I will leave today on a visit to Nepal to attend the 18th SAARC Summit, being hosted by the Government of Nepal in Kathmandu on 26-27 November 2014.
Although this is my first SAARC Summit, during the last six months, I have interacted extensively with leaders of SAARC countries beginning with their auspicious presence at my swearing in ceremony. Development of close relations with our neighbours is a key priority for my Government.
The 18th SAARC Summit will focus on the theme of “Deeper Regional Integration for Peace and Prosperity”. India has always emphasized the importance of greater regional integration at all levels for the socio-economic development of the South Asian region. We have undertaken several initiatives in this regard on bilateral, sub-regional and regional basis, and will continue to do more. We hope that the Summit will lead to concrete outcomes, particularly in regard to various initiatives on enhancing connectivity that have been under discussion for a long time.
I also look forward to holding bilateral discussions with other South Asian Heads of State and Government on the margins of the SAARC Summit.
This will be my second visit to Nepal within four months, which reflects the importance we attach to our unique and special relations with Nepal. There has been significant progress in the implementation of the decisions taken during my visit to Nepal in August 2014. I look forward to reviewing the progress in our relations with Prime Minister Sushil Koirala and other Nepalese leaders. We also hope to conclude some concrete agreements in the areas of connectivity and development cooperation.
लखपति दीदी - महिला दिवस पर हमें ये जो आज मान सम्मान मिला है, उससे हम बहुत खुश हैं।
प्रधानमंत्री – महिला दिवस, दुनिया भले ही आज महिला दिवस मनाता हो, लेकिन हमारे संस्कारों में और हमारे देश की संस्कृति में मातृ देव भव: से शुरू होता है और हमारे लिए 365 दिन मातृ देवो भव: होता है।
लखपति दीदी - मैं शिवानी महिला मंडल में हम बीड़ वर्क का काम करते हैं, मोतियों का, जो हमारा सौराष्ट्र का कल्चर है सर, हमने 400 से ज्यादा बहनों को तालीम दी है बीड़ वर्क की, 11 बहनों में हम जो तीन-चार बहनें है ना, वो मार्केटिंग का काम संभालते हैं और दो बहनें सब हिसाब-किताब वो करती हैं।
प्रधानमंत्री – यानी मार्केटिंग वाले बाहर जाते हैं?
लखपति दीदी - हां सर, आउटस्टेट में सब जगह।
प्रधानमंत्री - मतलब पूरा हिंदुस्तान घूम लिया है।
लखपति दीदी - हां सर पूरा, मेजोरिटी में कोई सिटी बाकी नहीं रखा सर।
प्रधानमंत्री - और पारुल बहन कितना कमाती है?
लखपति दीदी - पारुल बहन 40 हजार से ज्यादा कमा लेती है सर।
प्रधानमंत्री- मतलब आप लखपति दीदी बन गई हो?
लखपति दीदी - हां सर, लखपति दीदी बन गई हूं, और पैसा भी लगा दिया है लखपति दीदी का, मैं सोचती हूं, कि मेरे साथ अभी हमारी 11 बहनें लखपति बन गई हैं और पूरे गांव की दीदी सब लखपति बन जाए, ऐसा मेरा सपना है,
प्रधानमंत्री – वाह।
लखपति दीदी - कि मैं सबको लखपति दीदी बना दूं।
प्रधानमंत्री – चलिए फिर तो मेरा जो सपना है तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना, तो मुझे लगता है, आप लोग 5 करोड़ को पहुंचा देंगे।
लखपति दीदी – पक्का सर पक्का, प्रॉमिस करा देंगे।
लखपति दीदी- मेरी टीम के अंदर 65 बहनें है, 65 महिला मेरे साथ जुड़ी हैं और उसमें हम जो मिश्री आती है, उससे बने शरबत का उत्पादन करते हैं। हमारा वार्षिक टर्नओवर 25 से 30 लाख तक का है। मेरा खुद का ढाई से तीन लाख तक का मेरा खुद का है। मेरी जो दीदीयां हैं वो दो-ढाई लाख से ऊपर कमाती हैं और, एसएचजी को भी हम हमारी प्रोडक्ट सेल करने को लिए देते हैं, और हमें ऐसा प्लेटफार्म मिला है सर, हम निसहाय औरतों को, जैसे छत पर एक सरसी (सहारा) मिल गई थी, हमें लगा था, कि हम कहां से कहां पहुंच गए। मेरे साथ जो महिलाएं जुड़ी है, उन्होंने भी अपने बच्चे को अच्छी तरह से पढ़ाया है सर, और सबको विकल्प भी हमने दिलवाया है। कई महिलाएं मेरे साथ ऐसे हैं, जो एक्टिवा पर भी मार्केटिंग में जाती है, कोई बैंक का काम करती है, कोई सेलिंग का काम करती है।
प्रधानमंत्री - सब आपकी बहनों को व्हीकल दिलवा दिया?
