Karnataka which is known as a ‘tech hub’ and has made its name in the world, Congress has made it a 'tanker hub': PM Modi
Congress isn't running a govt in Karnataka but an 'extortion gang', says PM Modi in Bagalkote
Congress party has made Karnataka its 'ATM'. In such a short time, these people have emptied the government treasury of Karnataka: PM
These elections aim to build a Viksit Bharat, an Aatmanirbhar Bharat and transforming the country into the world's third largest economy: PM Modi

भारत माता की…

भारत माता की..

भारत माता की…
बागलकोटेया मत्तू विजयपुरादा नन्ना सोदारा सोदरियारिगे नमस्कारगलु! मैं मां बनशंकरी को प्रणाम करता हूं। इस मंच से गुरू बसवन्ना और सिद्धेश्वर स्वामी को भी नमन करता हूं।

साथियों,

आज सुबह ही हमें एक दुखद खबर मिली है। संसद में मेरे साथी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सामाजिक न्याय के अग्रणी सिपाही श्रीनिवास प्रसाद जी अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। श्रीनिवास प्रसाद जी कर्नाटक की चामराजनगर सीट से सांसद थे। श्रीनिवास जी जमीन से जुड़े नेता थे, सच्चे अर्थ में जननेता थे। अपने इतने दशकों के सामाजिक जीवन में उन्होंने हर क्षण गरीबों-शोषितों-वंचितों की सेवा की। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार में कई अहम मंत्रालयों का भी दायित्व संभाला था। दलित वर्ग के सामाजिक उत्थान के लिए उन्होंने जो प्रयास किए, उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। ईश्वर उन्हें सद्गति दें। उनके परिवार और समर्थकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।

साथियों,

2024 का चुनाव भारत का भविष्य तय करेगा। ये चुनाव विकसित भारत के संकल्प का चुनाव है। ये चुनाव आत्मनिर्भर भारत की सिद्धि का चुनाव है। हमारा संकल्प है कि, नेक्स्ट कुछ इयर्स में, आने वाले कुछ सालों में भारत विश्व की टॉप थ्री इकोनॉमी बने। आप मुझे बताइये कि भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति कौन बनाएगा? कौन बनाएगा…? कौन बनाएगा…? जी नहीं.. आपका एक वोट बनाएगा। आपके वोट की ताकत है जो मोदी को मजबूती देगी और तब जाकर के देश..दुनिया में टॉप थ्री इकोनॉमी बन जाएगा। हमारा संकल्प है कि हम भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएं, हम भारत को स्किल सेंटर बनाएंगे और ये संकल्प वेकेशन गुजारने वाले नहीं कर सकते पूरा..मौज-मस्ती में जिंदगी गुजारने वाले ये काम पूरा नहीं कर सकते। इसके लिए तो विजन चाहिए और विजन के लिए जिंदगी चाहिए खपाने के लिए..जब विजन के लिए जीवन खपाते हैं और जब एक लक्ष्य को लेकर..एक संकल्प को लेकर.. 24/7 दिन-रात काम करते हैं, तब जाकर के संकल्प सिद्ध होते हैं। और इसलिए, मोदी का विजन भी क्लीयर है और मोदी का जीवन भी 24/7 फॉर 2047। और इसलिए आज पूरा देश कह रहा है- फिर एक बार.. फिर एक बार..फिर एक बार.. (जरा एसपीजी वाले ये बच्ची तस्वीर लेकर आई है..कब से खड़ी है..इसकी तस्वीर ले लीजिए..बेटा Please Write your name and Address.. मैं आपको चिट्ठी जरूर भेजूंगा..जरा उनसे एसपीजी के लोग फोटो ले लेना..आप हाथ नीचे करो बेटा वो आपसे ले लेंगे..हाथ थक जाएगा आपका..)

