QuoteFor ten years, the Centre was ruled by a 'remote-control' government which never paid attention towards Chhattisgarh: PM Modi
QuoteI challenge the Congress to select someone capable as their party president who doesn't belong to that one family: PM Modi
QuoteCongress always puts one family first and the nation’s welfare secondary: PM Modi
QuoteCongress makes fake promises. They must answer what they did for welfare of our farmers when they ruled for four generations. They kept the farmers in distress: PM
QuoteCongress believed in 'telephone-banking' which ruined the banks. A phone call from them would get loans for the cronies cleared and the nation had to suffer: PM Modi

संसद मे मेरे साथी, श्रीमान चंदूलाल साहू जी, श्रीमान इंद्रजीत सिंह खालसा, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता, जो आपके आशीर्वाद के लिए और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप मे यहां मौजूद हैं। कुरुद से हमारे उम्मीदवार और आपके बहुत ही जाने-माने पुराने हमारे साथी श्रीमान अजय चंद्राकर जी, अजय जी आइए यहां। राजिम से भाई संतोष उपाध्याय जी, बसना से श्रीमान डी सी पटेल जी, महासमुंद से श्रीमान पूनम चंद्राकर जी, आप सबसे मेरा आग्रह है, भारत माता की जय बोलकर के हमारे इन साथियों को आशीर्वाद दीजिए।

भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!

विराजिए…मैं सबसे पहले तो आप सबकी क्षमा चाहता हूं, क्षमा इसलिए चाहता हूं, कि आज चुनाव का आखिरी दिवस है,सभी विधानसभा क्षेत्रों में आखिरी दिन की रैलियां होती हैं, कार्यक्रम होते हैं, आमतौर पर आखिरी दिन मुझे जाना नहीं चाहिए, लेकिन कल हमारे एक पड़ोसी देश मालदीव में वहां की सरकार का शपथ समारोह था और मुझे विशेष रूप से निमंत्रित किया गया था। इसलिए कल मैं विदेश में था लेकिन आज आते ही आपके बीच पहुंच गया हूं।

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आखिरी दिन में कोई बड़ी रैली करने के लिए सोचता नहीं है और उसके बावजूद भी महासमुंद में इतनी बड़ी रैली और हमारे लोगों नें जो सोचा था, यह पांडाल छोटा पड़ गयाऔर उधर इतने लोग धूप में खड़े हैं। जिन लोगों को ये धूप में खड़ा रहना पड़ा है और ये आपको जो कष्ट हुआ है, हमारी व्यवस्था छोटी पड़ गई, आपका प्यार ज्यादा उभर कर के आया...और इसलिए आपको जो असुविधा हुई, मैं सबसे पहले आपसे क्षमा मांगता हूं। लेकिन जो इस ताप में तप रहे हैं उन्हें मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपकी ये तपस्या हम बेकार नहीं जाने देंगे।हम आपको ये विकास करके ब्याज समेत लौटाएंगे, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

भाइयो-बहनो, ये महासमुंद की धरती, ये क्षेत्र मेरे लिए नया नहीं है। मैं इस क्षेत्र से बड़ा चिरपरिचत रहा हूं, संगठन के कार्यकर्ता के नाते मुझे कई वर्षों तक आपके बीच में कार्य करने का मौका मिला है और उसके कारण यहां के लोगों की आवश्यकताएं क्या हैं, यहां के लोगों की समस्याएं क्या हैं, उन समस्याओं के सुलझाने के रास्ते क्या होते हैं, उसका मुझे संगठन के कार्यकर्ता के रूप में इस धरती की जानकारियों से काफी कुछ अनुभव है। और इसीलिए प्रधानमंत्री बनने के बाद आपके पास रहकर के जो जाना है, जो सीखा है वो मुझे छत्तीसगढ़ की विकास योजनाओं में बहुत काम आता है।

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भारत सरकार की उन योजनाओं को छत्तीसगढ़ में हम लागू कर पाते हैं जो छत्तीसगढ़ के सामान्य नागरिक के जीवन में बहुत उपयोगी होती हैं। और वही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी को तीन बार से आपने विकास के मुद्दे पर सेवा करने का मौका दिया है। लेकिन दरअसल डॉ. रमन सिंह को सच्चे अर्थ में काम करने की सुविधा तीनों बार नहीं मिली है। सिर्फ ये साढ़े चार साल ही मिले हैं। क्योंकि इसके पहले दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार बैठी थी। और वो ऐसे परिवार के हाथ में रिमोट था कि भाजपा नाम सुनते ही भड़क जाते थे। मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था, मुझे मालूम है कि भाजपा सरकारों की एक बात दिल्ली में बैठी हुई रिमोट कंट्रोल सरकार सुनने को तैयार नहीं थी। मुझे गुजरात की भलाई के लिए दिल्ली से लड़ना पड़ता था, डॉक्टर रमन सिंह जी को छत्तीसगढ़ की भलाई के लिए दिल्ली के साथ लड़ाई लड़नी पड़ती थी। हमारा वो 10 साल का समय...जनता ने तो हम पर विश्वास किया लेकिन हमारा पूरा समय ये नकारात्मक शक्तियों के साथ संघर्ष में चला गया।

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हमारे रमन सिंह जी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए यूपीए की सरकार के पास से मदद मांगते थे. पुलिस बल मांगते थे, आधुनिक शस्त्र मांगते थे, कम्युनिकेशन की व्यवस्था मांगते थे लेकिन दिल्ली की बैठी हुई कांग्रेस की सरकार को, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार को ऐसा लगता था जैसे छत्तीसगढ़ हिन्दुस्तान में है ही नहीं। उनको कोई जिम्मेवारी का एहसास नहीं होता था। लेकिन ऐसे नकारात्मक वातावरण में भी, ऐसी नकारात्मक परिस्थिति में भी डॉ रमन सिंह जी ने और उनकी टीम ने छत्तीसगढ़ के नागरिकों के साथ सहयोग से विरासत में जो मध्य प्रदेश वाला बीमारू राज्य मिला था, जनता जनार्दन के सहयोग से मध्य प्रदेश से अलग हुआ छत्तीसगढ़, जो बीमारू की पहचान के साथ निकला था, उस छत्तीसगढ़ को बीमारू से बाहर निकाल दिया और विकास की नई ऊंचाइयों पर लाकर के खड़ा कर दिया। छत्तीसगढ़ को फलने-फूलने का पहला अवसर जब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी तब आया है।

