Solutions to all the problems is in development: PM Modi in West Bengal

Published By : Admin | April 7, 2016 | 20:07 IST
QuoteI have come here so ensure proper education for children, opportunities for youth and for development: PM Modi
QuoteI have only three agendas: Development, fast-paced development & all-round development
QuoteFor 34 years the Left front ruled and ruined Bengal; TMC stands for Terror, Maut, Corruption: PM Modi
QuoteLeft and Congress contest against one another in Kerala but in spite of ideological differnces are allies in West Bengal: PM
QuoteAfter coming to power, Mamata Di said Maa, Maati, Manush but now it's all about only Maut and Money: PM
QuoteSolutions to all the problems is in development: PM Modi in West Bengal
QuoteWe will ensure overall development of Bengal and eliminate all the problems people face in the state: PM
 

मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए आसनसोल के मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों 

आज मैं सुबह से पश्चिम बंगाल में दौरा कर रहा हूँ। टीवी पर आता है कि इस बार जून महीने में जो गर्मी पड़ती है, वो गर्मी अप्रैल महीने में शुरू हो गई है और इतनी भयंकर गर्मी के बीच पश्चिम बंगाल में चुनावी गर्मी है और आप लोगों का इतना जबर्दस्त उत्साह है। दिल्ली में बैठकर किसी को अंदाजा नहीं सकता कि पश्चिम बंगाल के चुनाव का मिजाज़ क्या है, यहाँ के लोगों का इरादा क्या है। मैंने ऐसा उत्साह पश्चिम बंगाल में कभी देखा नहीं था। मैं आप लोगों से एक शिकायत करना चाहता हूँ जब 2014 में लोकसभा का चुनाव था और मैं ख़ुद प्रधानमंत्री का उम्मीदवार था और इसी मैदान में आया था और तब इसकी आधी भीड़ भी नहीं थी। आज पश्चिम बंगाल का भविष्य तय करने के लिए आप जो उत्साह दिखा रहे हैं, ये मेरी शिकायत नहीं है, आपका अभिनंदन है। 

लेफ़्ट और टीएमसी और उसके पीछे भाग रही कांग्रेस, आने वाले दिनों में ये सभा देखने के बाद सोचेंगे कि कौन से गुंडे हैं जिनको आसनसोल भेजा जाए ताकि ये लोग मतदान न कर सकें, घपलेबाजी हो, हिंसा हो। ये सभा दीदी की भी नींद खराब कर देंगे और लेफ़्ट और सोनिया जी की भी नींद खराब कर देंगे। आप लोगों ने पूरे पश्चिम बंगाल को ये सन्देश दिया है कि अब पश्चिम बंगाल इन दोनों से मुक्ति चाहता है। क्या मिला पश्चिम बंगाल को? 34 साल तक लेफ्ट वालों ने बंगाल की प्रतिष्ठा, सम्मान को मिट्टी में मिला दिया और जब बाद में दीदी आई तो उन्होंने कहा था कि मां, माटी और मानुष लेकिन हमने 5 साल में हर दिन देखा – मौत का कारोबार, पैसों का कारोबार। 

यहाँ जिस प्रकार से बंगाल के लोगों के साथ धोखा किया गया, शारदा चिटफंड को कोई भूल सकता है क्या? गरीबों के पैसे डूबे हैं और ये पाप करने वाले जेलों में होने चाहिए थे, दीदी को ऐसे लोगों के खिलाफ़ कठोर कदम उठाने चाहिए थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। ये सरकार गरीबों का धन लूटने वालों पर मेहरबानी करने वाली सरकार है। गरीब बेचारा कुछ सपने देखकर पैसे रखता था, बेटी की शादी हो या बच्चों की पढ़ाई लेकिन इन लुटेरों ने गरीब के पैसे हज़म कर लिये और उन्हें बेघर बना दिया। 

जब अच्छी एवं ईमानदार सरकार होती है तो गरीबों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाती हैं। इन्होंने चिटफंड चलाया और हम प्रधानमंत्री जन-धन योजना लेकर आए; उन्होंने चिटफंड के नाम पर गरीबों से पैसे बनाए और हमने बिना पैसे गरीबों के खाते खोल दिए और मुफ़्त में अकाउंट खोलने की व्यवस्था कर दी। हमने गरीबों को रूपये कार्ड दिया ताकि उनके परिवार में कभी कोई संकट आ गया तो उसमें 2 लाख का बीमा होगा और परिवार को ये पैसा मिल जाएगा। अनेकों को ये मिला भी और जन-धन योजना के तहत हमने हिंदुस्तान के करोड़ों गरीबों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए। असम हो, उड़ीसा हो, बंगाल हो, इन्होंने कहीं के गरीबों को नहीं छोड़ा। गरीबों को लूटने वालों को क्या चुनाव जीतना चाहिये? 

मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूँ कि जिन-जिन लोगों ने गरीबों के पेट पर लात मारी है, ऐसे लोगों को इस चुनाव में एक पल के लिए भी स्वीकार नहीं करना चाहिए। 34 साल तक बंगाल में लेफ़्ट वालों की सरकार रही और उन्होंने बंगाल को बर्बाद कर दिया। दूर जाने की जरुरत नहीं है, 5 साल पहले चुनाव में कांग्रेस के नेता ने लेफ़्ट के खिलाफ़ क्या-क्या बोला था, ये आप वीडियो निकाल के सुन लो तो पता चल जाएगा कि लेफ़्ट वाले क्या करते थे और ये अजूबा देखो कि कांग्रेस वाले लेफ़्ट का कुर्ता पकड़ कर चल पड़े। जिस कांग्रेस पार्टी ने पहली बार केरल में लेफ़्ट की सरकार को धारा 356 लगाकर भंग कर दिया था और जिस कांग्रेस को लेफ़्ट के प्रति गुस्सा रहता था, आज पूरी कांग्रेस पार्टी लेफ़्ट के चरणों में जाकर बैठ गई है। ये जनता-जनार्दन जब देती है तो छप्पर फाड़कर देती है लेकिन जब ये लेती है तो कूड़े-कचरे की तरह साफ़ कर देती है। 

एक जमाना था जब कांग्रेस पार्टी 400 लोगों के साथ संसद में बैठती थी और जनता का गुस्सा ऐसा फूटा कि वे 40 पर आ गए। आज कांग्रेस की हालत देखो कि जीने-मरने के लिए लेफ़्ट के सामने झुकना पड़ा है और इनकी बेईमानी देखो - विचारधारा से अगर झगड़ा होता है तो ये केरल में भी होना चाहिए और वहां भी आमने-सामने लड़ना चाहिए लेकिन कांग्रेस का कमाल देखो कि केरल में वे कम्युनिस्ट को गाली दे रहे हैं और उनसे लड़ रहे हैं और बंगाल में कम्युनिस्ट को कंधे पर बिठाकर नाच रहे हैं। समझ नहीं आ रहा कि केरल में कुश्ती और बंगाल में दोस्ती? ये आप लोगों की आँखों में धूल झोंक रहे हैं। केरल में दोनों एक-दूसरे को गालियां देते हैं और बंगाल में कहते हैं कि बहुत अच्छे हैं और सबका भला करेंगे। 

एक जमाना था जब दीदी भ्रष्टाचार का नाम सुनती थी तो कुर्सी फेंक कर चली जाती थी लेकिन अब दीदी को क्या हो गया, ऐसा परिवर्तन कैसे आ गया। वो तो भ्रष्टाचार के खिलाफ़ रोड पर निकलती थीं, लाठियां झेलती थीं; आज इतना बड़ा स्कैंडल आ गया, टेंडर का सौदा होता है, नोटों की थप्पियाँ दी जा रही हैं और सब कैमरा पर है लेकिन इसके बावजूद दीदी ने कोई कदम नहीं उठाया। इसका मतलब है कि अब दीदी भ्रष्टाचार से एडजस्ट हो गई हैं; अब दीदी को ये सब ठीक लग रहा है। ये लुटते रूपये जनता के हैं और ये लूट बंद होना चाहिए। ये चुनाव एक ऐसा मौका है जब ऐसा करने वालों को राजनीति से हमेशा के लिए विदा कर देना चाहिए। 

मैं कभी कभी सोचता हूँ कि ये टीएमसी क्या है – टी फॉर टेरर, एम फॉर मौत और सी फॉर करप्शन। पांच सालों में टीएमसी का यह सीधा-सीधा मतलब निकल कर आया है। जब हम छोटे थे और लेफ़्ट वाले चुनाव जीतते थे तो हम लोगों से पूछते थे कि ये लेफ़्ट वाले चुनाव कैसे जीतते हैं तो समझदार लोग मुझे बताते थे कि यहाँ का चुनाव साइंटिफिक रिजीम करके जीता जाता था। साइंटिफिक रिजीम तो मैंने सुना था लेकिन दीदी के राज़ में मैं देख रहा हूँ - साइंटिफिक करप्शन। टेंडर का कारोबार टेंडर निकलने से पहले तय हो जाता है। 

अभी कोलकाता में करप्शन का भंडा फूट गया। विवेकानंद ब्रिज अनेकों की ज़िन्दगी को तबाह कर गया जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है लेकिन दीदी मौत पर भी राजनीति कर रही हैं। ब्रिज गिरा है, लाशें पड़ी हैं, घायल लोग कराह रहे हैं और दीदी मदद करने के नाम पर कुछ नहीं बोलती हैं और कहती हैं इस ब्रिज का कॉन्ट्रैक्ट तो लेफ़्ट वालों ने दिया था। मैं पूछता हूँ कि अगर ये ब्रिज बन जाता तो आप उद्घाटन करने जाती कि नहीं और आप ब्रिज बनाने के क्रेडिट लेने की कोशिश करती कि नहीं। अगर लेफ़्ट वालों ने पाप किया तो उस पाप को आपने आगे क्यों बढ़ाया। पूरे पश्चिम बंगाल में जो लेफ़्ट वाले करके गए, उसे ही आगे बढ़ाने का काम दीदी कर रही हैं और इसलिए पश्चिम बंगाल को लेफ़्ट और दीदी, दोनों से मुक्ति चाहिए। 

जिस प्रकार से टेरर का माहौल बनाया जा रहा है, अपने विरोधियों को ख़त्म करने की कोशिश हो रही है, ये लोकतंत्र और उसके प्रति आस्था का प्रतीक नहीं है। इस चुनाव में जो डिबेट चल रही है, उससे मैं हैरान हूँ। वो पूछते हैं कि ममता जी के राज़ में कितनी हत्याएं हुईं तो ममता जी कहती हैं कि आपके राज़ में इतनी हत्याएं हुईं, लेफ़्ट वाले कहते हैं कि आपके ज़माने में इतनी बलात्कार की घटनाएँ हुईं तो ममता जी कहती हैं कि आपके ज़माने में इतनी हुईं, दोनों के बीच दंगों की गिनती हो रही है। मैं पूछता हूँ कि चुनाव में यही डिबेट चलेगा क्या? ये आरोप-प्रत्यारोप गलत है। अच्छा होता कि ये कहते कि लेफ़्ट वालों ने इतना रास्ता बनाया था और हमने उससे ज्यादा बना दिया; लेफ़्ट वालों ने इतने स्कूल खोले थे और हमने उससे ज्यादा स्कूल खोल दिए, ये स्पर्धा होनी चाहिए थी लेकिन यहाँ स्पर्धा इस बात की हो रही है कि कौन ज्यादा बुरा है। 

