QuoteOur focus is all-round development of India & North east cannot stay behind in this journey: PM Modi
QuoteWe want to ensure that youth here gets the opportunities to fulfil their dreams: PM
QuoteWe would set up Central Institute of Technology for better technical education, Kokrajhar to get deemed university status: PM
QuoteAssam gave a PM for 10 years, Congress ruled here for 15 years, still the state faces problems: PM
QuoteWe want to Act East. Be it rail, roads or waterways, we want to connect our North east with entire India: PM
QuoteOur aim is housing for all by 2022 & 24/7 electricity and water: PM Modi during rally in Assam
QuoteI assure our Govt would leave no stone unturned in developing the North east region: PM Modi

मंच पर विराजमान बीटीसी के चीफ़ श्रीमान अग्रमा मोहिलरी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी और जनप्रिय नेता श्रीमान सर्वानंद जी सोनमल, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी और डोनर के मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह जी, बीटीसी के डिप्टी चीफ़ श्रीमान खम्पा जी, श्रीमान हेमंत विश्व शर्मा जी, सांसद श्रीमान विश्वजीत और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों एवं बहनों।

मैं सबसे पहले आप सबसे क्षमा मांगता हूँ क्योंकि मुझे आने में विलंब हुआ। मैं सिक्किम में था मुझे निकलने में देर हुई और आपको काफ़ी इंतज़ार करना पड़ा लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मुझे इतनी देरी नहीं हुई है जिस कारण आपको विकास के लिए इंतज़ार करना पड़े, आपको अपने हक़ के लिए लड़ाई करनी पड़े। मैं आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर यहाँ के लोगों की भलाई करने आया हूँ, आपके शक्ति, सामर्थ्य, सपनों, यहाँ के युवाओं को अवसर मिले और वे विकास की नई ऊंचाईयों को प्राप्त करें।

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मैं आपके बीच में एक ऐसे समय आया हूँ जब यहाँ पर एकता और सद्भावना का माहौल है। यहाँ के राजनीतिक गुट भी अपने वाद-विवादों को पीछे रखते हुए यहाँ के लोगों की भलाई और उनके विकास के लिए आगे आए हैं। मैं इसके लिए यहाँ के नेतृत्व को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ और जो लोग जुड़ रहे हैं, उनका मैं तहे दिल से स्वागत करता हूँ। अग्रमा जी, खम्पा जी मेरे घर पर आये थे, दिल खोलकर बातें हुई थी। उनसे मिलकर मुझे यहाँ की समस्याओं को समझने का अवसर मिला तभी उन्होंने कहा कि मोदी जी, जो देना है, वो दिल खोलकर दे दीजिए क्योंकि बातें भी तो दिल खोलकर हुई थीं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि दिल में आप समा गए हैं।

12-15 साल से जो वादे आपको किये गए, उन वादों का भी निपटारा नहीं हुआ। मैं यह तो मान सकता हूँ कि इसमें कुछ समय लग सकता है लेकिन आप हर बार वादे करें और फ़िर वादों को भुला दें, नए-नए वादें करें इस तरह के वादाखिलाफी से गुस्सा आता है, ये आपकी नाराजगी का प्रदर्शन है।

मैं आपको इतना ही कहने आया हूँ कि जो बात मैं कर रहा हूँ, उसे पूरा करने के लिए मैं जी-जान से जुड़ जाता हूँ, खप जाता हूँ। मैं हैरान हूँ कि एक पार्टी जिसने यहाँ 15 साल राज किया, ये असम प्रदेश जिसने 10 साल के लिए देश को प्रधानमंत्री दिया, 15 साल कांग्रेस ने लगातार राज किया; देखा जाए तो 60 साल तक वो ही सरकार चलाते रहे, मैं तो यह सोच रहा था कि असम में तो अब कोई समस्या हो ही नहीं सकती क्योंकि 10 साल यहाँ से प्रधानमंत्री रहे हैं और 15 साल से एक मुख्यमंत्री यहाँ सरकार चला रहे हैं। जिन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए, वे सवाल पूछ रहे हैं तो फिर उन्होंने किया क्या? ये सब विफलताओं की दस्तक है। उन्हें यह स्वीकार करना पड़ रहा है कि उनका अपना प्रधानमंत्री था, असम से मनमोहन सिंह जी को भेजा था लेकिन अभी समस्याओं की लंबी लिस्ट है आपकी।

भाईयों-बहनों, वे 15 साल में कुछ नहीं कर पाए और मुझसे अपेक्षा करते हैं कि मैं 15 दिन में सबकुछ कर दूँ। मुझे बताईये कि क्या ये मेरे साथ न्याय है? ये आपलोगों को गुमराह करने के लिए है लेकिन मेरा आप पर भरोसा है कि आप गुमराह नहीं होंगे। आपने उनके 15 साल देखे हैं और आपने हमारे 15 महीने भी देखे हैं। मेरे सामने कुछ बातें रखी गई थीं और आज मैं बड़े संतोष के साथ कहना चाहता हूँ कि असम के कार्बी मिकिर जनजाति को मैदानी इलाके में अनुसूचित जनजाति के रूप में और असम के बोडो काछारी जनजाति को ट्राइब आंगलोंग और एनसी हिल ऑटोनोमस काउंसिल के इलाके में अनुसूचित जनजाति के रूप में घोषित किये जाने का मुद्दा काफ़ी समय से लंबित है। अब दोनों ही मसलों की रजिस्ट्रार सेंट्रल ऑफ़ इंडिया और अनुसूचित जनजाति के लिए राष्ट्रीय आयोग द्वारा सिफ़ारिश कर दी गई है। आने वाले कुछ समय में ये मामला कैबिनेट में अप्रूव हो जाएगा और उसके बाद संसद में इसे पारित किया जाएगा। वर्षों से आपकी इस समस्या का समाधान निकाला जा रहा है।

