This ‘Chowkidar’(PM Modi) has worked tirelessly over the last five years to enhance India’s global position on the world stage: PM Modi
UN’s listing of Masood Azhar as a global terrorist shows India’s efforts against terrorism were now being recognised and supported internationally: PM Modi
The track-record of the Congress shows it is not committed on fulfilling its promises, rather it is only interested in gaining political leverage from them: PM Modi

सब लोग बैठिए भैया, आप सब बैठिए, बैठिए।
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
यहां जयपुर ग्रामीण और दौसा से भी भारी संख्या में आप सब पधारे हैं। मैं आप सभी का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। गुलाबी नगरी का माहौल हमेशा देश का माहौल बताता है, और देश का माहौल क्या है? जब मैं मंच पे आया, आपने जिस प्रकार से रोशनी की ऐसा लग रहा था ये चुनाव सभा है की विजय सभा है।
भारत माता की...जय।

साथियो, मां भारती की आन, बान, शान। मां भारती के लिए यही भक्ति यही जुनून है जो इस वीर धरा को और अद्भुत बनाता है।

साथियो, आज मैं आपके बीच नए भारत के नए सपनों को पूरा करने के लिए आदेश मांगने आया हूं, आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं।
भाइयो और बहनो, बीते 5 वर्ष में, दुनिया में भारत के आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को बढ़ाने में इस चौकीदार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पूरी निष्ठा से काम किया, श्रम किया और मैंने एक बार लाल किले से कहा था, देशवासियों से कहा था की अगर आप 11 घंटे काम करेंगे तो मैं 12 घंटे काम करूंगा। अगर आप 13 घंटे काम करेंगे तो मैं 14 घंटे काम करूंगा। जयपुर के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, क्या मैंने मेरा वादा निभाया? मैंने मेहनत करने में कोई कमी रखी है? आपको जैसा मैंने कहा था वैसा ही करने के लिए मैंने पूरी कोशिश की है, मैं राजस्थान की कसौटी पर खरा उतर रहा हूं?

याद करिए 2014 से पहले देश में क्या चर्चा होती थी, घरों के ड्राइंग रूम में, किचन में, ऑफिस में लंच के दौरान, बसों में, क्या बातें होती थीं? और ये याद करना बहुत जरूरी है। मुझे लाने से पहले भारत में जो रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थी उस समय क्या हाल था, उस समय आपकी चर्चाएं क्या थी? ये आपको याद करना बहुत जरूरी है। क्या आप लोग मिलकर के चर्चा नहीं करते थे की आए दिन बम धमाके होते हैं, इंसान की जान की कद्र कब होगी? ये बात होती थी कि नहीं होती थी? मैं यहां भाषण देने नहीं आया हूं, मैं तो आपका आशीर्वाद लेने आया हूं। आप मुझे बताइये मैं जो बोल रहा हूं वो चर्चा होती थी कि नहीं होती थी? लोग कहते थे, छोटे-छोटे देश कार्रवाई करते हैं, भारत कब जागेगा? ये बात होती थी कि नहीं होती थी? ये जो घोटाला हुआ है, ये वाला कितने लाख का हुआ है? कितने करोड़ का हुआ है? इस घोटाले में कौन-कौन से नेता और उसका बेटा-बेटी किसकी शामिल हैं? हर साल देश में कोई न कोई घोटाला क्यों हो रहा है? ये बात होती थी की नहीं होती थी? जुबां पे इसकी चर्चा थी कि नहीं थी? महंगाई इतनी क्यों हैं? महंगाई डायन है कि खाए जात है? क्या सारा टैक्स हम ही से वसूल लेगी क्या सरकार? मिडिल क्लास की सरकार को तो परवाह ही नहीं है।

