QuoteEntire world is now discussing global warming and ways to mitigate it: PM Modi
QuoteTwo landmark initiatives emerged in #COP21. India & France played key roles in those: PM
QuoteInternational Solar Alliance will impact generations in a big way: PM Modi
QuoteUS, India, France took initiative of innovation; let is innovate and protect our environment: PM
QuoteIndia expressed keenness on solar alliance. France was very helpful, did everything possible to bring all nations together: PM
QuoteSolar alliance to ensure that the world gets more energy: PM Modi

मंच पर वि‍राजमान फ्रांस के राष्‍ट्रपति‍ श्रीमान ओलांद फ्रांस से आए हुए Senior Ministers हरि‍याणा के Governor श्री, मुख्‍यमंत्री श्री, श्रीमान पीयुष गोयल जी फ्रांस का Delegation और वि‍शाल संख्‍या में आए हुए प्‍यारे भाइयों और बहनों!

पि‍छले एक वर्ष से सारी दुनि‍याँ में इस बात की चर्चा थी कि‍ Global Warming के सामने दुनि‍याँ कौन से कदम उठाए कि‍न बातों का संकल्‍प करे? और उसकी पूर्ति‍ के लिए कौन से रास्‍ते अपनाएं? पेरि‍स में होने वाली COP 21 के संबंध में पूरी दुनि‍याँ में एक उत्‍सुकता थी, संबधि‍त सारे लोग अपने-अपने तरीके से उस पर प्रभाव पैदा करने का प्रयास कर रहे थे, और करीब-करीब दो सप्‍ताह तक दुनि‍याँ के सभी देशों ने मि‍ल करके, इन वि‍षयों के जो जानकार लोग हैं वो वि‍श्‍व के सारे वहॉं इकट्ठे आए चर्चाएं की और इस बड़े संकट के सामने मानव जाति‍ की रक्षा कैसे करें, उसके लि‍ए संकल्‍पबद्ध हो करके आगे बढ़े।

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COP 21 के नि‍र्णयों के संबंध में तो वि‍श्‍व में भली- भॉंति‍ बातें पहुँची हैं लेकि‍न पेरि‍स की धरती पर एक तरफ जब COP 21 की चर्चाएं चल रहीं थीं तब दो महत्‍त्‍वपूर्ण initiatives लि‍ए गए। इन दोनों महत्‍त्‍वपूर्ण initiatives में भारत और फ्रांस ने बहुत ही महत्‍त्‍वपूर्ण भमि‍का नि‍भाई है एक initiative एक तरफ तो Global Warming की चिन्‍ता है, मानवजाति‍ को पर्यावरण के संकटों से रक्षित करना है और दूसरी तरफ मानवजाति‍ के आवश्‍यकताओं की पूर्ति‍ भी करनी है। जो Developing Countries हैं उन्‍हें अभी वि‍कास की नई ऊँचाइयों को पार करना बाकी है और ऊर्जा के बि‍ना वि‍कास संभव नहीं होता है। एक प्रकार से ऊर्जा वि‍कास यात्रा का अहमपूर्ण अंग बन गयी है। लेकि‍न अगर fossil fuel से ऊर्जा पैदा करते हैं तो Global Warming की चिन्‍ता सताती है और अगर ऊर्जा पैदा नहीं करते हैं तो, न सि‍र्फ अंधेरा छा जाता है जि‍न्‍दगी अंधेरे में डूब जाती है। और ऐसी दुवि‍धा में से दुनियाँ को बचाने का क्‍या रास्‍ता हो सकता है? और तब जा करके अमेरि‍का, फ्रांस भारत तीनों ने मि‍लकरके एक initiative लि‍या है और वो initiative है innovation का। नई खोज हो, नए संसाधन नि‍र्माण हों, हमारे वैज्ञानि‍क, हमारे Technicians हमारे Engineers वो नई चीजें ले करके आएं जोकि‍ पर्यावरण पर प्रभाव पैदा न करती हों। Global Warming से दुनि‍याँ को बचाने का रास्‍ता दि‍खती हों और ऐसे साधनों को वि‍कसि‍त करें जो affordable हो sustainable हो और गरीब से गरीब व्‍यक्‍ति‍ की पहुँच में हो। तो innovation के लि‍ए एक बहुत बड़ा अभि‍यान चलाने की दि‍शा में अमेरि‍का, फ्रांस और भारत दुनि‍याँ के ऐसी सभी व्‍यवस्‍थाओं को साथ ले करके आगे बढ़ने का बड़ा महत्‍तवपूर्ण निर्णय कि‍या उसको launch कि‍या गया। President Obama, President Hollande और मैं और UN General Secretary और Mr. Bill Gates , हम लोग उस समारोह में मौजूद थे और एक नया initiative प्रारंभ कि‍या। दूसरा एक महत्‍त्‍वपर्ण निर्णय हुआ है जि‍सका आने वाले दसकों तक मानव जीवन पर बड़ा ही प्रभाव रहने वाला है।

