The INDI Alliance held Delhi captive over the CAA, inciting riots, but their falsehoods stand exposed: PM Modi
While Delhi witnesses progress, the INDI Alliance is bent on its destruction: PM Modi in North-East Delhi rally
I consider it a blessing from God to be chosen to accelerate our country's development: PM Modi
India needs a government that can deliver that is why Phir Ek Baar... Modi Sarkar!: PM Modi in North-East Delhi

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

देश की राजधानी, दिल्ली के सभी भाई-बहनों को मेरा नमस्कार। आप सबने, इतनी बड़ी तादाद में और मैं ऊपर से हेलीकॉप्टर से देख रहा था, सामने वाले दोनों मार्ग पूरी तरह भरे पड़े हैं। ये उमंग, ये उत्साह, इस बात का गवाह है कि फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार। साथियों, दिल्ली के लाल किले से मैंने कहा था, यही समय है सही समय है। आज 21वीं सदी के भारत के सामने सबसे अनमोल समय आया है। आपका ये प्यार, आपका आशिर्वाद, आपका उमंग, आपका उत्साह सब कुछ मेरे सिर आंखों पर।

साथियों,

सही समय है यही समय है। ये वो समय है जब भारत तेज विकास के लिए एक लंबी छलांग लगा रहा है। चौबीस का ये चुनाव, भारत को टॉप तीन इकॉनॉमी में लाने के लिए है और चौबीस का ये चुनाव, भारत की अर्थव्यवस्था को उन ताकतों से बचाने के लिए भी है, जो अपनी आर्थिक नीतियों से भारत को दिवालिया कर देना चाहती हैं। चौबीस का ये चुनाव, भारत में गरीब के लिए, मध्यम वर्ग के लिए उसका जीवन आसान बनाने के लिए, उसके जीवन में खुशियां लाने के लिए है। और चौबीस का ये चुनाव, गरीब और मध्यम वर्ग को उन ताकतों से बचाने के लिए है जो उनकी संपत्ति छीन लेना चाहती हैं। चौबीस का ये चुनाव, भारत के युवाओं के लिए नए अवसर बनाने के लिए है। चाहे, स्पेस सेक्टर हो, सेमीकंडक्टर हो, ग्रीन एनर्जी हो, सोलर रिवोल्यूशन हो, इलेक्ट्रिक व्हिक्ल का युग हो, हर क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए है। और दूसरी ओर चौबीस का ये चुनाव उस परंपरा को, उस सोच को भी हराने का है, जिसने बरसों तक भाई-भतीजावाद, परिवारवाद के चलते भारत के युवाओं का भविष्य बर्बाद करके रख दिया है। चौबीस का ये चुनाव, मजबूत भारत बनाने के लिए है। और चौबीस का ये चुनाव, उन ताकतों को हराने के लिए है जो भारत को कमजोर करना चाहती हैं। तो देश की राजनीति को एक मजबूत सरकार चाहिए। देश की राजधानी को दुनिया में प्रतिष्ठा मिले, देश की राजधानी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बने और इसलिए इस देश को चाहिए, फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,

मैं इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानता हूं कि परमात्मा ने मुझे देश के विकास को तेज गति देने के लिए आपकी सेवा में भेजा है। पचास-साठ साल पहले मैं अपना घर छोड़कर निकला था, तब मुझे भी नहीं पता था कि एक दिन लाल किले पर तिरंगा फहराउंगा। पचास साठ साल पहले जब घर छोड़ा सबकुछ छोड़ चुका था, सब कुछ छूट गया था लेकिन तब मुझे पता नहीं था कि एक दिन ये 140 करोड़ भारतीय ही मेरा परिवार बन जाएंगे।

