Today's Congress has neither principles nor policies left: PM Modi
PM Modi underscores the transformative changes since 2014, emphasizing infrastructure development, border security, and economic progress
Only BJP can provide the pace of development needed for the country: PM Modi
PM Modi condemns Congress' manifesto, accusing it of regressive ideologies
PM Modi urge voters to support BJP candidates for Atmanirbhar and Viksit Bharat

राम-राम सा।
मैं सबसे पहले तो इतनी बड़ी तादाद में मेरी जहां भी नजर पड़ती है, मुझे माताएं-बहनें दिख रही हैं। मैं उनको विशेष रूप से प्रणाम करता हूं कि आप इतनी गर्मी में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए इतनी बड़ी संख्या में आए हैं। शायद राजस्थान नया इतिहास लिखने जा रहा है। माताएं-बहनें मैं सर झुकाकर आपको प्रणाम करता हूं।
जय पुष्कर राज री। परमपिता ब्रह्मा जी री जय॥
जय श्रीमन नारायण। सावित्री माता री जय॥
अजमेर-नागौर का ये क्षेत्र वीर तेजाजी महाराज और मीराबाई की आध्यात्मिक भूमि है। ये क्षेत्र राष्ट्रगौरव पृथ्वीराज चौहान जैसे शूरवीरों की शौर्य भूमि है। मैं इस महान धरती से राजस्थान की इन महान अनगिनत विभूतियों को सर झुकाकर नमन करता हूं।

साथियों
आज 6 अप्रैल को ही भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई थी। और संयोग देखिए कि आज ही मुझे पुष्कर क्षेत्र में आने का सौभाग्य मिला है। ब्रह्मा जी तो नियंता है निर्माता है और भारतीय जनता पार्टी भी नए भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। और सबसे बड़ी बात हमारा ये क्षेत्र, कमल से इस क्षेत्र का संबंध है और भाजपा की पहचान भी देश के कोने-कोने में कमल खिलाने जा रही है। और इसलिए पूरा देश कह रहा है, हर माता-बहनें कह रही है, हर नौजवान कह रहा है। फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार। 4 जून...400 पार। 4 जून...400 पार। 4 जून...400 पार।

साथियों,
देश के इतिहास में कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं, जब उस देश के नागरिकों का एक फैसला अगले सैकड़ों वर्षों का भविष्य तय करता है। 2024 का ये चुनाव, ऐसा ही बड़ा अवसर है। ये कोई सामान्य चुनाव नहीं है। आप याद करिए, कितने दशकों से हमारे देश में जोड़-तोड़ वाली सरकारें चल रही थीं। गठबंधन की मजबूरियां, हर किसी के अपने स्वार्थ, इस सबमें देश के हित पीछे छूट गए थे। कांग्रेस के समय में गांव-गरीब, किसान, मजदूर, महिलाएं, युवाओं का जीना मुश्किल हो गया था। हर दिन अखबारों में या तो घोटालों की खबरें छपती थीं या फिर, आतंकी हमलों की खबरें आती थीं। लेकिन, 2014 से देश में एक बड़े बदलाव की शुरुआत हुई। दशकों बाद देश को आप सब जागरूक मतदाताओं ने पूर्ण-बहुमत की सरकार दी। आज भारत समंदर पर बड़े-बड़े पुल बना रहा है। आज भारत पहाड़ों में भी सुरंगे बनाकर सीमा की सुरक्षा बढ़ा रहा है। अब जब अजमेर से वंदेभारत ट्रेन रफ्तार भरती है, तो विदेशी भी हैरान हो जाते हैं। अब राजस्थान में एक से बढ़कर एक एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडॉर बन रहे हैं। भाजपा के शासन में राजस्थान, विकास की नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है।

