People's support to BJP is a reflection of the aspirations of New India: PM Modi

Published By : Admin | December 8, 2022 | 18:45 IST
QuoteDespite trailing behind by 1%, BJP will remain 100% committed to the development of the state: PM Modi on Himachal Assembly Elections
QuotePeople voted for the BJP because the BJP can take tough decisions in the interest of the country: PM Modi at BJP headquarters
QuoteBy giving the biggest mandate in the history of Gujarat to the BJP, the people of Gujarat have created a new history: PM Modi on Gujarat Assembly elections
QuoteIndia's future will become bright not by increasing Fault Lines, but by demolishing Fault Lines: PM Modi on political parties creating hindrances in the development

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान जे.पी. नड्डा जी, हमारे वरिष्ठ साथी श्री राजनाथ जी, श्री अमित भाई, सभी प्यारे साथियो,
मैं सबसे पहले जनता-जनार्दन के सामने नतमस्तक हूं। जनता-जनार्दन का आशीर्वाद अभिभूत करने वाला है। श्रीमान जे.पी. नड्डा जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जो परिश्रम किया है, उसकी खुशबू आज हम चारों तरफ अनुभव कर रहे हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी प्रत्यक्ष नहीं जीती, वहां भाजपा का वोट शेयर, भाजपा के प्रति स्नेह का साक्षी है। मैं गुजरात और हिमाचल और दिल्ली की जनता का बहुत विनम्र भाव से आभार व्यक्त करता हूं। भाजपा के प्रति ये स्नेह देश के अलग-अलग राज्यों के उपचुनावों में भी दिख रहा है। यूपी के रामपुर में भाजपा को जीत हासिल हुई है।बिहार के उपचुनावों में भाजपा का प्रदर्शन, आने वाले दिनों का स्पष्ट संकेत कर रहा है। मैं आज चुनाव आयोग का भी अभिनंदन करता हूं, उनका आभार व्यक्त करता हूं। और ये चुनाव के दरम्यान एक बहुत बड़ी बात, जिसकी चर्चा होनी चाहिए थी, जहां तक मेरी जानकारी है, एक भी पोलिंग बूथ में रीपोलिंग करवाने की नौबत नहीं आई है। मतलब की सुख और शांति पूर्ण रूप से लोकतंत्र की भावनाओं को पूरी तरह लेटर एंड स्पीरिट में स्वीकार करते हुए मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस उत्सव को बहुत बड़ी ताकत दी है। और इसके लिए भी चुनाव आयोग अभिनंदन का अधिकारी है। इस चुनाव में हिस्सा लेने वाले हर राजनीतिक कार्यकर्ता को, हर दल को भी मैं साधुवाद देता हूं।

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साथियों,
आज मैं हिमाचल के हर मतदाता का भी बहुत-बहुत आभारी हूं। जैसे अभी नड्डा जी बता रहे थे, हिमाचल के चुनाव में 1 प्रतिशत से भी कम अंतर से यह हार-जीत का फैसला हुआ है। 1 परसेंट से भी कम। इतना कम अंतर से हिमाचल में कभी नतीजे नहीं आए हैं। हिमचाल में हर पांच वर्ष में सरकारें बदली हैं लेकिन हर में जब बदलाव हुआ है कभी 5 प्रतिशत, कभी 6 प्रतिशत कभी 7 प्रतिशत जीतने वाले और हारने वाले के बीच में अंतर रहा है। इस बार 1 प्रतिशत से भी कम, इसका मतलब है कि जनता ने भी भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाने के लिए भरसक प्रयास किया है। मैं हिमाचल की जनता को आश्वस्त करता हूं कि भाजपा भले ही 1 प्रतिशत से पीछे रह गई, लेकिन विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता शत-प्रतिशत रहेगी। हिमाचल से जुड़े हर विषय को हम पूरी मज़बूती से उठाएंगे। और केंद्र सरकार के द्वारा हिमाचल की प्रगति, जो उसका हक है, उसमें भी हम कभी कमी नहीं आने देंगे। अभी जो मैंने दिल्ली का वर्णन सुना कि किस प्रकार से दिल्ली कार्पोरेशन को विफल करने के इरादे से जनता के साथ धोखा किया गया। ये काम हम नहीं करते हैं। हम हिमाचल की प्रगति के लिए भी भारत सरकार की प्रतिबद्धता वैसी ही बनी रहेगी।

साथियों,
बीजेपी को मिला जन समर्थन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये ऐसे समय में आया है जब भारत अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। ये दिखाता है कि आने वाले 25 साल सिर्फ और सिर्फ विकास की राजनीति के ही हैं। भाजपा को मिला जन- समर्थन, नए भारत की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। भाजपा को मिला जन-समर्थन, भारत के युवाओं की युवा सोच का प्रकटीकरण है। भाजपा को मिला जन-समर्थन, गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, शोषित, आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए है। लोगों ने भाजपा को वोट दिया क्योंकि भाजपा का हर सुविधा को प्रत्येक गरीब, मध्यमवर्गीय परिवार तक जल्द से जल्द पहुंचाना चाहती है। लोगों ने भाजपा को वोट दिया क्योंकि भाजपा देश के हित में बड़े से बड़े और कड़े से कड़े फैसले लेने का दम रखती है। भाजपा का बढ़ता जनसमर्थन ये दिखाता है कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनआक्रोश लगातार बढ़ रहा है। और मैं इस बात को स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं।