साथियों,

न अपने लिए मैं जिया हूं न अपने लिए जन्मा हूं। मैं आपके लिए और आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जीजान से खप रहा हूं। समाज जीवन का स्वाभाविक क्रम है कि हर परिवार, घर का हर मुखिया अपने वारिस के लिए सोचता है, योजना बनता है औऱ कुछ करता भी है। मुझे तो वो भी नहीं करना है। मेरा कोई वारिस नहीं है। अगर मेरा कोई वारिस है तो आप ही मेरे वारिस हैं। 140 करोड़ देशवासी, वही मेरे वारिस हैं। औऱ इसलिए आपके लिए ही मैं दिन-रात मेहनत कर रहा हूं, मेरा पल पल आपके लिए, मेरा पल पल देश के लिए, आपके सपने ही मेरा संकल्प हैं। आपके सपने सफल हों इसीलिए ये जिंदगी आपके लिए कुर्बान है। 24X7 फॉर 2047. ये मोदी की गांरटी है। औऱ साथियों (ये पर्दा नीचे करो पीछे लोगों को दिखता नहीं है भाई, नीचे करिए आप) साथियों, देश को मजबूत बनाना है इसके लिए मजबूत सरकार चाहिए और मुझे भी मजबूत साथी चाहिए। और इसलिए दिल्ली में भी हमारे सभी उम्मीदवार आपके आशीर्वाद से विजयी हों, विकसित भारत का मेरा संकल्प पूरा करने के लिए ये मेरे साथी बनें।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लेकर निकला हूं, तब मैं आपसे प्रार्थना करता हूं ( आप लोग कुछ समझते हैं कि नहीं, आप ये बोर्ड नीचे करेंगे क्या, ये जो भी हैं वहां ये सारे इकट्ठे कर लो, कोई एक इकट्ठे कर लो सब, भाई आपका प्यार मेरे सिर आंखों पर, लेकिन इतना प्यार मत करो कि पीछे वालों को दिखाई न दे। ये लोग दूर-दूर से आए हैं उनको परेशानी नहीं होनी चाहिए।) साथियों, आप चाहते हैं कि देश में मजबूत सरकार बने, आप चाहते हैं कि दिल्ली के सभी सांसद जीत कर आएं, इसके लिए हर बूथ में कमल खिलाना होगा। हर बूथ में कमल में खिले तभी तो देश मजबूत होगा।

साथियों,

विकसित होते भारत की राजधानी भी विकसित दिखनी चाहिए, विकसित होनी चाहिए। आपने G-20 सम्मेलन के दौरान देखा है, कैसे दुनिया के शीर्ष नेता दिल्ली को देखकर चकित थे। आज यहां भारत मंडपम् और यशोभूमि जैसे आधुनिक कन्वेंशन सेंटर बन रहे हैं। नया संसद भवन, हमारी शान और बढ़ा रहा है। नेशनल वॉर मेमोरियल, आजादी के बाद देश के जवान इसके लिए मांग करते थे, इसके लिए प्रतीक्षा करते थे, देश का दुर्भाग्य देखिए, जब तक मोदी नहीं आय़ा, दिल्ली में बैठी हुई सरकारों को देश के वीर जवानों के मान सम्मान में वॉर मेमोरियल बनाने का उनको महत्व समझ नहीं आय़ा। देश में लोगों की सुरक्षा करत-करते करीब 35 हजार पुलिस के जवान शहीद हुए हैं। हमारी रक्षा करते-करते शहीद हुए हैं। उन पुलिस मेमोरियल के लिए, देश के पुलिस जवानों को सत्तर साल इतंजार करना पड़ा, मोदी आया तब जा करके बना। डॉ. बाबा साहेब का मेमोरियल, एक परिवार के लिए सब कुछ हुआ, लेकिन इतने प्रधानमंत्री हो गए, उनको स्मरण करने के लिए, उनकी राजनीति उनका परिवारवाद आड़े आय़ा। ये मोदी है जिसके रगों में लोकतंत्र जिंदा है। जो जीता है लोकतंत्र के लिए, जो खपता है लोकतंत्र के लिए और उसने देश में पहली बार सभी प्रधानमंत्रियों का म्यूजियम बनाया। ऐसे अनेक स्मारक बन रहे हैं जो आधुनिक दिल्ली के दर्शन कराते हैं। हर शाम जब कर्तव्यपथ पर हजारों परिवार खुशियों के पल बिताते हैं तब लगता है मेरी मेहनत सफल हो रही है।

