Congress intends to merge regional parties as they will not be even able to form a respectable opposition owing to a severe defeat: PM Modi in Chatra
The JMM-Congress intends to stop the development of Jharkhand to continue their corruption: PM Modi in Chatra
JMM is only interested in pushing the youth of Jharkhand into the vicious cycle of drug use: PM Modi in Chatra
The Shehzada of Congress aims to snatch your resources and distribute it to the minorities: PM Modi in Chatra

जय जोहार.. जय जोहार.. जय श्री राम.. जय श्री राम। मैं मां भद्रकाली और मां छिन्नमस्तिका के चरणों में प्रणाम करता हूं। आज, चतरा की धरती पर ये जनसैलाब जितने अंदर हैं उससे चार गुना बाहर है। आपका ये उत्साह आपका ये स्नेह 4 जून को परिणाम क्या आने वाले हैं, जो भी इसमें अभी भी दुविधा में हो, जरा आकर के यहां देख लें 4 जून के नतीजे क्या होंगे, ये चतरा की धरती पर से आपको दिखाई देगा।

साथियों,

तीन चरणों के चुनाव के बाद ही कांग्रेस और उसके साथियों ने एक तरह से अपनी हार स्वीकार कर ली है। इंडी गठबंधन के एक बड़े नेता ने कहा है कि सभी (ये जो फोटो वोटो लेकर आए हैं ना नीचे रखो पीछे लोग परेशान हो रहे हैं) इंडी अलायंस के एक बहुत बड़े नेता ने एक बहुत महत्वपूर्ण बयान दिया है और इसको तीन दिन हो गए और जो लोग राजनीतिक परिस्थितियों के जानकार हैं, उनकी नजर उस तरफ गई लगती नहीं है। मेरे हिसाब से उनका ये बयान बहुत ही सोचा- समझा बयान है और बहुत ही निराशा में से पैदा हुआ बयान है। एक बड़े नेता ने कहा है कि इंडी अलायंस के साथ जुड़ी हुई जो क्षेत्रीय पार्टियां हैं, उन्होंने (ये पांच-दस लोग हैं उनको दिखता नहीं तो सबको परेशान करेंगे क्या? आप मुझे देख नहीं पाते हैं संख्या बहुत है मैं आपसे क्षमा मांगता हूं लेकिन कृपा करके मेरी आवाज सुन लीजिए और मेरे चेहरे को क्यों मैं तो दिल की बात करने आया हूं आपसे।) साथियों, मैं बहुत ही महत्वपूर्ण बात बता रहा हूं और मैं पक्का मानता हूं, देश भर के लोग मुझे अगर अभी टीवी देखते होंगे, सुनते होंगे तो जरूर उनका भी ध्यान जाएगा। ये महत्वपूर्ण झारखंड के लिए भी है, ये देश के आने वाले दिनों के घटनाक्रम से जुड़ा हुआ है। जो इंडी अलायंस चल रहा है, उस इंडी अलायंस के एक बहुत बड़े नेता ने, उन्होंने कहा है कि चुनाव के बाद, जो छोटे- छोटे राजनीतिक दल हैं उन सबने कांग्रेस में विलय कर देना चाहिए और ये बयान कांग्रेस के नेता का नहीं है। एक छोटी पार्टी के नेता का बयान है लेकिन बड़े नेता का बयान है। उन्होंने कहा कि ये जो छोटे- छोटे दल हैं, जेएमएम जैसे उन सब ने अपना विलय कांग्रेस में कर देना चाहिए। मैं सोच रहा था कि उन्होंने ऐसा सुझाव क्यों दिया? उनके मन में इतनी हताशा, इतनी निराशा घर कर गई है कि 4 जून के बाद अपनी पार्टी का अस्तित्व मिटाकर, कुछ दिन गुजारा करने के लिए वो सोच रहे हैं। वो क्षेत्रीय पार्टियों का, जो अभी इंडी अलायंस की साथी है, उनका अस्तित्व खत्म कर देना चाहते हैं और सोचने के बाद और पिछले तीन चरण के मतदानों के रूझान के बाद मुझे बराबर समझ आया कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा है, क्योंकि उनके मन में पक्का हो गया है कि कांग्रेस और उसके साथी सब मिला करके भी मान्य विपक्ष को जितनी सीटें चाहिए, अपोजिशन को जितनी सीटें चाहिए, जो 10 परसेंट होती है यानी करीब- करीब 50 के ऊपर थोड़ी लेकिन उनको लग रहा है इतनी भी नहीं आयेगी और अगर विलय कर देंगे, अगर विलय कर देंगे तो फिर हमारे पूरे समूह को हो सकता है कि मान्य विपक्ष के रूप में मान्यता मिल जाए। आप देखिए, देश की जनता ने ये तिकड़म लगाने वालों को कैसा सबक सिखाया है तीन चरणों में ही ऐसा सबक सिखा दिया है कि वे विलय करके मान्य विपक्ष के लिए जगह ढूंढ रहे हैं और इसके लिए देशवासियों को एडवांस में बधाई देता हूं।