लखपति दीदी - हां सर, और मैंने खुद से भी एक इको गाड़ी ली है सर।
प्रधानमंत्री – हां।
लखपति दीदी - मैं गाड़ी नहीं चला सकती, तो सर जब भी जाना होता है, तो ड्राइवर को साथ लेकर चलती हूं, सर आज तो हमारी प्रसन्नता और भी बढ़ गई, हमारा एक ख्वाब था, हम तो टीवी पर देखते थे, भीड़ में भी आपको देखने के लिए जाते थे और यहां नजदीक से देख रहे हैं आपको।
प्रधानमंत्री - ये देखिए आपके हर एक स्टॉल पर मैं आया हूं, कभी ना कभी मौका मिला, यानी मैं सीएम हूं या पीएम हूं, मेरे में कोई फर्क नहीं होता है, मैं वैसा ही हूं।
लखपति दीदी - सर आपकी बदौलत, आपके आशीर्वाद से तो हम महिलाएं इतनी कठिनाई के बाद भी यहां उच्च मुकाम तक पहुंचे और लखपति दीदी बन गए हैं सर, और आज मेरे साथ जुड़ी.....
प्रधानमंत्री - अच्छा गांव वाले जानते हैं आप लखपति दीदी हैं?
लखपति दीदी - हा हां सर, सब जानते हैं सर। अभी यहां आने का था तो सबको डर लग रहा था सर, तो हम आपसे गांव की कोई कंप्लेंट करने के लिए यहां आपसे आ रहे हैं, तो वो लोग बोलते थे, कि दीदी जाओ तो कंप्लेंट नहीं करना।
लखपति दीदी - 2023 में, जब आपने मिलेट्स ईयर, इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया, तो हम गांव की जुड़ी हुई हैं, तो हमें पता था कि जो 35 रुपये में हम बाजरा बेच रहे हैं या ज्वार बेच रहे हैं, उसमें हम वैल्यू एडिशन करें, ताकि लोग भी हेल्दी खाएं और हमारा भी बिजनेस हो जाए, तो तीन प्रोडक्ट से हमने तब स्टार्ट किया था, कुकीज था हमारा और खाखरा था, गुजराती का खाखरा आपको पता है।
प्रधानमंत्री - अब खाखरा तो ऑल इंडिया हो गया है।
लखपति दीदी - यस, ऑल इंडिया हो गया है सर।
प्रधानमंत्री - जब ये लोग सुनते हैं, कि मोदी जी लखपति दीदी बनाना चाहता है, तो क्या लगता है लोगों को?
