Solutions to all the problems is in development: PM Modi in West Bengal

Published By : Admin | April 7, 2016 | 20:07 IST
QuoteI have come here so ensure proper education for children, opportunities for youth and for development: PM Modi
QuoteI have only three agendas: Development, fast-paced development & all-round development
QuoteFor 34 years the Left front ruled and ruined Bengal; TMC stands for Terror, Maut, Corruption: PM Modi
QuoteLeft and Congress contest against one another in Kerala but in spite of ideological differnces are allies in West Bengal: PM
QuoteAfter coming to power, Mamata Di said Maa, Maati, Manush but now it's all about only Maut and Money: PM
QuoteSolutions to all the problems is in development: PM Modi in West Bengal
QuoteWe will ensure overall development of Bengal and eliminate all the problems people face in the state: PM
 

मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए आसनसोल के मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों 

आज मैं सुबह से पश्चिम बंगाल में दौरा कर रहा हूँ। टीवी पर आता है कि इस बार जून महीने में जो गर्मी पड़ती है, वो गर्मी अप्रैल महीने में शुरू हो गई है और इतनी भयंकर गर्मी के बीच पश्चिम बंगाल में चुनावी गर्मी है और आप लोगों का इतना जबर्दस्त उत्साह है। दिल्ली में बैठकर किसी को अंदाजा नहीं सकता कि पश्चिम बंगाल के चुनाव का मिजाज़ क्या है, यहाँ के लोगों का इरादा क्या है। मैंने ऐसा उत्साह पश्चिम बंगाल में कभी देखा नहीं था। मैं आप लोगों से एक शिकायत करना चाहता हूँ जब 2014 में लोकसभा का चुनाव था और मैं ख़ुद प्रधानमंत्री का उम्मीदवार था और इसी मैदान में आया था और तब इसकी आधी भीड़ भी नहीं थी। आज पश्चिम बंगाल का भविष्य तय करने के लिए आप जो उत्साह दिखा रहे हैं, ये मेरी शिकायत नहीं है, आपका अभिनंदन है। 

लेफ़्ट और टीएमसी और उसके पीछे भाग रही कांग्रेस, आने वाले दिनों में ये सभा देखने के बाद सोचेंगे कि कौन से गुंडे हैं जिनको आसनसोल भेजा जाए ताकि ये लोग मतदान न कर सकें, घपलेबाजी हो, हिंसा हो। ये सभा दीदी की भी नींद खराब कर देंगे और लेफ़्ट और सोनिया जी की भी नींद खराब कर देंगे। आप लोगों ने पूरे पश्चिम बंगाल को ये सन्देश दिया है कि अब पश्चिम बंगाल इन दोनों से मुक्ति चाहता है। क्या मिला पश्चिम बंगाल को? 34 साल तक लेफ्ट वालों ने बंगाल की प्रतिष्ठा, सम्मान को मिट्टी में मिला दिया और जब बाद में दीदी आई तो उन्होंने कहा था कि मां, माटी और मानुष लेकिन हमने 5 साल में हर दिन देखा – मौत का कारोबार, पैसों का कारोबार। 

यहाँ जिस प्रकार से बंगाल के लोगों के साथ धोखा किया गया, शारदा चिटफंड को कोई भूल सकता है क्या? गरीबों के पैसे डूबे हैं और ये पाप करने वाले जेलों में होने चाहिए थे, दीदी को ऐसे लोगों के खिलाफ़ कठोर कदम उठाने चाहिए थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। ये सरकार गरीबों का धन लूटने वालों पर मेहरबानी करने वाली सरकार है। गरीब बेचारा कुछ सपने देखकर पैसे रखता था, बेटी की शादी हो या बच्चों की पढ़ाई लेकिन इन लुटेरों ने गरीब के पैसे हज़म कर लिये और उन्हें बेघर बना दिया। 

