Your vote will decide if a strong and decisive government is formed after these elections or a government that only shouts hollow slogans: PM Modi in Koraput
A strong Odisha will provide strength to East India which will further promote a strong India: Prime Minister Modi
With our vision of building a ‘New India’ in the coming years, a BJP government at the state level in Odisha will ensure that we build a ‘New Odisha’ as well: PM Modi

केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्री धर्मेंद्र प्रधान जी , भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भाई श्री अरुण सिंह जी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता सांसद रहे मेरे मित्र श्रीमान वैजयंत पांडा जी, पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमान गिरधर गोमांग जी, पूर्व मंत्री श्रीमान मनमोहन श्यामल जी, पूर्व मंत्री श्रीमान विजय महापात्र जी, नवरंगपुर से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार श्रीमान बलभद्र मांझी जी, कोरापुट से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार श्रीमान जयराम पांगी जी, जारीगाम से उम्मीदवार श्री परशुराम मांझी जी, दाबुगाम से उम्मीदवार श्री पदमन नायक जी, अमरकोट से उम्मीदवार श्रीमान नित्यानंद गौड़ जी, पोटांगी से उम्मीदवार श्रीमान रामचंद्र पांगी जी , मलकानगिरी से उम्मीदवार श्रीमान आदित्य मधी जी , कोरापुट से उम्मीदवार श्रीमान त्रिपुरा गरदा जी, चित्रकोंडा से श्रीमान पादु मांझी , लक्ष्मीपुर से श्रीमान कुमुद सौंता जी, रायगढ़ से बसंता उल्लाका जी, जेपोर से श्रीमान गौतम समन्त्रे जी, नवरंगपुर से श्रीमान गौरी शंकर मांझी।
आप सब दोनों मुट्ठी ऊपर कर के भारत माता की जय बोल कर के हम सबको आशीर्वाद दें।

भारत माता की…जय
भारत माता की…जय
भारत माता की…जय
बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ,
आप सभी जनता-जनार्दन का आशीर्वाद लेने के लिए आपका ये चौकीदार आपके बीच आया है। मेरे साथ एक नारा देंगे आप? पक्का देंगे, लेकिन फिर आपको निभाना पड़ेगा, निभाएंगे ?
मैं कहूंगा मैं भी… आप कहेंगे चौकीदार।
मैं भी… चौकीदार
मैं भी… चौकीदार
मैं भी… चौकीदार
क्रांतिवीर शहीद लक्ष्मण नायक, राजा विक्रमादेव, गोपीनाथ, राधामोहन साहू जैसे कोरापुट और ओडिशा के हर नायक को मैं नमन करता हूं। अभी चैती पर्व मनाने का समय है, चैती पर्व आपसी स्नेह को बढ़ाने वाला उत्सव है। इस त्योहार के लिए मैं आप सब ओडिशावासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
मैं बहन कमला जी और पूरे ओडिशा को, देश के हर आदिवासी, वनवासी समाज को पद्म पुरस्कार के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं और मेरे लिए गर्व की बात है, मां कमला जी स्वयं यहां आयीं, मंच पर आ कर के मुझे आशीर्वाद दिए, परंपरागत रूप से मेरा स्वागत किया। मां कमला के आशीर्वाद जब कमल को मिल जाते हैं तो उस आशीर्वाद की ताकत बहुत बढ़ जाती है। कोरापुट में धान की सैकड़ों स्थानीय किस्मों को संरक्षित करने के लिए जो काम कमला जी ने किया है, उसका पूरे विश्व में आज गौरवगान हो रहा है। आप जैसों से ही ये देश है और आप जैसे कामगार ही नए भारत के नए संस्कार की पहचान हैं।

