We are ending 'Tushtikaran' and working for 'Santushtikaran': PM Modi in Agra

Published By : Admin | April 25, 2024 | 12:59 IST
Our commitment is clear: corrupt individuals will be investigated: PM Modi at Agra rally
While Modi focuses on uplifting the poor, the SP-Congress alliance is indulging in blatant appeasement: PM Modi
We are ending 'Tushtikaran' and working for 'Santushtikaran': PM Modi at election rally in UP's Agra

राधे राधे !

भारत माता की,

भारत माता की,

मैं ब्रज क्षेत्र के सभी देवी-देवताओं को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। मैं आज आपके पास विशेष रूप से आया हूं। मैं पहले भी आता रहा हूं। जहां-जहां पहुंच सकता हूं, पहुंचता हूं। लेकिन पहले जब मैं आता था कुछ देने के लिए आता था, कुछ लेकर के आता था। कोई योजना लेकरके आता था, किसी के उद्घाटन के लिए आता था। लेकिन आज मैं देने के लिए नहीं, मांगने के लिए आया हूं। मैं आपसे विकसित भारत के लिए आशीर्वाद मांगने आया हूं। आप मुझे बताइए, अगर भारत विकसित होता है तो आपका भला होगा कि नहीं होगा। भारत विकसित होता है तो आपके परिवार का भला होगा कि नहीं होगा। भारत विकसित होगा तो आपके बच्चों का भला होगा कि नहीं होगा। इसलिए देश भी एकजुट होकर कह रहा है- फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,

भारत की बढ़ती हुई शक्ति कुछ ताकतों को पसंद नहीं आ रही है। अब जैसे यहां डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। यहां देश की सेना के लिए, आत्मनिर्भर बनने के लिए, दुनिया में निर्यात के लिए घातक अस्त्र-शस्त्र बनेंगे। लेकिन दुनियाभर में जो हथियारों के दलाल हैं, जो पुरानी सरकारों में घूस देकर अपना काम करा लेने के एक्सपर्ट हो गए थे। और पुरानी सरकारों में बैठे लोगों को भी ये मलाई खाने को मिलती थी, उनको भी मजा आता था। ऐसे सारे लोग, मोदी जब शस्त्रों को यहां बनाने की बात करता है, देश को आत्मनिर्भर बनाने की बाद करता है तो बौखला गए हैं, बहुत नाराज़ हैं। वो नहीं चाहते कि भारत की सेना आत्मनिर्भर बने। इसलिए वो मोदी के विरुद्ध एकजुट हो गए हैं। इन ताकतों को रोकने के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए, देश की सुरक्षा के लिए फिर एक बार BJP-NDA सरकार जरूरी है।

