QuoteIt is extremely satisfying that Bihar’s Champaran is leading the way in making ‘Swachhta Abhiyan’ a mass movement in the country: PM Modi
QuoteBoth Congress and RJD, have only relied on promoting nepotism and corruption in their governance: PM Modi in Bihar
QuoteThe NDA government in Bihar have been continuously striving to serve the people of Bihar and make their lives easier: Prime Minister Modi

 भारत माता की… जय, भारत माता की… जय, भारत माता की… जय।

चंपारण में अनेक बार मुझे आने का अवसर मिला है,, हर बार आपने मुझे असीम प्यार दिया है। आपके इस प्यार और सत्कार को मैं शीश झुकाकर मैं नमन करता हूं। भाइयो-बहनो, बिहार की महान धरती ने, यहां के महान लोगों ने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ हमेशा देश को दिशा दी है, भारत की चेतना को नई ऊर्जा दी है, शक्ति दी है। आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं की देश में स्वच्छता के प्रति जन आंदोलन के लिए भी चंपारण और बिहार की धरती ने राह दिखाई है।

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साथियो, आज पूरे देश में स्वच्छाग्रह जीवन का हिस्सा बन गया है, बहन-बेटियों के सम्मान की गारंटी बन गया है। मुझे खुशी होती है जब पद्मश्री भागीरथी देवी जी जैसी बहने नए भारत को प्रेरणादायक नेतृत्व देने का काम कर रही हैं। भाइयो और बहनो, कांग्रेस, आरजेडी और उनके साथियों द्वारा कैसे इस धरती के साथ विश्वासघात किया गया। यहां के नवजवानों के साथ कैसे धोका किया गया, बिहार के सपनों को कैसे तोड़ा गया। आप सब इसके भी गवाह हैं लेकिन बिहार के लोगों ने इन महामिलावटी लोगों की ताकत बढ़ने नहीं दी। इनके इरादों के सामने बिहार के लोग खुद चट्टान बन कर के खड़े हो गए हैं। साथियो, देश में चार चरण के मतदान के बाद सारे महामिलावटी दलों के झूठे दावों की पोल खुल गई है। वंशवाद और भ्रष्टाचार की काली कमाई से इन लोगों में जो अहंकार पैदा हुआ है उसे बिहार के लोगों ने टीक करने की ठान ली है। इसलिए ये हारे हुए लोग अब इससे बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहे हैं। इन लोगों ने पहले सिर्फ मोदी को गाली दी, दिन-रात सारी गालियां मोदी पर पड़ती थीं और ये महामिलावटी सुबह डिक्शनरी ले कर के बैठ जाते थे और रोज-रोज नई गाली खोजते थे, नई गाली बनाते थे। और एक ही काम सुबह-शाम मोदी के नाम रोज नई गाली। ऐसा होता था कि नहीं? अब चार चरण चुनाव के बाद उनकी जो बंदूक है ना इसकी नोक बदली है। उसके बाद उन्होंने आधी गाली मोदी को दी और आधी गाली ईवीएम को दी, अब वो सुबह-शाम थोड़ी गाली मोदी को देते हैं, थोड़ी गाली ईवीएम को देते हैं लेकिन पिछले तीन दिन से इनकी हालत इतनी खराब हो गई है की अब संतुलन गवां चुके हैं तो पहले मोदी को गाली दी फिर आधा हिस्सा ईवीएम की तरफ गया और अब चुनाव आयोग को गाली देना शुरू कर दिया है।

साथियो, ये और कुछ नहीं है, ये उनकी हार का रेडीमेड बहाना है, ये बहाना ढूंढ रहे हैं। जब कोई विद्यार्थी परीक्षा के लिए जाता है और पेपर खराब निकलता है जवाब खराब देता है तो स्कूल से घर आते समय रास्ते में सोचता है की मम्मी-पापा को क्या बताऊंगा, तो आकर कहता है बेंच ठीक नहीं थी, आवाज आती थी, पेन खराब हो गई थी, टीचर बार-बार मुझे परेशान करते थे, मेरे बगल में जो बैठा था वो चोरी करता था और सब मुझे डांटते थे, इसलिए पेपर ठीक नहीं गया। ऐसे करते हैं कि नहीं कुछ बच्चे? पेपर खराब गया और बहाना बताते है पेन ठीक नहीं थी। ये महामिलावटियों का खेल खत्म हो गया है और इसलिए ईवीएम का बहाना निकालता है। ये उस तरह के लोग हैं, जो क्रिकेट में खुद बोल्ड होने पर अंपायर को दोषी ठहराते हैं। उन पर हार का डर साफ दिख रहा है, अपनी हार के लिए जमीन तैयार करने का उनका ये तरीका है।

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भाइयो-बहनो, आज स्थिति ये हो गई है की एक जमाने में जिस पार्टी का पूरे देश में परचम फहरता था, एक छत्र शासन था। पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक पूरे हिंदुस्तान में एक ही दल विराजता था। आज देश की जनता ने उनके अहंकार को ऐसा मारा है, अहंकार को ऐसे चूर-चूर कर दिया है की वे आज 40 सीटें वापस लाने के लिए जी-जान से कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने अब प्रधानमंत्री पद के सपने देखना बंद कर दिया है। अब ये महामिलावटियों के बीच झगड़ा चल रहा है की विपक्ष का नेता कौन बने, 50 सीट पार करके क्योंकि 2014 में तो इस देश की जनता ने उनके विपक्ष के नेता बनने लायक भी नहीं गिना था। विपक्ष का नेता बनने के लिए 54 सीट चाहिए। पार्लियामेंट में 2014 में विपक्ष में एक को भी 50 से ऊपर सीट नहीं दी। पांच साल आजाद हिंदुस्तान में पहली बार कांग्रेस को इतना बड़ा झटका लगा था और ये भी याद रखिए ये पहला चुनाव है जब कांग्रेस इतिहास में कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाइयो-बहनो, कांग्रेस और उसके साथियों की ये स्थिति क्यों हुई है इसका सीधा जवाब है विश्वसनीयता का संकट। वंश और विरासत से आपको एक कंपनी की कमान तो मिल सकती है लेकिन चलाने के लिए विजन कहां से लाओगे। कांग्रेस हो, आरजेडी हो इनके पास सिर्फ नाम और दाम का ही विजन है, यही कारण है की झूठ और प्रपंच की राजनीति इनके लिए वजूद बचाने का एक मात्र जरिया बन गई है। 

