I appeal to my voters to ensure maximum turnout from your state during these elections and give the BJP a resounding majority so that we can revive the economy here: PM Modi in West Bengal
With the support that I witness here, I am certain that the people of West Bengal are all set to give a major jolt to the TMC and its Mahamilawati allies in these elections: PM Modi
Prior to 2014, Congress had created a record in the number of scandals that happens under its nose. Now, the TMC is following the Congress’ footsteps in both widespread corruption and crime: Prime Minister Modi

भारत माता की... जय
भारत माता की... जय।

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी नेतागण, हमारे उम्मीदवार जी और विशाल संख्या में पधारे हुए, उत्साह और उमंग से भरे हुए, लोकतंत्र के प्रति संपूर्ण समर्पण रखने वाले मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।

आसनसोल और वर्धमान-दुर्गापुर के मेरे साथियो, आप सच में कमाल कर रहे हैं। इस बार आपने जो पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने का जो कमाल किया है, आपने जो ठानी है, आज पूरे देश में ये चर्चा है। बंग भूमि से उठी बदलाव की इस लहर से बड़े-बड़े पॉलिटिकल पंडित भी परेशान हैं। पश्चिम बंगाल के लोग इस बार महामिलावटी दलों को जो झटका देने जा रहे हैं वो एक नया इतिहास बनाएगा। जो लोकतंत्र को हाईजैक करने की कोशिश करती हो ऐसी तृणमूल को सबक सिखाने का मन पश्चिम बंगाल ने बना लिया है। जो खुलेआम बूथ लूटने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं उनको यहां की जनता ने अब ठीक करना शुरू कर दिया है। स्पीड ब्रेकर दीदी, उनकी ये बौखलाहट, चुनाव आयोग पर भड़कना और मोदी को गालियां देना, ये सब आप देख रहे हैं ना। दीदी की ये बौखलाहट तब और बढ़ जाती है, जब मैं कहता हूं जो भ्रष्ट है उसे ही मोदी से कष्ट है।

साथियो, आसनसोल की धरती से मैं भारतीय जनता पार्टी के एक-एक सिपाही को बधाई देना चाहता हूं। यहां के मतदाताओं के सामने सर झुकाकर नमन करना चाहता हूं। पहले दो चरणों में जिस तरह आपने, अपने बूथ की रक्षा की है, सामान्य जन के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा की है, इसके लिए आप कोटि-कोटि बधाई के पात्र हैं। बड़े से बड़ा देश इस भावना के साथ, आप जिस समर्पण भाव से यहां तृणमुल के अत्याचार के खिलाफ लड़ रहे हैं, उसका परिणाम मिल रहा है। आपका पसीना, आपका बलिदान पश्चिम बंगाल के हर उस व्यक्ति को शक्ति देने वाला है जिसकी आवाज को बरसों से दबाया गया, जिसके हक को गुंडों ने छीन लिया, जिसकी कमाई को जगाई-मथाई के गठबंधन ने लूट लिया। भाइयो-बहनो, 2014 से पहले कांग्रेस की सरकार ने देश के इतिहास में घोटालों के रिकॉर्ड बना दिए थे। आज टीएमसी की सरकार घोटालों के विषय में कांग्रेस को पूरी टक्कर दे रही है। आप का प्यार मेरे सर-आंखों पर। करप्शन हो या क्राइम, ये दो ही ऐसी चीजें हैं जो टीएमसी के राज में नॉन-स्टॉप है, बाकी हर चीज के लिए स्पीडब्रेकर दीदी तो है ही।

भाइयो-बहनो, ये बात किसी से छिपी है क्या, की टीएमसी की फूल-पत्ती कोयले के काले माल से खिलती है। साथियो, नारदा, शारदा, रोजवैली ये सिर्फ घोटाले नहीं हैं, गरीब के जीवन के साथ किया गया बहुत बड़ा अपराध है। और इसके तार कहां तक पहुंच रहे हैं ये भी आप जानते हैं। एक राज्य का मुख्यमंत्री जब सरेआम गरीबों को लूटने वाले पक्ष में खड़ा हो जाए तो स्थिति आप समझ ही सकते हैं। भाइयो-बहनो, पाकिस्तान के कितने आतंकवादी मारे गए इस बात का तो उनको सबूत चाहिए लेकिन गरीबों की कमाई को किसने लूटा उसके सबूतों को मिटाने का ये दिन-रात षड़यंत्र करते रहते हैं। साथियो, आज दीदी जगह-जगह कहती फिर रही है की वो देश को अपनी पार्टी वाला डेवलपमेंट देने वाली है, आखिर क्या है दीदी का डेवलपमेंट मॉडल।