साथियों,

मोदी का 10 वर्ष का सेवाकाल, दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए नए ट्रांसफॉर्मेशन का कालखंड रहा है। मेरा फोकस रहा है Ease of Living पर, Ease of Travel पर, 10 साल पहले दिल्ली में नेशनल हाईवे की लंबाई 80 किलोमीटर थी। अब ये 160 किलोमीटर से ज्यादा हो गई है। इन 10 सालों में 4 लेन के हाईवे की लंबाई भी दोगुनी हो गई है। हज़ारों बड़े वाहनों को अब दिल्ली में आने की ज़रूरत नहीं पड़ती। दिल्ली-NCR से होकर शानदार एक्सप्रेसवे चारों तरफ बन रहे हैं। 2014 में दिल्ली मेट्रो का जितना बड़ा नेटवर्क था आज उससे दोगुना बड़ा मेट्रो नेटवर्क दिल्ली के पास है। आज दिल्ली मेट्रो में हर रोज 65 लाख लोग सफर करते हैं। ये यात्रीगण अब ध्यान दे रहे हैं कि अब मेट्रो का गेट सिर्फ विकास की तरफ खुलता है। और अब तो नमो भारत ट्रेन भी दिल्ली-NCR की नई पहचान बन चुकी है। मैं दिल्ली के लोगों को एक और बात कहूंगा आज दिल्ली में जितनी भी इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जो पर्यावरण की समस्याएं हैं उससे मुक्ति के लिए, भारत सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। देश के बड़े बड़े शहरों को भारत सरकार इलेक्ट्रिक बसें दे रही है। आपने देखा होगा, दिल्ली को भी भारत सरकार ने ऐसी सैकड़ों बसें दी हैं ताकि दिल्ली के लोगों की सुविधा भी बढ़े औऱ पर्यावरण की भी रक्षा हो। साथियों, हम सब जानते हैं, दुनिया में कोई भी जगह हो इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास इन्वेस्टमेंट लेकर आता है। आज छोटे से छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े-बड़े बिजनेस तक सभी फायदे में हैं क्योंकि भारत सरकार दिल्ली का चौतरफा विकास कर रही है।

साथियों,

मोदी, दिल्ली के हर गरीब, हर मिडिल क्लास परिवार का जीवन आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूरी दिल्ली में पाइप से सस्ती गैस पहुंचाने का काम तेज़ी से चल रहा है। इससे हमारी बहनों को बहुत सुविधा हो रही है। मुफ्त अनाज की योजना भी लाखों लोगों के बहुत काम आ रही है। सबके घर का सपना पूरा करना भी मोदी की गारंटी है। आप देखिए, एक तरफ Unauthorised colonies को रेगुलर करने का काम चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ झुग्गियों की जगह पक्के घर बनाने का अभियान भी जारी है। मिडिल क्लास के जो साथी अपना घर बनाना चाहते हैं उनको भी भाजपा सरकार बड़ी आर्थिक मदद देने जा रही है।

साथियों,

गरीब और मध्यम वर्ग की बचत को बढ़ाने के लिए मोदी ने एक और योजना शुरू की है। ये योजना है- पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना। ये योजना दिल्ली के लोगों के लिए ट्रिपल बेनिफिट वाली है, तीन फायदा कराएगी। इस योजना में आपका 300 यूनिट तक का बिजली बिल जीरो हो जाएगा। बिजली बिल जीरो और इसके लिए भारत सरकार आपको 75 हजार रुपए तक की मदद देगी, इसका आनलाइन रजिस्ट्रेशन चालू हो चुका है। इस 75 हजार रुपए से आप अपने घरों पर सोलर पैनल लगवा पाएंगे। घर में इस्तेमाल के बाद जो बिजली बचेगी, उसे सरकार खरीदेगा उससे आपकी कमाई होगी। तीसरा लाभ, अब जमाना, इलेक्ट्रकि वेहिकल का है, अब पेट्रोल डीजल का जमाना चला गया। अब इलेक्ट्रिक्ल वेहिकल आपकी खुद की बिजली, खुद का सोलर प्लांट औऱ आपके वेहिकल का चार्जिंग भी आपके घर में, मतलब दिन भर आप स्कूटर ले करके, स्कूटी ले करके, मोटरसाइकिल ले करके, कार ले करके अगर इलेक्ट्रिक वेहिकल है तो उसका बिल भी जीरो हो जाएगा।


