The affection of people energizes me to work dedicatedly towards welfare of all: PM Modi
In the last four years, an environment of hope and trust has been developed among people: PM Modi
The nation is moving from anarchy to good governance, from black money (Kala Dhan) to Jan Dhan: PM Modi
The President, Vice President and the Pradhan Sevak have had humble beginnings and that is why the NDA Government is committed to serving the people of the country: PM
BJP is now the single largest party having its presence from Panchayat to Parliament: PM Modi
With Saaf Niyat and Sahi Vikas, the work being done by the NDA Government is enhancing India’s stand on the world stage: PM Modi
NDA Government is about unwavering commitment, not confusion: PM Modi
What the Congress gave to the country in the last 48 years is corruption and scams: PM Modi
Our stress is on creating next generation infrastructure and hence we are focussing on initiatives like Bharatmala and Sagarmala: PM Modi
From North-East to Jammu and Kashmir, our Government is devoted to build Ek Bharat, Shrestha Bharat: PM Modi
Odisha government misled farmers of the state on Mahanadi waters; BJP is committed to address their problems: PM Modi

जय जगन्नाथ। जय जगन्नाथ। जग जगन्नाथ।

मेरा सौभाग्य है कि आज एनडीए सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर इस विशेष आयोजन में मुझे ओडिशा की इस महान धरती पर आने का अवसर मिला है। मैं ओडिशा भारतीय जनता पार्टी का अभिनंदन करता हूं। और मेरा सौभाग्य है कि भगवान जगन्नाथ की धरती से, जो भगवान जगन्नाथ गरीबों के देवता हैं। उस भगवान जगन्नाथ जी की धरती से मेरे देश के सवा सौ करोड़ देशवासियों को आज प्रणाम करने का अवसर मिला है।

साथियो।

इसी माटी के उत्कल गौरव मधुबाबू उत्कल ट्रेजरी की शुरुआत की थी। कटक का तार काशी ओडिशा की सूक्ष्मकला का एक प्रतीक है। कटक शहर देश के अनेक स्वतंत्रता सैनानियों और महान व्यक्तियों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रहा है। भारत के मुक्ति संग्राम महान सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्म भी इसी पवित्र धरती पर हुआ था। कर्मवीर गौरीशंकर राय, उत्कलमणि गोपबंधु दास ...। ये कैमरा करने वाले हटेंगे तो वो लोग शांत होंगे भाई।

भारत माता की जय। भारत माता की जय।

उत्कल केसरी डॉक्टर हरे कृष्ण मेहताब, बादमी विश्वनाथकर, भक्तकवि मधुसूदन राव, उत्कल रत्न राधानाथ रत्न, मां रमा देवी जैसे महान व्यक्तियों, अनगिनत महान विभूतियां ...। आज जब मैं भगवान जगन्नाथ की धरती पर आया हूं। मैं सभी महापुरुषों को शीश झुकाकरके नमन करता हूं। ये धरती विशेष है। यहां का कण-कण कुछ करने का हौसला देता है। यहां लिया हुआ संकल्प, शुरू किया हुआ अभियान कभी भी विफल नहीं जाता है।

भाइयो और बहनो।

आपका ये स्नेह, आपका ये आशीर्वाद, आपकी आशाएं, आपकी आकांक्षाएं, यही..., यही मेरी ऊर्जा है। यही मुझे दौड़ने की ताकत देती है। ऐसी भयंकर गर्मी के बीच जब आपकी आंखों में जब ये चमक देखता हूं, ये भरोसा देखता हूं, ये आत्मविश्वास देखता हूं तो मेरा विश्वास भी और मजबूत हो जाता है।

साथियो।

इन चार वर्षों में देश के सवा सौ करोड़ लोगों में ये भरोसा पैदा किया है कि हालत बदल सकते हैं, स्थितियां बदल सकती है, हमारा हिन्दुस्तान बदल सकता है। आज स्थितियां बदली है। आज देश निराशा से आशा की ओर, ठहराव से निरंतरता की ओर, अव्यवस्था से व्यवस्था की ओर, कुशासन से सुशासन की ओर, काले धन से जन धन की ओर, हमारा देश तेज गति से बढ़ रहा है। राष्ट्र निर्माण के लिए हो रहा ये परिवर्तन ही, न्यू इंडिया का आधार है।

आज देश के लोगों को भरोसा है कि दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार कमाख्या, कन्या कुमारी, कश्मीर, कटक से लेकर बलिया, बीदर, बाड़मेर तक सबका साथ, सबका विकास इस मंत्र पर चलते हुए जन-जन के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। ये वो एनडीए सरकार है जिसके लिए गरीबों का पसीना गंगा यमुना नर्मदा कावेरी महानदी जल से जल की तरह हमारे लिए गरीब का पसीना भी पवित्र है। ये वो एनडीए सरकार है जिसमें बैठे लोग गरीबी जीकरके आए हैं। गरीब का दुख सहते हुए आगे बढ़े हैं। इसलिए गरीब की चिंता, गरीब का कल्याण, उनका सबसे बड़ा कमिटमेंट है, कर्तव्य है। ये वो एनडीए सरकार है जिसने पहली बार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानसेवक, तीनों का ही बचपन एक-एक पैसे की कीमत भली भांति समझते हुए बीता है। जिन्होंने बचपन से ईमानदारी से की गई कमाई का मतलब समझा है।

भाइयो बहनो।

चांदी के चमच को और सोने चांदी की चमच की कहावत ...। अरे कहावत छोड़िए ...। हमलोगों ने तो बचपन ऐसे बिताया है जहां हमने चमच तक नहीं देखा है।

 

साथियो।

इन सालों में एक के बाद एक देश के कई राज्यों के लोगों ने हमारे काम पर मोहर लगाई, जनादेश दिया है। जनता के इस आशीर्वाद से ये साफ है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार सही रास्ते पर है। हमने जनता का विश्वास और जनता का मत दोनों जीता है। बीते चार वर्ष में 5 राज्यों में से बढ़करके आज 20 राज्यों में हमारी सरकारें बनी है। आपके आशीर्वाद से बनी है। आपके विश्वास से बनी है। आज देशभर में बीजेपी के 1500 से अधिक चुने हुए विधायक हैं। यहां उड़ीसा समेत देश के अनेक स्थानीय निकायों में हमारे हजारों जन प्रतिनिधि आज जनसेवा में जुटे हुए हैं। पिछले 4 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी सही मायने में पंचायत से पार्लियामेंट तक एक विशाल पार्टी बन चुकी है।

