For ten years, the Centre was ruled by a 'remote-control' government which never paid attention towards Chhattisgarh: PM Modi
I challenge the Congress to select someone capable as their party president who doesn't belong to that one family: PM Modi
Congress always puts one family first and the nation’s welfare secondary: PM Modi
Congress makes fake promises. They must answer what they did for welfare of our farmers when they ruled for four generations. They kept the farmers in distress: PM
Congress believed in 'telephone-banking' which ruined the banks. A phone call from them would get loans for the cronies cleared and the nation had to suffer: PM Modi

संसद मे मेरे साथी, श्रीमान चंदूलाल साहू जी, श्रीमान इंद्रजीत सिंह खालसा, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता, जो आपके आशीर्वाद के लिए और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप मे यहां मौजूद हैं। कुरुद से हमारे उम्मीदवार और आपके बहुत ही जाने-माने पुराने हमारे साथी श्रीमान अजय चंद्राकर जी, अजय जी आइए यहां। राजिम से भाई संतोष उपाध्याय जी, बसना से श्रीमान डी सी पटेल जी, महासमुंद से श्रीमान पूनम चंद्राकर जी, आप सबसे मेरा आग्रह है, भारत माता की जय बोलकर के हमारे इन साथियों को आशीर्वाद दीजिए।

भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!

विराजिए…मैं सबसे पहले तो आप सबकी क्षमा चाहता हूं, क्षमा इसलिए चाहता हूं, कि आज चुनाव का आखिरी दिवस है,सभी विधानसभा क्षेत्रों में आखिरी दिन की रैलियां होती हैं, कार्यक्रम होते हैं, आमतौर पर आखिरी दिन मुझे जाना नहीं चाहिए, लेकिन कल हमारे एक पड़ोसी देश मालदीव में वहां की सरकार का शपथ समारोह था और मुझे विशेष रूप से निमंत्रित किया गया था। इसलिए कल मैं विदेश में था लेकिन आज आते ही आपके बीच पहुंच गया हूं।

आखिरी दिन में कोई बड़ी रैली करने के लिए सोचता नहीं है और उसके बावजूद भी महासमुंद में इतनी बड़ी रैली और हमारे लोगों नें जो सोचा था, यह पांडाल छोटा पड़ गयाऔर उधर इतने लोग धूप में खड़े हैं। जिन लोगों को ये धूप में खड़ा रहना पड़ा है और ये आपको जो कष्ट हुआ है, हमारी व्यवस्था छोटी पड़ गई, आपका प्यार ज्यादा उभर कर के आया...और इसलिए आपको जो असुविधा हुई, मैं सबसे पहले आपसे क्षमा मांगता हूं। लेकिन जो इस ताप में तप रहे हैं उन्हें मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपकी ये तपस्या हम बेकार नहीं जाने देंगे।हम आपको ये विकास करके ब्याज समेत लौटाएंगे, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

भाइयो-बहनो, ये महासमुंद की धरती, ये क्षेत्र मेरे लिए नया नहीं है। मैं इस क्षेत्र से बड़ा चिरपरिचत रहा हूं, संगठन के कार्यकर्ता के नाते मुझे कई वर्षों तक आपके बीच में कार्य करने का मौका मिला है और उसके कारण यहां के लोगों की आवश्यकताएं क्या हैं, यहां के लोगों की समस्याएं क्या हैं, उन समस्याओं के सुलझाने के रास्ते क्या होते हैं, उसका मुझे संगठन के कार्यकर्ता के रूप में इस धरती की जानकारियों से काफी कुछ अनुभव है। और इसीलिए प्रधानमंत्री बनने के बाद आपके पास रहकर के जो जाना है, जो सीखा है वो मुझे छत्तीसगढ़ की विकास योजनाओं में बहुत काम आता है।

भारत सरकार की उन योजनाओं को छत्तीसगढ़ में हम लागू कर पाते हैं जो छत्तीसगढ़ के सामान्य नागरिक के जीवन में बहुत उपयोगी होती हैं। और वही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी को तीन बार से आपने विकास के मुद्दे पर सेवा करने का मौका दिया है। लेकिन दरअसल डॉ. रमन सिंह को सच्चे अर्थ में काम करने की सुविधा तीनों बार नहीं मिली है। सिर्फ ये साढ़े चार साल ही मिले हैं। क्योंकि इसके पहले दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार बैठी थी। और वो ऐसे परिवार के हाथ में रिमोट था कि भाजपा नाम सुनते ही भड़क जाते थे। मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था, मुझे मालूम है कि भाजपा सरकारों की एक बात दिल्ली में बैठी हुई रिमोट कंट्रोल सरकार सुनने को तैयार नहीं थी। मुझे गुजरात की भलाई के लिए दिल्ली से लड़ना पड़ता था, डॉक्टर रमन सिंह जी को छत्तीसगढ़ की भलाई के लिए दिल्ली के साथ लड़ाई लड़नी पड़ती थी। हमारा वो 10 साल का समय...जनता ने तो हम पर विश्वास किया लेकिन हमारा पूरा समय ये नकारात्मक शक्तियों के साथ संघर्ष में चला गया।

