QuoteCongress 'Report Card' is a 'Report Card' of scams: PM Modi in Surendranagar

भारत माता की जय,

सबसे पहले सुरेंद्रनगर में चुनावी मीटिंग होना और इतनी बड़ी संख्या में माताओं-बहनों का आना बहुत बड़ी घटना है। और इन सभी माताओं-बहनों ने खड़े होकर मुझे आशीर्वाद दिया। मैं सिर झुकाकर सभी माताओं-बहनों को नमन करता हूं।

हमारा सुरेंद्रनगर मजेदार है..सब कुछ बढ़िया दिख रहा है...सब बढ़िया है। आपने तो मुझे दिल्ली भेज दिया, एक समय पर जनरल करिअप्पा...दुनिया का बड़ा नाम, भारत के सेनाध्यक्ष थे। हर पल हुए लोग उन्हें सन्मान से सलाम करते थे, उनका सम्मान करते थे, लेकिन एक बार उन्होंने कर्नाटक में अपने गांव में बुलाकर उनका सम्मान किया। उस वक्त उन्होंने कहा, दुनिया में चाहे कितना भी सन्मान मिल जाये... सब कुछ , लेकिन जब हम हमारे घर पर जाते हैं और वहाँ जो सन्मान मिलता है उसमे अलग ही ऊर्जा होती है। यह ऐसा अनुभव में कर रहा हूँ, कल से में गुजरात में आया हुआ हूँ और जिस तरीके से गुजरात मुझ पर प्यार दिखा रहा है, अद्भुत है ।

भाईओ और बहनो,

मैं गुजरात के प्रति अपने ऋण को कभी नहीं भूल सकता और मेरी राजकीय कारकिर्दी, चाहे वह कुछ भी हो, सौराष्ट्र से शुरू हुई थी। सौराष्ट्र ने मुझे पहली बार विधायक बनाया, इस गुजरात ने मुझे प्रशिक्षित बनाया है । क्या में कुछ जूठी बात बोल रहा हूँ? क्या आपने अपना सीना 56 का बनाया है या नहीं? लेकिन ये मोदी की वजह से नहीं.. ये आपके आशीर्वाद की वजह से है, यह आपके प्यार के कारण है ।

भाईओ और बहनो,

हम छोटा नहीं सोचते, हम छोटा नहीं करते। अगर एक मूर्ति बनती है तो वह दुनिया में सबसे बड़ी , अगर एक स्टेडियम बनता है तो वह दुनिया में सबसे बड़ा । इसलिए कुछ भी छोटा मत करो और अब हम 25 साल का लक्ष्य लेकर निकले हैं। विकसित भारत, जब भारत की आजादी के 100 साल पूरे होंगे तो हिंदुस्तान दुनिया का एक विकसित देश होगा। भारत दुनिया में विकसित देश है इसका मतलब है कि हमारे गुजरात को पांच साल पहले विकसित करना होगा भाई। भूपेन्द्र भाई के नेतृत्व में हमें गुजरात का तेज गति से विकास करना है.. विकसित भारत के लिए। और उसके लिए दिल्ली हो या गांधीनगर, हमें मिलकर 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करना है। इसके लिए आपको मोदी को हमेशा के लिए मजबूत करना होगा...

बेटी फोटो लेकर आई है.

बैठ जाओ, थक जाओगे, मैंने देखा।

हां बहुत खूब। बैठ के सुनो बेटा, ये हमारे घर की बात है ।

बीटा देखो, मैंने फोटो देखा

धन्यवाद, शाबाश, बेटा ।

विकसित भारत बनाने के लिए, विकसित गुजरात बनाने के लिए और आपके घर का बेटा दिल्ली में बैठा हो। क्या इसे मजबूत करना घर की जिम्मेदारी है या नहीं? क्या आप मेरे परिवार हैं? अब 26 को 26 दे दी ये सही है, आपने 2014 में भी दिया और 2019 में भी दिया, लेकिन इस बार मुझे कुछ ज्यादा चाहिए।

क्या आप यह देंगे..?