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साथियो, इनका इरादा बिहार की सेवा करने का नहीं है, देश के लोगों की सेवा करने का नहीं है, ये लोग खुद को सेवक नहीं, लोकतंत्र का महाराजा समझते हैं। इसके लिए चाहे कानून व्यवस्था को बर्बाद करना हो, भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाना हो, जनता के पैसे लूट लेना हो, किसी भी हद तक जा कर झूठ बोलना हो, अफवाह फैलाना हो, इन्हें कोई संकोच नहीं होता है, उनको शर्म ही नहीं आती है। साथियो, समाज में भेद पैदा करने के लिए बरसों से आरक्षण के नाम पर झूठ फैलाने की फैशन हो गई है और कुछ लोगों को सुबह-शाम ये झूठ बोले बिना खाना ही हजम नहीं होता है। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी जी की जब सरकार थी, हमारे नीतीश जी उस सरकार में बहुत ही महत्वपूर्ण मंत्री थे। उस समय थारू समाज को उनका हक दिया था और वर्तमान एनडीए सरकार ने गरीब परिवारों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया है। हमने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया, वो भी किसी का हक छीने बगैर।

भाइयो-बहनो, ये लोग कैसे हैं मैं बताता हूं। इस देश में जब भी आरक्षण का मुद्दा आया, समाजों को तोड़ा गया, आत्मदहन हुए, लोगों के घर जलाए गए, एक दूसरे को लड़ाया गया और अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते रहे। इस देश में पहली बार हुआ की सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण आया, ना कोई आग लगी ना कोई संघर्ष हुआ, ना किसी समाज का माथा फूटा, ना किसी को जेल जाना पड़ा, भाईचारे के साथ सब ने अपना अच्छा काम किया, इस भाव से इसे लिया गया भाइयों। देश की एकता के लिए ऐसे काम किया जाता है। आप देखिए जब अटल जी की सरकार थी, नीतीश जी मंत्री थे तब अटल जी ने तीन राज्य बनाए।

बिहार में से झारखंड बना, मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ बना, उत्तर प्रदेश में से उत्तराखंड बना, ये तीनों नए राज्य प्यार से अलग हुए। झारखंड बना तो बनने के बाद बिहार ने उसे उतना ही प्यार किया, झारखंड ने बिहार को उतना ही आदर दिया। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ बना, मध्यप्रदेश ने छत्तीसगढ़ के उतना ही प्यार दिया, छत्तीसगढ़ ने मध्यप्रदेश को उतना ही आदर दिया। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड बना, उत्तर प्रदेश ने उत्तराखंड को प्यार दिया, उत्तराखंड ने उत्तर प्रदेश को आदर दिया लेकिन देश को तोड़ने की मानसिकता वालों ने आन्ध्रा और तेलंगाना का विभाजन किया। इतनी लड़ाइयां हुईं, आज उस बात को पांच साल हो गए, आज भी तेलंगाना और आन्ध्रा दोनों तेलगू भाषा बोलते हैं लेकिन इन लोगों ने ऐसे जहर के बीज बोए हैं की एक दूसरे के सामने देखते नहीं हैं। क्या ये रास्ता देश के लिए उचित है क्या? क्या देश ऐसे चलेगा क्या, भाई से भाई को मरवा कर कुर्सियां पकड़ी जाती हैं क्या?

भाइयो-बहनो, हम देश की एकता के लिए निकले हुए लोग हैं, जाति-पंथ और दल से भी परे हमारे लिए सबसे पहले देश होता है। भाइयो-बहनो, विचार और विजन से दिवालिया हो चुके ये महामिलावटी लोग गरीब के साथ, आदिवासी के साथ, किसान के साथ धोखे का जो खेल खेलते हैं उससे सावधान होने की जरूरत है। साथियो, ये ऐसे शातिर हैं की फर्जी स्कीम भी वोट के लिए बेच देते हैं। मैं मेरा एक गुजरात का अनुभव बताता हूं। आप सुन कर हैरान हो जाओगे की इतना बड़ा लोकतंत्र और ये ऐसा झूठ कर सकते हैं।

गुजरात में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए आदिवासियों को मूर्ख बनाने का कार्यक्रम बनाया। सरकार का जैसे फार्म होता है वैसा फार्म बनाया और आदिवासियों को कहा की अब हमारी सरकार बनने वाली है। आप ये फार्म भर दीजिए, सरकार बनते ही हम आपको जमीन का पट्टा देंगे और फार्म का 100-100 रुपया ले लिया और आदिवासियों के दिमाग में ऐसी आग भर दी। आदिवासी सारे सरकारी दफ्तर में गए, सरकार ने कहा भाई ऐसा तो कोई फार्म हमने निकाला नहीं है तो वो बोले कि ये तो हमारा 100-100 रुपया मार ले गए। ये पाप कांग्रेस ने किया था, सब पकड़े गए। दूसरा चुनाव आया तो क्या किया इन्होंने, कांग्रेस दफ्तर के सामने एक मैदान था। उस मैदान में उन्होंने एक टेंपोरेरी हार्डबोर्ड का मकान खड़ा किया, रंग-रोगन करके उसको खड़ा कर दिया और पूरे गुजरात में फार्म भरना शुरू किया की आपको घर मिलने वाला है और घर देखना है तो जाइए कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के सामने बना हुआ है। फर्जी घर का फार्म, फर्जी घर, उसमें भी 200-250 रुपए मार लिए। इन दिनों नया खेल शुरू किया है, राजस्थान में पकड़े गए, क्या किया उन्होंने। एक फार्म निकाला है, गरीबों के पास जाते हैं, ये फार्म भर दीजिए 23 मई के बाद आपको 72 हजार रुपए का चेक आएगा, झूठे चेक छाप दिए इन लोगों ने।

