PM Modi inaugurates Medical College at Vadnagar, Gujarat
PM Modi launches Mission Intensified Indradhanush, stresses on vitality of vaccination
Prices of stents have been brought down, we are constantly making efforts to so that healthcare becomes affordable for the poor: PM
With Intensified Mission Indradhanush, we want to ensure better and healthy future for children: PM Modi

मंच पर विराजमान गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान विजय भाई रूपाणी, केंद्र सरकार में हमारा साथी आरोग्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा जी, नीतीन भाई पटेल, आंनदीबेन, विधानसभा अध्यक्ष रमन भाई, केन्द्र सरकार में मंत्री श्री हरि भाई चौधरी, राज्य में मंत्री श्री दिलीप कुमार ठाकुर, श्री शंकर भाई चौधरी, श्री भरत सिंह रवि, भाई भुवनेश मोदी, सांसद जय श्रीबेन, भाई श्री रजनीकांत पटेल, भाई श्री रुचिकेश पटेल, विशाल संख्या में पधारे हुए माताओं बहनों और युवान मित्रों।

एक बार भारत की सेना के अध्यक्ष जनरल करियप्पा कर्नाटक के अपने गांव में गए थे। और तब उन्होंने एक भाषण किया था। उन्होंने कहा था क्योंकि वो सेना के मुखिया थे, दुनिया में जहां जाते थे, उनका भव्य स्वागत सम्मान होता था, लाखों फौजी उनको सलाम करते थे। लेकिन उन्होंने जब अपने गांव गए तो जनरल करियप्पा ने कहा था कि दुनिया में मुझे बहुत स्वागत औऱ सम्मान मिला है। लाखों सिपाहियों ने मुझे सलाम किए हैं लेकिन अपने गांव में, अपनों के बीच में जब स्वागत सम्मान होता है तो उसकी अनुभूति कुछ और होती है, उसका आंनद कुछ और होता है। जिस प्रकार से इस पूरे इलाके के लोगों ने, विशेषकर वडनगर के लोगों ने मुझे अपार प्यार से भिंगो दिया है। मैं आज सर झुकाकर के आपको नमन करता हूं, इस धरती को नमन करता हूं। सार्वजनिक जीवन में, इतने वर्षो के बावजूद भी इतना प्यार, इतना दुलार। ये अपने आप में ह्रदय को छूने वाली घटना है।

आज मैं जो कुछ भी हूं। इसी मिट्टी के संस्कारों के कारण हूं। इसी मिट्टी में खेला हूं, आप ही बीच में पला बढ़ा हूं। आज जब मैं तारकेश्वर महादेव के दर्शन के लिए जा रहा था। रास्ते भर में पूरा नगर आशीर्वाद देने के लिए उमड़ पड़ा था। हर आयु के लोग, मैं दर्शन कर रहा था। बहुत परिचित चेहरे, मेरे सामने गुजर रहे थे, बचपन की यादें ताजा हो गई। बहुत पुराने दोस्तों को देखा, अब दांत भी नहीं बचे हैं। कुछ पुराने दोस्तों को देखा, हाथ में लकड़ी लेकरके चल रहे हैं। उन सारी पुरानी स्मृतियों को आज मैंने भलीभांति देखा, ह्रदय को एक गहरा आंनद हुआ। और आज मुझे, आज से 15-16 साल पहले जो ऊर्जा इस मिट्टी से मिलती थी। आज दोबारा वैसी ही नई ऊर्जा लेकर के आज मैं जा रहा हूं। ये आपके आशीर्वाद के दौलत, ये नई ऊर्जा लेकर के मैं जा रहा हूं। और देश के लिए और देश के लिए पहले से ज्यादा मेहनत करूंगा, पहले से ज्यादा पुरुषार्थ करूंगा। और आपने मुझे जो सिखाया है, आपने जो मुझे जो समझाया है, वो दिन ब दिन सर ऊंचा करता रहे, वैसे प्रयासों में कोई कमी नहीं रखूंगा। ये मेरे नगर वासियों का विश्वास दिलाता हूं।

