Only a strong government can ensure a nation’s security, which in turn is essential for its long-term development: PM Modi
The BJP-led NDA governments have always demonstrated their paramount commitments to strengthening national security: PM Modi in U.P.
The entire nation suffered greatly under ‘Mahamilawati’ governments of Congress-SP-BSP but still they say ‘Hua Toh Hua’: Prime Minister Modi

मंच पर विराजमान उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय और यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी। मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी और अपना दल के सभी वरिष्ठ नेतागण, इस चुनाव में अपना दल के हमारे साथी उम्मीदवार और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो। मैं देख रहा हूं, दूर-दूर तक लोग ही लोग हैं।

भाइयो-बहनो, थोड़ी देर पहले भयंकर धूप में आप तप रहे थे और अचानक ईश्वर ने भी हम पर कृपा की। सोनभद्र के सभी भाइयो बहनो को प्रणाम।

साथियो, कोई भी देश, कमजोर सरकारों के रहते कभी देश शक्तिशाली नहीं बन सकता है। जितनी ज्यादा मजबूत सरकार, उतना ही ज्यादा शक्तिशाली और सुरक्षित हिंदुस्तान। आपका एक वोट भारत में एक शक्तिशाली सरकार का गठन करेगा। एक ऐसी सरकार, जो देश का गौरव उस ऊंचाई पर ले जाएगी, जिसका हिंदुस्तान हमेशा से हकदार रहा है।

साथियो, विज्ञान की शक्ति और राजनीतिक इच्छाशक्ति के मेल से क्या कुछ हो सकता है, वैज्ञानिकों के सामर्थ्य और सरकार के साहसिक कदम के मेल का क्या प्रतिफल हो सकता है- आज का दिन यानी 11 मई इस बात का जीता-जागता सबूत है।

मैं राबर्ट्सगंज में ऐसे समय आया हूं जब देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा फिर एक बार… मोदी सरकार, फिर एक बार...मोदी सरकार बनाने का फैसला ले चुका है। अब पूरे पूर्वांचल को शक्ति के क्षेत्र को अपने सेवक के लिए आगे आना है और पहले से मजबूत सरकार बनाने के लिए मतदान करना है।

 

साथियो, 21 साल पहले आज ही का वो दिन था, जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया था, ऑपरेशन शक्ति को सफलतापूर्वक पूरा किया था। मैं उन सभी वैज्ञानिकों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपनी मेहनत से देश को गौरव दिलाया था। भाइयो और बहनो, 1998 की ये ऐतिहासिक घटना बताती है की एक मजबूत राजनीति इच्छाशक्ति देश की सुरक्षा के लिए क्या कुछ कर सकती है। इसी परीक्षण से ये साफ हो गया है कि भारत के पास इतना बड़ा सामर्थ्य पहले भी था लेकिन वाजपेयी सरकार से ठीक पहले की सरकार में वो हिम्मत नहीं थी की वो ऐसा फैसला ले सके। ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धि तब हासिल होती है, जब राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि हो। तभी आप में परमाणु परीक्षण जैसे बड़े फैसले करने की हिम्मत पैदा होती है। तभी आप अंतरिक्ष में भी मिशन शक्ति की हिम्मत दिखाते हैं, तभी आप आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दे पाते हैं। भाजपा ने, एनडीए ने, हमेशा इसी मूलमंत्र को अपनाए रखा है लेकिन जब भी महामिलावटी सरकार होती है, तो वो राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डाल देती है।

साथियो, याद कीजिए जब थर्ड फ्रंट की तीसरे मोर्चे की महामिलावटी सरकार थी, यही समाजवादी पार्टी मंत्रिमंडल में शामिल थी, तब इन्होंने देश का क्या हाल कर दिया था? हमारे खुफिया तथा सुरक्षा तंत्र से जुड़े कई लोगों ने इस बारे में बहुत कुछ लिखा है। आप पढ़ेंगे तो आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे, ये ऐसा काम कर के गए हैं।