साथियो, 2014 में जब मैं ओडिशा के लोगों के बीच आया था तो कहा था कि पूरी ईमानदारी से, पूरी निष्ठा से आपकी सेवा करने में, मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। आपके प्रधानसेवक के तौर पर मेरी ये कोशिश रही है कि मेरे प्रयासों में किसी भी प्रकार की ना कोई खोट रह जाए, न कोई कमी रह जाए। इन 5 वर्षों में आपने जिस तरह, मेरा साथ दिया है, मुझे दिशा दिखाई है, विरोधियों के अनेक वार के सामने आप सब ने मिलकर के मुझे सुरक्षा दी है, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। एक प्रकार से आज मैं पूरे देश का भ्रमण, देशवासियों का धन्यवाद करने के लिए निकला हूं, क्योंकि देशवासियों ने मुझे आशीर्वाद न दिया होता, ओडिशा के मेरे भाइयो-बहनो, 5 साल तक अगर आपने मुझे आशीर्वाद, समर्थन, सहयोग न दिया होता तो आज जो काम दिख रहा है, वो मैं कैसे कर पाता। और इसीलिए मेरा सबसे पहला काम है देशवासियों का, ओडिशावासियों का धन्यवाद करना। अगर आज आपका ये सेवक ओडिशा में 8 लाख गरीब परिवारों को पक्के घर दे पाया है, उज्ज्वला योजना के माध्यम से यहां के 40 लाख घरों में धुएं से मुक्ति दिला कर के गैस का चूल्हा दे पाया है।

3000 गांवों में अंधेरा मिटा कर बिजली पहुंचा पाया है, आपका जीवन रोशन कर पाया है, 24 लाख घरों में जहां अंधेरे की जिन्दगी थी, बिजली मुफ्त में पहुंचा कर, मुफ्त में बिजली का कनेक्शन दे पाया है तो इन सब सफलता के पीछे आप ही का साथ, आप ही का सहयोग, आप ही की प्रेरणा रही है, आप ही का आशीर्वाद रहा है, आप ही का समर्थन रहा है। अगर मेरी सरकार 5 साल की सफलता का कोई हकदार है तो भारत की जनता है, भारत का मतदाता है, ओडिशा की जनता है, ओडिशा का मतदाता है। मैं आज भगवान जगन्नाथ जी की धरती से आपका भी धन्यवाद करता हूं और इस पवित्र धरती से और जब ऐसे वीर नायक के फांसी का दिवस है, स्मरण का दिवस है, त्याग और बलिदान की स्मृति का दिवस है, मैं देशवासियों का भी इस पवित्र दिवस पर आदरपूर्वक धन्यवाद करता हूं।

साथियो, आप तक विकास की पंचधारा पहुंचे, यानी बच्चों को पढ़ाई, बुजुर्गों को दवाई, युवाओं को कमाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, इसके लिए मैंने पूरा प्रयास किया है। इतना ही नहीं, आदिवासी समाज के कल्याण से जुड़े बजट में भी लगभग 30 % की बढ़ोतरी की है। बीते 5 वर्षों में वन उपज पर जो समर्थन मूल्य सरकार देती है, उसे 3 बार बढ़ाया गया है। 5 वर्ष पहले जहां 10 वन उपजों पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) मिलता था, अब वो संख्या बढ़ा कर 10 से हमने 50 कर दी है।

भाइयो और बहनो, ओडिशा के विकास के लिए आपके इस सेवक ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां सड़क, रेल, गैस और दूसरे उद्योगों से जुड़े काम हो रहे हैं। रेलवे के क्षेत्र में यहां अभूतपूर्व काम किया जा रहा है। रायगढ़ा में नया रेल डिविजन बनाया गया है। साथ ही, रेल लाइन का विस्तार नबरंगपुर और मलकानगिरी तक किया जा रहा है।

गांव-गांव में सड़कों का जाल बिछाने के लिए फंड की कोई कमी न हो, इसका भी ध्यान रखा गया है। युवाओं को, महिलाओं को रोजगार मिले इसके लिए स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है। उन्हें मुद्रा योजना के तहत बिना बैंक गारंटी कर्ज दिया जा रहा है।

साथियो, आज ओडिशा की इस धरती से मैं अपने वैज्ञानिकों को, देश की रक्षा-सुरक्षा के चौकीदारों को मैं फिर एक बार बधाई देता हूं। आप सब भी हमारे देश के सुरक्षाबलों के लिए, हमारे देश के वैज्ञानिकों के लिए तालियां बजा कर के उनका सम्मान कीजिए, उनका गौरव कीजिए। जब हमारे विरोधी सेना को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, जब हमारे विरोधी वैज्ञानिकों की सिद्धियों को स्वीकार करने से मना कर रहे हैं, तब जनता-जनार्दन तालियों की आवाज से उनका मुंह बंद करे। दो दिन पहले ही ओडिशा एक ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धि का गवाह बना है, जिसने पूरी दुनिया को भारत के सामर्थ्य से परिचित कराया है। भारत अब अंतरिक्ष में भी चौकीदारी करने में सक्षम है।