भाइयों और बहनों,

राजधानी दिल्ली में हो रहे इन विकास कार्यों के बीच, इंडी गठबंधन दिल्ली को तबाह करने में जुटा है। ये लोग राजनीति का लगातार पतन करने के जिम्मेदार हैं। ये लोग, करोड़ों देशवासियों का भरोसा तोड़ने के जिम्मेदार हैं। ये लोग दिल्ली को लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे, ये लोग भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर आए थे, और अब हजारों करोड़ के घोटाले में जेल के चक्कर लगा रहे हैं। और ये कांग्रेस, ये तो पूरी तरह एक्सपोज हो गई है। पहले कांग्रेस वाले पत्रकार वार्ता करते करते क्रेडिट लेने के लिए तूफान मचा देते थे, वे कहते थे शराब घोटाले के पर्दाफाश का क्रेडिट कांग्रेस को जाता है। फिर शाही परिवार के कहने पर भ्रष्टाचारी को ही गले लगा लिया। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को भी समझ नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें? दिल्ली-हरियाणा में दोस्ती और पंजाब में कुश्ती, ये ढोंग कब तक चलेगा? दुनिया देख रही है कि कैसे एक भ्रष्टाचारी दूसरे भ्रष्टाचारी को कवर दे रहा है।

साथियों,

एक जमाना था, जब कांग्रेस पूरे देश पर राज करती थी। इनकी उंगलियों के इशारों से सरकारें बनती और गिरती थीं। कांग्रेस की चार पीढ़ियों ने दिल्ली पर राज किया। लेकिन आज दिल्ली में चार सीट लड़ने की उनकी ताकत नहीं रही है। कांग्रेस उस सीट पर भी नहीं लड़ रही, जहां देश की संसद है, जहां इनका 10 जनपथ का दरबार है। लेकिन फिर भी, कांग्रेस का घमंड नहीं टूटा है।

साथियों,

इंडी गठबंधन वालों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ में, आपके स्वास्थ्य को भी दांव पर लगा दिया है। यहां केंद्र सरकार के अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज हो रहा है। लेकिन इंडी वालों ने यहां आयुष्मान भारत योजना पर रोक लगा रखी है। मोदी ने अब तय किया है कि हर परिवार के 70 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों को भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। और इससे परिवार के खर्च में बहुत बड़ी राहत होगी। बहुत बड़ी बचत होगी। लेकिन इसका फायदा दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आपको नहीं मिल पाएगा। ये लोग दिल्ली के एक भी बुजुर्ग को भारत सरकार की योजना का लाभ नहीं लेने देते। मेरा आपसे अनुरोध है, सत्तर साल के ऊपर के सब लोगों से मिलिए, उनको ये बताइए मोदी ये देना चाहते हैं लेकिन ये दिल्ली की सरकार रूकावट बनी है, एक भी बुजुर्ग का वोट ये इंडी गठबंधनों वालों को जाना नहीं चाहिए।