अपना हाथ उठाओ और बताओ..?

लेकिन इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी...

7 तारीख तक पैर को शांत कर न बैठें। मुझे आपसे दो चीजें चाहिए. क्या आप यह देंगे..?

मैंने अभी तक यह नहीं कहा और आपने हाँ कह दिया। तुम्हें मुझ पर बहुत भरोसा है ।

आपके गांव में, आपके बूथ पर जितने वोटिंग के रिकॉर्ड हैं। वो सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए और उससे भी ज्यादा मतदान होना चाहिए, क्या आप यह करोगे..?

लेकिन मैं तुम्हें एक रास्ता दिखाता हूँ. इसे कैसे करना है? सुबह 10 बजे से पहले प्रत्येक बूथ पर 25-25 लोग या 30-30 मतदाता थाली बजाते हुए, गीत गाते हुए, प्रभातियां गाते हुए मतदान केंद्र पर जाते हैं। पूरे बूथ पर लोकतंत्र का पर्व मनाया जाएगा और सुबह 10 बजे तक ऐसे 30 जुलूस निकलेंगे, कम से कम 30 जुलूस, हर एक में 30 वोटर और हम जाकर वोट करेंगे तो देखिएगा.. आपके वोटिंग का रिकॉर्ड टूट जाएगा ।

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दूसरी बात,

इस बार सारे पोलिंग बूथ जीतना है भाई... एक भी पोलिंग बूथ नहीं खोना है, किसी भी मतदान केंद्र पर भाजपा का झंडा नहीं झुक जाना चाहिए। मंज़ूर ...? क्या आप सब..? 100 प्रतिशत ..?

वैसे तो गुजरात पर मुझे भरोसा है.. पीछे नहीं हटेगा गुजरात ।

साथियो,

जब मैं गुजरात में था, आपकी सेवा में लगा हुआ था। फिर हमेशा आपके पास आता रहता था.. मैं गुजरात में क्या कर रहा हूं.. सरकार क्या कर रही है.. कैसा कर रही है.. वो हमेशा अपना रिपोर्ट कार्ड देता था । ये आदत अभी भी गई नहीं है. आज आपका बेटा...गुजरात का बेटा, आपके सामने अपना 10 साल का रिपोर्ट कार्ड देने आया है। स्कूल में चाहे कितने भी मार्क्स न आ रहे हों... 100 में से 99 मार्क्स लेकिन बच्चा तब तक खुश नहीं होता जब तक वह घर आकर अपने माता-पिता को अपना रिपोर्ट कार्ड न दिखा दे। तो मैं भी एक बच्चे के रूप में अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर उस गुजरात की जनता के सामने आशीर्वाद लेने आया हूं जिसने मुझे जन्म दिया, जिसने मुझे जीवन दिया। मैं आपको बधाई देने आया हूं ।

आपको याद है 10 साल पहले हमारा देश करोड़ों के घोटाले से शर्मसार हुआ था । ऐसा कोई दिन नहीं था जब घोटालों की ख़बरें सुर्ख़ियों में न आती हों। कभी दूसरा घोटाला.. अब 5G का जमाना है, सुना है कोई घोटाला..2G घोटाला, कभी कोयला घोटाला... कभी रक्षा घोटाला, कभी सीएजी घोटाला, कभी राष्ट्रमंडल घोटाला, कभी हेलीकॉप्टर घोटाला, कभी पनडुब्बी घोटाला... जैसे कांग्रेस ने जल, नभ और जमीन यानी समुद्र से आकाश तक हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया है। ऐसी विकट परिस्थिति में आपने मुझे दिल्ली भेजा...

आप मुझे बताएं..

आपको अपने बेटे पर गर्व है या नहीं?

क्या आपने 10 साल में किसी घोटाले के बारे में सुना है..?