हमारे रमन सिंह जी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए यूपीए की सरकार के पास से मदद मांगते थे. पुलिस बल मांगते थे, आधुनिक शस्त्र मांगते थे, कम्युनिकेशन की व्यवस्था मांगते थे लेकिन दिल्ली की बैठी हुई कांग्रेस की सरकार को, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार को ऐसा लगता था जैसे छत्तीसगढ़ हिन्दुस्तान में है ही नहीं। उनको कोई जिम्मेवारी का एहसास नहीं होता था। लेकिन ऐसे नकारात्मक वातावरण में भी, ऐसी नकारात्मक परिस्थिति में भी डॉ रमन सिंह जी ने और उनकी टीम ने छत्तीसगढ़ के नागरिकों के साथ सहयोग से विरासत में जो मध्य प्रदेश वाला बीमारू राज्य मिला था, जनता जनार्दन के सहयोग से मध्य प्रदेश से अलग हुआ छत्तीसगढ़, जो बीमारू की पहचान के साथ निकला था, उस छत्तीसगढ़ को बीमारू से बाहर निकाल दिया और विकास की नई ऊंचाइयों पर लाकर के खड़ा कर दिया। छत्तीसगढ़ को फलने-फूलने का पहला अवसर जब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी तब आया है।

भाइयो-बहनो, अगर ऐसे ही 10-15 साल और मिल जाए, आप मेरे शब्द लिख कर के रखिए छत्तीसगढ़...हिन्दुस्तान के पहले तीन राज्यों में उसका नंबर आ जाएगा, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। और इसलिए आज जब दिल्ली में छत्तीसगढ़ की भलाई का सोचने वाली सरकार है, आज दिल्ली में एक ऐसा प्रधानमंत्री है, जिसने कभी अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय छत्तीसगढ़ के तहसीलों में, छत्तीसढ़ के जंगलों में बिताने का जिसे सौभाग्य मिला है, छ्त्तीसगढ़ के लोगों के साथ जिसे कंधा से कंधा मिला कर के काम करने का मौका मिला है, ऐसा व्यक्ति जब प्रधानमंत्री बना है तो उसके दिल में छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने की कितनी इच्छा होगी, इसकी आप कल्पना कर सकते हैं। और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, ये स्वर्णिम मौका है, 10 साल तो हमारेरिमोट कंट्रोल सरकार ने तबाह कर दिए थे, मुश्किल से रमन सिंह को चार-साढ़े चार साल ढंग से काम करने का मौका मिला है और अब हमारा छत्तीसगढ़ 18 साल का हो गया है।

घर में बच्चा बेटा हो या बेटी एकसाल का होता तो एक तरीके से हम उसको व्यवहार करते हैं, 5 साल का होता है तो दूसरे तरीके से, 12-13 का होता है तो तीसरे तरीके से लेकिन जब 18 साल का होता है, तो उसके सपने जाग जाते हैं, उसकी अपेक्षाएं जाग जाती हैं। वो 1 साल से 18 साल की उम्र तक जिस गति से चलता था उस गति से चलने को तैयार नहीं होता है। बचपन में तिपहिए वाली साइकिल चला करके गर्व अनुभव करने वाला 18 साल का बच्चा तेज गति से चलने वाली बाइक पर दौड़ना चाहता है, ये फर्क होता है...और जो फर्क इंसान में होता है वो फर्क मेरे छत्तीसगढ़ राज्य में भी होता है। अब 18 साल का छत्तीसगढ़ तेज गति से दौड़ना चाहेगा। नए-नए सपनों को लेकर के निकल पड़ेगा। हर संकल्प को पूरा करने के इरादे से काम करेगा। कोई मां-बाप अगर 18-23 साल की उम्र में अपने बच्चों को संभालने में विफल हो जाता है तो ज़िंदगीभर वो बच्चे उनकी मुसीबत का कारण बन जाते हैं। समझदार मां-बाप...18-23 साल उम्र ऐसी होती है...बच्चे की बहुत संभालकर मां-बाप उसका लालन-पालन करते हैं। मेरे छत्तीसगढ़ के भाइयो-बहनो, छत्तीसगढ़ के जीवन में 5 साल बहुत महत्वपूर्ण है।

आप छत्तीसगढ़ के रखवाले हैं, आप छत्तीसगढ़ के मालिक हैं, आपका भविष्य छत्तीसगढ़ के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है।18-23 साल की उमरिया बहुत महत्वपूर्ण है और इसलीए मैं आपसे आग्रह कर रहा हूं कि छत्तीसगढ़ के मां-बाप आप हैं, छत्तीसगढ़ के रखवाले आप हैं। जैसे घर में अपने बच्चों की परवरिश 18 साल के बाद विशेष रूप से की जाती है, वैसी ही विशेष रूप से परवरिश ये 18-23 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ की करने की ज़रूरत है। भाइयो-बहनो और इसलिए इस बार हमें कोई गलती करने का हक नहीं है। बड़े संकल्प के साथ इस महत्वपूर्ण दौर के लिए और जब दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का शत प्रतिशत समर्थन आपको है, तो रमन सिंह के हाथ ऐसे मजबूत कीजिए...ऐसे मजबूत कीजिए उनको ऐसी ताकत दीजिए कि आपके आनेवाले 25 साल के सपनों की मजबूत नींव आने वाले 5 साल में रख दें ताकि कभी आने वाली 3-4 पीढ़ी तक आपको देखना ना पड़े। और इसीलिए भाइयो-बहनो, इस चुनाव को सामान्य चुनाव मत मानिए। इस चुनाव को कौन विधायक बने, कौन ना बने इस तराजू से मत तौलिए।