इन लोगों ने बताया है किस प्रकार महामिलावटी सरकार ने हमारे पूरे खुफिया तंत्र को ही अंदर से दीमक लगा दी थी, खोखला कर दिया था, बर्बाद कर दिया था। इसका खामियाजा पूरे देश को लंबे समय तक भुगतना पड़ा था। थर्ड फ्रंट की सरकार ने उस समय जो कुछ किया, वह किसी बड़े अपराध से कम नहीं था। वो तो वाजपेयी जी की सरकार आई जो बाद में इस नुकसान की भरपाई करने में उन्होंने कदम उठाए और देश को बचा लिया। लेकिन दुर्भाग्य से, अटल जी की सरकार जाने के बाद, देश ने फिर ऐसी कमजोर सरकार देखी, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार देखी, ऐसे महामिलावटी लोगों की सरकार देखी, जिसने देश की साख को ही दांव पर लगा दिया। इतना भ्रष्टाचार, लाखों करोड़ों के घोटाले, आसमान छूती महंगाई, हर तरफ जैसे त्राही-त्राही मची हुई थी। 21वीं सदी के इतने अहम समय में भारत के महत्वपूर्ण 10 साल इस रिमोट कंट्रोल सरकार ने बर्बाद कर दिए, तबाह कर दिए, दो पीढ़ी के सपनों को चूर-चूर कर दिया। लेकिन आपको पता है, कांग्रेस और उसके साथियों को इसका जरा भी मलाल नहीं है। कोई दुख नहीं है। उनके तो सोचने का ही तरीका है- हुआ तो हुआ। देश घोटालों से घिर गया, देश का नाम दुनिया भर में बदनाम हुआ, लेकिन वो कहते रहे- हुआ तो हुआ। सत्ता के गलियारों पर दलालों ने कब्जा कर लिया, रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने वाले देश को आगे बढ़ाने के लिए बड़े फैसले नहीं ले पाए और वो तो माला जपते रहे बेशर्मी के साथ कहते रहे, अहंकार से कहते रहे, हुआ तो हुआ। सिखों की कत्लेआम की और बोल दिया, हुआ तो हुआ। देश से उनको कोई लेना देना ही नहीं है। उन्होंने देश के लोगों के साथ विश्वासघात किया, देश की उम्मीदों को तोड़ा और ताल ठोक कर कहते रहे हुआ...तो हुआ।

साथियो, जब राष्ट्रहित के बजाय, सिर्फ अपने परिवार का हित सर्वोपरि होता है, तो यही अहंकार, यही घमंड बोलता है हुआ तो हुआ और जब जनता जाग जाती है, जनता की चेतना जग जाती है। जनता ईश्वर का रूप होती है जब वह इस अहंकार को पहचान लेती है तो हुआ तो हुआ कहने वालों को हवा हो जाओ, हवा हो जाओ, यह कहने की सरकार जनता जनार्दन में होती है। ऐसे अहंकारी लोग कभी देश का विकास नहीं कर सकते हैं। देश को शक्तिशाली नहीं बना सकते।

भाइयो और बहनो, चुनाव के पांच चरण बीत चुके हैं, कल छठे चरण का मतदान है। जहां-जहां कल छठे चरण का मतदान है उन सभी राज्यों के मतदाताओं को मेरा आग्रह है की गर्मी कितनी ही क्यों न हो भारी मात्रा में मतदान कीजिए, बहुत बड़ी मात्रा में मतदान कीजिए और ये जो अहंकार है, उस अहंकार को बटन दबा करके चूर-चूर कर दीजिए।
भाइयो-बहनो, इधर उत्तर प्रदेश को इन्होंने बर्बाद किया। ये सपा और बसपा के नेता आज पहले यूपी को बर्बाद किया, अब खुद को बर्बादी से बचाने के लिए गले मिल रहे हैं,गले मिल रहे हैं। जो एक दूसरे को जेल भेजना चाहते थे वो महल में भेजने के सपने देख रहे हैं। ऐसे लोगों पर विश्वास करोगे क्या? विश्वास करोगे क्या?