भाइयो-बहनो, अगर ऐसे ही 10-15 साल और मिल जाए, आप मेरे शब्द लिख कर के रखिए छत्तीसगढ़...हिन्दुस्तान के पहले तीन राज्यों में उसका नंबर आ जाएगा, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। और इसलिए आज जब दिल्ली में छत्तीसगढ़ की भलाई का सोचने वाली सरकार है, आज दिल्ली में एक ऐसा प्रधानमंत्री है, जिसने कभी अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय छत्तीसगढ़ के तहसीलों में, छत्तीसढ़ के जंगलों में बिताने का जिसे सौभाग्य मिला है, छ्त्तीसगढ़ के लोगों के साथ जिसे कंधा से कंधा मिला कर के काम करने का मौका मिला है, ऐसा व्यक्ति जब प्रधानमंत्री बना है तो उसके दिल में छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने की कितनी इच्छा होगी, इसकी आप कल्पना कर सकते हैं। और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, ये स्वर्णिम मौका है, 10 साल तो हमारेरिमोट कंट्रोल सरकार ने तबाह कर दिए थे, मुश्किल से रमन सिंह को चार-साढ़े चार साल ढंग से काम करने का मौका मिला है और अब हमारा छत्तीसगढ़ 18 साल का हो गया है।

घर में बच्चा बेटा हो या बेटी एकसाल का होता तो एक तरीके से हम उसको व्यवहार करते हैं, 5 साल का होता है तो दूसरे तरीके से, 12-13 का होता है तो तीसरे तरीके से लेकिन जब 18 साल का होता है, तो उसके सपने जाग जाते हैं, उसकी अपेक्षाएं जाग जाती हैं। वो 1 साल से 18 साल की उम्र तक जिस गति से चलता था उस गति से चलने को तैयार नहीं होता है। बचपन में तिपहिए वाली साइकिल चला करके गर्व अनुभव करने वाला 18 साल का बच्चा तेज गति से चलने वाली बाइक पर दौड़ना चाहता है, ये फर्क होता है...और जो फर्क इंसान में होता है वो फर्क मेरे छत्तीसगढ़ राज्य में भी होता है। अब 18 साल का छत्तीसगढ़ तेज गति से दौड़ना चाहेगा। नए-नए सपनों को लेकर के निकल पड़ेगा। हर संकल्प को पूरा करने के इरादे से काम करेगा। कोई मां-बाप अगर 18-23 साल की उम्र में अपने बच्चों को संभालने में विफल हो जाता है तो ज़िंदगीभर वो बच्चे उनकी मुसीबत का कारण बन जाते हैं। समझदार मां-बाप...18-23 साल उम्र ऐसी होती है...बच्चे की बहुत संभालकर मां-बाप उसका लालन-पालन करते हैं। मेरे छत्तीसगढ़ के भाइयो-बहनो, छत्तीसगढ़ के जीवन में 5 साल बहुत महत्वपूर्ण है।

आप छत्तीसगढ़ के रखवाले हैं, आप छत्तीसगढ़ के मालिक हैं, आपका भविष्य छत्तीसगढ़ के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है।18-23 साल की उमरिया बहुत महत्वपूर्ण है और इसलीए मैं आपसे आग्रह कर रहा हूं कि छत्तीसगढ़ के मां-बाप आप हैं, छत्तीसगढ़ के रखवाले आप हैं। जैसे घर में अपने बच्चों की परवरिश 18 साल के बाद विशेष रूप से की जाती है, वैसी ही विशेष रूप से परवरिश ये 18-23 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ की करने की ज़रूरत है। भाइयो-बहनो और इसलिए इस बार हमें कोई गलती करने का हक नहीं है। बड़े संकल्प के साथ इस महत्वपूर्ण दौर के लिए और जब दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का शत प्रतिशत समर्थन आपको है, तो रमन सिंह के हाथ ऐसे मजबूत कीजिए...ऐसे मजबूत कीजिए उनको ऐसी ताकत दीजिए कि आपके आनेवाले 25 साल के सपनों की मजबूत नींव आने वाले 5 साल में रख दें ताकि कभी आने वाली 3-4 पीढ़ी तक आपको देखना ना पड़े। और इसीलिए भाइयो-बहनो, इस चुनाव को सामान्य चुनाव मत मानिए। इस चुनाव को कौन विधायक बने, कौन ना बने इस तराजू से मत तौलिए।

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आप तय कीजिए और मैं विशेष रूप से नौजवानों से कहना चाहता हूं, जो नौजवान आज पहली बार वोट करने वाले हैं, किसी की उम्र 18 होगी, किसी की उम्र 19 होगी, किसी की 20 होगी, जिनको छत्तीसगढ़ का भविष्य तय करने के लिए पहली बार छत्तीसगढ़ के चुनाव के लिए मत देने का अधिकार मिला है, मैं उन नौजवानों से पूछना चाहता हूं, आपके पिता जी को, आपके दादा जी को, आपके चाचा-चाची को जैसी ज़िंदगी जीनी पड़ी, जैसी मुसीबतें झेलनी पड़ी, जिन कठिनाइयों से गुजारा करना पड़ा, क्या आप चाहते हैं, आपकी ज़िदगी भी ऐसी ही गुजरे? कोई नौजवान है जो वो मुसीबतें चाहता है, जो मुसीबतें उसके पिता जी को भी झेलनी पड़ी थी? कोई नौजवान है, जो उस संकट से गुजरना चाहता है जिस संकट से उसके दादा-दादी, पिता-माता को गुजरना पड़ा था? कोई नौजवान नहीं चाहता है, तो आप लोग सोचिए वो कौन लोग राज करते थे जब आपके दादा-दादी को मुसीबत में ज़िदगी गुजारनी पड़ी, वो कौन लोग राज करते थे

जब आपके पिता अपने सपने पूरे कर नहीं पाए थे, वो कौन लोग राज करते थे, 50 साल तक किन लोगों ने राज किया कि जिसके कारण आपके परिवार के सपने वहीं के वहीं रह गए? क्या कोई छत्तीसगढ़ का नौजवान अपना भविष्य भी ऐसे लोगों के हाथ में देगा जिन्होंने 2-2, 4-4 पीढ़ी को तबाह करके रख दिया है? मैं पूछना चाहता हूं दोस्तो, क्या ऐसी सरकार चाहिए जिसने आपके पूर्वजों को तबाह कर दिया और इसलिए मैं कहने आया हूं...50 साल का अनुभव है आपके सामने और दिल्ली में तो 4-4 पीढ़ी...ये छोटा समय नहीं होता है भाइयो। अरे आपकी एक पीढ़ी को अच्छा काम करने का मौका मिल जाए तो आने वाली 15 पीढ़ी का वो भला कर दें...अपने परिवार को अपने पैरों पर खड़ा कर दें... मुसीबतों से बाहर ला दें। इनको 4-4 पीढ़ी तक ये देश चलाने का मौका मिला... राजगद्दी उनके लिए रिजर्व हो गई थी, उसके बाद भी...उनका तो भला हुआ, देश का भला नहीं हुआ।