दुनि‍याँ में कई प्रकार के संगठन चल रहे हैं। OPEC countries का संगठन है G-20 है G-4 है, SAARC है, European Union है, ASEAN Countries हैं, कई प्रकार के संगठन दुनि‍याँ में बने हुए हैं। भारत ने एक वि‍चार रखा वि‍श्‍व के सामने कि‍ अगर Petroleum पैदावार करने वाले देश इकट्ठे हो सकते हैं, African countries एक हो सकते हैं, European Countries एक हो सकते हैं, क्‍यों न दुनि‍याँ में ऐसे देशों का संगठन खड़ा कि‍या जाए जि‍न देशों ने 300 दि‍वस से ज्‍यादा वर्ष में सूर्य का प्रकाश प्राप्‍त होता है।

ये सूर्य, ये बहुत बड़ी शक्‍ति‍ का स्रोत है सारे जीवन को चलाने में, सृष्‍टि‍ को चलाने में सूर्य की अहम् भूमि‍का है। क्‍यों न हम उसको एक ताकत के रूप में स्‍वीकार करके वि‍श्‍व कल्‍याण का रास्‍ता खोजें। 300 से अधि‍क दि‍वस, सूर्य का लाभ मि‍लता है ऐसे दुनि‍या में करीब-करीब 122 देश हैं। और इसलि‍ए वि‍चार आया क्‍यों न हम 122 देशों का जो कि‍ सूर्य शक्‍ति‍ से प्रभावि‍त हैं उनका एक संगठन गढ़ें। भारत ने इच्‍छा प्रकट की फ्रांस के राष्‍ट्रपति‍ जी ने मेरी पूरी मदद की, हम कंधे से कंधा मि‍लाकरके चले, दुनि‍याँ के देशों का संपर्क कि‍या और नवंबर महीने में पेरि‍स में जब conference चल रही थी, 30 नवंबर को दुनि‍याँ के सभी राष्‍ट्रों के मुखि‍या उस समारोह में मौजूद थे और एक International Solar Alliance इस नाम की संस्‍था का जन्‍म हुआ।

उसमें इस बात का भी निर्णय हुआ कि‍ इसका Global Secretariat ‍हि‍न्‍दुस्‍तान में रहेगा। ये International Solar Alliance इसका Headquarter गुड़गॉंव में बन रहा है। ये हरि‍याणा ‘कुरूक्षेत्र’ की धरती है, गीता का संदेश जहॉं से दि‍या, उस धरती से वि‍श्‍व कल्‍याण का एक नया संदेश इस Solar Alliance के रूप में हम पहुँचा रहे हैं।