भाइयों और बहनों,

जब 24 घंटे दिमाग में सिर्फ वोटबैंक चलता हो, तब ना इस तरह की योजनाएं संभव हैं और ना ही तब विकास हो पाता है। इंडी गठबंधन का यही हाल है। ये तुष्टिकरण के लिए सारी हदें पार कर चुके हैं। इनका मेनिफेस्टो देखिए, ऐसा लगता है जैसे मुस्लिम लीग के दबाव में तैयार किया हो, मैनिफेस्टो में लिखा है अब सरकारी टेंडरों को धर्म के आधार पर देना चाहते हैं। ये स्पोर्ट्स टीमों में भी धर्म के आधार पर सलेक्शन करना चाहते हैं, ये देश के बजट को धर्म के आधार पर देना चाहते हैं और यही नहीं, कांग्रेस के शहजादे आपकी संपत्ति का एक्स-रे कराकर, आपके घर पर छापा मारकर, आपकी संपत्ति का आधा हिस्सा अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं। और ये पिछले कई बरसों से ऐसा करते भी आ रहे हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे, 2014 में चुनाव की घोषणा होने के समय डॉ मनमोहन सिंह जी की रिमोट वाली जो सरकार चलती थी, मैडम सोनिया जी जिस सरकार को पीछे से चलाती थीं, उन्होंने वोट बैंक के लिए वोट जिहाद करने वालों से सौदा किया औऱ सौदा किया कि वो वोट देंगे औऱ बदले में कांग्रेस क्या देगी? दिल्ली के लोगों की संपत्ति, हिन्दुस्तान के लोगों की संपत्ति, भारत की महान विरासत, 123 प्रोपर्टी रातों रात वोट पाने के बदले में वक्फ बोर्ड को सौंप दी गई थी। ये प्रॉपर्टी आपकी है दिल्ली वालों, 123 प्रॉपर्टी, एक दो नहीं, एक ही निर्णय में और मकसद यही था इनका वोट बैंक खुश हो और चुनाव में फायदा हो। ये संपत्तियां, दिल्ली की प्राइम लोकेशन्स में हैं। जहां एक-एक गज़ ज़मीन की कीमत कई-कई लाख रुपए है। क्या इस लूट को, दिल्ली के लोग बर्दाश्त करेंगे क्या? क्या ऐसे लोगों को माफ करेंगे क्या? इनको को चुन- चुन करके साफ करेंगे कि नहीं करेंगे?

भाइयों और बहनों,

ये मौकापरस्त गठबंधन, तुष्टिकरण के लिए देश में हिंसा भी फैला सकता है। याद कीजिए, CAA कानून आया था, तो इन्होंने दिल्ली को महीनों-महीने तक बंधक बना दिया था। पहले रास्ते रोके और फिर दंगे कराए। लेकिन आज पूरा देश देख रहा है कि इनके झूठ का पर्दाफाश हो चुका है। दिल्ली में कई-कई सालों से रह रहे शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल रही है। अभी दो परिवार यहां आए थे, वो प्रताड़ित हो करके पड़ोस से आए हुए हैं, उनको नागरिकता मिली वो खुशी जताने के लिए आए थे। औऱ ये कौन लोग हैं ये हिंदु हैं, सिख हैं, बौद्ध हैं, जैन, पारसी, ईसाई हैं ये प्रताड़ित होकर यहां आए हैं इनमें से ज्यादातर दलित परिवार हैं। इसलिए, इनका इतना विरोध किया गया? अभी कुछ देर पहले बिटिया से मिलने का मौका मिला, जो पाकिस्तान से आई थी। भाईयों-बहनों, उसे भारत की नागरिकता मिल गई है। उसे अपने उज्ज्वल भविष्य की गारंटी मिली है। ये इंडी गठबंधन वाले घुसपैठियों के लिए आंसू बहाते हैं, लेकिन जिनके साथ 1947 में जुल्म में हुआ उनको हिकारत की नज़र से देखते हैं।

साथियों,

तुष्टिकरण की जिद में ये लोग पूरे देश को सांप्रदायिकता की भेंट चढ़ाना चाहते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे। लेकिन ये खुलेआम कह रहे हैं कि SC/ST/OBC का आरक्षण धर्म के आधार पर बांट देंगे। साथियों, राम मंदिर को लेकर भी इनका रवैया आज पूरा देश देख रहा है। अब ये लोग अयोध्या में राम मंदिर से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना चाहते हैं। ये खुलकर कह रहे हैं कि आर्टिकल 370 वापस लाएंगे। ये खुलकर कह रहे हैं कि भारत के हमारे परमाणु हथियारों को खत्म कर देंगे। क्या ऐसे खतरनाक गठबंधन को आपका एक भी वोट मिलना चाहिए क्या?

साथियों,

25 मई को जब आप वोट डालने घर से निकलिएगा तो विकसित भारत का लक्ष्य याद रखिएगा आपको पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा जी, उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी जी, और चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल जी को रिकॉर्ड वोटों से विजयी बनाना है। मेरा आप लोगों से आग्रह है पहले मतदान...फिर जलपान !

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।