Rajasthan is a land of rousing patriotism and sacrifice while also encompassing the knowledge and spirituality of the great saints of India: PM Modi
Mewar region is the Tilak of Rajasthan, but Congress-led misrule, has stifled its integrity: PM Modi
The Congress-led politics of appeasement has endangered the state’s cultural heritage and pride: PM Modi
Only the BJP can ensure a complete end to Rajasthan’s Mafia rule and Crimes enabling security and safety of life for all: PM Modi
Congress for 5 years has only indulged in baseless power politics and infighting depriving all the sections of their rightful development: PM Modi

भारत माता की, भारत माता की।


भगवान एकलिंगनाथ जी की जय।


सांवलिया सेठ की जय।


माता त्रिपुरा सुंदरी की जय।


मेवाड़ की रक्षक बायण माता, कालिका माता, सगरा माता को मेरा बार-बार प्रणाम। महाराणा प्रताप और गोविन्द गुरु की ये धरती पूरे देश के स्वाभिमान और सम्मान की प्रतीक है। यहां के कण-कण में देशप्रेम की महक है, महान ऋषियों की साधना की अनुभूति है। रानी पद्मिनी, रानी कर्णावती, रानी फूल कंवर के बलिदान ने इस धरती का गौरव बढ़ाया है। ये पन्ना धाय की धरती है, जिन्होंने कर्तव्य का पालन करने के लिए अपनी संतान का बलिदान देने में एक क्षण नहीं लगाया। इस जगह की पहचान मीराबाई से है, उनके प्रेम और समर्पण जैसा दूसरा कोई और उदाहरण नहीं है। मैं मेवाड़ की इस पावन भूमि को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं।

मेरे परिवारजनों,


राजस्थान की विरासत, संस्कृति और इतिहास की गाथा मेवाड़ के बिना पूरी नहीं हो सकती। ये मेवाड़ की माटी भारत माता के मस्तक पर तिलक की तरह है। लेकिन इस धरती को जब-जब कांग्रेस की नजर लगी है, तब-तब इसके स्वाभिमान को गहरी चोट पहुंची है। कांग्रेस की सरकार में राजस्थान के लोगों के साथ मानवता को शर्मसार करने वाली वारदातें हो रही हैं। उदयपुर में कन्हैयालाल जी के साथ आतंकी घटना कांग्रेस सरकार पर बहुत बड़ा दाग है। ऐसी जघन्य वारदात उदयपुर में इसलिए हुई क्योंकि यहां आतंकियों के साथ सहानुभूति रखने वाली कांग्रेस की सरकार है।

साथियों,


कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीति ने राजस्थान की संस्कृति, राजस्थान की विरासत, राजस्थान के गौरव को खतरे में डाल दिया है। जैसे हालात राजस्थान में पहले कभी नहीं बने, वो पिछले पांच साल में हमने देखे हैं। किसने सोचा था कि राजस्थान में कभी रामनवमी की शोभायात्रा और कांवड़ यात्रा पर भी प्रतिबंध लग सकता है। लेकिन ये पाप कांग्रेस सरकार ने किया। क्या ऐसी कांग्रेस सरकार को राजस्थान में रहने देना चाहिए। ऐसी कांग्रेस को राजस्थान में जगह मिलनी चाहिए। आज यहां कांग्रेस सरकार है, इसलिए PFI जैसे आतंकी संगठन बेखौफ होकर रैलियां निकालते हैं। आतंकियों की हमदर्द कांग्रेस सरकार राजस्थान को तबाह करके मानेगी। क्या हम राजस्थान को तबाह होने देंगे। क्या हम राजस्थान को तबाह होने देंगे। क्या हम राजस्थान को बर्बाद होने देंगे। राजस्थान के कितने ही क्षेत्रों में अब गरीबों के पलायन की खबरें आने लगी हैं। राजस्थान में कांग्रेस सरकार रही, तो ये और भी बढ़ेगा। इसलिए अब राजस्थान को देर नहीं करनी है। 25 नवंबर को पूरे उदयपुर को, पूरे राजस्थान को इस संकल्प के साथ वोट डालने निकलना है कि कांग्रेस सरकार को अब हटाकर ही रहेंगे।