भाइयो-बहनो, भारत के नागरिकों का ऐसा अपमान सत्ता के लिए। भाइयो-बहनो, मुझे बताया गया है की कांग्रेस और उसके साथियों ने फ्राड तंत्र यहां बिहार और झारखंड में खेलना शुरू कर दिया है। मैं आप सब से कहता हूं चौकन्ने रहिए, ये कागज की पर्ची पकड़ा कर के गरीबों के 100-200 रुपए मार लेंगे ये लोग, ये लुटेरे हैं, ये ऐसे लोग हैं जो 55 साल के शासन में गरीब का खाता नहीं खुलवा पाए, बैंक के दरवाजे तक गरीब जा नहीं सका और कहते हैं हम पैसे डालेंगे, कितना झूठ बोलते हैं ये लोग। असल में इन लोगों का खेल गरीब के नाम पर बिचौलियों का भला करने का है। जो इनके चेले-चपाटे होते हैं उनकी जेब भरने के लिए ये ऐसा करते हैं। मत भूलिए जब 10 साल पहले कांग्रेस ने कर्जमाफी का ऐलान किया था। उस समय किसानों का कर्ज था 6 लाख करोड़ और कांग्रेस ने 2009 का चुनाव जीतने के लिए ये झूठ चलाया की हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे। 6 लाख करोड़ का कर्ज था किसानों का, माफ कितना किया सिर्फ 52 हजार करोड़, कहां 6 लाख करोड़, कहाँ 52 हज़ार करोड़ और उसमें भी बाद में सी ए जी की जो रिपोर्ट आयी 40 लाख लोग वो थे जो किसान थे ही नहीं और पैसे उनको बांट दिए गए। आप मुझे बताइए ये पैसों के मालिक आप हैं कि नहीं हैं, ये देश के खजाने के मालिक आप हैं की नहीं हैं ये खजाना लुटने देंगे क्या, भाइयों बहनों, मैं आपको वादा करता हूँ हिंदुस्तान के खजाने पर किसी पंजे को पड़ने नहीं दूंगा मैं।

भाइयों और बहनों सत्ता इन लोगों के लिए अपने और अपने परिवार के लिए मेवा जुटाने का जरिया है मेवा नहीं मिल रहा था इसलिए इन्होंने ओ बी सी कमीशन को बैकवर्ड कमीशन को संवैधानिक दर्जा मिलने में भी लगातार अड़ंगा लगाया। इन लोगों की स्वार्थी राजनीति से अलग हम लोगों के लिए एन डी ए के लोगों के लिए सत्ता आपकी सेवा का माध्यम है। हमारी सरकार किसानों, व्यापारियों, कर्मचारियों, मज़दूरों हर वर्ग के लिए व्यापक काम कर रही है। यहां बांस आधारित उद्योग की अच्छी संभावनाएं हैं, अब तो हमने कानून को बदलकर बांस की खेती कर सकते हैं खेती करके बांस काट सकते हैं, आप अपना बांस बेच सकते हैं सरकार कुछ नहीं कर सकती ऐसा कानून के परिवर्तन कर दिया है। अब किसान बांस उगाकर आसानी से बेच सकेंगे। साथियो, साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी, डबल करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। किसानों को लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य का वादा भी हमने पूरा किया है। 2007 से ये महिलावटी लोग उस फ़ाइल पर बैठ गए थे ये मोदी है उस फ़ाइल को निकाल लाया। वन रैंक-वन पेंशन किसान के साथ धोखा, जवान के साथ धोखा वन रैंक-वन पेंशन 40 साल से किसान मांग रहा था, नहीं दे रहे थे, हमने दिया आज फौजी के घर में 35 हज़ार करोड़ रुपया पहुंच गया भाइयो। देश कैसे चलाते हैं हमने दिखाया भाइयो।

अब हमने तय किया है की 23 मई को इस समय तो सारे चुनाव के नतीजे आ गए होंगे, 23 मई को चुनाव का परिणाम आ गया होगा और 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, 23 मई को जब फिर एक बार जब मोदी सरकार आएगी तब बिहार के बिहार के सभी किसान परिवारों के खाते में सीधी मदद हर वर्ष 3 बार जमा होगी भाइयो। 5 एकड़ की सीमा जो हमनें बनायीं है वो हटा दी जाएगी, सब किसान को लाभ मिलेगा। दूसरा, इसी तरह हम जो छोटे किसान हैं जो खेत मजदूर है जिसके पास जमीन नहीं है जो छोटे कामगर है कोई सफाई का काम करता है कोई ऑटो रिक्शा चलाता है कोई बच्चों को स्कूल ले जाने का काम करता है, छोटे छोटे कामगार छोटे दुकानदार छोटी छोटी रेडी चलाते हैं छोटा किसान हो छोटा दुकानदार हो इन सब को 60 साल के बाद हर महीने पेंशन की व्यवस्था पहली बार हम इस देश में करने वाले हैं। इसकी व्यापक योजना तैयार हो जाएगी 23 मई के बाद उसको हम लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे भाइयो।