भाइयो बहनो।

हमें जो जनता का आशीर्वाद मिल रहा है। ये केवल हमारे दल या किसी नेता की जीत नहीं है बल्कि जनता की विकास और विश्वास की जीत है। ये उन माताओं का आशीर्वाद है जिनको उज्ज्वला योजना ने धुएं की जिंदगी से मुक्ति दिलाई है। ये उन बेटियों की मुस्कान है जिनकी सुरक्षा और पढ़ाई को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहिम ने प्राथमिकता दी है। ये उन युवाओं का उत्साह है जिनके सपने मुद्रा योजना और स्किल इंडिया ने पूरे किए हैं। ये उन अन्न दाताओं किसानों का आशीर्वाद है जिनको फसल बीमा, सिंचाई और खेती में लागत से डेढ़ गुणा कीमत सुनिश्चित की है।

भाइयो बहनो।

4 वर्ष पूर्व भारत की जनता के इरादे पूरे विश्व में उसी समय गूंज उठे थे जब तीन दशक के बाद, 30 साल के बाद, उसने पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई। पूर्ण बहुमत वाली सरकार अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकरके जिस तरह काम कर रही है, जिस तरह के फैसले ले रही है, साफ नियत के साथ सही विकास कर रही है। उसने दुनिया में देश की साख को और ऊंचा किया है। न हम कड़े फैसले लेने से डरते हैं और न ही हम बड़े फैसले लेने से चूकते हैं।

भाइयो बहनो।

जब देश में कन्फ्यूजन नहीं कमिटमेंट वाली सरकार चलती है तभी सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले लेने की ताकत रखते हैं। जब देश में कन्फ्यूजन नहीं कमिटमेंट वाली सरकार चलती है तभी वन रैंक वन पेंशन का दशकों दशकों पुराना वादा पूरा करने में सक्षम होते हैं। जब देश में कन्फ्यूजन नहीं कमिटमेंट वाली सरकार चलती है तभी दशकों से अटका हुआ बेनामी संपत्ति कानून लागू होता है। दुश्मन की संपत्ति जब्त करने वाला शत्रु संपत्ति कानून लागू करने में सफल होते हैं। जब नीतियों से जानबूझकर कन्फ्यूजन नहीं फैलाया जाता है, जब कमिटमेंट वाली सरकार चलती है तब बैंकों से कर्ज लेकर न लौटाने वाली कंपनियों को भी अपनी तिजोरियां खोलनी पड़ती है। और देश को उसका पाई-पाई वापस देने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

जब व्यवस्था में कन्फ्यूजन नहीं कमिटमेंट वाली सरकार चलती है, पारदर्शिता पर जोर दिया जाता है। तब जन-धन बैंक खाते, आधार और मोबाइल ...। जेएएम। जन-धन, आधार, मोबाइल फोन की त्रिवीर शक्ति से 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा गलत हाथों में जाने से, ये रुपए भारत की जनता के बच जाते हैं। जब जनता के बीच कन्फ्यूजन नहीं फैलाया जाता है, जब कमिटमेंट वाली सरकार चलती है तब देश का राजकोषीय घाटा कम करने का प्रयास सफल होता है।

भाइयो बहनो।

सत्ता के लिए देश को भ्रमित करने वाले, देश से झूठ बोलने वाले, न काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं और न ही देश को टैक्स के जाल से मुक्ति दिलाने का काम कर सकते हैं। काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस लड़ाई का कमिटमेंट लेकर हमारी सरकार चल रही है। उसने किस तरह कट्टर दुश्मनों को भी दोस्त बना दिया है। ये भी देश के सवा सौ करोड़ लोग भलीभांति समझते हैं। ये सारा खेल देश देखता है, जनता सब कुछ जानती है। पिछले चार वर्षों में जांच एजेंसियों के द्वारा करीब 3 हजार छापे मारे गए। सिर्फ इन छापों से 53 हजार करोड़ अघोषित आय का पता चला है। एजेंसियों द्वारा किए गए 35 हजार से ज्यादा सर्वे में 45 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा अघोषित आय का भी पता चला है। बेनामी संपत्ति कानून लागू होने के बाद इतने कम समय में 3500 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। सरकार ने देशभर में 20 से अधिक ऐसी टीमें बनाई है जो सिर्फ बेनामी संपत्ति को खंगालने का काम कर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही जांच की वजह से आज...।

और मेरे देशवासियो।

मैंने आपको वादा किया था। आज, वर्ना ये तो कल्पना थी कि अरे बड़ों को तो कुछ होता ही नहीं, छोटे लोग मरते हैं। आज, इस देश में 4 पूर्व मुख्यमंत्री जेलों में हैं। काले धन के खिलाफ सख्त एसआईटी गठन से लेकर सख्त कानून बनाने और जांच की वजह से जो हड़कंप मचा है। उससे बहुत लोगों को एक मंच पर लाकरके खड़ा कर दिया है। 5000 करोड़ के घोटाले के आरोप में जमानत पर चल रहे लोग हों और या अलग-अलग आरोपों और घोटालों में घिरे हुए लोग हों, ये सारे अब इकट्ठे हो रहे हैं। ये देश को बचाने के लिए नहीं, ये खुद को बचाने के लिए, अपने-अपने परिवारों को बचाने के लिए, अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए एक होकर अस्थिरता पैदा करके उसका फायदा उठाने के फिराक में है। जनता सबकुछ जानती है, उनके इस खेल को भलीभांति जानती है।