मैं अभी एक बार छत्तीसगढ़ में आया था, मैंने कांग्रेस को चुनौती दी थी क्योंकि उन्होंने कहा कि नेहरू जी की मेहरबानी है कि ये चायवाला प्रधानमंत्री बन गया। ये क्रेडिट लेने के लिए ऐसी-ऐसी चीजें खोज के ले आते हैं...तब मैंने उनको चुनौती दी थी कि उन्होंने अगर इतनी उदार परंपरा उन्होंने प्रस्थापित की है, इतने उदात्त लोकतांत्रिक मूल्यों से वो समर्पित हैं, तो मैंने कहा था कि 5 साल के लिए इस परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को जरा कांग्रेस अध्यक्ष बना करके देखें, प्रधानमंत्री की बात छोड़ो सिर्फ कांग्रेस का अध्यक्ष बना करके देखें, तो उनके एक राजदरबारी लोग जो होते हैं वैसे एक राजदरबारी-रागदरबारी लेकर के मैदान में आ गए और उन्होंने खाका खोल दिया कि ये बने थे..ये बने थे..ये बने थे लेकिन मेरे सवाल का जवाब ये नहीं है। मेरा सवाल सीधा-सीधा है...5 साल के लिए इस परिवार के बाहर के एक व्यक्ति को अध्यक्ष बना करके देख लीजिए। देश को पता हैसीताराम केसरी को पार्टी के अध्यक्ष पद से कैसे हटाया गया, कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था, कैसे दरवाजे निकाल करके उठा करके फुटपाथ पर फेंक दिया गया था और मैडम सोनिया जी को बैठा दिया गया था।

ये इतिहास हिन्दुस्तान भली-भांति जानता है। आप मुझे बताइए भाइयो, दलित हो, पीड़ित हो, वंचित हो, पिछड़ा हो, अगर वो अध्यक्ष बन भी गया हो और उनकी मजबूरी में बना था, उसको भी वो 2 साल झेल नहीं पाए, स्वीकार नहीं कर पाए। अरे सम्मान की तो बात जाने दीजिए वो कैसे 5 साल के लिए इस परिवार के बाहर किसी को अध्यक्ष बना सकते हैं भाइयो। लेकिन झूठ बोलना, सही सवालों के जवाब नहीं देना, उल्टी-पुल्टी बातें कर-कर के चीजें गुमराह करनाऔर उनके रागदरबारी लोग भी उनको कभी सवाल पूछने की हिम्मत नहीं करते हैं क्योंकि नमक भी तो कभी-कभी खाया होता है।

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भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए चुनाव के अंदर विकास के मुद्दे पर देश को आगे ले जाना चाहिए कि नहीं ले जाना चाहिए? अगर कोई वादे करता है तो वादों को सच्चाई की कसौटी पर कसना चाहिए कि नहीं कसना चाहिए? मैं कांग्रेस के लोगों को पूछता हूं, आप ये छत्तीसगढ़ के भले-भोले लोगों की आंख में धूल झोंक रहे हो, झूठ बोल रहे हो, रोज नए-नए वादे कर रहे हो? अभी-अभी कर्नाटक का चुनाव हुआ है, आपने कर्नाटक में ऐसा ही किया था। आपने कहा था कि आएंगे तो किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। अब आपकी सरकार को एकसाल होने आ रहा हैभाइयो-बहनो...वहां के अखबार रोज कथाएं छाप रहे हैं कि एक तरफ तो इन्होंने वादा किया था कि किसानों का कर्ज माफ करेंगे लेकिन सैकड़ों की तादाद में किसान जिनके सर पे कर्ज था उनको जेल जाने के लिए वारंट निकले हैं, वारंट...और उनको जेलों में बंद करने के खेल चल रहे हैं। क्यों झूठ बोलते हो, अरे 50 साल तक झूठ बोलकर के देश को आपने गुमराह किया, अब तो समझो...और आपके झूठ का परिणाम है कि 440 में से हिन्दुस्तान की जनता ने आपको 40 पर लाकर के खड़ा कर दिया है।

और इसलिए भाइयो-बहनो, जब चुनाव आता है, जब सरकार होती है तब उनका काम होता है कि देश का गरीब इंसान ताकतवर बने,देश का किसान ताकतवर बने, अपनी समस्याओं को समाधान करने का सामर्थ्य उसको मिले, ऐसी सरकार चलानी चाहिए। लेकिन ये चुनाव आने के बाद खजाना खाली करने वाला ऐसा ही वादा कर-करके चुनाव जीतने के लिए खेल खेलते रहते हैं। लेकिन अब देश ऐसे वादों से भ्रमित नहीं होता है। आपने लोकसभा के चुनाव में भी किसानों को कर्ज माफ करने का वादा किया था। आज अकेले उत्तर प्रदेश में योगी जी जो किसानों को देते हैं, महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस जो किसानों को देते हैं, रमन सिंह जी छत्तीसगढ़ में देते हैं, मध्य प्रदेश में शिवराज जी देते हैं, राजस्थान में वसुंधरा जी देती हैं, गुजरात में विजय रूपाणी देते हैं, उत्तराखंड में हमारे रावत जी देते हैं, झारखंड में हमारे रघुवर दास देते हैं, उसकी तुलना में वो कुछ नहीं था, कुछ नहीं था। फिर भी बड़ा ये रागदरबारियों ने ऐसे ढोल पीटे-ऐसे ढोल पीटे कि किसानों को कर्ज माफ...किसानों का कर्ज माफ और बाद में CAG की रिपोर्ट आई। आप हैरान हो जाओगे...खजाने से तो रुपया गया लेकिन जो कर्जदार किसान थे, इस कर्जमाफी के हकदार थे उनको नहीं मिला। CAG रिपोर्ट कहती है कि 8% लोग ऐसे थे जो इसके हकदार नहीं थे और रुपये उनके खाते में चले गए। अरे जरा बताइए ये किसके दामाद थे, किसके भतीजे थे, किसके भांजे थे, किसके बहनोई थे, जरा बताइए? ये किसान के नाम पर किसको पैसेदिए गए..क्यों किसानों के पैसे को लूट लिया गया? एक तरफ देश का खजाना भी लूट लिया गया और दूसरी तरफ किसानों का हक भी लूट लिया गया।

भाइयो-बहनो, हमने जो किसानों के लिए काम किया है...हमने किसान को ताकतवर बनाया है, हम उन्हें आधुनिक खेती की ओर ले जा रहे हैं और आज उन समस्याओं के समाधान के लिए रास्ते खोज रहे हैं। ये कांग्रेस के जमाने में ये चीनी घोटाले हुए, क्या वो किसानों के ऊपर मृत्युघंट बजाने का उनका प्रयास था कि नहीं था, तेल के घोटाले हुए क्या वो किसानो को मृत्यु घंट बजाने की उनकी कोशिश थी कि नहीं थी? भाइयो-बहनो, किसान को भी जिन्होंने छोड़ा नहीं है, वे आज किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। किसानों को जेल में बंद करने वाले, किसानों पे गोलियां चलाने वाले लोग, आज किसान अगर हालत खराब है साहबकहते हैं, तो 50 साल आपने किया क्या था? चार पीढ़ी का हिसाब दीजिए पहले। अगर 50 साल के अंदर किसान को पानी पहुंचाया होता तो मेरा किसान मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता था।

