रिपब्लिक बांग्ला- मोदी जी, रिपब्लिक बांग्ला में पहली बार बहुत बहुत स्वागत है।
पीएम मोदी-सबको नमस्कार
रिपब्लिक बांग्ला- बहुत बहुत शुक्रिया मोदी जी। मोदी जी, ये जो पूरा माहौल है यहां जो हजारों में लोग आए हैं, क्या कुछ नहीं हुआ, ये प्रोग्राम को बंद करने के लिए, लोगों को रोका गया, 144, वन फोर्टीफोर इस्यू कर दिया गया बहुत सारे जगहों पर, रोक नहीं पाए, ममता बनर्जी को मोदी से इतना डर क्यों है?
पीएम मोदी- उनको मुझसे डर नहीं है, वो स्वंय से डरती हैं। उनको लगता है कि उन्होंने जो झूठी मायाजाल खड़ी की हुई है, वो गुब्बारा फूट चुका है। बंगाल की जनता, उनके कुकर्मों को भलीभांति समझ गई है और बंगाल के नागरिकों का, बंगाल की भावी पीढ़ी का औऱ बंगाल का वो भारी नुकसान कर रही हैं। ये अब बंगाल के लोगों के मन में कनविन्स हो चुका है। औऱ इसलिए वो बचने के लिए रास्ते खोज रहीं हैं।
रिपब्लिक बांग्ला- क्या लग रहा है मोदी जी बहुत ही बेहतरीन इस बार रिजल्ट बंगाल से होगा? बार बार आप बोल रहे हैं।
पीएम मोदी-मैंने पूरे देश के चुनाव में भ्रमण किया है, मैंने 2014 का चुनाव भी देखा था, 2019 का चुनाव भी देखा और मैं कह सकता हूं चुनाव 14 का हो या 19 का, ये चुनाव उससे बहुत अलग है। ये चुनाव अपार विश्वास का चुनाव है। और एक प्रकार से यह चुनाव पूरी तरह देशवासी इस चुनाव को लीड कर रहे हैं। देशवासियों के पुरूषार्थ से चुनाव आगे बढ़ रहा है। हमलोग तो निमित्त हैं। और सामान्य मानवी का संकल्प बन गया है विकसित भारत का, ये इस कैंपेन की बहुत बडी एचीवमेंट है।
रिपब्लिक बांग्ला- मोदी जी, 21 दिन हो गए, तीन हफ्ते, हुमायूं कबीर जो तृणमूल के एमएलए हैं उसने बोला था, हिन्दुओं को काटकर भागीरथ में बहा देंगे। उसके बाद ममता बनर्जी ने तो ना नहीं बोला, उसके ऊपर रामकृष्ण मिशन भारत सेवाश्रम को इंसल्ट किया और इसके बाद बोला रामायण, महाभारत सबकुछ खत्म हो जाएंगे, कुरान-वुरान, लेकिन विकास का जो मेरा कहानी है वो खत्म नहीं होगा। ऐसा क्यों कर रही हैं ममता जी?
पीएम मोदी- देखिए, ममता जी की राजनीति इसी पर निर्भर है। वोट बैंक की राजनीति के लिए वोट जिहाद के लिए, वो लगातार रामनवमी पर प्रतिबंध लगाना, दुर्गा विसर्जन पर प्रतिबंध लगाना, कोई जयश्रीराम बोले तो लड़ाई लड़ लेना औऱ वो परंपरा उनकी अपनी पार्टी के हर व्यक्ति में आय़ी है। औऱ इसलिए सभी हिन्दुओं को डूबो देने की, बहा देने की, बोलने की हिम्मत कर रहे हैं। इससे बड़ा देश का कोई दुर्भाग्य नहीं हो सकता है। और नेशनल मीडिया जो आए दिन, जो खान मार्केट गैंग है, वो ऐसे-ऐसे विषयों को उछालती है, उनके ध्यान में ये नहीं आता है कि ये इतना गंभीर मुद्दा है कि देशवासियों को गंगा में बहा देने की बातें हो रही हैं। ममता जी तो चुप हैं, उनकी पूरी गैंग चुप है।
रिपब्लिक बांग्ला-मोदी जी, बंगाल जहां पर हम खडे हैं एक टाइम इंडिया का कैपिटल हुआ करता था, हमलोग का क्या कुछ नहीं था, इंडस्ट्री, ट्रेड कल्चर हमलोग का सबकुछ था। अभी हमलोगो का जो ग्लोरी है वो है नही। आप ये गारंटी दे सकते हैं क्या, जिस फैक्टरी को आप सिंगूर से टाटा का फैक्ट्री सांणद में लेकर गए थे, अगर यहां पर डबल इंजन सरकार हो तो सिंगूर में फैक्ट्री होगा, नंदीग्राम में फैक्ट्री होगा, भावोर में, डायमंड हार्बर में सब जगह फैक्ट्री होगा औऱ हम मुबंई दिल्ली के साथ टक्कर देंगे, विकास में?
पीएम मोदी- मेरा गुजरात का अनुभव है। गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां दस साल में सात साल अकाल होता है। गुजरात के पास कोई मिनरल्स नहीं है,जो बंगाल के पास है। ज्यादा से ज्यादा हमारे पास नमक है, औऱ कुछ नहीं है। उसके बावजूद भी हमने धीरे-धीरे मेहनत करके उसको एक इंडस्ट्रियल स्टेट बना दिया। बंगाल का तो पूरा हिस्ट्री इंडस्ट्री का है। बंगाल के पास बहुत बड़े प्राकृतिक संसाधन है। लेकिन पहले यहां वाम वालों ने लाल झंडे के जूलूस निकाल-निकाल करके, सारी इंडस्ट्री को ताला लगा दिया, लोग भाग-भाग कर कहीं औऱ चले गए। अब बाद में सोचा था कि शायद टीएमसी आएगी तो सुधार करेगी, अब वो इंनवेस्टमेंट समिट कर रही है। लेकिन किसी भी इंनवेस्टर को जो सुरक्षा चाहिए, जो विश्वास चाहिए कि यहां कि पॉलिसी में स्टैबिलिटी रहेगी, वो जब तक नहीं आता है कौन इंडस्ट्रिलिस्ट आएगा। औऱ इसलिए बंगाल के विकास के लिए, बंगाल के नौजवानों के भविष्य के लिए, इस सरकार को हटाना सबसे बड़ी प्राइरोरटी होनी चाहिए।
रिपब्लिक बांग्ला- मोदी जी-मोदी जी आप खुद अगर डबल इंजन सरकार हो,you have been one of the experts in bringing business in Gujarat, बंगाल के लिए वो क्या करेंगे आप?