जब अच्छी एवं ईमानदार सरकार होती है तो गरीबों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाती हैं। इन्होंने चिटफंड चलाया और हम प्रधानमंत्री जन-धन योजना लेकर आए; उन्होंने चिटफंड के नाम पर गरीबों से पैसे बनाए और हमने बिना पैसे गरीबों के खाते खोल दिए और मुफ़्त में अकाउंट खोलने की व्यवस्था कर दी। हमने गरीबों को रूपये कार्ड दिया ताकि उनके परिवार में कभी कोई संकट आ गया तो उसमें 2 लाख का बीमा होगा और परिवार को ये पैसा मिल जाएगा। अनेकों को ये मिला भी और जन-धन योजना के तहत हमने हिंदुस्तान के करोड़ों गरीबों के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए। असम हो, उड़ीसा हो, बंगाल हो, इन्होंने कहीं के गरीबों को नहीं छोड़ा। गरीबों को लूटने वालों को क्या चुनाव जीतना चाहिये? 

मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूँ कि जिन-जिन लोगों ने गरीबों के पेट पर लात मारी है, ऐसे लोगों को इस चुनाव में एक पल के लिए भी स्वीकार नहीं करना चाहिए। 34 साल तक बंगाल में लेफ़्ट वालों की सरकार रही और उन्होंने बंगाल को बर्बाद कर दिया। दूर जाने की जरुरत नहीं है, 5 साल पहले चुनाव में कांग्रेस के नेता ने लेफ़्ट के खिलाफ़ क्या-क्या बोला था, ये आप वीडियो निकाल के सुन लो तो पता चल जाएगा कि लेफ़्ट वाले क्या करते थे और ये अजूबा देखो कि कांग्रेस वाले लेफ़्ट का कुर्ता पकड़ कर चल पड़े। जिस कांग्रेस पार्टी ने पहली बार केरल में लेफ़्ट की सरकार को धारा 356 लगाकर भंग कर दिया था और जिस कांग्रेस को लेफ़्ट के प्रति गुस्सा रहता था, आज पूरी कांग्रेस पार्टी लेफ़्ट के चरणों में जाकर बैठ गई है। ये जनता-जनार्दन जब देती है तो छप्पर फाड़कर देती है लेकिन जब ये लेती है तो कूड़े-कचरे की तरह साफ़ कर देती है। 

एक जमाना था जब कांग्रेस पार्टी 400 लोगों के साथ संसद में बैठती थी और जनता का गुस्सा ऐसा फूटा कि वे 40 पर आ गए। आज कांग्रेस की हालत देखो कि जीने-मरने के लिए लेफ़्ट के सामने झुकना पड़ा है और इनकी बेईमानी देखो - विचारधारा से अगर झगड़ा होता है तो ये केरल में भी होना चाहिए और वहां भी आमने-सामने लड़ना चाहिए लेकिन कांग्रेस का कमाल देखो कि केरल में वे कम्युनिस्ट को गाली दे रहे हैं और उनसे लड़ रहे हैं और बंगाल में कम्युनिस्ट को कंधे पर बिठाकर नाच रहे हैं। समझ नहीं आ रहा कि केरल में कुश्ती और बंगाल में दोस्ती? ये आप लोगों की आँखों में धूल झोंक रहे हैं। केरल में दोनों एक-दूसरे को गालियां देते हैं और बंगाल में कहते हैं कि बहुत अच्छे हैं और सबका भला करेंगे। 

एक जमाना था जब दीदी भ्रष्टाचार का नाम सुनती थी तो कुर्सी फेंक कर चली जाती थी लेकिन अब दीदी को क्या हो गया, ऐसा परिवर्तन कैसे आ गया। वो तो भ्रष्टाचार के खिलाफ़ रोड पर निकलती थीं, लाठियां झेलती थीं; आज इतना बड़ा स्कैंडल आ गया, टेंडर का सौदा होता है, नोटों की थप्पियाँ दी जा रही हैं और सब कैमरा पर है लेकिन इसके बावजूद दीदी ने कोई कदम नहीं उठाया। इसका मतलब है कि अब दीदी भ्रष्टाचार से एडजस्ट हो गई हैं; अब दीदी को ये सब ठीक लग रहा है। ये लुटते रूपये जनता के हैं और ये लूट बंद होना चाहिए। ये चुनाव एक ऐसा मौका है जब ऐसा करने वालों को राजनीति से हमेशा के लिए विदा कर देना चाहिए। 