उसको कभी आपके दरवाजे पर आकर खड़े रहने की जरूरत नहीं थी। जरा कांग्रेस के लोग बताइए कि आज जब आपकी सरकार थी, आज से 10साल पहले, स्वामीनाथन कमीशन के लिए किसान मांग कर रहे थे कि नहीं कर रहे थे..लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिलना चाहिए, ये हिन्दुस्तान का किसान मांग कर रहा था कि नहीं कर रहा था...आपने उनको ये हक क्यों नहीं दिया...क्या आपको मालूम नहीं था कि रिपोर्ट आपके पास पड़ी है..क्या आपको पता नहीं था कि देश का किसान ये मांग कर रहा है...क्या आपको मालूम नहीं है कि पार्लियामेंट में बार-बार आवाज उठती थी? लेकिन आपके दिल में किसानों के लिए जगह नहीं थी और इसलिए आपने किसानों की लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने की बात को कभी स्वीकार नहीं किया। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई जो किसानों को उनका हक देने के लिए प्रतिबद्ध है..हमने किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने का फैसला कर लिया और आज लागू कर दिया और मेरे किसान भाई को उसका हक मिल रहा है। इतना ही नहीं, हमने किसान की लागत कम हो उसके लिए भी कदम उठाए। आपको याद होगा, ये कांग्रेस के रागदरबारी जो हैं वो तो भूल जाएंगे...लेकिन जो देशहित में सोचने वाले पंडित लोग हैं वो जरूर ढूंढ़ कर निकालेंगे कि यूरिया का घोटाला कांग्रेस के जमाने में क्या था जरा खोल करके देखो।

किसान पर लाठियां चलती थीं, गोलियां चलती थीं, उसकी फसल बर्बाद होती थी लेकिन यूरिया नहीं मिलता था क्योंकि यूरिया का घोटाला करने में कांग्रेस डूबी हुई थी। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बाद आज यूरिया किसान को कालेबाजारी में नहीं लाना पड़ता है। आज यूरिया की चोरी बंद हो गई। जो यूरिया किसानों के नाम पर निकलता था और केमिकल फैक्ट्रियों में चला जाता था उसको हमने नीम कोटिंग कर दिया। आज यूरिया का एक दाना भी केमिकल फैक्ट्री के काम नहीं आता, वो सिर्फ और सिर्फ किसान के काम आता है। चोरी बंद हो गई, किसान को यूरिया मिलने लग गया और किसान को अपनी फसल बर्बाद होने से बचा लेने में मदद मिलने का काम हमारी सरकार ने किया। किसान को बिजली का बिल...हमने सपना देखा है...आने वाले समय में 28 लाख किसानों को सूर्य शक्ति से चलने वाले पंप देंगे। छोटा आंकड़ा नहीं है उसको बिजली का बिल नहीं आएगा और गुजरात में तो हमने प्रायोगिक काम शुरू कर दिया है कि किसान अपने खेत में फसल उगाने के सिवाय बिजली की भी खेप पैदा करेगा।

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जरूरत की बिजली सूर्य से निकालेगा और बची हुई बिजली सरकार उससे खरीदेगी। जैसे वो फसल बेचता है, वैसा मेरा किसान बिजली भी बेचेगा। मेरा किसान आज अन्नदाता है, कल अन्नदाता और ऊर्जादाता दोनों बन सकता है। ये काम करने की ताकत हमारे में है...आपमें नहीं है...और आप झूठ बोलते रहते हो। आए दिन झूठ बोलो...जहां जाओ वहां झूठ बोलो...जो चाहे बोलो...भाइयो-बहनो, लोकतंत्र में ऐसी झूठी बातें करने का आपको हक नहीं मिलता है...लोकतंत्र में ऐसी झूठी बातों के नाम पर लोगों को गुमराह करने का आपको हक नहीं मिलता है लेकिन आप मान करके चलिए ये जनता है सबकुछ जानती है। आप कितना ही झूठ बोलिए लेकिन जनता आपका हिसाब लेकर के रहेगी, आपको इसका जवाब दे करके रहेगी।

भाइयो-बहनो, हमारे किसान आज 21 फसलों...धान...एमएसपी का जो डेढ़ गुना हमने किया है उसका लाभ ले रहे हैं। भाइयो-बहनो, हमने किसान को वैज्ञानिक खेती करने के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड दिया, देश में 16 करोड़ किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड दिया है और मेरे छत्तीसगढ़ के पौने करोड़...75 लाख किसानों को, करीब-करीब सभी किसान एक प्रकार से, आज उनको सॉयल हेल्थ कार्ड पहुंचाने का काम हमने किया है। अरे आपके जमाने में इंसान का भी हेल्थ कार्ड नहीं था, हमने सॉयल हेल्थ कार्ड देकर के ये धरती माता की तबियत कैसी है, ये धरती माता किस फसल के लिए उपयोगी है..ये धरती माता उसको कौन सी दवाई की जरूरत है, कौन से फर्टिलाइजर की जरूरत है, उसका हिसाब-किताब निकाल करके हमने दियाहै। आप ये नहीं कर सकते क्योंकि आपको झूठे वादे करना, झूठ बोलना, फरेब करना, लोगों को गुमराह करना, इससे आगे कुछ आता नहीं है।

भाइयो-बहनो, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, बुआई के पहले और कटाई के बाद भी अगर किसान का कोई नुकसान हो जाता है, तो पहली बार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हमने दी है। भाइयो, हमारे अकेले छत्तीसगढ़ के अंदर 13 लाख किसान फसल बीमा योजना का हकदार बने हैं और उन्होंने बीमा लिया और पिछले साल 1300 करोड़ रुपया, ये बीमा के तहत किसानों को दिया गया है। अरे आप क्यों मूर्ख बना रहे हो, क्यों किसान को गुमराह कर रहे हो? और इसलिए भाइयो-बहनो, आज हम आगे चल रहे हैं। मुझे बताइए भांति-भांति के नाम पर गरीबों को आवास देने की योजना चल रही थी कि नहीं चल रही थी..उसके बावजूद भी आज गरीब बिना घर के क्यों है? क्या गरीबों के नाम पर आवास की योजनाएं आपके रिश्तेदारों को, आपके चेले-चपाटों को, आपके ड्राइवर के रिश्तेदारों को, उन्हीं लोगों के बीच में घर बांटे थे कि नहीं बांटे थे? सच्चे गरीब छूट गए थे कि नहीं छूट गए थे? हमने प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई और आज सवा करोड़ से ज्यादा लोगों के हाथ में घर की चाबी सुपुर्द कर दी भाइयो-बहनो। देश के अंदर एक नई क्रांति लाए हैं और हमारा सपना है...मेरे छत्तीसगढ़ के भाइयो-बहनो...रमन सिंह जी की सरकार को चुनिए, रमन सिंह जी की सरकार और दिल्ली में हमारी सरकार मिल कर के 2022 जब आजादी के 75 साल होंगे, हिन्दुस्तान के अंदर, छत्तीसगढ़ के अंदर एक भी परिवार खुद के घर की मालिकी का नहीं होगा...ऐसा एक भी परिवार नहीं होगा। हिन्दुस्तान के गरीब से गरीब को अपना घर होगा, ये सपना लेकर के हम चल रहे हैं।