भाइयो बहनो।

4 साल पहले देश के सामने जो सवाल थे, जिस तरह का माहौल था। उसे याद करना, बार-बार याद करना आवश्यक है। ये याद रखना जरूरी है कि जिस एक परिवार ने 48 साल देश पर राज किया। उसने देश की कितनी परवाह की। ये याद रखना जरूरी है कि फैमली फर्स्ट, फैमली फर्स्ट के आगे नतमस्तक कांग्रेस के 48 साल में पीढ़ी दर पीढ़ी कैसे एक ही परिवार के लिए सत्ता ही ...। सत्ता के सिवाय कुछ नहीं ...। सत्ता ही सबकुछ रही ...। कौन भूल सकता है लाखों करोड़ों के घोटालों की वो खबरें, देश विदेश में शर्मिंदगी की वजह बनने वाले वो भ्रष्टाचार के कारनामे।  

देश के विकास से ज्यादा अपनी और अपनी टोली के विकास के लिए किसी भी हद तक चले जाने की करतूतें। रिमोर्ट कंट्रोल से संचालित एक प्रधानमंत्री, और इन सबसे भी ज्यादा कैबिनेट और प्रधानमंत्री कार्यालय से बाहर किए जाने वाले फैसले और वो भी मंत्रियों को ईमेल पर निर्देश दिए जाते थे। इन लोगों ने मिलकर देश की साख को कहां से कहां पहुंचा दी थी। देश के लोग ये कभी नहीं भूल सकते हैं।

क्या ऐसे भारत के लिए महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी थी। सरदार पटेल ने देश का राजनीतिक एकीकरण क्या इसलिए किया था। सुभाषचंद्र बोस ने अपने खून की एक-एक बूंद खून देश को समर्पित कर दी थी। चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह ने क्या पिछड़े भारत के लिए, भ्रष्टाचार में डूबी देश की व्यवस्थाओं के लिए बलिदान दिया था। नहीं ...। हरगिज नहीं ...। अगर कांग्रेस और उसके परिवार ने ये समझा होता तो देश इस स्थिति में कभी नहीं पहुंचता जैसे 2014 से पहले था।

गरीब को सिर्फ गरीबी हटाने के नारे दो, मध्यम वर्ग को सिर्फ टूटी-फूटी सड़कें, खस्ताहाल पुल, अस्पताल, जर्जर यातायात व्यवस्था ...। यही फैमिली फर्स्ट पार्टी के राज की सच्चाई रही है।

भाइयो बहनो।

बुनियादी जरूरत की जितनी भी चीजें थी, गरीब के काम आने वाली जितनी बातें थी, उसकी जिंदगी से जुड़ी थी। वो 70 साल में सिर्फ 50 प्रतिशत के आकड़े पर अटककर रह गई थी। सारी सहुलियत कुछ राजनीतिक रसूख वालों को या बिचौलियों को ही मिलती थी। गरीब के पास क्या था। कुछ नहीं था। देश के आधे लोगों के पास गैस कनेक्शन नहीं था। देश के आधे लोगों के पास बिजली कनेक्शन नहीं था। देश के आधे गांव तक सड़कें नहीं थी। देश के आधे से भी अधिक गांवों में स्वच्छता, शौचालय, देश की आधी आबादी के पास बैंक एकाउंट, सबकुछ आधा, अधूरा, अपूर्ण। ये बचा हुआ आधा समाज कौन था ...। ये बचा हुआ आधा समाज कौन था ...। ये समाज था देश का आदिवासी, दलित, गरीब, पीड़ित, शोषित, वंचित। ये दबा हुआ समाज ही व्यवस्थाओं से वंचित था।

 

साथियो।

ये आधी, अधूरी, अपूर्ण व्यवस्था की बड़ी वजह थी वोट बैंक पॉलिटिक्स। जब हम वोट बैंक की पॉलिटिक्स ने कैसे देश को बर्बाद किया, इसकी बात करते हैं तो कुछ लोग इसे सिर्फ साम्प्रदायिक नजरिए से ही देखते हैं। लेकिन इस वोट बैंक का पॉलिटिक्स का घाव उससे भी गहरा रहा है। कुछ राजनीतिक दलों ने नाप-तौलकर ये हिसाब बिठाकरके रखा था कि चुनाव जीतने के लिए कितने लोगों का जोड़-तोड़ करना चाहिए, कहां का पॉकेट बनाकर रखना चाहिए। फिर उसी समूह के लिए, फिर उसी आधार पर सरकार निर्णय करती थी, फायदे पहुंचाती थी। वो सबका साथ, सबका विकास नहीं, वो सिर्फ अपने वोट बैंक के विकास लिए काम करते हैं।

सरकार में बैठे बाकी लोग, ब्यूरोक्रैसी में बैठे लोग फिर इसी आधार पर सरकारी लाभ सेलेक्टेड लोगों तक पहुंचाते रहे। इस स्थिति की वजह से ऐसे राजनीतिक दलों ने कभी नहीं सोचा कि सबके पास शौचालय हो, हर घर में बिजली कनेक्शन हो, हर घर में गैस का चूल्हा हो, हर गांव तक सड़क हो, हर बेघर के पास अपना घर हो। समाज के एक बड़े वर्ग को, गरीब को विकास की मुख्यधारा में लाने की उन्होंने कभी कोशिश नहीं की। इस वर्ग के लिए ये राजनीतिक दल योजनाओं का ऐलान करके भूल जाते थे। उत्तर-पूर्व भी कभी बड़े वोट बैंक का हिस्सा नहीं बना, इसलिए विकास की मुख्यधारा से हमारा उत्तर-पूर्व अलग-थलग पड़ा रहा।

साथियो।

अटकाने, लटकाने और भटकाने वाली कार्य संस्कृति के साथ देश की योजनाओं को पूरा होते-होते, अगर इसी रफ्तार से ये सरकारों ने काम किया, वैसे ही चला तो एक शताब्दी के बाद भी हिन्दुस्तान का हर नागरिक इन सुविधाओं को प्राप्त नहीं कर सकता है। आप उदाहरण देखिए। हमारे उड़ीसा की पारादीप ऑयल रिफाइनरी। इसका तो ये गवाह है। कांग्रेस सरकारों के कार्य करने का तरीका कैसा रहा। अटल जी की सरकार में ये काम शुरू हुआ। ये प्रोजेक्ट अटल जी के समय शुरू हुआ। कांग्रेस सरकारों के दौरान लटकाना, भटकाना। 2014 के बाद, हमारी सरकार का प्रयास था कि उड़ीसा में पारादीप ऑयल रिफाइनरी के काम में तेजी आई। और अब पारादीप विकास का द्वीप बनने की ओर अग्रेसर है।