मैं कभी कभी सोचता हूँ कि ये टीएमसी क्या है – टी फॉर टेरर, एम फॉर मौत और सी फॉर करप्शन। पांच सालों में टीएमसी का यह सीधा-सीधा मतलब निकल कर आया है। जब हम छोटे थे और लेफ़्ट वाले चुनाव जीतते थे तो हम लोगों से पूछते थे कि ये लेफ़्ट वाले चुनाव कैसे जीतते हैं तो समझदार लोग मुझे बताते थे कि यहाँ का चुनाव साइंटिफिक रिजीम करके जीता जाता था। साइंटिफिक रिजीम तो मैंने सुना था लेकिन दीदी के राज़ में मैं देख रहा हूँ - साइंटिफिक करप्शन। टेंडर का कारोबार टेंडर निकलने से पहले तय हो जाता है। 

अभी कोलकाता में करप्शन का भंडा फूट गया। विवेकानंद ब्रिज अनेकों की ज़िन्दगी को तबाह कर गया जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है लेकिन दीदी मौत पर भी राजनीति कर रही हैं। ब्रिज गिरा है, लाशें पड़ी हैं, घायल लोग कराह रहे हैं और दीदी मदद करने के नाम पर कुछ नहीं बोलती हैं और कहती हैं इस ब्रिज का कॉन्ट्रैक्ट तो लेफ़्ट वालों ने दिया था। मैं पूछता हूँ कि अगर ये ब्रिज बन जाता तो आप उद्घाटन करने जाती कि नहीं और आप ब्रिज बनाने के क्रेडिट लेने की कोशिश करती कि नहीं। अगर लेफ़्ट वालों ने पाप किया तो उस पाप को आपने आगे क्यों बढ़ाया। पूरे पश्चिम बंगाल में जो लेफ़्ट वाले करके गए, उसे ही आगे बढ़ाने का काम दीदी कर रही हैं और इसलिए पश्चिम बंगाल को लेफ़्ट और दीदी, दोनों से मुक्ति चाहिए। 

जिस प्रकार से टेरर का माहौल बनाया जा रहा है, अपने विरोधियों को ख़त्म करने की कोशिश हो रही है, ये लोकतंत्र और उसके प्रति आस्था का प्रतीक नहीं है। इस चुनाव में जो डिबेट चल रही है, उससे मैं हैरान हूँ। वो पूछते हैं कि ममता जी के राज़ में कितनी हत्याएं हुईं तो ममता जी कहती हैं कि आपके राज़ में इतनी हत्याएं हुईं, लेफ़्ट वाले कहते हैं कि आपके ज़माने में इतनी बलात्कार की घटनाएँ हुईं तो ममता जी कहती हैं कि आपके ज़माने में इतनी हुईं, दोनों के बीच दंगों की गिनती हो रही है। मैं पूछता हूँ कि चुनाव में यही डिबेट चलेगा क्या? ये आरोप-प्रत्यारोप गलत है। अच्छा होता कि ये कहते कि लेफ़्ट वालों ने इतना रास्ता बनाया था और हमने उससे ज्यादा बना दिया; लेफ़्ट वालों ने इतने स्कूल खोले थे और हमने उससे ज्यादा स्कूल खोल दिए, ये स्पर्धा होनी चाहिए थी लेकिन यहाँ स्पर्धा इस बात की हो रही है कि कौन ज्यादा बुरा है। 

