Want UP to make a mark with its development story in the next 25 years: PM Modi

Published By : Admin | February 7, 2022 | 11:31 IST
Before 2017, Uttar Pradesh’s development was like still water in a stagnant river. The government then did not care for the welfare of the poor: PM Modi
We want that in the next 25 years, when India would complete 100 years of independence, UP will make a mark with its development story: PM Modi
In virtual Jan Chaupal, PM Modi talks about the several central schemes which are benefiting the people of UP at large

नमस्कार!

मंच पर उपस्थित उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, मंत्रीपरिषद के मेरे सहयोगी धर्मेंद प्रधान जी, बिजनौर, मुरादाबाद और अमरोहा के सभी मतदाता भाइयों और बहनों, भारतीय जनता पार्टी के सारे उत्साही कार्यकर्ता, भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवार, भाइयों और बहनों। मैं सबसे पहले तो आपसे क्षमा चाहता हूं, क्योंकि आज इलेक्शन कमीशन की तरफ से कुछ मुक्ति मिलने के कारण, मैं सोच रहा था कि रूबरू आकर बिजनौर से चुनाव अभियान का प्रारंभ करूं, लेकिन मौसम के कारण मेरा हेलिकॉप्टर नहीं निकल पाया। और उसके कारण मुझे फिर एक बार वर्चुअली ही, आपके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है।

साथियों,

ये धरती भगवान श्रीकृष्ण और पांडवों के श्रीचरणों की साक्षी है। महात्मा विदुर की कर्मभूमि और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीर सपूत पैदा करने वाली इस धरती को मैं आदरपूर्वक मेरा नमन। आज यहां बिजनौर के साथ ही अमरोहा और मुरादाबाद के साथी भी जुड़े हुए हैं। उन सभी का भी मैं स्वागत करता हूं।

साथियों,

अपनी बात की शुरुआत, मैं इस क्षेत्र के ही मशहूर कवि दुष्यंत कुमार की दो लाइनों से करूंगा। उन्होंने लिखा था- “यहां तक आते-आते सूख जाती हैं कई नदियां मुझे मालूम है पानी कहां ठहरा हुआ होगा”। 2017 से पहले, उत्तर प्रदेश में भी विकास की नदी का पानी ठहरा हुआ था। ये पानी नकली समाजवादियों के परिवार में, उनके करीबियों में ठहरा हुआ था। इन लोगों को सामान्य मानवी की विकास की प्यास से, प्रगति की प्यास से, गरीबी से मुक्त होने की प्यास से, कभी कोई मतलब नहीं रहा। वो सिर्फ अपनी प्यास बुझाते रहे, अपने करीबियों की प्यास बुझाते रहे। और अपनी तिजोरियों की प्यास बुझाते रहे। बस अपना स्वार्थ सोचने वाली यही प्यास विकास की नदी के हर बहाव को सोख लेती है। अपना घर भर लेने की यही प्यास गरीबों को घर नहीं देने देती थी। अपनी जेबें भर लेने की यही प्यास गरीब का राशन चट कर जाती थी। प्रोजेक्ट लटकाकर कमाई करने की इसी प्यास से लाल फीताशाही और लेटलतीफी को ताकत मिलती थी।

भाइयो और बहनों

भारतीय जनता पार्टी, प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को अपना परिवार मानती है।हमारा मंत्र है- सबका-साथ, सबका-विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास।इसलिए बीजेपी की सरकार में भाई-भतीजावाद और तुष्टीकरण की कोई जगह नहीं हैं। जब पीएम आवास योजना में घर मिलता है तो हर गरीब को घर मिलता है, उसकी जाति, पंथ, क्षेत्र नहीं देखा जाता। जब उज्ज्वला योजना में गैस का कनेक्शन मिलता है तो माताओं बहनों की जाति, पंथ नहीं पूछी जाती है। हमारी सरकार में जब मुफ्त राशन मिलता है तो किसी की बिरादरी, किसी का समाज कौन क्या है, ये किसका बेटा है, क्या है, कुछ नहीं पूछा जाता। जब गन्ना किसान का बकाया भुगतान किया जाता है, सिंचाई का पानी मिलता है, वो सभी को बराबरी से मिलता है। ये फर्क मेरे उत्तर प्रदेश के किसान, मेरे उत्तर प्रदेश के गरीब भाई-बहन, मेरे उत्तर प्रदेश के नौजवान, ये फर्क जो है न इसको कभी भूल नहीं सकते हैं। जो लोग आज जात-पात के नाम पर वोट मांग रहे हैं, जाति का वास्ता दे रहे हैं, सत्ता में आने पर इन्हें केवल ही केवल उनके परिवार का स्वार्थ याद रहता है।