आपके नेता ने जब मुझे इस समस्या के बारे में बताया तो मैंने कहा कि मैं पहले इसका समाधान निकालूँगा, फ़िर आऊंगा। इस क्षेत्र के छात्रों को उच्च गुणवत्ता की तकनीकी शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिए, औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कोकराझार को एक वर्ष की अवधि में डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया जाएगा। इस कार्य से यूनिवर्सिटी को और अधिक अकादमिक तथा प्रशासनिक अधिकार प्राप्त होंगे।

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मेरे सामने एक मसला आया था, एयरपोर्ट का बहुत पहले एक एयरपोर्ट सेना के साथ मिलकर काम कर रहा था, फ़िर वो बंद हो गया। अब राज्य सरकार ज़मीन नहीं दे रही है मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि जैसे ही ज़मीन का मसला पूरा हो जाएगा, रूपसी एयरपोर्ट को भारतीय वायुसेना और आम जनता के लिए संयुक्त रूप से विकसित किया जाएगा।

कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन के रूट का बराक वेली में सिलचर तक विस्तार किया जाएगा और मैं आने वाले दिनों में बहुत जल्द उस ट्रेन को आरंभ करने जा रहा हूँ। मुझे एक और कठिनाई बताई गई कि हमारे लिए बजट में इतना आवंटन होता है लेकिन पता नहीं कहाँ जाता है। जनता की पाई-पाई जनता के ही पास जानी चाहिए; जो अब तक लूटा गया है और अब लूटने का अवसर नहीं मिल रहा है इसलिए ये लोग हमसे परेशान हैं। दिल्ली आजकल हिसाब मांगता है।

दिल्ली में अटल जी के समय में नार्थ-ईस्ट के विकास के लिए एक विशेष मंत्रालय - डोनर बना था। अटल जी की सरकार के जाने के बाद इनकी सरकार में क्या-क्या होता है, ये आप सभी को मालूम ही है। हमने डोनर मंत्रालय को एक नया काम दिया है जिससे यहाँ के कुछ नेता लोग काफ़ी परेशान हैं। पहले यहाँ के लोगों को दिल्ली जाना पड़ता था, मिनिस्ट्री खोजनी पड़ती थी, सामान्य लोग वहां जा नहीं पाते थे, शिकायत पहुंचाई नहीं जा सकती थी, क्या चल रहा है, सच-झूठ का पता ही नहीं चलता था। रुपये तो आते थे लेकिन ज़मीन पर कोई काम दिखाई नहीं देता था।

राजीव गाँधी सही कहते थे कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है और गाँव में जाते-जाते 15 पैसे हो जाता है। इसलिए हमने तय किया कि डोनर मिनिस्ट्री, उसके अधिकारी महीने में एक बार नार्थ-ईस्ट के राज्यों में जाएंगे, पूरा सचिवालय दिल्ली से गुवाहाटी जाएगा। दिनभर वहां बैठेंगे, सरकार ने जो पैसे दिये, उसका हिसाब मांगेंगे, रुपये कहाँ जा रहे हैं, उसकी पूछताछ होगी और यह काम डॉ. जितेन्द्र सिंह की टीम बखूबी कर रही है। इसके कारण यहाँ लोगों को परेशानी हो रही है कि मोदी हिसाब मांग रहे हैं और आजकल फैशन हो गया है, अपने काम का हिसाब नहीं देना। जब हिसाब मांगते हैं तो कोई और ही आरोप लगाना शुरू कर देते हैं इसलिए नार्थ-ईस्ट की सभी सरकारों को पैसे का हिसाब देना पड़ेगा क्योंकि ये जनता का पैसा है और ये जनता के काम आना चाहिए और इसलिए मैं इन लोगों को बुरा लगता हूँ।

मैं अपना समय इस लिए बर्बाद नहीं करता कि मैं अच्छा लगूं यां बुरा लगूं; मैं अपना समय खपाता हूँ ताकि मेरा देश अच्छा बने। हमारे देश का भविष्य बदलने के लिए मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम है – विकास, विकास और सिर्फ़ विकास। सारी समस्याओं का समाधान विकास में ही है। पिछले दिनों आपने देखा होगा कि जब दिल्ली में पुलिस की भर्ती हुई तो मैंने आग्रह रखा कि नार्थ-ईस्ट राज्यों के नौजवानों को दिल्ली में पुलिस में भर्ती करना चाहिए और आज बहुत बड़ी संख्या में यहाँ के नौजवानों को दिल्ली में रक्षा के लिए ले जाया गया। एक बार जो बात कही, उसे लागू करने के लिए जी-जान से लगे रहते हैं, पूरी कोशिश करते हैं।