भाइयो और बहनो, यह सपा और बसपा वाले इनके नेता ये नहीं बताते कि राष्ट्र के लिए 130 करोड़ देशवासियों के लिए, पूरे हिंदुस्तान के लिए उनकी नीति क्या है। वो जो भी बात करते हैं, उसमें सबसे ऊपर होती है, मोदी को गाली देना, मोदी को गाली देना। रोज नई गाली, रोज नए तरीके से गाली। भाइयो और बहनो, देश को मजबूत बनाने का उनका तरीका क्या होगा, आतंकवाद से वो कैसे निपटेंगे, नामदार हो, बहन जी हो या बबुआ जी, यह आपको इस विषय में कुछ भी नहीं बताते हैं। और अभी-अभी शुरू किया है मोदी की जात कौन सी है? अरे कान खोल करके सुन लो, मोदी की एक ही जात है, इस देश के गरीबों की जो जात है वो मेरी जात है। जो भी अपने आप को गरीब मानता है मैं उसकी जात का हूं और इसीलिए जो सामान्य समाज है इनके गरीब बच्चों को कोई पूछने वाला नहीं था लेकिन मेरी जात गरीब की है इसीलिए उन गरीबों के लिए 10 % आरक्षण भी मैंने ही कर दिया। जिस गरीब के पास घर नहीं था, उसको घर दे दिया, क्योंकि मेरी जात गरीब की है। जिस घर के अंदर गैस का चूल्हा नहीं था, उस मां को गैस का चूल्हा दे दिया क्योंकि मेरी जात गरीब की है। जिस किसान के पास बारिश के पहले पैसे नहीं होते थे, बीज लाने के पैसे नहीं होते थे उस गरीब किसान के खाते में रुपए जमा कर दिए क्योंकि मेरी जात उस गरीब किसान की जात है।

भाइयो और बहनो, इन्होंने डरपोक, मजबूर सरकारें दिल्ली में चलाई हैं, जो आतंकवादियों और पाकिस्तान को जवाब ही नहीं दे सकती थीं। यही कारण है की इनके राज में यूपी समेत पूरे देश में बम धमाके होते थे और पाकिस्तान सिर पर चढ़ा रहता था। आज आपके इस चौकीदार ने चुपचाप बैठ कर मार खाने की नीति को बदल दिया है। अब हिंदुस्तान मार नहीं खाएगा, अब हिंदुस्तान नहीं गिड़गिड़ाएगा, अब हिंदुस्तान नहीं रोएगा, अब ये नया भारत है। अब भारत आतंकियों के घर में घुसकर के मारता है, घर में घुसकर के मारता है।

साथियो, यही स्थिति नक्सलवाद की थी। इस पूरे क्षेत्र में कैसे आपको नक्सलियों के खौफ में जीना पड़ता था। वो दिन भी याद रखने जरूरी हैं। बीते 5 वर्षों में नक्सलवाद को हमने देश के एक बहुत छोटे हिस्से तक समेट के रख दिया हैं।

साथियो, महामिलावटियों का एक ही सिद्धांत है- जहां वोट नहीं, वहां विकास नहीं। यही पाप किया है उन लोगों ने। क्या इस देश के गरीब का विकास में हक है कि नहीं है? घर बनता है तो गरीब को मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? क्या उसकी जाति देखी जाएगी क्या? बिजली देनी चाहिए कि नहीं देनी चाहिए? क्या गरीब के बच्चों की पढ़ाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? क्या कभी गरीब बीमार है तो दवाई मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? ये गरीब की जाति का आदमी आज बैठा है गरीबी से आया हुआ है और गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आज मैं आपका सेवक बन के काम कर रहा हूं।

आपके इस सेवक ने भाइयो बहनो, चाहे आतंकवाद हो, नक्सलवाद हो आपके इस सेवक ने राजनीति की इस सोच को बदलने का भरपूर प्रयास किया है। सबका साथ-सबका विकास यानी हर व्यक्ति का और हर क्षेत्र का विकास, हर इलाके में विकास पहुंचे, गांव-गांव के भी दूर-दूर के इलाकों में भी विकास पहुंचे, इस निष्ठा के साथ मैं 24सों घंटे आपकी सेवा में लगा रहता हूं। विशेष तौर पर पूर्वांचल और पूर्वी भारत को हम भारत के विकास की चर्चा में हम पहली बार लाए हैं। इसके पहले 70 साल हो गए किसी ने पूछा नहीं है। आज पूर्वांचल के लिए एक्सप्रेस वे बन रहे हैं, रेल कनेक्टिविटी संस्तृत हुई है, आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं तैयार हो रही हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर का यही काम यहां पर्यटन को बढ़ाने वाला है, यहां उद्योगों के लिए रास्ता खोलने वाला है।

साथियो, सपा-बसपा वालों ने हमेशा पूरे सोनभद्र को भ्रष्टाचार और अनदेखी का शिकार बनाया है। इन लोगों ने यहां की संपदा में लूट-खसोट को अपनी नीति का हिस्सा बनाया था। अब योगी जी की सरकार इस पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। विकास के हर प्रयास का विरोध इन महामिलावटी लोगों की आदत है।