जब मैं मुख्यमंत्री बना। मैंने जब आरकोलॉजी डिपार्टमेंट से कहा, कुछ खुदाई करने चाहिए मेरे गांव में। कुछ काम शुरू हुआ। गांव में भी किसी को नाराजगी रहती थी। क्या खुदाई चल रही है, क्या निकाल रहा है मोदी। गड्ढे कर रहा है लेकिन लगातार पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार का आरकोलॉजी डिपार्टमेंट, गुजरात सरकार का आरकोलॉजी डिपार्टमेंट। ये लगातार काम करते रहे। आपको खुशी होगी कि ये पुरातत्व विभाग ने जो वडनगरी के जमीन के भीतर से जो खोज कर के निकाला है। आज न सिर्फ हिन्दुस्तान का बल्कि पूरे विश्व के पुरातत्वविदों के आकर्षण का केंद्र बना है। अभी दो चार चार दिन पहले मैं फ्रंट लाइन मैगजीन देख रहा था। उस फ्रंट लाइन मैगजीन ने वडनगर की उस पुरातत्व विरासत के विषय में एक विस्तार से आलेखन किया हुआ है, चीजें लिखी है। और पुरातत्व विभाग का कहना है कि हिन्दुस्तान में वडनगर इकलौता ऐसा नगर है कि जो पच्चीस सौ साल से, ढाई हजार वर्षों से लगातार एक जीवित नगर  रहा है, कभी न कभी यहां लोग रहे हैं। ये नगर किसी भी कालखंड में मृतप्राय नहीं हुआ। और मैंने खुदाई इसलिए करवाई थी कि ह्वेनसांग जो कि चाइनीज फिलोसफर यहां आए थे। उन्होंने जब भारत भ्रमण किया तो वह लंबे अर्स तक वडनगर में रूके थे। और ह्वेनसांग ने लिखा था कि वडनगर में सैकड़ों साल पहले भगवान बुद्ध के भिक्षुओं की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था थी। और यहां दस हजार से ज्यादा बौद्ध भिक्षु का शिक्षा कार्यक्रम होता था।

चीन के राष्ट्रपति जब यहां आए थे। गुजरात में उनका स्वागत हुआ था। उन्होंने मुझे कहा था कि मेरा और तुम्हारा एक विशेष नाता रहा है। और जब मैं चीन गया तो चीन के राष्ट्रपति आमतौर पर बीजिंग में ही, आम तौर पर किसी देश का मुखिया आता है तो स्वागत सम्मान होता है। मुझे वो अपने गांव ले गए, स्यान में।  और वो पूरा समय मेरे साथ रहे। और उन्होंने मुझे बताया कि ह्वेनसांग जो चीनी फिलोसफर था जो वडनगर में रूका था, लंबे समय से उसने अध्ययन किया था और हिन्दुस्तान से जब वापिस लौटा तो ह्वेनसांग मेरे गांव में आकर रूका था। हिन्दुस्तान में मोदी के गांव में रूका और चीन में चीन के राष्ट्रपति शी के गांव में रूका था। और मुझे वो ह्वेनसांग ने जो बौद्धधर्म का बड़ा तीर्थस्थल बनाया, उसे दिखाने ले गए थे। उसे देखने के लिए अपने साथ ले गए। और ह्वेनसांग के हाथ से लिखी हुई नोट्स दिखाई। और खुद उन्होंने पढ़कर सुनाया और कहा देखो ये तुम्हारा वडनगर जो कि आनंदपुर के नाम से जाना जाता था। इसका वर्णन ह्वेनसांग ने किया है। उन्होंने वो पूरा वर्णन पढ़कर सुनाया। इंटरप्रेटर ने ट्रांसलेट करके हमको समझाया। ये नाता ऐतिहासिक विरासत के साथ धरती का है। अनुमान तो था कि वडनगर का पुराना नाम आनंदपुर था लेकिन सबूत उपलब्ध नहीं होते थे। ये जो पुरातत्व विभाग की खुदाई हुई। उससे मिलाया है कहां, यही वडनगर ढाई हजार साल पहले आनंदपुर के नाम से जाना जाता है। किसी भी वडनगरवासी के लिए बड़े गर्व की बात है। आने वाले दिनों में ये यात्रा के लिए, टूरिज्म के लिए बहुत बड़ा आकर्षण केंद्र बनेगा। तारंगा में जैनों के अवशेष हैं, बुद्ध के अवशेष हैं। देवनी मोरी में है, वडनगर में है। ये सारी चीजें, वर्ना लोगों की कल्पना ये थी कि बुद्ध सिर्फ पूर्वी हिन्दुस्तान में थे। लेकिन ये दिखाता है कि भगवान बुद्ध का प्रजेंस पश्चिम के हिन्दुस्तान में भी रहा करती थी, उनका प्रभाव यहां भी हुआ करता था। हम सब गर्व करते हैं कि ऐसी इस नगरी के लिए।

