For the last four and a half years, the Union Government has pursued the objective of good governance: PM Modi
The Bogibeel Bridge would greatly enhance "ease of living" in the Northeast: PM Modi
A strong and progressive Eastern India, is the key to a strong and progressive India: PM Modi

मंच पर उपस्थित प्रोफेसर जगदीश मुखी जी, मुख्‍यमंत्री भाई सबरानंद सोनोवाल जी, अरूणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्री प्रेमा खंडू जी, भाई हेमंत विश्‍वाशर्मा जी, मंत्रिपरिषद के मेरे साथी भाई राजन गौहाई जी, मंच पर उपस्थित अन्‍य सभी महानुभाव और मेरे प्रिय भाईयों और बहनों।

इतनी बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने के लिए आए मैं आपका बहुत आभारी हूं। आज नॉर्थईस्‍ट पूर्वी भारत के लिए बहुत ऐतिहासिक दिवस है। आप सभी को देश के सबसे लम्‍बे रोड रेल ब्रिज की बहुत-बहुत बधाई।

मैं अभी ब्रिज से होकर ही आपके बीच पहुंचा हूं। मन बहुत प्रफुल्लित है।

साथियों आज पूरी दुनिया क्रिसमस मना रही है। असम समेत पूरे नॉर्थ ईस्‍ट पूरे देश को क्रिसमस की भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।साथियों, मैं असमिया समाज के लिए समर्पित स्वॉर्गोदेउ साउलुंग सु-का-फा को नमन करता हूं। इसके साथ-साथ वीरता और बलिदान के प्रतीक लासित बोरफुकॉन, बीर शिलाराई, स्वॉर्गोदेउ सर्बानंद सिंह्, बीरागंना हॉति साधिनी,  बोदौसा, बीर राघव मोरान, मानिक रजा, हॉति जॉयमॉति, हॉति राधिका समेत तमाम नायक-नायिकाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

आज़ादी की लड़ाई से लेकर देश और असम के नवनिर्माण के लिए अनेक लोगों ने योगदान दिया है। राजनीति से लेकर समाजसेवा, ज्ञान-विज्ञान और खेलकूद तक, असम को देश को गौरवान्वित करने वाले हर व्यक्तित्व को मेरी कार्यांजलि समर्पित है। 

मैं असम की स्‍वर कोकिला पदम श्री दीपाली बोस ठाकुर जी को भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। उनके जाने से असमियों के देश-विदेश के असंख्‍य जिलों तक ले जाने वाली एक आवाज चली गई है।

साथियों आज सुशासन के लिए समर्पित देश के सबसे महान व्‍यक्तियों में एक हम सभी के सह-हृदय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्‍मदिन भी है। अटल जी की जयंती को देश आज सुशासन दिवस के तौर पर मना रहा है। भाईयों और बहनों सुशासन का मतलब जन सरोकार है। सामान्‍य मानव के जीवन को बेहतर बनाने का संस्‍कार है। अपने-पराये, तेरा-मेरा इससे ऊपर उठकर जब देश समाज के बेहतर भविष्‍य के लिए फैसले ले लिये जाते हैं। जीवन को आसान बनाने वाली व्‍यवस्‍थाओं और संसाधनों का निर्माण किया जाता है, तब सुशासन स्‍वराज की तरफ बढ़ता है। जब सबका साथ, सबका विकास के ध्‍येय मंत्र के साथ कार्य होता है। देश के संतुलित विकास पर जोर रहता है, तब सुशासन स्‍वराज्‍य की तरफ बढ़ता है। साथियों यही प्रयास बीते साढ़े चार वर्षों केंद्र और अब असम की सरकार हो, अरूणाचल की सरकार हो यह निरंतर कर रही है। मुझे खुशी है कि आज के पवित्र दिन सुशासन के एक बड़े प्रतीक ऐतिहासिक बोगीबील रेल रोड बीच के लोकार्पण के साथ ही हम सभी बने हैं। यह देश का सबसे लम्‍बा rail-cum-road bridge है। यह देश का पहला पूरी तरह से steel से बना ब्रिज है। पानी से 30 मीटर से भी अधिक की ऊंचाई पर बना यह पूल हमारे इंजीनियरिंग और तकनीकी सामर्थ्‍य की भी मिसाल है। एक साथ गाडि़या और ट्रेन की रफ्तार और भार सहने की क्षमता देश की सामरिक शक्ति को भी कई गुणा सुदृंढ करने वाली है।