जन धन योजना हो, स्वच्छ भारत अभियान हो, स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं हो, घर बनाने से जुड़ी योजनाएं हो, गरीबों से जुड़े हर काम पर इन लोगों ने हमारा मजाक उड़ाया है या काम को रोकने की कोशिश की है। इसी सोच की वजह से ये लोग सरदार पटेल, इस देश में मैं आज भी कहता हूं सरदार वल्लभाई पटेल अगर देश के प्रधानमंत्री होते तो देश के किसानों की स्थिति कुछ और होती। जब मैंने गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई तो लोग उनका भी विरोध करने लग गए और भाइयो बहनो, यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण आज पूरे हिंदुस्तान के लिए गर्व की बात है। लेकिन ये महामिलावटी कहते हैं की हमने गलत काम किया है।

भाइयो बहनो, मुझे बताइए सरदार वल्लभ भाई पटेल का सम्मान होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? मेरे आने से पहले होना चाहिए था कि नहीं होना चाहिए था? उन्होंने नहीं किया, उन्होंने गुनाह किया कि नहीं किया?

साथियो, इन लोगों से राष्ट्रीय गौरव की उम्मीद नहीं की जा सकती है। साथियो, यहां सोनभद्र में ओबरा और अनपरा में इतनी बिजली पैदा होती है लेकिन महामिलावटी लोगों के राज में सोनभद्र ही ज्यादातर अंधेरे में रहता था। बिजली भी वोट के हिसाब से दी जाती थी, जाति और वोट बैंक के हिसाब से काम होता था, बिजली में भी भेदभाव होता था। हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने का प्रयास किया है। भाइयो और बहनो, आज छोटे किसानों के बैंक खाते में अगर सीधे पैसे आ रहे हैं तो वो भी बिना किसी भेदभाव के हो रहा है। अब 23 मई को 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे फिर एक बार...मोदी सरकार, फिर एक...बार मोदी सरकार आएगी तब 5 एकड़ वाला नियम भी हटा दिया जाएगा, सभी किसानों को उनके खाते में पैसा जमा होना शुरू हो जाएगा। भाइयो और बहनो, किसानों के साथ-साथ हमारे आदिवासियों परिवारों के लिए भी अभूतपूर्व काम हमारी सरकार ने किए है। पहले जहां सिर्फ 10 वन उपज MSP के दायरे में थीं आज 50 हो गई हैं। वन उपज में वैल्यू एडिसन और मार्केटिंग हो इसके लिए वन धन केंद्र बनाए जा रहे हैं। आदिवासी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए एकलव्य मॉडल स्कूल पूरे देश में खोले जा रहे हैं।
साथियो, पानी की समस्या को दूर करने के लिए भी हमने बहुत बड़ा संकल्प लिया है। बीते पांच वर्ष में जिस तरह हमने गांव-गांव, घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए काम किया। उसी तरह अगले 5 वर्ष पानी के लिए समर्पित करेंगे। हमने इसके लिए हमने अलग से जल शक्ति मंत्रालय बनाने का भी फैसला किया है।

साथियो, आप सभी को पूरी शक्ति से यहां एनडीए के हमारे साथी श्रद्धेय सोनेलाल पटेल जी के सपनों को पूरा कर रहे अपना दल को जीतना है। और सोनेलाल जी मेरे बहुत अच्छे मित्र रहे हैं। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, सोनेलाल जी को कोऑपरेटिव मूवमेंट में बड़ा इंटरेस्ट था वो अमूल को देखने के लिए आए थे। वह मुझे मिलने आए थे इतना उत्साह था गरीबों के किसानों के लिए काम करने के लिए और हमें सोनेलाल के उन सपनों को पूरा करना है। राबर्ट्सगंज में कप प्लेट के निशान पर बटन दबाना है और आपको मालूम है मेरा तो बचपन से नाता ही कप और प्लेट से रहा है। ये चाय वाले ने बचपन में लोगों के झूठे कप प्लेट ही धोए हैं, आज वो चौकीदार ये कप प्लेट को चमकाने आया है। बचपन में इस कप प्लेट को धोता था झूठे कप प्लेट को धोता था आज ये चौकीदार उस कप प्लेट को चमकाने के लिए काम कर रहा है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, आप जब कप प्लेट पर बटन दबाएंगे तो आपका वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। आपके आशीर्वाद के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।

मेरे साथ बोलिए, भारत माता की...जय, भारत माता की...जय, भारत माता की...जय, बहुत बहुत धन्यवाद।

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.