हमें अगर विकास करना है तो इस इलाके की सबसे पहली ज़रूरत है – इंफ्रास्ट्रक्चर, चाहे सड़क हो, रेल हो, या जलमार्ग हो और इसलिए हमारी सरकार ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी बनाई है। इस पॉलिसी के माध्यम से नार्थ-ईस्ट राज्यों को भारत की विकासधारा में जोड़ना है, रास्तों का नेटवर्क बनाना है। पिछले बजट में आपने देखा होगा कि जैसा आवंटन हुआ था, वैसा पहले कभी नहीं किया गया होगा, उतने रुपये हम नार्थ-ईस्ट में सड़क और रेल में लगा रहे हैं।

देश की आज़ादी के इतने साल बीत गए और मैं सोच रहा था कि अब तक तो देश के सभी गांवों में बिजली पहुँच गई होगी लेकिन मुझे हिसाब मिला कि अभी भी 18,000 गाँव ऐसे हैं जहाँ बिजली का खंभा भी नहीं है। हमने बीड़ा उठाया, 15 अगस्त को लाल किले से हमने घोषणा की कि मेरी सरकार जी-जान से काम करेगी और 1,000 दिन में 18,000 गाँव में बिजली पहुंचाऊंगा। आप अपने मोबाइल पर इसका पूरा विवरण देख सकते हैं। इसके लिए एक अलग वेबसाइट बनाई है कि कहाँ-कहाँ बिजली पहुंची और दिन-प्रतिदिन का हिसाब रखा जाता है और हर दिन किसी-न-किसी गाँव में बिजली पहुँच रही है। गाँव में बिजली पहुँचने के बाद लोगों को अहसास होता होगा कि आज़ादी किसे कहते हैं। मैं तो मीडिया के मित्रों को भी कहता हूँ कि बिजली पहुँचने के बाद गाँव में जो लोगों का उत्साह है, उसे लोगों को दिखाएं। इससे देश के साथ-साथ काम करने वालों का भी हौसला बुलंद होगा।

बिजली पहुँचने से शिक्षा और जीवन-व्यवस्था में सुधार होगा और हमारा सपना है 2022 में भारत की आज़ादी के 75 साल होने पर सब जगह लोगों को 24 घंटे बिजली मिले जो आज नहीं मिल रही है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि 2022 तक हम यह काम करके रहेंगे।

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हमारा एक और सपना यह है कि देश के गरीब परिवारों को अपना घर मिले। हमने ठान लिया है कि 2022 में देश के गरीब से गरीब व्यक्ति के पास भी ख़ुद का रहने का घर हो और घर भी ऐसा जिसमें बिजली हो, पानी आता हो, शौचालय भी हो और बच्चों के लिए नजदीक में स्कूल भी हो। जब इतने मकान बनेंगे, रास्ते बनेंगे, रेल का काम होगा तो बहुत सारे लोगों को रोजगार भी मिलेगा, काम के अवसर बढ़ेंगे।

हमने तय किया था कि हम गरीब से गरीब व्यक्ति का बैंक खाता खोलेंगे; प्रधानमंत्री जन-धन योजना शुरू की। लोगों को लगता था कि जो काम 70 साल में नहीं हुआ, वो मोदी जी कैसे करेंगे। आज बताते हुए मुझे ख़ुशी हो रही है कि जन-धन योजना के अंतर्गत हमने 20 करोड़ लोगों के खाते खोल दिए हैं। हमने उन्हें अर्थव्यवस्था के धारा में जोड़ा, बैंक तक उनका रास्ता खोला। मैंने कहा था कि पैसे नहीं होंगे तो भी खाते खुलेंगे लेकिन मुझे ख़ुशी है कि गरीबों ने भी सोच लिया कि मुफ़्त में नहीं करना है, बैंक में कुछ तो जमा करेंगे और लोगों ने करीब-करीब 30 हज़ार करोड़ रुपये जमा किये। ये ताकत है देश के आम जन की और इस ताकत को लेकर हम आगे बढ़ना चाहते हैं।

मेरा एक ही इरादा है कि हिन्दुस्तान में और जगहों पर जितना विकास हुआ है, यहाँ भी उतना ही विकास होना चाहिए। ये काम मुझे करना है और इसलिए मैं आपके पास आशीर्वाद लेने आया हूँ। आज लाखों की तादाद में मैं यह जनसैलाब देख रहा हूँ। मैंने असम में बहुत दौरे किये हैं। लोकसभा के चुनाव में भी आपने भरपूर आशीर्वाद दिया है लेकिन ऐसा नज़ारा मैंने पहले कभी नहीं देखा, ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा। आपके इसी आशीर्वाद से मुझे ताकत मिलती है, आपके लिए दिन-रात दौड़ने की मुझे प्रेरणा मिलती है। मुझे ख़ुशी है कि मुझे नए साथियों के साथ काम करने का मौका मिला है और मैं विश्वास दिलाता हूँ कि यहाँ की जितनी रुकी समस्याएं हैं, उनके समाधान के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। मैं आप सभी का आभारी हूँ, बहुत-बहुत धन्यवाद!       