भाइयो बहनो।

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सरकार देश की व्यवस्थाओं को ऐसी अनेक अपूर्णताओं से बाहर निकालकर पूर्णता की ओर ले जाने का काम कर रही है। आज जब चार वर्ष बाद मैं आपसे और पूरे देश से बात कर रहा हूं तब मैं कह सकता हूं कि हमारी सरकार ...। और ये मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बता रहा हूं, चार साल की तपस्या के बाद बता रहा हूं। और मेरे देशवासियो। मेरी ये बात, मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों के चरणों में समर्पित करके बताता हूं। हमारी सरकार ...। हमारी सरकार किसी जनपथ से नहीं जनमत से चल रही है।

भाइयो और बहनो।

आज देश के संपूर्ण गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है। ये देश के लाखों के श्रमिकों के चार वर्षों के अथक परिश्रमों का परिणाम है कि आज देश के उन 18 हजार से ज्यादा गांवों में भी बिजली पहुंच चुकी है। जो अब भी 18वीं शताब्दी में उस अंधेरे में जीने को मजबूर थे। अब सौभाग्य योजना के तहत लगभग 4 करोड़ घरों में मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है जिससे हर घर में, गरीब से गरीब के घर में बिजली पहुंचेगी।

भाइयो बहनो।

2014 तक देश में करीब-करीब 50 प्रतिशत गांवों तक ही सड़क पहुंच पाई थी। इस साल मार्च तक, ये 4 साल का काम बताता हूं, ये काम 85 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है। और अगले साल तक देश के ग्रामीण इलाकों में संपूर्ण रूप से ग्राम सड़क कनेक्टिविटी हो जाएगी।

भाइयो बहनो।

2014 तक देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या स्वच्छता के दायरे में थी। आज ये प्रतिशत 80 को पार चुका है। कहां 4 साल पहले 40 और कहां 4 साल में 80 पहुंचाना। आजादी से लेकर 2014 तक ...। आजादी से लेकर 2014 तक ...। आप विचार कीजिए। मैं 55, 60, 65 साल का हिसाब बता रहा हूं। 2014 तक देश में 6 करोड़ शौचालय बने थे लेकिन बीते 4 साल में साढ़े सात करोड़ नए शौचालय बनाए गए हैं। और अगले साल जब महात्मा गांधी का 150वीं जन्म जयंती का पर्व मनाएगा। तब उन्हें संपूर्ण स्वच्छता का उपहार देना, संपूर्ण स्वच्छ होकर उन्हें कार्यांजलि देना, इस मकसद को लेकरके आज हम काम कर रहे हैं। इसी तरह जब देश आजाद हुआ। 13 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए। याने 1947 से लेकरके 2014 तक 13 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए। पिछले 4 साल में हमारी सरकार ने 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को नए एलपीजी कनेक्शन दिए हैं। 60-70 साल में 13 करोड़, 4 साल में 10 करोड़।  काम का व्याप, काम की गति, काम की दिशा, इससे आप अंदाज कर सकते हो। गैस कनेक्शन का जो दायरा 2014 से पहले सिर्फ 55 प्रतिशत था। आज वो बढ़करके 80 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है। निश्चित तौर पर उसमें उज्ज्वला योजना की बहुत बड़ी भूमिका रही है। एक मई 2016 को शुरू होने के बाद से अब तक उज्ज्वला योजना के तहत 4 करोड़ महिलाओं के घरों में मुफ्त में गैस कनेक्शन दिया जा चुका है।

मेरे प्यारे भाइयो बहनो।

उसमें उड़ीसा में भी 25 लाख परिवारों को इन माताओ बहनो को धुएं से मुक्ति दिलाने का काम हमने किया है। वो दिन दूर नहीं ...।

भाइयो बहनो।

गरीबों को वोट बैंक के ठेकेदारों के हवाले कर दिया गया था। भलीभांति जानते हैं। ऐसा नहीं होता तो क्यों कांग्रेस को कभी ये नहीं दिखाई दिया कि बैंक के दरवाजे से दुत्कारकर भगाया जा रहा है। क्यों कांग्रेस कभी ये नहीं दिखाई दिया कि गरीब का भी जीवन है। उसे भी जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा की जरूरत है।

भाइयो बहनो।

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट कहती है, 2014 में सिर्फ 53 प्रतिशत भारतीयों के पास ही बैंक एकाउंट थे। अब ये संख्या बढ़कर 80 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है। आज देश के लगभग हर परिवार में कम से कम एक बैंक एकाउंट जरूर है। जन धन योजना के तहत खोले गए 32 करोड़ एकाउंट में गरीब को देश की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ दिया गया है। यहां उड़ीसा में भी सवा करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते इस योजना के जरिए खोले गए। अकेले उड़ीसा में सवा करोड़ ...। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और जीवन ज्योति बीमा योजना के माध्यम से पिछले चार साल में 19 करोड़ से ज्यादा गरीबों को सिर्फ एक रुपए महीना या 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर इंश्योरेंस का सुरक्षा कवच दिया गया है। इसमें उड़ीसा के भी लगभग 50 लाख लोग शामिल हैं। इसके अलावा देश में एक करोड़ लोगों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा गया है। सामाजिक सुरक्षा की ये संपूर्ण देश को संपूर्णता, देश के गरीब को, उसके जीवन की सबसे बड़ी चिंता से बाहर निकालने के लिए एक समर्थ रास्ता है।

इस बजट में जिस आयुष्मान भारत का ऐलान किया गया है। वो भी देश के 50 करोड़ गरीबों को हेल्थ का सुरक्षा कवच प्रदान करेगी। इस योजना के माध्यम से गंभीर बीमारी के लिए हर परिवार को पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज ...। ये सरकार की तरफ से सुनिश्चित किया जाएगा। प्रति वर्ष 5 लाख। इसके पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है। और आने वाले दिनों में दूसरा चरण भी शुरू कर दिया जाएगा।