भाइयों और बहनों,

मोदी की गारंटी सबका साथ, सबका विकास की है। लेकिन सपा-कांग्रेस के इंडी-गठबंधन के लिए देश से भी पहले उनका वोटबैंक खास है। हमारा 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड हो या फिर भाजपा का संकल्प पत्र, हमारा जोर सैचुरेशन पर है। कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सबको मिले, पूरा लाभ मिले, बिना बिचौलिया, बिना रिश्वत हकदार को मिले। यही भाजपा का सैचुरेशन मॉडल है। क्योंकि जहां सैचुरेशन होता है, वहां सभी हकदार को उसको हक मिलता है। हमारा सेकुलरिज्म भी यही है, सामाजिक न्याय भी यही है। बिना जाति, धर्म के भेदभाव के सबको मिलना चाहिए। सच्चा सामाजिक न्याय भी यही है जब आप बिना भेदभाव, बिना अपने-पराये, बिना रिश्वतखोरी, सबका हक पूरा करते हैं, तो इससे बड़ा सामाजिक न्याय क्या हो सकता है। आपने देखा होगा, फ्री राशन हो, मुफ्त इलाज हो, पक्का घर हो, टॉयलेट बनाना हो, गैस कनेक्शन हो, नल से जल हो, ये सारे लाभ हर लाभार्थी को मिले, बिना भेदभाव के मिले, ये मोदी की गारंटी है। अच्छा मेरा एक काम करोगे। सबलोग हाथ ऊपर करके बताओगे तो मैं बताऊंगा। पक्का करोगे, देखिए मैं दिन-रात मेहनत तो करता हूं, और यहां उत्तर प्रदेश में मेरी हर योजना को नीचे ले जाने में योगी जी रात-दिन मेहनत करते हैं। उनकी पूरी सरकार मेहनत करती है। फिर भी जब आप गांव में जाएंगे, इलाके में जाएंगे, सोसाइटी में जाएंगे। हो सकता है दो-चार ऐसे लोग मिल जाएं जिनको अब तक ये योजना नहीं पहुंची है। तो मेरा एक काम करेंगे। जिनको योजना नहीं पहुंची है उनकी सूची बनाना। और उनको कहना मोदी जी आगरा में आए थे, गारंटी दी है, कि जिनका बाकी रह गया है, तीसरे टर्म में उसका भी पूरा हो जाएगा। और आप देखिए, मेरे लिए तो आप सभी मोदी ही हैं। और इसलिए मेरी गारंटी आपके माध्यम से जरूर पहुंचेगी। साथियों, जब हम एक बाद एक गरीब के सशक्तिकरण के हम काम कर रहे हैं। गरीब को गरीबी को परास्त करने के लिए मजबूत कर रहे हैं। ये एक ऐसा मॉडल है जिस मॉडल की आज दुनिया के लोग चर्चा कर रहे हैं, क्योंकि हमने जो रास्ता अपनाया है। हमने जो मॉडल अपनाया है, उससे जो देश में 25 करोड़ देशवासी जो गरीबी की जिंदगी जीते थे, वो गरीबी से बाहर निकले हैं।

साथियों,

हमारे देश में हमने तुष्टिकरण की राजनीति बहुत देखी है। तुष्टिकरण की राजनीति ने देश को टुकड़ों-टुकड़ों में बांट के रख दिया है। तुष्टिकरण की राजनीति ने सच्चे और ईमानदारों के हक को डुबोया है। और इसीलिए अब मोदी तुष्टिकरण को समाप्त करके संतुष्टिकरण की ओर आगे बढ़ रहा है। हमारा रास्ता तुष्टिकरण का नहीं है, हमारा रास्ता संतुष्टिकरण है। सबका साथ सबका विकास ये मंत्र भी उसी का महामार्ग है लेकिन सपा-कांग्रेस का इंडी-गठबंधन घोर तुष्टिकरण में जुटा है। चौबीस के चुनाव में कांग्रेस ने जो मेनिफेस्टो जारी किया है, उस पर शतप्रतिशत, और ये मैंने पहले ही दिन कहा था आज नहीं कह रहा हूं। कांग्रेस के इस बार के मेनिफेस्टो पर शतप्रतिशत मुस्लिम लीग का ठप्पा लगा हुआ है, मुस्लिम लीग की छाप है। कांग्रेस का पूरा मेनिफेस्टो सिर्फ वोटबैंक को मजबूत करने के लिए समर्पित है। हमारा मेनिफेस्टो देश को मजबूत करने के लिए समर्पित है।

