QuoteThese elections are between those that neglected the needs and aspirations of the people of Arunachal for decades or those that have worked tirelessly since 2014 to develop Arunachal: PM Modi in Pasighat
QuoteThe people know well how to differentiate between the falsehood of Congress and the honest efforts of the BJP and so they will not repose their trust in such deceptive politicians: Prime Minister Modi
QuoteThe NDA government is continuously working to ensure strong and equitable development for the North-East at par with other regions of the country and aim to make Arunachal Pradesh the gateway to East Asia: PM Modi

जय हिन्द..

जय हिन्द..

जय हिन्द..  

पासीघाट सहित अरुणाचल ईस्ट लोकसभा सीट के तहत आने वाले सभी क्षेत्र के साथियों को मेरा प्रणाम। मंच पर विराजमान यहां के लोकप्रिय और युवा मुख्यमंत्री पेमा जी हमारे उम्मीदवार सभी, सभी वरिष्ठ नेता गण और विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो।  

30 मार्च को मैं आलो आया था, वहां से अरुणाचल के हर वासी का आपके सहयोग के लिए आपके विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया था। आज एक बार फिर आपके प्यार के लिए मैं हाथ जोड़ कर के आपका अभिवादन करता हूं।

साथियो, आपका प्यार और उसी का ये परिणाम है की आज हम अरुणाचल में गांव-गांव में सड़कें हो, नेशनल हाईवे हो, रेलवे हो या फिर एयरवे, कनेक्टिविटी को मजबूत करने में बहुत काम कर पाए हैं।

आप मुझे बताइए, अगर आपका मुझे साथ न मिला होता तो ये काम मैं कर पाता क्या? अरुणाचल का भला हो सकता था क्या, विकास के काम हो सकते थे क्या? कनेक्टिविटी के काम हो सकते थे क्या? ये आपके सहयोग से हुआ की नहीं हुआ?आपको अच्छा  लगा की नहीं लगा?

तेजू और पासीघाट में एयरपोर्ट नाहरलागुन और गुवाहाटी के बीच चलने वाली अरुणाचल एक्सप्रेस,  ऐसे अनेक प्रोजेक्ट्स आपके मजबूत विश्वास का ही परिणाम है।

अब यही जगह देख लीजिए, मैं 2014 में यहां आया था तब ये खेत था खेत और उस कोने से उस खेत में कुछ लोग आए थे, उनको मैंने संबोधित किया था। आज देखते ही देखते ये एक शानदार स्टेडियम बन गया। अब अरुणाचल से फुटबॉल के तगड़े खिलाड़ी निकलेंगे की नहीं निकलेंगे? पासीघाट का नाम रोशन होगा की नहीं होगा? आपने साथ दिया तभी हम पासीघाट और ईटानगर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का बीड़ा उठा पाए हैं।

आपके मजबूत विश्वास का ही नतीजा है, कि आज अरुणाचल में शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर अनेक संस्थान बन रहे हैं। आपके विश्वास का ही परिणाम है कि आजादी के 7 दशक बाद, अरुणाचल के सभी गांवों तक बिजली पहुंचा पाए हैं, हर घर को रोशन कर पाए है।

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भाइयो-बहनो, ईटानगर और दिल्ली में विकास का डबल इंजन आप सभी लोगों ने लगाया। इसी का परिणाम है की आज विकास के नए रास्ते पर अरुणाचल चल पड़ा है।

भाइयो-बहनो, जिन लोगों ने 70 साल तक राज किया, एक परिवार ने 55 साल तक राज किया देश पर लेकिन फिर भी ये कोई दावा नहीं कर सकते हैं की उन्होंने हिंदुस्तान के सारे काम पूरे कर दिए है । मुझे तो 5 साल अभी होने बाकी है तो मैं भला ये तो दावा नहीं कर सकता हूं की मैंने सारे काम पुरे कर दिए है लेकिन मैं इतना जरूर समाधान कर सकता हूं कि मैं हर चुनौती को चुनौती देने वाला इंसान हूं । मुश्किल से मुश्किल काम हाथ में लेने की तैयारी रखने वाला इंसान हूं और जो काम हाथ में लेता हूं उसको पूरा करने के लिए जी-जान से जुटा रहता हूं। आपने कभी सुना है की आपका ये सेवक कभी छुट्टी पे चला गया है, सुना है , कभी छुट्टी ली है, कभी आराम किया है, कभी मौज मस्ती में टाइम बिगाड़ा है? आप ही के लिए लगा हूं की नहीं लगा हूं ? सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए लगा हूं की नहीं लगा हूं?  ये आपका आशीर्वाद है आपका प्रेम है जो मुझे दिन-रात आपके लिए काम करने की नई ऊर्जा देता है।