साथियों,

पिछले पांच साल में योगी जी की सरकार का प्रयास रहा है कि विकास कुछ ही इलाकों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इसी सोच के साथ हमारी सरकार मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा जैसे शहरों में भी कनेक्टिविटी बढ़ा रही है। करीब 500 किलोमीटर का दिल्ली-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर भी मुरादाबाद से ही होकर गुजरेगा। अलीगढ़-मुरादाबाद कॉरिडोर का काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है।
डबल इंजन की भाजपा सरकार में मुरादाबाद-बरेली कॉरिडोर भी पूरा होने जा रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे के रुप में इस इलाके को बहुत बड़ी सौगात मिलने जा रही है। बिजनौर से मुरादाबाद तक के फोर लेन हाईवे पर भी तेजी से काम हो रहा है। इससे पूरा जिला आस-पास के सभी प्रमुख स्थानों से जुड़ जाएगा।

साथियों,

योगी जी की सरकार ने पिछले पांच साल में इन इलाकों में बहुत से बडे और जहां जरूरत पड़ी वहां छोटे भी, अनेकों पुल बनवाए हैं। इनसे गंगा पार से आने-जाने वाले किसानों का रास्ता भी आसान हुआ है। डबल इंजन सरकार ने सड़कें और रिंग रोड बनाकर यहां के लोगों की जिंदगी में रोजमर्रा की मुश्किलों को आसान किया है। बिजनौर में करीब 300 करोड़ की लागत से महात्मा विदुर मेडिकल कालेज का काम भी तेजी से चल रहा है।

साथियों,

आज़ादी के इस अमृतकाल में हमने उत्तर प्रदेश को लेकर भी कई सपने देखे हैं। हम चाहते हैं आने वाले 25 वर्षों में जब देश आज़ादी के सौ साल पूरे करे तो यूपी विकास की सुनहरी गाथा के साथ अपना परचम लहराए। हमारी सरकार लगातार कोशिश में जुटी है, यहां के व्यापारियों, उद्यमियों, किसानों को हर संभव सहायता दी जाए। हमारी सरकार ने बिजनौर की नगीना काष्ठ कला को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना में शामिल किया है। इस वजह से आज बिजनौर की कला की पहचान विदेशों में और बढ़ रही है। दुनिया भर में मशहूर मुरादाबाद के पीतल को भी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना से जोड़ा गया है। हमारी कोशिश है कि पीतल नगरी मुरादाबाद दुनिया में सोने सी चमक हासिल करे।आने वाले समय में यहां पर इंडस्ट्रियल पार्क लगेगा और दो कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बनेंगे। उत्तर प्रदेश की कर्मठ योगी सरकार दिन रात मेहनत में लगी है जिससे छोटे उद्यमियों को मदद मिल सके। बिजनौर, मुरादाबाद और अमरोहा के युवा के सामने अवसरों की कमी ना हो। यही हमारी प्राथमिकता है।

साथियों,

केंद्र सरकार और यूपी की भाजपा सरकार अपने किसान भाइयों के सम्मान और उनका अधिकार वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले पांच साल में गन्ना किसानों को डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया है। इतना तो पहले की दो सरकारों में मिलाकर नहीं किया गया है। पहले की सरकारों में गन्ने की पर्ची से लेकर गन्ना बकाए के भुगतान तक हर जगह नकली समाजवादियों का राज था। पीएम किसान सम्मान निधि हो, छोटे किसानों की आर्थिक मदद हो या किसान भाइयों की फसल का बीमा हो, हमारी सरकार ने यह सब सीधे बैंक खातों में उपलब्ध कराया है, कोई बिचौलिया नहीं।