साथियों,

आजादी के बाद से ही ये स्पष्ट हो गया था कि भारत में धर्म के आधार पर कभी आरक्षण नहीं दिया जाएगा। ये संविधान सभा में चर्चा करने के बाद तय हुआ है। संविधान सभा में जो चर्चा हुई थी, जिसको बाबा साहेब अंबेडकर ने लिखा था। बाबा साहेब आंबेडकर की इच्छा थी, यही संविधान की मूल भावना है, यही सामाजिक न्याय है कि भारत में धर्म के आधार पर भारत का संविधान आरक्षण की सहमति नहीं देता है। लेकिन कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो आए दिन बाबा साहेब का अपमान करती है, संविधान का अपमान करती है और सामाजिक न्याय की धज्जियां उड़ाती है। इसी कांग्रेस ने कभी कर्नाटका में, कभी आंध्र प्रदेश में, कभी अपने घोषणापत्र में बार-बार धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत की। देश का संविधान, देश की अदालतें, कांग्रेस को ऐसा करने से बार-बार मना कर चुकी है। उनकी हर बात को देश की न्यायपालिका ने ठुकरा दिया है। और इसीलिए अब कांग्रेस ने पिछले दरवाजे से खेल खेलना शुरू किया है। एसी-एसटी-ओबीसी की आंख में धूल झोंककर पाप करने के रास्ते बनाने का काम किया है। अब कांग्रेस ने ठान लिया है कि वो धर्म के आधार पर रिजर्वेशन लाकर रहेगी। और इसके लिए कांग्रेस ने तरीका निकाला है जो ओबीसी का कोटा है, 27 परसेंट का जो ओबीसी का कोटा है, क्योंकि मैं भी उस समाज से आता हूं, इसलिए मुझे उसकी पूरी जानकारी है। ये जो 27 प्रतिशत आरक्षण का कोटा है, उन्होंने तय किया है कि उसमें कुछ चोरी कर लिया जाए। 27 परसेंट में से चोरी कर लिया जाए, छीन लिया जाए। चुपचाप छीन लिया जाए। और धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया जाए। का जो आरक्षण का कोटा उसमें से चुपचाप छीन लिया जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया जाए। क्या आपको ये मंजूर है, ये आप सहन कर सकते हैं, ये आप स्वीकार कर सकते हैं। देखिए कर्नाटका ने क्या किया। कर्नाटका की कांग्रेस की सरकार ने रातों-रात कर्नाटक में जितनी भी मुस्लिम जातियां हैं, छोटी-मोटी, धनी, पढ़ी-लिखी सब, सभी जातियों को रातों-रात कागज पर ठप्पा मारकर उनको ओबीसी बना दिया। और उनको कह दिया ये जो 27 परसेंट है न अब आप उसके मालिक हो, जाओ लूट लो। ओबीसी के हक पर डाका डाला है, ये डाका है कि नहीं है। जरा पूरी ताकत से बताइए भाई, ये डाका है कि नहीं है। जार इधर से माताएं-बहनें बताइए ये डाका है कि नहीं है। कांग्रेस का इरादा, यूपी में भी यही खेल खेलने का है, यही कारनामा दोहराने का है। देश में जहां-जहां मौका मिले, ये पिछले दरवाजे, चोरी-छिपे से, ओबीसी का हक लूट लेना, एसटी का लूट लेना, एससी का का हक ले लेना और उनको दे देना। और इसमें उसे समाजवादी पार्टी का पूरा साथ मिल रहा है।

आप याद कीजिए, 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की केंद्र सरकार ने तब भी ऐसी ही कोशिश की थी। इन्होंने ओबीसी के आरक्षण का एक हिस्सा धर्म के आधार पर माइनॉरिटीज को देने का फैसला किया था। लेकिन तब ये अपने इरादों में सफल नहीं हुए थे। यूपी के लोगों को और विशेषकर OBC समुदाय को कांग्रेस और सपा का ये खतरनाक खेल मेरे ओबीसी भाइयों-बहनों को समझना पड़ेगा। दलितों को, वंचितों को, पिछड़ों को ये सपा-कांग्रेस का खेल समझना होगा। यहां यूपी में हमारे यादव, कुर्मी, मौर्या, कुशवाहा, जाट-गुज्जर, राजभर, तेली, पाल जैसी अनेक OBC जातियां हैं, उनका हक है, भारत के संविधान के अनुसार हक है। तो इनसे छीनकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, अपने चहेते वोटबैंक को देना चाहती हैं। समाजवादी पार्टी, अपने वोटबैंक की खातिर यादवों-पिछड़ों से ही सबसे बड़ा विश्वासघात कर रही है। तुष्टिकरण में डूबी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, दोनों की एक ही प्रकार की सोच है। यहां उत्तर प्रदेश में जो दो लड़कों में दोस्ती है, इसका भी आधार ये तुष्टिकरण की राजनीति है। दोनों मिलकर भाषण में तो OBC-OBC करते हैं और पिछले दरवाजे से OBC का हक छीनकर अपने वोटबैंक को देना चाहते हैं। आप मुझे बताइए...क्या आप कांग्रेस-सपा को ये पाप करने देंगे? ये बेइमानी करने देंगे। आपके अधिकार को लूटने देंगे।