यदि आप उत्तर देंगे तो मुझे पता चल जाएगा कि... मेरा परिवार

किसी घोटाले के बारे में सुना..?

क्या मोदी के नाम के साथ कोई घोटाला जुड़ा है..?

यह आपके बेटे का रिपोर्ट कार्ड बोल रहा है

तुम्हें गर्व है या नहीं?

मुझे पूरी ताकत के साथ आशीर्वाद चाहिए..

तुम्हें गर्व है या नहीं..?

साथियो,

10 साल पहले देश की सरकार से गरीबों का भरोसा उठ गया था। कांग्रेस सरकार अपने आप को जनता की माई-बाप मानती थी। उनके भरोसे जी रहे हैं और गरीबों को प्यासा-प्यासा रखकर बुनियादी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। गरीबों को लगा कि ये सरकार हमारे लिए नहीं है । आज देखिए.. आज गरीब आदमी आगे आकर इस बेटे पर प्यार बरसा रहा है। जब वह 80-90 साल का होता है, जब उसके पास पहनने के लिए पर्याप्त कपड़े नहीं होते, तो वह मां कहती है, मेरा बेटा दिल्ली में बैठा है। मेरे भोजन के लिए अनाज भेजता है। तो ये बेटा संतुष्ट होता है या नहीं... जब गरीब का पेट भरता है तो आपको अपने इस बेटे पर गर्व होता है कि नहीं होता..?

साथियो,

आज सरकार को उनकी चिंता है.. माताएं-बहनें-बेटियां आशीर्वाद देते नहीं थकतीं। आपको अपने बेटे के काम पर हमेशा गर्व रहेगा।

साथियो,

10 साल पहले पूरी दुनिया भारत को बोझ मानती थी और कहती थी, भारत खुद भी डूबेगा और हमें भी डुबोयेगा। कोई कहता था, ये बदहाल देश है, ये कमज़ोर देश है और पड़ोसी दिन में बम फोड़ते थे । निर्दोषों को मारा गया, दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भारत आने का नाम नहीं लेतीं। और आज क्या स्थिति है..?


आज दुनिया में भारत का डंका बजता है कि नहीं..?

मैं आपसे बात करना चाहता हूं भाई, मुझे पता है...मैं हिंदी बोलता हूं, मुझे गुजराती बोलनी चाहिए लेकिन टीवी वाले चाहते हैं कि आप हमारी रोजी रोटी का भी सम्मान करें।

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बताओ दोस्तों...

आज दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है या नहीं..?

अमेरिका में भी डंका बज रहा है हिंदुस्तान का या नहीं..?

यूरोप में भी डंका बज रहा है हिंदुस्तान का या नहीं..?

ऑस्ट्रेलिया में भी डंका बज रहा है हिंदुस्तान का या नहीं..?

जापान में भी डंका बज रहा है हिंदुस्तान का या नहीं..?

किसकी वजह से..?

ये मोदी की वजह से नहीं है..

ये आपके एक वोट की वजह से है, ये आपके वोट की ताकत है, आज दिल्ली में मोदी बैठे हैं और हिंदुस्तान की आवाज दुनिया सुन रही है।

आज बड़ी-बड़ी कंपनियों के बीच भारत आने की होड़ मची हुई है। भारत अब आत्मनिर्भर बन रहा है. आतंकवादी भेजने वाले भी जानते हैं.. अब भारत घर में घुसकर हमला करता है, मुझे विश्वास है, हर गुजराती को गर्व होगा।

साथियो,

10 साल पहले भारत दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। दुनिया भी यही सोच रही थी कि भारत की गाड़ी वैसे ही चल रही है, यह देश इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकता, संभव है कि भारत की हालत और खराब हो जाए । 10 साल पहले आपने अपने बेटे को दिल्ली में बिठाया और 10 साल के भीतर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
पूरी दुनिया हैरान थी.. कोरोना काल में जब इतने बड़े देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई तो भारत ही ऐसा देश था जो मजबूती से खड़ा रहा। आपको ये बात सुनकर गर्व होगा कि देश ने एक गुजराती बेटे, चायवाले को बिठाकर अच्छा काम किया है।