साथियो, ये सवाल आप लोगों के बीच में चलते थे कि नहीं चलते थे? पांच साल पहले आप ये बातें करते थे कि नहीं करते थे? वो घोर निराशा के दिन थे, आशा की किरण तक दिखती नहीं थी। लेकिन आज भाजपा की सरकार में देश में किन बातों की चर्चा होती है, क्या सवाल उठते हैं? 14 की तुलना में याद करना होगा आपको, आज भी ड्राइंग रूम में, बस में, रेल में, दुकान में, ऑफिस में, बातें आज भी होती हैं। देश और दुनिया की होती है, तब क्या होता था, आज क्या होता है? आज चर्चा ये होती है की उस शहर में 6 लेन का हाईवे बन गया, हमारे शहर में कब बनेगा? ऐसी बात होती है कि नहीं होती है? उस जिले में मेडिकल कॉलेज इतना अच्छा हो गया, हमारे जिले में कब होगा? ये बात होती है कि नहीं होती है? वो शहर तो एयर कनेक्टिविटी से जुड़ गया, हमारा शहर कब जुड़ेगा ये बात होती है कि नहीं होती है? उस शहर में तो उड़ान योजना के तहत फ्लाइटें भी आने लग पड़ीं, हमारे शहर में ऐसा कब होगा? उस शहर का रेलवे स्टेशन तो इतना शानदार हो गया है, हमारे शहर का कब होगा? उस शहर के लिए तो नई-नई ट्रेनें जाती हैं, क्या शानदार कोच होते हैं, लेकिन हमारे शहर ऐसी ट्रेन कब आएगी? उसे तो पीएम आवास के तहत घर मिल गया, हमें क्या अगले 8-10 महीने में मिल जाएगा क्या? मैं ये बातें इसीलिए कह रहा हूं, इन सारे सवालों में शिकायत नहीं है, विश्वास का भाव होता है। ये भरोसा होता है की कुछ दिन के इंतजार के बाद ही सही, मोदी हमारे लिए भी करेगा। आज लोग यह नहीं पूछ रहे हैं की क्यों नहीं हुआ? आज लोग आशा और उम्मीद के साथ ये कहते हैं की कब होगा? यानी उसको पूरा भरोसा है होने वाला है। वो इतना ही कहता है कब होगा, हमारी बारी कब आएगी? निराशा से आशा की तरफ बढ़ता ये नया भारत और यही हमारी ऊर्जा है, यही हमारी शक्ति का स्रोत है।

भाइयो और बहनो, इस नए भारत के निर्माण का नेतृत्व आज के नौजवान कर रहे हैं। वो आज नए भारत के निर्माण के लिए इस चौकीदार के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। इस भावना को सिर्फ अपने ही परिवार और अपने ही वंश को सर्वोपरि मानने वाले समझ ही नहीं पा रहे, इसलिए वे जमीन से कट गए हैं। उनको समझ ही नहीं आ रहा है की देश चाहता क्या है? वो सिर्फ मोदी को गाली देने में जुटे हुए हैं। रोज सुबह डिक्शनरी लेके बैठे जाते हैं की आज कौन सी नई गाली निकालें, यही चल रहा है ना?

साथियो, 2014 में आपके वोट से देश में एक परिवार ने 55 साल जो तबाही लाकर के रखी थी। जीवन के हर क्षेत्र में खाई थी, गड्ढे थे। मैंने 55 महीने उस परिवार के 55 साल के गड्ढे भरने में खपा दिए। ये काम मैं कर पाया आपके वोट से। अबकी बार...मोदी सरकार, अबकी बार आपके वोट से विकास का हाईवे बनाने का अवसर है। 2014 में आपके वोट से डेढ़ करोड़ से ज्यादा परिवारों को अपना खुद का पक्का घर मिला। अबकी बार आपके वोट से देश के हर गरीब परिवार को अपना पक्का घर मिलेगा, एक भी बेघर नहीं रहेगा ये सपना, यानी एक तरह से देखे तो आपका वोट मोदी के खाते में जाएगा और हर बेघर का आशीर्वाद आपके खाते में आएगा। भाइयो और बहनो, 2014 में आपके वोट से 7 करोड़ से अधिक गरीब बहनों को चूल्हे पर गैस का कनेक्शन मिला। अबकी बार आपके वोट से हिंदुस्तान के सभी घरों में गैस का कनेक्शन पहुंचेगा। सोचिए, मोदी के खाते में डाला गया आपका एक वोट, आपको उस मां-बहन से भी आशीर्वाद दिलवाएगा, जिसे उज्जवला के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है।