साथियों,
कांग्रेस जहां रहती है, वहां विकास हो ही नहीं सकता। कांग्रेस ने ना कभी गरीब की परवाह की औऱ ना ही कभी वंचितों-शोषितों-युवाओं के बारे में सोचा। कांग्रेस के लिए यही कहा जा सकता है- एक तो करेला, दूसरे नीम चढ़ा। एक तो परिवारवादी पार्टी और दूसरा, उतनी ही भ्रष्टाचारी पार्टी। आप याद करिए, कांग्रेस सरकार में राजस्थान को लेकर कैसी खबरें आती थीं? युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ वाली पेपरलीक की खबरें! आए दिन वही पढ़ने को मिलता था। अपराधियों और माफियाओं के बेलगाम अपराध की खबरें! बेटियों के साथ अत्याचार की खबरें! पानी की विकराल होती समस्या की खबरें! कांग्रेस सरकार में लूट की हिस्सेदारी को लेकर सिर-फुटव्वल की खबरें आया करती थी। देश में राजस्थान की चर्चा केवल नकारात्मक कारणों से होने लगी थी। लेकिन, जब से बीजेपी आई है, अब चर्चा पेपर माफियाओं पर हो रही कार्रवाई की हो रही है। अब खबरें अपराधियों पर कस रहे कानून के शिकंजे की आती हैं। यहां भाजपा सरकार के आने के 100 दिन के भीतर ही वर्षों से लटकी ERCP पर सहमति बन गई है। ERCP से राजस्थान के एक बड़े इलाके में पानी का संकट खत्म होने जा रहा है। जिस तेज रफ्तार से देश का विकास होना चाहिए, वो तेज रफ्तार सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही दे सकती है।

साथियों,
कल कांग्रेस पार्टी ने एक झूठ का पुलिंदा जारी किया है, अपना घोषणापत्र जारी किया है। झूठ का ये पुलिंदा कांग्रेस की एक बहुत बड़ी सच्चाई, कांग्रेस को बेनकाब करने वाला ये घोषणापत्र है। आप देखिए हर पन्ने पर भारत के टुकड़े करने की बू आ रही है। कांग्रेस के घोषणापत्र में वही सोच झलकती है, जो सोच आजादी के समय मुस्लिम लीग में थी। मुस्लिम लीग के उस समय के विचारों को कांग्रेस आज भारत पर थोपना चाहती है। मुस्लिम लीग की छाप वाले इस घोषणापत्र में जो बचा-खुचा हिस्सा था, उसमें वामपंथी लेफ्टिस्ट हावी हो गए हैं। आज की कांग्रेस के पास ना सिद्धांत बचे हैं और ना ही नीतियां बची है। ऐसा लग रहा है कांग्रेस सब कुछ ठेके पर दे चुकी है, पूरी पार्टी को आउटसोर्स कर चुकी है। आप मुझे बताइए, ऐसी कांग्रेस देशहित में कोई काम कर सकती है? देशहित में कोई काम कर सकती है? भाइयो-बहनों घोषणापत्र देखोगे तो ये भारत को पिछली शताब्दी में धकेलने का एजेंडा लेकर आए हैं। क्या हमें आगे जाना है कि नहीं जाना है। आगे जाना है कि नहीं जाना है? आगे बढ़ना है कि नहीं बढ़ना है? क्या भारत को पिछली शताब्दी में धकेलने देंगे?