साथियो,

हार की हताशा में कांग्रेस ने देश और समाज को बांटने का काम तेज कर दिया है,अयोध्या में 500 वर्षों के बाद, हमारे पूर्वजों की आत्माएं जहां भी होंगी, हमें आशीर्वाद दे रही होंगी। कृपया मुझे बताएं कि क्या राम मंदिर का काम आजादी के दूसरे दिन ही हो जाना चाहिए था।

इस कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए लटकाया, काम में बाधा डाली, इसके खिलाफ खेल खेले। अयोध्या में 500 साल बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ, क्या आपको अपने बेटे पर भरोसा है..?


जो कहा है, वो किया है..?

500 साल का इंतजार खत्म हुआ ।

साथियो,

आश्चर्य की बात है कि राम मंदिर के ट्रस्टियों ने कांग्रेस के लोगों के घर जाकर निमंत्रण भेजा और कहा कि आप भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हों। आइए आपकी सभी पुरानी गलतियाँ माफ करें.. आप आइए लेकिन कांग्रेस और उसके अनुयायियों ने इस निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया ।

भाइओ और बहनो,

मुझे समझ नहीं आता कि राम मंदिर के निमंत्रण को नजरअंदाज करना कितना उचित है,अब कांग्रेस ने हिंदुओं की आस्था पर भी घात करने का कुचक्र शुरू कर दिया है । कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गेजी ने एक गंभीर विषय उठाया है और भगवान राम और भगवान शिव के बारे में एक लापरवाह बयान दिया है। यह दुर्भावना से दिया गया बयान है,हिंदू समाज को बांटने का खेल खेल रहे हैं। वे राम भक्तों और शिव भक्तों में भेद देखते हैं, भेद कर रहे हैं और भेदभाव से लड़ना चाहते हैं। हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी महान परंपरा... चाहे राम हों, कृष्ण हों, शिव हों। अफ़सोस, इस परंपरा को मुगल भी नहीं तोड़ सके.. मल्लिकार्जुनजी और कांग्रेस अब इसे तोड़ना चाहते हैं। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस कितना नीचे गिरेगी। कांग्रेस के लोगों को सुनना चाहिए कि जो राम को मारने निकले थे उनका क्या हुआ । उनके एक शहजादे ने एक महीने पहले कहा था, मैं इस देश से शक्ति को नष्ट कर दूंगा, मेरी माताएं और बहनें शक्तिस्वरूपा विराजमान हैं। हम शक्ति के उपासक हैं, कोई अम्बा की पूजा करता है तो कोई चामुंडेश्वरी की। कभी वे दुर्गा की पूजा , कभी काली, कभी लक्ष्मी और कभी सरस्वती के रूप में करते हैं। जब शहजादा ने कहा वो शक्ति को नष्ट कर देगा ।

क्या शक्ति की पूजा करने वाले लोग शक्ति को नष्ट करने वालों को कभी स्वीकार कर सकते हैं..? जो लोग शिव और राम के भक्तों को लड़ाने की बात कर रहे हैं क्या उन्हें स्वीकार किया जा सकता है..? हम वो लोग हैं जिन्होंने भगवान शिव की पूजा की और अपना सिर काट दिया। ये लोग क्या कर रहे हैं? कांग्रेस हमेशा जूठा प्रचार करने वाली पार्टी रही है। जब देश को आजादी मिलनी थी तो उन्होंने देश का बंटवारा कर दिया । देश का विकास करना था लेकिन जो था उसे भी लूट लिया गया। गरीबों का पैसा गरीबों में बंटना था लेकिन कांग्रेस के खजाने में पहुंच गया। अब एससी-एसटी-ओबीसी को दिया गया आरक्षण, बाबा साहब अंबेडकर द्वारा दिया गया आरक्षण, भारत के संविधान में दिया गया आरक्षण एससी-एसटी-ओबीसी से छीनकर धर्म के आधार पर मुसलमानों को देना चाहते हैं। कांग्रेस पिछले तीन दशकों से लगातार इस तरह का प्रयास कर रही है, कर्नाटक में कांग्रेस ने रातों-रात फतवा जारी कर दिया, एक अखबार थमा दिया और कहा कि कर्नाटक में सभी मुस्लिम ओबीसी हैं । ओबीसी कोटे के आरक्षण का बड़ा सौदा किया, ओबीसी आरक्षण को लूटकर दूसरों को बांट दिया।