साथियों,
इस बार वाकई गुजरात ने तो कमाल ही कर दिया है। मैं नड्डा जी सहित सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं और विशेषरूप से मैं गुजरात की जनता को भी नमन करता हूं। चुनावों के दौरान मैंने गुजरात के भाइ-बहनों और युवाओं से कहा था कि इस बार नरेंद्र का रिकॉर्ड टूटना चाहिए। और मैंने वादा किया था कि भूपेंद्र नरेंद्र का रिकॉर्ड तोड़े, इसलिए नरेंद्र जी-जान से मेहनत करेगा। और गुजरात की जनता ने तो रिकॉर्ड तोड़ने में भी रिकॉर्ड कर दिया। उसने गुजरात की स्थापना से लेकर अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। गुजरात के इतिहास का सबसे प्रचंड जनादेश भाजपा को देकर गुजरात के लोगों ने नया इतिहास बना दिया है। ढाई दशक से निरंतर सरकार में रहने के बावजूद, इस प्रकार का प्यार, अभूतपूर्व है, अद्भुत है। लोगों ने जाति, वर्ग, समुदाय और हर तरह के विभाजन से ऊपर उठकर भाजपा को वोट दिया है। भारतीय जनता पार्टी गुजरात के हर घर का हिस्सा है, गुजरात के हर परिवार का हिस्सा है।

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साथियों,
इस चुनाव में गुजरात में 1 करोड़ से भी ज्यादा ऐसे वोटर्स थे जिन्होंने मतदान किया, लेकिन ये वे मतदाता थे जिन्होंने कांग्रेस के कुशासन को, उसकी बुराइयों को देखा नहीं था, वे फ्रेश थे, उन्होंने सिर्फ भाजपा के ही सरकार को देखा था। और युवाओं की तो प्रकृति होती है कि वो हमेशा सवाल पूछते हैं, जांचते हैं, परखते हैं, उसके बाद किसी फैसले पर पहुंचते हैं। युवा सिर्फ इसलिए किसी पार्टी को वोट नहीं करते क्योंकि वो दशकों से सत्ता में रही या फिर उस पार्टी के नेता किसी बड़े परिवार के हैं। युवा तभी वोट देते हैं जब उन्हें भरोसा होता है, जब उन्हें सरकार का काम प्रत्यक्ष नजर आता है। और इसलिए,
आज युवाओं ने जब भाजपा को भारी संख्या में वोट दिया है, सीट से लेकर वोट तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, तो इसके पीछे का संदेश बहुत स्पष्ट है। इसका मतलब है कि युवाओं ने हमारे काम को जांचा, परखा और उस पर भरोसा किया है। इसका मतलब ये है कि युवा भाजपा की विकास वाली राजनीति चाहते हैं। इसका मतलब है कि युवा ना तो जातिवाद के बहकावे में आते हैं, ना परिवारवाद के। युवाओं का दिल सिर्फ विजन और विकास से जीत सकते हैं, और भाजपा में विजन भी है और विकास के प्रति प्रतिबद्धता भी है।

साथियों,
आज एक और बात याद करने वाली है। जब महामारी के घोर संकट के बीच बिहार में चुनाव हुए थे, तो जनता ने भाजपा को भरपूर आशीर्वाद दिया। जब महामारी के संकट से बाहर निकलते हुए असम, यूपी, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर एक के बाद एक चुनावों में जनता ने भारतीय जनता पार्टी को ही चुना। और आज जब भारत विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ रहा है, तो भी देश की जनता का भरोसा सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर है। मैं बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स को भी ये याद दिलाना चाहता हूं कि गुजरात के इस चुनाव में भाजपा का आह्वान था- विकसित गुजरात से विकसित भारत का निर्माण। गुजरात के नतीजों ने सिद्ध किया है कि सामान्य मानवी में विकसित भारत के लिए कितनी प्रबल आकांक्षा है। संदेश साफ है। जब देश के सामने कोई चुनौती होती है, तो देश की जनता का भरोसा भाजपा पर होता है। जब देश पर कोई संकट आता है, तो देश की जनता का भरोसा भाजपा पर होता है। जब देश बड़े लक्ष्य तय करता है, तो उनकी प्राप्ति के लिए देशवासियों का भरोसा, भाजपा पर होता है। जब देश की आकांक्षाएं चरम पर होती हैं, तो भी उनकी पूर्ति के लिए देश की जनता का भरोसा भाजपा पर ही होता है।

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साथियों,
भाजपा के आज हम जहां पहुंचे हैं, राज्यों में हो, स्थानीय स्वराज्य के निकायों में हो या केंद्र में हो, ये ऐसे ही नहीं पहुंचे हैं। पांच-पांच पीढ़ियां जनसंघ के जमाने से तपस्या करते हुए, परिवार के परिवार खपते रहे, तब जाकर ये दल बना है। तब जाकर हम यहां पहुंचे हैं। भाजपा के लिए लाखों समर्पित कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन खपा दिया है। व्यक्तिगत सुख, व्यक्तिगत आकांक्षाएं, व्यक्तिगत खुशी, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा, व्यक्तिगत सफलता, इन सबको तिलांजलि देकर भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता, समाज और देश की सेवा करने में, समाज और देश को सशक्त करने में जुटा रहता है। हम विचार पर भी बल देते हैं और व्यवस्था को भी सबल बनाते रहते हैं। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की अथाह संगठनशक्ति पर भरोसा करके ही अपनी रणनीति बनाती है और सफल भी होती है। उतार-चढ़ाव भाजपा के राजनीतिक जीवन में भी आए हैं लेकिन हमने आदर्शों और मूल्यों पर अडिग रहकर दिखाया है।

साथियों
पिछले 8 वर्षों में देश में एक और बहुत बड़ा बदलाव अनुभव किया गया है। ये बदलाव कार्य का भी है, कार्यशैली का भी है। भाजपा की सरकारें भी कार्य को छोटा नहीं समझती। हम मानते हैं, हर काम बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति का माध्यम बनता है। इसलिए भाजपा की सरकारों ने गरीबों के लिए पक्के घर, शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, नल से जल, बैंक में खाते, मुफ्त इलाज, मुफ्त भोजन, इंटरनेट, ऐसी बेसिक सुविधाओं पर फोकस किया है। पहले की राजनीति में ये बहुत फैंसी विकास नहीं माना जाता था। पहले की राजनीति में इसे बड़े काम के तौर पर देखा भी नहीं जाता था। इसलिए आज जो भी सरकारी लाभ है वो हर व्यक्ति, हर क्षेत्र, हर वर्ग, जो उसका हकदार है, उस तक तेज़ी से पहुंचने के लिए ईमानदारी से प्रयास किया जाता है। पूरा का पूरा पहुंचे इसके लिए टेक्नोलॉजी का भी भरपूर उपयोग किया जाता है। किस क्षेत्र, किस वर्ग, किस समुदाय में कितने वोट हैं, इस आधार पर न हम देश चलाते हैं, न राज चलाते हैं, न सरकारें चलाते हैं। और हमें आज इस बदली हुई राजनीति के सकारात्मक नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं। आज बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भी ये कह रहे हैं कि भारत में गरीबी कम हो रही है।