साथियों,

जिस कांग्रेस का एकमात्र काम सरकार में रहते हुए देश को लूटना है, उसे क्या आप इतने बड़े देश की ज़िम्मेवारी दे सकते हैं? मेरा सवाल अगर आप समझ सके तो जवाब देना। जवाब देंगे.. जवाब देंगे.. आप मुझे बताइये जिस कांग्रेस का इतिहास देश को लूटने का रहा है..क्या ऐसी कांग्रेस के हाथ में अब हम इतना बड़ा देश दे सकते हैं क्या? कांग्रेस के हाथ में देश दे सकते हैं क्या? कांग्रेस ने 60 साल के अपने शासन में जो उनकी पहचान बनी है वो उनके पापों के कारण बनी है।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस पार्टी ने यहां कर्नाटक को भी अपनी लूट का ATM बना दिया है। इतने कम समय में ही इन लोगों ने कर्नाटक का सरकारी खजाना खाली कर दिया है। हालत ये हो गई है कि विधायकों को विकास के लिए मिलने वाली विधायक निधि का पैसा तक समय से नहीं मिल पा रहा है। और यहां के सरकारी कर्मचारी..मैं आपको अंदर की बात बताता हूं क्योंकि भारत सरकार के पास इनकी अंदरूनी जानकारियां होती हैं और मैं आपको चेतावनी..चौंकाना चाहता हूं वो दिन दूर नहीं है जब कर्नाटका सरकार यहां के सरकारी मुलाजिमों को पेमेंट तक नहीं दे पाएगी..आपके बच्चे भूखे मर जाएं ऐसी स्थिति ये लोग पैदा करके रखेंगे। जनहित की ऐसी कोई योजना नहीं, जो कांग्रेस के भ्रष्टाचार का शिकार न हुई हो। और इसलिए ही तो देश के सभी अनुभवी लोग कहते हैं..इतिहास भी कहता है कि- कांग्रेस आई...तबाही लायी..कांग्रेस आई..तबाही लाई..

साथियों,

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार नहीं चला रही है, कांग्रेस पार्टी यहां वसूली गैंग चला रहा है..वसूली गैंग चला रहा है। पूरी सरकार इसी प्लानिंग में लगी हुई है कि कहां से वसूली हो? खजाने में पैसा आए और उसको लूटकर अपनी तिजोरी भरें। हमारा कर्नाटक और बेंगलुरु, जिसे दुनिया में टेक हब के रूप में जाना जाता है, टेक हब के रूप में पूरे विश्व में हमारे कर्नाटक ने हमारे देश का नाम ऊंचा किया है। आज कांग्रेस सरकार ने टेक हब को टैंकर हब बना दिया.. टैंकर हब बना दिया। पानी के लिए टैंकर माफिया लोगों से मनमानी वसूली कर रहे हैं। और इसका भी कमीशन कांग्रेस के लोगों तक पहुंच रहा है। लेकिन, कांग्रेस इतने से संतुष्ट नहीं है। ये लोग 2G स्कैम जैसा लाखों करोड़ के घोटालों वाला स्कैम करने के लिए सपने देख रहे हैं। आप मुझे बताइये, 7 मई को कर्नाटक को लूटने वालों को सजा मिलनी चाहिए या नहीं मिलनी चाहिए? सजा मिलनी चाहिए या नहीं मिलनी चाहिए? कांग्रेस के भ्रष्टाचार का हिसाब करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। चुन-चुनकर के कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। करेंगे..पूरे कर्नाटक में कर देंगे। हमारे बागलकोट में कर देंगे। पूरे इस क्षेत्र में कर देंगे।

साथियों,

मोदी जनता के बीच अपना रिपोर्ट कार्ड को लेकर आता है। हमने कर्नाटक और इस क्षेत्र के लिए कितना काम किया, ये भी आपके सामने है। हमारी सरकार कर्नाटक में कई एयरपोर्ट बना रही है, इनमें से एक बीजापुर में भी तैयार हो रहा है। बागलकोट रेलवे स्टेशन को अमृत स्टेशन के रूप में डेवलप किया जा रहा है। बागलकोट से गुजर रहे नेशनल हाईवे को चौड़ा किया जा रहा है। इससे बादामी, पट्टदकल, और एहोले जैसे ऐतिहासिक जगहों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