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साथियो,

जब से मैंने एससी-एसटी-ओबीसी के खिलाफ कांग्रेस की सच्चाई देश के सामने रखी है, कांग्रेस अपना संतुलन खो बैठी है, बौखला गयी है. कांग्रेस झूठ पर झूठ बोल रही है. इसलिए मैं कांग्रेस को तीन चुनौतियां भी दे रहा हूं।

मैं तीन चुनौतियां दे रहा हूं, मे कांग्रेस के सामने तीन चुनौतियां दे रहा हूँ और अगर शहजादा में साहस है, कांग्रेस में साहस है, उनके अनुयायियों में साहस है, तो चाय किसान का बेटा लड़ने के लिए तैयार है।

मेरी पहली चुनौती..कांग्रेस को लिखित गारंटी देनी चाहिए कि वह भारत के संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगी, वह भारत के संविधान को नहीं बदलेगी।

कांग्रेस को लिखित गारंटी देनी चाहिए कि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा दिया गया आरक्षण धर्म के आधार पर दलितों-आदिवासियों और बख्शी पंचों को लूटकर मुसलमानों को नहीं दिया जाएगा।


मेरी तीसरी चुनौती है...कांग्रेस लिखित गारंटी दे कि जो आरक्षण दलितों, आदिवासियों, बक्शीपंच समाज ओबीसी को मिला है, जो आरक्षण सामान्य समाज के गरीबों को मिला है, उसे कभी छीनने की कोशिश नहीं करेगी। और मेरा चैलेंज है कि वहां लिख दीजिए.. जो उनके राज्य हैं, जिन राज्यों में जहां उनकी सरकारें हैं, वहां उनके चेले बैठे हैं,वे लोग भी ओबीसी कोटा कम करके मुसलमानों को बाहर नहीं करेंगे, धर्म के आधार पर नहीं बांटेंगे और दलितों-आदिवासियों के आरक्षण में हेराफेरी नहीं करेंगे

कांग्रेस के शहजादों और उनके सभी साथियों के लिए ये मेरी तीन चुनौतियाँ हैं। मैं कई दिनों से बोल रहा हूं. मेरी चुनौतियों के बाद कांग्रेस को सांप सूंघ गया है. मैंने पहली बार 23 अप्रैल को कांग्रेस को चुनौती दी। आज 9 दिन है. कांग्रेस के माथे पर ताला लग गया है. वे मामले को बदलने के लिए मंच पर संविधान के साथ डांस कर रहे हैं। अब अगर संविधान आपको नहीं बचाता तो चप्पू संविधान की पीठ पर है. मतलब साफ है कि कांग्रेस के जनादेश में कमी है।

भाइयो-बहनो,

मेरी भावना क्या है, संविधान के प्रति मेरा समर्थन है। सुरेंद्रनगर तो आपको जरूर याद होगा. जब हमारा संविधान 60 साल पुराना था, तब गुजरात देश का एक राज्य था। जो डॉ. बाबा साहब अंबेडकर और संविधान के सम्मान में यहां सुरेंद्रनगर में हाथी पर संविधान रखकर एक अच्छी यात्रा की गई, संविधान को हाथी पर रखकर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पैदल चल रहे थे और संविधान हाथी के हाथी पर था, ये हमारे लिए संविधान का सम्मान है ।