मेरे परिवारजनों,


आज राजस्थान में न दलित, पिछड़े और गरीब सुरक्षित हैं और ना ही हमारी बहनें-बेटियां सुरक्षित हैं। कांग्रेस ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में राजस्थान को नंबर वन बना दिया है। कांग्रेस सरकार, महिलाओं के खिलाफ अपराध को काबू कर पाने में पूरी तरह नकारा साबित हुई है। और शर्मनाक ये कि कानून-व्यवस्था के सवाल पर कांग्रेस के मंत्री मजाक उड़ाते हुए कहते हैं कि ये मर्दों का प्रदेश है। डूब मरो, डूब मरो कांग्रेस के लोगों। आपके मुंह से ऐसे शब्द निकलते हैं। आपने सिर्फ राजस्थान की माताओं-बहनों का अपमान नहीं किया, आपने राजस्थान के मर्दों का भी अपमान किया है। राजस्थान के मर्द अपनी मात-बहन की इज्जत के लिए अपना सर कटाने के लिए तैयार होने वाले लोग होते हैं। उनकी मर्दांगनी माता-बहनों की रक्षा के लिए समर्पित होती है। और तुम्हारे मंत्री सबके बीच बेशर्मी से ऐसी भाषा का प्रयोग करे। मेरे प्यारे परिवारजनों कांग्रेस की यही असली सोच है। इसलिए कांग्रेस के राज में बहनों-बेटियों की इतनी बुरी गत बनी हुई है। अभी उदयपुर में ही कुछ दिन पहले ही दो बहनों की निर्मम हत्या की गई थी। इसके बाद यहां की एक और बेटी कांग्रेस के राज में अत्याचार की भेंट चढ़ गई। अपनी गाय बकरियां चरा कर पेट भरने वाली आदिवासी बहन की निर्मम हत्या कर दी गई। ऐसे अपराधी सोच वाले लोगों को कांग्रेस की सरकार में ही बढ़ावा मिला है। उन्हें सर्टिफिकेट मिल गया मर्दानगी का, इन पापियों को। राजस्थान में कानून की स्थिति ये हो गई है कि अब बहन बेटियां अपने काम से खेत खलिहान जाने से भी डरने लगी हैं।


आज राजस्थान में घर से बाहर निकलने के बाद कोई छात्रा सुरक्षित महसूस क्यों नहीं करती? आज राजस्थान की हर बहन-बेटी पूछ रही है कि क्या उसे सम्मान से जीने का अधिकार नहीं है। मैं राजस्थान की माताओं, बहनों, बेटियों का दर्द समझता हूं। मैं आपका आक्रोश समझता हूं। बहनों- बेटियों पर अत्याचार तब ही रुकेगा जब यहां से कांग्रेस की विदाई होगी। कांग्रेस की विदाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। बहन-बेटियों की रक्षा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। बहन बेटियों को सम्मान से जीने का अधिकार है कि नहीं है। माताओं बहनों को गौरव से जीने का अधिकार है कि नहीं है। राजस्थान से भाजपा, गुंडाराज और अपराध पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा, राजस्थान की हर बेटी-बहू को ये विश्वास दिलाती है कि उसे सम्मान से जीने और सुरक्षित माहौल में घर से निडर होकर निकलने का अवसर मिलेगा। और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,