भाईयों-बहनों, हमारी सरकार को 2 साल होने को आए हैं। आपने कभी अपने सांसद बाबुल सुप्रियो जो मेरी सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री हैं, उनके ऊपर एक भी आरोप सुना है क्या? 2 साल से हम बैठे हैं, हमने एक भी पाप नहीं किया, ऐसे सरकार चलाई जाती है। हमारी सभी समस्याओं का समाधान चुनावी खोखलेबाजी से नहीं होने वाला है। मेरा 3 एजेंडा है – पहला विकास, दूसरा तेज़ गति से विकास और तीसरा चारों तरफ विकास, जिस पर मैं पिछले साल से काम कर रहा हूँ और यहाँ भी करना चाहता हूँ। आप मुझे सेवा करने का मौका दीजिए। हमारी सभी समस्याओं का समाधान विकास में है। 

आप हैरान होंगे कि ये पश्चिम बंगाल इतना प्यारा और प्रगतिशील था कि अंग्रेजों को भी कोलकाता में आकर अपना काम करने का मन कर गया था, ऐसा शानदार और जानदार हुआ करता था हमारा बंगाल। बंगाल पूरे देश को दिशा दिखाता था लेकिन आज इस बंगाल की स्थिति देखिये। सुभाष भाई के भतीजे, चन्द्र कुमार बोस भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं और दीदी ऐसी घबरा गई हैं और दीदी ने ऐसा टेरर दिया है कि कोई चन्द्र बोस को दफ्तर खोलने की जगह नहीं दे रहा है। लोग कहते हैं कि हम वोट दे देंगे लेकिन जब तक दीदी हैं तब तक हम आपको मकान नहीं दे पाएंगे वर्ना हम जिंदा नहीं रह पाएंगे। ये लोकतंत्र है क्या? 

आसनसोल सुंदर नगरी के रूप में जाना जाता था। अभी भारत सरकार पूरे देश में लगातार स्पर्धा करती है और ज्यूरी निष्पक्षता से उसकी जाँच करती है। 2016 के शुरू में इस देश के 72 शहरों में सफ़ाई को लेकर स्पर्धा हुई। दो महीने का समय दिया गया कि आपको क्या-क्या करना है। आपको जानकर दुःख होगा कि आसनसोल उस सूची में नीचे से दूसरे पायदान पर था। दीदी ने आसनसोल को ऐसा बना दिया कि पूरे हिंदुस्तान में इसकी इज्ज़त को मिट्टी में मिला दिया। आसनसोल एक औद्योगिक नगरी रही है, साफ़-सुथरा होना चाहिए लेकिन न बंगाल की सरकार को परवाह है और न यहाँ बैठे हुए लोगों को परवाह है। 

मैं कहता हूँ कि आप इन लोगों से मुक्ति लेकर बंगाल में भाजपा को स्वीकार करें। दिल्ली पूरी ताक़त लगाएगा और जितनी बुराईयाँ यहाँ पिछले कई वर्षों से हैं, उसे निकालने के लिए मैं कंधे से कंधा मिलकर काम करूँगा। साइंटिफिक रिजीम और साइंटिफिक करप्शन; पश्चिम बंगाल में सिंडिकेट के नाम पर सारा कारोबार हड़प लिया जाता है। कोयले की कालाबाजारी में सिंडिकेट का क्या नाता है और ये सिंडिकेट लेफ़्ट वालों ने शुरू किया और तृणमूल वालों ने उसे आगे बढ़ाया है। मैंने पहले भी कहा है कि जिन्होंने देश का कोयला भी नहीं छोड़ा, उन्हें हम नहीं छोड़ेंगे। आपने कुछ दिन पहले देखा होगा कि कोयले की कालाबाजारी करने वाले कुछ लोगों को सजा भी हो गई और जेल भी हो गया और अब आगे औरों की भी बारी है। 

हमने करप्शन के खिलाफ़ लड़ाई चलाई है और मैं जानता हूँ कि मैं जितना इन चीजों को ठीक करता हूँ, उतना इन लोगों को परेशानी ज्यादा होती है। इसलिए वे जोर से चिल्लाते हैं क्योंकि उनको पता है कि अब उनके जेल में जाने के दिन आ रहे हैं। विकास की बात को छोड़कर और बातें जो उठाई जा रही हैं, उसका मूल कारण यही है कि मुसीबत अब उनके कदमों तक पहुँचने की तयारी कर रही है। कहीं भी जोर से आवाज़ सुनाई दे तो समझ लेना कि मोदी ने कोई ऐसा कदम उठाया है जिससे बेईमान लोगों के लिए परेशानी आनी शुरू हो गई है। 