बहुत कम लोगों को अंदाज होगा कि‍ आज ये जो घटना घट रही है उसका मानवजाति‍ पर कि‍तना बड़ा प्रभाव पैदा होने वाला है, इस बात को वही लोग समझ सकते हैं जो छोटे-छोटे Island पर बसते हैं, छोटे-छोटे Island Countries हैं और जि‍नके ऊपर ये भय सता रहा है कि‍ समुंदर के अगर पानी की ऊँचाई बढ़ती है तो पता नहीं कब उनका देश डूब जाएगा, पता नहीं वो इस सृष्‍टि‍ से समाप्‍त हो जाएंगे, दि‍न रात इन छोटे-छोटे देशों को चि‍न्‍ता हो रही है। जो देश समुद्र के कि‍नारे पर बसे हैं, उन देशों को चि‍न्‍ता हो रही है कि‍ अगर Global Warming के कारण समुद्र की सतह बढ़ रही है तो पता नहीं हमारे मुम्‍बई का क्‍या होगा, चेन्‍नई का क्‍या होगा? और दुनि‍याँ के ऐसे कई देश होंगे जि‍नके ऐसे बड़े-बड़े स्‍थान जो समु्द्र के कि‍नारे पर हैं उनके भाग्‍य का क्‍या होगा? सारा वि‍श्‍व चि‍न्‍ति‍त है। और मैं पि‍छले एक साल में, ये Island Countries हैं जो छोटे-छोटे उनके बहुत से नेताओं से मि‍ला हूँ, उनकी पीड़ा को मैंने भली-भॉंति‍ समझा है। क्‍या भारत इस कर्तव्‍य को नहीं नि‍भा सकता?

हमारे देश में जीवनदान एक बहुत बड़ा पुण्‍य माना जाता है। आज मैं कह सकता हूँ कि‍ International Solar Alliance उस जीवनदान का पुण्‍य काम करने वाला है, जो आने वाले दशकों के बाद दुनि‍याँ पर उसका प्रभाव पैदा करने वाला है। सारा वि‍श्‍व कहता है कि‍ Temperature कम होना चाहि‍ए, लेकि‍न Temperature कम करने का रास्‍ता भी सूर्य का Temperature ही है। एक ऊर्जा से दूसरी ऊर्जा का संकट मि‍टाया जा सकता है। और इसलि‍ए वि‍श्‍व को ऊर्जा के आवश्‍यकता की पूर्ति‍ भी हो, innovation का काम भी हो और सोलर को ले करके जीवन के क्षेत्र कैसे प्रभावि‍त हों उस दि‍शा में काम करने के लि‍ए बना है।

ये बात सही है कि‍ International Solar Alliance इसका Headquarters हि‍न्‍दुस्‍तान में हो रहा है, गुडगॉंव में हो रहा है, लेकि‍न ये Institution हि‍न्‍दुस्‍तान की Institution नहीं है ये Global Institution है, ये Independent Institution है। जैसे अमेरि‍का में United Nations है, लेकि‍न वो पूरा वि‍श्‍व का है। जैसे WHO है, पूरे वि‍श्‍व का है। वैसे ही ये International Solar Alliance का Headquarter ये पूरे वि‍श्‍व की धरोहर है और ये Independent चलेगा। अलग-अलग देश के लोग इसका नेतृत्‍व करेंगे, अलग-अलग देश के लोग इसकी जि‍म्‍मेदारी संभालेंगे, उसकी एक पद्धति‍ वि‍कसि‍त होगी लेकि‍न आज उसका Secretariat बन रहा है, उस Secretariat के माध्‍यम से इस बात को हम आगे बढ़ना चाहते हैं।

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भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में परंपरागत प्राकृति‍क संसाधनों उपयोग करने का बीड़ा उठाया है। भारत ने जब ये कहा कि‍ हम 175Giga Watt, Renewable Energy की तरफ जाना चाहते हैं, तब दुनि‍याँ के लि‍ए बड़ा अचरज था। भारत में Giga Watt शब्‍द भी नया है, जब हम Mega Watt से आगे सोच भी नहीं पाते थे। हम आज Giga Watt पर सोच रहे हैं और 175 Giga Watt Solar Energy, Wind Energy, Nuclear Energy, Biomass से होने वाली Energy इन सारे स्रोतों को Hydro Energy ये हम उपलब्‍ध कराना चाहते हैं और मुझे खुशी है कि‍ आज भारत 5000 MW से ज्‍यादा solar energy उसने install कर दी। ये इतने कम समय में जो काम हुआ है वो उस commitment का परिणाम है कि क्या भारत मानव जाति के कल्याण के लिए मानव जाति की रक्षा के लिए, प्रकृति की रक्षा के लिए, ये पूरी जो सृष्टि है उस पूरी सृष्टि की रक्षा के लिए, भारत कोई अपना योगदान दे सकता है क्या? उस योगदान को देने के लिए ये बीड़ा उठाया है।