साथियो, 2014 में आपके वोट से हमारे सशस्त्र बलों को सम्मान मिला, वन रैंक-वन पेंशन का वादा पूरा हुआ, राफेल जैसा लड़ाकू विमान मिलना तय हुआ। अबकी बार आपका वोट हमारे सशस्त्र बलों को और आधुनिक बनाएगा, आपको वीर-सपूतों को जन्म देने वाली माताओं का आशीर्वाद दिलाएगा। भाइयो और बहनो, 2014 में आपके वोट से देश के सभी गांवों में बिजली पहुंची, अबकी बार आपके वोट से देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का काम पूरा होगा। उस नई रोशनी में पढ़कर जो बच्चा आगे बढ़ेगा, जीवन में कुछ बनेगा, वो जीवन भर आपका धन्यवाद करेगा।

साथियो, 2014 में आपके वोट से किसानों की आय में बढ़ोतरी सुनिश्चित हुई, अबकी बार आपके वोट से 2022 तक किसानों की आय डबल होगी, दोगुनी होगी। 2014 में आपके वोट से छोटे किसानों के बैंक खाते में सीधी मदद का लाभ सुनिश्चित हुआ। अबकी बार आपके वोट से हर छोटे-बड़े किसान परिवार को इसका लाभ मिलेगा। छोटे किसानों को पेंशन की सुविधा मिलेगी और वो किसान भी अन्नदाता आपके लिए आशीर्वाद दाता भी बनेगा।

साथियो, सरकार बदलने का क्या फर्क होता है ये भी मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं। यहां राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी, पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला लेकिन इधर-उधर से मिला कर के बन गई। एक मिलावटी सरकार यहां बन गई। अब यहां पर किस तरह के सवाल उठ रहे हैं, मैंने बताया मेरे आने से पहले क्या सवाल थे और मेरे आने के बाद क्या सवाल थे और आज अभी नई-नई सरकार बनी है, मिलावटी सरकार है। इधर-उधर से कुनबा जोड़ कर के बनी है अब सवाल उठ रहे हैं, लोग सवाल पूछ रहे हैं 10 दिन हो गए, 100 दिन हो गए, कर्जमाफी के वायदे का क्या हुआ? 10 दिन में मुख्यमंत्री बदलने वाले थे, उसका क्या हुआ?

साथियो, कांग्रेस की यही सच्चाई है। झूठ बोलना, फरेब करना और मतदाता को गुमराह करना, यही कांग्रेस का चरित्र है। वो एक बार चुनाव के समय जो पोस्टर छपवा लेती है, उसे कई दशक तक चलाती है।

50-60 साल पहले उसने चुनाव के समय गरीबी हटाओ वाला पोस्टर छपवाया था। आज तक वो उसी पोस्टर से काम चला रही है। हर चुनाव में वही पोस्टर निकालती है, बस नामदार की फोटो बदलती रहती है कभी पुरुष की आवाज कभी महिला की आवाज और गरीबी हटाओ बोलते रहते हैं। ये कर्जमाफी वाला पोस्टर भी कांग्रेस ने 10-15 साल पहले छपवाया था। आप राजस्थान वालों को आज क्या हो गया है भाई। रह-रह कर के जुस्सा आता है, आपको जो चाहिए वो आएगा, आएगा। मैं आपके इस प्यार के लिए आपको नमन करता हूं।


आपका ये उत्साह, जयपुर में बैठे कांग्रेस के नेता और दिल्ली में बैठे कांग्रेस के नेता वो डॉक्टरों को फोन कर रहे हैं, बीपी बढ़ रहा है। ये कर्जमाफी वाला पोस्टर भी कांग्रेस ने 10-15 साल पहले छपवाया था। हर चुनाव से पहले वो ये पोस्टर फिर अलग-अलग राज्यों में चिपका देती है। राजस्थान में भी उसने यही किया।