साथियों,

हम हर वो व्यवस्था लागू करने की कोशिश में जुटे हैं जहां किसानों को खाद के लिए कहीं भाग-दौड़ ना करनी पड़े, और यूरिया आपके खेतों तक कम लागत में पहुंचे। पिछली राज्य सरकारों में यूरिया आती थी किसानों के लिए लेकिन चली जाती थी कालाबाजारी करने वालों के पास। हमने प्रदेश में वर्षों से बंद पड़े गोरखपुर खाद कारखाने को फिर से चालू किया है। वहां से निकला नीम कोटेड यूरिया पूरे प्रदेश के किसानों के खेतों को लाभ पहुंचाएगा। चौधरी चरण सिंह जी के आदर्शों को अपनाते हुए हर किसान का सम्मान हमारा ध्येय है। पहले की सरकारों में यूरिया खाद के लिए यूपी के किसानों ने लाठियां तक खाई हैं। जिन्होंने सत्ता में रहते हुए किसानों को ये दिन दिखाए थे वो कभी किसानों का भला नहीं कर सकते। वो सिर्फ किसानों को धोखा दे सकते हैं।

साथियों,

ये जो लोग आज चौधरी चरण सिंह की विरासत की दुहाई देकर आपको बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं आपको एक और बात बताता हूं। आपको जानकर आश्चर्य होगा पहले की सरकार में गेहूं की जितनी सरकारी खरीद हुई थी, योगी जी की सरकार ने उससे दोगुने से भी ज्यादा गेहूं MSP पर खरीदा है। योगी जी की सरकार में किसानों से अनाज खरीद में हर साल रिकार्ड बनाया गया है। अपने किसानों को, और पूरे पश्चिमी यूपी को मैं एक बात और याद दिलाना चाहता हूं। आज जो लोग आपको बहकाने की कोशिश कर रहे हैं, उनसे ये जरूर पूछिएगा। जब उनकी सरकार थी, तब वो इस इलाके में, आपके गांवों में कितनी बिजली देते थे? यूपी में, और पश्चिमी यूपी में ये बात होती थी या नहीं कि हमारा किसान और युवा बिना बिजली के मात खा जाता है? घर-घर में चर्चा होती थी कि बिजली के अभाव में किसानों का भविष्य कैसे रौंदा जा रहा है। आज जब आपके गांव-गांव में बिजली आ रही है तो इसका हिसाब होना चाहिए या नहीं होना चाहिए? उन्होंने प्रदेश को अंधेरे में रखा ताकि अपराध बढ़े, हमने बिजली दी, ताकि विकास बढ़े।

भाइयों और बहनों,

पहले की सरकारों ने यूपी का बहुत समय गंवा दिया है। अब यूपी को उस नुकसान की भरपाई करते हुए और तेजी से आगे बढ़ना है। पहले की सरकारों का मॉडल समस्या पैदा करो फिर सहानुभूति के नाम पर सब समेट लो का था। उनके इस मॉडल से किसान, नौजवान, गरीब, शोषित, दलित सब परेशान थे। आप याद करिए, महिलाओं से, हमारी बहनों-बेटियों से छेड़छाड़ कितनी आम बात थी। हालात इतने खराब थे कि चेन लूटे जाने पर इस बात का शुक्र मनाया जाता था कि चलो जान तो बच गई। योगी जी की सरकार ने बेटियों को उस भय से मुक्त करके दिखाया है। हमने बेटियों को उनका असल सम्मान दिलाया है। हमारी सरकार ने बिजनौर, मुरादाबाद और अमरोहा में हज़ारों बहनों को उज्ज्वला के जरिए मुफ्त कनेक्शन देकर उनका जीवन आसान बनाया है। पिछले पांच साल में इन इलाकों में इंटर कालेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, डिग्री कालेज बनावाए हैं।