भाइयों-बहनों,

मैं अभी ओडिशा से आ रहा हूं, उसके एक दिन पहले तेलंगाना में था। तेलंगाना में, ओडिशा में, आंध्र में, इन सब स्थानों पर जाकर आया हूं। मैं साथियों बड़ी जिम्मेवारी के साथ कहता हूं कि इस चुनाव के साथ- साथ, जहां विधानसभा के भी चुनाव चल रहे हैं जैसे ओडिशा में हैं, आंध्र में हैं, अरुणाचल प्रदेश में हैं, जहां- जहां विधानसभा के चुनाव भी साथ में हैं, सिर्फ दिल्ली में 400 के पार करेंगे इतना ही नहीं, विधानसभा में भी भारी बहुमत से एनडीए की सरकारें बनेंगी और ये शहजादे को, उनकी पार्टी को, उनकी उम्र से भी कम सीटें मिलने वाली हैं। आज देश में जहां- जहां जाता हूं एक ही स्वर में, एक ही विश्वास के साथ, देश के कोने- कोने से आवाज आ रही है- फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार।

साथियों,

2024 का लोकसभा चुनाव ये सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, ये चुनाव देश बनाने का चुनाव है, ये चुनाव चोर- लुटेरों से देश को बचाने का चुनाव है, ये चुनाव आपके बच्चों का भविष्य सुनिश्चित करने का चुनाव है। आप तो जानते हैं न वो कौन लोग है जिससे देश को बचाना बहुत जरूरी है। JMM, कांग्रेस और इंडी गठबंधन के जो कारनामे हैं, उनकी जो सोच है, उनकी जो दिशा है। देश को बचाना समय की सबसे बड़ी मांग है। आपने देखा, कैसे JMM और कांग्रेस के ठिकानों से नोटों के पहाड़ निकल रहे हैं.. नोटों के पहाड़। यहां, मंत्री, मंत्री का पीए, पीए का भी नौकर और मैंने तो कभी अपनी आंखों से इतने नोटें नहीं देखी हैं। यहां नोटों के पहाड़ उगाने का काम झामुमो, जेएमएम, कांग्रेस ने किया है और बेशर्मी देखिए, इतने नोटें निकलने के बाद शर्म से माथा झुक जाए कोई आंख तक ऊंची न करे, ये ऐसे बेशर्म हैं इनको कोई परवाह नहीं है और तब देश के लिए संकट बहुत गहरा हो जाता है। आप सोचिए, जब कर्मचारियों के घरों से करोड़ों रुपए मिल रहे हैं, तो मालिकों की तिजोरी में कितना काला धन होगा? कांग्रेस के सांसद के पास से तो 300 करोड़ से ज्यादा कैश मिला। नोट गिनने वाली मशीनें गिनते- गिनते खराब हो गईं, मशीनें हांफने लग गईं। गिनते थे लेकिन नोट नहीं खत्म होते थे। जरा मेरे भाई-बहन बताइये, ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? ये पैसा किसका है? आपके घर में से अगर कोई पांच हजार रूपया भी चोरी कर जाए, तो आप चोर को सजा मिले चाहते हो कि नहीं चाहते हो? चोर पकड़ा जाए, चाहते हो कि नहीं चाहते हो? चोर जेल जाए चाहते हो कि नहीं चाहते हो? देश को लूटने वाले जेल चाहिए कि नहीं चाहिए? देश को लूटने वाले जेल में रहने चाहिए कि नहीं रहने चाहिए? ये पैसा आपका पैसा है, ये पैसा झारखंड के लोगों का पैसा है और ये पैसा आपसे लूटने वालों के खिलाफ मैं पूछना चाहता हूं, कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए कि नहीं चाहिए? कौन कर सकता है ये कार्रवाई? ये कड़ी कार्रवाई कौन कर सकता है? कौन कर सकता है भाई, जिसके ऊपर कोई दाग नहीं लगा है न वो आपका बेटा मोदी कर सकता है जी। साथियों, JMM का और कांग्रेस का एक ही एजेंडा है- न काम करेंगे, न करने देंगे और बिना दाम, काम का नाम नहीं, ये इनका खेल है। ये खुद तो भ्रष्टाचार के अलावा कुछ करते नहीं हैं। मोदी जो काम करता है, उसे भी रोकने में लगे रहते हैं। मोदी देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रहा है।