साथियो, कांग्रेस ने हमेशा किसान को सिर्फ जीतने धोखा दे सकते हैं दिया है, उसने देश के वीर जवानों को भी धोखा दिया है। कांग्रेस की सरकार कमीशन और करप्शन के चक्कर में भारत की रक्षा जरूरतों को भी खतरे में डालती रही है। देश की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस का रवैया कैसा रहा है और भाजपा कैसे काम करती है। उसका गवाह, मई का ये महीना भी रहा है। मई 1998 में पोखरण में, अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने दूसरा परमाणु विस्फोट किया था, पहले परीक्षण के दशकों बाद। अब आप बताइये, कांग्रेस की सरकार को ऐसा करने से किसी ने रोका था क्या? आखिर किसके दबाव में आ गई थी कांग्रेस? भाइयो और बहनो, यही स्थिति अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मारने वाली A-SAT मिसाइल के परीक्षण को लेकर के थी। हमारे वैज्ञानिक कांग्रेस की सरकार से टेस्ट करने की इजाजत मांग रहे लेकिन पूरी सरकार, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थर-थर कांप रही थी, पसीना छूट रहा था। इनको लगता था की अगर दुनिया ने, हमने मिसाइल से सैटेलाइट से गिराया और दुनिया हम पर टूट पड़ी तो हम तो कही के नहीं रहेंगे। जिन लोगों को सत्ता इतनी प्यारी हो, कुर्सी का इतना मोह हो, वो पार्टी कभी भी देश का भला सोच सकती है क्या? सोच सकती है क्या? निर्णय कर सकते हैं क्या, कदम उठा सकते हैं क्या?

लेकिन साथियो, आपके इस चौकीदार ने वैज्ञानिकों को इजाजत दी और आज भारत स्पेस में, अंतरिक्ष में भी सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता रखने वाला दुनिया में चौथा देश बना है। और साथियो, ये जो हमारे मिसाइल ने सैटेलाइट को गिराया है। उस सैटेलाइट की स्पीड एक सेकेंड में 10 किलोमीटर की थी यानी बंदूक की नोक से गोली जिस स्पीड से निकलती है उतनी स्पीड से अंतरिक्ष में सैटेलाइट जा रहा था और मिसाइल धरती से निकली 3 मिनट के भीतर, उस भागती हुई सैटेलाइट को गिरा दिया। ये ताकत अब दुनिया में हिंदुस्तान चौथा देश बन गया है दोस्तों।

साथियो, कांग्रेस की सरकारों का रवैया देश में आतंकवादी हमलों के समय कैसा रहा है, वो भी हमें भूलना नहीं चाहिए। हमारे देश में इतने बम धमाके हुए, यहां जयपुर में भी आप लोगों को आतंकियों ने सीरियल ब्लास्ट करके दहला दिया था। आपको याद है, तब कांग्रेस सरकार ने कोई सख्ती दिखाई थी क्या? आपको याद है कि नहीं है? याद मुझे कराना पड़ रहा है याद इसीलिए नहीं है क्योंकि कांग्रेस ने कभी सख्ती दिखाई नहीं। अब मैं पूछता हूं, आप जवाब देंगे सब लोग? ये मरी पड़ी आवाज से जवाब नहीं देता है राजस्थान ये वीरों की भूमि है। आप जवाब देंगे, मैं जरा पूछता हूं आपको सर्जिकल स्ट्राइक याद है, एयर स्ट्राइक याद है, क्यों याद है?