मैं आपके पास वोट मांगने आया हूँ। मुझे वोट चाहिए – बच्चों की पढ़ाई के लिए, नौजवानों की कमाई के लिए, बुजुर्गों की दवाई के लिए, अच्छी शिक्षा के लिए, अच्छे जीवन के लिए, विकास के लिए। आप पूरी तरह समर्थन देकर भाजपा के उम्मीदवारों को विजयी बनाईए। 

बहुत-बहुत धन्यवाद!
  • Gobinda Sutradhar April 18, 2025

    West Bengal 356 Dhara
  • Gobinda Sutradhar April 18, 2025

    modi ji
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আদমপুৰ বিমান ঘাটিত সাহসী বায়ু যোদ্ধা আৰু সৈনিকসকলৰ সৈতে প্ৰধানমন্ত্ৰীৰ মত-বিনিময়ৰ অসমীয়া অনুবাদ
May 13, 2025
Quoteবায়ু যোদ্ধা আৰু সৈনিকৰ সৈতে মত বিনিময় কৰি আমাৰ দেশ ৰক্ষাৰ ক্ষেত্ৰত তেওঁলোকৰ সাহস আৰু পেছাদাৰিত্ব প্ৰশংসনীয়ঃ প্ৰধানমন্ত্ৰী
Quote'ভাৰত মাতা কি জয়' কেৱল শ্লোগান নহয়, নিজৰ দেশৰ সন্মান আৰু মৰ্যাদাৰ বাবে নিজৰ প্ৰাণ বাজি লগোৱা প্ৰতিজন জোৱানৰ শপত: প্ৰধানমন্ত্ৰী
Quoteঅপাৰেচন সিন্দুৰ হৈছে ভাৰতৰ নীতি, উদ্দেশ্য আৰু নিৰ্ণায়ক সামৰ্থ্যৰ ত্ৰিত্বঃ প্ৰধানমন্ত্ৰী
Quoteতেওঁ কয় যে যেতিয়া ভাৰতীয় সেনাই পাৰমাণৱিক ব্লেকমেইলৰ ভাবুকি নষ্ট কৰে, তেতিয়া আকাশ আৰু পৃথিৱীত মাত্ৰ এটা বাৰ্তাহে প্ৰতিধ্বনিত হয়-‘ভাৰত মাতা কি জয়’
Quoteতেওঁ সৈনিক আৰু তেওঁলোকৰ পৰিয়ালৰ প্ৰতি তেওঁলোকৰ ত্যাগক স্বীকৃতি দি সমগ্ৰ দেশৰ প্ৰতি গভীৰ কৃতজ্ঞতা প্ৰকাশ কৰে
Quoteমহাৰাণা প্ৰতাপৰ বিখ্যাত ঘোঁৰা চেতকৰ বিষয়ে লিখা শাৰীৰ উদ্ধৃতি দি তেওঁ মন্তব্য কৰে যে এই শব্দবোৰ এতিয়া ভাৰতৰ উন্নত আধুনিক অস্ত্ৰ-শস্ত্ৰৰ সৈতে নিখুঁতভাৱে অনুৰণন ঘটিছে
Quoteতেওঁ মন্তব্য কৰে যে বিৰোধীসকলৰ কোনো ধাৰণা নাছিল যে তেওঁলোকৰ দুৰ্গ কেতিয়া ধ্বংসাৱশেষলৈ পৰিণত হয়
Quoteতেওঁ দেশৰ বিমানঘাটিসমূহ চোৱাচিতা কৰা নেতৃত্বৰ প্ৰতি গভীৰ শলাগ লৈ ভাৰতীয় বায়ুসেনাৰ প্ৰতিজন বায়ুযোদ্ধাৰ প্ৰতি আন্তৰিক প্ৰশংসা প্ৰকাশ কৰে। দেশৰ ৰক্ষাৰ ক্ষেত্ৰত তেওঁলোকৰ অসাধাৰণ প্ৰদৰ্শন আৰু অদম্য নিষ্ঠাক তেওঁ প্ৰশংসা কৰে
Quoteতৃতীয়টো হ’ল, ভাৰতে আৰু সন্ত্ৰাসবাদী মাষ্টাৰমাইণ্ড আৰু তেওঁলোকক আশ্ৰয় দিয়া চৰকাৰসমূহৰ মাজত পাৰ্থক্য নকৰে। “ৰাষ্ট্ৰীয় নিৰাপত্তা আৰু সন্ত্ৰাসবাদ বিৰোধীতাৰ প্ৰতি নিজৰ দৃঢ় দৃষ্টিভংগীৰ লগত খাপ খুৱাই বিশ্বই এতিয়া এই নতুন আৰু সংকল্পবদ্ধ ভাৰতক স্বীকৃতি দিছে”, প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে দৃঢ়তাৰে কয়
Quoteতেওঁ ভাৰতৰ সংহত আকাশ আৰু স্থল যুদ্ধ ব্যৱস্থাৰ ফলপ্ৰসূতাক আলোকপাত কৰি ঘোষণা কৰে যে এই স্তৰৰ যৌথতা এতিয়া ভাৰতৰ সামৰিক শক্তিৰ এক নিৰ্ণায়ক বৈশিষ্ট্য হৈ পৰিছে

ভাৰত মাতা কী জয়!

ভাৰত মাতা কী জয়!

ভাৰত মাতা কী জয়!