मैं फ्रांस के राष्ट्रपति का हृदय से आभारी हूँ कि इस चिंता के समय में global warming पर्यावरण के मुद्दे इसके समाधान के जो रास्ते है उनकी सोच भारत की सोच से बहुत मिलती जुलती है क्यों कि फ्रांस की values और भारत के values काफी समान है और इसलिए पिछले वर्ष April के महीने में हम दोनों मिले थे तो हमने तय किया था कि हम COP 21 के समय एक किताब निकालेंगे और विश्व के अंदर परंपरागत रूप से इन issues को कैसे देखा गया इस पर research करेंगे। और हम दोनों ने मिल कर के उस किताब की प्रस्तावना लिखी है और विश्व के सामने उन्ही के मूलभूत चिंतन क्या थे ये प्रस्तुत किया।

ये चीजें इसलिए हम कर रहे हैं कि मानव जाति को इस संकट से बचने के जो रस्ते खोजे जा रहे हैं, वो एक सामूहिक रूप से प्रयत्न हो, innovative रूप से प्रयत्न हो और परिणाम वो निकले जो मानव जाति की आवश्यकता है उसकी पूर्ति भी करे लेकिन प्रकृति को कोई नुकसान न हो। हम वो लोग हैं जिनके पूर्वजो ने, इस धरती से हमें प्यार करना सिखाया है। हमें कभी भी प्रकृति का शोषण करने के लिए नहीं सिखाया गया, हमें पौधे में भी परमात्मा होता है यह बचपन से सिखया गया। ये हमारी परंपरा है। अगर ये परंपरा है तो हमें विश्व को उसका लाभ पहुंचे उस दिशा में हमें कुछ कर दिखाना चाहिए और उसी के तहत आज international solar alliance का हम लोगों ने एक Secretariat का आरम्भ कर रहे हैं। और भविष्य में भव्य भवन के रूप में उसका निर्माण हो, एक स्वंत्रत इमारत तैयार हो, उसके लिए शिलन्यास भी कर रहे है और इस काम के लिए आप पधारे इसका मैं बहुत बहुत आभारी हूँ।

मेरे लिए ख़ुशी की बात है कि solar alliance का निर्माण हो रहा हो आज हमें Delhi से यहाँ आना था हम by road भी आ सकते थे, helicopter से भी आ सकते थे, लकिन हम दोनों ने मिलकर तय किया कि अच्छा होगा की हम Metro से चले जाएँ और आज आप के बीच हमें Metro से आने का अवसर मिला।

मैं राष्ट्रपति जी का आभारी हूँ कि उन्होंने आज Metro में आने के लिए सहमति जताई और हम Metro का सफ़र करते करते आपके बीच पहुंचे क्योंकि वो भी एक सन्देश है क्योंकि global warming के सामने लड़ाई लड़ने के जो तरीके हैं उसमें ये भी एक तरीका है। मैं विश्वास करता हूँ कि ये प्रयास बहुत ही सुखद रहेगा। कल भारत प्रजासत्ता पर्व मनाने जा रहा है, इस प्रजसत्ता पर्व की पूर्व संध्या पर मैं देशवासियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ और अधिकार और कर्तव्य इन दोनों को संतुलित करते हुए हम देश को आगे बढ़ाएंगे यही मेरी शुभकामना है।