पीएम मोदी- मैंने उनको पहले भी एडवाइज दी है कि आपको ये ये करना चाहिए औऱ मैं हिन्दुस्तान के हर राज्य को, क्योंकि हमने जी20 अलग-अलग राज्यों में क्यों किया, इसलिए किया कि उन राज्यों का प्रोजेक्शन हो। वे अपने राज्य को फोकस करें, ताकि दुनिया का ध्यान जाए। मेरी तरफ से जो भी मदद चाहिए, मैं बढ़ चढ़कर मदद देना चाहूंगा।
रिपब्लिक बांग्ला-मोदी जी बहुत बहुत धन्यवाद रिपब्लिक बांग्ला के सभी दर्शकों की तरफ से, ये जो चीज है इससे शायद बहुत कुछ पता चल रहा है। इस बार क्या यहां पर भी मोदी सरकार?
पीएम मोदी- मैं मानता हूं कि पूरे देश में हमारा बेस्ट परफारमेंस बंगाल के लोकसभ के चुनाव में रहने वाला है।
Women are among the highest beneficiaries of Mudra scheme: PM Modi
April 08, 2025
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Mudra Yojana is not limited to any specific group but aims to empower the youth to stand on their own feet: PM
Mudra Yojana has a transformative impact in fostering entrepreneurship and self-reliance: PM
Mudra Yojana has brought a silent revolution with shift in the societal attitude about entrepreneurship: PM
Women are among the highest beneficiaries of Mudra scheme: PM
52 crore loans have been disbursed under the scheme, a monumental achievement unparalleled globally: PM
लाभार्थी - सर आज मैं शेयर करना चाहूंगा मेरा स्टोरी जो की एक पेट हॉबी से कैसा की मैं एंटरप्रेन्योर बना और मेरा जो बिजनेस वेंचर है उसका नाम है K9 वर्ल्ड, जहां पर हम लोग हर प्रकार के पेट सप्लाईज, मेडिसिंस और पेट्स प्रोवाइड करवाते हैं सर। सर मुद्रा लोन मिलने के बाद सर हम लोगों ने काफी सारे फैसिलिटी स्टार्ट किए, जैसे की पेट बोर्डिंग फैसिलिटी स्टार्ट किए हम लोग, जो भी like पेट पेरेंट्स है अगर वो कहीं बाहर जा रहे हैं सर, तो हमारे पास वो छोड़कर जा सकते हैं और उनके पेट हमारे यहां पर रहते हैं होमली एनवायरमेंट में सर। पशुओं के लिए मेरा जो like प्रेम है, वो सर अलग ही है, like मैं खुद खाऊं ना खाऊं, वह मैटर नहीं करता, बट उनको खिलाना है सर।
प्रधानमंत्री - तो घर में सब लोग तंग आ जाते होंगे आपसे?
लाभार्थी - सर इसके लिए मैं अपने सारे डॉग्स के साथ सेपरेट, सेपरेट like स्टे है, सेपरेट स्टे है, और मैं आपको भी बहुत धन्यवाद बोलना चाहूंगा सर, बिकॉज़ सर आप ही के कारण काफी सारे जो पशुप्रेमी हैं और NGO वर्कर्स है, अभी वो अपना काम सर ओपनली कर पाते हैं, बिना कोई रोक-टोक के ओपनली कर पाते हैं सर। मेरा जो निवास है वहां पर सर टोटली mentioned है, अगर आप पशुप्रेमी नहीं है, सर आप अलाउड नहीं है।
प्रधानमंत्री - यहां आने के बाद काफी आपकी पब्लिसिटी हो जाएगी?
लाभार्थी - सर ओबवियसली।
प्रधानमंत्री - आपका हॉस्टल छोटा पड़ जाएगा।
लाभार्थी - पहले जहां पर मैं महीने में 20000 कमा पाता था, सर अभी वहां पर मैं महीने में 40 से 50 हजार कमा पाता हूं।
प्रधानमंत्री - तो अभी आप एक काम कीजिए, जो बैंक वाले थे।
लाभार्थी - हां जी सर।
प्रधानमंत्री - जिसके समय आपको लोन मिला, एक बार उन सबको बुलाकर के आपके सारे चीज दिखाइए और उनको धन्यवाद कीजिए, उन बैंक वालों का, की देखिए आपने मेरे पर भरोसा किया और यह काम जो ज्यादा लोग हिम्मत नहीं करते, आपने मुझे लोन दिया, देखिए मैं कैसा काम कर रहा हूं।
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लाभार्थी - डेफिनेटली सर।
प्रधानमंत्री – तो उनको अच्छा लगेगा कि हां उन्होंने कोई अच्छा काम किया है।
लाभार्थी - वह ना एक माहौल को वह जो एकदम पिन ड्राप साइलेंस माहौल होता है कि पीएम का ओरा है उसको उन्होंने थोड़ा सा तोड़ा और वह हमारे साथ थोड़ा सा घुले-मिले, तो वह एक चीज मुझे बहुत अट्रैक्टिव लगी उनकी और दूसरी सबसे इंपोर्टेंट चीज कि वह बहुत ही ज्यादा गुड लिस्नर है।
लाभार्थी - I am Gopikrishnan, Entrepreneur based of mudra loan from Kerala. Pradhan Mantri Mudra Yojana has transformed me into a successful entrepreneur. My business continues to thrive bring renewable energy solutions to households and offices while creating job opportunities.
प्रधानमंत्री - आप जब दुबई से वापस आए तो आपका प्लान क्या था?