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साथियों,
देश ने पिछले आठ वर्षों में गरीब को सशक्त करने के साथ ही, गरीब तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के साथ ही, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस किया है। रोड हो, रेल हो, एयरपोर्ट हो, टनल्स हों, सोलर पावर प्लांट हो, स्टेडियम हो, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क हो, जो भी हो, सबसे उत्तम हो, सबसे श्रेष्ठ हो, ये आकांक्षा लेकर आज भारत चल रहा है। और साथियों, मैं एक और बात आपको याद दिलाना चाहूंगा। हम सिर्फ घोषणा करने के लिए घोषणा नहीं करते। हम राष्ट्र निर्माण के व्यापक मिशन के लिए निकले हुए लोग हैं।इसलिए सिर्फ 5 वर्ष के राजनीतिक नफा-नुकसान को देखते हुए हम कोई भी घोषणा नहीं करते। हमारी हर घोषणा के पीछे एक दूरगामी लक्ष्य होता है, एक रोडमैप होता है। ये बात स्पष्ट है कि देश आज शॉर्टकट नहीं चाहता। देश का मतदाता आज इतना जागरूक है कि क्या उसके हित में है, क्या उसके अहित में है, वो अच्छी तरह जानता है। देश का वोटर जानता है कि शॉर्टकट की राजनीति का कितना बड़ा नुकसान, देश को उठाना पड़ेगा। आज देश में कोई संशय नहीं कि अगर देश रहेगा, देश समृद्ध होगा, तो सबकी समृद्धि तय है। हमारे पूर्वजों के पास अनुभव का अगाध ज्ञान था। और अनुभव के निचोड़ से कहावतें बनती थी। और हमारे यहां, हमारे पूर्वजों ने विरासत में दी हुई एक कहावत है- आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैय्या। अगर ये वाला हिसाब रहेगा तो क्या स्थिति होगी ये हम दुनिया में, हमारे अरोस-पड़ोस में आज भलीभांति देख रहे हैं। और इसलिए आज देश बहुत सतर्क है। देश के हर राजनीतिक दल को ये याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं हो सकता।

साथियों,
आज के जनादेश में एक और संदेश है। समाज के बीच दूरियां बढ़ाकर, राष्ट्र के सामने नई चुनौतियां खड़ी करके जो राजनीतिक दल तात्कालिक लाभ लेने की फिराक में रहते हैं, उन्हें देश की जनता, देश की युवा पीढ़ी देख भी रही है और समझ भी रही है। भारत का भविष्य Fault Lines को बढ़ा करके नहीं, Fault Lines को गिराकर ही उज्ज्वल बनेगा। कभी भाषा की दीवार, कभी रहन-सहन, कभी क्षेत्र, कभी खान-पान, कभी ये वर्ग, कभी वो वर्ग, लड़ने के लिए तो सैकड़ों वजहें हो सकती हैं लेकिन जुड़ने के लिए एक वजह ही काफी है- ये मातृभूमि, ये धरती, ये देश, ये हमारा भारत। जीने के लिए और मरने के लिए इससे बड़ी वजह कोई और हो नहीं सकती। इसलिए हमें देश प्रथम, India First की भावना के साथ आगे बढ़ना है।

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साथियों,
मुझे खुशी है कि आज भारत के गांव हो या शहर, गरीब हो या मिडिल क्लास, किसान हो या श्रमिक, सभी की पहली पसंद भाजपा है। भाजपा को गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों का भी अभूतपूर्व आशीर्वाद मिला है। और मुझे अभी जो जानकारी बताई गई। एससी-एसटी की गुजरात में करीब 40 सीटें आरक्षित है। 40 में 34 सीटें थंपिंग मेजोरिटी से भारतीय जनता पार्टी जीती है। आज आदिवासी भाजपा को अपनी आवाज मान रहे हैं, आज भाजपा को आदिवासी समुदाय का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इस बदलाव को पूरे देश में महसूस किया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि दशकों तक जिन आदिवासियों की आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया गया, वो अब देख रहे हैं कि भाजपा लगातार उनकी उम्मीदें पूरी करने में जुटी है। ये भाजपा ही है जिसके प्रयासों से देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिली है। ये भाजपा ही है जिसने आदिवासी कल्याण के लिए बजट बढ़ाया और आदिवासी क्षेत्रों में विकास को रफ्तार दी। भाजपा सरकार ने ऐसे अनेक कदम उठाए हैं जिससे आदिवासी समुदाय के लोगों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाया जा रहा है। देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के म्यूजियम बनाकर भाजपा आजादी के उन वीर योद्धाओं को सम्मान दे रही है। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को भाजपा सरकार में ही जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया गया है। हमारे इन प्रयासों ने आदिवासी युवाओं को, उनके स्वाभिमान को ऊंचा किया है। आज भाजपा आदिवासियों को सशक्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