साथियो, जब अंतःकरण साफ होता है तो अंतरिक्ष में भी सफलता तय होती है। यह नए भारत के नए आत्मविश्वास की ताकत है, जिस पर पूरा देश आज गर्व कर रहा है और हां, जिन लोगों को भारत की यह उपलब्धि छोटी नजर आती है उनकी कथनी और करनी को भी पूरा देश देख रहा है। सात दशकों से गरीबों के साथ गद्दारी कर रहे लोग, अब इतना बौखला गए हैं कि देश के वैज्ञानिकों, देश की सेना, देश के नौजवानों के सामर्थ्य, सबका आए-दिन, सुबह-शाम अपमान करने लगे हैं। क्या ये अपमान आपको मंजूर है? ये अपमान हम स्वीकार कर सकते हैं, ये अपमान करने वालों को सजा देनी चाहिए कि नहीं देनी चाहिए ? सेना को अपमान करने वालों को सबक सिखाना चाहिए कि नहीं सिखाना चाहिए? वैज्ञानिकों का अपमान करने वालों को सबक सिखाना चाहिए कि नहीं सिखाना चाहिए ?

ओडिशा के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, जब भारत आतंकियों पर कार्रवाई करता है, उन्हें घर में घुसकर मारता है, तो भी ये लोग सबूत मांगते हैं। आप मुझे बताइए, आपको सेना पर भरोसा है कि नहीं है? सेना पराक्रम करने में सामर्थ्यवान है कि नहीं है? सेना ने पाकिस्तान को मुंह की खाने के लिए मजबूर किया है कि नहीं किया है। आपको भरोसा है, आपको विश्वास है, ये हमारे विरोधियों को नहीं है। एक महीना हो गया, पाकिस्तान लाशें गिनने में लगा हुआ है और ये सबूत मांग रहे हैं।

साथियो, मतदान के दिन जब आप पोलिंग बूथ पर जाएंगे, तो एक स्पष्ट मन बनाकर जाइएगा। आपको ये तय करना है कि आतंक के ठिकानों में घुसकर मारने वाली सरकार चाहिए या फिर घबरा कर नीची मुंडी कर के बैठ जाने वाली सरकार चाहिए। आप बताइए, दुश्मन के घर में घुसकर मारने वाली सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए? पूंछ दबाकर भागने वालों की जरूरत है क्या देश को? आपको ये तय करना है कि निर्णय करने वाली सरकार चाहिए या सिर्फ नारेबाजी करने वाली सरकार चाहिए। निर्णय करने वाली सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए? कड़े निर्णय करने वाली सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए ? समय पर निर्णय करने वाली सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए ? ओडिशा और भारत को मजबूत करने वाली सरकार चाहिए या कमजोर, मजबूर सरकार चाहिए? आपको मजबूत सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए? ओडिशा को मजबूत सरकार की जरूरत है कि नहीं है? हिंदुस्तान को मजबूत सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए?
इनको तो मजबूर सरकार चाहिए, ऐसी ढीली-ढाली, 10 कदम चलने में भी 10 मिनट लग जाए, क्या ऐसी सरकार चाहिए क्या? आपको तय करना है कि जिस कांग्रेस को आपने दशकों तक ओडिशा का विकास करने की जिम्मेदारी सौंपी, जिस BJD को विकास के लिए इतना समय दिया, उसे आपका भरोसा तोड़ने की क्या सजा दी जाए, सजा देनी चाहिए कि नहीं देनी चाहिए? ये मौका जाने देंगे क्या?
आप बार-बार झुक जाते हैं और इसी से वो मजा ले रहे हैं। अब हटने चाहिए कि नहीं हटने चाहिए? आपको तय करना है, जो सरकारें नक्सली हिंसा पर काबू नहीं पा सकतीं, जो उसके आगे कमजोर नजर आती हैं, उन्हें क्यों सजा न दें?
भाइयो और बहनो, 2019 का ये चुनाव सिर्फ एक सांसद का चुनाव नहीं है, सिर्फ एक विधायक का चुनाव नहीं है, ये चुनाव केंद्र और राज्य में विकास का डबल इंजन लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकारों के चुनाव का समय है। ये आने वाले 5 वर्षों में नए ओडिशा और नए भारत के निर्माण का चुनाव है।