            

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বাবলিয়ালী ধামৰ এক কাৰ্য্যসূচীত প্ৰধানমন্ত্ৰীৰ বক্তব্যৰ পূৰ্ণ পাঠ
March 20, 2025
Quoteসেৱাৰ প্ৰতি নিষ্ঠা, প্ৰকৃতিৰ প্ৰতি প্ৰেম আৰু গো সুৰক্ষাৰ প্ৰতি দায়বদ্ধতাৰ বাবে প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে ভৰৱাদ সম্প্ৰদায়ৰ প্ৰশংসা
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Quoteআধুনিকতাৰ জৰিয়তে সমাজখনক সবলীকৰণৰ বাবে শিক্ষাৰ গুৰুত্বৰ ওপৰত জোৰ দিলে প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে
Quoteদেশৰ সৰ্ববৃহৎ শক্তি “সবকা প্ৰয়াস”ৰ গুৰুত্বৰ ওপৰত আলোকপাত প্ৰধানমন্ত্ৰীৰ

মহন্ত শ্ৰী ৰাম বাপু জী, সমাজৰ বিশিষ্ট লোকসকল, ইয়ালৈ অহা সকলো ভক্ত ভাই-ভনী, নমস্কাৰ।

প্ৰথমে ভৰৱদ সমাজৰ পৰম্পৰাৰ প্ৰতি আৰু সমগ্ৰ পৰম্পৰাৰ বাবে নিজৰ জীৱন উৎসৰ্গা কৰা সকলো শ্ৰদ্ধাৰ সন্ত, মহন্ত আৰু সকলো সমাজলৈ শ্ৰদ্ধা নিবেদন কৰিছোঁ। আজি আনন্দ বহুগুণ বৃদ্ধি পাইছে। এইবাৰ যি মহাকুম্ভ অনুষ্ঠিত হৈছিল, সেয়া ঐতিহাসিক আছিল যদিও সেয়া আমাৰ বাবে গৌৰৱৰ বিষয়ো। কাৰণ মহাকুম্ভৰ শুভ উপলক্ষত মহন্ত শ্ৰী ৰাম বাপু জীয়ে মহা মণ্ডলেশ্বৰ উপাধি লাভ কৰিছিল। এয়া যথেষ্ট বৃহৎ অনুষ্ঠান আৰু আমাৰ সকলোৰে বাবে অসীম আনন্দৰ অনুষ্ঠান। মই ৰাম বাপুজীৰ লগতে সমাজৰ সমূহ পৰিয়ালৰ সকলো সদস্যলৈ মোৰ আন্তৰিক শুভেচ্ছা জ্ঞাপন কৰিলোঁ।

যোৱা এসপ্তাহত এনে লাগিল যেন ভাৱনগৰৰ ভূমি ভগৱান শ্ৰীকৃষ্ণৰ বৃন্দাবন হৈ পৰিল আৰু ইয়াত যি ধৰণে ভক্তি ৰস বৈছিল, পৰিবেশটো এনেকুৱা আছিল যে কৃষ্ণ ভক্তিত ভক্তসকল গদ-গদ হৈ পৰিছিল। মোৰ মৰমৰ আত্মীয়সকল, বাবলিয়ালী ঠাইখন কেৱল এক ধৰ্মীয় স্থানেই নহয়, বৰঞ্চ ভৰৱদ সমাজকে প্ৰমুখ্য কৰি বহুতৰে বাবে এয়া বিশ্বাস, সংস্কৃতি আৰু ঐক্যৰ প্ৰতীক।

 

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নগা লাখা ঠাকুৰৰ কৃপাত এই পবিত্ৰ স্থানে সদায়েই ভৰৱদ সমাজলৈ প্ৰকৃত দিশৰ অপৰিসীম ঐতিহ্য আৰু মহান প্ৰেৰণাৰ সঞ্চাৰ কৰি আহিছে। আজি এই ধামত শ্ৰী নগা লাখা ঠাকুৰ মন্দিৰৰ পুনৰ পবিত্ৰকৰণ আমাৰ বাবে এক সোণালী সুযোগ হৈ পৰিছে। যোৱা এসপ্তাহ ধৰি যেন বহু সমাগমৰ সৃষ্টি হৈছে। সমাজত বিৰাজ কৰা উৎসাহ আৰু উত্তেজনা... সকলোতে হাত চাপৰিৰ শব্দ শুনিবলৈ পাইছোঁ। মই অনুভৱ কৰোঁ যে মই আপোনালোক সকলোৰে ওচৰলৈ মোৰ হাতখন আগবঢ়াব লাগে, কিন্তু সংসদ আৰু আন কামৰ বাবে ওলাই যোৱাটো টান। কিন্তু আমাৰ হাজাৰ-হাজাৰ ভনীৰ ৰাসৰ কথা শুনিলেই অনুভৱ হয়, বাহ, তেওঁলোকে ঠিক তাতেই বৃন্দাবনক জীয়াই তুলিছে।