साथियों,
आजकल हर चुनाव नतीजों के बाद ये चर्चा भी बहुत होती है कि देश की माताएं-बहनें-बेटियां, भाजपा पर इतना आशीर्वाद क्यों बरसाती हैं? अगर कोई ईमानदारी से आत्मचिंतन करे तो ये पाएगा कि आजादी के बाद से, पहली बार आज देश में एक ऐसी सरकार है, जो महिलाओं की समस्याएं, उनकी चुनौतियां, उनकी आवश्यकताएं, उनकी आकांक्षाएं उसे समझने का लगातार प्रयास कर रही है, और उसके अनुसार काम की योजना बनाती है। गांव देहात से लेकर शहर तक, घरेलू कार्य में व्यस्त महिला से लेकर स्वरोजगार करने वालीं या किसी रोजगार से जुड़ी महिलाओं के लिए जितना भाजपा सरकार ने किया है, उतना पहले किसी भी सरकार ने नहीं किया। महिलाओं के लिए पहले की सरकारों के 70 साल के कार्यों की तुलना में, भाजपा सरकार के 7-8 साल के कार्य कहीं ज्यादा रहे हैं। और इसलिए, आज जब भी चुनाव होते हैं तो देश की माताएं-बहनें बेटियां, कमल के निशान का सिर्फ बटन ही नहीं दबातीं, उनके हाथों में एक आशीष का भाव होता है, आशीर्वाद का भाव होता है। और जब वो ऊंगली कमल के बटन पर रखती हैं तो हम जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के सर पे विजय तिलक भी लगा देती है। महिलाओं के मुद्दे भाजपा के लिए चुनावी मुद्दे नहीं हैं बल्कि भाजपा की हर योजना का वो प्राणतत्व है। महिलाओं का जीवन आसान बनाना हो, महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के, स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराना हो, ये भाजपा का कमिटमेंट है। मैं इसे अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि हमें महिला सशक्तिकरण के लिए इतना कुछ करने का मौका देश की जनता ने दिया है।

साथियों,
आने वाला समय देश के लिए, हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, इस भावना पर आगे बढ़ते हुए हमें विकसित भारत के लिए काम करना है। हमें मिलकर एक दूसरे के साथ काम करना है। आइए, नागरिक के रूप में हम विकसित भारत के संकल्प के साथ जुड़ें, विकसित भारत के इस अभियान से जुड़ें। और मैं फिर एक बार देशभर के लाखों कार्यकर्ताओं को पांच-पांच पीढ़ी की तपस्या को आगे बढ़ाने के लिए हृदय से धन्यवाद करता हूं, अभिनंदन करता हूं। मैं जनता-जनार्दन को भी प्रणाम करता हूं, उनके निरंतर आर्शीवाद हमारे लिए नित्य नूतन ऊर्जा बन जाते हैं। ये निरंतर समर्थन हमें सात्विक भाव से, सेवा भाव से, समर्पण भाव से कार्य करने की शक्ति देता है। जब हमें जनता-जनार्दन का आर्शीवाद मिलता है तो हममें अधिक परिश्रम करने की प्रेरणा जगती है। अधिक पुरुषार्थ करने का संकल्प जगता है। और संकल्पों को सिद्ध करने के लिए जीवन खपा देकर सिद्धि तक पहुंचाने के लिए हम लगे रहते हैं। क्योंकि जनता-जनार्दन, इसे हम ईश्वर का रूप मानते हैं। और यही सामर्थ्य, यही शक्ति एक सेवक के भाव से, सेवा भाव से समर्पण की अप्रतिम राह को पकड़ते हुए चलते रहना-चलते रहना-चलते रहना। चरैवेति-चरैवेति-चरैवेति। इसी मंत्र को लेकरके हम चल रहे हैं।


भाइयो-बहनो,
इस चुनाव में अब बहुत लोगों को जानने-पहचानने का भी अवसर मिल चुका है। पिछले कुछ चुनावों का एक बड़े कैनवस पर एनालिसिस करना चाहिए कि जो अपने आपको न्यूट्ल कहते हैं। जिनका न्यूट्रल होना जरूरी होता है, वो कहां खड़े होते हैं। कब कैसे रंग बदलते हैं और कैसे-कैसे खेल खेलते हैं। वो अब देश को जान लेना बहुत जरूरी है। बहुत जरूरी है। उत्तराखंड का इतना बड़ा चुनाव हुआ। कितनी जमानतें जब्त हुई, किसकी हुई, कोई चर्चा नहीं। हिमाचल में इतना बड़ा चुनाव हुआ, कितने लोगों की जमानत जब्त हुई, कितने लोगों का बुरा हाल हुआ, कोई चर्चा नहीं। भाइयो-बहनो, उन लोगों को भी जानना चाहिए, पहचानना चाहिए। कि ये भी ठेकेदार है। राजनीति में सेवा भाव से एक मूक सेवक की तरह काम करना…वो जैसे डिक्वालिफिकेशन माना जा रहा है। क्या नौबत आई है। ये कैसे नए मापदंड लगाए गए हैं। अब देखिए, मुझे खुशी हो रही है कि हमारे गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल करीब-करीब दो लाख से वोटों से जीते हैं। असेंबली सीट पे...लोकसभा में भी कोई दो लाख से जीते तो बड़ी बात मानी जाती है। असेंबली में करीब-करीब दो लाख वोटों से जीतना… लेकिन ठेकेदारों का…उनका तराजू कुछ और है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, हमें निरंतर... विपरीत...इन जुल्मों के बीच में बढ़ना है। हमें अपनी सहनशक्ति को बढ़ाना है। हमें अपनी समझशक्ति को बढ़ाना है। और हमें हमारे सेवाभाव का विस्तार भी करना है और हमारे सेवाभाव की गहराई भी बढ़ानी है। और सेवा भाव से ही जीतना है। क्योंकि जो जहां बैठा है वह बदलने वाला नहीं है। उसका इरादा नेक नहीं है। और इसीलिए हमारी ये कसौटी है हर पल...हमारी कसौटी है...और मैं तो कभी-कभी मानता हूं....खास करके 2002 के बाद मैं विशेष रूप से मानता हूं। शायद मेरे जीवन का कोई पल ऐसा नहीं गया। कोई कदम ऐसा नहीं रहा, जिसकी धज्जियां न उड़ा दी गई हो। जिसकी आलोचना नहीं, धज्जियां उड़ा देना, बाल नोच लेना। लेकिन इसका मुझे बहुत फायदा हुआ। क्योंकि मैं हमेशा सतर्क रहा। हर इस तरह की बुरी प्रवृत्ति से कुछ न कुछ सकारात्मक खोजता रहा। खुद में बदलाव लाता रहा, सीखता गया, बढ़ता गया। और जिन लोगों को चारों तरफ से उछालने वाले लोग रहते हैं, कंधे पर बिठाकर नाचने वाले लोग रहते हैं। उनमें सुधरने की भी संभावना नहीं रहती है। वो तो जो है वहां से भी बिगड़ेंगे। और इसलिए आलोचनाओं ने भी हमें बहुत सिखाया है। हर आलोचना में से हमें काम की चीज खोजते रहना है। हमें अपनी शक्ति को बढ़ाते रहना है। और कठोर से कठोर झूठे आरोपों को सहने का सामर्थ्य भी बढ़ाना होगा साथियो। क्योंकि अब जुल्म बढ़ने वाला है। अब मानकर चलिए, मुझ पर भी बढ़ने वाला है, आप सब पर भी बढ़ने वाला है। क्योंकि ये सहन नहीं कर पाएंगे, ये पचा नहीं पाएंगे। और उसका जवाब...उसका जवाब यही है- हमें अपनी सहनशक्ति बढ़ाना है। हमें अपनी समझदारी का विस्तार करना है। हमें अधिक से अधिक लोगों को समावेश करने की दिशा में अपने हाथ चौड़ा करके लोगों को स्वीकारना है, स्वागत करना है। सकारात्मक रास्ता, सेवाभाव का रास्ता, समर्पण का रास्ता, यही मार्ग हमने चुना है। वही मार्ग हमको यहां पहुंचाया है। और आगे भी हमारे पुरुषार्थ से, परिश्रम से देश की आकांक्षाओं वाला ये देश भी बनेगा। 2047 जब हिंदुस्तान आजादी के 100 साल मनाएगा। विकसित भारत हमारे नौजवानों के हाथ में हम दे के जाएंगे दोस्तों।
बोलिए, भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की। बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 30, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Tarun Raj Panchal May 17, 2024