 

কেইদিনমান পূৰ্বে এই শ্ল’গানৰ শক্তি বিশ্বই প্ৰত্যক্ষ কৰিছে। ভাৰত মাতা কী জয় কেৱল এক শ্ল’গানেই নহয়, বৰঞ্চ এয়া ভাৰত মাতাৰ সন্মান আৰু মৰ্য্যাদা অক্ষুণ্ণ ৰাখিবলৈ নিজৰ প্ৰাণো বিসৰ্জন দিবলৈ কুণ্ঠাবোধ নকৰা দেশৰ প্ৰতিগৰাকী জোৱানৰ সংকল্পও। এয়া হৈছে দেশখনৰ বাবে জীয়াই থাকিব বিচৰা, কিবা এটা সাধন কৰিব বিচৰা প্ৰতিগৰাকী নাগৰিকৰ কণ্ঠ। সকলো ক্ষেত্ৰতে ভাৰত মাতা কী জয়ৰ অনুৰণন ঘটে। ভাৰতৰ সৈন্যসকলে ভাৰত মাতা কী জয় বুলি কোৱা মাত্ৰেকে শত্ৰুৰ অন্তৰ কঁপি উঠে। আমাৰ ড্ৰোনে শত্ৰুৰ দুৰ্গ ধ্বংস কৰোঁতে, আমাৰ মিছাইলে লক্ষ্যত উপনীত হওঁতে শত্ৰুৱে ভাৰত মাতা কী জয় ধ্বনি শুনিবলৈ পায়! ৰাতিৰ আন্ধাৰতো যেতিয়া আমাৰ সূৰ্য্য উদয় হয়, তেতিয়া শত্ৰুৱে শুনে - ভাৰত মাতা কী জয়! আমাৰ বাহিনীসমূহে পাৰমাণৱিক ভাবুকিক বিফল কৰোঁতে আকাশৰ পৰা পাতাললৈ মাথোঁ এটা ধ্বনিয়েই গুঞ্জৰিত হয় – সেয়া হৈছে ভাৰত মাতা কী জয়!

বন্ধুসকল,

সঁচাকৈয়ে, আপোনালোক সকলোৱে আজি লক্ষ-লক্ষ ভাৰতীয়ক গৌৰৱান্বিত কৰিছে, প্ৰতিগৰাকী ভাৰতীয়ৰ মন গৌৰৱৰ মনোভাৱেৰে ভৰাই তুলিছে। আপোনাসৱে ইতিহাস ৰচনা কৰিছে। আৰু মই আপোনালোকক চাবলৈ পুৱাই আপোনাসৱৰ মাজলৈ আহিছোঁ। সাহসী লোকৰ পদাংক পৃথিৱীত পৰা মাত্ৰেকে পৃথিৱী ধন্য হয়, সাহসী লোকক দেখাৰ সুযোগ লাভ কৰা মাত্ৰেকে জীৱন ধন্য হৈ পৰে। আৰু সেইবাবেই মই ইয়ালৈ ৰাতিপুৱাই আহিছোঁ আপোনালোকক চাবলৈ। আজিৰ পৰা বহু দশকৰ পাছতো যেতিয়া ভাৰতৰ এই শৌৰ্য্যৰ বিষয়ে আলোচনা কৰা হ’ব, তেতিয়া ইয়াৰ আটাইতকৈ গুৰুত্বপূৰ্ণ অধ্যায় হ’ব আপোনালোক আৰু আপোনাসৱৰ সংগীসকল। আপোনালোক সকলো বৰ্তমানৰ লগতে দেশৰ ভৱিষ্যৎ প্ৰজন্মৰ বাবেও এক নতুন প্ৰেৰণা হৈ পৰিছে। এই বীৰ ভূমিৰ পৰা আজি বায়ুসেনা, নৌসেনা আৰু সেনাবাহিনীৰ সকলো বীৰ জোৱান, আমাৰ বিএছএফ-ৰ বীৰ জোৱানসকলক প্ৰণাম জনাইছোঁ। আপোনালোকৰ বীৰত্বৰ বাবেই অপাৰেচন সিন্দূৰৰ প্ৰতিধ্বনি দেশখনৰ চুক-কোণে শুনা গৈছে। এই সমগ্ৰ অভিযানৰ সময়ত প্ৰতিজন ভাৰতীয়ই আপোনালোকৰ কাষত থিয় দিছিল, প্ৰতিজন ভাৰতীয়ই আপোনালোকৰ মংগলৰ বাবে প্ৰাৰ্থনা কৰিছিল। আজি দেশৰ প্ৰতিজন নাগৰিকে আপোনালোকৰ দৰে প্ৰতিগৰাকী সৈনিক আৰু তেওঁলোকৰ পৰিয়ালৰ ওচৰত কৃতজ্ঞ আৰু তেওঁলোকৰ ওচৰত ঋণী।