लखपति दीदी - सर, सच्ची बात बोलूं, पहले उनको लगता है कि मतलब ये पॉसिबल है ही नहीं औरतों के लिए, लखपति-लखपति मतलब एक पांच-चार जीरो होते हैं उसके अंदर और वो पुरुषों के जेब में ही अच्छे लगते हैं, लोग ये सोचते हैं, पर मैंने तो ये बोला है सर, कि आज लखपति है दो-चार साल बाद इसी दिन हम सब करोड़पति दीदी के इवेंट में बैठने वाले हैं।
प्रधानमंत्री - वाह।
लखपति दीदी - और ये सपना हम साकार करेंगे। मतलब आपने हमें राह दिखा दी है कि लखपति तक आपने पहुंचा दिया, करोड़पति हम बताएंगे, सर हम करोड़पति बन गए हैं, ये बैनर लगाओ।
लखपति दीदी - मैं एक ड्रोन पायलट हूं, ड्रोन दीदी हूं और अभी मेरी जो कमाई है वो 2 लाख तक पहुंच गई है।
प्रधानमंत्री - मुझे एक बहन मिली थी, वो कह रही थी मुझे तो साइकिल चलाना नहीं आता था, अब मैं ड्रोन चलाती हूं।
लखपति दीदी - हम प्लेन तो नहीं उड़ा सकते, लेकिन ड्रोन तो उड़ा के पायलट तो बन ही गए हैं।
प्रधानमंत्री - पायलट बन गए।
लखपति दीदी - जी, सर मेरे जो देवर हैं, वो सब तो मुझे पायलट कहकर ही बुलाते हैं, मुझे भाभी कहकर नहीं बुलाते।
प्रधानमंत्री – अच्छा, पूरे परिवार में पायलट दीदी हो गई।
लखपति दीदी- पायलट ही बोलते हैं, घर में आएंगे, एंटर होंगे तब भी पायलट, ऐसे ही बुलाएंगे।
प्रधानमंत्री - और गांव वाले भी?
लखपति दीदी - गांव वाले भी दिया गया है।
प्रधानमंत्री - आपने ट्रेनिंग कहां ली?
लखपति दीदी - पुणे, महाराष्ट्र से।
प्रधानमंत्री - पुणे जाकर लिया।
लखपति दीदी - पुणे।
प्रधानमंत्री – तो परिवार वालों ने जाने दिया आपको?
लखपति दीदी - जाने दिया।
प्रधानमंत्री – अच्छा।
लखपति दीदी - मेरा बच्चा छोटा था उसको मैं रख के गई थी, रहेगा कि नहीं रहेगा।
प्रधानमंत्री - आपके बेटे ने ही आपको ड्रोन दीदी बना दिया।
लखपति दीदी - उसका भी ख्वाब है, कि मैं मम्मा तुम ड्रोन के पायलट बन गई हो, मैं प्लेन का पायलट बनूंगा।
प्रधानमंत्री - अरे वाह, तो आज गांव-गांव ड्रोन दीदी की अपनी एक पहचान बन गई है।
लखपति दीदी - सर इसके लिए मैं आपका शुक्रिया करना चाहूंगी, क्योंकि आपकी ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत में आज लखपति दीदी की गिनती में आ गई हूं।
प्रधानमंत्री - आपका घर में भी रूतबा बढ़ गया होगा।
लखपति दीदी - जी।
लखपति दीदी - जब मैंने शुरू किया तो मेरे पास 12 बहनें थीं, अब 75 हो गई हैं।
प्रधानमंत्री - कितना कमाते होंगे सब?
लखपति दीदी - अपने राधा कृष्ण मण्डल की बात करू, तो बहनें embroidery और पशु पालन दोनों करती हैं और 12 महीनों का 9.5-10 लाख कमा लेती हैं।
प्रधानमंत्री – दस लाख रुपया।
लखपति दीदी - हाँ इतना कमाती हैं..
लखपति दीदी - सर, मैंने 2019 में समूह में जुड़ने के बाद, मैंने बड़ौदा स्वरोजगार संस्थान से बैंक सखी की तालीम ली।
प्रधानमंत्री - दिन भर कितना रुपया हाथ में रहता है?
लखपति दीदी - सर, वैसे तो हम एक से डेढ़ लाख तक बैंक में ही सर मैं ज्यादातर करती हूं और मेरे घर पर करती हूं, ऐसे सर।
प्रधानमंत्री – कुछ टेंशन नहीं होता है?