आप तय कीजिए और मैं विशेष रूप से नौजवानों से कहना चाहता हूं, जो नौजवान आज पहली बार वोट करने वाले हैं, किसी की उम्र 18 होगी, किसी की उम्र 19 होगी, किसी की 20 होगी, जिनको छत्तीसगढ़ का भविष्य तय करने के लिए पहली बार छत्तीसगढ़ के चुनाव के लिए मत देने का अधिकार मिला है, मैं उन नौजवानों से पूछना चाहता हूं, आपके पिता जी को, आपके दादा जी को, आपके चाचा-चाची को जैसी ज़िंदगी जीनी पड़ी, जैसी मुसीबतें झेलनी पड़ी, जिन कठिनाइयों से गुजारा करना पड़ा, क्या आप चाहते हैं, आपकी ज़िदगी भी ऐसी ही गुजरे? कोई नौजवान है जो वो मुसीबतें चाहता है, जो मुसीबतें उसके पिता जी को भी झेलनी पड़ी थी? कोई नौजवान है, जो उस संकट से गुजरना चाहता है जिस संकट से उसके दादा-दादी, पिता-माता को गुजरना पड़ा था? कोई नौजवान नहीं चाहता है, तो आप लोग सोचिए वो कौन लोग राज करते थे जब आपके दादा-दादी को मुसीबत में ज़िदगी गुजारनी पड़ी, वो कौन लोग राज करते थे

जब आपके पिता अपने सपने पूरे कर नहीं पाए थे, वो कौन लोग राज करते थे, 50 साल तक किन लोगों ने राज किया कि जिसके कारण आपके परिवार के सपने वहीं के वहीं रह गए? क्या कोई छत्तीसगढ़ का नौजवान अपना भविष्य भी ऐसे लोगों के हाथ में देगा जिन्होंने 2-2, 4-4 पीढ़ी को तबाह करके रख दिया है? मैं पूछना चाहता हूं दोस्तो, क्या ऐसी सरकार चाहिए जिसने आपके पूर्वजों को तबाह कर दिया और इसलिए मैं कहने आया हूं...50 साल का अनुभव है आपके सामने और दिल्ली में तो 4-4 पीढ़ी...ये छोटा समय नहीं होता है भाइयो। अरे आपकी एक पीढ़ी को अच्छा काम करने का मौका मिल जाए तो आने वाली 15 पीढ़ी का वो भला कर दें...अपने परिवार को अपने पैरों पर खड़ा कर दें... मुसीबतों से बाहर ला दें। इनको 4-4 पीढ़ी तक ये देश चलाने का मौका मिला... राजगद्दी उनके लिए रिजर्व हो गई थी, उसके बाद भी...उनका तो भला हुआ, देश का भला नहीं हुआ।

मैं अभी एक बार छत्तीसगढ़ में आया था, मैंने कांग्रेस को चुनौती दी थी क्योंकि उन्होंने कहा कि नेहरू जी की मेहरबानी है कि ये चायवाला प्रधानमंत्री बन गया। ये क्रेडिट लेने के लिए ऐसी-ऐसी चीजें खोज के ले आते हैं...तब मैंने उनको चुनौती दी थी कि उन्होंने अगर इतनी उदार परंपरा उन्होंने प्रस्थापित की है, इतने उदात्त लोकतांत्रिक मूल्यों से वो समर्पित हैं, तो मैंने कहा था कि 5 साल के लिए इस परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को जरा कांग्रेस अध्यक्ष बना करके देखें, प्रधानमंत्री की बात छोड़ो सिर्फ कांग्रेस का अध्यक्ष बना करके देखें, तो उनके एक राजदरबारी लोग जो होते हैं वैसे एक राजदरबारी-रागदरबारी लेकर के मैदान में आ गए और उन्होंने खाका खोल दिया कि ये बने थे..ये बने थे..ये बने थे लेकिन मेरे सवाल का जवाब ये नहीं है। मेरा सवाल सीधा-सीधा है...5 साल के लिए इस परिवार के बाहर के एक व्यक्ति को अध्यक्ष बना करके देख लीजिए। देश को पता हैसीताराम केसरी को पार्टी के अध्यक्ष पद से कैसे हटाया गया, कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था, कैसे दरवाजे निकाल करके उठा करके फुटपाथ पर फेंक दिया गया था और मैडम सोनिया जी को बैठा दिया गया था।

ये इतिहास हिन्दुस्तान भली-भांति जानता है। आप मुझे बताइए भाइयो, दलित हो, पीड़ित हो, वंचित हो, पिछड़ा हो, अगर वो अध्यक्ष बन भी गया हो और उनकी मजबूरी में बना था, उसको भी वो 2 साल झेल नहीं पाए, स्वीकार नहीं कर पाए। अरे सम्मान की तो बात जाने दीजिए वो कैसे 5 साल के लिए इस परिवार के बाहर किसी को अध्यक्ष बना सकते हैं भाइयो। लेकिन झूठ बोलना, सही सवालों के जवाब नहीं देना, उल्टी-पुल्टी बातें कर-कर के चीजें गुमराह करनाऔर उनके रागदरबारी लोग भी उनको कभी सवाल पूछने की हिम्मत नहीं करते हैं क्योंकि नमक भी तो कभी-कभी खाया होता है।

भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए चुनाव के अंदर विकास के मुद्दे पर देश को आगे ले जाना चाहिए कि नहीं ले जाना चाहिए? अगर कोई वादे करता है तो वादों को सच्चाई की कसौटी पर कसना चाहिए कि नहीं कसना चाहिए? मैं कांग्रेस के लोगों को पूछता हूं, आप ये छत्तीसगढ़ के भले-भोले लोगों की आंख में धूल झोंक रहे हो, झूठ बोल रहे हो, रोज नए-नए वादे कर रहे हो? अभी-अभी कर्नाटक का चुनाव हुआ है, आपने कर्नाटक में ऐसा ही किया था। आपने कहा था कि आएंगे तो किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। अब आपकी सरकार को एकसाल होने आ रहा हैभाइयो-बहनो...वहां के अखबार रोज कथाएं छाप रहे हैं कि एक तरफ तो इन्होंने वादा किया था कि किसानों का कर्ज माफ करेंगे लेकिन सैकड़ों की तादाद में किसान जिनके सर पे कर्ज था उनको जेल जाने के लिए वारंट निकले हैं, वारंट...और उनको जेलों में बंद करने के खेल चल रहे हैं। क्यों झूठ बोलते हो, अरे 50 साल तक झूठ बोलकर के देश को आपने गुमराह किया, अब तो समझो...और आपके झूठ का परिणाम है कि 440 में से हिन्दुस्तान की जनता ने आपको 40 पर लाकर के खड़ा कर दिया है।

और इसलिए भाइयो-बहनो, जब चुनाव आता है, जब सरकार होती है तब उनका काम होता है कि देश का गरीब इंसान ताकतवर बने,देश का किसान ताकतवर बने, अपनी समस्याओं को समाधान करने का सामर्थ्य उसको मिले, ऐसी सरकार चलानी चाहिए। लेकिन ये चुनाव आने के बाद खजाना खाली करने वाला ऐसा ही वादा कर-करके चुनाव जीतने के लिए खेल खेलते रहते हैं। लेकिन अब देश ऐसे वादों से भ्रमित नहीं होता है। आपने लोकसभा के चुनाव में भी किसानों को कर्ज माफ करने का वादा किया था। आज अकेले उत्तर प्रदेश में योगी जी जो किसानों को देते हैं, महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस जो किसानों को देते हैं, रमन सिंह जी छत्तीसगढ़ में देते हैं, मध्य प्रदेश में शिवराज जी देते हैं, राजस्थान में वसुंधरा जी देती हैं, गुजरात में विजय रूपाणी देते हैं, उत्तराखंड में हमारे रावत जी देते हैं, झारखंड में हमारे रघुवर दास देते हैं, उसकी तुलना में वो कुछ नहीं था, कुछ नहीं था। फिर भी बड़ा ये रागदरबारियों ने ऐसे ढोल पीटे-ऐसे ढोल पीटे कि किसानों को कर्ज माफ...किसानों का कर्ज माफ और बाद में CAG की रिपोर्ट आई। आप हैरान हो जाओगे...खजाने से तो रुपया गया लेकिन जो कर्जदार किसान थे, इस कर्जमाफी के हकदार थे उनको नहीं मिला। CAG रिपोर्ट कहती है कि 8% लोग ऐसे थे जो इसके हकदार नहीं थे और रुपये उनके खाते में चले गए। अरे जरा बताइए ये किसके दामाद थे, किसके भतीजे थे, किसके भांजे थे, किसके बहनोई थे, जरा बताइए? ये किसान के नाम पर किसको पैसेदिए गए..क्यों किसानों के पैसे को लूट लिया गया? एक तरफ देश का खजाना भी लूट लिया गया और दूसरी तरफ किसानों का हक भी लूट लिया गया।

भाइयो-बहनो, हमने जो किसानों के लिए काम किया है...हमने किसान को ताकतवर बनाया है, हम उन्हें आधुनिक खेती की ओर ले जा रहे हैं और आज उन समस्याओं के समाधान के लिए रास्ते खोज रहे हैं। ये कांग्रेस के जमाने में ये चीनी घोटाले हुए, क्या वो किसानों के ऊपर मृत्युघंट बजाने का उनका प्रयास था कि नहीं था, तेल के घोटाले हुए क्या वो किसानो को मृत्यु घंट बजाने की उनकी कोशिश थी कि नहीं थी? भाइयो-बहनो, किसान को भी जिन्होंने छोड़ा नहीं है, वे आज किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। किसानों को जेल में बंद करने वाले, किसानों पे गोलियां चलाने वाले लोग, आज किसान अगर हालत खराब है साहबकहते हैं, तो 50 साल आपने किया क्या था? चार पीढ़ी का हिसाब दीजिए पहले। अगर 50 साल के अंदर किसान को पानी पहुंचाया होता तो मेरा किसान मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता था।

उसको कभी आपके दरवाजे पर आकर खड़े रहने की जरूरत नहीं थी। जरा कांग्रेस के लोग बताइए कि आज जब आपकी सरकार थी, आज से 10साल पहले, स्वामीनाथन कमीशन के लिए किसान मांग कर रहे थे कि नहीं कर रहे थे..लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिलना चाहिए, ये हिन्दुस्तान का किसान मांग कर रहा था कि नहीं कर रहा था...आपने उनको ये हक क्यों नहीं दिया...क्या आपको मालूम नहीं था कि रिपोर्ट आपके पास पड़ी है..क्या आपको पता नहीं था कि देश का किसान ये मांग कर रहा है...क्या आपको मालूम नहीं है कि पार्लियामेंट में बार-बार आवाज उठती थी? लेकिन आपके दिल में किसानों के लिए जगह नहीं थी और इसलिए आपने किसानों की लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने की बात को कभी स्वीकार नहीं किया। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई जो किसानों को उनका हक देने के लिए प्रतिबद्ध है..हमने किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने का फैसला कर लिया और आज लागू कर दिया और मेरे किसान भाई को उसका हक मिल रहा है। इतना ही नहीं, हमने किसान की लागत कम हो उसके लिए भी कदम उठाए। आपको याद होगा, ये कांग्रेस के रागदरबारी जो हैं वो तो भूल जाएंगे...लेकिन जो देशहित में सोचने वाले पंडित लोग हैं वो जरूर ढूंढ़ कर निकालेंगे कि यूरिया का घोटाला कांग्रेस के जमाने में क्या था जरा खोल करके देखो।