বিশ্বাস, সংস্কৃতি আৰু পৰম্পৰাৰ সংমিশ্ৰণ আৰু মিলনে মন আৰু আত্মাক আনন্দিত কৰি তোলে। এই সকলোবোৰ কাৰ্য্যসূচীতে শিল্পী ভাই-ভনীসকলে অংশগ্ৰহণ কৰি অনুষ্ঠানটোক সজীৱ কৰি তুলিছিল আৰু সমাজলৈ এক সময়োপযোগী বাৰ্তা প্ৰেৰণ কৰিছিল। ভাই জীয়েও তেখেতৰ কথাৰ জৰিয়তে আমাক সময়ে-সময়ে বাৰ্তা প্ৰদান কৰিব বুলি মই নিশ্চিত।

মহন্ত শ্ৰী ৰাম বাপুজী আৰু বাবলিয়ালী ধামক এই শুভ অনুষ্ঠানৰ অংশ কৰি তোলাৰ বাবে ধন্যবাদ জ্ঞাপন কৰিছোঁ। মই এতিয়া ক্ষমা খুজিব লাগিব, কাৰণ এই পবিত্ৰ অনুষ্ঠানত মই আপোনালোকৰ লগত থাকিব নোৱাৰিলোঁ। মোৰ ওপৰত আপোনালোক সকলোৰে সমান অধিকাৰ আছে। ভৱিষ্যতে তালৈ নিশ্চয় আহিম প্ৰণাম কৰিবলৈ।

মোৰ মৰমৰ পৰিয়ালৰ সদস্যসকল,

ভৰৱদ সমাজ আৰু বাবলিয়ালীধামৰ সৈতে মোৰ সম্পৰ্ক দীঘলীয়া; ভৰৱদ সমাজৰ সেৱা আৰু প্ৰকৃতিৰ প্ৰতি তেওঁলোকৰ প্ৰেম, গো সেৱাৰ মনোভাৱ কেৱল শব্দৰে বৰ্ণনা কৰাটো কঠিন। এই সম্পৰ্কে আমাৰ সকলোৰে মুখেৰে এটা কথাই ওলাই আহে,

 

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নগা লাখা লোক ভাল,

পশ্চিম ভূমিৰ বেদনা।

নিমখীয়া পানী মিঠা হয়,

শুকান নদীবোৰত পানী বৈ থাকে।

ইয়াক কেৱল শব্দৰে বুজাব নোৱাৰি। সেই যুগত সেৱাৰ মনোভাৱ, কঠোৰ পৰিশ্ৰম (নেভা কে পানী মোভে লগা লিয়ে – গুজৰাটীত এইবুলি কোৱা হয়), সেৱাৰ কামত প্ৰকৃতিকৰণ দেখা গৈছিল, সেৱাৰ সুগন্ধি প্ৰতিটো খোজতে বিয়পি পৰিছিল আৰু আজি বহু যুগৰ পিছতো ৰাইজে এই কথা মনত পেলাইছে, এয়া এটা গুৰুত্বপূৰ্ণ কথা। পূজ্য ইছু বাপুৱে আগবঢ়োৱা সেৱাৰ মই প্ৰত্যক্ষ সাক্ষী আছিলোঁ, তেওঁৰ সেৱাৰ মনোভাৱ প্ৰত্যক্ষ কৰিছোঁ। আমাৰ গুজৰাটত খৰাং বতৰ নতুন কথা নহয়। এটা সময়ত দহ বছৰৰ ভিতৰত সাত বছৰ খৰাং পৰিস্থিতিৰ সৃষ্টি হৈছিল। গুজৰাটত কোৱা হৈছিল যে ধনডুকা (খৰাং প্ৰভাৱিত অঞ্চল)ৰ কন্যাক বিয়া নাপাতিব। (গুজৰাটী – বান্দুকে দেজো পান ধনডুকে না দেতা মানে ছোৱালীজনীক ধনডুকা (খৰাং অঞ্চল)ত বিয়া নিদিব (ইয়াৰ কাৰণ আছিল যে সেই সময়ত ধনডুকাত খৰাং আছিল) ধনডুকা, ৰণপুৰতো পানীৰ বাবে হাহাকাৰ পৰিবেশৰ সৃষ্টি হৈছিল। পূজ্য ইছু বাপুৱে যি সেৱা কৰিছে সেয়া স্পষ্ট হৈ পৰিছে কেৱল মই নহয়, গোটেই গুজৰাটৰ লোকে তেওঁৰ কামক ভগৱানৰ কাম বুলি গণ্য কৰে। মানুহে তেওঁক সদায় প্ৰশংসা কৰি আহিছে। সেয়া ভাই-ভনীৰ সেৱাই হওঁক, পৰিবেশৰ প্ৰতি সমৰ্পণৰ মনোভাৱেই হওঁক, গীৰ-গৰুৰ সেৱাই হওঁক, তেওঁৰ সকলো কামতে আমাৰ এই সেৱাৰ পৰম্পৰা বিদ্যমান।