साथियों,

मैं गरीब परिवार में पैदा हुआ हूं, मैंने गरीबी देखी है। भूख क्या होती है वो मैं अनुभव करके निकला हूं और इसलिए मैं नहीं चाहता हूं कि मेरे देश का कोई बच्चा भूखा सो जाए। इसलिए मैं चाहता हूं कि मेरे देश के गरीब के घर का चूल्हा जलता रहना चाहिए और इसलिए केन्द्र सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का पूरा का पूरा खर्च उठाती है। लेकिन, झारखंड में इन लोगों ने राशन बांटने की व्यवस्था तबाह करके रख दी है। ये चाहते हैं मोदी का भेजा राशन आपको मिले ही नहीं। जब गरीब, मोदी को आशीर्वाद देता है, तो इंडी गठबंधन वालों को गरीबों पर चिढ़ आ जाती है।

साथियों,

मोदी ने हर घर जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया है। झारखंड सरकार उसमें भी भ्रष्टाचार कर रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, पाइप डाल दिये लेकिन पानी की सप्लाई की व्यवस्था जानबूझकर के नहीं की गई है।

साथियों,

हमारी सरकार झारखंड के युवाओं के लिए नए अवसर बनाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। हम आदिवासी इलाकों में एकलव्य स्कूल खोल रहे हैं। यहां सिमरिया में हमने केंद्रीय (विश्व) विद्यालय भी खोला है। हमारी कोशिश है इस क्षेत्र में अच्छी सड़कें बनें, उद्योग बढ़ें। हजारीबाग से रांची हाईवे, हजारीबाग से कोडरमा हाईवे, ओरमांझी- जैनामोड़ एक्सप्रेसवे, ऐसी आधुनिक सड़कों का नेटवर्क हमारी सरकार बना रही है। टोरी-शिवपुर रेलवे लाइन, माल ढुलाई के लिए शुरू की गई है। यहां जो NTPC का प्लांट शुरू हुआ है, उसकी नींव भी अटल जी की सरकार ने रखी थी। इस प्लांट का लोकार्पण भी हमारी ही सरकार ने किया। लेकिन साथियों, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी इंडी गठबंधन की सरकार यहां विकास के कार्यों में भी रोड़ा अटका रही है। मैं इन लोगों से पूछना चाहता हूं, झारखंड का विकास हो जाएगा तो तुम लोगों का क्या नुकसान होगा? क्यों यहां के नौजवान के लिए रोजगार के मौके बंद कर रहे हो?