भाईयों-बहनों, हमारी सरकार को 2 साल होने को आए हैं। आपने कभी अपने सांसद बाबुल सुप्रियो जो मेरी सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री हैं, उनके ऊपर एक भी आरोप सुना है क्या? 2 साल से हम बैठे हैं, हमने एक भी पाप नहीं किया, ऐसे सरकार चलाई जाती है। हमारी सभी समस्याओं का समाधान चुनावी खोखलेबाजी से नहीं होने वाला है। मेरा 3 एजेंडा है – पहला विकास, दूसरा तेज़ गति से विकास और तीसरा चारों तरफ विकास, जिस पर मैं पिछले साल से काम कर रहा हूँ और यहाँ भी करना चाहता हूँ। आप मुझे सेवा करने का मौका दीजिए। हमारी सभी समस्याओं का समाधान विकास में है। 

आप हैरान होंगे कि ये पश्चिम बंगाल इतना प्यारा और प्रगतिशील था कि अंग्रेजों को भी कोलकाता में आकर अपना काम करने का मन कर गया था, ऐसा शानदार और जानदार हुआ करता था हमारा बंगाल। बंगाल पूरे देश को दिशा दिखाता था लेकिन आज इस बंगाल की स्थिति देखिये। सुभाष भाई के भतीजे, चन्द्र कुमार बोस भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं और दीदी ऐसी घबरा गई हैं और दीदी ने ऐसा टेरर दिया है कि कोई चन्द्र बोस को दफ्तर खोलने की जगह नहीं दे रहा है। लोग कहते हैं कि हम वोट दे देंगे लेकिन जब तक दीदी हैं तब तक हम आपको मकान नहीं दे पाएंगे वर्ना हम जिंदा नहीं रह पाएंगे। ये लोकतंत्र है क्या? 

आसनसोल सुंदर नगरी के रूप में जाना जाता था। अभी भारत सरकार पूरे देश में लगातार स्पर्धा करती है और ज्यूरी निष्पक्षता से उसकी जाँच करती है। 2016 के शुरू में इस देश के 72 शहरों में सफ़ाई को लेकर स्पर्धा हुई। दो महीने का समय दिया गया कि आपको क्या-क्या करना है। आपको जानकर दुःख होगा कि आसनसोल उस सूची में नीचे से दूसरे पायदान पर था। दीदी ने आसनसोल को ऐसा बना दिया कि पूरे हिंदुस्तान में इसकी इज्ज़त को मिट्टी में मिला दिया। आसनसोल एक औद्योगिक नगरी रही है, साफ़-सुथरा होना चाहिए लेकिन न बंगाल की सरकार को परवाह है और न यहाँ बैठे हुए लोगों को परवाह है। 

मैं कहता हूँ कि आप इन लोगों से मुक्ति लेकर बंगाल में भाजपा को स्वीकार करें। दिल्ली पूरी ताक़त लगाएगा और जितनी बुराईयाँ यहाँ पिछले कई वर्षों से हैं, उसे निकालने के लिए मैं कंधे से कंधा मिलकर काम करूँगा। साइंटिफिक रिजीम और साइंटिफिक करप्शन; पश्चिम बंगाल में सिंडिकेट के नाम पर सारा कारोबार हड़प लिया जाता है। कोयले की कालाबाजारी में सिंडिकेट का क्या नाता है और ये सिंडिकेट लेफ़्ट वालों ने शुरू किया और तृणमूल वालों ने उसे आगे बढ़ाया है। मैंने पहले भी कहा है कि जिन्होंने देश का कोयला भी नहीं छोड़ा, उन्हें हम नहीं छोड़ेंगे। आपने कुछ दिन पहले देखा होगा कि कोयले की कालाबाजारी करने वाले कुछ लोगों को सजा भी हो गई और जेल भी हो गया और अब आगे औरों की भी बारी है। 

हमने करप्शन के खिलाफ़ लड़ाई चलाई है और मैं जानता हूँ कि मैं जितना इन चीजों को ठीक करता हूँ, उतना इन लोगों को परेशानी ज्यादा होती है। इसलिए वे जोर से चिल्लाते हैं क्योंकि उनको पता है कि अब उनके जेल में जाने के दिन आ रहे हैं। विकास की बात को छोड़कर और बातें जो उठाई जा रही हैं, उसका मूल कारण यही है कि मुसीबत अब उनके कदमों तक पहुँचने की तयारी कर रही है। कहीं भी जोर से आवाज़ सुनाई दे तो समझ लेना कि मोदी ने कोई ऐसा कदम उठाया है जिससे बेईमान लोगों के लिए परेशानी आनी शुरू हो गई है। 