लखपति दीदी - कुछ दिक्कत नहीं सर, एक छोटा सा बैंक लेकर घूमती हूं मैं।
प्रधानमंत्री – हां।
लखपति दीदी - हां सर।
प्रधानमंत्री - तो आपके यहां कितना कारोबार हर महीने का होता होगा बैंक का?
लखपति दीदी - बैंक का सर मेरा महीने का 4 से 5 लाख तक का हो जाता है।
प्रधानमंत्री - तो एक प्रकार से लोगों को अब बैंक पर भरोसा हो रहा है और लोग मानते हैं, आप आए मतलब बैंक आई।
लखपति दीदी - हां सर।
लखपति दीदी - सर, मैंने आपको अपने मन से गुरु माना है। आज मैं जो लखपति दीदी बनी हूँ, ये आपकी प्रेरणा आप दे रहे हो, उसी में से मैं आगे बढ़ पाई हूँ और आज इस स्टेज पर बैठी हूँ। मुझे लग रहा है कि मैं एक सपना देख रही हूँ और हम लखपति दीदी बन गए हैं। हमारा सपना है सर कि हम दूसरी बहनों को भी हमें लखपति बनाने का है, हमें सखी मंडल से आकर हमें जिंदगी में बहुत बदलाव हुआ सर, उसकी एक मैडम आया था Lbsnaa मंसूरी से, राधा बेन रस्तोगी, तो मेरी स्किल देखी और दीदी ने कहा कि आप मंसूरी आएंगे, मैंने हां कर दी और मैं मसूरी गई, वहां पर एक बार मैंने गुजराती नाश्ता पर वहां का 50 किचन स्टाफ है, उसको मैंने ट्रेनिंग दी, अपने गुजराती में कहते सर रोटला, तो वहां पे मैंने बाजरी, ज्वार, सबका मैंने वहां रोटी सिखाई और पर मुझे वहां की एक चीज बहुत अच्छी लगी, सब लोग मुझे ऐसे बुलाते थे रीता बेन गुजरात से नरेंद्र मोदी साहिब के वतन से आए हैं, तो मुझे इतना गौरव होता था कि मैं गुजरात की लेडीज हूं, तो मुझे ऐसा गौरव मिल रहा है, ये मेरे लिए सबसे बड़ा गौरव है।
प्रधानमंत्री - अब आप लोगों ने ऑनलाइन जो बिजनेस के मॉडल होते हैं, उसमें आपको एंटर होना चाहिए, मैं सरकार को भी कहूंगा आपको मदद करें, इसको अपग्रेड करना चाहिए, कि भई हमने इतनी बहनों को जोड़ा, इतनी बहनें कमा रही हैं, ग्रास रूट लेवल पर कमा रही हैं, क्योंकि दुनिया में लोगों को पता चलना चाहिए कि भारत में महिलाएं सिर्फ घर का काम करती हैं, ये जो कल्पना है, ऐसा नहीं है, वो भारत की आर्थिक शक्ति बनी हुई हैं। भारत की आर्थिक स्थिति में बहुत बड़ा रोल अब ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के द्वारा हो रहा है। दूसरा, मैंने देखा है कि हमारी महिलाओं में टेक्नोलॉजी को तुरंत पकड़ती हैं, मेरा एक ड्रोन दीदी में मेरा अनुभव है, जिन दीदी को ड्रोन पायलट बनाने की ट्रेनिंग दी थी, तीन-चार दिन में ही उनको आ जाता था, इतनी तेजी से सीख लेती हैं और प्रैक्टिस भी sincerely करती हैं। हमारे यहां प्राकृतिक रूप से माताओं-बहनों में संघर्ष करने का सामर्थ्य, सृजन करने का सामर्थ्य, संस्कार करने का सामर्थ्य, संपत्ति पैदा करने का सामर्थ्य, यानी इतनी बड़ी ताकत है, जिसका हम कोई हिसाब नहीं लगा सकते। मैं समझता हूं कि यह सामर्थ्य जो है, वो देश को बहुत लाभ करेगा।