ट्रांसपोर्ट से ट्रांसफॉर्मेशन का हमारा संकल्प मजबूत है। अरुणाचल और नॉर्थ ईस्ट को ईस्ट एशिया का गेटवे बनाने का हमारा लक्ष्य है। नए अरुणाचल के लिए बीजेपी का विजन है, संपर्क संसाधन और सम्मान, इसी संकल्प को पूरा करने के लिए एक बार फिर आप सभी का आदेश लेने के लिए मैं और मेरे तमाम साथी आज आप सभी के बीच आये हैं। मैं जरा पूछना चाहता हूं, क्या आप आपके इस चौकीदार से खुश है ना? नखुश है ना ?

बराबर खुश है ना ? ऐसे ही तो नहीं बोल रहे?

आप मेरे युवा मित्र पेम खांडू जी और अरुणाचल के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं चौकीदारों की, उनकी पूरी टीम के लिए खुश हैं की नहीं है? सब खुश है, आपको संतोष है?

भाइयो और बहनो, इस बार का चुनाव वादों और इरादों के बीच का चुनाव है। ये चुनाव संकल्प और साजिश के बीच का चुनाव है। ये चुनाव भरोसे और भ्रष्टाचार के बीच का चुनाव है। ये अरुणाचल, नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए दिन-रात एक करने वालों और दश्कों तक अरुणाचल,नॉर्थ ईस्ट की उपेक्षा करने वालों का चुनाव है।

मैं आपकी सांस्कृतिक विरासत, परंपरा, आपके गौरव की रक्षा करने वालों और आपके परिधानों, आपकी परंपराओं का मजाक उड़ाने वालों, आपका अपमान करने वालों के बीच इसका चुनाव होना है। एक तरफ आपकी परंपराओं का अपमान करने वाले है और दूसरी तरफ आपकी सारी परंपराओं को गौरव के साथ स्वीकार करने वाला, आपकी परंपरा को मेरी परंपरा मानने वाला आपका एक चौकीदार आपके साथ खड़ा है।

वो दल जिन्होंने कभी देश की आशाओं-आकांक्षाओं को नहीं समझा, जिन्होंने देश पर राज करने की नीयत से सत्ता पर कब्जा जमाए रखा। जबकि आपका ये चौकीदार, आपके सेवक की तरह हमेशा आपकी सेवा में तैयार है, आपकी आशाओं, उम्मीदों आपकी जरूरतों को समझते हुए, मैं काम करने की सफलता पाने की सुविधा बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रहा हूं। हम सिर्फ एक वादा कर के उससे दशकों तक लटकाए रखने वाले लोग नहीं है, बल्कि आपके जीवन को आसान बनाने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करने वाले लोग है।

साथियो, हमने तो हर घर को टॉयलेट के सपने नहीं दिखाए थे लेकिन आज हर घर में शौचालय के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त करने की तरफ हम पूरी तरह सफलता देख रहे हैं। हमने तो कभी गरीब बहनों की रसोई को धुएं से मुक्त करने का ढोल नहीं पीटा था लेकिन आज 7 करोड़ से अधिक गरीब बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिल चूका है।

हमने कभी किसानों की आंखों में धूल झोंक कर, किसानों के नाम पर वोट मांगने का पाप नहीं किया था। फिर भी हमने किसानों के लिए बीज से बाजार तक व्यवस्थाएं बनाईं, तमाम सुधार किए और पीएम किसान सम्मान योजना भी लागू कर दी।

साथियो, हमने ये भी नहीं कहा था कि देश के 12 करोड़ किसान परिवारों को, अरुणाचल के 50 हजार से अधिक किसानों को, हर वर्ष हजारों करोड़ रुपए सीधे बैंक खाते में जमा करेंगे। लेकिन आज देश के 3 करोड़ से अधिक किसान परिवार के खाते में पहली किश्त के पैसे जमा भी हो गए हैं। हमने स्वास्थ्य के नाम पर बड़ी-बड़ी लुभावनी बातें नहीं की थी, लेकिन फिर भी दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान भारत योजना लागू की। आज इस योजना की वजह से अरुणाचल के 3 लाख गरीब परिवारों को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध हुई है और मेरे अरुणाचल के भाइयो-बहनो, ये स्वास्थ्य योजना इतनी बड़ी है, इतनी बड़ी है। ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है।

अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको इनकी जो टोटल पापुलेशन है, टोटल जनसंख्या है उससे भी ज्यादा ये भारत में आयुष्मान के लाभार्थी है।