आज मुझे यहां आरोग्य संबंधित कई प्रकल्पों का लोकार्पण करने का अवसर मिला। और भी कई सारे प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने का सौभाग्य मिला है, लोकार्पण करने का अवसर मिला है। लेकिन एक विशेष कार्यक्रम जिसका हमारे आरोग्य मंत्री नड्डा जी वर्णन कर रहे थे। हमारे देश में टीकाकरण 1985 से चल रहा है। लेकिन वह एक सरकारी के तौर पर चलता था। हमने इसको जन आंदोलन में परिवर्तन करने का प्रयास किया है। फिर एक बार इंद्रधनुष मूवमेंट को चलाया है। आने वाले चार महीने तक हर महीने सात दिन ये टीकाकरण का मूवमेंट चलेगा। जो बालक जो टीकाकरण से वंचित रह गए हैं। उनको खोज-खोजकरके टीकाकरण करवाया जाएगा। क्योंकि किसी घर के अंदर बालक अपाहिज न हो, गंभीर बीमारी का शिकार न हो, और गरीब मां-बाप बहुत बड़े आर्थिक बोझ का संकट बनना पड़े। इसके लिए इतना बड़ा अभियान चलाया है। मैं आज वडनगर की धरती से मैं देश के सभी लोगों को आह्वान करता हूं। ये इंद्रधनुष कार्यक्रम को अपना कार्यक्रम बनाइए। कभी रक्तदान करने से जितना आपको संतोष मिलता है। कभी चक्षु दान करने से आपको जितना संतोष मिलता है। कभी धन दौलत का दान करने से जितना पुण्य कमाते हैं, कभी श्रम दान करके पुण्य कमाते हैं। उससे भी ज्यादा, इंद्रधनुष के टीकाकरण के लिए बच्चों को खोजकरके, गरीब माताओं को समझाकरके आप टीकाकरण करवा दोगे, वो बच्चा बड़ा होगा। अगर स्वस्थ रहेगा तो उसके आशीर्वाद आपके खाते में जमा होंगे। और इसलिए और इसलिए एनसीसी कैडेट हो, स्कूल कॉलेज हो, एनएसएस कैडेट हो, एनजीओ हो, धार्मिक संस्थाएं हो, सबसे मेरा आह्वान है कि इस इंद्रधनुष को पूरे देश में, जिन जिलों में हम पीछे रह गए हैं, उनका चयन किया गया है। उन जिलों पर आप समय लगाएं, शक्ति लगाएं। और गरीब मां के बच्चों को सुरक्षा की गारंटी देने का एक महत्वपूर्ण काम, आप अपने हाथ से करें। यही आपसे अपेक्षा करता हूं। मैं वडनगर जनों से आग्रह करता हूं। इस टीकाकरण में, इस इंद्रधनुष में जिन जिलों का समावेश है। उसमें गुजरात के तीन जिले हैं। लेकिन मैं चाहता हूं, जहां भी मदद कर सकें, हमें मदद करनी चाहिए। हमारे डॉक्टर वसंत भाई पारिख, हमारे डॉक्टर द्वारका दास जोशी बिहार तक जाया करते थे नेत्र दान के लिए, नेत्र यज्ञ के लिए। ये इस धरती की विशेषता रही है। ये धरती के लोग, उस काम को आगे बढ़ाएंगे। ये मैं विश्वास करता हूं।

 