साथियो, पहले भी सेना इजाजत मांगती थी लेकिन कांग्रेस की सरकार हिम्मत नहीं दिखा पाती थी। जब की देश की सुरक्षा को लेकर हमारी नीति और रीति साफ है और देश को चौकीदार पर भरोसा है। और मैं आज वीरों की भूमि पर आया हूं, बहादुरों की भूमि पर आया हूं। मैं उन माताओं के आशीर्वाद लेकर के कहना चाहता हूं, देश के लिए मर-मिटने वाले इस धरती ने अनेक वीर पुत्र दिए हैं। उन वीर पुत्रों को जन्म देने वाली उन माताओं का स्मरण करते हुए मैं कहता हूं। अब ये नया हिंदुस्तान है, अब देश को जहां से भी खतरा होगा, वहां पर घुसकर के मारेंगे। और अगर वो गोली मारेंगे तो हम गोला मारेंगे। ये होती है दमदार सरकार। ये दम तब आता है जब दिल और दिमाग सिर्फ और सिर्फ भारत के लिए सोचता है, सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के लिए सोचता है।

साथियो, मैं आपसे देश से एक महत्वपूर्ण बात कहना चाहता हूं। भाइयो-बहनो, वैसे राजस्थान की धरती से, ये वीरों की भूमि से मेरा कोई विशेष ही नाता लग रहा है, क्योंकि जब एयर स्ट्राइक हुई, जिस समय देश में, एयर स्ट्राइक हुआ और उसी दिन में चुरू पहुंचा था। चुरू में मेरी जन सभा थी और जब एयर स्ट्राइक की खबर आई तो चुरू वालों को लगा था की पता नहीं मोदी जी अब आएंगे की नहीं आएंगे? लेकिन एयर स्ट्राइक की खबरें हवा में थी और चुरू पाकिस्तान की सीमा पर है मोदी वहां आ धमका था।

आज फिर से राजस्थान की धरती पर वैसी ही कुछ खबरों के साथ आया हूं। अभी-अभी अमेरिका से न्यूयॉर्क से मीडिया रिपोर्ट आ रही है की आज UN ने संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना, कुख्यात आतंकवादी मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगा दिया है। मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित करने पर आखिरकार विश्व में सहमति बनी, ये संतोष का विषय है, देर आए दुरुस्त आए। आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए लंबे समय से भारत जो प्रयास कर रहा था, ये उसकी बहुत बड़ी सफलता है। एक समय था जब देश में ऐसी रिमोट कंट्रोल वाली सरकार थी जिसमें प्रधानमंत्री तक की आवाज सरकार में भी कोई नहीं सुनता था और आज देश ने देखा है की यूनाइटेड नेशन में क्या हुआ? कैसे 130 करोड़ जनता की आवाज पूरे विश्व में दहाड़ रही है। ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार आज भारत की बात पूरी दुनिया में सुनी जाती है। भारत की बात को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है यह बात आज साबित हो गई है। और, मैं डंके की चोट पर ये कहना चाहता हूं की ये तो सिर्फ शुरुआत है। आगे-आगे देखिए, होता क्या है।

साथियो, बीते दिनों में आपने देखा है किस प्रकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का निरंतर सफाया किया जा रहा है। एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह किया है। उससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक कर के आतंकियों और उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है। उसके बाद आज ही की हमारी बहुत बड़ी कूटनीतिज्ञ विजय भी आज देश देख रहा है। इन सब को जोड़ कर देखें तो विश्व में जो आज भारत की ताकत बनी है वो 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक शक्ति का परिणाम है। मैं देश को याद दिलाना चाहता हूं की जब यह काम चल रहा था तब नामदार ट्वीट कर कर के बड़ी खुशी में मनाते थे, ये पूरा वर्ग बहुत खुश था और मोदी का मजाक उड़ाते थे। आज इतने दिनों से मजाक उड़ाने वालों को मैं कहना चाहता हूं की यह सिर्फ मोदी की सफलता नहीं है यह पूरे हिंदुस्तान की सफलता है, 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की सफलता है। मैं आशा रखता हूं वे आज भी खुशी मनाएंगे, आज भारत के लिए, हर भारतीय के लिए, चाहे वो किसी भी विचारधारा का हो, किसी भी धर्म का हो, किसी भी क्षेत्र का हो सबके लिए आज बेहद गर्व का दिन है। आज देश के लिए आत्मविश्वास का जो माहौल बना है। मेरी हाथ जोड़ कर प्रार्थना है की कोई भी राजनीतिक दल इस माहौल में, ऐसे उत्साह के माहौल में ऐसे आत्मविश्वाश के माहौल में, कृपा कर के मिलावट न करें।