कांग्रेस ने राजस्थान के पांच साल बर्बाद किए हैं। पांच साल तक राजस्थान की सरकार इसी में उलझी रही कि कुर्सी पर कौन बैठेगा। कुर्सी की इस लड़ाई में कांग्रेस ने जनता के मुद्दों की परवाह नहीं की। कांग्रेस ने राजस्थान के गरीबों, दलितों, वंचितों के लिए कुछ नहीं किया। वो कुर्सी के लिए लड़ते रहे। और अब चुनाव आए हैं तो पहले वो झूठे वादों का झुनझुना लेकर मैदान में आदतन आ गई है। लेकिन राजस्थान के लोग उनके वादों की सच्चाई जानते हैं। जिन राज्यों में कांग्रेस को चुनाव जीतने का अवसर मिला है। वहां कैसे उनके हर वायदे झूठे साबित हो रहे हैं, उसे हम सब देख रहे हैं। सौगंध लेना मेवाड़ का संस्कार है, लेकिन मेवाड़ सौगंध को जीतना जानता है। सौगंध के लिए मरना जानता है। मेवाड़ किसी को धोखा नहीं देता। लेकिन यहां की कांग्रेस सरकार 5 साल से जनता को धोखा ही दे रही है। कांग्रेस की हर योजना में एक धोखा जरूर होता है। कांग्रेस ने मिडिल क्लास को राहत देने का वादा किया था, लेकिन कांग्रेस सरकार पेट्रोल-डीजल पर रिकॉर्ड टैक्स वसूल कर रही है। मध्य प्रदेश से पेट्रोल यहां महंगा है, गुजरात से पेट्रोल यहां महंगा है। गोवा से यहां पेट्रोल महंगा है, अरे उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य से भी राजस्थान में महंगा है। कांग्रेस ने राजस्थान में गरीबों को राशन देने का वादा किया, लेकिन यहां की सरकार बच्चों का राशन तक खा गई है। कांग्रेस ने यहां बिजली बिल में सब्सिडी देने का वादा किया था, लेकिन अब लोगों से बकाए बिल के नाम पर 10 गुना ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं। कांग्रेस की नीतियों की वजह से यहां बिजली की इतनी किल्लत हो गई है कि उद्योग तबाह हो गए हैं।

परिवारजनों,


कांग्रेस का एक ही एजेंडा है- राजस्थान को लूटो...कांग्रेसियों की तिजोरी भरो। भ्रष्टाचार कांग्रेस के लिए हवा-पानी की तरह है, जैसे हवा-पानी के बिना कोई रह नहीं सकता ...ये कांग्रेस भी उसके बगैर कांग्रेस का काम चल ही नहीं सकता। राजस्थान में कांग्रेस के नेता खुद कह रहे हैं कि यहां ऐसी लूट मची है, जैसी देश में कहीं और नहीं है। ये उनके नेता कह रहे हैं। यहां के भ्रष्ट अधिकारियों के लॉकर से भारी मात्रा में सोना बरामद हो रहा है। अब ये आलू से बना सोना है कि लोगों की जेब काटकर बना हुआ सोना है। ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां सीएम के करीबी अफसर एक साल में दो-दो दर्जन फ्लैट खरीद रहे हैं। राजस्थान को इस जंगलराज से निकालना बहुत जरूरी है। निकालना चाहिए न। इस जंगल राज से मुक्ति मिलनी चाहिए न। राजस्थान को उसका गौरव फिर से मिलना चाहिए न। इसके लिए कांग्रेस का जाना जरूरी है न। यहां भाजपा सरकार आने के बाद हर भ्रष्टाचारी पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। जिन्होंने राजस्थान को लूटा है उन्होंने लौटाना ही पड़ेगा।