आप हैरान होंगे।

हमारा देश कैसे चला है। जब अटल जी की सरकार थी। पंद्रह, अट्ठरह साल पहले, तब जाकरके हमारे देश में हेल्थ पॉलिसी बनी थी, आरोग्य की पॉलिसी बनी थी। उसके बाद दस साल तक एक ऐसी सरकार आई कि जिसको विकास के प्रति नफरत थी। लोगों के सुखाकारी के प्रति संवेदनशीलता नहीं थी। उसी का परिणाम हुआ हेल्थ पॉलिसी पंद्रह साल के बाद हमारी सरकार आने के बाद अब नई लाई गई है ताकि नए सिरे से हम इस बात को कर सकें। हमारे देश में मध्यम वर्ग का परिवार अगर ह्रदय रोग का ऑपरेशन करवाना चाहता था और स्टेंट लगवाना चाहता था। तो डेढ़ लाख, दो लाख रुपया खर्च होता था। मध्यम वर्गीय परिवार कहां से इतना पैसा लाएगा। हम सरकार में आए। मैंने कहा, जरा हिसाब लगाओ भाई। ये स्टेंट इतना महंगा क्यों है। खोजबीन चालू की। कीमत क्या होती है, टैक्सेस क्या लगते हैं। सारा निकाला। फिर उन उत्पादकों को बुलाया। इम्पोर्ट करने वालों को बुलाया। हमने कहा भाई। ये गरीब को लूटकरके इतने मुनाफा कमाओगे क्या। अगर ह्रदय रोग की बीमारी को सुनकर ही ह्रदय रोग हो जाता है। मध्यम वर्ग का आदमी इस बीमारी से कैसे बचेगा। सरकार ने बातचीत की। लगातार बातचीत की। मुझे खुशी है कि जो स्टेंट की कीमत डेढ़, दो-दो लाख रुपये होती थी, वो 30 प्रतिशत 40 प्रतिशत में गरीब और मध्यम परिवारों को मिलना शुरू हो गया है। दवाइयां महंगी हो रही थी। भारत सरकार ने जन औषधि केंद्र खोले। जेनरिक दवाई बेचने का अभियान अस्पतालों में शुरू किया। और जो दवाई सौ रुपए मिलती थी, वो आज अट्ठारह बीस रुपए में गरीब और मध्य वर्ग को दवाई मिल जाए। और दवाई उसी क्वालिटी की जैसी पहले थी, इसकी पूरी चिंता करने का काम, गरीब को आरोग्य की सुविधाएं मिले। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं।

मैंने देश के डॉक्टरों से आह्वान किया था। आप बहुत कमाते हैं, अच्छी सेवा भी करते हैं। सामाजिक जिम्मेवारी भी निभाते हैं। लेकिन आप हैं जिनको मैं एक काम और बताना चाहता हूं। मुझे खुशी है कि देश के लाखों डॉक्टरों ने उस बात को माना और अपील को स्वीकार किया। मैंने लाखों डॉक्टरों से प्रार्थना की थी। अगर आप गॉयनोलोजिस्ट डॉक्टर हैं। आप महीने की 9 तारीख अपने दवाखाने के बाहर बोर्ड लगा दीजिए कि कोई भी गरीब प्रसूता माता आएगी तो हर महीने की 9 तारीख को गरीब प्रसूता मां की मेडिकल चेकअप का काम, दवाई देने का काम मुफ्त करेंगे। मुझे खुशी है कि पिछले एक साल में अस्सी-पच्चासी लाख गरीब माताओं को डॉक्टरों ने मुफ्त में दवाई दी, उनकी जिंदगी में एक नया विश्वास पैदा करने का काम किया।

मैं आज भी सभी डॉक्टरों से आह्वान करता हूं, आगे आइए। साल में 12 दिन मुफ्त काम करना मुश्किल नहीं है। वो भी सिर्फ गरीब प्रसूता मां, अगर आपके दरवाजे पर आती है, हर महीने की 9 तारीख बिना पैसे लिए उस मां का इलाज कीजिए, उसका मार्गदर्शन कीजिए, बड़ी अस्पताल में जाने की जरूरत है। उसको बताइए ताकि माता मृत्यु न हो जाए, शिशु मृत्यु न हो जाए। गर्भवती मां की मृत्यु हमारे लिए चिंता का विषय है। पिछले तीन साल से जो अभियान चलाया है, उसका परिणाम ये है कि दुनिया में माता मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में जो कमी आई है, उसकी तुलना में भारत में तेज गति से कमी आ रही है। ये शुभ संकेत है। बहुत कुछ करना बाकी है। और हम उसको आगे बढ़ाना चाहते हैं।