भाईयों और बहनों यह सिर्फ एक ब्रिज नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन को जोड़ने वाली lifeline है। इससे असम और अरूणाचल के बीच की दूरी सिमट गई है। ईंटानगर से डिब्रूगढ़ की रेल यात्रा अब करीब 700 किलोमीटर घटकर 200 किलोमीटर से भी कम रह गई है। रेल से जिस सफर में पहले लगभग 24 घंटे लग जाते थे, अब वही सफर सिर्फ 5-6 घंटे का रह गया। करीब 5 किलोमीटर के इस  पुल से असम के तिनसुखिया और अरूणाचल प्रदेश के नाहर लागू के बीच दूरी ही कम नहीं हुई है। लोगों को अनेक परेशानियों से भी मुक्ति मिली है। उनका जीवन भी आसान हुआ है।

मुझे बताया गया है कि पहले धेमाजी लखीमपुर और अरूणाचल के अनेक जिलों के लोगों को नाव के माध्‍यम से ब्रह्मपुत्र को पार करना पड़ता था। या फिर सड़क या रेल के रास्‍ते करीब-करीब पूरे दिन का लम्‍बा सफर करना पड़ता था। कई ट्रेनें बदलनी पड़ती थी। भाईयों-बहनों आज जिस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई है। 14 कोच की यह direct train इस पूरे क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने जा रही है। जिस सपने को देखते हुए पीढि़या गुजर गई, अब वो सपना पूरा हुआ। अब दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलुरू जाने के लिए भी यहां के लोगों को गुवाहाटी से होकर जाने की जरूरत नहीं है। स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं हो, पढ़ाई-लिखाई हो, रोजगार हो, व्‍यापार कारोबार हो, डिब्रूगढ़ नॉर्थ ईस्‍ट का एक बहुत बड़ा सेंटर है। यहां आना-जाना लाखों लोगों की जरूरत है। विशेषतौर पर गंभीर बीमारी की स्थिति में दिनभर का सफर कैसे जीवन पर भारी पड़ जाता था यह आप सब भली-भांति जानते हैं।

साथियों, डिब्रूगढ़ मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल और डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी जैसी सुविधाएं अब नॉर्थ बैंक में बसे लोगों के लिए युवा साथियों के लिए मिनटों की दूरी परी सुनिश्चित हुई है। इस बहुत बड़ी सुविधा के लिए आप सभी को पूरे नॉर्थ ईस्‍ट के लोंगों को, पूरे देश के लोगों को फिर एक बार बहुत-बहुत बधाई।

इसपुल के निर्माण से जुड़े उन तमाम इंजीनियर और कामगार साथियों को भी मैं सराहना करता हूं, जिन्‍होंने दिन-रात एक दिन करके मुश्किल परिस्थितियों में इस पुल के लिए काम किया है। आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

भाईयों-बहनों, असम और नॉर्थ ईस्‍ट के लिए यह दोहरी बधाई का दिन है, क्‍योंकि देश का सबसे बड़ा रोड ब्रिज और रेल रोड ब्रिज दोनों असम की धरती पर है। यह मेरा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्‍व में चल रही केंद्र सरकार का सौभाग्‍य है कि देश के infrastructure के इन दोनों महत्‍वपूर्ण प्रोजेक्‍ट को पूरा करने का अवसर हमें ही मिला है।