साथियों,

पिछले 10 वर्षों में मोदी ने हर उस वर्ग की चिंता की है, जिसे कांग्रेस ने बदहाली का जीवन जीने पर मजबूर कर दिया था। आज ये लोग बयान देते हैं और पता नहीं क्या-क्या बोल रहे हैं.. ये कहते हैं एक झटके में गरीबी हटा देंगे। अरे 60 साल हो गए तुम कुछ नहीं कर पाए क्यों ऐसे दावे कर रहे हो। इनकी कई पीढ़ियां इस बात का गवाह है कि वंचित वर्ग के लिए इनकी मानसिकता क्या रही है? करोड़ों परिवार इस देश में जीवन की मूलभूत जरूरतों से वंचित थे। उनके दुख, उनकी तकलीफ से कांग्रेस और उनके साथियों को कोई वास्ता नहीं था। आप कल्पना कर सकते हैं... मोदी के आने के पहले हमारे देश में 18 थाउजेंट विलेज ऐसे थे जहां बिजली का खंभा भी नहीं पहुंचा था। 18 हजार गांव..आप सोचिए 21वीं सदी में 18 थाउजेंट विलेजेज, करोड़ों लोग अंधेरे में जिंदगी गुजारते थे। रात होते ही गांव में सन्नाटा पसर जाता था, जानवरों का खतरा रहता था...कितनी पीढ़ियों तक बच्चों को पढ़ाई के लिए रोशनी तक नहीं मिली। लेकिन, जब आप लोगों ने मोदी को अवसर दिया, तो गांव तक बिजली पहुंचाने का समयसीमा में संकल्प लिया और पूरा कर दिया। और, उस समय ये लोग मज़ाक बनाते थे कि पहाड़, रेगिस्तान, जंगल, हर जगह से गुजरकर गांव-गांव बिजली कैसे पहुंच सकती है? लेकिन, आज देश का ऐसा कोई गांव नहीं जहां बिजली ना पहुंची हो। इसी तरह, हमने पानी की समस्या के समाधान के लिए जल-जीवन मिशन शुरू किया। जल-जीवन मिशन की शुरुआत से पहले देश में केवल 16 परसेंट घरों में नल से जल का कनेक्शन था। आजादी के इतने सालों बाद भी सिर्फ 16 परसेंट..मोदी ने पांच सालों में 75 परसेंट से ज्यादा घरों तक पानी पहुंचा दिया। 70 सालों में केवल 3 करोड़ कनेक्शन और 5 सालों में 11 करोड़ कनेक्शन..ये काम मोदी करता है। क्या ये काम मोदी के आने से पहले हो नहीं सकता था क्या? वही सरकार..वही नियम..वही फाइलें..वही दफ्तर..आप नहीं कर सकते थे मोदी ने करके दिखाया। और इसलिए भाइयों बहनों आपको तय करना है कि देश कैसे लोगों के हाथ में देना है। भाइयों बहनों काम हो सकता है, जब कांग्रेस को गरीब की, वंचित की रत्ती भर, थोड़ी सी भी चिंता हो..लेकिन कांग्रेस को कभी गरीब की..वंचित की..दलित की..पिछड़ों की परवाह ही नहीं थी।

साथियों,

कांग्रेस का यही रवैया हमारे बॉर्डर विलेजेज, सीमावर्ती गांवों को लेकर रहा। सीमावर्ती गांवों को कांग्रेस सरकारें जानबूझकर विकास से वंचित रखती थीं। वो इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बताती थीं। यानी कि, करोड़ों लोगों को कांग्रेस ने अपनी राजनीति के तहत बदहाली का जीवन जीने को मजबूर कर रखा था। मोदी ने ये विकास विरोधी सोच बदली। हमने सीमा पर बसे गांवों को आखिरी नहीं, देश का पहला गांव कहना शुरू किया और उसे उस प्रकार से ट्रीट करने का निर्णय लिया। आज विकास देश के हर पहले गांव तक पहुंच रहा है।