कांग्रेस का घोषणापत्र हर बिंदु पर तुष्टीकरण, तुष्टिकरण और तुष्टिकरण पर आधारित है। ये घोषणा पत्र इसका सबसे बड़ा दस्तावेज है. आप हैरान हो जाएंगे। एक बात जो मैं आज पहली बार सुरेंद्रनगर में कह रहा हूं वह चौंकाने वाली होगी। उन्होंने क्या किया है, अपने घोषणापत्र में.. उन्होंने जो लिखित में कहा है, उसे सुनकर मेरे पत्रकार मित्र भी चौंक जायेंगे। उन्होंने लिखित में कहा है, अब सरकारी टेंडर होगा तो अल्पसंख्यकों के लिए, मुसलमानों के लिए कोटा तय किया जाएगा. अब क्या..?

क्या सरकारी टेंडरों में धर्म के आधार पर आरक्षण लाया जायेगा क्या..?

जब से देश आज़ाद हुआ है तब से सरकारी टेंडरिंग प्रक्रिया चल रही है, जो अच्छी बोली लगाती है, जिसका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छी गुणवत्ता का होता है, अच्छी गुणवत्ता का आश्वासन देती है। सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद जिसके पास इस काम को करने की विशेषज्ञता, क्षमता, संसाधन है उसे टेंडर मिलता है। जाति और धर्म के आधार पर टेंडर नहीं दिए जाते। अपने वोट बैंक के लिए पक्षपात करते हुए कांग्रेस अब कह रही है, प्रक्रिया के तहत टेंडर नहीं दिए जाएंगे, अब धर्म के आधार पर टेंडर बांटे जाएंगे।

साथियो,

बीजेपी कह रही है हम आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाएंगे. अगर कांग्रेस आगे बढ़ी तो उसके टेंडर भी धर्म के आधार पर दिए जाएंगे. क्या ये जो हाईवे और एक्सप्रेसवे बन रहे हैं वो धर्म के आधार पर बनेंगे? हम देश की सेना के लिए मेड इन इंडिया हथियार बना रहे हैं। क्या अब हम किसी धार्मिक व्यक्ति से धर्म के आधार पर कहें कि आप हमारी सेना के लिए बम बनाएं या सही व्यक्ति को बताएं । हम योग्यता के आधार पर देंगे, किसी धर्म के आधार पर नहीं, जाति के आधार पर नहीं। कांग्रेस का जुनून देखिए, सत्ता पाने के लिए उन्होंने देश को बर्बाद करने की ठान ली है। देश को हर क्षेत्र में बांटने की मुस्लिम लीग की यह योजना देश को मंजूर नहीं है. कांग्रेस को लिखकर रखना चाहिए... जब तक मोदी जिंदा है, आप देश का बंटवारा नहीं कर सकते. हमारे यहां काठियावाड़ में एक कहावत है, खिलाड़ी और घुड़सवार।

भाईओ और बहनो,

आप संविधान के प्रति मेरी प्रतिबद्धता जानते हैं। जैसा कि मैंने यहां बताया, 60 साल गुजरात में बिताए। अब दिल्ली में देखिए... अब 75 साल हो गए हैं सर, मैं संविधान की 75वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाने जा रहा हूं। संविधान से छेड़छाड़ करने वाले गिरोहों को बेनकाब करना है. गांव-गांव, स्कूल-स्कूल, मोहल्ले-मोहल्ले घूमते-घूमते 4 जून को जो रिजल्ट आया, उससे पता नहीं चला कि मैं पीछे नहीं हूं। मैं संविधान की मर्यादाओं, संविधान के प्रति सम्मान, संविधान के प्रति देश के अंदर जागरूकता के लिए एक बड़ा अभियान चलाऊंगा। इन लोगों के दिमाग को उनकी जगह पर लाना होगा ।