साथियो, स्वच्छता तो वो विषय था जिस पर हमारे देश में कभी चर्चा ही नहीं होती थी। संसद में तो कभी ये बात ही नहीं उठी, कभी किसी मेनिफेस्टो का अहम मुद्दा भी नहीं बना लेकिन हमने स्वच्छ भारत बनाने की ठानी और देश के लोगों के सहयोग से आज स्वच्छ भारत की सच्चाई दुनिया के सामने, देश के सामने है।

आज दुनिया के देश, चीन समेत भारत के स्वच्छता अभियान का ये मॉडल का अध्यन कर रहे हैं। ये आपको खुशी हो रही है कि नहीं हो रही है? अच्छा लग रहा है कि नहीं लग रहा है? मैं सही दिशा में काम कर रहा हूं कि नहीं कर रहा हूं?

साथियो, एक तरफ इरादों वाली सरकार है और दूसरी तरफ सिर्फ और सिर्फ झूठे वादों वाले नामदार हैं। इन लोगों की तरह ही इनका घोषणापत्र भी भ्रष्ट होता है, बेईमान होता है, ढकोसलों से भरा होता है और इसीलिए उसे घोषणापत्र नहीं ढकोसलापत्र कहना चाहिए।

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साथियो,सर्दी, गर्मी, बारिश, कैसा भी मौसम हो, कैसी भी परिस्थिति हो, चौकीदार पहरा देते हुए ये भी कहता है-जागते रहो। इसलिए आपका ये चौकीदार भी आपको जागते रहो कह रहा है, इनके भ्रष्ट वादों  से आपको आगाह कर रहा है। आपको एक उदाहरण मैं दूंगा, 2004 के ये ढकोसला पत्र में ये महामिलावटी लोगों ने ये कांग्रेस पार्टी ने ये इन्होंने कहा था की 2009 तक, ये बराबर उनका लिखा हुआ है देख लेना। ये 2004 में कहा था आज मैं 2019 में बात कर रहा हूं, बीच में 15 साल बीत गए। 2004  में उन्होंने लिखित में कहा था की 2009 तक देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का वादा उन्होंने किया था। इसके लिए बाकायदा एक प्रोग्राम भी घोषित किया था लेकिन 2014 में जब मैं आया तब तक देश के 18 हजार गांव अंधेरे में थे और करोड़ों परिवार उन्होंने बिजली नहीं देखी थी। साल 2009 में फिर इनका एक और ढकोसलापत्र आया, पहले के वादे का क्या हुआ, कोई जवाब नहीं दिया और उनके जो चेले चपाटे है, उन्होंने भी उनको कभी सवाल नहीं पूछा। फिर 2014 का चुनाव आया और फिर एक वादा दोबारा दोहराया की शहरों में शत-प्रतिशत बिजली देंगे और गांवों में बिजली 90 प्रतिशत तक पहुंचाएंगे। 4 में कहते थे सबको पहुंचाएंगे, 9 में कहने लगे कुछ छूट जायेंगे और न 4 में किया न 9 में किया न 14 तक किया। अरे भाई! 2004 में जो वादा किया था उसके बारे में तो जरा बता देते।

साथियो, इनके झूठे वादों की स्थिति ये थी की अरुणाचल और नॉर्थ ईस्ट के 1800 से अधिक गांव और देश के 3 करोड़ से अधिक परिवार, 2014 में अंधेरे में जीने के लिए मजबूर थे। और देश के अंदर 18000 गांव, जिन्होंने कभी बिजली नहीं देखी थी। आपके इस चौकीदार ने हजार दिन के भीतर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा और हजार दिन के भीतर वादा पूरा कर दिखाया है। इतना ही नहीं देश के 2.5  करोड़ से अधिक घरों को भी इस चौकीदार की सरकार रोशन कर चुकी है, अंधेरा मिटा चुकी है।

भाइयो और बहनो, इतना ही नहीं, कांग्रेस ने देश में अलगाववाद बढ़ाने के लिए, हिंसा को प्रोत्साहन देने के लिए, देश को गाली देने वालों को प्रोत्साहन देने की भी एक योजना बनाई है। जो तिरंगे झंडे को जलाते हैं, उसका अपमान करते हैं, जो आपकी तरह ‘जय हिंद’ नहीं, लेकिन भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगाते हैं। जो विदेशी ताकतों के हाथों में खेलते हैं, जो हमारी विरासत का अपमान करते हैं, जो बाबा साहब अंबेडकर जैसे मनीषियों की मूर्तियां तोड़ते हैं, ऐसे लोगों से भी कांग्रेस को सहानुभूति है। जो भारत के संविधान को, भारत के कानून को दायरे को नहीं मानते, ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का जो कानून देश में है। उसको खत्म करने का वादा कांग्रेस पार्टी ने किया है।