साथियो, ओडिशा मजबूत तब बनेगा, जब यहां का आदिवासी, यहां का किसान, यहां का नौजवान आगे बढ़ेगा। जब यहां राज्य में और केंद्र में, दोनों ही जगहों पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार होगी, तब ये सपना पूरा होगा । जब ‘सबका साथ सबका विकास’ होगा, तभी ओडिशा मजबूत होगा, पूर्वी भारत मजबूत होगा, पूरा भारत मजबूत होगा।
साथियो, मैं आपसे जानना चाहता हूं, आप जवाब देंगे, मैं आपको सवाल करूं, आप जवाब देंगे? क्या चिटफंड में घोटाला करने वाले, गरीबों की पाई-पाई अपनी तिजोरी में भरने वाले, ओडिशा को मजबूत बना पाएंगे, ओडिशा को मजबूती दे पाएंगे? ओडिशा का भला कर पाएंगे? क्या आदिवासियों की संपदा, आपके संसाधनों पर, कोरापुट, रायगढ़, यहां के तमाम आदिवासी अंचलों में खनन माफिया को बढ़ावा देने वाले, ऐसे लोग ओडिशा को मजबूत बना सकते हैं क्या? आपका उन पर रत्ती पर भी भरोसा है क्या? क्या जिनके राज में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, बेटियों पर अत्याचार करने वालों को सजा देने में जो नाकाम रहे हैं, ऐसे लोग ओडिशा को सुरक्षित और मजबूत बना पाएंगे क्या? माताओं-बहनों को रक्षा दे पाएंगे क्या ? गुनहगारों को सजा करवा पाएंगे क्या?

मुझे आपका जवाब पता है जो आप दे रहे हैं, यही जवाब आएगा, ये मैं भली-भांति जानता हूं, क्योंकि आपने ये दर्द झेला है, ये मुसीबत झेली है, ये आपके दिल की आवाज है। अब ये दिल की आवाज मतदान के दिन कमल के निशान पर बटन दबा कर के निकलनी चाहिए। निकलेगी ना?

साथियो, आपके काम पूरे होने चाहिए कि नहीं होने चाहिए, आप बताइए, कौन कर सकता है? आपका चौकीदार करेगा कि नहीं करेगा? ये आपका चौकीदार कर सकता है कि नहीं कर सकता है? अगर हिंदुस्तान में कर सकता है तो ओडिशा में क्यों नहीं कर सकता, भाइयो-बहनो, एक बार मौका तो देकर देखो।

साथियो, जब हम और आप चौकस होकर चौकीदारी करेंगे, तभी भ्रष्टाचारी और अत्याचारी डरेंगे। आपके इस काम के लिए, आपके इस अभियान के लिए, आपका ये चौकीदार आपके साथ है। भाइयो और बहनो, ओडिशा में प्रकृति ने कोई कमी नहीं छोड़ी है, संपदा ही संपदा बिखेरी है और जब मैं गुजरात में काम करता था तो मैं हमेशा प्रार्थना करता था, हे भगवान जगन्नाथ, जो ओडिशा के पास है, अरे, एक मुट्ठी मुझे दे दो, मैं गुजरात को कहां से कहां ले जाऊंगा- ऐसा मैं सोचता था। इतनी ताकत ओडिशा के पास पड़ी है। यहां प्राचीन मंदिर हैं, सुंदर झरने हैं, घने जंगल है, विश्व प्रसिद्ध तालाब हैं, समुद्री तट हैं, पर्यटन की असीम संभावना है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के अनेक अवसर हैं। ओडिशा प्राकृतिक संपदा से अमीर है, लेकिन यहां के लोग गरीब हैं और ये कांग्रेस और BJD की सरकारों की नाकामी का जीता-जागता सबूत है।