साथियों,
गरीब और वंचित वर्ग की तरह ही कांग्रेस ने कभी नारीशक्ति की भी परवाह नहीं की। मेरी माताएं-बहनें आपकी ये जागरूकता है न, ये कांग्रेस को अनेक दशकों के पाप का हिसाब मांगने के लिए तैयार हो गई शक्ति। आजादी के बाद पीढ़ी दर पीढ़ी देश की करोड़ों बेटियों का जीवन कष्ट में बीता। उसके लिए जिम्मेदार कौन है? उसके लिए जिम्मेदार कौन है? ऐसी कांग्रेस को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? 19 अप्रैल और 26 अप्रैल कमल पे बटन दबाकर कांग्रेस को कड़ी सजा देने का समय आ गया है। आप सोचिए, शौचालय के अभाव में बहनों-बेटियों को पीड़ा और अपमान झेलना पड़ता था। हमारी माताएं-बहनें प्राकृतिक... या तो सूर्योदय के पहले जाना पड़ता था या तो सूर्यास्त का इंतजार करना पड़ता था। और दिनभर मेरी माताएं-बहनें पीड़ा झेलती थी। क्या ये पीड़ा उनको महसूस नहीं हुई। मैं गरीब मां का बेटा हूं। इसलिए हर मां का दुख-दर्द भलीभांति समझता हूं। करोड़ों गरीब परिवारों की बहनों को धुएं में खाना पकाना पड़ता था। वो जब धुएं में खाना पकाती है तो एक दिन में, जानकार लोग कहते हैं, एक दिन 400 सिगरेट जितना धुआं ये मेरी माताओं-बहनों के फेफड़े में जाता था। क्या इन माताओं-बहनों को इस पीड़ा से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। पानी लाने के लिए दूर-दूर तक चलकर जाना होता था। मैं गुजरात का हूं। राजस्थान और गुजरात में पानी का संकट हम सबने भलीभांति देखा है। और इसके सारा बोझ हमारी माताओं-बहनों पर पड़ता था। सर पर बहुत बड़ा वजन उठाकर पानी लेने जाना पड़ता था। गर्भ के समय हमारी माताओं-बहनों को जो पोषक आहार चाहिए, ताकि गर्भ में जो बच्चा है वो तंदरुस्ती के साथ उसका जन्म हो, उसकी भी परवाह नहीं की। आज आपका ये बेटा, आपके गर्भ में जो बच्चा है न उसकी भी चिंता करता है। करोड़ों बहनों के पास बैंक खाता तक नहीं था। अगर कहीं से थोड़े बहुत पैसे बचा लिए तो अनाज के डिब्बे में रखना पड़ता था। आज मोदी ने इन माताओं-बहनों के बैंक में खाते खुलवा दिए। आप देखिए, समाज की क्या स्थिति थी, अगर परिवार में खेत है तो पुरुष के नाम पर, घर है तो पुरुष के नाम पर, गाड़ी है तो पुरुष के नाम पर, दुकान है तो पुरुष के नाम पर। और अगर पति नहीं रहा तो बेटे के नाम पर। हमारी माताओं-बहनों के नाम कुछ नहीं होता था। और ये आपका बेटा, मेरी माताएं-बहनें, इस आपके बेटे ने तय किया कि पीएम आवास के जो मकान देंगे न वो महिलाओं के नाम पर होंगे। हमारी माताओं-बहनों को रोजगार के अवसर नहीं थे, बहुत सारे क्षेत्रों में महिलाओं के लिए दरवाजे बंद थे।

साथियों,
गरीब और वंचित वर्ग की तरह ही कांग्रेस ने कभी नारीशक्ति की भी परवाह नहीं की। मेरी माताएं-बहनें आपकी ये जागरूकता है न, ये कांग्रेस को अनेक दशकों के पाप का हिसाब मांगने के लिए तैयार हो गई शक्ति। आजादी के बाद पीढ़ी दर पीढ़ी देश की करोड़ों बेटियों का जीवन कष्ट में बीता। उसके लिए जिम्मेदार कौन है? उसके लिए जिम्मेदार कौन है? ऐसी कांग्रेस को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? 19 अप्रैल और 26 अप्रैल कमल पे बटन दबाकर कांग्रेस को कड़ी सजा देने का समय आ गया है। आप सोचिए, शौचालय के अभाव में बहनों-बेटियों को पीड़ा और अपमान झेलना पड़ता था। हमारी माताएं-बहनें प्राकृतिक... या तो सूर्योदय के पहले जाना पड़ता था या तो सूर्यास्त का इंतजार करना पड़ता था। और दिनभर मेरी माताएं-बहनें पीड़ा झेलती थी। क्या ये पीड़ा उनको महसूस नहीं हुई। मैं गरीब मां का बेटा हूं। इसलिए हर मां का दुख-दर्द भलीभांति समझता हूं। करोड़ों गरीब परिवारों की बहनों को धुएं में खाना पकाना पड़ता था। वो जब धुएं में खाना पकाती है तो एक दिन में, जानकार लोग कहते हैं, एक दिन 400 सिगरेट जितना धुआं ये मेरी माताओं-बहनों के फेफड़े में जाता था। क्या इन माताओं-बहनों को इस पीड़ा से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए। पानी लाने के लिए दूर-दूर तक चलकर जाना होता था। मैं गुजरात का हूं। राजस्थान और गुजरात में पानी का संकट हम सबने भलीभांति देखा है। और इसके सारा बोझ हमारी माताओं-बहनों पर पड़ता था। सर पर बहुत बड़ा वजन उठाकर पानी लेने जाना पड़ता था। गर्भ के समय हमारी माताओं-बहनों को जो पोषक आहार चाहिए, ताकि गर्भ में जो बच्चा है वो तंदरुस्ती के साथ उसका जन्म हो, उसकी भी परवाह नहीं की। आज आपका ये बेटा, आपके गर्भ में जो बच्चा है न उसकी भी चिंता करता है। करोड़ों बहनों के पास बैंक खाता तक नहीं था। अगर कहीं से थोड़े बहुत पैसे बचा लिए तो अनाज के डिब्बे में रखना पड़ता था। आज मोदी ने इन माताओं-बहनों के बैंक में खाते खुलवा दिए। आप देखिए, समाज की क्या स्थिति थी, अगर परिवार में खेत है तो पुरुष के नाम पर, घर है तो पुरुष के नाम पर, गाड़ी है तो पुरुष के नाम पर, दुकान है तो पुरुष के नाम पर। और अगर पति नहीं रहा तो बेटे के नाम पर। हमारी माताओं-बहनों के नाम कुछ नहीं होता था। और ये आपका बेटा, मेरी माताएं-बहनें, इस आपके बेटे ने तय किया कि पीएम आवास के जो मकान देंगे न वो महिलाओं के नाम पर होंगे। हमारी माताओं-बहनों को रोजगार के अवसर नहीं थे, बहुत सारे क्षेत्रों में महिलाओं के लिए दरवाजे बंद थे।