    भारत माता की जय विकसित भारत राष्ट्र के लिए फिर एक बार मोदी सरकार अबकी बार 400 के पार 405
  • Vaishali Tangsale February 13, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 12, 2024

    जय हो
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 12, 2024

    जय हो
  • Sachin Ghodke January 12, 2024

    नमो
  • Babla sengupta December 24, 2023

    Babla sengupta
  • DR HEMRAJ RANA December 13, 2022

    अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, श्री @narendramodi प्रधानमंत्री हैं। जब तक भाजपा की मोदी सरकार है, एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता। अरुणाचल में हमारे सेना के जवानों ने जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी प्रशंसा करता हूं। - श्री @AmitShah
  • अनन्त राम मिश्र December 12, 2022

    जय हिंद जय भारत बंदेमातरम् जय हो बिजय हो
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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

প্ৰিয় দেশবাসী,

নমস্কাৰ !

যোৱা কেইটামান দিনত দেশৰ শক্তি আৰু সংযম দুয়োটাই আমি সকলোৱে প্ৰত্যক্ষ কৰিছো।মই প্ৰথমে আমাৰ শক্তিশালী ভাৰতীয় সেনাবাহিনীক প্ৰণাম জনাইছো, সশস্ত্ৰ বাহিনী, আমাৰ চোৰাংচোৱা সংস্থা, আমাৰ বিজ্ঞানী, সকলোকে মই প্ৰতিজন ভাৰতীয়ৰ হৈ প্ৰণাম জনাইছো।

আমাৰ সাহসী জোৱানসকলে ‘অপাৰেচন সিন্দুৰ’ৰ লক্ষ্যত উপনীত হ’বলৈ গৈ অপৰিসীম সাহস প্ৰদৰ্শন কৰিলে। মই তেওঁলোকৰ বীৰত্বক, তেওঁলোকৰ সাহসক, তেওঁলোকৰ পৰাক্ৰমক সমৰ্পিত কৰিছো৷ মই তেওঁলোকৰ এই পৰাক্ৰমক , আমাৰ দেশৰ প্ৰতিগৰাকী মাতৃলৈ, দেশৰ প্ৰতিগৰাকী ভগ্নী আৰু প্ৰতিগৰাকী কন্যাৰ বাবে উৎসৰ্গা কৰিছো।

 

বন্ধুসকল,

যোৱা ২২ এপ্ৰিলত পহলগামত সন্ত্রাসবাদীয়ে প্রদর্শন কৰা বৰ্বৰতাই দেশ আৰু বিশ্বক স্তম্ভিত কৰি তুলিছিল৷

বন্ধৰ দিন উদযাপন কৰিবলৈ যোৱা নিৰ্দোষ নিৰীহ নাগৰিকক ধৰ্মৰ বিষয়ে সুধি পৰিয়ালৰ সন্মুখতে, শিশুসকলৰ সন্মুখতে...

নিৰ্দয়ভাবে হত্যা কৰা হৈছিল।

এয়া আছিল আতংকৰ এক বীভৎস ছবি, এয়া আছিল নিষ্ঠুৰতাৰ ভয়ংকৰ প্ৰকাশ৷ এয়া আছিল দেশৰ সমন্বয় বিনষ্ট কৰাৰ এক ঘৃণনীয় অপচেষ্টা। মোৰ ক্ষেত্ৰত ব্যক্তিগতভাৱে এই নাৰকীয় ঘটনাৰ বেদনা অসহনীয় আছিল।

এই সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণৰ পিছত সমগ্ৰ দেশ, প্ৰতিগৰাকী নাগৰিক, সমাজ, প্ৰতিটো শ্ৰেণীৰ লোক, প্ৰতিটো ৰাজনৈতিক দল একত্ৰিত হৈ 'একেষাৰে সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে শক্তিশালী ব্যৱস্থাৰ দাবীৰে থিয় দিলে।

