There's a race between Congress and JMM in Jharkhand - a race of corruption and looting: PM Modi in Singhbhum
BJP has given a new identity to Bhagwan Birsa Munda's birthday by celebrating it as Janjatiya Gaurav Diwas: PM Modi
Congress opposes respect for tribal history and the progress of tribal society: PM Modi in Singhbhum rally
Jharkhand is echoing, "Phir Ek Baar, Modi Sarkar!": PM Modi in Singhbhum rally

जोहार..ये महान आदिवासी क्रांतिकारियों की धरती है। ये भगवान बिरसा मुंडा की भूमि है। इस धरती को, सिंहभूम को मेरा प्रणाम..मेरा शत्-शत् नमन। आज आप इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने आए हैं, आपका ये प्यार, आपका ये आशीर्वाद, ये ही मोदी की ताकत है।

साथियों,

भाजपा और झारखंड का ये जो रिश्ता है ना वो रिश्ता दिल का है। झारखंड को, यहां के लोगों की भावनाओं को अगर कोई समझता है और अगर सुलझाता है वो सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही है। हमें हमेशा पता होता है कि आपके मन में क्या है? यहां के लोग क्या चाहते थे? अलग झारखंड बने, किसने बनाया, अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाया भाजपा ने बनाया। कांग्रेस ने क्या किया? झारखंड का घोर-विरोध किया और बिहार के कुछ नेता तो चिल्ला-चिल्लाकर कहते थे कि मेरे डेडबॉडी पर झारखंड बनेगा। वो आजकल इंडी अलायंस में बैठे हुए हैं। ये भाजपा की ताकत थी, अटल बिहारी वाजपेयी की दीर्घ दृष्टि थी कि झारखंड बना। यहां के विकास पर ब्रेक लगा देने वाली कौन कांग्रेस, कांग्रेस को मंजूर नहीं था कि यहां के संसाधन आपके काम आए। वो दिल्ली के एयर कंडीशनर कमरों में बैठकर यहां की योजनाएं बनाते थे, एक रुपया देते थे उसमें से 85 पैसा मार लेते थे। मोदी ने कहा पूरा अगर एक रुपया भेजता हूं तो पूरा 100 पैसा सीधा आपके अकाउंट में जाएगा। मोदी ने कहा योजना सिर्फ दिल्ली से ही क्यों शुरू हो? क्या सब कुछ दिल्ली से ही होगा क्या? क्या मेरा झारखंड दिल्ली से कम है क्या? देश के हर कोने से शुरू हो, हमने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर आयुष्मान भारत योजना लॉन्च की, कहां से की झारखंड की भूमि से की और आज इस योजना से करोड़ों गरीबों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। मुद्रा योजना शुरू की नौजवानों के हाथ को मजबूत करने वाली, नौजवानों को अवसर देने वाली, मुद्रा योजना देश के युवाओं का भाग्य बदलने वाली इतनी बड़ी योजना कहां से शुरू हुई हमने झारखंड के दुमका से उसका प्रारंभ किया। मुद्रा योजना ने करोड़ों नौजवानों को अपने मन का काम करने के लिए पैसे दिए। पीएम जनमन योजना कहां से शुरू हुई झारखंड से, भगवान बिरसा मुंडा के गांव से 24000 करोड़ रुपए की ये योजना अति पिछड़े आदिवासी भाई-बहनों की जिंदगी बदल रही है। विकसित भारत वाली मोदी की गारंटी की गाड़ी कहां से शुरू हुई यहां झारखंड के खूंटी से और इसलिए तो मैं कहता हूं झारखंड और भाजपा का दिल का नाता है दिल का। और मेरे लिए दिल्ली से बढ़कर ये दिल का नाता है झारखंड का। और इसलिए आज झारखंड हर कोने में विश्वास के साथ उमंग के साथ उस उत्साह के साथ एक ही बात कह रहा है फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार... फिर एक बार..।