भाइयों बहनों।

जब हम स्वास्थ्य की चिंता करते हैं क्योंकि ये भी उतना ही जरूरी है। स्वास्थ्य की गारंटी डॉक्टरों के आधार पर नहीं है। स्वास्थ्य की गारंटी सिर्फ आपके अच्छे खान-पान पर नहीं है। स्वास्थ्य की गारंटी सफाई पर आधारित होती है। अगर स्वच्छता है, गंदगी नहीं है तो बीमारी आने की हिम्मत नहीं करती है। इसलिए मैंने देश में एक स्वच्छता का अभियान चलाया है। मैं गुजरात सरकार का अभिनंदन करता हूं कि गुजरात सरकार ने खुले में शौच से मुक्ति का एक आंदोलन चलाया। और आज पूरा गुजरात खुले में शौच से मुक्त हुआ है लेकिन इसके लिए और सतर्क रहना पड़ेगा। ये पुरानी आदत वापस आने में देर नहीं लगती है। अगर प्रयत्न पूर्वक कोशिश करेंगे तो इस बीमारी से अपने आपको बचा सकेंगे। अभी यूनिसेफ का कहना है कि अगर स्वच्छता है तो एक गरीब का सालाना पचास हजार रुपया बीमारी के पीछे खर्च होने से बच जाता है। गरीब के घर में अगर एक बीमार हो जाता है। पूरा घर का कारोबार बंद हो जाता है। अस्पताल के चक्कर काटना पड़ता है। नए खर्च करने पड़ते हैं, आय बंद हो जाती है। अगर गरीब को स्वास्थ्य की सुविधा देने की पहली गारंटी है, हम सफाई पर बल दें, स्वच्छता पर बल दें। और इसलिए भारत में स्वच्छता का एक अभियान हमलोग चला रहे हैं। और उसका भी परिणाम अच्छे तरीके से आने वाले दिनों में मिलने वाला है।

आज मुझे वडनगर में मेडिकल कॉलेज के लोकार्पण का भी मौका मिला। हमारे देश में पहले की सरकारों के पता नहीं ऐसे नियम बने थे कि बहुत ही कम विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में जा सकते हैं। हमने बीड़ा उठाया है कि हमारे कार्यकाल में दो, तीन या चार लोकसभा क्षेत्र के बीच में एक मेडिकल कॉलेज पूरे देश में निर्माण करना है। मेडिकल कॉलेज के लिए प्रोफेसर चाहिए। और इस साल हमने पोस्ट ग्रेजुएशन में छह हजार सीटों का इजाफा कर दिया। कई लोग इसकी आलोचना करते हैं। लेकिन मेरे देश में अच्छे डॉक्टर बनाने हैं तो अच्छे प्रोफेसर की भी जरूरत पड़ेगी। और पीजी के स्टूडेंट के लिए छह हजार नई सीटों का ऐलान कर दिया। और मुझे विश्वास है कि आज जो डॉक्टरों की कमी महसूस कर रहे हैं। उस कमी को पूरा करने का काम इसके द्वारा होगा। आज मैं उन नौजवानों से मिला, जो मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। ऐसे ही मुझे उनके साथ गप्पी-गोष्ठी करने का मौका मिला। बड़े प्रसन्न नजर आए, बड़े खुश नजर आए। और कैम्पस भी बहुत बढ़िया बना है। इस सारे काम को पूरा करने के लिए मैं राज्य सरकार को बहुत ह्रदय से बधाई देता हूं। भारत सरकार ने जो मदद करने की ठानी है। वो मदद निरंतर मिलती रहेगी, ये विश्वास दिलाता हूं।

मैं मुख्यमंत्री को गांव के बेटे के नाते एक आभार व्यक्त करना चाहता हूं। और इस गांव के बेटे के नाते कर रहा हूं। उन्होंने जो एपीएमसी को फिर से शुरू करने का निर्णय किया है। उसके लिए मैं उनका स्वागत करता हूं, मैं उनको बधाई देता हूं। आज यहां पर एक आईएम टैक की टैबलेट देने का कार्यक्रम हुआ। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा रिवोल्यूशन होने वाला है। जब तक परफेक्ट डाटा नहीं होता है, प्रोपर पॉलिसी नहीं बनती है। जब तक परफेक्ट डाटा नहीं है, प्रोपर पॉलिसी नहीं है तो इम्पलिमेंटेशन की प्रॉपर स्ट्रेजटी नहीं बनती है। कहां धन लगाना चाहिए, कहां नहीं लगाना चाहिए। उसका अता पता नहीं रहता है। जो ये टैबलेट इन हेल्थ वर्करों को दी गई है। उसके कारण डेली, हर गांव में जो जानकारी होगी, तुरंत भर दी जाएगी और सीधी तुरंत हेडक्वार्टर पहुंच जाएगी। लेकिन जो ये योजना है उसका नाम बड़ा कठिन है।