भाइयों बहनों,

कांग्रेस की विकास विरोधी मानसिकता का बड़ा बोझ हमारे SC, ST समाज को भी उठाना पड़ा है। SC, ST समाज के लोग विकास से सबसे दूर थे। हमने आज पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ लोगों को पक्के मकान दिये हैं। 55 करोड़ गरीबों के पहली बार बैंक में खाते खुल गए हैं। उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों माताओं-बहनों को मुफ्त गैस सिलिंडर मिले। उन्हें धुएँ से आज़ादी मिली। इनमें से सबसे बड़ी संख्या ST-SC-OBC समाज के लोगों की है। आज शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की योजनाओं का बहुत बड़ा लाभ इस वर्ग को मिल रहा है।

साथियों,

बीजेपी कर्नाटक के विकास में अपनी पूरी ऊर्जा लगाती है। लेकिन, कांग्रेस हमारी योजनाओं को रोकने में पूरी ताकत लगाती है। हमने बागलकोट की इलकल साड़ी को वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना में शामिल किया, ताकि यहां के बुनकरों को, जिन्हें आप नेकारा कहते हैं..उनकी इनकम बढ़े। लेकिन, कांग्रेस हमारे बुनकर भाई-बहनों की जरूरतों पर ध्यान नहीं दे रही है।

साथियों,

हमारे साथ यहां मंच पर येदियुरप्पा जी भी हैं, उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। किसानों का हित बीजेपी की प्राथमिकता रही है। हमने हाल ही में शूगरकेन (गन्ने) का मूल्य बढ़ाया है। इथेनॉल के जरिए हम गन्ना किसानों की इनकम बढ़ा रहे हैं। लेकिन, कर्नाटक सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं को रोककर, पानी का संकट खड़ा करके किसानों को परेशानी में डाल दिया है।

साथियों,

मैं आप सबको कांग्रेस के एक और खतरनाक गेम के बारे में आगाह करना चाहता हूं। जबसे यहां कांग्रेस की सरकार बनी है, तबसे कैसी-कैसी घटनाएं हो रही हैं। ये आपके लिए जरा चिंता का विषय है..उसे एक साथ जोड़कर देखिए..उसे टुकड़ों में मत देखना। आप सोचिए भाइयों बहनों, हुबली में क्या हुआ? हमारी एक बेटी के साथ क्या हुआ? जहां शिक्षा का दाम है, हुबली में एक बेटी को एक के बाद.. एक के बाद..एक चाकू के घाव मार दिए जाए..वो दृश्य देखकर हर किसी का दिल दहल गया। लेकिन, यहां की पूरी सरकार वोट बैंक को बचाने के लिए बेटी के सम्मान पर ही हमला करने में जुट गई है। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस किसी भी हद को पार कर सकती है।

साथियों,

कर्नाटक में कट्टरपंथी ताक़तें बे-लगाम हुई हैं। कोई दुकानदार अपनी दुकान के भीतर हनुमान चालीसा सुनता है तो उस पर हमला हो जाता है। राजधानी बेंगलुरु तक में दिनदहाड़े आतंकी हमला होता है, बम फूटता है और सरकार पहले क्या बोलती है..कहती है कि गैस का सिलिंडर फटा है..ये गैस का सिलिंडर फटा है कि तुम्हारा दिमाग फटा है। बाद में कहते हैं कि बिजनेस राइवलरी थी।

भाइयों-बहनों

ये नॉर्मल क्राइम की घटनाएं नहीं हैं। ये आतंकवाद की, कट्टरतावाद की मानसिकता है और कांग्रेस सिर्फ वोट पाने के लिए इस mentality को प्रोटेक्ट कर रही है..प्रमोट कर रही है।