भाइयों और बहनों,

योगी जी के मुख्यमंत्री बनने से पहले यहां इंडी गठबंधन वालों का नारा होता क्या होता था, आप भूल गए होंगे। क्योंकि योगी जी के राज में ऐसा होता नहीं है इसलिए आप भूल गए हो, मैं जरा याद कराना चाहता हूं, उस समय नारा क्या था - जो जमीन सरकारी है, वो जमीन हमारी है। होता था या नहीं? ऐसा नारा लगता था कि नहीं लगता था? लखनऊ में जो बैठी थी न वोट बैंक वाली सरकार उनका आशीर्वाद रहता था। योगी जी की सरकार आई, तो ऐसे लोगों को सही जगह पहुंचाया गया। लेकिन साथियों, अब कांग्रेस और इंडी गठबंधन वालों का नया प्लान सामने आया है। ये नया प्लान है: कांग्रेस की लूट, ज़िंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी। कांग्रेस के लोग कहते हैं, बार-बार कह रहे हैं, बड़े खुशमिजाज होकर कहते हैं, जैसे उन्होंने बहुत बड़ा तीर मार लिया। वो कहते हैं अब आप सबकी संपत्ति की जांच होगी। कांग्रेस के शहजादे की एक्स-रे मशीन, बहनों-बेटियों की अलमारियों में पहुंचेगी, शहजादे की एक्स-रे मशीन बैंकों के लॉकर पहुंचेगी, सबको खंगालेगी। अरे किसी गरीब मां ने कुछ अपनी बेटी के लिए बचाकर रखकर के ज्वार-बाजरे के डिब्बे में रखा है न तो उनकी एक्सरे वहां भी पहुंचेगी। जिन्होंने मंगलसूत्र दबाकर रखा है तो वहां भी इनकी एक्सरे पहुंचेगी। और थोड़ा बहुत ज़ेवर-गहना रखा होगा उस पर कब्जा करके ये लोग उसे अपने वोटबैंक में बांट देंगे। यहां तक की बहनों के मंगलसूत्र तक को नहीं छोड़ा जाएगा। यही इंडी गठबंधन वालों की नई योजना है। क्या आप इन्हें सफल होने देंगे? माताएं-बहनें आपके पास जो स्त्रीधन है, आपके पास जो मंगलसूत्र है क्या ये आप किसी को लेने देंगी। किसी सरकार को लेने देंगे। देश की कोई माता-बहन लेने देगी। अरे सर कटवा देगी लेकिन वो कभी नहीं देगी। ये इनको मालूम नहीं है।