साथियों,


आप सब ने मुझे सेवा करने का अवसर दिया है। और आपने मुझे आदेश दिया है। आपके आदेश का मुझे पालन करना है। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं। क्या मेरा रास्ता सही है। क्या मुझे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ते रहना चाहिए। इस देश से भ्रष्टाचार को नेस्तनाबूद करने के लिए मुझे ताकत लगानी चाहिए। लेकिन मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहा हूं, तो जो जमानत पर घूम रहे हैं न उनका बुखार उतरता नहीं है। ये सारे नेता देखिए, कोई जेल काटकरके जमानत पे हैं, कोई केस चलने पर जमानत पे हैं, ये सारे जमानत पे हैं। और वे सुबह-शाम मोदी-मोदी करते रहते हैं। मैंने सुना, किसी ने कहा था कि राजस्थान में छोटी मछलियों को ही पकड़ा जाता है, बड़ी मछलियों पर कार्रवाई नहीं होती। जरा कान खोलकरके सुन लो, मैं सबको कहना चाहता हूं, छोटी-बड़ी हर मछली पर कार्रवाई होगी। और सिर्फ मछली ही नहीं, जनता को लूटने वाले बड़े मगरमच्छ भी छोड़े नहीं जाएंगे। आपने देखा है, यहां राजस्थान में सिर्फ एक लाल डायरी कांग्रेस के जी का जंजाल बनी हुई है। लाल डायरी में कांग्रेस के काले कारनामे छिपे हुए हैं। भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के भ्रष्टाचार को बेनकाब करने वाली हर लाल डायरी बाहर आकर के रहने वाली है।

साथियों,


राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने यहां के युवाओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात किया है। राजस्थान में दर्जन भर से ज्यादा परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। कितनी मेहनत से हमारे युवा परीक्षा की तैयारियां करते हैं। लेकिन कांग्रेस की सरकार को राजस्थान के युवाओं की चिंता नहीं है। वो तो एक ही युवराज के लिए मरे पड़े हैं। भ्रष्टाचार की आदी हो चुकी कांग्रेस अपनी तिजोरी भरने के लिए पेपर लीक माफिया को बढ़ावा दे रही है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। भाजपा की सरकार छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले माफिया पर कड़ी कार्रवाई करेगी। छात्र-छात्राओं को न्याय दिलाकर रहेगी। भाजपा, राजस्थान में पारदर्शी तरीके से परीक्षा लेने और युवाओं को अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मेरे परिवारजनों,


मेवाड़ के इस क्षेत्र में हमारे जनजातीय समाज के लोग काफी संख्या में रहते हैं। और हम गुजरात वालों को तो उदयपुर ऐसा लगता है जैसे हमारा ही घर है। जनजातीय समाज को मुख्यधारा में लाए बिना देश का विकास नहीं हो सकता। केंद्र की भाजपा सरकार की योजनाओं का बहुत बड़ा लाभ हमारे जनजातीय समाज को, आदिवासी समाज को भी हुआ है। मानगढ़ धाम के सैकड़ों गुमनाम वीरों के साथ इस मेवाड़ी मिट्टी की महक अब दिल्ली में बन रही अमृत वाटिका में भी रच बस गयी हैं। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर हर साल 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय बीजेपी ने ही किया है। ये दिवस उन करोडों आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित है जिसे कांग्रेस ने बार बार इतिहास के पन्नों से मिटाने का प्रयास किया। जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी, तो उसने आदिवासियों के कल्याण को कभी प्राथमिकता नहीं दी। जबकि केंद्र की भाजपा सरकार ने आदिवासी कल्याण योजनाओं के लिए करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। भाजपा सरकार, उनकी छोटी-छोटी आवश्यकताओं का ध्यान रख रही है। पिछले 9 वर्षों में 1 करोड़ 30 लाख आदिवासी घरों में नल से जल पहुंचा है। भाजपा सरकार ने डेढ़ करोड़ आदिवासियों के घर में शौचालय भी बनवाए हैं। करीब एक करोड़ आदिवासी भाई-बहनों को भाजपा सरकार ने आयुष्मान कार्ड भी दिया है। हमारे आदिवासी समाज की बहुत बड़ी ताकत, उनके पास मौजूद पशुधन होता है। उनके पशुधन सुरक्षित रहें इसके लिए भाजपा सरकार 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करके पशुओं का टीकाकरण करवा रही है। जैसे कोविड में, कोविड के समय हिंदुस्तान के हर नागरिक को कोविड का वैक्सीन दिया गया। आपको वैक्सीन लगा कि नहीं लगा। एक रुपये भी खर्चा करना पड़ा क्या। जैसे मैंने इंसानों के लिए किया है वैसे ही पशुओं के लिए मुफ्त वैक्सीन के पीछे 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं ताकि गरीब आदिवासी पशु को बचा सकें। एक समय था जब सिर्फ 8-10 वन उपज पर ही MSP मिला करता था। भाजपा सरकार में अब करीब-करीब 90 वन-उपज पर MSP मिल रहा है। वनधन विकास केंद्रों के जरिए अब इस वन उपज को नए बाजार भी मिल रहे हैं। जनजातीय समाज के हमारे बेटे-बेटियों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए हमारी सरकार ने राजस्थान में 30 एकलव्य स्कूल भी खोले हैं।