लाभार्थी – मैं वापस आया कि मैं यह मुद्रा लोन के बारे मैं मेरे को इनफॉरमेशन मिला था, इसलिए मैं वह कंपनी resign किया है।
प्रधानमंत्री - अच्छा आपको वहीं पता चला था?
लाभार्थी – हां। और रिजाइन करके, इधर आकर फिर यह मुद्रा लोन को अप्लाई करके, यह शुरू किया है।
प्रधानमंत्री - एक घर पर सूर्यघर का काम पूरा करने में कितना दिन लगता है?
लाभार्थी – अभी मैक्सिमम दो दिन।
प्रधानमंत्री - 2 दिन में एक घर का काम कर लेते हैं।
लाभार्थी – काम करते है।
प्रधानमंत्री - आपको डर लगा हो कि ये पैसे में दे नहीं पाऊंगा, तो क्या होगा, मां-बाप भी डांटते होंगे, ये दुबई से घर वापस चला आया, क्या होगा?
लाभार्थी – मेरी मां को थोड़ा टेंशन था, लेकिन वह भगवान की कृपा से सब कुछ हो गया।
प्रधानमंत्री - उन लोगों का क्या रिएक्शन है जिनको पीएम सूर्यघर से अब मुफ्त बिजली मिल रही है, क्योंकि केरल में घर नीचे होते हैं, पेड़ बड़े होते हैं, सूर्य बहुत कम आता है, बारिश भी रहती है, तो उनको कैसा लग रहा है?
लाभार्थी – ये लगाने के बाद उन लोगों को बिल कितना 240-250 के अंदर ही आता है। 3000 वालों को अभी 250 rupees का अंदर ही आता है बिल।
प्रधानमंत्री - अभी आप हर महीने कितने का काम करते हैं? अकाउंट कितना होगा?
लाभार्थी – ये अमाउन्ट मेरे को...
प्रधानमंत्री - नहीं इनकम टैक्स वाला नहीं आएगा, डरो मत, डरो मत।
लाभार्थी – ढाई लाख मिल रहा है।
प्रधानमंत्री – ये वित्त मंत्री मेरे बगल में बैठे हैं, मैं उनको बताता हूं, वह आपके यहां इनकम टैक्स वाला नहीं आएगा।
लाभार्थी – ढाई लाख से ऊपर मिलते हैं।
लाभार्थी – सपने वो नहीं जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते हैं। मुसीबतें होंगी और मुश्किलें भी आएंगी, जो संघर्ष करेगा, वही सफलता पाएगा।
लाभार्थी – I am the founder of हाउस ऑफ़ पुचका. घर पर खाना-वाना बनाते थे तो हाथों में टेस्ट अच्छा था, तो सबने सजेस्ट किया कि आप कैफे फील्ड में जाओ। फिर उसमें रिसर्च करके पता चला कि प्रॉफिट मार्जिन वगैरा भी अच्छा है, तो फूड कॉस्ट वगैरा मैनेज करेंगे, तो आप एक सक्सेसफुल बिजनेस रन कर सकते हैं।
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प्रधानमंत्री - एक यूथ, एक जनरेशन है, कुछ पढ़ाई की तो उनको लगता है कि नहीं-नहीं मैं तो कहीं नौकरी करके सेटल हो जाऊंगा, रिस्क नहीं लूंगा। आप में रिस्क टेकिंग कैपेसिटी है।
लाभार्थी – जी।
प्रधानमंत्री - तो आपके रायपुर के भी दोस्त होंगे और corporate वर्ल्ड के दोस्त होंगे, स्टूडेंट दोस्त भी होंगे। उन सब में इसकी क्या चर्चा है? क्या सवाल पूछते हैं? उनको क्या लगता है? ऐसा कर सकते हैं? करना चाहिए, उनको भी आगे आने का मन करता है?
लाभार्थी – सर मैं जैसे कि अभी मेरी ऐज 23 ईयर्स है, तो मेरे पास अभी रिस्क टेकिंग एबिलिटी भी है, और टाइम भी है, तो यही समय होता है, मैं ना यूथ को लगता है कि हमारे पास फंडिंग नहीं है, बट वह गवर्नमेंट स्कीम्स के बारे में अवेयर नहीं है, तो मैं अपनी साइड से यहीं उन्हें सजेशन देना चाहूंगी, आप थोड़ा रिसर्च करो, जैसे मुद्रा लोन भी है, वैसे पीएम ईजीपी लोन भी है, कई लोन जो आपको विदाउट mortgage मिल रहे हैं, तो अगर आप में पोटेंशियल है तो आप जब ड्रॉप करो, क्योंकि sky has no limits for you, तो आप बिजनेस करिए और जितना चाहे उतना grow कर सकते हैं।
लाभार्थी – सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है, अपनी मंजिल आसमान है रास्ता हमें खुद बनाना है। I am MD, Mudasir Naqasbandi, the owner of Bake My Cake, Baramulla Kashmir. We have become job creators from job seekers with the successful business. We have provided stable jobs for 42 persons from remote areas of Baramulla.
प्रधानमंत्री - आप इतना बहुत तेजी से प्रोग्रेस कर रहे हैं, जिस बैंक ने आपको लोन दिया, लोन देने से पहले आपकी स्थिति क्या थी?
लाभार्थी – Sir, overall that was 2021 before this I was not in lacs or crores, I was just in thousands.
प्रधानमंत्री – आपके यहां भी यूपीआई का उपयोग होता है?
लाभार्थी – सर शाम को जब कैश चेक करते है तो I get very disappointed because 90% transactions UPI होती है, and we have just 10% of cash in hand.
लाभार्थी – एक्चुअली मुझे वह बहुत ज्यादा पोलाइट लगे और ऐसा लग ही नहीं कि He is the Prime Minister of our country, ऐसा लग रहा था कोई हमारे साथ का और हमें गाइड कर रहा है, So वह एक humbleness उनकी तरफ से show हुआ।
प्रधानमंत्री - सुरेश आपको यह कहां से जानकारी मिली, पहले क्या काम करते थे, परिवार में पहले से क्या काम है?