बहुत बहुत धन्यवाद्।

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Together we are working towards building an India where farmers are prosperous and empowered: PM Modi
March 01, 2025
QuoteOur resolve to move towards the goal of Viksit Bharat is very clear: PM
QuoteTogether we are working towards building an India where farmers are prosperous and empowered: PM
QuoteWe have considered agriculture as the first engine of development, giving farmers a place of pride: PM
QuoteWe are working towards two big goals simultaneously - development of agriculture sector and prosperity of our villages: PM
QuoteWe have announced 'PM Dhan Dhaanya Krishi Yojana' in the budget, under this, focus will be on the development of 100 districts with the lowest agricultural productivity in the country: PM
QuoteWe have announced the formation of Makhana Board in Bihar: PM
QuoteOur government is committed to making the rural economy prosperous: PM
QuoteUnder the PM Awas Yojana-Gramin, crores of poor people are being given houses, the ownership scheme has given 'Record of Rights' to property owners: PM

नमस्कार!

बजट के बाद, बजट से जुड़े वेबिनार में आप सबकी उपस्थिति बहुत अहम है। इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

इस वर्ष का बजट, हमारी सरकार के तीसरे टर्म का पहला पूर्ण बजट था। इस बजट में हमारी नीतियों में निरंतरता दिखी ही है, साथ ही विकसित भारत के विजन में नया विस्तार भी दिखा। बजट से पहले आप सभी स्टेकहोल्डर्स ने जो इनपुट दिए, जो सुझाव दिए, वो बजट बनाते समय बहुत काम आए। अब इस बजट को और ज्यादा प्रभावी रूप से नीचे उतारने में, सही में उसका अच्छे से अच्छा, जल्दी से जल्दी आउटकम मिले, सारे निर्णय-नीतियां प्रभावी बनें, उसमें आप सबकी भूमिका और बढ़ गई है।

साथियों,

विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे भारत के संकल्प बहुत स्पष्ट हैं। हम सभी मिलकर एक ऐसे भारत के निर्माण में जुटे हैं, जहां किसान समृद्ध हो, किसान सशक्त हो। हमारा प्रयास है कि कोई किसान पीछे ना छूटे, हर एक किसान को आगे बढ़ाएं। हमने कृषि को विकास का पहला इंजन मानते हुए, अपने अन्नदाताओं को गौरवपूर्ण स्थान दिया है। हम दो बड़े लक्ष्यों की ओर एक साथ बढ़ रहे हैं, पहला- कृषि सेक्टर का विकास और दूसरा- हमारे गांवों की समृद्धि।

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साथियों,

पीएम किसान सम्मान निधि योजना, 6 साल पहले लागू की गई थी। इस योजना के तहत अब तक लगभग पौने 4 लाख करोड़ रुपए किसानों को मिल चुके हैं। इतनी राशि करीब-करीब 11 करोड़ किसानों के खाते में सीधे पहुंचाई गई है। 6 हजार रुपए सालाना की इस आर्थिक मदद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो रही है। हमने एक किसान केंद्रित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, ताकि देशभर के किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके। यानी इसमें किसी बिचौलिए के घुसने या लीकेज की गुंजाइश ही ना रहे, no cut की कंपनी। ये इस बात का उदाहरण है कि अगर आप जैसे एक्सपर्ट और विजनरी लोग, अगर उनका सहयोग होता है तो योजना जल्द से जल्द सफल होती है और ज्यादा अच्छा परिणाम देती है। आपके योगदान से किसी भी योजना को पूरी मजबूती और पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारा जा सकता है। मैं इसके लिए आप सबके सहयोग की और हमेशा सक्रिय सहयोग देने के लिए आपकी सराहना करना चाहूँगा। अब हम इस साल के बजट की घोषणाओं को जमीन पर उतारने के लिए मिलकर के, तेजी से काम करें, ये आवश्यक है। इसमें भी आपका सहयोग पहले की भाती तो मिलेगा ही, लेकिन और ज्यादा मिले, और व्यापक मिले, हर सेक्टर में मिले।