साथियो, बीते 7 दशकों में जिन्होंने यहां सरकारें चलाई हैं, उन्होंने ओडिशा को गरीबी और भुखमरी के अलावा कुछ भी नहीं दिया। गरीबों और आदिवासियों के नाम पर योजनाएं बनती हैं, लेकिन फिर बिचौलिए और दलाल उसका फायदा लूट लेते हैं और असली लाभार्थी बेचारा सिर पकड़ के रोता रहता है। यही इनकी योजनाओं का हाल रहा है। स्वतंत्रता सेनानी शहीद लक्ष्मण नायक के गांव में सुविधाओं का क्या हाल है, ये मुझसे ज्यादा आप अच्छी तरह जानते हैं। संसाधनों से समृद्ध भारत का एक क्षेत्र विकास में बहुत पीछे रह गया। स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जो रवैया रहा है, वो भी आप भली- भांति जानते हो। कोरापुट में तो ऐसी घटनाएं भी देश ने देखी हैं कि इलाज तो मिला नहीं, मृत्यु के बाद भी अपमानित होना पड़ता है।

साथियो, आपके इस चौकीदार ने इन हालात को बदलने का गंभीर प्रयास किया। हम देश भर की बड़ी पंचायतों में अस्पताल खोलने पर काम कर रहे हैं, देश भर में डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। गांव-गांव में बच्चों और प्रसूता माताओं को टीके लगाने का काम जोरों पर चल रहा है। भाइयो और बहनो, सारे देश में हो रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से ओडिशा के गरीब-आदिवासी परिवारों को हमारे इन प्रयासों का लाभ नहीं हो पा रहा है, क्योंकि यहां पर मेरे साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है।

साथियो, आज दुनिया आयुष्मान भारत की चर्चा कर रही है, ये दुनिया भर में गरीबों को मुफ्त इलाज देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। देश भर के लगभग 50 करोड़ गरीबों को इसके तहत हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित हुआ है। उत्तर प्रदेश हो, झारखंड हो, बिहार हो, महाराष्ट्र हो, तमिलनाडु हो, देश भर के 17 लाख गरीब मरीजों को इतने कम समय में इसका लाभ मिला है, इलाज हो चुका है, लेकिन 17 लाख लोगों में भी मेरे ओडिशा का एक भी गरीब नहीं है, एक भी मरीज नहीं है। आपको लगेगा, मोदी ने अन्याय किया, जी नहीं, ऐसा क्यों हुआ? इसके पीछे यहां की सरकार जिम्मेवार है। इस योजना के शुरू होने से पहले से मैं यहां की सरकार को आग्रह कर रहा हूं, प्रार्थना कर रहा हूं कि आयुष्मान योजना से जुड़ जाइए, लेकिन पता नहीं उनको आपकी परवाह नहीं है या उनका कुछ और गणित है, ये मानने के लिए तैयार ही नहीं, इस योजना से जुड़ ही नहीं रहे हैं।

साथियो, अगर ओडिशा की सरकार इसमें शामिल हो जाती तो सिर्फ ओडिशा ही नहीं, बल्कि देश के किसी दूसरे राज्य के अस्पतालों में भी यहां के मेरे गरीब साथी को मुफ्त इलाज मिल जाता। मान लीजिए, ओडिशा का कोई नागरिक दिल्ली गया, वहां काम कर रहा है, वहां बीमार हो गया तो अगर आयुष्मान योजना है तो उसकी वहां के बड़े-बड़े अस्पताल भी उसकी सेवा करेंगे, अगर वो सूरत में गया है और वो सूरत में नौकरी कर रहा है, वहां कुछ हो गया, हार्ट-अटैक आ गया तो वहां पर आयुष्मान योजना होगी तो लाभ मिलेगा। अगर कोलकाता गया है, वहां काम कर रहा है तो वहां भी उसे आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन ये यहां की सरकार समझने को ही तैयार नहीं है, क्योंकि गरीबों के प्रति उसे संवेदना नहीं है, गरीब कैसे जी रहा है, वो कभी घर के बाहर जा कर के इस सरकार को देखने की फुर्सत नहीं है भाइयो।