मैं आपके पास वोट मांगने आया हूँ। मुझे वोट चाहिए – बच्चों की पढ़ाई के लिए, नौजवानों की कमाई के लिए, बुजुर्गों की दवाई के लिए, अच्छी शिक्षा के लिए, अच्छे जीवन के लिए, विकास के लिए। आप पूरी तरह समर्थन देकर भाजपा के उम्मीदवारों को विजयी बनाईए। 

बहुत-बहुत धन्यवाद!
  • Gobinda Sutradhar April 18, 2025

    West Bengal 356 Dhara
  • Gobinda Sutradhar April 18, 2025

    modi ji
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The trinity of Talent, Temperament and Technology will transform India's future: PM Modi in YUGM Innovation Conclave
April 29, 2025
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QuoteWe are modernizing the country's education system according to the needs of the 21st century: PM
QuoteA new National Education Policy has been introduced in the country, It has been prepared keeping in mind the global standards of education: PM
QuoteOne Nation, One Subscription has given the youth the confidence that the government understands their needs, today students pursuing higher education have easy access to world class research journals: PM
QuoteIndia's university campuses are emerging as dynamic centres where Yuvashakti drives breakthrough innovations: PM
QuoteThe trinity of Talent, Temperament and Technology will transform India's future: PM
QuoteIt is crucial that the journey from idea to prototype to product is completed in the shortest time possible: PM
QuoteWe are working on the vision of Make AI in India, And our aim is- Make AI work for India: PM

कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी, डॉ जितेंद्र सिंह जी, श्री जयंत चौधरी जी, डॉ सुकान्ता मजूमदार जी, टेक्नोलॉजी के माध्यम से जुड़े मेरे मित्र श्री रोमेश वाधवानी जी, डॉ अजय केला जी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और एजुकेशन वर्ल्ड से जुड़े आप सभी साथी, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

आज यहाँ सरकार, एकेडमिया, साइंस और रिसर्च से जुड़े भिन्न-भिन्न क्षेत्र के लोग, इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। ये एकजुटता, ये confluence, इसी को युग्म कहते हैं। एक ऐसा युग्म, जिसमें विकसित भारत के, future tech से जुड़े stakeholders एक साथ जुड़े हैं, एक साथ जुटे हैं। मुझे विश्वास है, भारत की इनोवेशन कैपिसिटी और Deep-tech में भारत की भूमिका को बढ़ाने के लिए हम जो प्रयास कर रहे हैं, उसे इस आयोजन से और बल मिलेगा। आज IIT कानपुर और IIT बॉम्बे में AI, इंटेलिजेंस सिस्टम, और बायो साइंस बायोटेक्नोलॉजी हेल्थ एंड मेडिसिन के सुपर हब्स की शुरुआत हो रही है। आज वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क का भी आरंभ हुआ है। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर रिसर्च को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया गया है। मैं इस प्रयास के लिए वाधवानी फ़ाउंडेशन को, हमारी IITs को, और दूसरे सभी स्टेकहोल्डर्स को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। विशेष रूप से, मैं मेरे मित्र रोमेश वाधवानी जी की सराहना करता हूं। आपके dedication और सक्रियता से प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर ने मिलकर देश की शिक्षा व्यवस्था में कई सकारात्मक बदलाव किए हैं।