भाइयो और बहनो।

आखिर कब तक हमारे देश की आने वाली पीढ़ी अपनी ऊर्जा इस बात में लगाए रखेगी कि देश मूलभूत सुविधाओं से युक्त हो जाए। आखिर कब तक देश इंतजार करेगा विकास के उस वातावरण का जिसमें देश के सामान्य मानवी को अपने जीवन से जुड़ी सामान्य जरूरतों के लिए चिंता न करनी पड़े। कब तक हम घिसट-घिसट कर चलते रहेंगे। कब तक जीवन के लिए आवश्यक इन सुविधाओं के लिए लोगों को इंतजार करते रहना पड़ेगा। ये सवाल चौबीसों घंटे मेरे मन में चलते रहते हैं, प्रति पल सोचता रहता हूं। इसलिए चार साल में अथक परिश्रम करके इन सवालों के जवाब में देश के गरीबों को सशक्त करने का काम हमने इमानदारी पूर्वक किया है। देश में भीतर तक समाई व्यवस्था की इस अपूर्णता को समाप्त करने का काम हमारी सरकार कर रही है। और चार साल का रिकॉर्ड बताता है कि संकल्प से सिद्धि तक की ये यात्रा नए भारत के लिए, नया विश्वास जगाती है।

भाइयो बहनो।

व्यवस्था में अपूर्णता को संपूर्णता की तरफ ले जाने के साथ ही गरीब के लिए, मिडिल क्लास के लिए, मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए, इस देश के छोटे-छोटे कारोबारी, उद्यमी वर्ग के लिए व्यवस्थाओं में संपूर्ण परिवर्तन का काम भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सरकार कर रही है। प्रक्रियाओं को जटिल करने वाले 14 सौ, आप जानकर हैरान हो जाएंगे, 14 सौ से ज्यादा पुराने कानून हमने खत्म कर दिये हैं।

ग्रुप सी और ग्रुप डी नौकरी में इंटरव्यू, ये परंपरा भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई थी। हमने उस बाध्यता को खत्म कर चुके हैं। किसानों को यूरिया के लिए हफ्तों का इंतजार और लाठी चार्ज का दौर अब बीते हुए इतिहास की बात बन गई है, खत्म हो चुका है।

चार साल के कार्यकाल में पासपोर्ट मिलने का समय कम हुआ, इनकम टैक्स रिफंड करने का समय कम हुआ। कंपनी रजिस्टर कराने का समय कम हुआ। इतना ही नहीं, देश में काले धन का कारोबार करने वाली संदिग्ध कंपनियों की संख्या भी कम हो गई है। दो लाख 26 हजार ...। दो लाख 26 हजार संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा चुका है।

भाइयो बहनो।

देश आज जहां बंदरगाहों पर माल आने-जाने में लगने वाले समय घटा हुआ देख रहा है। वहीं जीएसटी के बाद लॉजिस्टिक सेक्टर का खर्च, ट्रक का हाईवे पर लगने वाला जाम समय को भी अब कम कर रहा है। पहले की सरकार के समय जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही थी। ये भूलिए मत ...। 2012-13 के उस वर्ष के दिन याद कीजिए। जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही थी, उस पर भी हमने नियंत्रण लगाने का काम किया है। वर्ना जिस तेजी से कांग्रेस सरकार के समय महंगाई बढ़ रही थी, आपकी रसोई का खर्च बहुत ज्यादा बढ़ चुका होता। गरीब और मध्यम वर्ग के रसोई के खर्च को हमारी सरकार ने कम किया है।

13 करोड़ से ज्यादा स्वॉयल हेल्थ कार्ड वितरित करने ...। दशकों से अटकी हुई सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने, यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग करने, खेती के आधुनिक तरीकों को बढ़ावा देने की वजह से किसान का खेती पर होने वाल खर्च भी कम हो रहा है। इतना ही नहीं, एक और बहुत और महत्वपूर्ण चीज कम हुई है। वो सीधे-सीधे एनडीए सरकार की सुरक्षा की नीतियों से जुड़ी है।

साथियो।

अब देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकरके 90 पर आ गई है। और 2015 में केंद्र सरकार द्वारा नई रणनीति बनाने के बाद ज्यादा से ज्यादा नक्सली सरेंडर कर रहे हैं और मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं।

भाइयो बहनो।

बीत चार वर्षों से जो सेवा करने का सौभाग्य मिला है, उसे नित्य, निरंतर, निस्वार्थ और निष्ठाभाव से नम्रता पूर्वक पूरा करने का हमने प्रयास किया है। सिद्धांतों के आधार पर राजनीति कर रहे हैं, रिश्ते नातों के लिए नहीं, देश और समाज के लिए खप रहे हैं। हमारी सरकारें भले ही बहुमत से बनी है लेकिन हमने सर्वसम्मति से चलाने का प्रयास किया है। हमारे लिए डवलपमेंट और गुड गवर्नेंस, यही गुड पोलिटिक्स का रास्ता है। हम लोगों के साथ जुड़कर और उनको व्यवस्था के साथ जोड़कर आगे बढ़ रहे हैं। और इसलिए हमारी सरकार ऐसे लक्ष्यों को लेकर चल रही है जिसके बारे में पहले की सरकारें सोच भी नहीं सकती थी। 2022 तक देश के हर गरीब को घर देने का कार्य हो, या 2022 तक हमारे किसानों की दोगुणी आय करने का संकल्प हो, हम मुश्किल लक्ष्य को तय करने में संकोच नहीं करते हैं। इस सरकार की कार्य संस्कृति लक्ष्य तय करके उसे समय पर पूरा करने की है।