সন্ত্ৰাসবাদীক নিঃশেষ কৰিবলৈ ভাৰতীয় নিৰাপত্তা বাহিনীক আমি পূৰ্ণ কৰ্তৃত্ব প্ৰদান কৰিলো। আমি তেওঁলোকক এইক্ষেত্ৰত সম্পূৰ্ণ স্বাধীনতা প্ৰদান কৰিলো।

আৰু আজি প্ৰতিজন সন্ত্ৰাসবাদীয়ে, প্ৰতিটো সন্ত্ৰাসবাদী সংগঠনে উপলব্ধি কৰিবলৈ বাধ্য হৈছে আমাৰ ভগ্নী-কন্যাৰ কপালৰ সেন্দুৰ মচি পেলোৱাৰ পৰিণতি কি হ'ব পাৰে ।

 

বন্ধুসকল,

অপাৰেচন সিন্দুৰ ...এয়া কেৱল এটা নাম নহয়৷এয়া দেশৰ কোটি কোটি মানুহৰ আৱেগৰ প্ৰতিফলন।

অপাৰেচন 'সিন্দুৰ' ন্যায়ৰ অখণ্ড প্ৰতিজ্ঞা। ৬ মে’ৰ গভীৰ নিশা.. ৭ মে’ৰ পুৱা.. সমগ্ৰ বিশ্বই এই প্ৰতিজ্ঞা ফলাফলত পৰিণত হোৱা দেখিবলৈ পাইছে। ভাৰতীয় বাহিনীয়ে পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী শিবিৰত আক্ৰমণ কৰিছে।

তেওঁলোকৰ প্ৰশিক্ষণ কেন্দ্ৰত নিখুঁতভাৱে আঘাত কৰিছে । সন্ত্ৰাসবাদীয়ে সপোনতো কল্পনা কৰা নাছিল যে ভাৰতে ইমান ডাঙৰ সিদ্ধান্ত ল’ব পাৰে। কিন্তু যেতিয়া দেশখন একত্ৰিত হয়, দেশ প্ৰথমৰ মনোভাৱেৰে মানুহৰ মনবোৰ ভৰি পৰে, তেতিয়া দেশেই সৰ্বোচ্চ হৈ পৰে। তেতিয়াই শক্তিশালী সিদ্ধান্ত লোৱা হয় আৰু তাৰ ফল লাভ কৰা হয়।

ভাৰতীয় ক্ষেপণাস্ত্ৰই যেতিয়া পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী ঘাটিত আক্ৰমণ কৰিছিল, ভাৰতীয় ড্ৰোনে যেতিয়া আক্ৰমণ চলাইছিল, তেতিয়া কেৱল সন্ত্ৰাসবাদী সংগঠনৰ ভৱনবোৰেই নহয়, তেওঁলোকৰ আত্মবিশ্বাসো কঁপি উঠিছিল।

 

বহাৱালপুৰ আৰু মুৰিদকেৰ দৰে সন্ত্ৰাসবাদীৰ আত্মগোপন স্থানসমূহ এককথাত বিশ্ব সন্ত্ৰাসবাদৰ বিশ্ববিদ্যালয় স্বৰূপ হৈ পৰিছে।

বিশ্বৰ যিকোনো ঠাইত সংঘটিত হোৱা যিকোনো ডাঙৰ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণ- সেয়া ৯/১১ৰ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণেই হওঁক , লণ্ডন টিউব বোমা বিস্ফোৰণেই হওঁক বা ভাৰতত দশকজুৰি সংঘটিত হোৱা বৃহৎ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণেই হওঁক, ক’ৰবাত নহয় ক’ৰবাত এই ঘটনাসমূহ সন্ত্ৰাসবাদীয়ে আত্মগোপন কৰি থকা এই স্থানসমূহৰ সৈতে সংযুক্ত হৈ পৰিছে। সন্ত্ৰাসবাদীয়ে আমাৰ ভগ্নীহঁতৰ সেন্দুৰ মচি পেলাইছিল৷ সেইবাবেই ভাৰতে সন্ত্ৰাসবাদৰ এই মুখ্য কাৰ্যালয় ধ্বংস কৰিছে। ভাৰতৰ এই আক্ৰমণত ১০০ৰো অধিক দুৰ্ধৰ্ষ সন্ত্ৰাসবাদী নিহত হৈছে। ইমানবোৰ সন্ত্ৰাসবাদীয়ে যোৱা ডেৰৰ পৰা তিনি দশক ধৰি পাকিস্তানত মুক্তভাৱে ঘূৰি ফুৰিছিল৷ যিসকলে পূৰ্বে ভাৰতৰ বিৰুদ্ধে ষড়যন্ত্ৰ কৰিছিল, তেওঁলোকক ভাৰতে এটা আঘাততে ধ্বংস কৰি পেলালে।

 

বন্ধুসকল,

ভাৰতৰ এই কাৰ্য্যত পাকিস্তান গভীৰভাৱে হতাশগ্ৰস্ত হৈ পৰিছে৷ সকলোতে কেৱল হতাশাৰ কলীয়া ডাৱৰে ছানি ধৰিছিল৷ তেওঁলোক বিভ্ৰান্ত হৈ পৰিছিল৷এনে বিভ্ৰান্তিকৰ অৱস্থাৰ মাজতে তেওঁলোকে আৰু এটা বেয়া কাম কৰিলে। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতে গ্ৰহণ কৰা ব্যৱস্থাক সমৰ্থন কৰাৰ পৰিৱৰ্তে পাকিস্তানে ভাৰতকহে আক্ৰমণ কৰিবলৈ আৰম্ভ কৰিলে।

