवारजनो,
बीजेपी की केंद्र सरकार की एक बहुत बड़ी पहचान, नए भारत के निर्माण की रही है। इस वर्ष के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 11 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। 10 वर्ष पहले इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 2 लाख करोड़ रुपए से भी कम का बजट रहता था। इसका सीधा अर्थ ये है कि आने वाले साल में रोड, रेल, हवाई अड्डे, मेट्रो, बिजली, गैस, ऐसे हर प्रोजेक्ट्स का बहुत विस्तार होगा। इससे लाखों नए रोजगार भी बनेंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला खर्च, रेत, सीमेंट, लोहा, मशीनें, ऐसे अनेक सेक्टरों को गति देता है। यानि इन सभी उद्योगों में, ऐसे हर बिजनेस में नई भर्तियां होती हैं। भाजपा सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतना खर्च कर रही है, तो इसका सबसे अधिक लाभ पूर्वी भारत को, ओडिशा को हो रहा है।

भाइयो और बहनो,
दिल्ली में जब कांग्रेस का राज था, तब ओडिशा को अपने हक के लिए भी परेशान होना पड़ता था। आज आपका ये बेटा दिल्ली में बैठा है। इसलिए, आज ओडिशा के विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। बीते 10 वर्षों में ओडिशा में नेशनल हाईवे के लिए 7 गुणा अधिक बजट दिया गया। रेलवे के विकास के लिए औसत बजट में 12 गुणा तक वृद्धि की है। ओडिशा में रेलवे का शत-प्रतिशत बिजलीकरण हुआ है। आज ओडिशा में पुरी-हावड़ा और पुरी-राउरकेला रूट पर तेज़ गति की आधुनिक वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं।

साथियो,
आज मैं ओडिशा आता हूं, तो यहां के विकास को गति देने के संकल्प के साथ आता हूं। लेकिन आपको याद करना होगा,...2014 से पहले दिल्ली से कांग्रेस के नेता यहां आते थे तो क्या करते थे? वे लोग यहां कालाहांडी जाते थे, आदिवासी बस्तियों में जाकर तस्वीरें खिंचवाते थे। टीवी और अखबारों में तस्वीरें छपती थी और पूरी दुनिया में ओडिशा की गरीबी छाई रहती जाती थी। जिस ओडिशा में भगवान जगन्नाथ विराजते हों...जहां कोणार्क में सूर्यदेव विराजते हों...जहां हज़ारों वर्षों की हमारी समृद्ध सभ्यता के निशान हैं...ऐसे समृद्ध ओडिशा को कुछ राजनीतिक दलों ने विकास से वंचित रखने का पाप किया है।

साथियो,
2014 से पहले जहां ओडिशा की पहचान को खराब करने के प्रयास होते थे, वहीं हमारी सरकार आज ओडिशा का गौरव बढ़ा रही है। आपने देखा है कि ओडिशा में G-20 की बड़ी बैठकें हुईं, जिनमें दुनियाभर से लोग आए। दिल्ली में जो G-20 शिखर सम्मेलन हुआ, उसमें भी ओडिशा छाया रहा। भारत की सांस्कृतिक विरासत से दुनिया के ताकतवर देशों के नेताओं को परिचित कराने के लिए हमने कोणार्क चक्र को चुना। आज दुनिया के शीर्ष नेताओं में से कोई ऐसा नहीं है, जिसकी तस्वीर कोणार्क चक्र के सामने नहीं है। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे दुनिया के नेताओं को ओडिशा की समृद्ध धरोहर के बारे में बताने का अवसर मिला। यहां पर्यटन के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं हैं। हीराकुंड बांध में भी पर्यटन की जितनी संभावनाएं हैं, उनका उपयोग नहीं हो पाया है। भाजपा सरकार बनते ही, इस क्षेत्र में टूरिज्म के नए आयाम जोड़े जाएंगे।

वैसे साथियो,
जीवन में सुख और दुख दोनों समाहित होते हैं। आज प्रतिभाशाली फिल्म एक्टर, डाइरेक्टर और प्रोड्यूसर साधु मेहर जी के निधन का दुखद समाचार भी मिला है। साधु मेहर फिल्म और कला के क्षेत्र में ओडिशा की प्रतिभा के एंबेसडर थे। हमारी सरकार ने 2017 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था, उनके जरिए ओडिशा के लोगों की प्रतिभा को सम्मानित किया था। मैं श्री साधु मेहर जी को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि देता हूँ।

साथियो,
हमारी सरकार ओडिशा का गौरव बढ़ाने, ओडिशा का सम्मान बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा ही है जिसके पास ओडिशा के, देश के विकास के लिए एक प्रोग्राम है, एक रोडमैप है। आपको याद रखना है, मोदी की गारंटी वहां से शुरु होती है, जहां दूसरों से उम्मीदें खत्म हो जाती हैं। और मोदी की गारंटी, ओडिशा के विकास से भारत को विकसित बनाने की है। एक बार फिर आप सभी का इतनी बड़ी संख्या में आकर हमें आशीर्वाद देने के लिए मैं बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। मैं माताओं और बहनों का विशेष धन्यवाद करता हूं कि समय निकालकर के मुझे आशीर्वाद देने के लिए आईं।

मेरे साथ बोलिए...भारत माता की जय! दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की... भारत माता की.... भारत माता की... बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!