साथियों,


राजस्थान का चौतरफा विकास ये भाजपा का संकल्प है। लेकिन राजस्थान डबल इंजन की सरकार ना होने का खामियाजा भुगत रहा है। केंद्र की सरकार यहां विकास के लिए जो पैसे भेजती है, वो राजस्थान में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। राजस्थान की हमारी माताओं-बहनों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। पूरे देश की तरह राजस्थान में भी जल जीवन मिशन चलाया जा रहा है। लेकिन यहां की कांग्रेस सरकार ने इस योजना में लूटने का रास्ता खोज लिया। यहां कबाड़ के भाव में पाइप खरीदकर जमीन के नीचे बिछा दिया गया। यहां की कांग्रेस सरकार से सहयोग ना मिलने के बावजूद केंद्र सरकार राजस्थान की बहनों-बेटियों को सशक्त करने में जुटी है। राजस्थान के करीब 48 लाख घरों को नल से जल की सुविधा मिली है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में बने लाखों शौचालय महिलाओं की गरिमा की रक्षा कर रहे हैं। राजस्थान में करीब 70 लाख बहनों को उज्जवला एलपीजी कनेक्शन की सुविधा मिली है। इनमें से करीब 30 लाख कनेक्शन सबसे गरीब हमारी SC/ST बहनों को दिए गये हैं। राजस्थान में जनधन खाता हो या मुद्रा लोन, बड़ी संख्या में हमारी माताओं-बहनों को इसका लाभ मिला है। पीएम आवास योजना के तहत यहां राजस्थान में करीब 17 लाख पक्के घर बने हैं। इनमें से भी ज्यादातर घरों का मालिकाना हक हमारी बहनों को ही मिला है। हम जानते हैं हमारे यहां घर होगा तो किसके नाम पर, पति के नाम या पिता के नाम पर। खेत होगा तो पिता के नाम पर या पति के नाम या बेटे के नाम पर। दुकान होगी तो पिता के नाम पर या पति के नाम पर। गाड़ी खरीदेंगे तो पति के नाम या पिता के नाम। ट्रैक्टर लाएंगे तो पति के नाम या पिता के नाम। महिलाओं के नाम कुछ होता ही नहीं है। सही बात है न। लेकिन ये आपका बेटा महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता देता है इसीलिए मैंने तय किया है कि पीएम आवास के मकान मैं महिलाओं के नाम दूंगा ताकि मेरी माताएं-बहनें मालकिन बनें। घर की मालकिन माताएं बहनें बनें, ये काम मैं कर रहा हूं।