साथियों,

आप अब जानते हैं, आज भारत का कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। 10-11 साल पहले जो कृषि उत्पादन 265 मिलियन टन के करीब था, वो अब बढ़कर 330 मिलियन टन से ज्यादा हो गया है। इसी तरह, बागवानी से जुड़ा उत्पादन बढ़कर 350 मिलियन टन से ज्यादा हो गया है। ये हमारी सरकार के बीज से बाजार तक की अप्रोच का परिणाम है। कृषि सुधार, किसानों का सशक्तिकरण और मजबूत वैल्यू चेन ने इसे संभव बनाया है। अब हमें देश के agricultural potential का पूरा इस्तेमाल करके और भी बड़े targets पाने तक पहुँचना है। इसी दिशा में, हमने बजट में पीएम धन धान्य कृषि योजना का ऐलान किया है, ये मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत देश के 100 सबसे कम कृषि उत्पादकता वाले जिले, low productivity वाले जिलों के विकास पर फोकस किया जाएगा। आप सबने विकास के कई पैरामीटर पर Aspirational District कार्यक्रम से मिले नतीजों को देखा है। इन जिलों को collaboration, governance और healthy competition का, और convergence का बहुत फायदा मिल रहा है। मैं चाहूंगा कि आप सभी ऐसे जिलों से मिले परिणामों का अध्ययन करें और उसकी लर्निंग से सीखते हुए पीएम धन धान्य कृषि योजना को इन 100 जिलों में बहुत तेज गति से आगे बढ़ाएं। इससे इन 100 जिलों में किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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साथियों,

पिछले कुछ वर्षों में हमारे प्रयासों से देश में दाल का उत्पादन बढ़ा है, और इसके लिए मैं किसानों का अभिनंदन भी करता हूं। लेकिन, अभी भी हमारी घरेलू खपत का 20 प्रतिशत विदेशों पर निर्भर है, आयात पर निर्भर है। यानि हमें अपने दलहन उत्पादन को बढ़ाना ही होगा। हमने चने और मूंग में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। लेकिन हमें तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए और तेजी से ज्यादा काम करना ही है। दाल उत्पादन को गति देने के लिए आवश्यक है कि उन्नत बीजों की सप्लाई बनी रहे, और हाइब्रिड किस्मों को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए आप सभी को जलवायु परिवर्तन, बाजार की अनिश्चितता, और दाम में आने वाले उतार-चढ़ाव जैसी चुनौतियों के समाधान पर फोकस करना होगा।

साथियों,

पिछले दशक में, ICAR ने Breeding program में modern tools और cutting-edge technologies का इस्तेमाल किया। इससे 2014 से 2024 के बीच अनाज, तिलहन, दालें, चारा, गन्ना, विभिन्न फसलों में 2900 से अधिक नई किस्मों का विकास हुआ। आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारे देश के किसानों को ये नई वैरायटीज सस्ती दर पर मिलती रहे। हमें ये भी सुनिश्चित करना होगा कि किसानों की उपज मौसम के उतार-चढ़ाव से प्रभावित ना हो। आप जानते हैं कि बजट में इस बार अधिक उपज वाले बीजों के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरू करने की घोषणा हुई है। इस कार्यक्रम में अभी जो प्राइवेट सेक्टर के लोग हैं, उन्हें मैं विशेष तौर पर कहूंगा कि इन बीजों के प्रसार पर जरूर फोकस करें। ये बीज, छोटे किसानों तक पहुंचने लगें, इसके लिए इन्हें seed chain का हिस्सा बनाना होगा, और यह काम हमारा है कि हम कैसे बने।

साथियों,

आप सब देख रहे हैं, आज लोगों में पोषण को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है। इसलिए, बागवानी, डेयरी और फिशरी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए इन सेक्टर्स में काफी इंवेस्टमेंट किया गया है। फल और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा भी की गई है। मेरा आग्रह है कि आप सभी स्टेकहोल्डर्स, diverse nutritional foods के प्रसार के लिए नए रास्ते तलाश करें। ऐसे पोषण युक्त खाद्य पदार्थों की पहुंच देश के कोने-कोने में और ग्लोबल मार्केट तक होनी चाहिए।