साथियों,
ये जो देश के बड़े-बड़े नामदार, कांग्रेस और शाही परिवार के बड़े-बड़े नामदार इस कामदार को गाली देते हैं, वो नामदार है, शायद गाली देना उनका वो अधिकार मानते होंगे। ये कामदार ऐसा है हर गाली को पचा जाता है। ये मोदी से इसलिए नाराज हैं क्योंकि मोदी आज देश के गांव-गरीब के साथ चट्टान की तरह खड़ा है। जनता के पैसे को लूटना, ये लोग अपना खानदानी हक समझते थे। मोदी ने पिछले 10 साल में लूट की इस बीमारी का परमानेंट इलाज कर दिया है। मोदी ने इनकी लूट की दुकान का शटर गिरा दिया है, इसलिए ये बौखलाए हुए हैं।

साथियों,
इन परिवारवादी भ्रष्टाचारियों के कैसे-कैसे खेल होते हैं, मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। आज बीजेपी की सरकार देश के 80 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देती है। अलग-अलग योजनाओं का पैसा सीधे आपके खाते में आता है। 10 वर्षों में हमने 30 लाख करोड़ रुपए, आंकड़ा याद रखिए, 10 साल में 30 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा गरीबों के खातों में सीधे भेजे हैं। जब कांग्रेस की सरकार थी, तब जो भी पैसा सरकार द्वारा भेजा जाता था, वो बीच में ही लुट जाता था। अब आप सोचिए, कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं तो 15 पैसा पहुंचता है। कहा था कि नहीं कहा था। कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने कहा था न कि दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं तो 15 पैसा पहुंचता है। अगर 30 लाख करोड़ रुपया उनके पास होते, तो क्या होता मुझे बताइए। अब एक रुपया भेजते हैं, 15 पैसा पहुंचता है, तो वो कौन सा पंजा है जो बीच में से रुपये मार लेता है। हमने जांच कराई, तो पता चला कि कांग्रेस ने 10 करोड़ से ज्यादा ऐसे फर्जी लाभार्थी बनवा रखे थे, जिनका कभी जन्म ही नहीं हुआ था। पैदा ही नहीं हुए, लेकिन योजनाएं उनके नाम पर चढ़ जाती थी। यानी, 10 करोड़ फर्जी नामों पर आपके हक का हजारों करोड़ रुपया सीधे कांग्रेस के बिचौलियों के पास जा रहा था। मोदी ने ये खेल बंद कर दिया। मैंने जांच एजेंसियों को खुली छूट दी है। आपने देखा होगा, कांग्रेस के एक सांसद के यहां से 300 करोड़ से ज्यादा नगद, आप कल्पना कर सकते हैं, 300 करोड़ नगद आलमारी में ढेर के ढेर पड़े थे। और पकड़े गए, टीवी पर आपने देखा होगा। आप हैरान हो जाएंगे, ये बैंक के पास नोट गिनने के जो मशीन होते हैं न, कितने बैंकों से ये लाया, लेकिन मशीन थक गए गिनते-गिनते। मशीन बंद हो जाते थे। पैसे निकलते ही जा रहे थे। कांग्रेस का घमंडिया गठबंधन मोदी से परेशना है। इसलिए चिढ़ता है, गुस्सा करता है, गाली देता है। लेकिन कांग्रेस के लोग समझ लें, आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। आप देखिए, मैं कहता हूं- भ्रष्टाचार हटाओ, वो कहते हैं-भ्रष्टाचारी बचाओ। अभी देखिए, कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतने के लिए रैली नहीं कर रही, भ्रष्टाचारी को बचाने के लिए रैली कर रही। ये कितना भी बोलते रहें, भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की लड़ाई जारी रहेगी। मुझे बताइए, मुझे लड़ाई जारी रखनी चाहिए कि नहीं? इस देश से भ्रष्टाचार जाना चाहिए कि नहीं? भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? आपके आशीर्वाद है न। आपके आशीर्वाद है तो मैं लड़ता रहूंगा। और भाइयों-बहनों, और मेरी सरकार का तीसरा कार्यकाल बहुत दूर नहीं है। पहले 100 दिन में भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजेपी सरकार और भी बड़े फैसले लेने जा रही है। मैं तैयारी करके बैठा हूं। सारी तैयारी शुरू कर दी है। इसलिए ही मैं कहता हूं- 10 साल में जो कार्रवाई देखी, वो तो ट्रेलर है। अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है।