भाइयो-बहनो, हमारे देश का नौजवान आज रोजगार देने की ताकत के साथ खड़ा होना चाहता है। हमने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना निकाली। बिना बैंक गारंटी आज देश में 14 करोड़ लोन स्वीकृत किए गए हैं। ये झूठ बोलने वालों के कान भी बहरे हैं, सच सुनने का इरादा नहीं है, सच सुनने की ताकत नहीं है, वो कान को बंद कर-कर के बैठे रहते हैं...14 करोड़ लोगों की बैंक से स्वीकृति हुई है और ये वो लोग हैं जिन्होंने अपना छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया है और वो कारोबार करते हैं तो एकाध आदमी को और काम दे देते हैं, एकाध और व्यक्ति को भी रोजगार दे देते हैं...और उसमें करीब 75% ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली बार ज़िदगी में बैंक से लोन स्वीकृति पाई है, 75 प्रतिशत। आप कल्पना कर सकते हैं ये जो नए उद्यमी आ रहे हैं, छोटा-मोटा अपना कारोबार करने के लिए मैदान में आ रहे हैं वो देश के अर्थतंत्र को गति देने वाले लोग हैं...भाइयो-बहनो, ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार ये काम कर रही है। और आपने बैंको को लुटा दिया...आप हैरान होंगे...देश आजाद हुआ...तब से लेकर के 2006 तक, इस देश में बैंकों से जितना कर्ज दिया गया था व्यापार उद्योग के लिए...2006-2014...8 साल में...50 साल में जितना दिया गया था, उतना ही दूसरा 8 साल में दे दिया गया...और टेलीफोन करके कहते थे हमारी पहचान वाला है, इतना करोड़ दे दो, 1000 करोड़ दे दो,500 करोड़ दे दो, 700 करोड़ दे दो... और पिछले दरवाजे से जिसको कमीशन पहुंचाना है, पहुंच जाता था भाइयो-बहनो। ये सारे बैंक को लूटने वाले लोग, उनको बैंकों से पैसे 2014 से पहले मिले हैं, हमारे आने से पहले मिले हैं।

आप मुझे बताइए जिन्होंने लूटा है और जिन्होंने बैंको को लुटवाया है क्या पाई-पाई वापस लेना गुनाह है क्या? लेना चाहिए कि नहीं लेना चाहिए...ये जो चोर लुटेरे हैं, उनको ठीक करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? और इसीलिए हम कानून लाए...उनकी संपत्ति जब्त करने का कानून लाए। इस देश में लुटेरे पहले भी थे, भाग भी जाते थे लेकिन उनकी संपत्ति को हड़प करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। हम कानून लाए...हिन्दुस्तान में जो संपत्ति है उतना नहीं, दुनिया में कहीं पर भी उनकी संपत्ति है, उसको भी जब्त करने का कानून बनाया और ये जो भाग गए हैं ना, उनकी सारी संपत्तियां जब्त करने की हिम्मत हमने की है। बैंकों से लुटवाया था 2014 के पहले आपने...ये हमारी ताकत है कि दुनिया में खोज-खोज कर जहां भी उनकी संपत्ति है. उसको जब्त किया है और हजारों करोड़ों की रुपये की संपत्ति आज सरकार ने अपने कब्जे में ली है। जिस दिन उसकी बिक्री होगी, सरकार पाई-पाई वसूल करके रहने वाली है, ये मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं। ये सारे खेल..ये सारे खेल उन्होंने किए हैं...देश को लूटने के लिएहर पल मौका ढूंढ़ने वाले ऐसे लोगों को कभी भी अब देश मौका देने वाला नहीं है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, छत्तीसगढ़ के उज्व्ेल भविष्य के लिए मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं।

देश को ईमानदारी के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए, देश को इन ठेकेदारों से मुक्त कराने के लिए, छत्तीसगढ़ के उज्व््ल भविष्य के लिए, दिल्ली के संपूर्ण साथ सरकार के लिए, 18 साल से 23 साल के उम्र वाले छत्तीसगढ़ को नए सपने, नए संकल्प, नए इरादों के साथ आगे बढ़ाने के लिए, भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ की जनता विजयी बनाए। मैं आज...लोकतंत्र की, हिन्दुस्तान की ताकत क्या है...जब बस्तर के अंदर चुनाव हो रहा था, पहले चरण का...नक्सलवादियों ने बम-बंदूक और पिस्तौल का भय दिखाया था, लोगों को कहा था कि अगर वोट देने जाओगे तो मौत के घाट उतार दिए जाओगे, लेकिन गरीब आदिवासी के दिल में भी लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा है और मेरे बस्तर के भाइयों-बहनों ने भारी मात्रा में मतदान करके बम-बंदूक और पिस्तौल को करारा जवाब दे दिया...मैं उनको बधाई देना चाहता हूं भाइयो-बहनो।

कल कश्मीर में पंचायतों का चुनाव था, लोग चुनाव कराने से कई सालों से कतराते थे, गवर्नर रूल लगाने के बाद हमने तय किया, कश्मीरियत की कसौटी यही है कि कश्मीर के गांव के लोगों के हाथ में कश्मीर की ताकत होनी चाहिए। कश्मीर की सत्ता कश्मीर का गांव कश्मीर के लोग चलाएंगे और हमने चुनाव का फैसला कर लिया। आतंकवादियों ने मौत के घाट उतारने की धमकियां दी थीं। अगर उंगली पर निशान पाया गया तो उंगलियां काट देने के नारे दिए थे, पूरे कश्मीर में बंद कॉल के नारे दिए थे आतंकवादियों ने लेकिन ये मेरी कश्मीर की जनता देखिए...लोकतंत्र के प्रति उनकी श्रद्धा देखिए...60%-70% के बराबर वोटिंग करके कश्मीर की जनता ने ये सेपरेटिस्ट लोगों को, आतंकवादियों को करारा चांटा मारा है, करारा चांटा मारा है। और ये काम हमारी सरकार कर सकती है भाइयो-बहनो। कश्मीर की धरती पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार, गांव की सरकार, पंचायत की सरकार आगे बढ़े, कश्मीर का भला हो, इसके लिए हमने रास्ता खोल दिया भाइयो-बहनो। कौन रोकता था कांग्रेस वालों को ये करने से...क्यों खर्च करते थे...क्यों डरते थे? आतंकवादियों के साथ पिछले दरवाजे से खेल खेलते थे।