साथियो, जो खेल इन्होंने आपके स्वास्थ्य के साथ किया है, वही खेल किसानों के साथ भी कर रहे हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के जिन 12 करोड़ किसान परिवारों को हम सीधी मदद बैंक खाते में दे रहे हैं, हर वर्ष 75 हजार करोड़ रुपए बैंक खाते में 12 करोड़ किसान परिवारों को पहुंचने वाले हैं। उनमें से एक भी, एक भी ओडिशा का किसान नहीं है, देश के किसानों को लाभ मिल रहा है, लेकिन ओडिशा के किसानों के सामने यहां की सरकार राजनीतिक कारणों से दीवार बन के खड़ी हो गयी है, क्योंकि यहां की सरकार ने जो किसान लाभार्थी हैं, उनकी भी सूची देने की उनको फुर्सत नहीं है। इतना ही नहीं खुद जो किसानों की मदद का वादा किया था, उस योजना का हाल क्या है, ये आप सभी देख ही रहे हैं। हाल में मीडिया में आया था कि किसानों के नाम पर यहां फर्जी लोगों को मदद देने का एक बहुत बड़ा सिलसिला चल पड़ा है, ये खेल अब बंद होने का समय आ गया है।

साथियो, यहां की सरकार कैसे काम कर रही है, इसका एक और उदाहरण आपको मैं देना चाहता हूं। आपके इस चौकीदार ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए एक और नई व्यवस्था की शुरुआत की है। यहां से जो खनिज निकलता है, उसका एक हिस्सा यहां ही विकास में लगाना सुनिश्चित किया है। आप यहां से सब ले जाओ, ये मोदी के राज में नहीं चलेगा। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड में उसके कारण ओडिशा को लगभग साढ़े 6 हजार करोड़ रुपए, साढ़े 6 हजार करोड़ छोटा आकड़ा नहीं है, लेकिन यहां की सरकार ने साढ़े 6 हज़ार करोड़ रुपए में से गरीब आदिवासियों की भलाई के लिए सिर्फ एक हजार करोड़ रुपए खर्च किया, साढ़े 5 हजार करोड़ रुपए ऐसे ही सड़ रहे हैं। मैं फिर आपसे पूछूंगा, क्या ऐसी सरकार जो आपके पैसों को तिजोरी में बंद कर के बैठ गयी है, ऐसी सरकार को जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए? पूरी ताकत से बताओ, जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए? निकालना चाहिए कि नहीं निकालना चाहिए? भगाना चाहिए कि नहीं भगाना चाहिए? हराना चाहिए कि नहीं हराना चाहिए? क्या ओडिशा में परिवर्तन होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, अब उन्हें विदा करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए?

साथियो, मैं मानता हूं कि ओडिशा की वर्तमान सरकार ने आपके हितों की परवाह की होती, आपके जीवन को आसान बनाने को प्राथमिकता दी होती तो विकास के और ज्यादा कार्य यहां हुए होते। जिस तरह आज एनडीए के नेतृत्व वाली सरकारों में उत्तर प्रदेश में, बिहार में, उत्तर-पूर्व के राज्य में, अनेक राज्यों में अनेक कार्य हो रहे हैं, तेज गति से हो रहे हैं, जनता की भलाई के लिए हो रहे हैं। वो सारे कार्य तेज गति से यहां भी होते, अगर ओडिशा में भाजपा की सरकार होती। मुझे विश्वास है कि इस बार विधानसभा के चुनाव में आप इस कमी को पूरा करेंगे।

साथियो, यहां जो लोग सरकार में बैठे हैं, उन्होंने जनता को Taken For Granted मान लिया है, उनको तो लगता है जनता हमारी जेब में है। जब तक उनको झटका नहीं देंगे, ये लोग सुधरने वाले नहीं हैं, मानने वाले नहीं हैं। इसीलिए मैं आपको फिर याद दिला दूं। ओडिशा के लोगों को इस बार केंद्र और राज्य में विकास का डबल इंजन लगाने वाली सरकार को वोट देना है।

भाजपा सरकारों का डबल इंजन ओडिशा को और तेजी से आगे ले जाएगा और इससे देश भी आगे बढ़ेगा। भगवान जगन्नाथ और आपका आशीर्वाद मुझ पर और मेरे साथियों पर बना रहे, इसी कामना के साथ मैं आप सब से आग्रह करूंगा, मेरे साथ बोलें जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ।

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