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साथियों,

हमारे शास्त्रों में कहा गया है- परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति अर्थात्, जो दूसरों की सेवा और परोपकार के लिए जीवन समर्पित करता है, वही वास्तविक जीवन जीता है। इसलिए, हम साइंस और टेक्नोलॉजी को भी सेवा का ही माध्यम मानते हैं। जब मैं हमारे देश में वाधवानी फ़ाउंडेशन जैसी संस्थाओं को देखता हूँ, जब मैं रोमेश जी और उनकी टीम के प्रयासों को देखता हूँ, तो मुझे खुशी होती है, गर्व होता है कि हम भारत में साइंस और टेक्नोलॉजी को सही दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं। हम सब जानते हैं, रोमेश जी ने तो अपने जीवन को काफी संघर्ष में तपाया है, सेवा के लिए समर्पित किया है। जन्म के तुरंत बाद जब वो कुछ ही दिन के थे, तब विभाजन की विभीषिका झेलना, अपनी जन्मभूमि से पलायन के लिए मजबूर होना, बचपन में ही पोलियो जैसी बीमारी का शिकार हो जाना, और उन कठिन परिस्थितियों से निकलकर इतने बड़े बिज़नेस एंपायर को बिल्ड करना, ये अपने आपमें एक असाधारण और प्रेरणा देने वाली जीवन यात्रा है। और, अपनी इस सफलता को एजुकेशन और रिसर्च सेक्टर में भारत के लोगों के लिए समर्पित कर देना, भारत की युवा पीढ़ी के लिए समर्पित कर देना, भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित कर देना, ये अपने आपमें एक प्रेरक उदाहरण है। वाधवानी फाउंडेशन, स्कूली शिक्षा, आंगनवाड़ी से जुड़ी टेक्नोलॉजी और एग्री टेक में भी काफी काम कर रहा है। मैं इसके लिए, और इसके पहले भी वाधवानी इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की स्थापना जैसे अवसर पर आप सबके बीच आया हूँ। मुझे विश्वास है, आने वाले समय में वाधवानी फ़ाउंडेशन ऐसे ही अनेक माइलस्टोन्स गढ़ता रहेगा। मेरी शुभकामनाएं आपकी संस्था के साथ हैं, आपके इनिशिएटिव के साथ हैं।

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साथियों,

किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है। इसलिए, ये जरूरी है कि हम अपने युवाओं के भविष्य के लिए, और उनको भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करें। इसमें बड़ी भूमिका देश के एजुकेशन सिस्टम की भी होती है। इसीलिए, हम देश के एजुकेशन सिस्टम को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक आधुनिक बना रहे हैं। देश में नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लाई गई है। इसे शिक्षा के ग्लोबल स्टैंडर्ड्स को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। नई एजुकेशन पॉलिसी आने के बाद हम भारतीय एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव भी देख रहे हैं। National Curriculum Framework, Learning Teaching Material, और, क्लास वन से लेकर क्लास सेवन तक नई टेक्स्ट बुक्स तैयार कर ली गई हैं। पीएम ई-विद्या, और दीक्षा प्लैटफ़ार्म के तहत वन नेशन, वन डिजिटल एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। ये इंफ्रास्ट्रक्चर AI बेस्ड है, और scalable भी है। इसका इस्तेमाल देश की 30 से ज्यादा भाषाओं और 7 विदेशी भाषाओं में टेक्स्ट बुक्स तैयार करने के लिए हो रहा है। National Credit Framework के जरिए स्टूडेंट्स के लिए अलग-अलग विषयों को एक साथ पढ़ना आसान हो गया है। यानि भारत के स्टूडेंट्स को अब आधुनिक शिक्षा मिलनी शुरू हुई है, उनके करियर के लिए नए रास्ते बन रहे हैं। भारत ने जिन लक्ष्यों को तय किया है, उसे निरंतर गति देने के लिए देश के रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूती देना आवश्यक है। पिछले एक दशक में इस दिशा में तेजी से काम हुआ है, जरूरी संसाधनों को बढ़ाया गया है। 2013-14 में R&D पर gross expenditure केवल 60 हजार करोड़ रुपए था। हमने इसे डबल से भी ज्यादा बढ़ाकर सवा लाख करोड़ रुपए से भी ऊपर कर दिया है। देश में कई state-of-the-art रिसर्च पार्क भी स्थापित किए गए हैं। लगभग 6 हजार उच्च शिक्षा संस्थानों में Research and Development Cells की स्थापना की गई है। हमारे प्रयासों से देश में इनोवेशन कल्चर तेजी से विकसित हो रहा है। 2014 में भारत के 40 हजार के आसपास पेटेंट फाइल हुए थे। अब ये संख्या बढ़कर 80 हजार से ज्यादा हो गई है। इससे ये भी पता चलता है कि देश के युवा को हमारे intellectual property ecosystem से कितना सपोर्ट मिल रहा है। देश में रिसर्च कल्चर को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की गई है। वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन, उसने युवाओं को ये भरोसा दिया है, कि सरकार उनकी जरूरतों को समझती है। आज इस योजना की वजह से उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों की पहुंच वर्ल्ड क्लास रिसर्च जर्नल्स तक आसान हो गई है। देश की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने में कोई रुकावट ना आए, इसके लिए Prime Minister’s Research Fellowship की व्यवस्था बनाई गई है।