মোৰ মৰমৰ আত্মীয়সকল,

কঠোৰ পৰিশ্ৰম আৰু ত্যাগৰ ক্ষেত্ৰত ভৰৱদ সমাজৰ লোকসকল সদায় আগবাঢ়ি আছে। আপোনালোক সকলোৰে জ্ঞাত যে মই যেতিয়া আপোনালোকৰ মাজলৈ আহিছিলোঁ, তেতিয়া মই ভৰৱদ সমাজক কৈছিলোঁ যে এতিয়া লাঠিৰ সময় নহয়, তোমালোকে লাঠি লৈ যথেষ্ট ঘূৰি ফুৰিছা, কিন্তু এতিয়া কলমৰ সময়হে। আৰু মই গৌৰৱেৰে ক’ব লাগিব যে যেতিয়াই গুজৰাটত সেৱা আগবঢ়োৱাৰ সুযোগ পাইছোঁ তেতিয়াই ভৰৱদ সমাজৰ নতুন প্ৰজন্মই মোৰ কথা মানি লৈছে। শিশুসকলে শিক্ষা লাভ কৰি আগবাঢ়ি যাবলৈ আৰম্ভ কৰিছে। আগতে মই কৈছিলোঁ, লাঠিডাল এৰি কলমটো তুলি লোৱা। এতিয়া মই কওঁ যে মোৰ ছোৱালীহঁতৰ হাততো কম্পিউটাৰ থাকিব লাগে। পৰিৱৰ্তিত সময়ত আমি বহুত কৰিব পাৰোঁ। এয়াই হৈ পৰে আমাৰ প্ৰেৰণা। আমাৰ সমাজখনেই প্ৰকৃতি আৰু সংস্কৃতিৰ ৰক্ষক। আপোনাসৱে সঁচাকৈয়ে ‘অতিথি দেৱো ভৱ’ উক্তিটোক জীয়াই তুলিছে। ইয়াত মানুহে চেফাৰ্ড আৰু বালুভা সমাজৰ পৰম্পৰাৰ বিষয়ে কমকৈ জানে। ভৰৱদ সমাজৰ বয়োজ্যেষ্ঠ লোক বৃদ্ধাশ্ৰমত পোৱা নাযাব। যৌথ পৰিয়াল, ঈশ্বৰৰ সেৱা কৰাৰ দৰে প্ৰবীণসকলক সেৱা কৰাৰ অনুভূতি তেওঁলোকৰ মাজত আছে। বয়োজ্যেষ্ঠসকলক বৃদ্ধাশ্ৰমলৈ পঠিওৱা নহয়, তেওঁলোকেই তেওঁলোকৰ সেৱা কৰে। নতুন প্ৰজন্মক প্ৰদান কৰা এই প্ৰমূল্যবোধৰাজি গুৰুত্বপূৰ্ণ কথা। ভৰৱদ সমাজৰ সামাজিক জীৱনৰ নৈতিক মূল্যবোধ আৰু তাৰ মাজত থকা পাৰিবাৰিক মূল্যবোধক সদায় শক্তিশালী কৰাৰ বাবে প্ৰজন্মৰ পিছত প্ৰজন্মই প্ৰচেষ্টা গ্ৰহণ কৰি আহিছে। মই সন্তোষ পাইছোঁ যে আমাৰ সমাজে আমাৰ পৰম্পৰা ৰক্ষা কৰি আছে আৰু লগতে আধুনিকতাৰ দিশত দ্ৰুত গতিত আগবাঢ়িছে। আমি তেওঁলোকৰ পৰিয়ালৰ সন্তান সকলক শিক্ষিত কৰি তুলিব লাগে, তেওঁলোকৰ বাবে হোষ্টেলৰ সুবিধা গঢ়ি তুলিব লাগে, এয়াও এক প্ৰকাৰৰ পৰম সেৱা। আধুনিকতাৰ সৈতে সমাজক সংযোগ কৰাৰ কাম, বিশ্বৰ সৈতে দেশক সংযোগ কৰাৰ নতুন সুযোগ সৃষ্টি কৰা কামটোও এক বৃহৎ সেৱাৰ কাম। এতিয়া মই কামনা কৰোঁ যে আমাৰ ছোৱালীবোৰো ক্ৰীড়াৰ ক্ষেত্ৰত আগবাঢ়ি আহক আৰু তাৰ বাবে আমি কাম কৰিব লাগিব। গুজৰাটত থাকোঁতে স্প’ৰ্টছ মহা কুম্ভত দেখিছিলোঁ যে সৰু-সৰু ছোৱালীবোৰে স্কুললৈ গৈ ক্ৰীড়াত ভাল নম্বৰ লাভ কৰিছিল। এতিয়া তেওঁলোকৰ শক্তি আছে, ভগৱানে তেওঁলোকক বিশেষ কিবা এটা গুণ প্ৰদান কৰিছে, গতিকে এতিয়া তেওঁলোকৰ বাবেও চিন্তা কৰাৰ প্ৰয়োজন আছে। আমি পশুপালনৰ কথা চিন্তা কৰোঁ। আমি ইয়াৰ স্বাস্থ্যৰ দিশত কাম কৰোঁ; এতিয়া মাত্ৰ আমাৰ সন্তানৰ প্ৰতিও একে অনুভৱ আৰু চিন্তা থাকিব লাগিব। বাবলিয়ালী ধামে পশুপালনৰ ক্ষেত্ৰত গুৰুত্বপূৰ্ণ পদক্ষেপ গ্ৰহণ কৰি আহিছে। বিশেষভাৱে ইয়াত গীৰ গৰুৰ জাতৰ যত্ন লোৱাৰ ধৰণক লৈ সমগ্ৰ দেশে গৌৰৱ অনুভৱ কৰে। আজি সমগ্ৰ বিশ্বতে গীৰ গৰুৰ প্ৰতিপালন কৰা হয়।