साथियों,


केंद्र की भाजपा सरकार की प्राथमिकता गरीब, वंचित और किसान हैं। किसानों को सशक्त बनाने के लिए राजस्थान के करीब 80 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि से मदद मिल रही है। अब तक यहां 17 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर हो चुके हैं। गरीबों को भूखे पेट नहीं सोना पड़े, इसके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चलाई जा रही है। हमें मालूम है कोविड का समय कैसा था, घर से बाहर निकलना मुश्किल था। एक कमरे में बेटा बीमार हो तो मां भी उस कमरे में जा नहीं सकती थी। मां बीमार हो तो बेटा नहीं जा पाता था। पूरी दुनिया के ऊपर मौत मंडरा रहा था। पता नहीं कौन किसको बीमारी लग जाए और कौन चला जाए, हर कोई तनाव में था। डेढ़-दो साल ऐसे समय गया। बाहर की दुनिया ठप पड़ी थी। बाहर निकलना मुश्किल था। और तब मोदी ने संकल्प किया था। कुछ भी हो जाए, मौत से मुकाबला है, मैं पीछे नहीं हटूंगा। मेरे देशवासियों की रक्षा करने के लिए मुझसे जो हो सकेगा वो करूंगा। और मैंने ये भी तय किया, मुसीबत बहुत बड़ी है। लेकिन मेरी कोशिश रहेगी कि कभी भी गरीब के घर का चूल्हा बुझना नहीं चाहिए। कभी भी गरीब का बेटा भूखे पेट रात गुजारने के लिए मजबूर न हो। कभी भी गरीब मां अपने भूखे संतानों को देखकर रात भर बिलखती न रहे, ये आपका बेटा देख रहा था, आप सो सको, इसीलिए मैं जाग रहा था। और इसीलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की। उस प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से देश के 80 करोड़ लोगों को आज भी मुफ्त राशन मिल रहा है।

भाइयों-बहनों,


ये पुण्य का काम है कि नहीं है। भूखे को अन्न मिलता है तो आशीर्वाद देता है कि नहीं देता है। ये पुण्य के हकदार कौन है। ये पुण्य किसका है। ये पुण्य किसका है। ये पुण्य किसका है। ये पुण्य मोदी का नहीं है। ये पुण्य आपका है। इस पुण्य के हकदार आप हैं, क्योंकि आपने एक वोट डालकर के मोदी को बिठाया था। और इसीलिए जो भी पुण्य कार्य कर रहा हूं न उसके हकदार आप हैं। अगर आपने वोट देकर मुझे न बिठाया होता तो ये पुण्य का काम न होता, और ये पुण्य का काम न होता तो पुण्य के काम पर किसी का हक भी न होता। ये पुण्य के काम पर हक आपका है। राजस्थान में भी 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को ये मुफ्त राशन का लाभ मिला है। साथियों, आप जानते हैं कि ये योजना दिसंबर महीने में पूरी हो रही है। लेकिन ये पुण्य का काम है, पवित्र काम है, मेरा मन करता था इसको बंद नहीं होना चाहिए। गरीब के आशीर्वाद लेते हैं। और इसीलिए, मैंने मनोमन संकल्प कर लिया, मैंने निश्चय कर लिया कि गरीबों को जो ये राशन मिलता है न अब पांच साल और मिलेगा। मैंने इसको पांच साल के लिए मंजूर कर लिया। पांच साल और देंगे, ये हमने निर्णय किया।

साथियों,


आप सभी जानते हैं कि अगले साल लोकसभा के चुनाव के बाद केंद्र में तीसरी बार आप मुझे सेवा का अवसर देने वाले हैं। और मैं आपको गारंटी देता हूं, मेरे तीसरे टर्म में भारत का दुनिया की टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में आना तय है। भारत के इस तेज विकास का लाभ राजस्थान को भी मिले, इसके लिए राजस्थान में भी भाजपा सरकार होनी जरूरी है। डबल इंजन सरकार, राजस्थान में डबल तेजी से विकास करके दिखाएगी।