भाइयो बहनो।

इन चार वर्षों में हम सरकार की योजनाओं को उस दिशा की तरफ ले आए हैं जो गरीब, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग की जिंदगी में बड़े बदलाव ला रही है। सरकार ने अपनी योजनाओं के माध्यम से मध्यम वर्ग की आशाओं और अपेक्षाओं से हमने योजनाओं को जोड़ा है। ऐसी योजनाएं जो उनकी जिंदगी को आसान बनाए, इज ऑफ लिविंग को बढ़ाए। देश का मध्यम वर्ग पढ़ाई के बेहतर संसाधन चाहता है, उचित मूल्य पर घर चाहता है, अच्छी सड़कें चाहता है, ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा चाहता है, आधुनिक अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर चाहता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लिए सरकार 31 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत घरों के लिए दो नई कैटेगरी भी बनाई गई है। इन योजनाओं के तहत मध्यम वर्ग को भी घर बनाने के लिए टैक्स में छूट दी जा रही है। स्मार्ट सिटी और अमृत मिशन के तहत शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारा जा रहा है। नए एम्स, नई आईआईटी, नए आईआईएम बनाए जा रहे हैं। देश के ग्यारह बड़े शहरों में मेट्रो का काम तेज गति से चल रहा है। उजाला के तहत अब तक देश में 30 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्ब वितरित किए जा चुके हैं। जिससे गरीब और विशेष रूप से मध्यम वर्ग को बिजली बिल में सालाना करीब-करीब 16 हजार करोड़ रुपए की बचत हो रही है।

साथियो।

2014 के पहले इसी एलईडी बल्ब की कीमत 350 रुपए से ज्यादा होती थी। अब वही एलईडी बल्ब देश में चालीस पचास रुपए में बिक रहा है। इस वजह से उजाला स्कीम के अलावा भी करीब 60 करोड़ एलईडी बल्ब बिके हैं। और लोगों को कुल मिलाकर बिजली बिल में 40 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। ये 40 हजार करोड़ रुपया अधिकतम मध्यम वर्ग के परिवारों के जेब में बचे हैं। इसके अलावा देशभर में 32 लाख से ज्यादा स्ट्रीट लाइटों को एलईडी बल्ब से बदला है। जिससे नगरपालिका, महानगरपालिका उनका जो खर्च होता था, वो खर्च कम हुआ है, करोड़ों रुपए बचे हैं। वो रुपए सामान्य मानवी की सुविधा के लिए खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा 3 हजार से ज्यादा जन औषधि केंद्रों पर सस्ती दवा की बिक्री, स्टेंट की कीमत में 85 प्रतिशत तक की कमी, नी प्लांट की कीमत पर नियंत्रण जैसे अनेक कार्य इस सरकार ने किए हैं। जो प्रमुखतया मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग को बहुत बड़ी राहत दे रहे हैं। सैलरी क्लास के साथ ही छोटे उद्यमी और भी मध्यम वर्ग का बड़ा हिस्सा होते हैं।

सभी ऐसे उद्यमियों के, उनके लिए जिनकी कंपनियों के ढाई सौ करोड़ रुपए का टर्न ओवर है। उनके टैक्स वैकेट को कम किया है। उन्हें टैक्स में छूट दी जा रही है। देश के मध्यम वर्ग से आ रहे युवाओं की एस्प्रेशन को समझते हुए हमारी सरकार ने स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया इन योजनाओं को शुरू किया। स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड बनाकर उन्हें भी टैक्स में छूट देकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।

ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरी के लिए इंटरव्यू खत्म करने का लाभ एक बड़ा लाभ निम्न मध्यम वर्ग के युवाओं को मिला है।

इतना ही नहीं मध्यम वर्ग से जुड़ा और जो विदेश में रह रहा है। वह कमाने गया, जब उस पर संकट आया है, ऐसे 17 हजार से ज्यादा भारतीयों को विदेश की धरती से बचाकरके सुरक्षित लाने का काम हमारी सरकार ने हिम्मत के साथ किया है।

साथियो।

आज दोगुनी रफ्तार से सड़कें बन रही है। रेल लाइनें बन रही है। पोर्ट डवलप हो रहे हैं। गैस पाइप लाइन बिछ रही है। डिजिटल इंडिया के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछ रही है। बंद पड़े फर्टिलाइजर फैक्टरियों को खोलने का काम चल रहा है। करोड़ों घर बनवाए जा रहे हैं। शौचालय बनवाए जा रहे हैं। अस्पतालों का आधुनिकीकरण किए जा रहे हैं। नए अस्पताल बनवाए जा रहे हैं। ऐसी हर योजना, हर परियोजना अपने साथ विशेष कर मध्यम वर्ग के नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर लेकरके आ रही है।

हमारी सरकार 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस सदी के नौजवानों, मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दे रही है। जितना निवेश आज हाईवे, रेलवे, सव वे, मेट्रो, वाटर वे, आई वे, इन पे किया जा रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया है। इस बजट में भी हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ाया है। भारत में सबसे लंबी सुरंग लेह से कश्मीर के बीच पहाड़ों को काटकर 14 किमी लंबी सुरंग अब बन रही है। मुंबई में समंदर पर सबसे लंबा ब्रिज 22 किमी का सीलिंग अब बन रहा है। सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन के लिए अब काम शुरू हुआ है।

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कोरिडोर और वेस्टर्न डेडिकेटेड कोरिडोर भी जल्द पूरा होने की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा भारतमाला के तहत पांच लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करके देश में हजारों किमी लंबी आधुनिक सड़कों का जाल बिछाने का काम तेज गति से आगे बढ़ रहा है। सागर माला कार्यक्रम के जरिए देश की कोस्टल इकोनॉमी को, समुद्री तट की इकॉनोमी को मजबूत किया जा रहा है। पुराने बंदरगाहों को, उसे आधुनिक बनाए जाने के साथ ही, नए बंदरगाह बनाए जा रहे हैं।

पिछले चार वर्षों में हमारी सरकार ने उत्तर पूर्व के विकास के लिए वहां कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हजारों करोड़ रुपए का निवेश किया है। आज उत्तर पूर्व बाकी देश के साथ रेल नेटवर्क से जुड़ चुका है। मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम भी पहली बार देश के रेल नक्शे पर आए है।

आजादी के बाद लगभग 70 साल में देश में 75 एयरपोर्ट बने। लेकिन पिछले एक डेढ़ साल में 25 नए एयरपोर्ट जुड़े हैं यानि जितने 70 साल में बने, उसका एक-तिहाई सिर्फ डेढ़ वर्षों में बने हैं।