साथियों,

सिंहभूम और झारखंड की धरती आदिवासी क्रांतिकारियों की धरती है, लेकिन कांग्रेस ने आदिवासियों के बलिदान को कभी सम्मान नहीं दिया। कांग्रेस आजादी का पूरा श्रेय केवल एक परिवार को देना चाहती है। ये भाजपा है जिसने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को एक और पहचान दी। हमने इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की है। देश के कोने-कोने में भगवान बिरसा मुंडा का जय गान शुरू किया है। मैंने खुद रांची में भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान स्थल पर म्यूजियम का लोकार्पण किया है। हम देशभर में आदिवासी गौरव के लिए जनजातीय म्यूजियम बना रहे हैं, लेकिन साथियों, कांग्रेस और उसके साथी क्या कहते हैं ये भी आपके लिए जानना जरूरी है, कांग्रेस को आदिवासी इतिहास का सम्मान पसंद नहीं है वो आप जनजातीय समाज के लोगों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते। साथियों, देश की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी पहले झारखंड की ही राज्यपाल थी। याद है ना, कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने एक आदिवासी महिला को भारत के राष्ट्रपति बनाने का घोर विरोध किया। आदिवासी महिला भी देश के सर्वोच्च पद पर बैठ सकती है इस बात को पचा नहीं पा रहे थे।

साथियों,

झारखंड के जल, जंगल, जमीन पर हमारे आदिवासी भाई-बहनों का अधिकार है लेकिन जेएमएम और कांग्रेस इसे अपनी जागीर समझते हैं तभी तो झारखंड के हर संसाधन की खुली लूट चल रही है। इतना बड़ा शराब घोटाला यहां की झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने किया, पूरे राज्य के खान खनिज को, बालू को अवैध खनन कर लूटा जा रहा है और पार्टी के छुटभैया नेता से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तक सबके सब इसमें जुटे हैं। उनके इलाके में ही सैकड़ों करोड़ रुपयों के अवैध खनन घोटाला हुआ है और ये लोग इतने पर ही नहीं रुके इन्होंने आदिवासी की जमीनें लूटने के बाद हमारे देश की सेना, सेना की जमीन पर भी आंख गड़ा कर रखी है, इतना बड़ा जमीन घोटाला जेएमएम के लोगों ने किया है। कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मिलकर झारखंड के मान-सम्मान को चोट पहुंचाई है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं, यहां नौजवानों से पूछना चाहता हूं, मैं मेरी माताओं-बहनों से पूछना चाहता हूं क्या झारखंड को लूटने वाले को आप इन्हें माफ कर देंगे क्या? माफ करेंगे क्या? माफ करेंगे क्या? साथियों, कांग्रेस और जेएमएम में बहुत बड़ी रेस चल रही है लूट करने की रेस, भ्रष्टाचार करने की रेस, यहां कांग्रेसी सांसद के ठिकाने से 300 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए। 300 करोड़ से ज्यादा केवल कैश नगद और आपने देखा होगा बैंकों से नोटें गिनने के लिए मशीनें लानी पड़ीं और मशीनें हांफती थी, नोटे गिनते-गिनते, थक जाती थी। झारखंड को लूटने की रेस कहां-कहां तक पहुंच गई है? भाइयों-बहनों, आप मुझे जवाब दीजिए ये जो लूट का पैसा निकल रहा है मैं आपसे पूछना चाहता हूं ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? ये पैसा ये संपत्ति ये मेरे झारखंड के गांव, गरीब, मजदूर, किसान, दलित, आदिवासी ये आपका पैसा है। ये आपके पैसे की लूट है कि नहीं है.. ये आपके पैसे की लूट है कि नहीं है।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस और जेएमएम आपसे किस मुंह से वोट मांगने आते हैं। ये कितने बेशर्म हैं, लूट में पकड़े जाते हैं पर परवाह नहीं है, अब उनको दिल्ली में सरकार क्यों बनानी है? क्या आपका भला करने के लिए सरकार बनानी है क्या? क्या देश के नौजवानों का भविष्य बनाने के लिए सरकार बनानी है क्या? क्या ये दिल्ली में सरकार बनाकर ये पूरे देश में बेलगाम लूट नहीं करेंगे तो क्या करेंगे? 2014 के पहले भी इस देश को लूटने के सिवाय इन्होंने कुछ भी नहीं किया है। साथियों, इंडी गठबंधन ने झारखंड के साथ सबसे बड़ा धोखा किया है, जिस आरजेडी ने अलग झारखंड का सबसे ज्यादा विरोध किया, जिस नेता ने यहां सबसे ज्यादा अत्याचार किए, आज झारखंड मुक्ति मोर्चा उन्हीं की गोद में जाकर के बैठ गया है उनके साथ गठबंधन किया है जो इंडी गठबंधन बिहार में जंगल राज लाया था, वही जंगल राज ये लोग झारखंड में और ज्यादा फैलाने में लगे हुए हैं। अब तो आए दिन यहां व्यापारियों को फिरौती के लिए फोन आते हैं, अपराधियों को सीधे सरकार से संरक्षण मिल रहा है। इनकी सरकार में आदिवासियों की सरेआम हत्या होती है, ये आदिवासी समाज में अपराधियों का डर कायम रखना चाहते हैं, आप मुझे बताइए झारखंड को भ्रष्टाचार और जंगल राज की आग में झोंकने वाले को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? सजा मिलनी चाहिए कि नहीं..सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? आपका हक लूटने वालों को सजा देने के लिए देश को आपके आशीर्वाद की जरूरत है।