किसान पर लाठियां चलती थीं, गोलियां चलती थीं, उसकी फसल बर्बाद होती थी लेकिन यूरिया नहीं मिलता था क्योंकि यूरिया का घोटाला करने में कांग्रेस डूबी हुई थी। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बाद आज यूरिया किसान को कालेबाजारी में नहीं लाना पड़ता है। आज यूरिया की चोरी बंद हो गई। जो यूरिया किसानों के नाम पर निकलता था और केमिकल फैक्ट्रियों में चला जाता था उसको हमने नीम कोटिंग कर दिया। आज यूरिया का एक दाना भी केमिकल फैक्ट्री के काम नहीं आता, वो सिर्फ और सिर्फ किसान के काम आता है। चोरी बंद हो गई, किसान को यूरिया मिलने लग गया और किसान को अपनी फसल बर्बाद होने से बचा लेने में मदद मिलने का काम हमारी सरकार ने किया। किसान को बिजली का बिल...हमने सपना देखा है...आने वाले समय में 28 लाख किसानों को सूर्य शक्ति से चलने वाले पंप देंगे। छोटा आंकड़ा नहीं है उसको बिजली का बिल नहीं आएगा और गुजरात में तो हमने प्रायोगिक काम शुरू कर दिया है कि किसान अपने खेत में फसल उगाने के सिवाय बिजली की भी खेप पैदा करेगा।

जरूरत की बिजली सूर्य से निकालेगा और बची हुई बिजली सरकार उससे खरीदेगी। जैसे वो फसल बेचता है, वैसा मेरा किसान बिजली भी बेचेगा। मेरा किसान आज अन्नदाता है, कल अन्नदाता और ऊर्जादाता दोनों बन सकता है। ये काम करने की ताकत हमारे में है...आपमें नहीं है...और आप झूठ बोलते रहते हो। आए दिन झूठ बोलो...जहां जाओ वहां झूठ बोलो...जो चाहे बोलो...भाइयो-बहनो, लोकतंत्र में ऐसी झूठी बातें करने का आपको हक नहीं मिलता है...लोकतंत्र में ऐसी झूठी बातों के नाम पर लोगों को गुमराह करने का आपको हक नहीं मिलता है लेकिन आप मान करके चलिए ये जनता है सबकुछ जानती है। आप कितना ही झूठ बोलिए लेकिन जनता आपका हिसाब लेकर के रहेगी, आपको इसका जवाब दे करके रहेगी।

भाइयो-बहनो, हमारे किसान आज 21 फसलों...धान...एमएसपी का जो डेढ़ गुना हमने किया है उसका लाभ ले रहे हैं। भाइयो-बहनो, हमने किसान को वैज्ञानिक खेती करने के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड दिया, देश में 16 करोड़ किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड दिया है और मेरे छत्तीसगढ़ के पौने करोड़...75 लाख किसानों को, करीब-करीब सभी किसान एक प्रकार से, आज उनको सॉयल हेल्थ कार्ड पहुंचाने का काम हमने किया है। अरे आपके जमाने में इंसान का भी हेल्थ कार्ड नहीं था, हमने सॉयल हेल्थ कार्ड देकर के ये धरती माता की तबियत कैसी है, ये धरती माता किस फसल के लिए उपयोगी है..ये धरती माता उसको कौन सी दवाई की जरूरत है, कौन से फर्टिलाइजर की जरूरत है, उसका हिसाब-किताब निकाल करके हमने दियाहै। आप ये नहीं कर सकते क्योंकि आपको झूठे वादे करना, झूठ बोलना, फरेब करना, लोगों को गुमराह करना, इससे आगे कुछ आता नहीं है।

भाइयो-बहनो, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, बुआई के पहले और कटाई के बाद भी अगर किसान का कोई नुकसान हो जाता है, तो पहली बार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हमने दी है। भाइयो, हमारे अकेले छत्तीसगढ़ के अंदर 13 लाख किसान फसल बीमा योजना का हकदार बने हैं और उन्होंने बीमा लिया और पिछले साल 1300 करोड़ रुपया, ये बीमा के तहत किसानों को दिया गया है। अरे आप क्यों मूर्ख बना रहे हो, क्यों किसान को गुमराह कर रहे हो? और इसलिए भाइयो-बहनो, आज हम आगे चल रहे हैं। मुझे बताइए भांति-भांति के नाम पर गरीबों को आवास देने की योजना चल रही थी कि नहीं चल रही थी..उसके बावजूद भी आज गरीब बिना घर के क्यों है? क्या गरीबों के नाम पर आवास की योजनाएं आपके रिश्तेदारों को, आपके चेले-चपाटों को, आपके ड्राइवर के रिश्तेदारों को, उन्हीं लोगों के बीच में घर बांटे थे कि नहीं बांटे थे? सच्चे गरीब छूट गए थे कि नहीं छूट गए थे? हमने प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई और आज सवा करोड़ से ज्यादा लोगों के हाथ में घर की चाबी सुपुर्द कर दी भाइयो-बहनो। देश के अंदर एक नई क्रांति लाए हैं और हमारा सपना है...मेरे छत्तीसगढ़ के भाइयो-बहनो...रमन सिंह जी की सरकार को चुनिए, रमन सिंह जी की सरकार और दिल्ली में हमारी सरकार मिल कर के 2022 जब आजादी के 75 साल होंगे, हिन्दुस्तान के अंदर, छत्तीसगढ़ के अंदर एक भी परिवार खुद के घर की मालिकी का नहीं होगा...ऐसा एक भी परिवार नहीं होगा। हिन्दुस्तान के गरीब से गरीब को अपना घर होगा, ये सपना लेकर के हम चल रहे हैं।