साथियो, स्पीडब्रेकर दीदी का ये डेवलपमेंट मॉडल किस चीज पर आधारित है? ये आधारित है तृणमूल तोलाबाजी टैक्स पर, उनका मॉडल आधारित है कोल माफिया, बालू माफिया, ऑयरन माफिया और जमीन माफिया पर। उनका मॉडल है, पहले घुसपैठियों को आने का रास्ता दो और फिर पश्चिम बंगाल के साधनों में उन्हें लूट का हिस्सा दो। भाइयो-बहनो, नौजवानों के लिए, उनके लिए भी स्पीडब्रेकर दीदी ने एक अलग सा डेवलपमेंट मॉडल विकसित किया है। पहले तो यहां नौकरी की दिक्कत, नौकरी मिलती है तो वेतन नहीं मिलता, जिनको वेतन मिलता है उनको इंक्रीमेंट नहीं मिलता, वेतन में बढ़ोतरी होती नहीं। जिनकी तनख्वा कुछ बढ़ती है उनको डीए का लाभ नहीं मिलता, ममता दीदी के राज में यही हो रहा है। आप मुझे जवाब देंगे, मेरे सवाल का जवाब देंगे? क्या दीदी वाला ऐसा मॉडल देश को चाहिए क्या?

साथियो, ये वो धरती है जिसके वीर-सपूतों ने अत्याचार पर आवाज उठाई है, ये भूमि आचार्य रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि है तो ये शहीद सूर्यसेन की भी भूमि है। ये भूमि स्वामी विवेकानंद की भी भूमि है तो शहीद जतीन्द्रनाथ दास की भी भूमि है। ये भूमि नजरुल इस्लाम की है तो नेता जी सुभाष चंद्र बोस की भी है। आज भी इस प्रदेश के युवक और युवतियों में अनेकों रवीद्रनाथ, अनेकों नेताजी, अनेकों जतीन्द्रनाथ, उनके भीतर आज भी जिंदा है। विशेष तौर पर वो बेटे-बेटीयां जो 21वीं सदी में पैदा हुए हैं, जो इस बार, पहली बार लोकसभा के लिए मतदान करने वाले हैं, वो पश्चिम बंगाल में नई राजनीति की शुरूआत करने वाले हैं। हिंसा, आतंक, घुसपैठ, तस्करी की राजनीतिक विरासत के साथ वो नहीं रहना चाहते, उनको नया हिंदुस्तान चाहिए, नया पश्चिम बंगाल चाहिए। उनको एक ऐसा पश्चिम बंगाल चाहिए जो विकास की पंचधारा बहे, जो विकास की पंचधारा से आगे बढ़े। यानी जहां बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई हो। लेकिन साथियो, मुट्ठी भर सीटों पर लड़कर हमारी दीदी प्रधानमंत्री बनने का सपना भी देख रही है। अगर ऑक्शन से प्रधानमंत्री का पद मिल जाता तो कांग्रेस और दीदी, दोनों ऑक्शन में जो माल लूटा है उसको लेकर के आ जाते। दीदी ये प्रधानमंत्री पद ऑक्शन में नहीं है, जो शारदा-नारदा के पैसों से खरीदा जा सकता है। ये प्रधानमंत्री पद 130 करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद से मिलता है, ये प्रधानमंत्री पद, सामान्य मानवी की जिंदगी से जुड़ा हुआ होता है। लेकिन दीदी आपको ये भी तो बताना चाहिए की आप पाकिस्तान से आप अपनी रोज-वैली से लाए फूल देकर संबंध बनाओगी क्या? क्या ये रोज-वैली के फूलों से पाकिस्तान मान जाएगा? क्या आप आतंकियों से ये कहोगी की अपने आतंकी होने का सबूत लाओ? और आप लोगों को ये भी बताइए की जम्मू-कश्मीर के लिए, दीदी कोलकाता में हाथ पकड़-पकड़ कर नाच रहे थे आप लोग। जम्मू-कश्मीर के भी बाप-बेटे आए थे, दीदी जरा बताइए, ये कोलकाता में जिनके हाथ पकड़ कर के सारे नेता उछल-कूद कर रहे थे। अब वो कह रहे हैं की जम्मू-कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री चाहिए। इसी धरती की संतान डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बलिदान दिया था। इस देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे और आज जम्मू-कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री की बात हो रही है और वो आपके साथ मंच पर बैठ कर के हाथ उठाकर के मोदी हटाने के लिए नारे लगा रहे थे। क्या दीदी आप भी चाहती हो की देश में दो प्रधानमंत्री हों?