साथियों,

कांग्रेस की वोटबैंक की राजनीति के चलते अब देश में SC-ST के अधिकार भी सुरक्षित नहीं हैं। एक ओर बीजेपी सरकार ने कर्नाटका में तलवारा समुदाय को ST का दर्जा दिया था। कर्नाटक में 3 लाख से ज्यादा परिवारों को हक्कू पत्र दिए गए। लेकिन, कर्नाटक में कांग्रेस ने संविधान बदलने, SC/ST/OBC का हक छीनने का अभियान शुरु किया है। हमारा संविधान, धर्म के आधार पर रिजर्वेशन की बात नकारता है..नहीं स्वीकारता है। लेकिन, कर्नाटक की सरकार ने OBC रिजर्वेशन का हिस्सा मुस्लिमों को दे दिया है। ये इतने से भी नहीं मानेंगे। इन्होंने पहले भी अपने मेनिफेस्टो में धर्म के आधार पर रिजर्वेशन देने के लिए कानून बनाने की बात कही थी। इस बार भी इनके मेनिफेस्टो में ऐसे ही सिग्नल हैं। और मैं देश के मेरे दलित भाई-बहनों को..मेरे ST भाई-बहनों को..मेरे OBC भाई-बहनों को..मैं आपको कांग्रेस के मंसूबों से चेतने की जरूरत समझिए..ये लोग धर्म के आधार पर अपने वोटबैंक को सुरक्षित रखने के लिए वो आपके अधिकार, जो बाबा साहेब अंबेडकर ने दिए हैं, जो भारत के संविधान ने दिए उसपर लूट चलाने की ताक में बैठे हैं। उनको लगता है कि आज पार्लियामेंट में सबसे ज्यादा SC एमपी बीजेपी के हैं, सबसे ज्यादा ST एमपी बीजेपी के हैं.. सबसे ज्यादा OBC एमपी बीजेपी के हैं और इसलिए उनको लगता है कि अब SC-ST-OBC तो बीजेपी का हो गया और अब माइनॉरिटी पर भरोसा करने के लिए SC-ST-OBC को लूटो.. माइनॉरिटी को दे दो..क्या आप ये चलने देंगे क्या? ये स्वीकार करेंगे क्या? और मैं मेरे दलित भाई-बहनों को.. मैं मेरे आदिवासी भाई-बहनों को.. मैं मेरे OBC भाई-बहनों को..आज गारंटी देता हूं मैं कांग्रेस के ऐसे किसी मंसूबों को सिद्ध नहीं होने दूंगा। आपके अधिकारों की रक्षा के लिए..आपके आरक्षण की रक्षा के लिए..मोदी किसी भी हद तक जाएगा। ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