लाभार्थी – सर पहले से मैं जॉब करता था।
प्रधानमंत्री – कहां पर?
लाभार्थी – वापी में, और 2022 में फिर मुझे ख्याल आया कि जॉब से कुछ होने वाला नहीं है, तो खुद का बिजनेस स्टार्ट करू।
प्रधानमंत्री - वापी में जो आप डेली ट्रेन में जाते थे, रोजी-रोटी कमाते थे, वह ट्रेन की जो दोस्ती बड़ी गजब होती है, तो ये....
लाभार्थी – सर मैं सिलवासा में रहता हूं और जॉब में वापी में करता था, अब मेरा सिलवासा में ही है।
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प्रधानमंत्री - मैं जानता हूं सब अप-डाउन वाली गैंग हैं वो, लेकिन वह लोग अब पूछते होंगे कि तुम ये कैसे कमाने लग गए हो, क्या कर रहे हो? उनमें से किसी का मन करता है कि वह भी मुद्रा लोन ले, कहीं जाए?
लाभार्थी – हां सर अभी रिसेंटली जब मैं यहां पर आ रहा था, तो मेरा एक फ्रेंड ने भी वही मेरे को बोला कि अगर हो सके तो मुझे भी थोड़ा गाइड करना मुद्रा लोन के लिए।
प्रधानमंत्री - सबसे पहले तो मेरे घर में आप सबका आने के लिए मैं धन्यवाद करता हूं। हमारे यहां शास्त्रों में कहा जाता है कि जब मेहमान घर में आते हैं और उनके चरण रज पड़ती है तो घर पवित्र हो जाता है। तो मैं बहुत स्वागत करता हूं आपका। आप सबके भी कुछ अनुभव होंगे, किसी का कोई बहुत इमोशनल ऐसा अनुभव हो, अपना काम करते हुए। अगर किसी को कहने का मन करता है तो मैं सुनना चाहता हूं
लाभार्थी – सर सबसे पहले मैं सिर्फ आपसे इतना कहना चाहूंगी, चूंकि आप मन की बात कहते भी और सुनते भी हैं, तो आपके सामने एक बहुत छोटे शहर रायबरेली की महिला व्यापारी खड़ी है, जो इस बात का प्रमाण है कि आपके सहयोग और समर्थन से जितना फायदा MSMEs को हो रहा है, मतलब मेरे लिए बहुत ही भावनात्मक समय है यहां पर आना और हम आपसे वादा करते हैं कि हम भारत को विकसित भारत मिलकर बनाएंगे, जिस तरीके का आप सहयोग और बिल्कुल बच्चों की तरह ट्रीट कर रहे हैं आप MSMEs को, चाहे हमें लाइसेंस लेने में जो प्रॉब्लम्स आती थीं, गवर्नमेंट से वह नहीं होती हैं, या फंडिंग को लेकर...
प्रधानमंत्री - आप चुनाव लड़ना चाहती हैं?
लाभार्थी – नहीं-नहीं सर यह सिर्फ मेरी मन की बात है जो मैंने आपसे बोली है, जी-जी क्योंकि मुझे ऐसा लगा कि यह प्रॉब्लम पहले मैं फेस कर रही थी, कि लोन वगैरा जब लेने जाते थे तो मना होता था।
प्रधानमंत्री - आप यह बताइए, आप करती क्या है?
लाभार्थी – बेकरी-बेकरी
प्रधानमंत्री - बेकरी
लाभार्थी – जी-जी।
प्रधानमंत्री - अभी कितना पैसा आप कमाती हो?
लाभार्थी – सर जो महीने का मेरा टर्न ओवर हो रहा है वह ढाई से तीन लाख रुपए का हो रहा है।
प्रधानमंत्री – अच्छा, और कितने लोगों को काम देती है?
लाभार्थी – सर हमारे पास 7 से 8 लोगों का ग्रुप है।
प्रधानमंत्री – अच्छा।
लाभार्थी – जी।
लाभार्थी – सर मेरा नाम लवकुश मेहरा है, मैं भोपाल मध्य प्रदेश से हूं। चूंकि पहले मैं जॉब करता था सर, किसी के यहां नौकरी करता था तो नौकर था सर, आपने हमारी गारंटी ली है सर, मुद्रा लोन के माध्यम से और सर आज हम मालिक बन गए सर। मैंने, एक्चुअली मैं एमबीए हूँ। और फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री का मुझे बिल्कुल नॉलेज नहीं था। मैंने 2021 में अपना काम चालू किया और सर मैंने पहले बैंकों को अप्रोच किया, मुझे 5 लाख की उन्होंने सीसी लिमिट मुद्रा लोन की दी। लेकिन सर मुझे डर ये लगता था कि पहली बार इतना बड़ा लोन ले रहे हैं, पटा पाएंगे कि नहीं पटा पाएंगे। तो मैं उसमें से तीन-साढे तीन लाख ही खर्च करता था सर। आज की डेट में सर 5 लाख से साढ़े 9 लाख का मेरा मुद्रा लोन हो गया है और मेरा फर्स्ट ईयर 12 लाख का टर्नओवर था, जो कि आज के डेट में लगभग more than 50 लाख हो गया।
प्रधानमंत्री - आपके अन्य मित्र होंगे उनको लगता है कि भई जीवन का यह भी एक तरीका है
लाभार्थी – यस सर।
प्रधानमंत्री - आखिरकार मुद्रा योजना यह कोई मोदी की वाहा-वाही के लिए नहीं है, मुद्रा योजना मेरे देश के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़े रहने की हिम्मत और उनका हौसला बुलंद होता चले, मैं रोजी-रोटी कमाने के लिए क्यों भटकूंगा, मैं 10 लोगों को रोजी-रोटी दूंगा।
लाभार्थी – जी सर
प्रधानमंत्री - यह मिजाज पैदा करना है, यह आपके अगल-बगल के लोगों के अनुभव में आता है?