साथियो, हमारी सरकार ने पैट्रोल, डीजल में एथेनॉल को मिलाने वाली जो योजना बनाई है उस से आने वाले दिनों में यहां के गन्ना किसानों को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है। साथियो, इस से पूरे क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर पर यहां सुविधाओं के निर्माण पर हमने बल दिया है। गांव की सड़कें हो हाईवे हो या फिर रेलवे हज़ारों करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। मोतिहारी-अमलेख गंज पाईप लाइन हो या फिर जो गैस से जुड़े दूसरे प्लांट इस से सुविधाएं भी बढ़ रही हैं और रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। रामायण से जुड़ा अहम स्थान होने के कारण इस पूरे क्षेत्र को रामायण सर्किट के तहत विकसित किया जा रहा है। पर्यटन की सुविधाएं, पर्यटन की सुविधा बढ़ेंगी तो यहां युवा साथियों को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। साथियो, बिहार में बिजली की उपलब्धता पर विशेष बल दिया जा रहा है, नीतीश जी ने बड़ी मेहनत से लालटेन को हटाया है। घर-घर के बिजली पहुंचाई है वो आपको लालटेन युग की तरफ ढकेलने को कोशिश कर रहे हैं लेकिन नीतीश जी और उनकी टीम एल ई डी बल्ब का दुधिया प्रकाश हर घर में फैले इसलिए लगे हुए हैं।

भाइयो-बहनो, ये बिजली अच्छी तरह मिले सीतामढ़ी में जो सब स्टेशन बन रहा है उसे पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के साथ-साथ मधुबनी दरभंगा और शिवहर जिलों को भी पर्याप्त बिजली मिल पाएगी। भाइयो और बहनो, विकास के रास्ते तभी खुल पाएंगे जब सुरक्षा की गारंटी होगी। आप वो दिन याद कीजिए जब आपको बड़े शहरों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों, काम के लिए गए लोगों की चिंता करनी पड़ती थी। आए दिन ट्रेनों में धमाका, बाजारों में धमाका, पूजा स्थलों में धमाका, कोई महीना ऐसा नहीं जाता था की बम धमाके की सूचना ना आती हो निर्दोष लोग मारे ना जाते हों। बीते 5 वर्ष में इन सब पर लगाम लग गई है लगी है कि नहीं लगी है ? ये लगाम किसने लगाई ? ये किसने किया ? किसने किया ? किसने किया ? ये बम धमाकों पर लगाम किसने लगाई? मोदी ने नहीं लगायी ये आपका जवाब गलत है ये जो हुआ है ये आपके वोट की ताकत है, आपके वोट ने किया है। आपके वोट की ताकत है की सुरक्षा एजेंसियां आपकी सुरक्षा के लिए आज चौकन्नी हो कर के काम कर रहीं है। मोदी ने तो उनको आदेश दिया है की मेरे लिए अब सेना के हाथ बांधे नहीं जाएंगे। साथियो, आपने जो मजबूत सरकार बनाई है उसने ये स्पष्ट संदेश दुनिया को दिया है की अब भारत चुप नहीं बैठेगा। हम पर जो बुरी नज़र डालेगा, उस पर उतनी ही सख़्ती से वार किया जाएगा। आतंकी हो या फिर आतंक के मददगार घर में घुस कर मारा जाएगा और अगर वो गोली चलाएंगे तो मोदी गोला चलाएगा। हमें शांति चाहिए, हमें गरीब का भला करना है ये हमें इस प्रकार से हमारे जवानों की ज़िंदगी नहीं बर्बाद होने देनी है और जहां होगा पाताल में भी होगा तो भी छोड़ने वाले नहीं है जी।

भाइयो और बहनो, आतंकवाद और नक्सलवाद को खत्म करने के लिये, हमारी नीति बहुत साफ है। इसलिए हमारी नीति और रणनीति का दम आज पूरी दुनिया देख रही है, वहीं कांग्रेस आर जे डी की महमिलावट की नीति क्या है उनको खुद को पता नहीं है लेकिन आपको जानना बहुत जरूरी है। साथियो, कांग्रेस के ढकोसला पत्र में इनके इरादे साफ झलकते हैं। इन्होंने क्या लिखा है अपने मैनिफेस्टो में, उन्होंने ढकोसला पत्र में जो लिखा है आप हैरान हो जाओगे, जिसके लिए 70 साल से देश के जवान अपना खून बहा रहे हैं। माइनस टेम्प्रेचर में अपनी ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। अनेक माताओं ने अपने लाडले खोये हैं और आज 70 साल के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने ढकोसला पत्र में क्या लिखा है, खून गरम हो जाता है दोस्तो सुनता हूँ तो। गुस्सा आता है मन में बेचैनी होती है कि 70 साल तक राज करने वाली पार्टी इतनी नीचे गिर गई, उन्होंने लिखा है और वो जो लिखा है पाकिस्तान वही बोलता है आप कोई भी पाकिस्तान के नेता के पिछले 50 साल के बयान निकालो, यही बोलता है। इन्होंने क्या लिखा है, ये चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में वो सेना को कम कर देंगे, क्या होगा भाई। इन्होंने कहा है कि ये हमारे जवानों को जो विशेष अधिकार मिला है जिसके कारण हमारे सुरक्षा बल उनको सुरक्षा मिलती है, उसको भी खत्म कर देंगे और उसके कारण पत्थरबाजों को आतंकियों को जो चाहे वो कर सकते हैं सेना का जवान कुछ करेगा तो जिंदगी भर कोर्ट के चक्कर काटता रहेगा भाइयों बहनों ये लोग अलगाव वादियों नक्सलवादियों के समर्थकों को जो देश द्रोह का कानून है। उस से भी उनको आज़ादी दिलाना चाहते हैं। ये देश के जवानों पे गोलियां चलाने वाले लोगों को आज़ादी मिलनी चाहिए क्या, मिलनी चाहिए क्या ? ऐसे लोगों को सज़ा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए ? ये कानून हटाना चाहते हैं ये उन्होंने लिखित में कहा है। साथियो, जात पात का ज़हर घोलकर नामपंथी और दामपंथी देश के टुकड़े-टुकड़े करने की सोच रखने वालों के साथ खड़े हैं। आप सभी लोगों को उन्हें भरपूर जवाब देना है। वाल्मीकि नगर में तीर निशान और शिवहर पुर्वी और पश्चिम चंपारण वालों को कमल के निशान पर बटन दबाना है। आप तीर पर बटन दबाएं और कमल पर बटन दबाएं और जहां-जहां पर बंगला वाले जो हैं वहां पे बटन दबाएं, आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा।