साथियो, पश्चिम बंगाल जानना चाहता है, एयर स्ट्राइक, ये सर्जिकल स्ट्राइक के समय दीदी पाकिस्तान के पक्ष में आपने जो आंसू बहाए, वही उनकी नीति है क्या? साथियो, ये आसनसोल म्यूनिसिपालिटी का चुनाव नहीं है, ये 130 करोड़ के भाग्य का निर्माण करने वाला चुनाव है। देश की सुरक्षा के मुद्दे महत्व रखते हैं इसलिए ममता दीदी आपको इन सवालों के जवाब देने ही होंगे। महामिलावट की हांडी पर अपनी खिचड़ी पकाने से बात बनने वाली नहीं है। अरे नीयत भी स्पष्ट होनी चाहिए और नीति भी साफ होनी चाहिए। वैसे साथियो, ममता दीदी की जमीन खिसक चुकी है। अब उनका सूरज तपता नहीं है वो अस्त होने लगा है और इस बात का अंदाजा उनको भी है। टीएमसी की आज ये स्थिति हो गई है की रैलियों में लोग नहीं आ रहे हैं तो विदेशों से फिल्मी कलाकार बुलाने पड़ रहे हैं, बड़ी दया आती है दीदी आप पर, बड़ी दया आती है। और हां दीदी क्या कर दिया, ये बंगाल की वीर जनता ने आपका। भाइयो-बहनो, दीदी ने पहले घुसपैठ करा कर अपना कैडर बनाया और अब प्रचारक भी वो विदेश से बुला रही है लेकिन आपका ये चौकीदार दो टूक कहना चाहता है। घुसपैठियों के दम पर पश्चिम बंगाल में अब राजनीति नहीं चलेगी, दीदी के भाड़े के गुंडों के दम पर शासन की जो परंपरा चलाई है वो भी अब खत्म हो कर के रहेगी। अब पश्चिम बंगाल का भाग्य और देश की दिशा भारत माता की जय कहने वाले ही तय करेंगे।

भाइयो-बहनो, नया हिंदुस्तान बनाने की जिम्मेदारी, नया भारत बनाने की जिम्मेदारी, आपकी और हम सब की है। नया हिंदुस्तान, सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला नेतृत्व चाहता है, नया हिंदुस्तान एक विजन वाली सरकार चाहता है, डिवीजन वाले परिवार नहीं चाहता। नया हिंदुस्तान सुरक्षा की गारंटी चाहता है, सम्मान चाहता है। अपने त्यौहार के समय पूजा की, यात्राएं निकालने की आजादी चाहता है। नया हिंदुस्तान, दुनिया में भारत का दबदबा चाहता है, बुलंद आवाज वाला देश चाहता है, अपनी बात मजबूती से रख सके ऐसा लीडर चाहता है। नया हिंदुस्तान आतंकवाद पर प्रहार चाहता है, राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार चाहता है। नए हिंदुस्तान की इन भावनाओं को, ये दर्जन भर महामिलावटी लोग पूरा कर सकते हैं क्या? पूरी ताकत से बताइए, एक में भी दम है क्या? ये आपके सपने पूरे कर सकते हैं क्या? आप मुझे बताइए, ईमानदारी से बताएंगे? नए हिंदुस्तान के संकल्प को कौन पूरा कर सकता है? आपको भरोसा है, पूरा विश्वास है? जी नहीं, मोदी अकेले नहीं, आपका एक वोट कर सकता है। आपके वोट की ताकत है की सेना के जवान सर्जिकल स्ट्राइक कर सकते हैं। आपके वोट की ताकत है की सेना के जवान एयर स्ट्राइक कर सकते हैं। आपके वोट की ताकत है की तीन मिनट में अंतरिक्ष में जा कर के हमारी मिसाइल दुश्मन के सैटेलाइट को गिरा सकती है।

भाइयो-बहनो, आतंकवाद खत्म होना चाहिए कि नहीं खत्म होना चाहिए? चुन-चुन के साफ होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? और इसके लिए दिल्ली में मजबूत सरकार चाहिए कि नहीं चाहिए? और मजबूत सरकार चलाने के लिए मजबूत चौकीदार चाहिए कि नहीं चाहिए? हम सभी को मिलकर नया हिंदुस्तान बनाना है। साथियो, ये चौकीदार हमेशा 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की बात करता है। सबका साथ-सबका विकास हमारा मंत्र है, सबको सुरक्षा-सबको सम्मान ये हमारी प्रतिज्ञा है। हमने ही गरीब सामान्य वर्ग के लोगों को दस फीसदी आरक्षण देने के लिए संवैधानिक संशोधन किया, जिसका लाभ सभी को मिलेगा। हमने ही दलितों के हित की रक्षा के लिए कदम उठाए, हमने ही ओबीसी के लिए पिछड़े आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाया। ये हमारी ही सरकार है जो देश की विकास की दौड़ में पिछड़ चुके उत्तर-पूर्वी और पूर्वी भारत के लिए विशेष योजनाएं पूरा कर रही है। मुझे याद है की सरकार बनने के 6 महीने के भीतर ही मैंने यहां के सैल के आधुनिकीकरण के प्रोजेक्ट को देश को समर्पित किया था।