लाभार्थी – यस सर। मेरा जो गांव है- बाचावानी मेरा एक गांव है भोपाल से लगभग 100 किलोमीटर। वहां कम से कम दो-तीन लोगों ने किसी ने कोई ऑनलाइन डिजिटल की शॉप खोली है, किसी ने कोई फोटो स्टूडियो के लिए उन्होंने भी एक-एक, दो-दो लाख का लोन लिया है और मैंने उनकी हेल्प भी की है सर। Even मेरे जो फ्रेंड्स है सर....
प्रधानमंत्री - क्योंकि अब आप लोगों से मेरी अपेक्षा है, आप लोगों को रोजगार तो दें, लेकिन आप लोगों को कहिए की कोई गारंटी के बिना पैसा मिल रहा है, घर में क्यों बैठे हो, जाओ भई, बैंक वालों को परेशान करो।
लाभार्थी – मैंने सिर्फ इस मुद्रा लोन की वजह से अभी रिसेंटली 6 महीने पहले 34 लाख का अपना खुद का घर लिया है।
प्रधानमंत्री – ओ हो।
लाभार्थी – इतना मैं 60-70 हजार की जॉब करता था, आज मैं per month more than 1.5 lakh खुद का कमाता हूं सर।
प्रधानमंत्री - चलिए, बहुत-बहुत बधाई आपको।
लाभार्थी – और सब आपकी वजह से Thank You So Much Sir.
प्रधानमंत्री – खुद की मेहनत काम करती है भाई।
लाभार्थी – मोदी जी का ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा हमको कि हम प्रधानमंत्री जी से बात कर रहे हैं। ऐसे लगा की कोई हमारे घर का, परिवार का बड़ा कोई सदस्य हमसे बात कर रहा है। वो किस तरीके से यह मतलब नीचे उनकी जो मुद्रा लोन की स्कीम जो चल रही है उसमें कैसे हम लोग सफल हुए हैं, वह पूरी कहानी उन्होंने समझी। उन्होंने जिस तरह से हमको मोटिवेट किया कि आप भी उस मुद्रा लोन के और भी लोगों को अवेयर कीजिए ताकि और empower और लोग अपना व्यापार स्टार्ट कर सके।
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लाभार्थी – मैं भावनगर गुजरात से आया हूं।
प्रधानमंत्री - सबसे छोटे लगते हैं आप?
लाभार्थी – यस सर।
प्रधानमंत्री – इस सारी टोली में?
लाभार्थी – मैं फाइनल ईयर में हूं और 4 महीने....
प्रधानमंत्री - तुम पढ़ते और कमाते हो?
लाभार्थी – यस।
प्रधानमंत्री – शाबाश!
लाभार्थी – मैं आदित्य टेक लैब का फाउंडर हूं जिसमें मैं 3D प्रिंटिंग, रिवर्स इंजीनियरिंग और रैपिड प्रोटो टाइपिंग और साथ-साथ में थोड़ा रोबोटिक्स का वर्क भी करता हूं, क्योंकि मैं फाइनल ईयर mekatronix स्टूडेंट हूं, तो ऑटोमेशन और वो सब में ज्यादा रहता है। तो जैसे की मुद्रा लोन से मुझे ये, जैसे कि अभी मेरी ऐज 21 है तो उसमें स्टार्ट करने में सुना था बहुत की लोन लेने का प्रोसेस बहुत कंपलेक्स है, इस साल में नहीं मिलेगी, कौन बिलीव करेगा, अभी तो एक-दो साल जॉब का एक्सपीरियंस करो, बाद में लोन मिलेगी। तो जैसे सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक है वहां हमारे भावनगर में तो वहां जाकर मैंने मेरा आइडिया, कि मैं क्या करना चाहता हूं, वह सब बताया, तो उन लोगों ने कहा की ठीक है, आपको मुद्रा लोन जो किशोर कैटिगरी है 50000 से 5 लाख तक उसके अंडर, तो मैंने 2 लाख की लोन ली और 4 महीने से मैं शुरू करा उसको, तो सोम से शुक्रवार तक मैं कॉलेज जाता हूं और बाद में वीकेंड्स में भावनगर रहकर मेरा वर्क पेंडिंग है वह खत्म कर देता हूं और अभी मैं महीने का 30 से 35000 कमा रहा हूं सर।
प्रधानमंत्री – अच्छा।
लाभार्थी – हां।
प्रधानमंत्री – कितने लोग काम करते हैं?
लाभार्थी – अभी मैं रीमोटली वर्क करता हूं।
प्रधानमंत्री – तुम दो दिन काम करते हो।
लाभार्थी – मैं रीमोटली वर्क करता हूं, मम्मी पापा है घर पर, वह पार्ट टाइम में मेरी हेल्प कर देते हैं। फाइनेंशियल सपोर्ट तो मिलता है मुद्रा लोन से, बट खुद में जो बिलीव करना है ना, Thank You Sir!
लाभार्थी – अभी हम मनाली में अपना बिजनेस कर रहे हैं! सबसे पहले मेरे हस्बैंड सब्जी मंडी में काम करते थे फिर शादी के बाद जब मैं उनके साथ गई तो मैंने उनको कहा कि किसी के पास काम करने से अच्छा है हम दोनों एक दुकान खोलते हैं, सर फिर हमने सब्जी की दुकान की तो सर जैसे सब्जी रखते रहे धीरे-धीरे मतलब सर लोग बोलने लगे, आटा-चावल रखो, फिर सर पंजाब नेशनल बैंक का स्टाफ हमारे पास सब्जी लेने आता था, तो मैंने ऐसे उनसे बात की कि अगर हमने पैसे लेने हो, क्या हमें मिलेंगे, तब उन्होंने पहले मना कर दिया, मतलब यह 2012-13 की बात है, फिर मैंने बोला ऐसे.....