भाइयो-बहनो, ये देश ऐसे नहीं चल सकता था और इसीलिए हमने हिम्मत के साथ एक के बाद एक फैसले लिए हैं...और मैं आज भी कहने आया हूं भाइयो-बहनो, हमारे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के जन-जन का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के नौजवानों का कल्याण यही एक मात्र हमारा सपना है। ये सवा सौ करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार है, उनका भला...यही मेरा सपना है और इसलिए मैं आपसे आग्रह करने आया हूं। आज चुनाव का आखिरी दिन है बस्तर से भी ज्यादा मतदान होना चाहिए, भारी मतदान होना चाहिए, कश्मीर की घाटी से भी भारी मतदान होना चाहिए, लोकतंत्र की ताकत बता देनी चाहिए और झूठ बोलने वालों को, झूठे वादे करने वालों को करारा जवाब देकरके...50 साल तक देश को बर्बाद करने वालों को फिर 5 साल के लिए छत्तीसगढ़ की धरती पर घुसने नहीं देना है। इस संकल्प के साथ भारतीय जनता पार्टी के कमल निशान पर बटन दबा कर के भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाइए...और मन में संकल्प करें पहले मतदान फिर जलपान। जब तक मतदान नहीं करेंगे जलपान नहीं करेंगे। बहुत बड़ी मात्रा में मतदान करके भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाइए। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके, दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • ashutosh tripathi November 05, 2024

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প্ৰতিগৰাকী ভাৰতীয়ৰ তেজ উতলি আছে: মন কী বাতত প্ৰধানমন্ত্ৰী মোদী

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Modi’s India hits back: How Operation Sindoor is the unveiling of a strategic doctrine

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Modi’s India hits back: How Operation Sindoor is the unveiling of a strategic doctrine
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We are advancing the 'Act East' policy with the spirit of 'Act Fast': PM Modi in Sikkim@50
May 29, 2025
QuotePM lays foundation stone, inaugurates multiple development projects in Sikkim
QuoteSikkim is the pride of the country: PM
QuoteOver the past decade, our government has placed the Northeast at the core of India's development journey: PM
QuoteWe are advancing the 'Act East' policy with the spirit of 'Act Fast': PM
QuoteSikkim and the entire Northeast are emerging as a shining chapter in India's progress: PM
QuoteWe endeavour to make Sikkim a global tourism destination: PM
QuoteIndia is set to become a global sports superpower, with the youth of the Northeast and Sikkim playing a key role: PM
QuoteOur dream is that Sikkim should become a Green Model State not only for India but for the entire world: PM

सिक्किम के राज्यपाल श्री ओपप्रकाश माथुर जी, राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री, मेरे मित्र प्रेम सिंह तमांग जी, संसद में मेरे साथी दोरजी शेरिंग लेपचा जी, डॉ इंद्रा हांग सुब्बा जी, उपस्थित अन्य जनप्रतिनिधिगण, देवियों और सज्जनों,

कंचनजंगाको शितल छायाँमा बसेको हाम्रो प्यारो सिक्किमको आमा-बाबु, दाजु-भाई अनि दीदी-बहिनीहरु। सिक्किम राज्यको स्वर्ण जयंतीको सुखद उपलक्ष्यमा तपाईहरु सबैलाई मंगलमय शुभकामना।

आज का ये दिन विशेष है, ये अवसर सिक्किम की लोकतांत्रिक यात्रा की गोल्डन जुबली का है। मैं स्वयं आप सबके बीच रहकर के इस उत्सव का, इस उमंग का, 50 वर्ष की सफल यात्रा का साक्षी बनना चाहता था, मैं भी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस उत्सव का हिस्सा बनना चाहता था। मैं बहुत सुबह दिल्ली से निकलकर बागडोगरा तो पहुंच गया, लेकिन मौसम ने मुझे आपके दरवाजे तक तो पहुंचा दिया, लेकिन आगे जाने से रोक लिया और इसलिए मुझे आपके प्रत्यक्ष दर्शन का अवसर नहीं मिला है। लेकिन मैं यह दृश्य देख रहा हूं, ऐसा भव्य दृश्य मेरे सामने है, लोग ही लोग नजर आ रहे हैं, कितना अद्भुत नजारा है। कितना अच्छा होता, मैं भी आपके बीच होता, लेकिन मैं नहीं पहुंच पाया, मैं आप सबकी क्षमा मांगता हूं। लेकिन जैसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने मुझे निमंत्रण दिया है, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जैसे ही राज्य सरकार तय करेगी, मैं सिक्किम जरूर आऊंगा, आप सबके दर्शन करूंगा और इस 50 वर्ष की सफल यात्रा का मैं भी एक दर्शक बनूंगा। आज का ये दिन बीते 50 वर्षों की अचीवमेंट्स को सेलिब्रेट करने का है और आपने काफी अच्छा कार्यक्रम आयोजित किया है। और मैं तो लगातार सुन रहा था, देख रहा था, खुद मुख्यमंत्री जी इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए काफी ऊर्जा के साथ लगे रहे हैं। वो दिल्ली में भी मुझे दो बार आकर के निमंत्रण देकर गए हैं। मैं आप सभी को सिक्किम राज्य के 50 वर्ष होने की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

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साथियों,

50 साल पहले सिक्किम ने अपने लिए एक डेमोक्रेटिक फ्यूचर तय किया था। सिक्किम के लोगों का जनमन geography के साथ ही भारत की आत्मा से जुड़ने का भी था। एक भरोसा था, जब सबकी आवाज़ सुनी जाएगी, सबके हक सुरक्षित होंगे, तो विकास के एक जैसे मौके मिलेंगे। आज मैं कह सकता हूं कि सिक्किम के एक-एक परिवार का भरोसा लगातार मजबूत हुआ है। और देश ने इसके परिणाम सिक्किम की प्रगति के रूप में देखे हैं। सिक्किम आज देश का गर्व है। इन 50 वर्षों में सिक्किम प्रकृति के साथ प्रगति का मॉडल बना। बायोडायवर्सिटी का बहुत बड़ा बागीचा बना। शत-प्रतिशत ऑर्गेनिक स्टेट बना। कल्चर और हैरिटेज की समृद्धि का प्रतीक बनकर सामने आया। आज सिक्किम देश के उन राज्यों में है, जहां प्रतिव्यक्ति आय सबसे अधिक है। ये सारी उपलब्धियां सिक्किम के आप सभी साथियों के सामर्थ्य से हासिल हुई हैं। इन 50 वर्षों में सिक्किम से ऐसे अनेक सितारे निकले हैं, जिन्होंने भारत का आसमान रोशन किया है। यहां के हर समाज ने सिक्किम की संस्कृति और समृद्धि में अपना योगदान दिया है।

साथियों,

2014 में सरकार में आने के बाद मैंने कहा था- सबका साथ-सबका विकास। भारत को विकसित बनाने के लिए देश का संतुलित विकास बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि, एक क्षेत्र तक तो विकास का लाभ पहुंचे और दूसरा पीछे ही छूटता चला जाए। भारत के हर राज्य, हर क्षेत्र की अपनी एक खासियत है। इसी भावना के तहत बीते दशक में हमारी सरकार, नॉर्थ ईस्ट को विकास के केंद्र में लाई है। हम 'Act East' के संकल्प पर 'Act Fast' की सोच के साथ काम कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली में नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टमेंट समिट हुई है। इसमें देश के बड़े-बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट, बड़े इन्वेस्टर शामिल हुए। उन्होंने सिक्किम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट में बहुत बड़ी इन्वेस्टमेंट्स की घोषणा की है। इससे आने वाले समय में सिक्किम के नॉर्थ ईस्ट के नौजवानों के लिए यहीं पर रोजगार के अनेक बड़े अवसर तैयार होने वाले हैं।