साथियों,


समृद्ध राजस्थान के भाजपा, अभी से इस पूरे क्षेत्र को तैयार कर रही है। राजस्थान में केंद्र सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास किया जा रहा है। जामनगर अमृतसर एक्सप्रेसवे, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे हमारे इसी संकल्प का प्रमाण है। वंदे भारत एक्सप्रेस और मेवाड़ के सौंदर्य को दिखने वाली हेरिटेज विस्टाडोम ट्रेन से यहां के पर्यटन को और बढ़ावा मिलने वाला है। कृष्णा सर्किट, हेरिटेज सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट के माध्यम से अनेकों तीर्थ स्थलों पर पर्यटन की संभावना कई गुना बढ़ गई है। नाथद्वारा में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। मेवाड़ और मारवाड़ को जोड़ने वाली मावली रेल गेज के विस्तार और चित्तौड़गढ़-नीमच रेललाइन, कोटा-चित्तौडग़ढ़ रेललाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन ने मेवाड़ के लोगों का जीवन आसान किया है। इन सारे कामों की गति और तेज हो जाएगी, जब यहां डबल इंजन की सरकार होगी।

मेरे परिवारजनों,


जब मैं टूरिज्म की बात करता हूं न। आप जरा देखिए, मैं बार-बार कहता हूं, जरा मेरी बात गौर से समझना, मैं बार-बार कहता हूं कि जो भी टूरिस्ट जो भी कहीं पर जाते हैं वे टूरिस्ट अपना जो टूरिस्ट का बजट है, घर निकलने और वापस घर जाने तक उसमें से कुछ हिस्सा, जहां वो गए हैं देखने के लिए, घूमने-फिरने के लिए, कुछ चीजें लोकल वहां से खरीदें, कुछ पैसे वहां खर्च करें। ताकि दूर-सुदूर जो इलाके होते हैं, वहां के लोगों को रोजी-रोटी मिले। ये मैं बार-बार कहता हूं। ये लोगों की भलाई के लिए है कि नहीं। जो उदयपुर आते हैं उनको मैं कहता हूं कि भई उदयपुर जाते हो तो उदयपुर की स्थानीय चीजें खरीदो, ये उदयपुर की भलाई के लिए है कि नहीं है। जरा बोलिए,है कि नहीं है, अगर वो एकनाथ जी जाते हैं तो इसके लिए है कि नहीं है। श्रीनाथ गए तो ये है कि नहीं है। अब एक बात मुझे बताइए, जो बात... इसमें कोई भाजप-वाजप है क्या। क्या ये बात यहां के कांग्रेस के मुख्यमंत्री बोल सकते हैं कि नहीं बोल सकते हैं। क्यों नहीं बोलते भाई। क्या उदयपुर के लोगों का सामान बिक्री हो इसमें कांग्रेस के पेट में क्या दर्द हो रहा है। मैं इन दिनों कह रहा हूं कि भई आपलोग वोकल फॉर लोकल, स्थानीय चीजों को खरीदिए, गरीब से गरीब के पास से खरीदिए। साड़ी चाहिए तो लोकल बनी हुई खरीदिए। आज देश में सब चीजें अच्छी बनती हैं। ये मैं सबको कहता हूं। दिवाली में कोई बाहर की चीज मत लीजिए, हिंदुस्तान की चीज लीजिए। ये मैं बार-बार कह रहा हूं। मुझे बताइए देशवासियों का भला होगा कि नहीं होगा। क्या इसमें मेरा कोई स्वार्थ है। क्या इसमें भाजपा का कोई स्वार्थ है। क्या ये काम भाजपा वाले करते हैं, कांग्रेस वाले नहीं कर सकते हैं क्या। कौन रोकता है उनको। लेकिन उनको देश की भलाई का काम करना ही नहीं है। देश के गरीब चीज बिके उसमें उनको कोई ...रस... नहीं है।