प्रधानमंत्री - आप यह 2012-2013 कह रहो हो, कोई पत्रकार को पता चलेगा तो आपको कहेंगे कि पुरानी सरकार को गाली दे रहे हैं।
लाभार्थी – तो फिर उन्होंने, नहीं-नहीं, फिर उन्होंने बोला कि आपके पास प्रॉपर्टी वगैरह है, मैंने बोला नहीं, जैसे ही यह मुद्रा लोन का पता चला ना जब, यह स्टार्ट हुआ 2015-16 में तब जैसे मैंने उनसे कहा कि ऐसे-ऐसे, उन्होंने खुद ही बताया हमें कि एक योजना चली है, अगर आपको चाहिए तो। सर मैंने बोला हमें चाहिए, तो उन्होंने हमें कोई कागज, पत्र कुछ नहीं मांगा। उन्होंने ढाई लाख रुपये हमें फर्स्ट टाइम दिये। वह ढाई लाख रुपये मैंने दो-ढाई साल में उनको वापस दिए, उन्होंने मुझे फिर ₹500000 दिये, फिर मैंने राशन की एक शॉप खोल ली, फिर वह दोनों शॉप मुझे छोटे पड़ने लगी, सर मेरा काम बहुत बढ़ने लगा, यानी कि जो मैं दो ढाई लाख साल में कमाती थी, आज मैं 10 से 15 लाख साल में काम रही हूं।
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प्रधानमंत्री – वाह।
लाभार्थी - फिर उन्होंने, मैंने 5 लाख भी कंप्लीट कर दिया, तो उन्होंने मुझे 10 लाख दिया, सर मैंने 10 लाख भी कंप्लीट कर दिया तो ढाई साल में ऐसे ही, तो अब उन्होंने मुझे 2024 नवंबर में 15 लाख दे दिया। और सर मेरा काम बहुत ज्यादा बढ़ रहा है और मुझे अच्छा लग रहा है कि अगर हमारे प्रधानमंत्री ऐसे हैं और अगर वह हमारा साथ दे रहे हैं, तो हम भी उनका साथ ऐसे ही देंगे, हम कहीं भी ऐसे गलत नहीं होने देंगे कि हमारा भी करियर खराब हो, कि हां जी उन लोगों ने ऐसे पैसे वापस नहीं दिए। बैंक वाले अब मैं, बैंक वाले तो बोले रहे थे 20 लाख ले लो, तो मैंने बोला अब हमें नहीं चाहिए, फिर भी उन्होंने बोला 15 लाख रखो जरूरत हो निकालो तो, ब्याज बढ़ेगा, नहीं निकालोगे तो नहीं बढ़ेगा। पर सर आपकी यह स्कीम मुझे बहुत अच्छी लगी।
लाभार्थी – I came from AP. I don’t know Hindi, but I will speak in Telugu.
प्रधानमंत्री - कोई बात नहीं अब तेलुगू बोलिए।
लाभार्थी – Is it sir!! I got married in 2009 sir. I remained as a housewife until 2019.I was trained with Regional training centre of Canara bank for thirteen days for the manufacturing of Jute bags.I got 2 lakhs loan under mudra yojana through the bank.I have started my business in November 2019. Canara bank people believed in me and sanctioned Rs.2 lakhs. They did not ask for any surety, no help was needed to get the loan. I got the loan sanctioned without any surety.In 2022 because of my loan repayment history, Canara bank has sanctioned additional Rs.9.5 lakhs. Now fifteen people are working under me.
प्रधानमंत्री – यानी 2 लाख से शुरू किया, साढ़े 9 लाख तक पहुंच गए।
लाभार्थी – Yes Sir!
प्रधानमंत्री – How many people are working with you?
लाभार्थी – 15 members sir.
प्रधानमंत्री – 15.
लाभार्थी – All are housewives and all are RCT (Rural self-employment centre) trainees.I used to be one of the trainees, now I am also one of the faculty. I am very much grateful for this opportunity. Thank you Thank you Thank you very much sir.
प्रधानमंत्री – Thank you, Thank You धन्यवाद।
लाभार्थी – सर मेरा नाम पूनम कुमारी है। सर मैं बहुत ही गरीब फैमिली से हूं, बहुत गरीब फैमिली थी हमारी, इतना गरीब....
प्रधानमंत्री – आप दिल्ली पहली बार है आई?
लाभार्थी – Yes Sir.
प्रधानमंत्री – वाह।
लाभार्थी – और मैं फ्लाइट में भी पहली बार बैठी हूं सर।
प्रधानमंत्री – अच्छा।
लाभार्थी – इतनी गरीबी थी मेरे यहां कि मैं अगर एक टाइम खाती थी तो दूसरा बार सोचना पड़ता था, लेकिन सर बहुत हिम्मत जुटा चुकी मैं किसान परिवार से हूं।
प्रधानमंत्री – आप बिल्कुल स्वस्थ होकर के।
लाभार्थी – क्योंकि मैं किसान परिवार से हूं तो मुझे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था तो मैंने अपने हस्बैंड से बात की, कि क्यों ना हम कुछ लोन लेकर के कुछ अपना ही बिजनेस शुरू करते हैं, तो मेरे हस्बैंड ने बोला कि है हां तुम बिल्कुल अच्छे से सजेशन दे रही हो, हमें करना चाहिए, तो मेरे हस्बैंड ने दोस्त वगैरह से बात की है तो उन लोगों ने बताया की मुद्रा लोन आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा, आप करिए। फिर मैं बैंक वालों के पास गई वहां एसबीआई बैंक (जगह का नाम अस्पष्ट) फिर वो लोगों ने बताया कि हां आप ले सकते हैं बिना किसी भी वो कागजात के। तो सर मैं वहां से मुझे 8 लाख का स्वीकृत किया गया लोन और मैं बिजनेस शुरू की सर। मैं 2024 में ही ली हूं सर और बहुत अच्छा ग्रोथ हुआ सर।
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प्रधानमंत्री – क्या काम करती हो?
लाभार्थी – सर सीड्स का.. जिसमें मेरे हस्बैंड बहुत हेल्प करते हैं मार्केट का काम अधिकतर वो करते हैं मैं एक कर्मचारी भी रखी हूं सर।
प्रधानमंत्री – अच्छा।
लाभार्थी – यस सर। और बहुत आगे बढ़ रही हूं सर मुझे विश्वास है कि मैं जल्द ही लोन को ये कंप्लीट करूंगी, मुझे पूरा विश्वास है।
प्रधानमंत्री – तो अभी एक महीने का कितना कमा सकती है?