साथियों,

आज के इस कार्यक्रम में भी सिक्किम की फ्यूचर जर्नी की एक झलक मिलती है। आज यहां सिक्किम के विकास से जुडे अनेक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इन सारे प्रोजेक्ट्स से यहां हेल्थकेयर, टूरिज्म, कल्चर और स्पोर्ट्स की सुविधाओं का विस्तार होगा। मैं आप सभी को इन सारे प्रोजेक्ट्स के लिए ढेर सारी बधाई देता हूं।

साथियों,

सिक्किम समेत पूरा नॉर्थ ईस्ट, नए भारत की विकास गाथा का एक चमकता अध्याय बन रहा है। जहाँ कभी दिल्ली से दूरियां विकास की राह में दीवार थीं, अब वहीं से अवसरों के नए दरवाज़े खुल रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, यहां की कनेक्टिविटी में जो बदलाव आ रहा है, आप लोगों ने तो अपनी आंखों के सामने ये परिवर्तन होते देखा है। एक समय था जब पढ़ाई के लिए, इलाज के लिए, रोजगार के लिए कहीं पर भी आना-जाना बहुत बड़ी चुनौती था। लेकिन बीते दस वर्षों में स्थिति काफी बदल गई है। इस दौरान सिक्किम में करीब चार सौ किलोमीटर के नए नेशनल हाईवे बने हैं। गांवों में सैकड़ों किलोमीटर नई सड़कें बनी हैं। अटल सेतु बनने से सिक्किम की दार्जिलिंग से कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। सिक्किम को कालिम्पोंग से जोड़ने वाली सड़क पर भी काम तेज़ी से चल रहा है। और अब तो बागडोगरा-गंगटोक एक्सप्रेसवे से भी सिक्किम आना-जाना बहुत आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं, आने वाले समय में हम इसे गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से भी जोड़ेंगे।

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साथियों,

आज नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य की राजधानी को रेलवे से जोड़ने का अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। सेवोक-रांगपो रेल लाइन, सिक्किम को भी देश के रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। हमारा ये भी प्रयास है कि जहां सड़कें नहीं बन सकतीं, वहां रोपवे बनाए जाएं। थोड़ी देर पहले ऐसे ही रोपवे प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया गया है। इससे भी सिक्किम के लोगों की सहूलियत बढ़ेगी।

साथियों,

बीते एक दशक में भारत नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है। और इसमें बेहतर हेल्थकेयर का लक्ष्य हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता रहा है। पिछले 10-11 साल में देश के हर राज्य में बड़े अस्पताल बने हैं। एम्स और मेडिकल कॉलेजों का बहुत विस्तार हुआ है। आज यहां भी 500 बेड का अस्पताल आपको समर्पित किया गया है। ये अस्पताल गरीब से गरीब परिवार को भी अच्छा इलाज सुनिश्चित करेगा।

साथियों,

हमारी सरकार एक तरफ अस्पताल बनाने पर बल दे रही है, वहीं दूसरी तरफ सस्ते और बेहतर इलाज का भी इंतज़ाम कर रही है। आयुष्मान भारत योजना के तहत सिक्किम के 25 हजार से ज्यादा साथियों का मुफ्त इलाज किया गया है। अब पूरे देश में 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। अब सिक्किम के मेरे किसी भी परिवार को अपने बुजुर्गों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। उनका इलाज हमारी सरकार करेगी।

साथियों,

विकसित भारत का निर्माण, चार मजबूत पिलर्स पर होगा। ये पिलर्स हैं- गरीब, किसान, नारी और नौजवान। आज देश, इन पिलर्स को लगातार मजबूत कर रहा है। आज के अवसर पर मैं सिक्किम के किसान बहनों-भाइयों की खुले दिल से प्रशंसा करुंगा। आज देश, खेती की जिस नई धारा की तरफ बढ़ रहा है, उसमें सिक्किम सबसे आगे है। सिक्किम से ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है। हाल में ही यहा की मशहूर डैले खुरसानी मिर्च, ये पहली बार एक्सपोर्ट शुरु हुआ है। मार्च महीने में ही, पहला कन्साइनमेंट विदेश पहुंच गया है। आने वाले समय में ऐसे अनेक उत्पाद यहां से विदेश निर्यात होंगे। राज्य सरकार के हर प्रयास के साथ केंद्र सरकार कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।

साथियों,

सिक्किम की ऑर्गेनिक बास्केट को और समृद्ध करने के लिए केंद्र सरकार ने एक और कदम उठाया है। यहां सोरेंग जिले में देश का पहला ऑर्गेनिक फिशरीज़ क्लस्टर बन रहा है। ये सिक्किम को, देश और दुनिया में एक नई पहचान देगा। ऑर्गेनिक फार्मिंग के साथ-साथ सिक्किम को ऑर्गेनिक फिशिंग के लिए भी जाना जाएगा। दुनिया में ऑर्गेनिक फिश और फिश प्रोडक्ट्स की बहुत बड़ी डिमांड है। इससे यहां के नौजवानों के लिए मछली पालन के क्षेत्र में नए मौके मिलेंगे।

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साथियों,

अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई है। इस बैठक के दौरान मैंने कहा है, हर राज्य को अपने यहां एक ऐसा टूरिस्ट डेस्टिनेशन डवलप करना चाहिए, जो इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाए। अब समय आ गया है, सिक्किम सिर्फ हिल स्टेशन नहीं, ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन बने! सिक्किम के सामर्थ्य का कोई मुकाबला ही नहीं है। सिक्किम टूरिज्म का complete package है! यहाँ प्रकृति भी है, आध्यात्म भी है। यहाँ झीलें हैं, झरने हैं, पहाड़ हैं और शांति की छाया में बसे बौद्ध मठ भी हैं। कंचनजंगा नेशनल पार्क, UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट, सिक्किम की इस धरोहर पर सिर्फ भारत नहीं, पूरी दुनिया को गर्व है। आज जब यहां नया स्कायवॉक बन रहा है, स्वर्ण जयंती प्रोजेक्ट का लोकार्पण हो रहा है, अटल जी की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है, ये सभी प्रोजेक्ट, सिक्किम की नई उड़ान के प्रतीक हैं।

साथियों,

सिक्किम में एडवेंचर और स्पोर्ट्स टूरिज्म का भी बहुत पोटेंशियल है। ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग, हाई-एल्टीट्यूड ट्रेनिंग जैसी गतिविधियाँ यहां आसानी से हो सकती हैं। हमारा सपना है सिक्किम को कॉन्फ्रेंस टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म और कॉनसर्ट टूरिज्म का भी हब बनाया जाए। स्वर्ण जयंती कन्वेंशन सेंटर, यही तो भविष्य की तैयारी का हिस्सा है। मैं चाहता हूँ कि दुनिया के बड़े-बड़े कलाकार गंगटोक की वादियों में आकर perform करें, और दुनिया कहे “अगर कहीं प्रकृति और संस्कृति साथ-साथ हैं, तो वो हमारा सिक्किम है!”