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साथियों,

2019 में हमने पीएम मत्स्य संपदा योजना को लॉन्च किया था। इस सेक्टर के वैल्यू चेन को मजबूत बनाने, इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और इसे आधुनिक बनाने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम था। इससे मछली पालन के क्षेत्र में production, productivity और post-harvest management बेहतर करने में मदद मिली। बीते वर्षों में, कई योजनाओं के माध्यम से इस सेक्टर में निवेश भी बढ़ाया गया, जिसके परिणाम आज हमारे सामने हैं। आज फिश प्रोडक्शन दोगुना हो चुका है, हमारा निर्यात भी दोगुना हो चुका है। हमारा प्रयास है कि Indian Exclusive Economic Zone और खुले समुद्र से सस्टेनेबल मछली पालन को बढ़ावा मिले। इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की जाएगी। मैं चाहूंगा, आप सभी इस सेक्टर में Ease of Doing Business को बढ़ावा देने वाले आइडियाज पर मंथन करें, और उस पर जल्द से जल्द काम शुरू करें। इसके साथ ही हमें अपने पारंपरिक मछुआरे साथियों के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी।

साथियों,

हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम आवास योजना-ग्रामीण, इसके तहत करोड़ों गरीबों को घर दिया जा रहा है, स्वामित्व योजना से संपत्ति मालिकों को 'Record of Rights' मिला है। हमने सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की आर्थिक ताकत बढाई है, उनको मदद बढ़ाई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से छोटे किसानों और कारोबारियों को फायदा हुआ है। हमने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। हमारे प्रयासों से सवा करोड़ से ज्यादा बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। इस बजट में ग्रामीण समृद्धि और विकास के कार्यक्रमों के ऐलान से रोजगार के अनेक नए अवसरों की संभावना बनी है। स्किलिंग और टेक्नोलॉजी में निवेश से नए मौके बन रहे हैं। आप सभी इन विषयों पर जरूर चर्चा करें कि कैसे अभी चल रही योजनाओं को और प्रभावी बनाया जाए। इस दिशा में आपके सुझाव और योगदान, इससे सकारात्मक परिणाम जरूर मिलेंगे। हम सभी की सक्रिय भागीदारी से ही, गांव सशक्त होंगे, ग्रामीण परिवार सशक्त होंगे। और मुझे विश्वास है कि ये वेबिनार सच्चे अर्थ में, जल्द से जल्द, कम से कम समय में, अच्छे से अच्छे ढंग से, बजट को क्रियान्वित करने का और वो भी आप सबके सहयोग और सुझाव से करने का, अब ऐसा ना हो कि इस वेबिनार में बजट नया बनाने की चर्चा हो। अब ये बजट बन चुका है, अब ये योजना आ चुकी है। अब हमारा सारा फोकस एक्शन पर होना चाहिए। एक्शन के अंदर कठिनाइयां क्या हैं, कमियां क्या हैं, किस प्रकार के बदलाव की जरूरत है, उस पर जरूर हम ध्यान दें। तब तो जाकर के ये वेबिनार परिणामकारी होगा। अन्यथा हम एक साल के बाद जो बजट आने वाला है, उसकी चर्चा आज कर लेंगे, तो अभी जो हुआ है, उसका फायदा नहीं मिलेगा। और इसलिए मेरा आप सबसे आग्रह है कि हम जो बजट आया है, अब उसी बजट से हमने एक साल में लक्ष्य हासिल करने हैं, और उसमें सरकार अकेली नहीं, इस क्षेत्र के सभी स्टेकहोल्डर्स, एक दिशा में, एक मत के साथ, एक लक्ष्य के साथ, चल पड़े। यही एक अपेक्षा के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।