বন্ধুসকল,

অপাৰেচন সিন্দূৰ কোনো সাধাৰণ সামৰিক অভিযান নহয়। বৰঞ্চ এয়া ভাৰতৰ নীতি, উদ্দেশ্য আৰু নিৰ্ণায়কতাৰ সংগম। ভাৰত বুদ্ধৰ ভূমিৰ লগতে গুৰু গোবিন্দ সিং জীৰো ভূমি। গুৰু গোবিন্দ সিং জীয়ে কৈছিল – “सवा लाख सेएक लड़ाऊं , चि ड़ि यन तेमबाज़ तड़ुाऊं , तबैगु गोबि दं सि हं नाम कहाऊं।“ অৰ্থাৎ অশুভ শক্তিক বিনাশ কৰিবলৈ আৰু ন্যায় প্ৰতিষ্ঠা কৰিবলৈ হাতত অস্ত্ৰ তুলি লোৱাটো আমাৰ পৰম্পৰা। আৰু সেইবাবেই আমাৰ ভগ্নী-কন্যাসকলৰ সিন্দূৰ কাঢ়ি নিয়া মাত্ৰেকে আমি সন্ত্ৰাসবাদীক নিধন কৰিলোঁ। সিহঁত কাপুৰুষৰ দৰে লুকাই আহিছিল। সিহঁতে পাহৰি গৈছিল যে সিহঁতে যাক প্ৰত্যাহ্বান জনাইছিল, সেয়া হৈছে ভাৰতীয় সেনাবাহিনী। সেই ভাৰতীয় সেনায়েই সন্ত্ৰাসবাদৰ সকলো বৃহৎ ঘাটি, সন্ত্ৰাসবাদীৰ ৯ টা আত্মগোপনৰ স্থান ধ্বংস কৰিলে, ১০০ৰো অধিক সন্ত্ৰাসবাদীক নিধন কৰিলে। সন্ত্ৰাসৰ পৃষ্ঠপোষকবোৰে এতিয়া বুজি পাইছে যে ভাৰতৰ প্ৰতি চকু ফুৰালে এটাই মাত্ৰ পৰিণাম হ'ব – সেয়া হৈছে ধ্বংস। ভাৰতৰ নিৰীহ লোকৰ ৰক্তপাত হ’লে এটাই প্ৰতিফল হ'ব – সেয়া হৈছে ধ্বংস। ভাৰতীয় সেনা, ভাৰতীয় বায়ুসেনা আৰু ভাৰতীয় নৌসেনাই পাকিস্তানী সেনাক পৰাস্ত কৰিছে। যাৰ ওপৰত এই সন্ত্ৰাসবাদীবোৰে নিৰ্ভৰ কৰিছিল। আপোনালোকে পাকিস্তানী সেনাকো কৈছে যে পাকিস্তানত এনে কোনো ঠাই নাই য’ত সন্ত্রাসবাদীয়ে বহি শান্তিৰে উশাহ ল’ব পাৰে। আমি সিহতঁৰ ঘৰত সোমাই নিধন কৰিম আৰু সিহতঁক পলায়নৰো সুযোগ নিদিওঁ। আৰু আমাৰ ড্ৰোন, আমাৰ মিছাইলৰ পৰাক্ৰম, পাকিস্তান এইবোৰ কথা ভাবি বহু দিন শুব নোৱাৰিব। कौशल दि खलाया चाल म, उड़ गया भयानक भाल म। नि र्भी क गया वह ढाल म, सरपट दौड़ा करवाल म। এই শাৰীবোৰ মহাৰাণা প্ৰতাপৰ বিখ্যাত ঘোঁৰা চেটক সম্পৰ্কে লিখা হৈছে যদিও এই শাৰীবোৰ আজিৰ আধুনিক ভাৰতীয় অস্ত্ৰ সম্ভাৰৰ লগতো খাপ খাই পৰিছে।

মোৰ সাহসী বন্ধুসকল,

অপাৰেচন সিন্দূৰৰ জৰিয়তে আপোনাসৱে দেশৰ আত্মবিশ্বাস বৃদ্ধি কৰিলে, দেশখনক ঐক্যবদ্ধ কৰিছে আৰু ভাৰতৰ সীমান্তক সুৰক্ষিত কৰিছে, ভাৰতৰ আত্মসন্মানক নতুন শিখৰত উপনীত কৰিছে।

বন্ধুসকল,

আপোনালোকে এনে এক কৰ্ম সম্পন্ন কৰিলে, যি অভূতপূৰ্ব, কল্পনাতীত, আশ্চৰ্য্যকৰ। আমাৰ বায়ুসেনাই পাকিস্তানৰ ইমান গভীৰতাত থকা সন্ত্ৰাসবাদীৰ ঘাটিবোৰক লক্ষ্য কৰি লৈছিল। আধুনিক প্ৰযুক্তিৰে সজ্জিত পেছাদাৰী শক্তিয়েহে এই কাম কৰিব পাৰে, সীমান্তৰ সিপাৰে লক্ষ্যত আঘাত হানিব পাৰে, মাত্ৰ ২০-২৫ মিনিটৰ ভিতৰতে পিন-পইন্ট লক্ষ্যত আঘাত কৰিব পাৰে। আপোনালোকৰ গতি আৰু নিখুঁততা ইমানেই অধিক আছিল যে আপোনালোকৰ পৰাক্ৰমত শত্ৰু স্তম্ভিত হৈ পৰিছিল। সিহতঁৰ বুকু কেতিয়া বিদীৰ্ণ হ’ল, সিহঁতে গমেই নাপালে।

বন্ধুসকল,

আমাৰ লক্ষ্য আছিল পাকিস্তানৰ ভিতৰত থকা সন্ত্ৰাসৰ ঘাটিত আঘাত কৰা, সন্ত্ৰাসবাদীক নিধন কৰা। কিন্তু পাকিস্তানে নিজৰ যাত্ৰীবাহী বিমান ব্যৱহাৰেৰে যি ষড়যন্ত্ৰ ৰচনা কৰিছিল, মই কল্পনা কৰিব পাৰিছোঁ যে সেই মুহূৰ্তটো কিমান কঠিন আছিল, যেতিয়া অসামৰিক বিমানখন দৃশ্যমান হৈছিল আৰু মই গৌৰৱান্বিত যে আপোনাসৱে অত্যন্ত সাৱধানতাৰে অসামৰিক বিমানখনৰ ক্ষতি নকৰাকৈ কেৱল লক্ষ্যস্থানহে ধ্বংস কৰিছিল, আপোনাসৱে ইয়াৰ উচিত প্ৰত্যুত্তৰ প্ৰদান কৰিছিল। মই গৌৰৱেৰে ক’ব পাৰোঁ যে আপোনালোক সকলোৱে নিজৰ লক্ষ্যত উপনীত হৈছে। পাকিস্তানৰ কেৱল সন্ত্ৰাসবাদীৰ আত্মগোপনৰ স্থানেই নহয়, সিহঁতৰ কু-অভিপ্ৰায় আৰু সিহঁতৰ সাহস, উভয়েই পৰাস্ত হৈছে।