पिछले वर्ष मई में, सदिया में, भूपेन हजारिका ब्रिज का लोकार्पण करने आया था। तो आज बोगीबील में आप सभी के बीच हूं। भाईयों और बहनों, बीते साढ़े चार वर्षों में ब्रह्मपुत्र पर बना यह तीसरा ब्रिज है। आजादी के 60-70 वर्षों में ब्रह्मपुत्र पर तीन ब्रिज बने। 60-70 साल में तीन ब्रिज। और बीते साढ़े चार वर्ष में भी हमने तीन ब्रिज और बनाए हैं। पांच नये पूलों के निर्माण की प्रक्रिया भी चालू हो चुकी है। जब यह सारे पुल तैयार हो जाएंगे तो ब्रह्मपुत्र के उत्‍तर और दक्षिण के किनारों के बीच connectivity तो सुगढ़ होगी ही। आहार उद्योग और कारोबार का भी नया अध्‍याय लिखा जाएगा।

साथियों, यही तो सुशासन है। यही तो सुराज्‍य की तरफ बढ़ते हमारे कदम है। आज हम दावे के साथ कह सकते हैं कि विकास की यही गति असम के साथ-साथ पूरे नॉर्थ ईस्‍ट की तस्‍वीर बदलने वाली है।

भाईयों और बहनों संभवत: आज यहां पर कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो तब भी यहां आए होंगेजब 16 वर्ष पहले अटल जी यहां पहुंचे थे। तबसे आज तक एक पूरी पीढ़ी बदल चुकी है। आपने सच में बहुत लम्‍बा इंतजार किया, सब्र किया है। साथियों आपकी बरसों की मांग के बाद इस पूल से जुड़ी प्रक्रियाएं दो दशक पहले शुरू हुई, लेकिन सच्‍चाई यही है कि इसका निर्माण अटल जी के अटल प्रयासें से ही शुरू हो पाया। लेकिन यह दुर्भाग्‍य रहा कि साल 2004 में अटल जी की सरकार चली गई और उनके शुरू किये गये तमाम प्रोजेक्‍ट्स की तरह ही नॉर्थ ईस्‍ट के यह महत्‍वपूर्ण परियोजना भी लटक गई, अटक गई।

भाईयो और बहनों आप सभी साक्षी है कि 2014 का कैसे यहां पर सिवाय सिर्फ कुछ आधे-अधूरे खंभों के कुछ नहीं दिखता था। स्थिति ये थी कि जब 2014 में हमारा सरकार आई तो इस पुल का आधा काम, आधे से भी ज्‍यादा अधूरा पड़ा था, बाक‍ि पड़ा था। इसमें कोई संदेह नहीं कि अगर अटल जी की सरकार को फिर अवसर मिलता तो 2007-2008 तक इस bridge का लोकार्पण हो जाता। लेकिन जो उसके बाद जो सरकार केंद्र में आई उसने आपकी जरूरत पर ध्‍यान ही नहीं दिया है।

2014 में सरकार बनने के बाद हमनें इस प्रोजेक्‍ट की राह में आ रही सारी बाधाओं को दूर किया और गति दीऔर करीब 6 हजार करोड़ रुपये की लागत से बना बोगीबिल पुल जन सामान्‍य की सेवा के लिए आज समर्पित है। अटल जी के जन्‍म दिवस पर उनका एक सपना पूरा करके कृतज्ञ राष्‍ट्र ने उन्‍हें आज उत्‍तम श्रद्धाजंलि दी है। पूर्वोत्‍तर के अनेक लोगों को आज ये उपहार मिलता देख वे जहां भी होंगे उनकी आत्‍मा जहां भी होगी, वो बहुत खुश होंगे, ये आपके चेहरे पर जो खुशिया दिखाई दे रही हैं उसे देख करके अटल जी की आत्‍मा ज्‍यादा प्रफुल्लित होती होगी।