और भाइयो बहनो।

ये सुनकरके आपको आश्चर्य होगा। आज हमारे देश जितने लोग रेलवे के एसी कोच में जाते हैं उससे ज्यादा लोग हवाई यात्रा कर रहे हैं। मेरा सपना था कि हवाई चप्पल वाला भी हवाई जहाज में बैठे।

भाइयो बहनो।

सरकार ने देश में लगभग 1400 आईलैंड के विकास करने का बीड़ा उठाया है। पहले चरण में अंडबार निकोबार में 16 आईलैंड और लक्षद्वीप में 10 आईलैंड के विकास का काम शुरू हुआ है। देश में अगली आर्थिक क्रांति का आधार ऐसे ही प्रोजेक्ट बनने वाले हैं।

साथियो।

देश में इस समय जो अभूतपूर्व आत्मविश्वास है, जो इच्छा शक्ति है, वो नए रिकॉर्ड बना रही है। पिछले 4 सालों में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड विदेशी निवेश भारत में आया है। जिन अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की सदस्यता के लिए दशकों का इंतजार किया था। भारत आज उनका सदस्य बना है। जैसे आस्ट्रेलिया ग्रुप, अंतर्राष्ट्रीय सोलर इनर्जी एलायंस से लेकर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस तक। सभी ने भारत और भारतीयों को और उनकी प्रतिष्ठा को और आगे बढ़ाया है। इन चार वर्षों ने हमें सीखाया कि कैसे दृढ़ इच्छाशक्ति और देशवासियों की अथक मेहनत से सबकुछ संभव है। हमने साबित किया है कि अगर नीयत साफ है, इरादे नेक है तो कठिन से कठिन तप में भी देश आपके साथ खड़ा रहता है। और हमने अनुभव किया है। और इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासियों के सामने आज मैं सर झुकाता हूं।

साथियो।

उड़ीसा समेत पूरा पूर्वी भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है। यहां उड़ीसा में तो विशेष रूप से स्थिति चिंताजनक है। मुझे हैरानी है कि इतने समय तक यहां की सरकारों ने क्या काम किया, मेरे मन में सवाल है। ऐसा कोई दिन नहीं आता जब उड़ीसा के नागरिकों को, यहां के आदिवासी इलाकों से शर्मिंदा करने वाली तस्वीरें, मीडिया के माध्यम से देखने को न मिलती हो।

भाइयो और बहनो।

राज्य सरकार भले ही अपनी जिम्मेवारियों को ठीक से नहीं निभा पा रही हो लेकिन लेकिन केंद्र की सरकार एक के बाद एक कई कदम उठा रही है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गांव के पास ही वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं ताकि लोगों को इलाज के लिए बहुत दूर न जाना पड़े। गंभीर बीमारी के इलाज के लिए राजधानी भुवनेश्वर में एम्स बनाया जा रहा है।

इसके अलावा आपके कटक, बहरामपुर और बोरला के मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड किया जा रहा है। ये सिर्फ इलाज के सेंटर नहीं बनेंगे, बल्कि यहां मेडिकल शिक्षा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। यहां नए डॉक्टर और नर्स तैयार करने के लिए हजारों नई सीटें जुड़ेंगी। मेडिकल एजुकेशन ही नहीं बल्कि हायर एजुकेशन के लिए बड़े संस्थान इस क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं। संभलपुर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) तो बहरामपुर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) ...। इस क्षेत्र के नौजवानों को नए अवसर देने वाले हैं।

साथियो।

एक तरफ केंद्र सरकार ओडिशा के लोगों के विकास के लिए जी जान से जुटी है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार यहां के गरीब, यहां के किसान के साथ गुमराह करने वाली बातें कर रही है। इसका सबसे जीवंत उदाहरण ...। इसका सबसे जीवंत उदाहरण है महानदी के पानी को लेकर खड़ा किया गया विवाद। ओडिशा सरकार खुद विधानसभा के अंदर ये स्वीकार कर चुकी है कि महानदी का आधे से ज्यादा पानी बंगाल की खाड़ी में व्यर्थ बह जाता है। जब केंद्र सरकार द्वारा महानदी जल पर विवाद सुलझाने के लिए प्रयास किया गया तो उड़ीसा सरकार ने उससे भी हाथ पीछे खींच लिए। खुद हमारे मंत्री नितिन गडकरी जी ने भी मुख्यमंत्री जी को चिट्ठी लिखकर कहा कि इस विवाद को समय बद्ध तरीके से सुलझाने के लिए काम करते हैं। एक ट्रिब्यूनल बनाने का भी प्रस्ताव रखा, वो भी ठुकरा दिया गया। इतने साल के शासन के बावजूद राज्य सरकार ऐसी व्यवस्थाएं विकसित नहीं कर सकी कि महानदी का जल यहां के गरीबों को, यहां के किसानों को लाभ पहुंचाए, खेतों तक पानी पहुंचे। इतना ही नहीं, महानदी के अलावा ओडिशा में जो पांच नदियां बहती है। उनके जल का भी उचित इस्तेमाल उड़ीसा की राज्य सरकार नहीं कर पाई। आज ओडिशा के लोग जानना चाहते हैं कि 20 साल पहले शुरू हुआ लोवर इंदिरा सिंचाई प्रोजेक्ट क्यों वर्षों तक लटका रहा। आखिर क्यों ...। आरईटी सिंचाई परियोजना और रूकरा सिंचाई परियोजनाएं लटकती पड़ी है। क्यों इन सिंचाई परियोजना को लटकाकर इसकी लागत राशि चार गुणा पांच गुणा बढ़ाई गई है। क्यों उड़ीसा के किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

साथियो।

उड़ीसा के किसान की स्थिति को बदलने के लिए, उसके खेत तक पानी पहुंचाने का बड़ा बीड़ा अब केंद्र सरकार ने उठाया है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के अलावा चार और सिंचाई परियोजनाओं को अगले साल तक पूरा करने के लक्ष्य के साथ हमारी सरकार आज काम कर रही है। ओडिशा की ये 8 सिंचाई परियोजनाएं देश की उन 99 परियोजनाओं में शामिल है जो कई दशकों से अटकी हुई थी। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि खर्च कर रही है।