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साथियों,

इन प्रयासों का परिणाम है कि आज का युवा सिर्फ R&D में excel नहीं कर रहा, वो खुद भी R&D बन चुका है। और जब मैं कहता हूँ कि वो खुद R&D है, तो मेरा मतलब है — Ready and Disruptive! भारत आज अलग-अलग सेक्टर्स में रिसर्च के नए माइलस्टोन स्थापित कर रहा है। पिछले साल भारत ने दुनिया का सबसे लंबा hyperloop test track commission किया। 422 मीटर का ये Hyperloop, Indian Railways के collaboration से, IIT Madras में develop किया गया। I.I.S.c. Bangalore के scientists ने भी एक ऐसी technology develop की है, जो नैनो-स्केल पर light को control करती है। IISc में ही researchers ने ‘brain on a chip’ technology विकसित की है, ‘brain on a chip’ यानि एक molecular फिल्म के अंदर 16 हजार से ज्यादा conduction states में है, data store और process करने की capability! कुछ सप्ताह पहले ही देश ने पहली indigenous MRI machine भी बना ली है। ऐसे अनेक path-breaking R&D हैं, जो हमारी universities में हो रहे हैं। ये है विकसित होते भारत की युवाशक्ति— Ready, Disruptive, और Transformative!

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साथियों,

भारत के यूनिवर्सिटी कैंपस आज नए dynamic centers बन रहे हैं। ऐसे सेंटर्स, जहां युवाशक्ति breakthrough innovations को drive कर रही है। हाल ही में, Higher Education Impact Rankings में भारत global level पर सबसे ज्यादा represented रहा। 125 देशों के दो हजार institutions में से 90 से ज्यादा universities भारत से थीं। 2014 में QS world ranking में भारत के केवल 9 इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज़ थीं। 2025 में ये संख्या 46 हो चुकी है। दुनिया के टॉप 500 हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में भारतीय संस्थानों की संख्या भी पिछले 10 वर्षों में तेजी से बढ़ी है। अब विदेशों में हमारे प्रमुख संस्थानों के कैंपस खुल रहे हैं। अबु धाबी में IIT Delhi, तंजानिया में IIT Madras, इसके कैंपस खोले गए हैं। दुबई में IIM Ahmedabad का कैंपस खोले जाने की तैयारी है। और ऐसा नहीं है कि सिर्फ हमारे टॉप संस्थान ही बाहर कदम रख रहे हैं। बाहर के भी टॉप संस्थान भारत आ रहे हैं। भारत में दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज के कैंपस खुलने की शुरुआत हो चुकी है। इससे academic exchange बढ़ेगा। रिसर्च की फ़ील्ड में collaboration बढ़ेगा। हमारे छात्रों को cross-cultural learning का एक्सपोजर भी मिलेगा।