साथियों, पहले की सरकार की पहचान अगर अटके हुए प्रोजक्‍ट थे, तो हमारी सरकार की पहचानtransportation से transformation और देश को मिल रहा next generation infrastructure है।12 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा के ऐसे सैंकड़ों प्रो‍जेक्‍टस को हमने खोज कर निकाला है जो कई वर्षों से रूके पड़े थे, या जिन पर धीमी गति से काम हो रहा है था। अगर उनमें काम की पुरानी रफ्तार होती तो अगला दशक भी बीत जाता। आज सुशासन दिवस पर मैं गर्व से कह सकता हूं कि लटकाने, भटकाने वाली उस पुरानी कार्य-संस्‍कृति को हमनें पूरी तरह से बदल दिया है। इस वजह से देश में infrastructure क्षेत्र को नई गति मिली है।

पिछले साल ऐसे ही लटके हुए मिजोरम के Dwiral hydro power project प्रोजेक्‍ट जो इसी साल कुछ महीने पहले सिक्किम एयरपोर्ट का लोकार्पण भी किया जा चुका है। ऐसी अनेक योजनाएं पूरी हो चुकी है, बाकियो पर भी तेज गति से काम चल रहा ह्रै।

साथियों, आज तय समय पर, तय लागत में ही प्रोजेक्‍ट पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। अब समय सीमा सिर्फ कागज में लिखने की बात भर नहीं रह गई बल्कि सरकारी कामकाज का संस्‍कारबन रही है। मैं असम की सरकार सोनेवाल की पूरी टीम को भी बधाई देता हूं कि उन्‍होंने इस संस्‍कार को आत्‍मसात किया है।

असम में अनेक ऐसे प्रोजेक्‍टस जो बरसों से अधूरे थे, या तो पूरे हो चुके है या पूरे होने की स्थिति में है। 3 हजार करोड़ रुपये की अधिक की लागत से करीब 7 सौ किलोमीटर के National Highway साढ़े चार वर्ष में पूरे हो चुके हैं। करीब 6 हजार करोड़ के एक दर्जन से अधिक National Highway प्रोजेक्‍ट पर काम तेज गति से चल रहा है। नए एयरपोर्ट टर्मिनल हो, रेल लाइनों के विद्युतीकरण और चौड़ीकरण का काम हो, गोहाटीतीनसुखिया गैस पाइपलाइन हो, गोहाटी में एम्‍स हो, धेमाजी में Indian Agriculture Research Institute हो, ऐसे अनेक प्रोजेक्‍टस पर या तो काम पूरा हो चुका है या फिर जल्‍द पूरा होने वाला है। तेज इंटरनेट सेवा सुनिश्‍चत करने वाली इंटरनेशनल सबमरीन केबल भी त्रिपुरा पहुंच चुकी है और बहुत ही जल्‍द ये आसाम पहुंचने वाली है। इस में भी डिजिटल सेवाएं मजबूत होगी।

साथियों, मेरा स्‍पष्‍ट मानना है कि जब पूर्वी भारत बढ़ेगा तो पूरा भारत बढ़ेगा। जब पूर्वी भारत मजबूत होगा तो पूरा भारत मजबूत होगा। पूर्वी भारत का अभिन्‍न अंग हमारा नार्थ-ईस्‍ट है और इसलिए infrastructure का विस्‍तार असम के साथ-साथ पूरे नार्थ-ईस्‍ट में हो रहा है। पूरे नार्थ-ईस्‍ट में लगभग 70 हजार करोड़ रूपये के करीब साढ़े पांच हजार किलोमीटर National Highway बनाने पर काम चल रहा है। इनमें से लगभग ढाई हजार किलोमीटर के National Highway पूरे हो चुके हैं। 1 हजार किलोमीटर से अधिक की सड़कें International connectivity Act East Policy को ध्‍यान में रखते हुए तैयार की जा रही है। जिसमें से लगभग 8 सौ किलोमीटरसड़कों पर किसी न किसी स्‍तर पर काम जारी है। जहां तक रेल connectivity की बात है तो आने वाले दो-तीन वर्षों तक नार्थ-ईस्‍ट के राज्‍यों के हर राजधानी को broadguage line जोड़ने का लक्ष्‍य रखा गया है। करीब 47 हजार करोड़ रुपये की लागत से 15 नई रेल लाइन तैयार हो रही है। लगभग 1 हजार किलोमीटर रेल लाइनों या‍नी नार्थ-ईस्‍ट की लगभग सभी लाइनों को broadguageमें बदला जा चुका है। पहले नार्थ-ईस्‍ट में हर वर्ष करीब 100 किलोमीटर रेल लाइन बनती थी या चौड़ीकरण होता था, जबकि बीते साढ़े चार वर्षों में 350 किलोमीटर लाइन हर वर्ष बनती है या फिर broadguage में बदली जा रही है। इतना ही नहीं 19 waterway यानी नदी मार्गों पर काम चल रहा है यहां असम में भी ब्रह्मपुत्र और बड़ाग नदियों के माध्‍यम से चिटगांव और मंगला पोर्ट तक Inland waterways बनाया जा रहा है।