 

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মোৰ মৰমৰ পৰিয়ালৰ সদস্যসকল,

ভাই-ভনীসকল, আমি বেলেগ নহয়, আমি সকলো বন্ধু, মই সদায় অনুভৱ কৰি আহিছোঁ যে আমি এটা পৰিয়ালৰ সদস্য। মই সদায় পৰিয়ালৰ এগৰাকী সদস্যৰ দৰে আপোনালোকৰ মাজত আছোঁ। আজি বাবলিয়ালী ধামলৈ অহা পৰিয়ালৰ সকলো সদস্য, লাখ-লাখ লোকে ইয়াত আসন গ্ৰহণ কৰি আছে, আপোনালোকক মই সুধিব বিচাৰিছোঁ আৰু মোৰ বিশ্বাস যে আপোনাসৱে মোক কেতিয়াও নিৰাশ নকৰে। আমি আৰু এনেকৈ জীয়াই থাকিব নালাগে, জাঁপ মাৰি পঁচিশ বছৰত ভাৰতক বিকশিত কৰিব লাগিব। আপোনালোকৰ সহায় অবিহনে মোৰ কাম আধৰুৱা হৈ থাকিব। এই কামত সমগ্ৰ সমাজে যোগ দিব লাগিব। আপোনালোকৰ মনত আছে যে মই লালকিল্লাৰ পৰাই কৈছিলোঁ, সকলোৰে প্ৰচেষ্টা... সকলোৰে প্ৰচেষ্টা আমাৰ আটাইতকৈ পৰম শক্তি। ভাৰতক এখনি উন্নত ভাৰত হিচাপে গঢ়ি তোলাৰ প্ৰথম পদক্ষেপ হ'ল আমাৰ গাঁওসমূহৰ উন্নয়ন সাধন। আজি প্ৰকৃতি আৰু পশুধনৰ সেৱা কৰা আমাৰ স্বাভাৱিক ধৰ্ম হৈ পৰিছে। তেতিয়া আৰু কি কাম আমি কৰিব নোৱাৰিম... ভাৰত চৰকাৰে এখন আঁচনি ৰূপায়ণ কৰিছে আৰু সেয়া সম্পূৰ্ণ বিনামূলীয়া - ভৰি আৰু মুখৰ ৰোগ, যাক আমি ‘খুৰপাকা, মুহপাকা’ ৰোগ বুলি জানোঁ। আমি নিয়মিতভাৱে ভেকচিন প্ৰদান কৰিব লাগিব, তেতিয়াহে আমাৰ জীৱ-জন্তুবোৰে এই ৰোগৰপৰা পৰিত্ৰাণ লাভ কৰিব। এয়া এক মমতাৰ কাম। এতিয়া চৰকাৰে বিনামূলীয়াকৈ ভেকচিন প্ৰদান কৰে। আমি নিশ্চিত কৰিব লাগিব যে আমি এই ভেকচিন আমাৰ সমাজৰ পশুধনক প্ৰদান কৰোঁ, নিয়মিতভাৱে। তেতিয়াহে আমি ভগৱান শ্ৰীকৃষ্ণৰ অবিৰত আশীৰ্বাদ পাম। এতিয়া আমাৰ চৰকাৰে আৰু এটা গুৰুত্বপূৰ্ণ কাম কৰিলে। আগতে কৃষকসকলক কিষাণ ক্ৰেডিট কাৰ্ড প্ৰদান কৰা হৈছিল, এতিয়া আমি পশুপালকসকলকো ক্ৰেডিট কাৰ্ড প্ৰদানৰ সিদ্ধান্ত গ্ৰহণ কৰিছোঁ। এই কাৰ্ডৰ জৰিয়তে এতিয়া পশুপালকসকলে কম সুতত বেংকৰ পৰা ঋণ গ্ৰহণেৰে ব্যৱসায়ৰ সম্প্ৰসাৰণ কৰিব পাৰিব। থলুৱা জাতৰ গৰুৰ প্ৰচাৰ, সম্প্ৰসাৰণ আৰু সংৰক্ষণৰ বাবেও ৰাষ্ট্ৰীয় গোকুল মিছন ৰূপায়ণ কৰা হৈছে। মই আপোনালোকক অনুৰোধ কৰিব খুজিছোঁ যে মই দিল্লীত থাকি এই সকলোবোৰ কৰি থাকিম আৰু আপোনালোক সকলোৱে যদি ইয়াৰ সুবিধা গ্ৰহণ নকৰে, তেন্তে কেনেকৈ ইয়াৰ ফলপ্ৰসূ ৰূপায়ণ সম্ভৱ হ’ব। সেয়ে আপোনালোকে ইয়াৰ সুবিধা গ্ৰহণ কৰিব লাগিব। আপোনাৰ লগতে লাখ-লাখ জীৱ-জন্তুৰ আশীৰ্বাদ লাভ কৰিম। আপোনাসৱেও সকলো জীৱৰ পৰা আশীৰ্বাদ লাভ কৰিব। গতিকে মই এই আঁচনিৰ সুবিধা গ্ৰহণ কৰিবলৈ আপোনালোকক অনুৰোধ জনালোঁ। দ্বিতীয় গুৰুত্বপূৰ্ণ কথাটো হ’ল যিটো মই পূৰ্বে কৈছোঁ আৰু আজি পুনৰ আওৰাইছোঁ যে আমাৰ সকলোৰে জ্ঞাত যে এই বছৰ মই এটা অভিযান আৰম্ভ কৰিছিলোঁ, যাৰ সমগ্ৰ বিশ্বৰ লোকে শলাগ লৈছে। মাৰ নামত এটি গছপুলি, যদি আমাৰ মা জীয়াই থাকে তেন্তে তেওঁৰ সান্নিধ্যত এজোপা গছ ডাঙৰ হোৱা আৰু যদি মা জীয়াই নাথাকে তেন্তে তেওঁৰ ফটো সন্মুখত ৰাখি এজোপা গছ ডাঙৰ হোৱা। আমি ভৰৱদ সমাজৰ এনে লোক, যাৰ তৃতীয়-চতুৰ্থ প্ৰজন্মৰ বয়োজ্যেষ্ঠসকল নব্বৈ বছৰলৈকে জীয়াই থাকে আৰু আমি তেওঁলোকৰ সেৱা কৰোঁ। আমি আমাৰ মাৰ নামত এটি গছপুলি ৰোপণ কৰিব লাগিব আৰু গৌৰৱ অনুভৱ কৰোঁ যে সেয়া মোৰ মাৰ নামত, মোৰ মাৰ স্মৃতিত। আপোনালোকৰ জ্ঞাত নে, আমিও ধৰিত্ৰী মাতৃক অসুখী কৰি তুলিছোঁ, আমি পানী উলিয়াই থাকিলোঁ, ৰাসায়নিক পদাৰ্থ যোগ কৰি থাকিলোঁ, তেওঁক পিয়াহ লগাই দিলোঁ। সেয়েহে ধৰিত্ৰী মাতৃক সুস্থ কৰি তোলাটোও আমাৰ দায়িত্ব। আমাৰ গো পালকসকলৰ গৰু-ম’হৰ গোবৰ আমাৰ ধৰিত্ৰী মাতৃৰ বাবেও ধনৰ দৰে, ই ধৰিত্ৰী মাতৃক নতুন শক্তি প্ৰদান কৰিব। প্ৰাকৃতিক কৃষি ধৰিত্ৰী মাতৃৰ বাবে গুৰুত্বপূৰ্ণ। যাৰ মাটি আৰু সুযোগ আছে তেওঁলোকে প্ৰাকৃতিক কৃষি কাৰ্য্য কৰক। গুজৰাটৰ ৰাজ্যপাল আচাৰ্য্য জীয়ে প্ৰাকৃতিক খেতিৰ বাবে ইমানখিনি কৰিছে। আপোনালোক সকলোকে অনুৰোধ জনালোঁ যে আমাৰ যিমানেই কম-বেছি মাটি নাথাকক কিয়, আমি প্ৰাকৃতিক খেতিৰ ফালে মুখ কৰি ধৰিত্ৰী মাতৃক সেৱা আগবঢ়াওঁ আহক।