বন্ধুসকল,

অপাৰেচন সিন্দূৰত হতাশ হৈ শত্ৰুৱে আমাৰ একাধিক বিমান ঘাটিকো আক্ৰমণ কৰিবলৈ কেইবাবাৰো অপচেষ্টা কৰিছিল। ই আমাক বাৰে-বাৰে টাৰ্গেট কৰিছিল যদিও পাকিস্তানৰ কু-অভিপ্ৰায় প্ৰতিবাৰেই বিফল হৈছিল। পাকিস্তানৰ ড্ৰোন, ইউএভি, পাকিস্তানৰ বিমান আৰু ইয়াৰ মিছাইল, এই সকলোবোৰ আমাৰ শক্তিশালী বায়ু প্ৰতিৰক্ষাৰ সন্মুখত ধ্বংস হৈ গ’ল। দেশৰ সকলো বিমান ঘাটিৰ সৈতে জড়িত নেতৃত্বৰ মই আন্তৰিকতাৰে শলাগ লৈছোঁ, ভাৰতীয় বায়ুসেনাৰ প্ৰতিগৰাকী এয়াৰ-ৱাৰিয়ৰ, আপোনালোকে সঁচাকৈয়ে এক আশ্চৰ্য্যকৰ কাম কৰিলে।

বন্ধুসকল,

সন্ত্ৰাসবাদৰ বিৰুদ্ধে ভাৰতৰ লক্ষ্মণ ৰেখা এতিয়া অতিশয় স্পষ্ট। এতিয়া যদি পুনৰ কোনো সন্ত্ৰাসবাদীয়ে আক্ৰমণ সংঘটিত কৰে, তেন্তে ভাৰতে ইয়াৰ উপযুক্ত প্ৰত্যুত্তৰ প্ৰদান কৰিব। আমি চাৰ্জিকেল ষ্ট্ৰাইকৰ সময়ত, এয়াৰ ষ্ট্ৰাইকৰ সময়ত এয়া প্ৰত্যক্ষ কৰিছোঁ। এতিয়া অপাৰেচন সিন্দূৰ ভাৰতৰ নতুন স্বাভাৱিক অৱস্থা। আৰু কালি কোৱাৰ দৰে ভাৰতে এতিয়া তিনিটা নীতিৰ সিদ্ধান্ত গ্ৰহণ কৰিছে, প্ৰথম - যদি ভাৰতত সন্ত্ৰাসবাদীয়ে আক্ৰমণ সংঘটিত কৰে, তেন্তে আমি নিজৰ ধৰণেৰে, নিজৰ চৰ্ত অনুসৰি, নিজৰ সময়মতে সঁহাৰি জনাম। দ্বিতীয় - ভাৰতে কোনো ধৰণৰ পাৰমাণৱিক ব্লেকমেইল সহ্য নকৰে। তৃতীয়তে, সন্ত্ৰাসবাদৰ পৃষ্ঠপোষকতা কৰা চৰকাৰ আৰু সন্ত্ৰাসবাদৰ পৰিকল্পনাকাৰীক দুই পৃথক ব্যৱস্থা হিচাপে গণ্য নকৰোঁ। ভাৰতৰ এই নতুন ৰূপটো, এই নতুন ব্যৱস্থাটো বুজি পাই বিশ্বখনো আগবাঢ়িছে।

বন্ধুসকল,

অপাৰেচন সিন্দূৰৰ প্ৰতিটো মুহূৰ্তই ভাৰতীয় বাহিনীৰ শক্তিৰ সাক্ষ্য বহন কৰিছে। এই সময়ছোৱাত আমাৰ বাহিনীৰ সমন্বয়, মই সঁচাকৈয়ে ক’ম, এয়া অতিশয় উত্তম আছিল। সেনাবাহিনীয়েই হওঁক, নৌসেনাই হওঁক বা বায়ুসেনাই হওঁক, সকলোৰে সমন্বয় আছিল গভীৰ। নৌসেনাই সমুদ্ৰত নিজৰ আধিপত্য প্ৰতিষ্ঠা কৰিছিল। সেনাই সীমান্ত শক্তিশালী কৰিলে। আৰু ভাৰতীয় বায়ুসেনাই প্ৰতি আক্ৰমণৰ লগতে দেশখনক ৰক্ষা কৰিছিল। বিএছএফ আৰু আন-আন বাহিনীসমূহেও আচৰিত ধৰণৰ সামৰ্থ্য প্ৰদৰ্শন কৰিছে। সংহত বায়ু আৰু স্থল যুদ্ধ ব্যৱস্থাই এক বৃহৎ কাম কৰিছে। আৰু এয়াই হৈছে ঐক্য, এয়া এতিয়া ভাৰতীয় শক্তিৰ এক শক্তিশালী পৰিচয় হৈ পৰিছে।