साथियों,

आजकल एक और चिंता का विषय आपके सामने रखना चाहता हूं। सोशल मीडिया का जमाना है.. टेक्नोलॉजी का जमाना है और बहुत सी चीजें व्हाट्सएप पर.. एक्स पर..सबपर आती रहती हैं और हम भी कभी देखे बिना फॉरवर्ड कर देते हैं। मैं सबसे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम करते आया हूं, और आज दुनिया में सबसे ज्यादा फॉलोअर अगर किसी के हैं तो जो पहले दो-तीन नाम हैं, उसमें आपका एक मोदी है। क्योंकि मैंने इस ताकत का सदुपयोग किया है.. समाज से जुड़ने के लिए उपयोग किया। समाज की भावनाओं को समझने के लिए उपयोग किया। सही बात पहुंचाने के लिए उपयोग किया लेकिन जो लोग चुनाव हार चुके हैं, मैदान खो चुके हैं। ये लोग इन दिनों टेक्नोलॉजी का उपयोग करके फेक वीडियो बना रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग करते हुए मेरी आवाज में ऐसी भद्दी-भद्दी चीजें आजकल सोशल मीडिया में डाल रहे हैं कि एक बहुत बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। और इसलिए मेरी देशवासियों से अपील है कि कोई भी फेक वीडियो आपको नजर आए। आप पुलिस को जानकारी दो.. हमारी पार्टी को जानकारी दो.. इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई होगी और उनको सबक सिखाया जाएगा। यह देश का कानून किसी के साथ भी इस प्रकार का खेल खेलने की इजाजत नहीं देता है। मध्यप्रदेश में चुनाव था अमिताभ बच्चन की आवाज में उन्होंने ऐसी खबरें चलाईं। आखिरकार अमिताभ बच्चन को एक एफआईआर करना पड़ा। वो सारे पकड़े गए। ये खेल बहुत बढ़ाया इन लोगों ने.. हताशा और निराशा में और इसलिए मेरे भाइयों-बहनों हमें जागरुक रहने की जरुरत है। ये कोई भी फेक न्यूज पर भरोसा मत करना। दूसरी एक बात देखिये ये मोदी जो है ना सीना तान करके आंख में आंख मिलाकरके लड़ाई लड़ता है। पीठ के पीछे वार नहीं करता है। आपको याद होगा, जब हमारे देश में अचानक एक बार बागलकोट की चर्चा शुरू हुई थी। आपको याद होगा। जब मैंने बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया तो बहुत लोगों को समझ नहीं आया कि बालाकोट है कहां? वो बागलकोट को ही बालाकोट मानकर के यहां बम गिरे..यहां बम गिरे चलाया..आधा-पौना घंटा ऐसे ही चला।

भाइयों-बहनों

मैंने बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया, चोरी छिपे नहीं किया..एयर स्ट्राइक करके..प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि आज हमने ऐसा-ऐसा किया है और दुश्मन का इतना-इतना नुकसान किया है। इतना ही नहीं जब हमने एयर स्ट्राइक किया तो मैंने प्रेस को बुलाके कर रखा था और फौज के लोगों को कहा था कि 11:00 बजे प्रेस को बताना है, लेकिन मैंने कहा उसके पहले मैं पाकिस्तान को टेलीफोन करके सूचना दूंगा कि आज हमने रात को एयर स्ट्राइक की है। तुम्हारे इतने लोगों को मारा है, इतनी तबाही की है। बता दूंगा छुपाऊंगा नहीं, लेकिन पाकिस्तान वाले टेलीफोन पर ही नहीं आते थे तो मैंने कहा इंतजार करो..हमारी फौज का लोग इंतजार करते थे मेरी 12 बजे बात हुई उसके बाद मैंने दुनिया को बताया कि मैंने रात को एयर स्ट्राइक किया है और पाकिस्तान के छक्के छुड़वा दिये हैं।

भाइयों-बहनों

यह मोदी छुपाता नहीं है ना मोदी छिप करके वार करता है, जो भी करता है.. सामने से करता है, देश के लिए करता है और आज भी जो लोग मेरे देश के निर्दोष नागरिकों को मारने की हरकत करेंगे, यह नया भारत है, घर में घुस करके मारेगा।

साथियों,

7 मई को आपका वोट, वोट बैंक की राजनीति करने वालों को जवाब देगा। आपका वोट विकसित कर्नाटक, विकसित भारत की गारंटी बनेगा। मेरा अनुरोध है, बागलकोट से मेरे अनन्य साथी पी.सी. गद्दीगौदर जी और बीजापुर से हमारे वरिष्ठ साथी रमेश जिगाजिनागी जी को विशाल बहुमत से विजयी बनाइये। आप यहां अपने परिवार में, अपने परिचितों से कहिएगा कि मोदी जी आए थे..मोदी जी ने आपको प्रणाम कहा है। हर घर में मेरा प्रणाम पहुंचा देना।
मेरे साथ बोलिए...

भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की..

बहुत बहुत धन्यवाद!

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!