भाइयो और बहनो, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में विश्व समुदाय भारत के साथ खड़ा रहा इसके लिए मैं 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से, हर मानवतावादी की तरफ से, विश्व समुदाय का आभार व्यक्त करता हूं।

साथियो, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से पूरे विश्व को भी भारत की 40 साल से जो मुसीबत झेल रहे हैं, जो हम बार-बार कह रहे थे उस सच्चाई का अब उन्हें एहसास हुआ है। इसके साथ-साथ पाकिस्तान में भी एक छोटा समूह जो सच्चे अर्थ में पाकिस्तान का उज्जवल भविष्य चाहता है वो भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खुल कर आतंकवाद के खिलाफ बोलने लगा है। पकिस्तान का एक वर्ग अपने देश में खुले आम घूमते आतंकियों के खिलाफ, आतंकियों को ट्रेनिंग के खिलाफ अपने युवाओं की बर्बादी के खिलाफ आवाज उठाने लगा है। पाक की आतंकी दृष्टि के खिलाफ अब उसके जागरूक नागरिक ही आवाज उठाने लगे हैं, एयर स्ट्राइक के बाद ये आवाज और मुखर हुई है। आज संयुक्त राष्ट्र के निर्णय के बाद पाक के जागरूक नागरिक वहां की सरकार पर और दबाव बनाएंगे ये मैं अनुभव कर रहा हूं।

भाइयो-बहनो, वैश्विक स्तर पर चुनौतियों का सामना करने का साथ ही हमें यहां देश में भी एक भगीरथ कार्य पूरा करना है। ये काम है पानी को लेकर दुनिया की आधुनिक से आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग पानी के लिए हम करने वाले हैं। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय, एक अलग मंत्रालय बनाया जाएगा। नदियों का पानी हो, समंदर का पानी हो, बारिश का पानी हो, प्यासे गांवों तक इस पानी को पीने लायक बना कर के पहुंचाने का मिशन चलाया जाएगा। जितने भी हमारे बांध आज सूखे पड़े हैं, इसको पुनर्जीवित करने के लिए एक ईमानदार प्रयास हम करने वाले हैं।
साथियो, और मैंने पिछली बार राजस्थान आया था मैंने कहा था, की सिंधु नदी के संबंध में पानी की संबंध में पाकिस्तान के साथ जो समझौता हुआ और दिल्ली में सरकारें सोती रही और पानी हमारे हक का पानी पाकिस्तान में जाता रहा अब एक बूंद पानी नहीं जाने दूंगा। जिस पानी पर हिंदुस्तान के किसान का हक है वो पानी अब पाकिस्तान नहीं जाएगा।

साथियो, इन सारे संकल्पों की पूर्ति के लिए, आप चाहते हैं ये सब हो, आप चाहते हैं आतंकवाद खत्म हो, आप चाहते हैं देश आगे बढ़े, आप चाहते है देश में ईमानदारी आए, आप चाहते है बेईमान जेल जाएं? तो फिर एक काम करना पड़ेगा, करेंगे? घर-घर जाएंगे, हर पोलिंग बूथ में जाएंगे, मतदाताओं से मिलेंगे, मतदाताओं को समझाएंगे, चुनाव के दिन गर्मी हो तो भी वोट करवाएंगे? कमल के फूल के सामने बटन दबवाएंगे? कमल के फूल को वोट मिलेगा?

भाइयो बहनो कमल के फूल के सामने बटन दबाओगे तो ये आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा।

भाइयो बहनो, मैंने राजस्थान का मिजाज पिछली बार आया था देख लिया था, कांग्रेस का बचना मुश्किल है। अरे! जो अपने बेटे को भी नहीं बचा पाएंगे वो कांग्रेस को क्या बचा पाएंगे। फिर एक बार आपका ये उत्साह, उमंग, जोश मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
भारत माता की...जय
बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।