भाइयो-बहनो, हमारे देश का नौजवान आज रोजगार देने की ताकत के साथ खड़ा होना चाहता है। हमने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना निकाली। बिना बैंक गारंटी आज देश में 14 करोड़ लोन स्वीकृत किए गए हैं। ये झूठ बोलने वालों के कान भी बहरे हैं, सच सुनने का इरादा नहीं है, सच सुनने की ताकत नहीं है, वो कान को बंद कर-कर के बैठे रहते हैं...14 करोड़ लोगों की बैंक से स्वीकृति हुई है और ये वो लोग हैं जिन्होंने अपना छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया है और वो कारोबार करते हैं तो एकाध आदमी को और काम दे देते हैं, एकाध और व्यक्ति को भी रोजगार दे देते हैं...और उसमें करीब 75% ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली बार ज़िदगी में बैंक से लोन स्वीकृति पाई है, 75 प्रतिशत। आप कल्पना कर सकते हैं ये जो नए उद्यमी आ रहे हैं, छोटा-मोटा अपना कारोबार करने के लिए मैदान में आ रहे हैं वो देश के अर्थतंत्र को गति देने वाले लोग हैं...भाइयो-बहनो, ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार ये काम कर रही है। और आपने बैंको को लुटा दिया...आप हैरान होंगे...देश आजाद हुआ...तब से लेकर के 2006 तक, इस देश में बैंकों से जितना कर्ज दिया गया था व्यापार उद्योग के लिए...2006-2014...8 साल में...50 साल में जितना दिया गया था, उतना ही दूसरा 8 साल में दे दिया गया...और टेलीफोन करके कहते थे हमारी पहचान वाला है, इतना करोड़ दे दो, 1000 करोड़ दे दो,500 करोड़ दे दो, 700 करोड़ दे दो... और पिछले दरवाजे से जिसको कमीशन पहुंचाना है, पहुंच जाता था भाइयो-बहनो। ये सारे बैंक को लूटने वाले लोग, उनको बैंकों से पैसे 2014 से पहले मिले हैं, हमारे आने से पहले मिले हैं।

आप मुझे बताइए जिन्होंने लूटा है और जिन्होंने बैंको को लुटवाया है क्या पाई-पाई वापस लेना गुनाह है क्या? लेना चाहिए कि नहीं लेना चाहिए...ये जो चोर लुटेरे हैं, उनको ठीक करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? और इसीलिए हम कानून लाए...उनकी संपत्ति जब्त करने का कानून लाए। इस देश में लुटेरे पहले भी थे, भाग भी जाते थे लेकिन उनकी संपत्ति को हड़प करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। हम कानून लाए...हिन्दुस्तान में जो संपत्ति है उतना नहीं, दुनिया में कहीं पर भी उनकी संपत्ति है, उसको भी जब्त करने का कानून बनाया और ये जो भाग गए हैं ना, उनकी सारी संपत्तियां जब्त करने की हिम्मत हमने की है। बैंकों से लुटवाया था 2014 के पहले आपने...ये हमारी ताकत है कि दुनिया में खोज-खोज कर जहां भी उनकी संपत्ति है. उसको जब्त किया है और हजारों करोड़ों की रुपये की संपत्ति आज सरकार ने अपने कब्जे में ली है। जिस दिन उसकी बिक्री होगी, सरकार पाई-पाई वसूल करके रहने वाली है, ये मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं। ये सारे खेल..ये सारे खेल उन्होंने किए हैं...देश को लूटने के लिएहर पल मौका ढूंढ़ने वाले ऐसे लोगों को कभी भी अब देश मौका देने वाला नहीं है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, छत्तीसगढ़ के उज्व्ेल भविष्य के लिए मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं।

देश को ईमानदारी के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए, देश को इन ठेकेदारों से मुक्त कराने के लिए, छत्तीसगढ़ के उज्व््ल भविष्य के लिए, दिल्ली के संपूर्ण साथ सरकार के लिए, 18 साल से 23 साल के उम्र वाले छत्तीसगढ़ को नए सपने, नए संकल्प, नए इरादों के साथ आगे बढ़ाने के लिए, भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ की जनता विजयी बनाए। मैं आज...लोकतंत्र की, हिन्दुस्तान की ताकत क्या है...जब बस्तर के अंदर चुनाव हो रहा था, पहले चरण का...नक्सलवादियों ने बम-बंदूक और पिस्तौल का भय दिखाया था, लोगों को कहा था कि अगर वोट देने जाओगे तो मौत के घाट उतार दिए जाओगे, लेकिन गरीब आदिवासी के दिल में भी लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा है और मेरे बस्तर के भाइयों-बहनों ने भारी मात्रा में मतदान करके बम-बंदूक और पिस्तौल को करारा जवाब दे दिया...मैं उनको बधाई देना चाहता हूं भाइयो-बहनो।