साथियों,

G-20 समिट की बैठकों को भी हम नॉर्थ ईस्ट तक इसलिए लेकर आए, ताकि दुनिया यहाँ की क्षमताओं को देख सके, यहां की संभावनाओं को समझ सके। मुझे खुशी है कि सिक्किम की NDA सरकार इस विज़न को तेज़ी से धरातल पर उतार रही है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक शक्तियों में से एक है। आने वाले समय में भारत स्पोर्ट्स सुपरपावर भी बनेगा। और इस सपने को साकार करने में, नॉर्थ ईस्ट और सिक्किम की युवा शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। यही धरती है जिसने हमें बाईचुंग भूटिया जैसे फुटबॉल लीजेंड दिए। यही सिक्किम है, जहाँ से तरुणदीप राय जैसे ओलंपियन निकले। जसलाल प्रधान जैसे खिलाड़ियों ने भारत को गौरव दिलाया। अब हमारा लक्ष्य है, सिक्किम के हर गाँव, हर कस्बे से एक नया चैम्पियन निकले। खेल में सिर्फ भागीदारी नहीं, विजय का संकल्प हो! गंगटोक में जो नया स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन रहा है, वो आने वाले दशकों में चैम्पियनों की जन्मभूमि बनेगा। ‘खेलो इंडिया’ स्कीम के तहत सिक्किम को विशेष प्राथमिकता दी गई है। टैलेंट को पहचान कर, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और टूर्नामेंट – हर स्तर पर मदद दी जा रही है। मुझे पूरा विश्वास है, सिक्किम के युवाओं की ये ऊर्जा, ये जोश, भारत को ओलंपिक पोडियम तक पहुंचाने का काम करेगा।

साथियों,

सिक्किम के आप सभी लोग पर्यटन की पावर को जानते हैं, समझते हैं। टूरिज्म सिर्फ मनोरंजन नहीं है, ये डायवर्सिटी का सेलिब्रेशन भी है। लेकिन आतंकियों ने जो कुछ पहलगाम किया, वो सिर्फ भारतीयों पर हमला नहीं था, वो मानवता की आत्मा पर हमला था, भाईचारे की भावना पर हमला था। आतंकियों ने हमारे अनेक परिवारों की खुशियां को तो छीन लिया, उन्होंने हम भारतीयों को बांटने की भी साजिश रची। लेकिन आज पूरी दुनिया देख रही है कि, भारत पहले से कहीं ज़्यादा एकजुट है! हमने एकजुट होकर आतंकियों और उनके सरपरस्तों को साफ़ संदेश दिया है। उन्होंने हमारी बेटियों के माथे से सिंदूर पोछकर उनका जीना हराम कर दिया, हमने आतंकियों को ऑपरेशन सिंदूर से करारा जवाब दिया है।

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साथियों,

आतंकी अड्डे तबाह होने से बौखलाकर पाकिस्तान ने हमारे नागरिकों और सैनिकों पर हमले की कोशिश की, लेकिन उसमें भी पाकिस्तान की पोल ही खुल गई। और हमने उनके कई एयरबेस को तबाह करके दिखा दिया, कि भारत कब क्या कर सकता है, कितना तेजी से कर सकता है, कितना सटीक कर सकता है।

साथियो,

राज्य के रूप में सिक्किम के 50 वर्ष का ये पड़ाव हम सभी के लिए प्रेरणा है। विकास की ये यात्रा अब और तेज़ होगी। अब हमारे सामने 2047 हैं, वो साल जब देश की आजादी के 100 साल पूरे होंगे

और यही वो समय होगा, जब सिक्किम को राज्य बने 75 वर्ष कंप्लीट हो जाएंगे। इसलिए हमें आज ये लक्ष्य तय करना है, कि 75 के पड़ाव पर हमारा सिक्किम कैसा होगा? हम सभी किस प्रकार का सिक्किम देखना चाहते हैं, हमें रोडमैप बनाना है, 25 साल के विजन के साथ कदम कदम पर कैसे आगे बढ़ेंगे ये सुनिश्चित करना है। हर कुछ समय पर बीच-बीच में उसकी समीक्षा करते रहना है। और लक्ष्य से हम कितना दूर हैं, कितना तेजी से आगे बढ़ना है। नए हौसले, नई उमंग, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना है, हमें सिक्किम की इकॉनॉमी की रफ्तार बढ़ानी है। हमें कोशिश करनी है कि हमारा सिक्किम एक वेलनेस स्टेट के रूप में उभरे। इसमें भी विशेष रूप से हमारे नौजवानों को ज्यादा अवसर मिले। हमें सिक्किम के यूथ को स्थानीय जरूरतों के साथ ही दुनिया की डिमांड के लिए भी तैयार करना है। दुनिया में जिन सेक्टर्स में यूथ की डिमांड है, उनके लिए यहां स्किल डवलपमेंट के नए मौके हमें बनाने हैं।

साथियों,

आइए, हम सब मिलकर एक संकल्प लें, अगले 25 वर्षों में सिक्किम को विकास, विरासत और वैश्विक पहचान का सर्वोच्च शिखर दिलाएँगे। हमारा सपना है— सिक्किम, केवल भारत का नहीं, पूरे विश्व का ग्रीन मॉडल स्टेट बने। एक ऐसा राज्य जहां के हर नागरिक के पास पक्की छत हो, एक ऐसा राज्य जहां हर घर में सोलर पावर से बिजली आए, एक ऐसा राज्य जो एग्रो- स्टार्ट अप्स, टूरिज्म स्टार्ट अप्स में नया परचम लहराए, जो ऑर्गैनिक फूड के एक्सपोर्ट में दुनिया में अपनी पहचान बनाए। एक ऐसा राज्य जहां का हर नागरिक डिजिटल ट्रांजेक्शन करे, जो वेस्ट टू वेल्थ की नई ऊंचाइयों पर हमारी पहचान को पहुंचाए, अगले 25 साल ऐसे अनेक लक्ष्यों की प्राप्ति के हैं, सिक्किम को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाई देने के हैं। आइए, हम इसी भावना के साथ आगे बढ़ें और विरासत को, इसी तरह आगे बढ़ाते रहें। एक बार फिर, सभी सिक्किम वासियों को इस महत्वपूर्ण 50 वर्ष की यात्रा पर, इस महत्वपूर्ण अवसर पर देशवासियों की तरफ से, मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं, बहुत बहुत धन्यवाद!