मेरे परिवारजनों,


कांग्रेस के 5 साल के कुशासन से छुटकारा पाने का अवसर अब राजस्थान के सामने है। राजस्थान को ऐसी भाजपा चाहिए, जो राजस्थान की पगड़ी का मान रखे। राजस्थान की पगड़ी को लात मारकर गिराने वाली कांग्रेस को अब हमें हटाकर ही रहना है। और उसने एक पगड़ी को लात नहीं मारी, पूरे राजस्थान की पगड़ी को उछाला है भाइयों-बहनों। ये राजस्थान का अपमान हुआ है। आपकी एकजुटता ने हमेशा इतिहास की धारा बदली है। एक बार फिर आपको परिवर्तन के लिए एकजुट होना है। 25 नवम्बर को आप परिवर्तन के संकल्प के साथ ज्यादा से ज्यादा संख्या में घर से निकलें और कमल का बटन दबाएं। घर-घर जाएंगे, लोगों को जगाएंगे। कमल की बात बताएंगे। भाजपा को वोट दिलवाएंगे। जरा जोर से बोलिए, भाजपा की सरकार बनाएंगे। हर पोलिंग बूथ में भाजपा सरकार बनाएंगे। हर पोलिंग बूथ को जीतेंगे। पक्का जीतेंगे, घर-घर जाएंगे न। अच्छा ये तो बात हो गई चुनाव की राजनीति की। अब मेरा एक निजी काम है। करोगे, मेरा पर्सनल काम है, चुनाव वाला काम नहीं है। करोगे, जरा पीछे वाले बताओ, करोगे, वो जो दूर-दूर खड़े हैं, बताओ करोगे। अच्छा इधर वाले करेंगे, पक्का करेंगे। अच्छा एक काम करना है, घर-घर जाकरके, घर के सभी लोगों को प्रणाम करते हुए कहना कि हमारे मोदी जी उदयपुर आए थे, और उन्होंने आपको प्रणाम भेजा है। इतना मेरा काम कर दोगे। पक्का कर दोगे। आप मेरा प्रणाम उनको पहुंचाओगे न तो वो मन से मुझे आशीर्वाद देंगे। दिल से मुझ आशीर्वाद देंगे। और जब वो मुझे आशीर्वाद देते हैं तो वो आशीर्वाद मेरे लिए जड़ी-बूटी बन जाता है। मेरे में एक नई ऊर्जा भर देता है। मेरे में एक विश्वास भर देता है। देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के लिए दौड़ने की मुझे ताकत दे देता है। और इसीलिए भाइयों-बहनों मुझे हर परिवार से आशीर्वाद चाहिए। मेरा प्रणाम पहुंचा दोगे न। इतना छोटा मेरा काम है। क्योंकि मेरे लिए हर देशवासी का आशीर्वाद बहुत जरूरी है। और इसीलिए एक काम जरूर कीजिए। हर घर जाकरके मेरा प्रणाम जरूर पहुंचाइएगा। मेरा एक और काम करना है। आप जरा अपना मोबाइल फोन बाहर निकालिए, उसके फ्लैश लाइट चालू कीजिए। और फ्लैशलाइट के बाद जो मैं बोलूंगा वो आपको बोलते रहना है। उसके बाद जब मैं बोलूंगा तो आपको बोलना होगा कि कमल चुनेगा राजस्थान। क्या बोलना है...क्या बोलना है...क्या बोलना है...। आपके मोबाइल का फ्लैशलाइट चालू रखकर बोलना है। मैं बोलता हूं उसके बाद आपको बोलना है कमल चुनेगा राजस्थान।

महाराणा प्रताप का स्वाभिमान... कमल चुनेगा राजस्थान


सूरजमल का शौर्य महान... कमल चुनेगा राजस्थान


होगा बहन-बेटियों का सम्मान... कमल चुनेगा राजस्थान


भ्रष्टाचार का मिटेगा निशान... कमल चुनेगा राजस्थान


खुशहाल बनेंगे गांव-किसान... कमल चुनेगा राजस्थान

आप सबका बहुत-बहुत आभार।


बोलिए भारत माता की...बोलिए भारत माता की...बोलिए भारत माता की...


बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day

Popular Speeches

140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day
India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report

Media Coverage

India’s Biz Activity Surges To 3-month High In Nov: Report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!