साथियों,

इंडी गठबंधन को आपकी रोजी-रोटी की कोई चिंता नहीं है, वो सिर्फ और सिर्फ लूट चलाने के लिए सत्ता के गलियारों में जीना चाहते हैं, वो अपना स्वार्थ देखते हैं। आप जानते हैं कांग्रेस- JMM झारखंड का विकास क्यों रोकना चाहते हैं? इन्हें डर है अगर दलित, पिछड़ा, आदिवासी अगर उनके बच्चे आगे बढ़ जाएंगे तो उनकी दुकान का क्या होगा? एक तरफ मोदी है, जो स्थानीय भाषाओं में डॉक्टरी की, इंजीनियरिंग की, पढ़ाई शुरू करवा रहा है। मैं चाहता हूं कि मेरे आदिवासी भाई-बहनों के बच्चे भी ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर- इंजीनियर बनें लेकिन, कांग्रेस-JMM को आपके बच्चों के भविष्य की परवाह नहीं है। आपको याद है न, चुनाव से पहले JMM ने हर साल 5 लाख नौकरी देने का वादा किया था? क्या नौकरियां दी क्या उन्होंने? JMM-कांग्रेस ने झारखंड में एक ही उद्योग लगाया है, एक ही उद्योग लगाया है- अफीम उद्योग, अफीम। ये अफीम किसका भला करेगा भाई? ये आपकी आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद करेगा कि नहीं करेगा? ये काला कारोबार, सरकार के संरक्षण में चल रहा है। ये आपके बच्चों को नशे के दलदल में फेंकना चाहते हैं। साथियों, कांग्रेस और उसके साथियों को आपकी भावनाओं की जरा भी परवाह नहीं है। 500 साल के इंतजार के बाद, 500 साल के इंतजार के बाद अयोध्या में (जय श्री राम) भगवान राम का मंदिर, 500 साल के बाद बना, अनेक पीढ़ियों के बलिदान के बाद बना, कौन हिन्दुस्तानी होगा, जिसको आनंद नहीं होगा? आपको हुआ कि नहीं हुआ? हुआ कि नहीं हुआ?