साथियों,

एक ओर आदिवासी विरोधी मानसिकता वाली कांग्रेस है, दूसरी ओर हमारे लिए आदिवासियों का विकास पहली प्राथमिकता है। आदिवासी समाज के विकास के लिए सबसे पहले अलग जनजातीय मंत्रालय किसने बनाया? बीजेपी ने, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पहली बार जनजातीय समाज के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट बनाया तब जाकर के हमारे जनजातीय क्षेत्रों में आज विकास प्रारंभ हुआ। जनजातीय समाज के युवाओं के लिए आज बड़ी संख्या में एकलव्य आवासीय स्कूल कौन बनवा रहा है, बीजेपी। यहां भी एकलव्य विद्यालय का निर्माण तेजी से हो रहा है, आपने देखा होगा राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई इसमें स्थानीय भाषाओं, जनजातीय भाषाओं में शिक्षा देने का फैसला किया तो बीजेपी ने किया। आप मुझे बताइए भाई, क्या हमारे जनजातीय बेटे-बेटी डॉक्टर बनने चाहिए कि नहीं बनने चाहिए। जरा पूरी ताकत से जवाब दो हमारे जनजातीय परिवारों के बेटे डॉक्टर बनने चाहिए कि नहीं बनना चाहिए। हमारी बेटियां डॉक्टर बननी चाहिए कि नहीं बननी चाहिए वो इंजीनियर बननी चाहिए कि नहीं बननी चाहिए, वो वैज्ञानिक बननी चाहिए कि नहीं बननी चाहिए। इन्होंने तो हालत ऐसी रखी थी कि अगर आपको अंग्रेजी नहीं आता है तो आप पढ़ाई भी नहीं कर सकते हो, डॉक्टर की बात छोड़ दो गरीब का बेटा गरीब की बेटी अंग्रेजी पढ़ने के लिए शहर में कहां जाएंगे? खर्चा कहां से लाएंगे? लेकिन ये आपका भाई ये आपका बेटा दिल्ली में बैठा है वो आपका दर्द जानता है और इसलिए मैंने कहा अरे डॉक्टर हो, इंजीनियर हो, वैज्ञानिक हो वो अपनी मातृभाषा में पढ़ेगा तो भी डॉक्टर बनेगा, इंजीनियर बनेगा, वैज्ञानिक बनेगा। जनजातीय युवाओं को खेलों में आगे बढ़ाने का काम आज भारतीय जनता पार्टी कर रही है और उसका सबसे बड़ा लाभ मेरे वीर बेटे-बेटी जो जनजातीय समाज से आते हैं वो आज देश का नाम रोशन कर रहे हैं। कांग्रेस ने तो आदिवासी इलाकों को अपने हाल पर छोड़ दिया था, आकांक्षी जिला योजना से एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट से आदिवासी जिलों का विकास आज भारतीय जनता पार्टी कर रही है। बीते 10 वर्षों में बीजेपी सरकार ने वो काम करके दिए हैं जिनका जनजातीय समाज को छह दशकों से इंतजार था। भाइयों और बहनों, हमारे आदिवासी समाज में सिकल सेल एनीमिया, ये बहुत बड़ी खतरनाक बीमारी होती है पहले किसी भी सरकार ने इसकी चिंता नहीं की। हमारी सरकार ने सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया है। चाईबासा में हमारी सरकार मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी करा रही है, अब यहां के लोगों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा और यहीं के बच्चे यहीं से डॉक्टर बनकर निकलेंगे।