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साथियों,

Talent, Temperament और Technology की Trinity ही भारत के भविष्य को Transform करेगी। इसके लिए हम भारत के बच्चों को बचपन में ही जरूरी exposure दे रहे हैं। अभी हमारे साथी धर्मेंद्र जी ने विस्तार से बताया, हमने अटल टिंकरिंग लैब्स जैसे initiatives लिए हैं। अभी तक देश में 10 हजार अटल टिंकरिंग लैब्स खोली जा चुकी हैं। इस बजट में सरकार ने 50 हजार और अटल टिंकरिंग लैब्स खोलने की घोषणा की है। विद्यार्थियों को फाइनेंशियल सपोर्ट देने के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना भी शुरू की गई है। हमारे Students अपनी learning को experience में तब्दील कर सकें, इसके लिए हमने 7 हजार से ज्यादा इंस्टीट्यूशंस में इंटर्नशिप सेल्स स्थापित किए हैं। युवाओं में नए स्किल्स विकसित करने के लिए आज हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इन युवाओं के Talent, temperament और technology की ये ताकत ही भारत को सफलता के शिखर तक लेकर जाएगी।

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साथियों,

हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समय सीमा तय की है। हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं। ये मैं वर्तमान स्थिति के लिए नहीं कह रहा हूं, और इसलिए, ये जरूरी है कि हमारे idea की प्रोटोटाइप से प्रोडक्ट तक की यात्रा भी कम से कम समय में पूरी हो। जब हम लैब से मार्केट तक की दूरी को कम कर देते हैं, तो रिसर्च के परिणाम लोगों तक तेजी से पहुँचने लगते हैं। इससे रिसर्चर्स को भी मोटिवेशन मिलता है, उनके काम, उनकी मेहनत का incentive उन तक पहुंचता है। इससे, रिसर्च, इनोवेशन और वैल्यू एडिशन के व्हील को और गति मिलती है। इसके लिए जरूरी है कि हमारा पूरा रिसर्च इकोसिस्टम, academic institutions से लेकर इन्वेस्टर्स और इंडस्ट्री तक, हर कोई रिसर्चर्स के साथ खड़ा हो, उन्हें गाइड करे। इंडस्ट्री लीडर्स इस दिशा में एक कदम और आगे ला सकते हैं, और वो हमारे युवाओं का मार्गदर्शन कर सकते हैं, फंड की व्यवस्था कर सकते हैं, और साथ मिलकर नए solutions डेवलप कर सकते हैं। इसलिए सरकार regulations को simplify करने, approvals को फास्टट्रैक करने के प्रयासों को भी गति दे रही है।

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साथियों,

हमें AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, Advanced Analytics, स्पेसटेक, हेल्थटेक, सिंथेटिक बॉयोलॉजी को लगातार प्रमोट करना होगा। आज हम देख रहे हैं, भारत AI डेवलपमेंट और adaptation में आगे रहने वाले देशों में शामिल है। इसके विस्तार के लिए सरकार ने India-AI Mission को लॉन्च किया है। इससे वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, हाई-क्वालिटी डेटासेट्स और रिसर्च फैसिलिटी तैयार किए जाएंगे। भारत में AI Centres of Excellence की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। देश के जाने-माने संस्थानों, उद्योगों और स्टार्टअप्स के द्वारा इन Centres of Excellence को गति मिल रही है। हम Make AI in India, इसके विजन पर काम कर रहे हैं। और हमारा उद्देश्य है- Make AI work for India. इस बार के बजट में हमने IIT में सीटों की संख्या और कैपेसिटी बढ़ाने का निर्णय लिया है। देश में मेडिटेक यानी मेडिकल प्लस टेक्नोलॉजी के कई कोर्सेज IIT और एम्स के सहयोग से शुरू किए गए हैं। हमें इस जर्नी को समय से पूरा करना है। हमें हर future technology में भारत को ‘बेस्ट इन वर्ल्ड’ की लिस्ट में शामिल करना है। युग्म के जरिए हम इन प्रयासों को नई ऊर्जा दे सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय और वाधवानी फाउंडेशन की इस साझा पहल से हम देश का इनोवेशन लैंडस्केप बदल सकते हैं। आज के इस आयोजन से इसमें बहुत ज्यादा मदद मिलेगी। मैं एक बार फिर युग्म पहल के लिए वाधवानी फाउंडेशन का आभार व्यक्त करता हूं। मेरे मित्र रोमेश जी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

नमस्कार!