भाईयों-बहनों,

जब अयोध्या से वनवास के लिए राजकुमार राम ने प्रस्थान किया था न जब अयोध्या से निकले थे 14 साल के लिए, (ये मेरी बात जरा गौर से सुनिए) जब अयोध्या से निकले थे रामजी तब तो वो अयोध्या के राजकुमार थे, लेकिन जब 14 साल वनवास के बाद वापिस आए तो मर्यादा पुरूषोत्तम राम बन गए थे। अब जरा सोचो, ये राजकुमार राम मर्यादा पुरूषोत्तम राम कैसे बनें? वे 14 साल आदिवासियों के बीच में रहे थे, ये आदिवासियों ने अयोध्या के राजकुमार को प्रभु राम बना दिया था, मर्यादा पुरूषोत्तम राम बना दिया था। हम प्रभु राम की भक्ति करते हैं, क्योंकि मेरे आदिवासियों के संग ने राजकुमार राम को मर्यादा पुरूषोत्तम राम बना दिया था और इसलिए हम राम की तो पूजा करते हैं लेकिन राम को प्रभु राम बनाने वाले आदिवासियों की भी पूजा करते हैं। लेकिन साथियों, कांग्रेस-झामुमो और उसके सहयोगियों को आदिवासियों का हित, उनका गौरव बर्दाश्त नहीं होता। भारतीय जनता पार्टी ने एक आदिवासी बेटी को देश की राष्ट्रपति बनाया, द्रौपदी मूर्मू जी आपके यहां गवर्नर रह चुकी हैं, आप उनको भली- भांति जानते हैं, वो आज देश की सर्वश्रेष्ठ पद पर हैं। देश की तीनों सेनाओं को वो कमान करती हैं। मुझे बताइये भाइयों एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति किसने बनाया? किसने बनाया? किसने बनाया? किसने बनाया? मोदी ने नहीं बनाया, आपके एक वोट ने बनाया है। ये आपके वोट की ताकत है कि आपने मोदी को सेवा करने का मौका दिया और ये आपके वोट की ताकत है कि द्रौपदी मूर्मू जी देश की राष्ट्रपति हैं। आप कहिये भइया, द्रौपदी मूर्मू जी का राष्ट्रपति बनना हम सबका गर्व का विषय है कि नही है? आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? अभिमान होता है कि नहीं होता है? लेकिन कांग्रेस और उसके साथी, पहले दिन से आदिवासी बेटी द्रौपदी मूर्मू राष्ट्रपति बन गई, ये पचा नहीं पा रहे हैं, डगर- डगर पर उनका अपमान करते हैं। जो ताजा घटना घटी है, ये घटना बहुत गंभीर है भाइयों और इसलिए मुझे देश वासियों के सामने मेरी पीड़ा व्यक्त करना जरूरी है। (भैया वो तस्वीर नीचे रख दो आप नीचे बैठिए तस्वीर नीचे रखो आप भी नीचे बैठो नीचे बैठिए आप, धन्यवाद) देशवासियों के सामने मैं मेरी अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। हमें राष्ट्रपति का पद इतना महत्वपूर्ण होता है, गलती से भी उसको अपमानित नहीं करना चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी जिसकी सोच 18वीं शताब्दी की सोच है। 18वीं शताब्दी की सोच है, पापी मन है। क्या हुआ मैं बताता हूं। अभी हमारी राष्ट्रपति जी अयोध्या प्रभु रामलला के दर्शन करने, वहां पूजा- अर्चन करने गई थीं और पूजा- अर्चन करके आयीं, ये कांग्रस वालों की 18वीं शताब्दी की मानसिकता, विकृत मानसिकता, पापी मन, ये कह रहा है, घोषणा की उन्होंने, प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुबंई में ये कहा कि ये राम मंदिर का अब हम शुद्धिकरण करेंगे। राम मंदिर को गंगा जल से धोयेंगे। क्या एक आदिवासी, प्रभु राम लला के दर्शन करें और इसलिए आपको मंदिर धोना पड़े, ये कौन सी मानसिकता है आपकी? ये राष्ट्रपति का अपमान है कि नहीं है? राष्ट्रपति का अपमान है कि नहीं है? नारी का अपमान है कि नहीं है? हिन्दुस्तान का अपमान है कि नही है? प्रभु राम का अपमान है कि नहीं है? राष्ट्रपति का अपमान है कि नहीं है? ऐसे लोगों को माफ कर सकते हैं क्या? कभी भी माफ कर सकते हैं क्या? हिन्दुस्तान ऐसे लोगों को माफ कर सकता है क्या? भाइयों-बहनों, ये कांग्रेस वाले लोग हैं, इन्हें सिर्फ आप से वोट चाहिए उनको आपके प्रति प्रेम नहीं है। वो आपको मनुष्य मानने को तैयार नही हैं भाइयों, इतना बड़ा पाप उन्होंने किया इसलिए मैं ये पीड़ा, देशवासियों के सामने रख रहा हूं। मुझे बताइये ये लोग आपसे एक वोट पाने के हकदार हैं क्या?

साथियों,

कांग्रेस के शहजादे इन दिनों एक नया फॉर्मूला लेकर आए हैं। आपने सुना होगा वो कह रहे हैं कि कांग्रेस आएगी तो आपकी संपत्ति की जांच करवाएगी, एक्स रे करेंगे, एक्स करेंगे और आपके पास कितनी जमीन है, माताओं-बहनों के पास सोना-चांदी गहने क्या है, ये सारा एक्स रे मशीन से खोजा जाएगा। आपकी संपत्ति भी, आपकी मेहनत की कमाई की संपत्ति भी, आप अपने संतानों को नहीं दे पायेंगे, वो ऐसा कानून लाने वाले हैं, अगर आपके पास दस एकड़ भूमि है तो आपके संतानों के पांच एकड़ ही दे पायेंगे, पांच एकड़ ये शहजादे की सरकार लूट लेगी। आपके पास गांव में घर है और शहर में छोटा सा घर लिया, दो घर है तो एक गया। तो क्या आपकी मेहनत की कमाई आप किसी को लूटने देंगे क्या? किसी को लेने देंगे क्या? ये आपके मेहनत की कमाई पर आपका हक है कि नहीं है? आपके बच्चों का हक है कि नहीं है? ये लूटना चाहते हैं और मोदी दीवार बन कर खड़ा है। अच्छा, वो लूट करके क्या करने वाले हैं। वो लूट करके, उनकी वोट बैंक, आपको मालूम है कि उनकी वोट बैंक कौन है? ये सारी संपत्ति उनको बांट देंगे।