लाभार्थी – सर 60000 तक हो जाता है।
प्रधानमंत्री – अच्छा 60000 रुपया। तो परिवार को विश्वास हो गया?
लाभार्थी – बिल्कुल सर, बिल्कुल। आज मैं आत्मनिर्भर हूं आपकी इस योजना की वजह से।
प्रधानमंत्री – चलिए बहुत बढ़िया काम किया आपने।
लाभार्थी – Thank You Sir! मुझे आपसे बात करने की बहुत इच्छा थी सर, मुझे विश्वास नहीं था कि मैं, मैं भी मोदी जी से मिलने जा रही हूं, मुझे बिलीव ही नहीं हो रहा था। जब मैं यहां आ गई दिल्ली तो मुझे अरे रियली मैं जा रही हूं। Thank You Sir, मेरे हस्बैंड भी आने के लिए थे कि तुम जा रही हो चलो गुड लक।
प्रधानमंत्री – मुझे मेरा मकसद यही है कि मेरे देश का सामान्य-सामान्य नागरिक वो इतना विश्वास से भरा हुआ हो, मुसीबतें होती हैं, हर एक को होती हैं। जिंदगी में कठिनाइयां होती हैं। लेकिन अगर मौका मिले तो कठिनाइयों को परास्त करके जीवन को आगे बढ़ाना और मुद्रा योजना ने यही काम किया है।
लाभार्थी – Yes Sir!
प्रधानमंत्री – हमारे देश में बहुत कम लोग हैं, जिनको इन चीजों की समझ है कि साइलेंटली कैसे रेवोल्यूशन हो रहा है। ये बहुत बड़ा साइलेंट रेवोल्यूशन है।
लाभार्थी – सर मैं और लोगों को भी कोशिश करती हूं मुद्रा योजना के बारे में बताऊ।
प्रधानमंत्री – औरों को समझाना चाहिए।
लाभार्थी –बिल्कुल सर।
प्रधानमंत्री – देखिए हमारे यहां जब हम छोटे थे तो सुनते थे, कि उत्तम खेती, मध्यम व्यापार और कनिष्ठ नौकरी.. ऐसा सुनते थे, नौकरी को आखिरी गिनते थे। धीरे-धीरे समाज की मनोस्थिति ऐसी बदल गई कि नौकरी सबसे पहले, पहला काम भाई कहीं मिल जाए बस सेटल हो जाए। जिंदगी की surety हो जाती है। व्यापार मध्यम ही रहा और लोग यहां तक पहुंच गए खेती तो सबसे आखिरी में। इतना ही नहीं किसान भी क्या करता है अगर उसके तीन बेटे हैं तो एक को कहते हैं भाई तू खेती संभालना दो को कहते हैं तुम जाओ भाई कहीं रोजी-रोटी कमाओ। ये अब आपको ये जो मध्यम वाला विषय है कि व्यापार को हमेशा मध्यम माना गया है। लेकिन आज भारत का युवा उसके पास जो एंटरप्रेन्योर स्किल है, अगर उसको हैंड होल्डिंग हो जाए थोड़ी उसको मदद मिल जाए, तो बहुत बड़े परिणाम लाता है और इस मुद्रा योजना में किसी सरकार के लिए भी ये आंख खोलने वाला विषय है ये। सबसे ज्यादा महिलाएं आगे आई हैं, सबसे ज्यादा लोन के लिए अप्लाई करने वाली महिलाएं, सबसे ज्यादा लोन प्राप्त करने वाली महिलाएं, और सबसे जल्दी रिपेमेंट करने वाली भी महिलाएं हैं। यानी ये एक नया क्षेत्र और विकसित भारत के लिए जो संभावना है ना वो इस शक्ति में पड़ी हुई है वो दिखाई दे रहा है और इसलिए मैं समझता हूं कि हमें एक वातावरण बनाना चाहिए, आप जैसे लोग जो सफल हुए हैं आपको पता है अब आपको किसी पॉलिटिशियन की चिट्ठी की जरूरत नहीं पड़ी होगी। किसी MLA, MP के घर पर चक्कर नहीं काटना पड़ा होगा, आपको मेरा विश्वास है किसी को एक रुपया भी देना नहीं पड़ा होगा। और बिना गारंटी को आपको पैसा मिलना और एक बार पैसा आए तो उसका सदुपयोग करना ये अपने आप में आपके जीवन में भी एक डिसिप्लिन ले आता है। वरना किसी को लगेगा यार ले लिया है चलो अब दूसरे शहर में चले जाए, कहां ढूंढता रहेगा वो बैंक वाला। ये जीवन को बनाने का एक अवसर देता है और मैं चाहता हूं कि मेरे देश के नौजवान ज्यादा से ज्यादा इस क्षेत्र में आए। आप देखिए 33 लाख करोड़ रुपया, ये देश के लोगों को बिना गारंटी दे दिए गए हैं। आप अखबार में तो पढ़ते होंगे, अमीरों की सरकार है। सभी अमीरों का टोटल लगा दोगे तो भी 33 लाख करोड़ नहीं मिला होगा उनको। मेरे देश के सामान्य मानवी को 33 लाख करोड़ रुपया आपके हाथ में दिए हैं, आप जैसे देश के होनहार युवा-युवतियों को दिए गए हैं। और इन सबने किसी ने एक को, किसी ने दो को, किसी ने 10 को, किसी ने 40-50 को रोजगार दिया है। यानी रोजगार देने का बहुत बड़ा काम ये इकोनॉमी को जनरेट करता है। उसके कारण प्रोडक्शन तो होता ही होता है, लेकिन जो सामान्य मानवी कमाता है तो उसको लगता है चलो पहले साल में एक शर्ट लेते थे अब दो ले लेंगे। बच्चों को पढ़ाने से संकोच करते थे अब चलो पढ़ाएंगे, तो ऐसी हर चीज का एक समाज जीवन में बड़ा लाभ होता है। अब इस योजना को 10 साल हो गए हैं। सामान्यतः सरकार में उसका स्वभाव क्या रहता है कि एक निर्णय करें, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करे