भाईयो और बहनों infrastructure के अलावा भी देश के सामान्‍य मानवी काजीवन स्‍तर ऊपर उठाने के लिए जो योजनाएं केंद्र सरकार चला रही है उनको असम की सरकार गति दे रही है। इसी का परिणाम है कि बच्‍चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजूर्गों को दवाई, जन-जन की सुनवाई असम में सुनिश्चित हो रही है। उज्‍ज्‍वला योजना के तहत करीब 24 लाख गैस के कनेक्‍शन असम गरीब बहनों को दिया जा चुका है जिसका परिणाम है कि असम में साढ़े चार वर्ष पहले तक जहां करीब 40 प्रतिशत घरों में गैस सैलेंडर था वहीं आज ये दायरा दो गुना करीब 80 प्रतिशत हो चुका है। स्‍वच्‍छ अभियान के तहत करीब 32 लाख शौचालय आसाम में बन चुके हैं। जिसमें साढ़े चार वर्ष में ही स्‍वच्‍छता का दायरा 38 प्रतिशत से 98 प्रतिशत तक हो चुका है। सौभाग्‍य योजना के तहत बीते एक वर्ष में ही असम के 12 लाख से अधिक परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्‍शन दिया गया है। जिससे असम में बिजलीकरण का दायरा करीब 50 प्रतिशत से बढ़कर करीब 90 प्रतिशत तक हो चुका है। आप उस स्थिति को भी याद करिए जब यहां टी-गार्डन में काम करने वाले भाईयो बहनों के बैंक खाते ही नहीं थे। बैंक नाम का उनका अता-पता नहीं था। जन-धन योजना के तहत 7 लाख कामगारबहनों भाइयो के बैंक अकांउट खुलवाए गए हैं। अगर मैं पूरे आसाम की बात करूं तो राज्‍य में करीब डेढ़ करोड़ जन-धन खाते हमारी सरकार ने ही खुलवाए हैं। ये तमाम योजनाएं संस्‍कार और आप सभी के सहयोग और आशीर्वाद से सफलता की तरफ आगे बढ़ रही हैं। 

साथियों, गरीब का, शोषित का, वंचित का अगर सबसे ज्‍यादा कोई नुकसान करता है तो वो भ्रष्‍टाचार है, मध्‍यम वर्गीय परिवारों पर सबसे ज्‍यादा बोझ अगर कोई डालता है तो वो भ्रष्‍टाचार है। देश के विकास की यात्रा की कमर को तोड़ देता है तो वो भ्रष्‍टाचार है, भ्रष्‍टाचार गरीब से उसका अधिकार छीनता है,मुश्किल बनाता है। इसलिए पिछले चार साढ़े चार साल से हमारी सरकार जहां एक तरफ गरीब को अधिकार दिला रही है, वहीं काले धन और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़ रही है।