साथियों,

10 वर्षों ने मोदी ने आदिवासी भाई-बहनों के लिए मकान, बिजली, पानी और सिलेंडर जैसी सुविधाएं दी हैं। हमारे प्रयासों से झारखंड में 18 लाख परिवारों को पक्के मकान मिले हैं, ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने मुफ्त राशन मिल रहा है ताकि गरीब के घर का चूल्हा कभी बुझना नहीं चाहिए, गरीब का बच्चा कभी भूखा सोने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए। करीब 33 लाख घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया है। मोदी का प्रयास है कि गरीब, आदिवासी हमारी महिलाओं का सामर्थ्य बढ़े वो आगे बढ़े लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस आपकी संपत्ति पर डाका डालना चाहती है। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वो सरकार में आएगी तो देश में सबकी संपत्ति की जांच कराएगी। चोरों की संपत्ति की जांच कराने का विरोध करते हैं और नागरिकों की संपत्ति की जांच करवाएंगे आपके पास चांदी कितनी है? सोना कितना है? शादी के समय आपको स्त्री धन कितना मिला था? सबकी जांच, खेत कितना है, कहां है? बेटा कहां रहता है? सबकी जांच करने की घोषणा की है और ये क्यों करना चाहते मालूम है। वो कहेंगे इससे ज्यादा तुम नहीं रख सकते हो, अगर 10 एकड़ भूमि है तो पांच एकड़ भूमि कांग्रेस की सरकार को दे दो, अगर एक ट्रैक्टर है तो तुम ट्रैक्टर नहीं रख सकते हो किसी के साथ भागीदारी करनी पड़ेगी आपकी संपत्ति छीनकर कांग्रेस अपनी वोट बैंक में जिन्होंने वोट जिहाद की घोषणा की है उनको देने का उन्होंने एक प्लान बनाया हुआ है। कांग्रेस के नेता कहते हैं कि देश की संपत्ति पर पहला हक माइनॉरिटी का मतलब मुसलमान का है, मोदी कहता है देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मेरे दलित, मेरे आदिवासी, मेरे गरीब भाई-बहनों का माताओं, बेटे, बेटियों का है।

साथियों,

अब कांग्रेस की नजर ये मैं गंभीर बात बता रहा हूं आपको अब कांग्रेस की नजर दलितों, पिछड़ों, आदिवासी, ओबीसी इनके आरक्षण पर डाका डालने का इरादा है। उनको गुस्सा है कि आज देश भर में सबसे ज्यादा आदिवासी एमएलए किसके बीजेपी के, देशभर में सबसे आदिवासी एमपी किसके बीजेपी के, देशभर में दलित एमपी किसके ज्यादा बीजेपी के, राज्यों में दलित एमएलए किसके ज्यादा बीजेपी के, कांग्रेस को गुस्सा है कि आदिवासी, ये दलित, ये ओबीसी बीजेपी का समर्थन करते हैं अब उनको शिक्षा करने का उनका मन है और वो इतने गुस्से में है कि आपको जो आरक्षण बाबा साहेब अंबेडकर ने दिया है आपको जो संविधान बाबा साहेब अंबेडकर ने दिया है उनकी पीठ में छुरा भोंककर आपको जो रिजर्वेशन मिला है आरक्षण मिला है उसमें वो लूट करके मुसलमानों को धर्म के आधार पर डाका डालके उनको देना चाहते हैं। क्या हम ऐसा करने देंगे क्या? इनको संविधान के ऊपर खिलवाड़ करने देंगे क्या? ये बिहार के आरजेडी के नेता, ये कांग्रेस के नेता माथे पर संविधान की किताब रख के नाच रहे हैं और संविधान के साथ धोखा कर रहे हैं। मैं बताता हूं कैसे करते हैं अभी कर्नाटक में उन्होंने रातों-रात एक फतवा निकाला, एक ऑर्डर निकाला रातों-रात ठप्पा मार दिया ऑर्डर क्या कि कर्नाटक में (एक मिनट एक मिनट सुनिए, सुनिए भाई पहले जरा सुनिए बाद में मोदी-मोदी करिए पहला ढंग से सुनिए ये काम में आने वाली बात है समझने वाली बात है) कर्नाटक में रातों- रात उन्होंने एक फतवा निकाला और फतवा क्या निकाला कर्नाटक में जितने मुसलमान हैं जितने, कितना ही पढ़ा लिखा क्यों ना हो, कितना ही अमीर क्यों ना हो, कितना ही बड़े घराने का क्यों न बस वो मुसलमान है तो उन्होंने फतवा निकाला कि कर्नाटक के सारे मुसलमान ओबीसी हैं, रातों-रात ओबीसी हो गए और ओबीसी को जो 27 परसेंट आरक्षण मिलता था रातों-रात उसकी लूट उनके खाते में चली गई। देश देखता रह गया और ये पूरा मॉडल देश में लागू करना चाहते हैं क्या ये करने देंगे क्या? ये हम करने देंगे क्या? और कांग्रेस वाले, जेएमएम वाले, आरजेडी वाले कान खोल के सुन लो जब तक मोदी जिंदा है, जब तक मोदी जिंदा है तुम संविधान को हाथ नहीं लगा पाओगे, जब तक मोदी जिंदा है तुम आदिवासियों का आरक्षण नहीं लूट पाओगे, जब तक मोदी जिंदा है तुम दलितों के आरक्षण को लूट नहीं पाओगे, जब तक मोदी जिंदा है तुम ओबीसी के आरक्षण को लूट नहीं पाओगे।