भाइयो-बहनो, इतनी बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने आये मैं हृदय से आपका बहुत बहुत आभारी हूं।
मेरे साथ बोलिये… भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद!

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PM Modi's address to the nation
May 12, 2025
QuoteToday, every terrorist knows the consequences of wiping Sindoor from the foreheads of our sisters and daughters: PM
QuoteOperation Sindoor is an unwavering pledge for justice: PM
QuoteTerrorists dared to wipe the Sindoor from the foreheads of our sisters; that's why India destroyed the very headquarters of terror: PM
QuotePakistan had prepared to strike at our borders,but India hit them right at their core: PM
QuoteOperation Sindoor has redefined the fight against terror, setting a new benchmark, a new normal: PM
QuoteThis is not an era of war, but it is not an era of terrorism either: PM
QuoteZero tolerance against terrorism is the guarantee of a better world: PM
QuoteAny talks with Pakistan will focus on terrorism and PoK: PM

প্ৰিয় দেশবাসী,

নমস্কাৰ !

যোৱা কেইটামান দিনত দেশৰ শক্তি আৰু সংযম দুয়োটাই আমি সকলোৱে প্ৰত্যক্ষ কৰিছো।মই প্ৰথমে আমাৰ শক্তিশালী ভাৰতীয় সেনাবাহিনীক প্ৰণাম জনাইছো, সশস্ত্ৰ বাহিনী, আমাৰ চোৰাংচোৱা সংস্থা, আমাৰ বিজ্ঞানী, সকলোকে মই প্ৰতিজন ভাৰতীয়ৰ হৈ প্ৰণাম জনাইছো।

আমাৰ সাহসী জোৱানসকলে ‘অপাৰেচন সিন্দুৰ’ৰ লক্ষ্যত উপনীত হ’বলৈ গৈ অপৰিসীম সাহস প্ৰদৰ্শন কৰিলে। মই তেওঁলোকৰ বীৰত্বক, তেওঁলোকৰ সাহসক, তেওঁলোকৰ পৰাক্ৰমক সমৰ্পিত কৰিছো৷ মই তেওঁলোকৰ এই পৰাক্ৰমক , আমাৰ দেশৰ প্ৰতিগৰাকী মাতৃলৈ, দেশৰ প্ৰতিগৰাকী ভগ্নী আৰু প্ৰতিগৰাকী কন্যাৰ বাবে উৎসৰ্গা কৰিছো।

 

বন্ধুসকল,

যোৱা ২২ এপ্ৰিলত পহলগামত সন্ত্রাসবাদীয়ে প্রদর্শন কৰা বৰ্বৰতাই দেশ আৰু বিশ্বক স্তম্ভিত কৰি তুলিছিল৷

বন্ধৰ দিন উদযাপন কৰিবলৈ যোৱা নিৰ্দোষ নিৰীহ নাগৰিকক ধৰ্মৰ বিষয়ে সুধি পৰিয়ালৰ সন্মুখতে, শিশুসকলৰ সন্মুখতে...

নিৰ্দয়ভাবে হত্যা কৰা হৈছিল।

এয়া আছিল আতংকৰ এক বীভৎস ছবি, এয়া আছিল নিষ্ঠুৰতাৰ ভয়ংকৰ প্ৰকাশ৷ এয়া আছিল দেশৰ সমন্বয় বিনষ্ট কৰাৰ এক ঘৃণনীয় অপচেষ্টা। মোৰ ক্ষেত্ৰত ব্যক্তিগতভাৱে এই নাৰকীয় ঘটনাৰ বেদনা অসহনীয় আছিল।

এই সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণৰ পিছত সমগ্ৰ দেশ, প্ৰতিগৰাকী নাগৰিক, সমাজ, প্ৰতিটো শ্ৰেণীৰ লোক, প্ৰতিটো ৰাজনৈতিক দল একত্ৰিত হৈ 'একেষাৰে সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে শক্তিশালী ব্যৱস্থাৰ দাবীৰে থিয় দিলে।

সন্ত্ৰাসবাদীক নিঃশেষ কৰিবলৈ ভাৰতীয় নিৰাপত্তা বাহিনীক আমি পূৰ্ণ কৰ্তৃত্ব প্ৰদান কৰিলো। আমি তেওঁলোকক এইক্ষেত্ৰত সম্পূৰ্ণ স্বাধীনতা প্ৰদান কৰিলো।

আৰু আজি প্ৰতিজন সন্ত্ৰাসবাদীয়ে, প্ৰতিটো সন্ত্ৰাসবাদী সংগঠনে উপলব্ধি কৰিবলৈ বাধ্য হৈছে আমাৰ ভগ্নী-কন্যাৰ কপালৰ সেন্দুৰ মচি পেলোৱাৰ পৰিণতি কি হ'ব পাৰে ।