कल कश्मीर में पंचायतों का चुनाव था, लोग चुनाव कराने से कई सालों से कतराते थे, गवर्नर रूल लगाने के बाद हमने तय किया, कश्मीरियत की कसौटी यही है कि कश्मीर के गांव के लोगों के हाथ में कश्मीर की ताकत होनी चाहिए। कश्मीर की सत्ता कश्मीर का गांव कश्मीर के लोग चलाएंगे और हमने चुनाव का फैसला कर लिया। आतंकवादियों ने मौत के घाट उतारने की धमकियां दी थीं। अगर उंगली पर निशान पाया गया तो उंगलियां काट देने के नारे दिए थे, पूरे कश्मीर में बंद कॉल के नारे दिए थे आतंकवादियों ने लेकिन ये मेरी कश्मीर की जनता देखिए...लोकतंत्र के प्रति उनकी श्रद्धा देखिए...60%-70% के बराबर वोटिंग करके कश्मीर की जनता ने ये सेपरेटिस्ट लोगों को, आतंकवादियों को करारा चांटा मारा है, करारा चांटा मारा है। और ये काम हमारी सरकार कर सकती है भाइयो-बहनो। कश्मीर की धरती पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार, गांव की सरकार, पंचायत की सरकार आगे बढ़े, कश्मीर का भला हो, इसके लिए हमने रास्ता खोल दिया भाइयो-बहनो। कौन रोकता था कांग्रेस वालों को ये करने से...क्यों खर्च करते थे...क्यों डरते थे? आतंकवादियों के साथ पिछले दरवाजे से खेल खेलते थे।

भाइयो-बहनो, ये देश ऐसे नहीं चल सकता था और इसीलिए हमने हिम्मत के साथ एक के बाद एक फैसले लिए हैं...और मैं आज भी कहने आया हूं भाइयो-बहनो, हमारे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के जन-जन का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के नौजवानों का कल्याण यही एक मात्र हमारा सपना है। ये सवा सौ करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार है, उनका भला...यही मेरा सपना है और इसलिए मैं आपसे आग्रह करने आया हूं। आज चुनाव का आखिरी दिन है बस्तर से भी ज्यादा मतदान होना चाहिए, भारी मतदान होना चाहिए, कश्मीर की घाटी से भी भारी मतदान होना चाहिए, लोकतंत्र की ताकत बता देनी चाहिए और झूठ बोलने वालों को, झूठे वादे करने वालों को करारा जवाब देकरके...50 साल तक देश को बर्बाद करने वालों को फिर 5 साल के लिए छत्तीसगढ़ की धरती पर घुसने नहीं देना है। इस संकल्प के साथ भारतीय जनता पार्टी के कमल निशान पर बटन दबा कर के भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाइए...और मन में संकल्प करें पहले मतदान फिर जलपान। जब तक मतदान नहीं करेंगे जलपान नहीं करेंगे। बहुत बड़ी मात्रा में मतदान करके भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाइए। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके, दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address to the Indian Community in Guyana
November 22, 2024
The Indian diaspora in Guyana has made an impact across many sectors and contributed to Guyana’s development: PM
You can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian: PM
Three things, in particular, connect India and Guyana deeply,Culture, cuisine and cricket: PM
India's journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability: PM
India’s growth has not only been inspirational but also inclusive: PM
I always call our diaspora the Rashtradoots,They are Ambassadors of Indian culture and values: PM

Your Excellency President Irfan Ali,
Prime Minister Mark Philips,
Vice President Bharrat Jagdeo,
Former President Donald Ramotar,
Members of the Guyanese Cabinet,
Members of the Indo-Guyanese Community,

Ladies and Gentlemen,

Namaskar!

Seetaram !

I am delighted to be with all of you today.First of all, I want to thank President Irfan Ali for joining us.I am deeply touched by the love and affection given to me since my arrival.I thank President Ali for opening the doors of his home to me.

I thank his family for their warmth and kindness. The spirit of hospitality is at the heart of our culture. I could feel that, over the last two days. With President Ali and his grandmother, we also planted a tree. It is part of our initiative, "Ek Ped Maa Ke Naam", that is, "a tree for mother”. It was an emotional moment that I will always remember.

Friends,

I was deeply honoured to receive the ‘Order of Excellence’, the highest national award of Guyana. I thank the people of Guyana for this gesture. This is an honour of 1.4 billion Indians. It is the recognition of the 3 lakh strong Indo-Guyanese community and their contributions to the development of Guyana.

Friends,

I have great memories of visiting your wonderful country over two decades ago. At that time, I held no official position. I came to Guyana as a traveller, full of curiosity. Now, I have returned to this land of many rivers as the Prime Minister of India. A lot of things have changed between then and now. But the love and affection of my Guyanese brothers and sisters remains the same! My experience has reaffirmed - you can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian.

Friends,

Today, I visited the India Arrival Monument. It brings to life, the long and difficult journey of your ancestors nearly two centuries ago. They came from different parts of India. They brought with them different cultures, languages and traditions. Over time, they made this new land their home. Today, these languages, stories and traditions are part of the rich culture of Guyana.

I salute the spirit of the Indo-Guyanese community. You fought for freedom and democracy. You have worked to make Guyana one of the fastest growing economies. From humble beginnings you have risen to the top. Shri Cheddi Jagan used to say: "It matters not what a person is born, but who they choose to be.”He also lived these words. The son of a family of labourers, he went on to become a leader of global stature.

President Irfan Ali, Vice President Bharrat Jagdeo, former President Donald Ramotar, they are all Ambassadors of the Indo Guyanese community. Joseph Ruhomon, one of the earliest Indo-Guyanese intellectuals, Ramcharitar Lalla, one of the first Indo-Guyanese poets, Shana Yardan, the renowned woman poet, Many such Indo-Guyanese made an impact on academics and arts, music and medicine.

Friends,

Our commonalities provide a strong foundation to our friendship. Three things, in particular, connect India and Guyana deeply. Culture, cuisine and cricket! Just a couple of weeks ago, I am sure you all celebrated Diwali. And in a few months, when India celebrates Holi, Guyana will celebrate Phagwa.