भाइयों-बहनों,

ये संपत्ति पर पहला अधिकार किसका, डॉ मनमोहन सिंह जी ने कहा था, इस देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। मतलब ये सारी संपत्ति मुसलमानों को देने का वो निर्णय कर- करके चल रहे हैं भाइयों। साथियों, ये कांग्रेस का पंजा हमारे दलितों, हमारे पिछड़ों, हमारे आदिवासियों का आरक्षण भी छीनना चाहता है। ये पूरे देश में इस काम में जुटे हुए हैं कि SC/ST/OBC का आरक्षण छीनो और अपने वोट बैंक को दे दो। इन्होंने आंध्र प्रदेश में यही किया, रातों- रात सभी मुसलमानों को ओबीसी बना दिया और कर्नाटक में जो OBC का हिस्सा थे उसे लूट लिया।

भाइयों-बहनों,

बाबा साहेब अंबेडकर ने धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था। धर्म के आधार पर आरक्षण को कोई सहमत नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने भी मना किया है। ये धर्म के नाम पर आरक्षण कर- करके इस देश के SC/ST/OBC को मिला हुआ हक लूटना चाहते हैं और इसलिए भाइयों- बहनों हम सबको बहुत चौकन्ना रहने की जरूरत है। हमें एक बात याद रखनी है, जो झारखंड के बहुत बड़े गुनहगार हैं, जिन्हें चारा घोटाले में अदालत ने सजा दी है, जो बिहार और झारखंड में जंगलराज के प्रतीक रहे हैं, उन्होंने कहा है कि पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को ही दे देना चाहिए, यानी जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की चली तो SC-ST-OBC के पास कहीं कोई आरक्षण नहीं रह जाएगा। आपका पूरा आरक्षण छीनकर ये लोग मुस्लिमों को देना चाहते हैं। आप मुझे बताइये, क्या आपको ये स्वीकार्य है? आपको ये मंजूर है? कांग्रेस-झामुमो को अपने आरक्षण पर डाका डालने देंगे क्या आप?

साथियों,

तुष्टीकरण की राजनीति का सबसे बड़ा नुकसान दलित, पिछड़ा और आदिवासी को होता है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तो उसने ये खेल कई राज्यों में खेला। कांग्रेस ने घुसपैठियों को समर्थन दिया, नतीजा ये कि दलितों, आदिवासियों की ज़मीनों पर घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया। अब वही आग ये लोग झारखंड में लगाना चाहते हैं। JMM सरकार में यहां घुसपैठियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हमारे आदिवासी समाज की बच्चियां घुसपैठियों का शिकार हो रही हैं। बच्चियों को जिंदा जलाने की घटना सामने आ रही हैं। ये जो घुसपैठिए आए हैं, ये क्या वहां से अपनी जमीन लेकर आए हैं क्या? ये किसकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं? दलित, आदिवासी की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। ये लोग झारखंड और भारत की पहचान बदलना चाहते हैं। इसलिए आपको इनसे सावधान रहना है।

साथियों,

20 मई को आपका हर वोट झारखंड के लिए सुरक्षा का ढाल बनेगा। आपका वोट देशविरोधी ताकतों को रोकने के लिए मोदी को ताकत देगा। मेरा अनुरोध है, चतरा से श्री कालीचरण सिंह जी और हजारीबाग से मनीष जायसवाल जी को कमल के निशान पर बटन दबा करके इन्हें विजयी बनाइए और जब आप कमल के निशान पर बटन दबायेंगे न, तो आपका वोट सीधा- सीधा मोदी को जाएगा। साथियों, आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाइये जाकर के कहिएगा मोदी जी चतरा आए थे और आप सब परिवार वालों को प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचायेगा। बोलिए भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की। बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!