 

বন্ধুসকল,

অপাৰেচন সিন্দুৰ ...এয়া কেৱল এটা নাম নহয়৷এয়া দেশৰ কোটি কোটি মানুহৰ আৱেগৰ প্ৰতিফলন।

অপাৰেচন 'সিন্দুৰ' ন্যায়ৰ অখণ্ড প্ৰতিজ্ঞা। ৬ মে’ৰ গভীৰ নিশা.. ৭ মে’ৰ পুৱা.. সমগ্ৰ বিশ্বই এই প্ৰতিজ্ঞা ফলাফলত পৰিণত হোৱা দেখিবলৈ পাইছে। ভাৰতীয় বাহিনীয়ে পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী শিবিৰত আক্ৰমণ কৰিছে।

তেওঁলোকৰ প্ৰশিক্ষণ কেন্দ্ৰত নিখুঁতভাৱে আঘাত কৰিছে । সন্ত্ৰাসবাদীয়ে সপোনতো কল্পনা কৰা নাছিল যে ভাৰতে ইমান ডাঙৰ সিদ্ধান্ত ল’ব পাৰে। কিন্তু যেতিয়া দেশখন একত্ৰিত হয়, দেশ প্ৰথমৰ মনোভাৱেৰে মানুহৰ মনবোৰ ভৰি পৰে, তেতিয়া দেশেই সৰ্বোচ্চ হৈ পৰে। তেতিয়াই শক্তিশালী সিদ্ধান্ত লোৱা হয় আৰু তাৰ ফল লাভ কৰা হয়।

ভাৰতীয় ক্ষেপণাস্ত্ৰই যেতিয়া পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী ঘাটিত আক্ৰমণ কৰিছিল, ভাৰতীয় ড্ৰোনে যেতিয়া আক্ৰমণ চলাইছিল, তেতিয়া কেৱল সন্ত্ৰাসবাদী সংগঠনৰ ভৱনবোৰেই নহয়, তেওঁলোকৰ আত্মবিশ্বাসো কঁপি উঠিছিল।

 

বহাৱালপুৰ আৰু মুৰিদকেৰ দৰে সন্ত্ৰাসবাদীৰ আত্মগোপন স্থানসমূহ এককথাত বিশ্ব সন্ত্ৰাসবাদৰ বিশ্ববিদ্যালয় স্বৰূপ হৈ পৰিছে।

বিশ্বৰ যিকোনো ঠাইত সংঘটিত হোৱা যিকোনো ডাঙৰ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণ- সেয়া ৯/১১ৰ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণেই হওঁক , লণ্ডন টিউব বোমা বিস্ফোৰণেই হওঁক বা ভাৰতত দশকজুৰি সংঘটিত হোৱা বৃহৎ সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণেই হওঁক, ক’ৰবাত নহয় ক’ৰবাত এই ঘটনাসমূহ সন্ত্ৰাসবাদীয়ে আত্মগোপন কৰি থকা এই স্থানসমূহৰ সৈতে সংযুক্ত হৈ পৰিছে। সন্ত্ৰাসবাদীয়ে আমাৰ ভগ্নীহঁতৰ সেন্দুৰ মচি পেলাইছিল৷ সেইবাবেই ভাৰতে সন্ত্ৰাসবাদৰ এই মুখ্য কাৰ্যালয় ধ্বংস কৰিছে। ভাৰতৰ এই আক্ৰমণত ১০০ৰো অধিক দুৰ্ধৰ্ষ সন্ত্ৰাসবাদী নিহত হৈছে। ইমানবোৰ সন্ত্ৰাসবাদীয়ে যোৱা ডেৰৰ পৰা তিনি দশক ধৰি পাকিস্তানত মুক্তভাৱে ঘূৰি ফুৰিছিল৷ যিসকলে পূৰ্বে ভাৰতৰ বিৰুদ্ধে ষড়যন্ত্ৰ কৰিছিল, তেওঁলোকক ভাৰতে এটা আঘাততে ধ্বংস কৰি পেলালে।

 

বন্ধুসকল,

ভাৰতৰ এই কাৰ্য্যত পাকিস্তান গভীৰভাৱে হতাশগ্ৰস্ত হৈ পৰিছে৷ সকলোতে কেৱল হতাশাৰ কলীয়া ডাৱৰে ছানি ধৰিছিল৷ তেওঁলোক বিভ্ৰান্ত হৈ পৰিছিল৷এনে বিভ্ৰান্তিকৰ অৱস্থাৰ মাজতে তেওঁলোকে আৰু এটা বেয়া কাম কৰিলে। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতে গ্ৰহণ কৰা ব্যৱস্থাক সমৰ্থন কৰাৰ পৰিৱৰ্তে পাকিস্তানে ভাৰতকহে আক্ৰমণ কৰিবলৈ আৰম্ভ কৰিলে।