भाईयों और बहनों, एक तरफ हमारी सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ 25 लाख से ज्‍यादा गरीब लोगों को घर दे चुकी है, वहीं बेनामी संपत्ति कानून के तहत भ्रष्‍टाचारियों के पांच हजार करोड़ रुपये के बंगले और गाडि़यों को जब्‍त किया जा चुका है। एक तरफ हमारी सरकार नौजवानों को सिर्फ एक दिन में नई कंपनी के रजिस्‍टर की सुविधा दे रही है तो दूसरी तरफ भ्रष्‍टाचार की बहुत बड़ी जड़ मानी जाने वाली सवा तीन लाख से ज्‍यादा संदिग्‍ध कंपनियों का रद्द करने का भी हमने काम किया है। एक तरफ हमारी सरकार ने महिलाओं को, नौजवानों को स्‍वरोजगार के लिए मुद्रा योजना के तहत बिना बैंक गारंटी सात लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ पहले की सरकारों ने बैंकों के जो लाखों करोड़ों रुपये फंसाये थे, उसमें से तीन लाख करोड़ रुपये हमारी सरकार वापस ला चुकी है। एक तरफ हमारी सरकार आयुष्‍मान भारत योजना के तहत गरीबों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है, तो वहीं दूसरी तरफ मेडिकल सेक्‍टर में भ्रष्‍टाचार खत्‍म करने के लिए भी सख्‍त कदम उठा रही है।

साथियों, चार साल पहले कोई नहीं सोच सकता था कि हेलीकॉप्‍टर घोटाले का सबसे बड़ा राजदार भारत की जेलों तक पहुंच जाएगा, यह किसी ने सोचा नहीं था। लेकिन इस राजदार को भारत लाने का काम और कानून के हवाले करने का काम भी हमारी सरकार ने हिम्‍मत के साथ किया है। यह हमारी सरकार के काम करने का तरीका है, हमारी कार्य संस्‍कृति है।

भाईयों-बहनों, जब व्‍यवस्‍था में पारदर्शिता आती है, भ्रष्‍टाचार खत्‍म होता है, सुविधाएं मिलती है, जिंदगी आसान बनती है, तो उसका प्रभाव हर क्षेत्र में दिखता है। हमारे खेलों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। आज असम समेत देश के दूर-दराज के गांव, कस्‍बों और छोटे शहरों से सामान्‍य परिवारों से निकले युवा देश का नाम रोशन कर रहे हैं। हीमा दास जैसे हमारी अनेक बेटियां, अनेक युवा साथी नये भारत के नये आत्‍मविश्‍वास का आज प्रतीक बनी है।

साथियों, हम सभी व्‍यवस्‍था परिवर्तन, व्‍यवहार परिवर्तन और बेहतर infrastructure के माध्‍यम से देश को सशक्‍त करने का काम कर रहे हैं। आज देश में भविष्‍य की जरूरतों के मुताबिक सड़कों, स्‍कूलों, शहरों, गांवों, सिंचाईऔर बिजली परियोजनाओं पर तेज गति से काम चल रहा है। आने वाले वर्षों में जब यह तमाम व्‍यवस्‍थाएं खड़ी हो जाएंगी तो New Indiaकी भव्‍य तस्‍वीर दुनिया के सामने होगी।

साथियों, अटल जी ने अगर 21वीं सदी की शुरूआत में देश की नींव को मजबूत किया, हम उसी नींव पर एक दिव्‍य भव्‍य, नये भारत निर्माण का प्रयास कर रहे हैं। भाईयों और बहनों असम के लोगों ने देश के लोगों ने हमें जो सेवा का सौभाग्‍य दिया है, उसे हमारी सरकार पूरी निष्‍ठा से पूरा करने का प्रयास कर रही है। हम रिश्‍ते नातों के लिए नहीं देश और समाज के लिए खप रहे हैं। मुझे पूरा विश्‍वास है कि आपके आशीर्वाद से हम सभी मिलकर आई अखोमीऔर भारत माता को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। एक बार फिर आप सभी को बोगीबील पुल  जैसी अद्भूत सुविधा के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप यहां इतनी बड़ी तादाद में पधारे, आशीर्वाद दिए इसके लिए मैं सिर झुका करके नमन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

दोनों हाथ ऊपर मेरे साथ पूरी ताकत से कहिए -

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।