साथियों,

आपसे आपकी संपत्ति छीनने की इंडी गठबंधन की योजना सिर्फ इतने पर ही नहीं रुकती है। अब कांग्रेस-सपा वाले इंडी गठबंधन का कहना है कि वो आपकी विरासत पर भी लूट करेंगे। आपकी विरासत का मतलब है दादा-दादी ने मेहनत करके बचाके बेटे को दिया है। आपके पिता ने मेहनत करके कुछ बचा करके आपके लिए रखा है, जिस दिन वो नहीं रहेंगे, तो फिर इंडी गठबंधन-कांग्रेस ने ये घोषणा की है कि वो आपके परिवार के लोगों को मिलने से पहले 55 प्रतिशत आधे से ज्यादा सरकार उस पर कब्जा कर लेगी। बाकी बचा वो आपके नसीब में आएगा। बताइए आपके माता-पिता की मेहनत को आप लूटने देंगे क्या? यानि आज जो संपत्ति आप आने वाली पीढ़ियों के लिए जोड़ रहे हैं, आपके बाद उस पर भी ये लोग आधे से ज्यादा टैक्स लगाकर लूटना चाहते हैं। अब मैं समझाता हूं, मान लीजिए, आपने अपने बच्चों के लिए 4 कमरे का घर बनाया है। तो आपके बाद सिर्फ 2 कमरे आपकी संतान को मिलेंगे और बाकी 2 कमरे कांग्रेस-सपा सरकार हड़प लेगी। मान लीजिए, आपके पास 10 बीघा खेत है, तो 5 बीघा ही आपके बच्चों को मिलेगा, बाकि कांग्रेस-सपा सरकार है वो हड़प लेगी। आप अपनी संपत्ति कांग्रेस-सपा के भ्रष्ट पंजे में जाने देंगे? जरा पूरी ताकत से बताइए, मुद्दा बड़ा गंभीर बनता जा रहा है। जाने देंगे? आपको गुस्सा आ रहा है कि नहीं आ रहा है?

साथियों,

SC/ST/OBC के हक पर डाका डालने और बहनों के मंगलसूत्र पर नज़र डालने से पहले जरा इंडी-गठबंधन वालों ये दीवार पर लिखा हुआ पढ़ लो और कान खोलकर सुन लो जब तक मोदी जिंदा है, ऐसा कोई भी पाप करने से पहले आपको मोदी से निपटना पड़ेगा। हमारा संकल्प है, जो भ्रष्टाचारी हैं, उनकी जांच होगी, जिन्होंने गरीबों को लूटा है, वो लूट का पैसा, गरीबों को वापस मिलेगा। ये जो भ्रष्टाचारी हैं, इनके पास से जो लूट का पैसा निकल रहा है, जो बंगले-गाड़ियां जब्त हो रही हैं, ये जनता को कैसे लौटाया जाए, इस पर मोदी तेजी से काम कर रहा है, रास्ता खोज रहा है। ये माताओं-बहनों की बचत पर नज़र गड़ाए हुए हैं, लेकिन मोदी माताओं-बहनों को संपत्ति में हकदार बनाने में मैं आपका चौकीदार बनकर खड़ा हूं। बीते 10 वर्षों में मोदी ने 4 करोड़ पक्के घर बनाए हैं। इनमें से 3 करोड़ से अधिक पक्के घर माताओं-बहनों के नाम किए गए हैं। ये मेरी माताओं-बहनों की ताकत है। मोदी ने बहनों के जनधन बैंक खाते खुलवाए, ताकि सरकारी लाभ का सीधा पैसा, घर की माता-बहन के खाते में जाए। और अब मोदी की गारंटी है कि 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाया जाएगा। आज देश का युवा आशावान है, आत्मविश्वास से भरा है, सामर्म्थ्यवान हैं, कर्तव्यवान हैं। और मुझे मेरे देश के युवाओं पर नाज है। मैं दुनिया में जाता हूं न तो मुझे लोग पूछते हैं, मोदी जी इतने बड़े-बड़े काम, इतने बड़े-बड़े सपने...मैंने कहा ये सपनों की ताकत मुझे मेरे देश के नौजवानों से मिलती है, उनके सामर्थ्य से मिलती है। आज देश में नए नए अवसर बन रहे हैं, नए-नए सेक्टर खुल रहे हैं। युवाओं की हर आकांक्षा का ध्यान हमारी सरकार रख रही है। युवाओं की सहायता के लिए मुद्रा लोन है, स्किल इंडिया मिशन है, स्टैंड अप इंडिया मिशन है। हमने नौकरियों में गैर-जरूरी इंटरव्यू खत्म किए, हमने स्थानीय भाषाओं में परीक्षा का प्रावधान किया, हमने सरकारी व्यवस्थाओं को फेसलेस बनाया।