और घोषणा करे कि हम ऐसा करेंगे। उसके बाद कुछ लोगों को बुलाकर के दिया-विया जला दें, लोग ताली बजा दें, और अखबार वालों की चिंता करते रहते हैं तो अखबार में भी हेडलाइन छप जाए, और उसके बाद कोई पूछता नहीं है। ये सरकार ऐसी है कि एक योजना का 10 साल के बाद हिसाब लगा रही है, लोगों से पूछ रहे हैं कि भाई ठीक है हम तो कह रहे हैं कि ये हुआ लेकिन आप बताइए क्या हुआ। और जैसे मैं आपसे पूछ रहा हूं आज देश भर में आने वाले दिनों में ऐसे समूहों को मेरे सब साथी पूछने वाले हैं, उनसे मिलने वाले हैं, उनसे जानकारी लेने वाले हैं। और उसके कारण अगर कोई इसमें बदलाव लाना है, कुछ सुधार करना है तो वो उस दिशा में भी हम जाने वाले हैं। लेकिन हमारी कोशिश, अब देखिए लगातार शुरू में 50000 से 5 लाख किया। सरकार का कॉन्फिडेंस देखिए कि पहले सरकार भी सोचती थी, भाई 5 लाख से ऊपर मत दो डूब जाएंगे तो क्या करेंगे, ये तो मोदी के बाल नोच लेंगे सब लोग। लेकिन मेरे देश के लोगों ने मेरे विश्वास को तोड़ा नहीं, मेरा जो मेरे देशवासियों पर भरोसा था, उसको आप लोगों ने मजबूत किया। और उसके कारण मेरी हिम्मत हुई कि 50000 से 20 लाख पर पहुंच गए। ये निर्णय छोटा नहीं है, ये निर्णय तब होता है, जब उस योजना की सफलता और लोगों पर भरोसा और इसमें दोनों चीजें दिखती हैं। आप सबको बहुत शुभकामनाएं और मेरी आपसे अपेक्षा रहेगी, कि जैसे आप 5-10 लोगों को रोजगार देते हैं, वैसे 5-10 लोगों को मुद्रा योजना लेकर के कुछ अपना काम करने के लिए प्रेरित कीजिए, उनको हिम्मत दीजिए, ताकि उनको एक विश्वास बनेगा और देश में 52 करोड़ लोन दिए गए हैं, 52 करोड़ लोग नहीं होंगे जैसे सुरेश ने बताया कि उसने पहले ढाई लाख लिया, फिर 9 लाख लिया, तो दो लोन हुआ। लेकिन 52 करोड़ लोन, यानी अपने आप में बहुत बड़ा आंकड़ा है। दुनिया के किसी देश में ये सोच भी नहीं सकते हैं और इसलिए मैं कहता हूं और हमारी युवा पीढ़ी को हम तैयार करें, कि भाई आप खुद शुरू करो बहुत कुछ फायदा होगा। मुझे याद है, जब मैं गुजरात में था तो मेरा एक कार्यक्रम होता था- गरीब कल्याण मेला। लेकिन उसमें एक स्ट्रीट प्ले जैसा करते बच्चे अब मुझे गरीब नहीं रहना है, ऐसा एक लोगों को मोटिवेट करने वाला एक ड्रामा होता था, मेरे कार्यक्रम में। और फिर कुछ लोग स्टेज पर आकर के अपना जो राशन कार्ड होते थे और वो सब सरकार में वापस जमा कराते थे और कहते थे कि हम गरीबी से बाहर आ गए हैं, अब हमें फैसिलिटी नहीं चाहिए। फिर वो भाषण करते थे, कि मैंने कैसे ये परिस्थिति पलटी। तो एक बार मैं शायद वलसाड जिले में था, एक 8-10 लोगों की टोली आई और सबने अपना गरीबी वाली जितने बेनिफिट थे वो सरकार को सरेंडर किए। फिर उन्होंने अपना एक्सपीरियंस सुनाया, तो क्या था? वो आदिवासी लोग थे और आदिवासियों में वो भगत का काम भजन मंडली बजाना और शाम को गाना यही काम करते थे, तो वहां से उनको एक दो लाख रुपए का लोन मिला, तब तो ये मुद्रा योजना वगैरह नहीं थी, मेरी सरकार वहां एक स्कीम चलाती थी। उसमें से कुछ वो इंस्ट्रूमेंट लाए बजाने के, कुछ उनकी ट्रेनिंग हुई, इसमें से उन्होंने 10-12 लोगों की एक ये बैंड बाजे बजाने वालों की एक कंपनी बना दी। और शादी-ब्याह में फिर वो बजाने के लिए जाने लगे फिर उन्होंने अपना अच्छा यूनिफॉर्म बना दिया। और धीरे-धीरे-धीरे करके वो बहुत पॉपुलर हो गए और वो सब के सब अच्छी स्थिति में आ गए। हर कोई, हर महीने 50-60 हजार रुपए कमाने लग गया। यानी छोटी चीज भी कितना बड़ा बदलाव लाती है, मैंने अपनी आंखों के सामने ऐसी कई घटनाएं देखी हैं। और उसी में से मुझे इंस्पिरेशन मिलता है, आप ही लोगों में से मुझे इंस्पिरेशन मिलता है कि भाई हां, देखिए देश में ऐसी शक्ति एक में नहीं अनेकों में होगी, चलो ऐसा कुछ करते हैं। देश के लोगों को साथ लेकर के देश को बनाया जा सकता है। उनकी आशा-आकांक्षा परिस्थितियों का अध्ययन करके किया, ये मुद्रा योजना उसी का एक रूप है। मुझे विश्वास है कि आप लोग इस सफलता को और नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे और अधिकतम लोगों को लाभ हो, और समाज ने आपको दिया है, आपने भी समाज को देना चाहिए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि भाई चलो अब मौज करें, कुछ ना कुछ हमें भी समाज के लिए करना चाहिए, जिसके कारण मन को एक संतोष मिलेगा।