পাকিস্তানে আমাৰ স্কুল আৰু কলেজসমূহ লক্ষ্য কৰি লৈছিল, গুৰুদ্বাৰ, মন্দিৰ, সাধাৰণ নাগৰিকৰ ঘৰ আদিও পাকিস্তানৰ আক্ৰণৰ লক্ষ্য হৈ পৰিছিল৷ এনে কাৰ্যৰ জড়িয়তে পাকিস্তানে নিজকে উদঙাই দিলে। বিশ্বই দেখিলে পাকিস্তানৰ ড্ৰোন আৰু মিছাইল কেনেকৈ ভাৰতৰ সন্মুখত খেৰৰ দৰে জ্বলি ছাই হৈ গল৷ ভাৰতৰ শক্তিশালী বায়ু প্ৰতিৰক্ষা ব্যৱস্থাই সেইবোৰ আকাশতে ধ্বংস কৰি পেলালে। সীমান্তত আক্ৰমণ কৰিবলৈ সাজু হৈছিল পাকিস্তান৷ কিন্তু ইয়াৰ বিপৰীতে ভাৰতে পাকিস্তানৰ বুকুত আঘাত হানিলে। ভাৰতৰ ড্ৰোন আৰু ক্ষেপণাস্ত্ৰই নিখুঁতভাৱে পাকিস্তানৰ লক্ষ্যস্থানত আঘাত কৰিছিল। ফলত পাকিস্তানী বায়ুসেনাৰ সেই বিমানঘাটিসমূহ ক্ষতিগ্ৰস্ত হৈছিল, যিবোৰকলৈ পাকিস্তানে গৌৰৱ কৰি আহিছিল৷ প্ৰথম তিনিদিনতে যে ভাৰতে পাকিস্তানক এনেদৰে ধ্বংস কৰিব সেয়া তেওঁলোকে কল্পনাও কৰা নাছিল । সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ আগ্ৰাসী কাৰ্য্য ব্যৱস্থাৰ পিছত পাকিস্তানে পলায়নৰ উপায় বিচাৰিবলৈ আৰম্ভ কৰিলে। পাকিস্তানে উত্তেজনা হ্ৰাস কৰিবলৈ বিশ্বক অনুৰোধ কৰিবলৈ ধৰিলে৷ বেয়াকৈ ক্ষতিগ্ৰস্ত হোৱাৰ পিছত বাধ্যবাধকতাত পৰি ১০ মে’ৰ দুপৰীয়া পাকিস্তানী সেনাই আমাৰ ডিজিএমঅ’ৰ সৈতে যোগাযোগ কৰিলে। তেতিয়ালৈকে আমি পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ আন্তঃগাঁথনি বৃহৎ পৰিসৰত ধ্বংস কৰি পেলাইছিলো৷ বহু সন্ত্ৰাসবাদী নিহত হৈছিল৷ আমি পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী ঘাটিবোৰ ধ্বংসাৱশেষলৈ ৰূপান্তৰিত কৰিছিলোঁ৷ গতিকে, দিশহাৰা পাকিস্তানৰ পৰা এটা আবেদন কৰা হৈছিল৷ এই কথা পাকিস্তানৰ পৰা কোৱা হৈছিল যে তেওঁলোকৰ পক্ষৰ পৰা আৰু কোনো সন্ত্ৰাসবাদী কাৰ্যকলাপ তথা সামৰিক দুষ্কাৰ্য কৰা নহ’ব ৷গতিকে ভাৰতেও এই কথা বিবেচনা কৰিলে। আৰু মই আকৌ কওঁ...আমি মাত্ৰ পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী আৰু সামৰিক ঘাটিৰ বিৰুদ্ধে আমাৰ ব্যৱস্থা স্থগিতহে ৰাখিছো৷

অনাগত দিনত আমি পাকিস্তানৰ প্ৰতিটো খোজৰ হিচাব লম৷ তেওঁলোকে কি মনোভাৱ গ্ৰহণ কৰে সেয়া লক্ষ্য কৰিম৷

 

বন্ধুসকল,

ভাৰতৰ তিনিটা সেনাবাহিনী-আমাৰ বায়ুসেনা, আমাৰ সেনাবাহিনী আৰু আমাৰ নৌসেনা, আমাৰ সীমান্ত সুৰক্ষা বাহিনী-বিএছএফ, ভাৰতৰ অৰ্ধসামৰিক বাহিনী নিৰন্তৰ সষ্টম হৈ আছে ।ছাৰ্জিকেল ষ্ট্ৰাইক আৰু এয়াৰ ষ্ট্ৰাইকৰ পিছত এতিয়া অপাৰেচন সিন্দুৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ এক বলিষ্ঠ পদক্ষেপ হিচাবে পৰিগণিত হৈছে। ভাৰতে এয়া নীতিগতভাবে গ্ৰহণ কৰিছে৷ ছাৰ্জিকেল ষ্ট্ৰাইক আৰু এয়াৰ ষ্ট্ৰাইকৰ পিছত এতিয়া অপাৰেচন সিন্দুৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ সন্ত্ৰাসবাদ বিৰোধী নীতিৰ শক্তিশালী প্ৰমাণ হৈ পৰিছে। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে যুঁজত নতুন ৰেখা টানিছে অপাৰেচন সিন্দুৰে। এটা নতুন মান, এটা নতুন ধৰণ নিৰ্ধাৰণ কৰা হৈছে।

প্ৰথম কথা - ভাৰতত সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণ হ’লে উপযুক্ত উত্তৰ দিয়া হ’ব।আমি নিজৰ ধৰণে, নিজৰ চৰ্তত সঁহাৰি জনাম।

সন্ত্ৰাসবাদৰ শিপা য’ৰ পৰা বিস্তাৰিত হৈছে তাতেই আমি কঠোৰ ব্যৱস্থা গ্ৰহণ কৰিম। দ্বিতীয়তে – ভাৰতে কোনো ধৰণৰ পাৰমাণৱিক ব্লেকমেইল সহ্য নকৰে। পাৰমাণৱিক ব্লেকমেইলৰ আৱৰণেৰে ঘেৰি ৰখা সন্ত্ৰাসবাদীৰ আত্মগোপনৰ স্থানসমূহত ভাৰতে এক নিখুঁত আৰু নিৰ্ণায়ক আক্ৰমণ চলাব। তৃতীয়তে, সন্ত্ৰাসবাদক পৃষ্ঠপোষকতা কৰা চৰকাৰখন আৰু সন্ত্ৰাসবাদৰ মালিকসকলক আমি পৃথক সত্তা হিচাপে কেতিয়াও নাচাম।