भाइयो बहनों,

पिछली सरकारों ने गरीब की कभी चिंता नहीं की। गरीब उनके लिए हमेशा राजनीति का माध्यम रहा। हमारी सरकार गरीब की हर जरूरत का ध्यान रखते हुए उसकी हर चिंता को कम करने का प्रयास कर रही है। आयुष्मान भारत के जरिए हमने गरीब को बीमारी के दौरान इलाज़ के खर्चे की चिंता से मुक्त किया है। इसका लाभ मुरादाबाद, बिजनौर और अमरोहा के तीन लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को सुनिश्चित हुआ है। आज यूपी में हर ज़िले में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए अस्पतालों का निर्माण हो रहा है।

साथियों,

आज उत्तर प्रदेश की जनता देख रही है, समझ रही है कि यूपी का विकास कौन कर सकता है। पहले उत्तर प्रदेश को शुद्ध जल भी नसीब नहीं होता था। आज हर गांव के हर परिवार को नल से जल की सुविधा दी जा रही है। हमारी माताएं और बहनें इन कामों की वजह से हमें आर्शीवाद दे रही हैं। पहले गिनती के एक्सप्रेस-वे थे, आज नए एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो चुके हैं। पहले की सरकारों ने यूपी की छवि को ख़राब किया। आज यूपी पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य बन रहा है। यह सिर्फ भाजपा की डबल इंजन सरकार में ही हो सकता है। क्योंकि हमारी सोच ईमानदार और काम असरदार है।

साथियों,

एक बहुत जरूरी बात मैं पूरे यूपी और खासकर पश्चिमी यूपी के लोगों से कहना चाहता हूं। आपने देखा है कि योगी जी के शासन में अपराधी किस तरह खुद भागकर जेल गए और मांग करते रहे कि हमें बंद कर दो। वो सालों से इस चुनाव का इंतज़ार कर रहे हैं। उन्हें एक ही उम्मीद है, कि जल्दी से जल्दी चुनाव आए, कैसे भी सरकार बदल जाए, ताकि वो जेल से बाहर आ सकें। ये अपराधी मना रहे हैं कि किसी भी तरह पुरानी वाली माफियाराज वाली सरकार आ जाए। जो अपराधी यूपी छोड़कर भाग गए थे, वो भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार बदलें तो फिर से लौटकर आयें। ये अपराधी चाहते हैं कि लूट डकैती छिनैती का जो धंधा पांच साल से ठप्प पड़ा है, यूपी की जनता से उसकी भरपाई करें। बदला देने के मूड में है। इनके गुर्गे भी पूरी ताकत लगाए हुये हैं। ये लोग जात-पात के नाम पर बंटबारा करके भाजपा को रोकना चाहते हैं। मैं आपसे कहना चाहता हूं, इस खेल से सावधान रहिएगा। इस चुनाव में और कुछ नहीं देखना है, केवल कमल छाप देखना है, केवल भाजपा को देखना है। भाजपा आएगी तो आपकी सुरक्षा होगी। ये आएंगे तो गुंडों के सपने पूरे होंगे। जब आप वोट डालने जाएं तो भी जरूर याद रखें, आप यूपी के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी वोट दे रहे हैं। आप यूपी के मतदाता है, और यूपी के विकास के बिना देश का विकास भी नहीं हो सकता! यूपी के मतदाता हमेशा ये याद रखकर वोट देते हैं। पिछले कई चुनावों में आपने ये साबित कर के दिखाया है। आज भी आपका जोश बता रहा है एकजुट होकर आप सही फैसला लेने को तैयार है। इसीलिए, मैं देख रहा हूं।

यूपी ने हैं भरी हुंकार

एक बार फिर योगी सरकार

मेरा आप सभी से एक और आग्रह है। मतदान के दिन इसी प्रकार की तेजी से , इसी प्रकार के उत्साह से, मतदान कीजिएगा। पहले मतदान,फिर जलपान।

इन्हीं शब्दों के साथ, आप सभी से फिर एक बार रूबरू नहीं पहुंच पाने के लिए क्षमा चाहता हूं।

आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद।

मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए

भारत माता की...

(दोनों हाथ ऊपर कर बोलिए) भारत माता की...

भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!