आप मुझे बताइए, क्या देशद्रोह करने वालों को सजा मिलनी चाहिए की नहीं मिलनी चाहिए? देशद्रोहियों के लिए कठोर कानून होना चाहिए की नहीं होना चाहिए? अगर देशद्रोहियों को खुली छूट दे दी जाएगी तो आप लोगों को मुसीबत आएगी की नहीं आएगी? देश में संकट आएगा की नहीं आएगा? इनको क्या हो गया है भाइयो।

साथियो, एक तरफ आपका ये चौकीदार, देश के वीर सपूत, देश को तोड़ने वालों के खिलाफ खड़ा हो रहा है। देश के भीतर हो या देश के बाहर, भारत मां पर हमला करने वालों के खिलाफ आपका ये चौकीदार कठोर कार्रवाई कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ विचारों से दिवालिया हो चुकी कांग्रेस, सत्ता में वापसी की छटपटाहट में आज इतनी नीचे गिर चुकी है। क्या ये देश में अलगाव की आवाज को मजबूत करने की कोशिश नहीं है?

कांग्रेस का हाथ, देश के साथ है या देशद्रोहियों के साथ है। इस चुनाव में देश का नागरिक कांग्रेस पार्टी के इन बातों का पूरा जवाब मांग कर के रहेगा। आप सभी मिल कर कांग्रेस और महागठबंधन के नाम पर बना महामिलावटी लोग, उनकी जमानत जब्त कराएंगे कि नहीं? उनको पूरी तरह हराएंगे कि नहीं हराएंगे, उनको हमेशा के लिए घर भेज देंगे की नहीं भेज देंगे?

भाइयो, अरुणाचल को बचाने के लिए अरुणाचल को आगे बढ़ाने के लिए पेमा खांदू जी के हाथ मजबूत करना जरुरी है, भारतीय जनता पार्टी की सरकार  बनाना जरुरी है। दिल्ली में भी कमल का इंजन हो, अरुणाचल में भी कमल का इंजन हो फिर देखिये आप अरुणाचल की गाड़ी कैसे तेज चलती है। आप आश्वस्त रहिए, जब तक ये चौकीदार है, तब तक देश को तोड़ने के बारे में सोचने वालों को सौ बार सोचना पड़ेगा। हम एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए जीने-मरने वाले लोग है। यही अरुणाचल के आप सभी साथियों की प्रेरणा है यही 130 करोड़ भारतवासियों का प्रण है।

साथियो, अपने कांग्रेस और उसके सहयोगियों के 60 वर्ष भी देखे और चौकीदार के 60 महीने भी देखे हैं। बताइए कांग्रेस के नामदारों ने कितनी बार अरुणाचल की सुध ली थी, कोई कोंग्रेसी आता था क्या अरुणाचल में ? दिल्ली के नेताओं को फुर्सत थी क्या? अरे! यहां के नेता जाते थे हफ्ते-हफ्ते भर उनको दिल्ली में रुकना पढ़ता था। अरुणाचल की जनता के पैसों से वहां होटलों में रहते थे। वहां के नेता को मिलने का टाइम नहीं देते थे, मिलने का टाइम नहीं देते थे। कांग्रेस के इतने प्रधानमंत्री हुए वो कितनी बार अरुणाचल आए थे, किसी को याद भी नहीं होगा। आपने कांग्रेस के इतने सालों तक  प्यार दिया। क्या उन्होंने आपके प्यार को सम्मान दिया क्या?

भाइयो-बहनो, यही कांग्रेस की हकीकत है। यही नामदारों की असलियत है उनके लिए वोटबैंक ही सब कुछ है। यही कारण है की इतने वर्षों तक अरुणाचल और नॉर्थ ईस्ट को उन्होंने भुला दिया था। उनके ढकोसला पत्र में देखिए, नॉर्थ ईस्ट कहां होता है, उनके बजट उठा कर देख लीजिए नॉर्थ ईस्ट को वो कितना स्पेस देते थे, आपकी आवश्यकताओं को कितना सम्मान देते थे। ये कांग्रेस ही है जिसने नॉर्थ ईस्ट को न तो दिल में जगह दी और न ही दिल्ली में जगह दी। दूसरी तरफ भाजपा है, जिसने नॉर्थ ईस्ट के दिल को भी जोड़ा और दिल्ली को आपके पास लेकर चली आई।