'অপাৰেচন সিন্দুৰ'ৰ সময়ত বিশ্বই আকৌ দেখিছে পাকিস্তানৰ কুৎসিত মুখ।যেতিয়া মৃত সন্ত্ৰাসবাদীক বিদায় দিয়া হৈছিল।

পাকিস্তানী সেনাৰ শীৰ্ষ বিষয়াৰ মাজত লৰাধপৰা লাগিছল। দেশ খনৰ পৃষ্ঠপোষকতাত চলি থকা সন্ত্ৰাসবাদৰ এয়া এক ডাঙৰ প্ৰমাণ। ভাৰত আৰু আমাৰ নাগৰিকক যিকোনো ভাবুকিৰ পৰা ৰক্ষা কৰিবলৈ আমি নিৰ্ণায়ক পদক্ষেপ গ্ৰহণ কৰি যাম।

 

বন্ধুসকল,

আমি প্ৰতিবাৰেই যুদ্ধক্ষেত্ৰত পাকিস্তানক পৰাস্ত কৰিছো আৰু এইবাৰ অপাৰেচন সিন্দুৰে ইয়াত এক নতুন মাত্ৰা সংযোজন কৰিলে। আমি মৰুভূমি আৰু পৰ্বতমালাত আমাৰ সামৰ্থ্য উজ্জ্বলভাৱে প্ৰদৰ্শন কৰিছো৷ লগতে আধুনিক যুদ্ধত নিজৰ শ্ৰেষ্ঠত্ব প্ৰমাণ কৰিছো।এই অপাৰেচনৰ সময়ত আমাৰ মেড ইন ইণ্ডিয়া অস্ত্ৰৰ সত্যতাও প্ৰমাণিত হ’ল। আজি বিশ্বই লক্ষ্য কৰিছে- একবিংশ শতিকাৰ যুদ্ধত মেড ইন ইণ্ডিয়া প্ৰতিৰক্ষা সঁজুলিৰ সময় আহি পৰিছে।

 

বন্ধুসকল,

আমাৰ আটাইতকৈ ডাঙৰ শক্তি হৈছে সকলো ধৰণৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে আমাৰ মাজত গঢ় লোৱা ঐক্য। এয়া নিশ্চিতভাৱে যুদ্ধৰ যুগ নহয়৷ কিন্তু এয়া সন্ত্ৰাসবাদৰো যুগ নহয়। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে শূন্য সহনশীলতাই হৈছে এখন উন্নত পৃথিৱীৰ নিশ্চয়তা প্ৰদানৰ প্ৰথম চৰ্ত৷

 

বন্ধুসকল,

পাকিস্তানৰ সেনা, পাকিস্তান চৰকাৰে যি সন্ত্ৰাসবাদক লালন-পালন কৰি আহিছে এদিন সেই সন্ত্ৰাসবাদেই পাকিস্তানক ধ্বংস কৰিব। পাকিস্তানে যদি জীয়াই থাকিব বিচাৰে তেন্তে নিজৰ দেশত থকা সন্ত্ৰাসবাদীৰ ঘাটি ধ্বংস কৰিব লাগিব। ইয়াৰ বাহিৰে শান্তিৰ কোনো বিকল্প পথ নাই। এইক্ষেত্ৰত ভাৰতৰ স্থিতি অতি স্পষ্ট৷ আতংক আৰু আলোচনা একেলগে আগবাঢ়িব নোৱাৰে৷

সন্ত্ৰাস আৰু বাণিজ্য একেলগে আগুৱাব নোৱাৰে। আনকি পানী আৰু তেজ একেলগে বৈ যাব নোৱাৰে। আজি বিশ্ব সমাজকো ক'ব বিচাৰিছো- আমাৰ ঘোষিত নীতি হৈছে- পাকিস্তানৰ সৈতে যদি আলোচনা হয়, সেয়া হ'ব সন্ত্ৰাসবাদৰ বিষয়ত, যদি পাকিস্তানৰ সৈতে আলোচনা হয়, তেন্তে সেয়া হ'ব পাক অধিকৃত কাশ্মীৰৰ বিষয়ত৷

 

প্ৰিয় দেশবাসী,

আজি বুদ্ধ পূৰ্ণিমা।

ভগৱান বুদ্ধই আমাক শান্তিৰ পথ দেখুৱাইছে। শান্তিৰ পথো শক্তিৰ মাজেৰেই পৰিচালিত হয়৷ মানৱতা শান্তি আৰু সমৃদ্ধিৰ পথেৰে আগবাঢ়ি যাওক৷ প্ৰতিজন ভাৰতীয়ই শান্তিৰে জীয়াই থাকিবলৈ সক্ষম হওক৷ যিয়ে বিকশিত ভাৰতৰ সপোন পূৰণ কৰিব পাৰিব৷

ইয়াৰ বাবে ভাৰত শক্তিশালী হ'ব লাগিব আৰু প্ৰয়োজনৰ সময়ত শক্তি ব্যৱহাৰ কৰাটোও গুৰুত্বপূৰ্ণ কথা হৈ পৰিব। যোৱা কেইটামান দিনত ভাৰতে ঠিক এনে কামেই কৰিছে।ভাৰতীয় সেনা আৰু সশস্ত্ৰ বাহিনীক পুনৰবাৰ প্ৰণাম জনাইছো।

ভাৰতবাসীৰ সাহস আৰু ঐক্যক প্ৰণাম জনাইছো।

ধন্যবাদ...

ভাৰত মাতা কী জয় !!!

ভাৰত মাতা কী জয় !!!

ভাৰত মাতা কী জয় !!!