साथियो, एक संवेदनशील सरकार लोगों की अपेक्षाओं, लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए काम करती है। ये हमारी ही सरकार है, जिसने बेटियों के साथ रेप, बलात्कार जैसे अपराध में फांसी तक का प्रावधान किया है। बेटियों की तस्करी रोकने के लिए सख्त कानून बनाए हैं, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के चंगुल से आजाद करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। भाइयो-बहनो, आज 23 अप्रैल है, 23 मई को इस समय तो देश में चुनाव के नतीजे आ गए होंगे। 23 मई को एक महीने के बाद जब चुनाव के नतीजे आएंगे। 23 मई को जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तब शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून बनाने का भी पूरा प्रयास किया जाएगा। जब फिर मोदी सरकार आएगी तब पश्चिम बंगाल की सरकार पर दबाव बनेगा की वो आयुष्मान योजना यहां लागू करें ताकी यहां के 1 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पूरे देश में कहीं भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिल पाए। जब फिर मोदी सरकार आएगी तो पश्चिम बंगाल के सभी किसानों के खातों में सीधी मदद मिलेगी, जब फिर मोदी सरकार आएगी तब व्यापारियों के लिए एक राष्ट्रीय व्यापारी आयोग बनाया जाएगा। जब फिर मोदी सरकार आएगी तब 2022 तक पश्चिम बंगाल के हर गरीब बेघर के पास अपना पक्का घर होगा, घर में शौचालय होगा, गैस का कनेक्शन होगा, बिजली होगी, दूधिया एलईडी बल्ब होगा।

साथियो, ये सभी संकल्प आपके पश्चिम बंगाल के एक-एक साथी के सहयोग से सिद्ध होने वाले हैं। हम सभी चौकीदारों को अत्याचारियों का डटकर मुकाबला करना है, आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं है। ये कांग्रेस-टीएमसी और लेफ्ट मिलकर जो अफवाहें उड़ा रहे हैं उससे भी सतर्क रहिए। खुलकर बूथ तक आइए और अपना वोट डालिए। साथियो, 2014 में मैंने आपसे आकर के वोट मांगा था। बाबुल सुप्रियो और आपने मेरी बात रखी, मैंने आपकी भावनाओं का हृदय से सम्मान किया। भाइयो-बहनो, बाबुल सुप्रियो आपके लिए लड़ते रहे, हमारे सभी कार्यकर्ता आपके लिए लड़ने-मरने वाले कार्यकर्ता हैं। एक बार फिर हमारे सभी साथियों को आशीर्वाद दीजिए। पहले से ज्यादा भारी बहुमत से जिताइए और आप विश्वास रखिए, आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे ना, तो आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा, ये चौकीदार को मिलेगा और आपका वोट एक-एक कमल का फूल ये चौकीदार को मजबूत बनाएगा। भाइयो-बहनो, देश मजबूत होना चाहिए कि नहीं? देश मजबूत होना चाहिए कि नहीं? सरकार मजबूत होनी चाहिए कि नहीं? चौकीदार मजबूत होना चाहिए कि नहीं? हर हिंदुस्तानी चौकीदार होना चाहिए कि नहीं? मैं एक संकल्प दिलवाता हूं, दोनों हाथ ऊपर कर के, मुट्ठी बंद करके, पूरी ताकत से संकल्प लेना है। आपको बोलना है चौकीदार।

गांव-गांव है… चौकीदार, शहर-शहर है… चौकीदार, बच्चा-बच्चा… चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी… चौकीदार, माता-बहने… चौकीदार, घर-घर में है… चौकीदार, खेत-खलिहान में… चौकीदार, बाग-बगान में… चौकीदार, देश के अंदर… चौकीदार, सरहद पर भी… चौकीदार, डाक्टर-इंजीनियर… चौकीदार, शिक्षक-प्रोफेसर… चौकीदार, लेखक-पत्रकार… चौकीदार, कलाकार भी… चौकीदार, किसान-कामगार… चौकीदार, दुकानदार भी… चौकीदार, वकील-व्यापारी… चौकीदार, छात्र-छत्राएं… चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान… चौकीदार।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!