পাকিস্তানে আমাৰ স্কুল আৰু কলেজসমূহ লক্ষ্য কৰি লৈছিল, গুৰুদ্বাৰ, মন্দিৰ, সাধাৰণ নাগৰিকৰ ঘৰ আদিও পাকিস্তানৰ আক্ৰণৰ লক্ষ্য হৈ পৰিছিল৷ এনে কাৰ্যৰ জড়িয়তে পাকিস্তানে নিজকে উদঙাই দিলে। বিশ্বই দেখিলে পাকিস্তানৰ ড্ৰোন আৰু মিছাইল কেনেকৈ ভাৰতৰ সন্মুখত খেৰৰ দৰে জ্বলি ছাই হৈ গল৷ ভাৰতৰ শক্তিশালী বায়ু প্ৰতিৰক্ষা ব্যৱস্থাই সেইবোৰ আকাশতে ধ্বংস কৰি পেলালে। সীমান্তত আক্ৰমণ কৰিবলৈ সাজু হৈছিল পাকিস্তান৷ কিন্তু ইয়াৰ বিপৰীতে ভাৰতে পাকিস্তানৰ বুকুত আঘাত হানিলে। ভাৰতৰ ড্ৰোন আৰু ক্ষেপণাস্ত্ৰই নিখুঁতভাৱে পাকিস্তানৰ লক্ষ্যস্থানত আঘাত কৰিছিল। ফলত পাকিস্তানী বায়ুসেনাৰ সেই বিমানঘাটিসমূহ ক্ষতিগ্ৰস্ত হৈছিল, যিবোৰকলৈ পাকিস্তানে গৌৰৱ কৰি আহিছিল৷ প্ৰথম তিনিদিনতে যে ভাৰতে পাকিস্তানক এনেদৰে ধ্বংস কৰিব সেয়া তেওঁলোকে কল্পনাও কৰা নাছিল । সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ আগ্ৰাসী কাৰ্য্য ব্যৱস্থাৰ পিছত পাকিস্তানে পলায়নৰ উপায় বিচাৰিবলৈ আৰম্ভ কৰিলে। পাকিস্তানে উত্তেজনা হ্ৰাস কৰিবলৈ বিশ্বক অনুৰোধ কৰিবলৈ ধৰিলে৷ বেয়াকৈ ক্ষতিগ্ৰস্ত হোৱাৰ পিছত বাধ্যবাধকতাত পৰি ১০ মে’ৰ দুপৰীয়া পাকিস্তানী সেনাই আমাৰ ডিজিএমঅ’ৰ সৈতে যোগাযোগ কৰিলে। তেতিয়ালৈকে আমি পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ আন্তঃগাঁথনি বৃহৎ পৰিসৰত ধ্বংস কৰি পেলাইছিলো৷ বহু সন্ত্ৰাসবাদী নিহত হৈছিল৷ আমি পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী ঘাটিবোৰ ধ্বংসাৱশেষলৈ ৰূপান্তৰিত কৰিছিলোঁ৷ গতিকে, দিশহাৰা পাকিস্তানৰ পৰা এটা আবেদন কৰা হৈছিল৷ এই কথা পাকিস্তানৰ পৰা কোৱা হৈছিল যে তেওঁলোকৰ পক্ষৰ পৰা আৰু কোনো সন্ত্ৰাসবাদী কাৰ্যকলাপ তথা সামৰিক দুষ্কাৰ্য কৰা নহ’ব ৷গতিকে ভাৰতেও এই কথা বিবেচনা কৰিলে। আৰু মই আকৌ কওঁ...আমি মাত্ৰ পাকিস্তানৰ সন্ত্ৰাসবাদী আৰু সামৰিক ঘাটিৰ বিৰুদ্ধে আমাৰ ব্যৱস্থা স্থগিতহে ৰাখিছো৷

অনাগত দিনত আমি পাকিস্তানৰ প্ৰতিটো খোজৰ হিচাব লম৷ তেওঁলোকে কি মনোভাৱ গ্ৰহণ কৰে সেয়া লক্ষ্য কৰিম৷

 

বন্ধুসকল,

ভাৰতৰ তিনিটা সেনাবাহিনী-আমাৰ বায়ুসেনা, আমাৰ সেনাবাহিনী আৰু আমাৰ নৌসেনা, আমাৰ সীমান্ত সুৰক্ষা বাহিনী-বিএছএফ, ভাৰতৰ অৰ্ধসামৰিক বাহিনী নিৰন্তৰ সষ্টম হৈ আছে ।ছাৰ্জিকেল ষ্ট্ৰাইক আৰু এয়াৰ ষ্ট্ৰাইকৰ পিছত এতিয়া অপাৰেচন সিন্দুৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ এক বলিষ্ঠ পদক্ষেপ হিচাবে পৰিগণিত হৈছে। ভাৰতে এয়া নীতিগতভাবে গ্ৰহণ কৰিছে৷ ছাৰ্জিকেল ষ্ট্ৰাইক আৰু এয়াৰ ষ্ট্ৰাইকৰ পিছত এতিয়া অপাৰেচন সিন্দুৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ সন্ত্ৰাসবাদ বিৰোধী নীতিৰ শক্তিশালী প্ৰমাণ হৈ পৰিছে। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে যুঁজত নতুন ৰেখা টানিছে অপাৰেচন সিন্দুৰে। এটা নতুন মান, এটা নতুন ধৰণ নিৰ্ধাৰণ কৰা হৈছে।

প্ৰথম কথা - ভাৰতত সন্ত্ৰাসবাদী আক্ৰমণ হ’লে উপযুক্ত উত্তৰ দিয়া হ’ব।আমি নিজৰ ধৰণে, নিজৰ চৰ্তত সঁহাৰি জনাম।

সন্ত্ৰাসবাদৰ শিপা য’ৰ পৰা বিস্তাৰিত হৈছে তাতেই আমি কঠোৰ ব্যৱস্থা গ্ৰহণ কৰিম। দ্বিতীয়তে – ভাৰতে কোনো ধৰণৰ পাৰমাণৱিক ব্লেকমেইল সহ্য নকৰে। পাৰমাণৱিক ব্লেকমেইলৰ আৱৰণেৰে ঘেৰি ৰখা সন্ত্ৰাসবাদীৰ আত্মগোপনৰ স্থানসমূহত ভাৰতে এক নিখুঁত আৰু নিৰ্ণায়ক আক্ৰমণ চলাব। তৃতীয়তে, সন্ত্ৰাসবাদক পৃষ্ঠপোষকতা কৰা চৰকাৰখন আৰু সন্ত্ৰাসবাদৰ মালিকসকলক আমি পৃথক সত্তা হিচাপে কেতিয়াও নাচাম।