साथियों,

दूसरी तरफ कांग्रेस है जिसने आजादी के बाद से ही भाई भतीजावाद को बढ़ाया, युवाओं की क्षमताओं को बर्बाद किया। अभी इसका ताजा प्रमाण मिला है। आप जरा सुनिए और लोगों को बताइए, शायद आपने अखबारों में भी पढ़ा होगा। ताजा प्रमाण मिला है, हमारे पड़ोस के राजस्थान में वहां कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस के अपने लोगों ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री के करीबी ने कल एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है और सार्वजनिक रूप से किया है। और अभी तक कांग्रेस के मुंह पर ताले लगे हुए हैं। वो कह रहे हैं कि पेपरलीक, यानि नौजवानों के भविष्य के साथ इतना बड़ा खिलवाड़, वो कहते हैं कि राजस्थान में जो पेपरलीक हुआ, उसमें कांग्रेस की गहलोत सरकार खुद शामिल थी। और कोई और नहीं कह रहा है, कांग्रेस के मुख्यमंत्री के कार्यालय में काम करने वाले सज्जन थे, वो कह रहे हैं। आप बताइए नौजवानों इससे बड़ा पाप, इससे बड़ा धोखा मेरे देश के युवाओं के साथ नहीं हो सकता है। यानि राजस्थान में अब कांग्रेस का ही पेपरलीक हो गया है। यही कांग्रेस की सच्चाई है। इसलिए देश के युवाओं को, हमारे फर्स्ट टाइम वोटर्स को कांग्रेस से बहुत सतर्क रहना है।

भाइयों और बहनों,

भाजपा सरकार की पहचान ही, अच्छी सड़कें, आधुनिक रेल लाइन, मेट्रो सुविधाओं से है। कोविड में वैक्सीन की व्यवस्था, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, 70 साल से ऊपर के लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड, हम आगरा, फतेहपुर-सीकरी सहित, इस पूरे क्षेत्र को पूरी दुनिया के निवेशकों और पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने में जुटे हैं। आप याद रखिएगा, ये अयोध्या में प्रभु राम मंदिर के दर्शन के लिए लोग आ रहे हैं न, लाखों लोग आ रहे हैं। काशी में जो कॉरिडोर बना है, लाखों लोग आ रहे हैं, आप मान के चलिए, वो निकलते हैं अयोध्या के लिए, वे निकलते हैं काशी के लिए लेकिन वो जरूर आगरा आकर जाते हैं। इसलिए यहां का टूरिज्म तो बढ़ने ही वाला है। आपके तो एक हाथ में दो-दो लड्डू है। आप याद रखिएगा आपका वोट एसपी सिंह बघेल जी और राजकुमार चाहर जी को तो मिलेगा ही, लेकिन जब आप वोट उनको देंगे न, तो उनको तो मिलेगा ही, लेकिन ये वोट मोदी को भी मिलेगा। तो आप मोदी को वोट देंगे, पक्का देंगे। इसलिए 7 मई को कुछ समय अपने इस सेवक के लिए ज़रूर निकालना है। कितनी ही गर्मी क्यों न हो, कितनी ही शादियां क्यों न हो, कितने ही निजी काम क्यों न हो, लेकिन जब मैं इतनी मेहनत करता हूं, दिन-रात मेहनत करता हूं, तो मतदान के दिन मेरा आपसे कुछ समय मांगने का हक बनता है कि नहीं बनता है। मैं इतना तो मांग सकता हूं कि नहीं मांग सकता हूं। मैं देशवासियों से इतना तो मांग सकता हूं न कि आप देश के लिए एक-दो घंटे निकालिए। गर्मी हो तो भी निकलिए, मतदान कीजिए। मतदान कराएंगे। अच्छा मेरा एक और काम करेंगे। घर-घर जाएंगे। घर-घर जाकर के कहना मोदी जी आए थे, आप सबको राधे-राधे कहा है। पहुंचा देंगे राम-राम मेरा। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे।
बोलिए...

भारत माता की जय !

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भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!