भाईओ और बहनो,

आज देश जिस तरह से प्रगति कर रहा है. मैं पहली बार पानी पी रहा हूँ। जब मैं प्रधानमंत्री बना तो वे मुश्किल से आठ-दस साल के थे। उस समय देश की स्थिति क्या थी, उन्हें उस समय के बारे में कुछ भी पता नहीं होगा। मुझे अपने पहली बार के मतदाताओं से कहना है, आप गूगल गुरु वाले छात्र हैं। आप सभी गूगल गुरु के शिष्य हैं । बस Google पर जाएं और 2012, 2013, 2014 के प्रिंट देखें। याद कीजिए वो दिन, अब हम देश को वहां नहीं ले जाना चाहते. मेरे पहली बार के मतदाताओं, आपका पहला वोट देश के नाम जाना चाहिए। यह देश के भविष्य के लिए होना चाहिए।

भाईओ और बहनो,

राजकोट हो, भावनगर हो, हम बड़ी मात्रा में औद्योगिक क्षेत्र के लिए काम कर रहे हैं। भूपेन्द्र भाई ने कहा कि सेमीकंडक्टर दुनिया के चार-पांच देशों में ही हैं। वह बड़ा काम आपके पड़ोस में आने वाला है। अब जमाना इलेक्ट्रिक वाहनों का है, आप जानते हैं कि मोदी साहब ने क्या सोचा है,हमारे नरेंद्रभाई, पीएम सूर्यघर मेरी योजना है,आपके घर का बिजली बिल जीरो यानी मुफ़्त । सूर्यघर योजना में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। आप न सिर्फ बिजली पैदा करेंगे बल्कि अतिरिक्त बिजली सरकार खुद खरीदेगी, तो आप अपने घर का बिजली बिल भरने के बजाय बिजली बेचकर कमाई कर सकते हैं। ये तो आपके नरेंद्र भाई को देना है। इतना ही नहीं, आज आप जो कार चलाते हैं, उसमें पेट्रोल-डीजल खर्च करते हैं। सर, मुझे वो भी जीरो करना है ।

ये है कि आपके नरेंद्र भाई की पांचों उंगलियां घी में हैं या नहीं और इसलिए मैं सभी पोलिंग बूथ जीतना चाहता हूं। इस चुनाव में हमारे उम्मीदवार, सुरेंद्रनगर से हमारे भाई श्री चंदूभाई शिहोरा, हमारे नियुक्त कार्यकर्ता। पिछली बार जब मैंने हमारे डॉक्टर का चुनाव लड़ा था, तो वह राजनीति की जान नहीं थे, उन्हें छीन लिया गया था। पहले तो मैंने असेंबली में चप्पल घिसी, लेकिन ये डॉक्टर साहब तैयार नहीं हैं । अब चंदूभाई हमारे उम्मीदवार हैं, आप भावनगर में हमारी निमुबेन बांभणिया को भारी बहुमत से जिताएं। सभी बूथों पर जीत हासिल करें. हमारे भारतीय लोमड़ियों के काम ने एक मजबूत नींव रखी है। अब भावनगर में हमारा निमुबेन इसे आगे बढ़ाएगा। हम सबको बूथ जीतना है और जीतकर दिखाना है...

  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • दिग्विजय सिंह राना September 18, 2024

    हर हर महादेव
  • Dr Mukesh Ludanan July 02, 2024

    Jai ho
  • Dharmendra Singh June 18, 2024

    जय श्रीं राम ||🙏
  • Vijay Kant Chaturvedi June 03, 2024

    jai ho
  • Mohd Husain May 31, 2024

    Jay ho
  • shashank agarwal May 31, 2024

    जय सिया राम 🙏 जय भाजपा 🙏
  • Dr Swapna Verma May 30, 2024

    🙏🙏
  • Domanlal korsewada May 21, 2024

    BJP
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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।