आई एम टैक करके कुछ रखा है। और मैंने उसे बहुत ही सिंपल कर दिया है। मुझे लगता है इसे मैं नहीं करता तो हमारे राज्य वाले कर ही देते। अब इसको टेक्नोलोजी कोई नहीं बोलेगा। मुझे लगता है कि गांव में लोग यही बोलेंगे कि वो तुम्हारा टेको कै छे।  वो तुम्हारा टेको केसा है। तो ये टेको सभी हेल्थ वर्कर के हाथ में आया है कि तुम्हारे आरोग्य का टेको करने का काम। ये आई एम टेको के द्वारा होने वाला है। ये आई एम टेको आपके आरोग्य का टेको करे ऐसा एक बड़ा काम इसके द्वारा होना है।

मेरे सामने बहुत से लोग suggeston लेके आये हैं ये करना पड़ेगा, किसी ने कहा की अब हमारा वडनगर रेलवे के दूसरी तरफ बन गया है और इस तरफ ज्यादा विकास हो गया है। दूसरी तरफ जाना हो तो बहुत परेशानी होती है। अब ऐसी परेशानी ना हो ऐसा कुछ कर दूंगा। शर्मिस्था तालाब, ये वडनगर की आत्मा है, और शर्मिस्था तालाब का सौन्दर्यीकरण, उसका रखरखाव ये वडनगर को टूरिज्म का बड़ा केंद्र बना सकता है।  

ऐसे ही एक suggeston आया है कि हैंगिंग ब्रिज बने तो चार चांद लग जाएंगे। बनाना है क्या ...। सच में बनाना है ...। जरा जवाब तो दो यार। ये हैंगिंग ब्रिज बनेगा तो आपको अच्छा लगेगा ...। ये मेडिकल कॉलेज बने तो अच्छा लगेगा ...। ये सुन्दर बस स्टैंड बना तो आपको अच्छा लगा ...। ये नया रेलवे स्टेशन बना तो आपको अच्छा लगा ...। ये सब हुआ ना ...। इसी को विकास कहते हैं। इसको विकास कहोगे ...। आपको विकास अच्छा लगता है ...। आपको विकास देखना है ...। आपको विकास चाहिए तो आपके शर्मिस्था तालाब के लिए कुछ करूंगा ...।

मैं फिर से एक बार वडनगर ग्राम के सभी जनों का बहुत-बहुत आभार मानता हूं। कारण कि मैंने यात्रा वडनगर से शुरू की। हाटकेश्वर महादेव का आशीर्वाद लेते लेते अब बोलेनाथ नगरी काशी पहुंच गया हूं। ये भी भोले बाबा की नगरी है, वो भी भोले बाबा की नगरी है। यहां भी शिवजी विराजमान हैं, वहां पर भी भोलेबाबा विराजमान हैं। और  ये भोले बाबा का आशीर्वाद, और भोले बाबा के आशीर्वाद की एक ताकत होती है। ये ताकत इस गांव से मिली हुई मेरी संबसे बड़ी शक्ति है। भोले बाबा की ताकत जो जहर पीने में और जहर पचाने की है। 2001 से भोले बाबा के आशीर्वाद से जहर पचाने की ताकत मिली है। इसके करना कितना ही जहर मिला, फिर भी मात्र और मात्र मातृभूमि के कल्याण में लगा रहा हूं।

हाटकेश्वर बाबा के चरणों में फिर से प्रणाम करता हूं। आप सभी नगरवासियों को प्रणाम करता हूं। और आपने अद्भूत प्यार दिया है, अपार प्रेम दिया है। और सभी वडनगर का उत्तर गुजरात का और समग्र गुजरात का अंतकरण से आभार मानकर आप सभी को लाख लाख वंदन करते हुए मेरी वाणी को विराम देता हूं।

 

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.