साथियों,
राजस्थान में आने वाली 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान होगा। अब आप देखिए, राम मंदिर बना, आपलोग खुश हैं कि नहीं हैं? अब मुझे बताइए, चलो भई राम मंदिर बन गया, लेकिन प्राण-प्रतिष्ठा में जाने का विरोध करना ये शोभा देता है क्या? इतना ही नहीं अगर कोई प्राण-प्रतिष्ठा में आ गया तो उसको कांग्रेस पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया। क्या इस देश में ऐसा हो सकता है भाई? प्रभु राम के बिना आप देश की कल्पना कर सकते हैं। हमारे यहां तो सुबह-शाम मिलते हैं तो राम-राम सा करके शुरू करते हैं भई। और अंतिम विदाई में भी, राम बोलो राम से ही जाते हैं जी। उस राम के खिलाफ इतना गुस्सा, मेरे दिमाग में नहीं बैठ रहा है भैया। प्रभु राम अपने घर विराजे। और ये रामनवमी आ रही है, सजधज के लोग मनाने वाले हैं। हम देखते हैं कितना विरोध करते हो।

साथियों
19 अप्रैल और 26 अप्रैल दो दिन मतदान के हैं राजस्थान में। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अजमेर से हमारे साथी भागीरथ चौधरी जी को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है। और नागौर में मेरी छोटी बहन ज्योति मिर्धा जी ने जिम्मेवारी संभाली है। इन दोनों प्रत्याशियों को आपका एक-एक वोट मोदी को मजबूत करेगा। मुझे विश्वास है राजस्थान से इस बार भी 25 की 25 सीटें देना ये राजस्थान ने तय कर लिया है। लेकिन इसके लिए हमें पोलिंग बूथ जीतना है। हमारी पूरी शक्ति पोलिंग बूथ जीतने में लगनी चाहिए। गर्मी कितनी ही तेज क्यों न हो, सुबह-सुबह मतदान हो जाना चाहिए। तो मेरी ये बात घर-घर पहुंचाओगे। मतदाताओँ को आज जितना मैंने भाषण किया वो बताओगे। हर माताओं-बहनों को बताओगे। पक्का बताओगे। अच्छा एक मेरा काम करोगे। ये मेरा काम है। ज्योति जी का भी नहीं है, भागीरथी जी का भी नहीं है। ये मोदी का काम है, करोगे? जरा हाथ ऊपर करो, करोगे। करोगे, पक्का करोगे। आप घर-घर जाना और सबको कहना कि अपने मोदी जी पुष्कर आए थे। और मोदी जी ने आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे। हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे।

मेरे साथ बोलिए,
भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

Explore More
140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day

Popular Speeches

140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.