বন্ধুসকল,

অপাৰেচন সিন্দূৰৰ সময়ছোৱাত জনশক্তিৰ লগতে মেচিনৰ সমন্বয়ও আচৰিত ৰূপ ধাৰণ কৰিছিল। ভাৰতৰ পৰম্পৰাগত বায়ু প্ৰতিৰক্ষা ব্যৱস্থাই হওঁক যিয়ে বহু যুদ্ধ দেখিছে বা আকাশৰ দৰে আমাৰ মেড ইন ইণ্ডিয়া প্লেটফৰ্মেই হওঁক, এছ-৪০০ৰ দৰে আধুনিক আৰু শক্তিশালী প্ৰতিৰক্ষা ব্যৱস্থাই অভূতপূৰ্ব শক্তি প্ৰদান কৰিছে। শক্তিশালী নিৰাপত্তা ঢাল হৈ পৰিছে ভাৰতৰ পৰিচয়। পাকিস্তানে একাধিক প্ৰচেষ্টা চলোৱাৰ পিছতো আমাৰ বিমান ঘাটি বা আমাৰ আন প্ৰতিৰক্ষা আন্তঃগাঁথনিৰ কোনো ক্ষতি হোৱা নাই। আৰু ইয়াৰ কৃতিত্ব আপোনালোক সকলোৰে আৰু মই আপোনালোক সকলোৰে বাবে গৌৰৱান্বিত, সীমান্তত নিয়োজিত প্ৰতিজন সৈনিক, এই অভিযানৰ সৈতে জড়িত প্ৰতিজন ব্যক্তি এই কৃতিত্বৰ গৰাকী।

বন্ধুসকল,

আজি আমাৰ হাতত নতুন আৰু অত্যাধুনিক প্ৰযুক্তিৰ এনে সামৰ্থ্য আছে যাৰ সৈতে পাকিস্তানে প্ৰতিদ্বন্দ্বিতাই কৰিব নোৱাৰে। যোৱা দশকত বায়ুসেনাকে প্ৰমুখ্য কৰি আমাৰ সকলো বাহিনীয়েই বিশ্বৰ ভিতৰতে সৰ্বোত্তম প্ৰযুক্তি লাভ কৰিছে। কিন্তু আমাৰ সকলোৰে জ্ঞাত যে নতুন প্ৰযুক্তিৰ উপযোগিতাৰ সমান্তৰালকৈ প্ৰত্যাহ্বানো সমানেই জটিল। জটিল আৰু অত্যাধুনিক ব্যৱস্থাসমূহ ৰক্ষণাবেক্ষণ কৰা, দক্ষতাৰে চলোৱাটো এক পৰম দক্ষতাৰ বিষয়। আপোনাসৱে প্ৰযুক্তিক কৌশলৰ সৈতে সংযোগ কৰি দেখুৱাইছে। আপোনালোকে প্ৰমাণ কৰিলে যে আপোনাসৱ এই কৌশলত বিশ্বৰ ভিতৰতে শ্ৰেষ্ঠ। ভাৰতীয় বায়ুসেনা এতিয়া কেৱল অস্ত্ৰৰেই নহয়, ডাটা আৰু ড্ৰোনেৰেও শত্ৰুক পৰাস্ত কৰাত বিশেষজ্ঞ হৈ পৰিছে।

বন্ধুসকল,

পাকিস্তানৰ অনুৰোধৰ পিছতহে ভাৰতে সামৰিক কাৰ্য্যকলাপ স্থগিত ৰাখিছে। যদি পাকিস্তানে পুনৰ সন্ত্ৰাস কাৰ্য্যকলাপৰ অপচেষ্টা বা সামৰিক দুঃসাহস প্ৰদৰ্শন কৰে, তেন্তে আমি ইয়াক উপযুক্ত প্ৰত্যুত্তৰ দিম। আমি নিজৰ চৰ্তত, নিজৰ ধৰণেৰে এই উত্তৰ দিম। আৰু এই সিদ্ধান্তৰ ভেটি, ইয়াৰ আঁৰত লুকাই থকা বিশ্বাস হৈছে আপোনালোক সকলোৰে ধৈৰ্য্য, সাহস, পৰাক্ৰম আৰু সজাগতা। আমি এই সাহস, এই আবেগ, এই মনোভাৱ অক্ষুণ্ণ ৰাখিব লাগিব। আমি অহৰহ সজাগ হৈ থাকিব লাগিব, আমি সাজু হৈ থাকিব লাগিব। আমি শত্ৰুক সোঁৱৰাই থাকিব লাগিব যে এয়া নতুন ভাৰত। এই ভাৰতে শান্তি কামনা কৰে, কিন্তু, যদি মানৱতাক আক্ৰমণ কৰা হয়, তেন্তে এইখন ভাৰতে যুদ্ধৰ মঞ্চত শত্ৰুক কেনেকৈ নিধন কৰিব লাগে সেই বিষয়েও ভালদৰেই জানে। এই সংকল্প গ্ৰহণেৰে পুনৰ এবাৰ কওঁচোন আহক

ভাৰত মাতা কী জয়!

ভাৰত মাতা কী জয়!

ভাৰত মাতা কী জয়!

বন্দে মাতৰম। বন্দে মাতৰম।

বন্দে মাতৰম। বন্দে মাতৰম।

বন্দে মাতৰম। বন্দে মাতৰম।

বন্দে মাতৰম। বন্দে মাতৰম।

বন্দে মাতৰম।

আপোনালোক সকলোকে অশেষ ধন্যবাদ জনালোঁ।