প্ৰিয় ভাই-ভনীসকল,

মই ভৰৱদ সমাজলৈ পুনৰবাৰ শুভেচ্ছা জ্ঞাপন কৰিছোঁ আৰু পুনৰবাৰ প্ৰাৰ্থনা কৰিছোঁ যাতে নগা লাখা ঠাকুৰৰ আশীৰ্বাদ আমাৰ সকলোৰে ওপৰত থাকে আৰু বাবলিয়ালী ধামৰ সৈতে জড়িত সকলো লোক সমৃদ্ধিশালী হওঁক, এয়াই মোৰ প্ৰাৰ্থনা ঠাকুৰৰ চৰণত। আমাৰ কন্যা আৰু ল’ৰা-ছোৱালীয়ে শিক্ষা লাভ কৰি আগবাঢ়ি আহক, সমাজখন সবল হ’ব লাগে, ইয়াতকৈ আৰু কি লাগে আমাক। এই সোণালী উপলক্ষে ভাইজীৰ কথাক শ্ৰদ্ধাঞ্জলি জনাই আৰু আগুৱাই নিয়াৰ সমান্তৰালকৈ সমাজখনক আধুনিকতাৰ দিশত শক্তিশালী কৰি আগুৱাই নিয়াটো নিশ্চিত কৰোঁ আহক। বহুত ভাল লাগিল। মই নিজে অহা হ’লে আৰু বেছি উপভোগ কৰিলোঁহেঁতেন।