भाइयों-बहनों,

मेरी आप सबको गारंटी है, भारतीय जनता पार्टी की गारंटी है दुनिया की कोई ताकत हमारे संविधान को हाथ नहीं लगा सकती। बाबा साहेब अंबेडकर ने जो आरक्षण दिया है उसको कोई हाथ नहीं लगा सकता है ये मोदी की गारंटी है। साथियों, मैं पिछले 10 दिन से कांग्रेस को तीन चुनौतियां देता हूं और मैं उनको कहता हूं तुम लिखित में देश को कहो, मैं तो खुलेआम आरोप करता हूं तुम लिखित में देश को बताओ, कांग्रेस लिखकर के दे कि वो एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण काटकर धर्म के आधार पर मुस्लिमों को नहीं देंगे लिख करके दो, नहीं देते हैं। कांग्रेस का कोई नेता इसका जवाब देने को तैयार नहीं है। आप मुझे बताइए, बाबा साहेब ने आरक्षण का जो अधिकार आपको दिया है क्या हम कांग्रेस को छीनने देंगे क्या? अगर मोदी आपके लिए लड़ना चाहता है मरना चाहता है तो मोदी को आशीर्वाद मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस, जेएमएम और उन सहयोगी अपने वोट बैंक के लिए कुछ भी कर रहे हैं। ये लोग झारखंड में घुसपैठियों को ठिकाना दे रहे हैं, ये घुसपैठिए हमारे आदिवासी भाई-बहनों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। संथाल परगना जैसी जगहों पर इस घुसपैठ के कारण आदिवासियों की संख्या घट रही है, हमारी बहन- बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं है। ये ही खेल इन लोगों ने बंगाल में खेला था, बंगाल के आदिवासी इलाकों में लोग घुसपैठियों के आतंक से जूझ रहे हैं, लोगों का जीवन सुरक्षित नहीं है, ऐसा ही ये हाल यहां झारखंड में बनाना चाहते हैं लेकिन जेएमएम सरकार वोट बैंक की भूख में वोट पाने के लिए आंख मूंदकर ये पाप कर रही है।

साथियों,

13 मई को आपका वोट झारखंड के विकास और सुरक्षा की गारंटी बनने वाला है। आपका जो भरोसा मोदी पर है उसे आपको कमल का बटन दबाकर ये वोट मुझ तक पहुंचाना है, मोदी के खाते में जमा करवाना है। सिंहभूम से भाजपा प्रत्याशी बहन गीता कोड़ा और खूंटी से मेरे साथी अर्जुन मुंडा उनको दिया आपका वोट मोदी को मजबूत करेगा, इनको मिला आपका वोट सीधा-सीधा मोदी तक जाएगा। तो आप घर-घर जाएंगे, घर-घर जाएंगे, ज्यादा मतदान कराएंगे। मुझे सबसे जवाब चाहिए घर-घर जाएंगे, ज्यादा मतदान कराएंगे। सबसे ज्यादा वोटों से जिताएंगे, सब पोलिंग बूथ जिताएंगे तो एक काम कीजिए अपना मोबाइल फोन निकालिए और उसका फ्लैशलाइट चालू कीजिए, सबके सब अपना मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट चालू कीजिए सबके सब अपने मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट चालू कीजिए सबके मोबाइल की फ्लैशलाइट चले। मेरा एक काम करेंगे.. मेरा एक काम करेंगे देखिए यहां से जाकर के परिवारों में जाना और कहना मोदी जी आए थे और मोदी जी ने आपको जोहार कहा है। मोदी का जोहार पहुंचाओगे घर-घर में, हर घर में मेरा जोहार पहुंचाओगे।
बोलिए भारत माता की..भारत माता की..भारत माता की।
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!