'অপাৰেচন সিন্দুৰ'ৰ সময়ত বিশ্বই আকৌ দেখিছে পাকিস্তানৰ কুৎসিত মুখ।যেতিয়া মৃত সন্ত্ৰাসবাদীক বিদায় দিয়া হৈছিল।

পাকিস্তানী সেনাৰ শীৰ্ষ বিষয়াৰ মাজত লৰাধপৰা লাগিছল। দেশ খনৰ পৃষ্ঠপোষকতাত চলি থকা সন্ত্ৰাসবাদৰ এয়া এক ডাঙৰ প্ৰমাণ। ভাৰত আৰু আমাৰ নাগৰিকক যিকোনো ভাবুকিৰ পৰা ৰক্ষা কৰিবলৈ আমি নিৰ্ণায়ক পদক্ষেপ গ্ৰহণ কৰি যাম।

 

বন্ধুসকল,

আমি প্ৰতিবাৰেই যুদ্ধক্ষেত্ৰত পাকিস্তানক পৰাস্ত কৰিছো আৰু এইবাৰ অপাৰেচন সিন্দুৰে ইয়াত এক নতুন মাত্ৰা সংযোজন কৰিলে। আমি মৰুভূমি আৰু পৰ্বতমালাত আমাৰ সামৰ্থ্য উজ্জ্বলভাৱে প্ৰদৰ্শন কৰিছো৷ লগতে আধুনিক যুদ্ধত নিজৰ শ্ৰেষ্ঠত্ব প্ৰমাণ কৰিছো।এই অপাৰেচনৰ সময়ত আমাৰ মেড ইন ইণ্ডিয়া অস্ত্ৰৰ সত্যতাও প্ৰমাণিত হ’ল। আজি বিশ্বই লক্ষ্য কৰিছে- একবিংশ শতিকাৰ যুদ্ধত মেড ইন ইণ্ডিয়া প্ৰতিৰক্ষা সঁজুলিৰ সময় আহি পৰিছে।

 

বন্ধুসকল,

আমাৰ আটাইতকৈ ডাঙৰ শক্তি হৈছে সকলো ধৰণৰ সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে আমাৰ মাজত গঢ় লোৱা ঐক্য। এয়া নিশ্চিতভাৱে যুদ্ধৰ যুগ নহয়৷ কিন্তু এয়া সন্ত্ৰাসবাদৰো যুগ নহয়। সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে শূন্য সহনশীলতাই হৈছে এখন উন্নত পৃথিৱীৰ নিশ্চয়তা প্ৰদানৰ প্ৰথম চৰ্ত৷

 

বন্ধুসকল,

পাকিস্তানৰ সেনা, পাকিস্তান চৰকাৰে যি সন্ত্ৰাসবাদক লালন-পালন কৰি আহিছে এদিন সেই সন্ত্ৰাসবাদেই পাকিস্তানক ধ্বংস কৰিব। পাকিস্তানে যদি জীয়াই থাকিব বিচাৰে তেন্তে নিজৰ দেশত থকা সন্ত্ৰাসবাদীৰ ঘাটি ধ্বংস কৰিব লাগিব। ইয়াৰ বাহিৰে শান্তিৰ কোনো বিকল্প পথ নাই। এইক্ষেত্ৰত ভাৰতৰ স্থিতি অতি স্পষ্ট৷ আতংক আৰু আলোচনা একেলগে আগবাঢ়িব নোৱাৰে৷

সন্ত্ৰাস আৰু বাণিজ্য একেলগে আগুৱাব নোৱাৰে। আনকি পানী আৰু তেজ একেলগে বৈ যাব নোৱাৰে। আজি বিশ্ব সমাজকো ক'ব বিচাৰিছো- আমাৰ ঘোষিত নীতি হৈছে- পাকিস্তানৰ সৈতে যদি আলোচনা হয়, সেয়া হ'ব সন্ত্ৰাসবাদৰ বিষয়ত, যদি পাকিস্তানৰ সৈতে আলোচনা হয়, তেন্তে সেয়া হ'ব পাক অধিকৃত কাশ্মীৰৰ বিষয়ত৷

 

প্ৰিয় দেশবাসী,

আজি বুদ্ধ পূৰ্ণিমা।

ভগৱান বুদ্ধই আমাক শান্তিৰ পথ দেখুৱাইছে। শান্তিৰ পথো শক্তিৰ মাজেৰেই পৰিচালিত হয়৷ মানৱতা শান্তি আৰু সমৃদ্ধিৰ পথেৰে আগবাঢ়ি যাওক৷ প্ৰতিজন ভাৰতীয়ই শান্তিৰে জীয়াই থাকিবলৈ সক্ষম হওক৷ যিয়ে বিকশিত ভাৰতৰ সপোন পূৰণ কৰিব পাৰিব৷

ইয়াৰ বাবে ভাৰত শক্তিশালী হ'ব লাগিব আৰু প্ৰয়োজনৰ সময়ত শক্তি ব্যৱহাৰ কৰাটোও গুৰুত্বপূৰ্ণ কথা হৈ পৰিব। যোৱা কেইটামান দিনত ভাৰতে ঠিক এনে কামেই কৰিছে।ভাৰতীয় সেনা আৰু সশস্ত্ৰ বাহিনীক পুনৰবাৰ প্ৰণাম জনাইছো।

ভাৰতবাসীৰ সাহস আৰু ঐক্যক প্ৰণাম জনাইছো।

ধন্যবাদ...

ভাৰত মাতা কী জয় !!!

ভাৰত মাতা কী জয় !!!

ভাৰত মাতা কী জয় !!!