साथियो।

किसानों के साथ इसी रवैये ने देश के कृषि क्षेत्र की ऐसी हालत कर दी है। निरंतर आय कम होने की वजह से किसान की आने वाली पीढ़ियां घर छोड़ने पर मजबूर थी। इस स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार 2022 तक किसान की आय दोगुणी करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। सरकार बीज से बाजार तक नई व्यवस्थाएं विकसित कर रही है। किसानों को लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी मिले। ये सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं किसानों को प्रकृति की मार से बचाने के लिए फसल बीमा योजना चल रही है। माइक्रो इरिगेशन से लेकर सौलर पंप की सुविधा किसानों को दी जा रही है। वहीं किसान अपनी फसल को आसानी से बेच पाए इसके लिए देश के 22 हजार ग्रामीण हाटों को अपग्रेड किया जा रहा है। ग्रामीण रिटेल एग्रीकल्चर मार्केट यानि ग्राम की अवधारणा सामने रखी गई है। इनको ई-नाम प्लेटफार्म से जुड़ी मंडियों से जोड़ने का काम भी किया जाएगा।

किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा पशु पालन और मत्स्य पालन जैसे काम के लिए भी बढ़ाया गया है। इससे कोस्टल क्षेत्र में रहने वाले उड़ीसा के भी किसान और मछुआरे भाइयो बहनो को भी लाभ होने वाला है। इस बजट में गांव और कृषि के लिए कुल 14 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो अभूतपूर्व है। ओडिशा जैसे समुद्री किनारे पर बसे इलाकों में ब्लू रिवोल्यूशन की क्षमता है। कर्नाटक के, तमिलनाडु के, केरल के, उड़ीसा के ये जो हमारे मछुआरे भाई बहन हैं, उनको मछली पकड़ने में सुविधा हो। इसके लिए केंद्र सरकार बड़े टोलर खरीदने में आर्थिक मदद दे रही है।

साथियो।

जब नीयत साफ हो तभी सही विकास संभव है। तभी सबका साथ सबका विकास का संकल्प सिद्ध हो सकता है। चार वर्षों में नोर्थ ईस्ट से कश्मीर तक, हमारी सरकार दिलों के माध्यम देश को जोड़ने का काम कर रही है। हम एक भारत श्रेष्ठ भारत के मिशन पर निकले हैं। इसलिए जनता के दिलों में हमने जगह बनाई है। लेकिन जिन्होंने पूरा जीवन अपने परिवार और रिश्तेदारों के सपनों को पूरा करने में खपा दिया, वो चार वर्षों की सत्ता विहीनता से ही छटपटाने लगे हैं। वो छटपटा रहे हैं। उनको मैं बताना चाहता हूं कि मोदी जब तक राष्ट्र निर्माण के इस महान यज्ञ में पूरी श्रद्धा से अपनी आहूति डालता रहेगा तब तक आपका हर प्रयास जनता और हमारे समीकरणों को और मजबूत करने वाला बनने वाला है। आपके आशीर्वाद से देश के विकास के जिस पथ पर पिछले चार साल से बढ़ रहे हैं, उसे डिगाना इतना आसान नहीं है।

साफ नीयत और सही विकास के बुलंद नारे के साथ देश विकास पथ पर इसी ऊर्जा के साथ बढ़ता रहेगा। बात सिर्फ चार साल की नहीं है। अभी तो लंबा सफर बाकी है। 2022 में न्यू इंडिया का संकल्प सिद्ध करने के लिए हम सवा सौ करोड़ भारतीय मिलकर कार्य करें। आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करें। इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। और फिर एक बार अपने मोबाइल फोन से लाइट जलाइए। मोबाइल फोन से फ्लैश कीजिए और पूरी तरह जय जगन्नाथ को याद कीजिए। जय जगन्नाथ। जय जगन्नाथ। हर एक मोबाइल का लाइट जलना चाहिए। जय जगन्नाथ। जय जगन्नाथ। जय जगन्नाथ। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM chairs 45th PRAGATI Interaction
December 26, 2024
PM reviews nine key projects worth more than Rs. 1 lakh crore
Delay in projects not only leads to cost escalation but also deprives public of the intended benefits of the project: PM
PM stresses on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of families affected during implementation of projects
PM reviews PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana and directs states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner
PM advises conducting workshops for experience sharing for cities where metro projects are under implementation or in the pipeline to to understand the best practices and key learnings
PM reviews public grievances related to the Banking and Insurance Sector and emphasizes on quality of disposal of the grievances

Prime Minister Shri Narendra Modi earlier today chaired the meeting of the 45th edition of PRAGATI, the ICT-based multi-modal platform for Pro-Active Governance and Timely Implementation, involving Centre and State governments.

In the meeting, eight significant projects were reviewed, which included six Metro Projects of Urban Transport and one project each relating to Road connectivity and Thermal power. The combined cost of these projects, spread across different States/UTs, is more than Rs. 1 lakh crore.

Prime Minister stressed that all government officials, both at the Central and State levels, must recognize that project delays not only escalate costs but also hinder the public from receiving the intended benefits.

During the interaction, Prime Minister also reviewed Public Grievances related to the Banking & Insurance Sector. While Prime Minister noted the reduction in the time taken for disposal, he also emphasized on the quality of disposal of the grievances.

Considering more and more cities are coming up with Metro Projects as one of the preferred public transport systems, Prime Minister advised conducting workshops for experience sharing for cities where projects are under implementation or in the pipeline, to capture the best practices and learnings from experiences.

During the review, Prime Minister stressed on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of Project Affected Families during implementation of projects. He further asked to ensure ease of living for such families by providing quality amenities at the new place.

PM also reviewed PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana. He directed to enhance the capacity of installations of Rooftops in the States/UTs by developing a quality vendor ecosystem. He further directed to reduce the time required in the process, starting from demand generation to operationalization of rooftop solar. He further directed states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner.

Up to the 45th edition of PRAGATI meetings, 363 projects having a total cost of around Rs. 19.12 lakh crore have been reviewed.