This year, the Diwali was special as Ram Lalla returned to Ayodhya after 500 years. People in India remember that the holy water and shilas from Guyana were also sent to build the Ram Mandir in Ayodhya. Despite being oceans apart, your cultural connection with Mother India is strong.

I could feel this when I visited the Arya Samaj Monument and Saraswati Vidya Niketan School earlier today. Both India and Guyana are proud of our rich and diverse culture. We see diversity as something to be celebrated, not just accommodated. Our countries are showing how cultural diversity is our strength.

Friends,

Wherever people of India go, they take one important thing along with them. The food! The Indo-Guyanese community also has a unique food tradition which has both Indian and Guyanese elements. I am aware that Dhal Puri is popular here! The seven-curry meal that I had at President Ali’s home was delicious. It will remain a fond memory for me.

Friends,

The love for cricket also binds our nations strongly. It is not just a sport. It is a way of life, deeply embedded in our national identity. The Providence National Cricket Stadium in Guyana stands as a symbol of our friendship.

Kanhai, Kalicharan, Chanderpaul are all well-known names in India. Clive Lloyd and his team have been a favourite of many generations. Young players from this region also have a huge fan base in India. Some of these great cricketers are here with us today. Many of our cricket fans enjoyed the T-20 World Cup that you hosted this year.

Your cheers for the ‘Team in Blue’ at their match in Guyana could be heard even back home in India!

Friends,

This morning, I had the honour of addressing the Guyanese Parliament. Coming from the Mother of Democracy, I felt the spiritual connect with one of the most vibrant democracies in the Caribbean region. We have a shared history that binds us together. Common struggle against colonial rule, love for democratic values, And, respect for diversity.

We have a shared future that we want to create. Aspirations for growth and development, Commitment towards economy and ecology, And, belief in a just and inclusive world order.

Friends,

I know the people of Guyana are well-wishers of India. You would be closely watching the progress being made in India. India’s journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability.

In just 10 years, India has grown from the tenth largest economy to the fifth largest. And, soon, we will become the third-largest. Our youth have made us the third largest start-up ecosystem in the world. India is a global hub for e-commerce, AI, fintech, agriculture, technology and more.

We have reached Mars and the Moon. From highways to i-ways, airways to railways, we are building state of art infrastructure. We have a strong service sector. Now, we are also becoming stronger in manufacturing. India has become the second largest mobile manufacturer in the world.

Friends,

India’s growth has not only been inspirational but also inclusive. Our digital public infrastructure is empowering the poor. We opened over 500 million bank accounts for the people. We connected these bank accounts with digital identity and mobiles. Due to this, people receive assistance directly in their bank accounts. Ayushman Bharat is the world’s largest free health insurance scheme. It is benefiting over 500 million people.

We have built over 30 million homes for those in need. In just one decade, we have lifted 250 million people out of poverty. Even among the poor, our initiatives have benefited women the most. Millions of women are becoming grassroots entrepreneurs, generating jobs and opportunities.

Friends,

While all this massive growth was happening, we also focused on sustainability. In just a decade, our solar energy capacity grew 30-fold ! Can you imagine ?We have moved towards green mobility, with 20 percent ethanol blending in petrol.

At the international level too, we have played a central role in many initiatives to combat climate change. The International Solar Alliance, The Global Biofuels Alliance, The Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Many of these initiatives have a special focus on empowering the Global South.

We have also championed the International Big Cat Alliance. Guyana, with its majestic Jaguars, also stands to benefit from this.

Friends,

Last year, we had hosted President Irfaan Ali as the Chief Guest of the Pravasi Bhartiya Divas. We also received Prime Minister Mark Phillips and Vice President Bharrat Jagdeo in India. Together, we have worked to strengthen bilateral cooperation in many areas.

Today, we have agreed to widen the scope of our collaboration -from energy to enterprise,Ayurveda to agriculture, infrastructure to innovation, healthcare to human resources, anddata to development. Our partnership also holds significant value for the wider region. The second India-CARICOM summit held yesterday is testament to the same.

As members of the United Nations, we both believe in reformed multilateralism. As developing countries, we understand the power of the Global South. We seek strategic autonomy and support inclusive development. We prioritize sustainable development and climate justice. And, we continue to call for dialogue and diplomacy to address global crises.

Friends,

I always call our diaspora the Rashtradoots. An Ambassador is a Rajdoot, but for me you are all Rashtradoots. They are Ambassadors of Indian culture and values. It is said that no worldly pleasure can compare to the comfort of a mother’s lap.

You, the Indo-Guyanese community, are doubly blessed. You have Guyana as your motherland and Bharat Mata as your ancestral land. Today, when India is a land of opportunities, each one of you can play a bigger role in connecting our two countries.

Friends,

Bharat Ko Janiye Quiz has been launched. I call upon you to participate. Also encourage your friends from Guyana. It will be a good opportunity to understand India, its values, culture and diversity.

Friends,

Next year, from 13 January to 26 February, Maha Kumbh will be held at Prayagraj. I invite you to attend this gathering with families and friends. You can travel to Basti or Gonda, from where many of you came. You can also visit the Ram Temple at Ayodhya. There is another invite.

It is for the Pravasi Bharatiya Divas that will be held in Bhubaneshwar in January. If you come, you can also take the blessings of Mahaprabhu Jagannath in Puri. Now with so many events and invitations, I hope to see many of you in India soon. Once again, thank you all for the love and affection you have shown me.

Thank you.
Thank you very much.

And special thanks to my friend Ali. Thanks a lot.