साथियो, ये अटल जी ही थे, जिन्होंने पहली बार नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया। अटल जी ने जो काम शुरु किया, आपको, आपके इस चौकीदार की सरकार ने आगे बढ़ाया और हर 15 दिन में कोई न कोई केंद्रीय मंत्री की ड्यूटी नॉर्थ ईस्ट में लगाई हमने।

बीते 5 वर्षों में, मैं खुद 30 से ज्यादा बार और सैकड़ों बार केंद्र सरकार के मंत्री, हमारे इस नॉर्थ ईस्ट के पूरे क्षेत्र में आ चुके हैं। साथियो, हम बार-बार आपके बीच आते हैं, क्योंकि हमें मां भारती के कोने-कोने से प्यार है, जन-जन से लगाव है। कांग्रेस सिर्फ वोट के लिए, सत्ता के लिए आपको याद करती है, क्योंकि वहां सिर्फ एक ही परिवार से लगाव है। कांग्रेस की ये नीति एक वोटबैंक बनाने की रही है, वो इसी वोट बैंक के लिए काम करती है। फिर चाहे उससे देश का नुकसान क्यों ना हो, उससे अलगाव क्यों न पैदा हो।

भाइयो और बहनो, अरुणाचल प्रदेश पूरी मजबूती के साथ 11 अप्रैल को विकास के डबल इंजन को कमल छाप डबल इंजन को शक्ति देगा, अरुणाचल और देश की चौकीदारी को सशक्त करेगा। इसी विश्वास के साथ आप सभी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।  

मेरे साथ एक नारा बोलेंगे...? पूरी ताकत से बोलेंगे..? दोंनो हाथ ऊपर कर के बोलेंगे?

मैं कहूंगा मैं भी, आप बोलिए चौकीदार हूं।

मैं भी...चौकीदार हूं

मैं भी...चौकीदार हूं

मैं भी...चौकीदार हूं

गांव-गांव चौकीदार, गांव-गांव चौकीदार, गली-गली चौकीदार, गांव-गांव चौकीदार, गली-गली चौकीदार, नौजवान चौकीदार, माता-बहनें चौकीदार, खेत खलिहान चौकीदार, बाग-बगान में चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान चौकीदार, सीमा पार चौकीदार, गली-गली में चौकीदार।

भाइयो और बहनो, सवा सौ करोड़ देश का हिंदुस्तान, हर हिंदुस्तानी चौकीदार इसी भाव के साथ आओ देश को बचाएं देश को आगे बढ़ाए।

भारत माता की...जय

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बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • Reena chaurasia August 26, 2024

    बीजेपी
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Cabinet approves construction of 4-Lane Badvel-Nellore Corridor in Andhra Pradesh
May 28, 2025
QuoteTotal capital cost is Rs.3653.10 crore for a total length of 108.134 km

The Cabinet Committee on Economic Affairs chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi has approved the construction of 4-Lane Badvel-Nellore Corridor with a length of 108.134 km at a cost of Rs.3653.10 crore in state of Andhra Pradesh on NH(67) on Design-Build-Finance-Operate-Transfer (DBFOT) Mode.

The approved Badvel-Nellore corridor will provide connectivity to important nodes in the three Industrial Corridors of Andhra Pradesh, i.e., Kopparthy Node on the Vishakhapatnam-Chennai Industrial Corridor (VCIC), Orvakal Node on Hyderabad-Bengaluru Industrial Corridor (HBIC) and Krishnapatnam Node on Chennai-Bengaluru Industrial Corridor (CBIC). This will have a positive impact on the Logistic Performance Index (LPI) of the country.

Badvel Nellore Corridor starts from Gopavaram Village on the existing National Highway NH-67 in the YSR Kadapa District and terminates at the Krishnapatnam Port Junction on NH-16 (Chennai-Kolkata) in SPSR Nellore District of Andhra Pradesh and will also provide strategic connectivity to the Krishnapatnam Port which has been identified as a priority node under Chennai-Bengaluru Industrial Corridor (CBIC).

The proposed corridor will reduce the travel distance to Krishanpatnam port by 33.9 km from 142 km to 108.13 km as compared to the existing Badvel-Nellore road. This will reduce the travel time by one hour and ensure that substantial gain is achieved in terms of reduced fuel consumption thereby reducing carbon foot print and Vehicle Operating Cost (VOC). The details of project alignment and Index Map is enclosed as Annexure-I.

The project with 108.134 km will generate about 20 lakh man-days of direct employment and 23 lakh man-days of indirect employment. The project will also induce additional employment opportunities due to increase in economic activity in the vicinity of the proposed corridor.

Annexure-I

 

 The details of Project Alignment and Index Map:

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 Figure 1: Index Map of Proposed Corridor

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 Figure 2: Detailed Project Alignment