প্ৰধানমন্ত্ৰী শ্ৰী নৰেন্দ্ৰ মোদীয়ে আজি প্ৰাক্তন প্ৰধানমন্ত্ৰী চৌধুৰী চৰণ সিঙক তেওঁৰ জন্মবাৰ্ষিকীত স্মৰণ কৰে।

প্ৰধানমন্ত্ৰীয়ে ‘এক্স’ত ‘পোষ্ট’ কৰিছে:

"দৰিদ্ৰ আৰু কৃষকৰ প্ৰকৃত হিতৈষী প্ৰাক্তন প্ৰধানমন্ত্ৰী ভাৰত ৰত্ন চৌধুৰী চৰণ সিংজীৰ জন্ম জয়ন্তীত বিনম্ৰ শ্ৰদ্ধাঞ্জলি জ্ঞাপন কৰিছোঁ। ৰাষ্ট্ৰৰ প্ৰতি তেওঁৰ নিষ্ঠা আৰু সেৱাই সকলোকে অনুপ্ৰাণিত কৰি থাকিব।"

 

 

  • ram Sagar pandey January 12, 2025

    ॐनमः शिवाय 🙏🌹🙏जय कामतानाथ की 🙏🌹🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹जय माँ विन्ध्यवासिनी👏🌹💐🌹🌹🙏🙏🌹🌹जय माता दी 🚩🙏🙏
  • pramod kumar mahto January 12, 2025

    किसान ही देश का अन्नदाता है
  • amar nath pandey January 11, 2025

    Jai ho
  • ram Sagar pandey January 08, 2025

    ॐनमः शिवाय 🙏🌹🙏जय कामतानाथ की 🙏🌹🙏🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹जय माँ विन्ध्यवासिनी👏🌹💐जय श्रीकृष्णा राधे राधे 🌹🙏🏻🌹जय माता दी 🚩🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹
  • MAHESWARI K January 07, 2025

    💄👃
  • Avdhesh Saraswat January 06, 2025

    HAR BAAR MODI SARKAR
  • sanjvani amol rode January 05, 2025

    राम
  • ram Sagar pandey January 04, 2025

    🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹जय माता दी 🚩🙏🙏जय श्रीकृष्णा राधे राधे 🌹🙏🏻🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹जय श्रीराम 🙏💐🌹जय माँ विन्ध्यवासिनी👏🌹💐🌹🌹🙏🙏🌹🌹जय माता दी 🚩🙏🙏🌹🙏🏻🌹जय श्रीराम🙏💐🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹
  • Sanjay Aggarwal January 03, 2025

    05
  • Sanjay Aggarwal January 03, 2025

    04
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140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day

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India adds record renewable energy capacity of about 30 GW in 2024

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Text of PM’s speech at Viksit Bharat Young Leaders Dialogue 2025 at Bharat Mandapam, New Delhi
January 12, 2025
QuotePM releases a compilation of best essays written by participants on the ten themes
QuoteIndia's Yuva Shakti is driving remarkable transformations, the Viksit Bharat Young Leaders Dialogue serves as an inspiring platform, uniting the energy and innovative spirit of our youth to shape a developed India: PM
QuoteThe strength of India's Yuva Shakti will make India a developed nation: PM
QuoteIndia is accomplishing its goals in numerous sectors well ahead of time: PM
QuoteAchieving ambitious goals requires the active participation and collective effort of every citizen of the nation: PM
QuoteThe scope of ideas of the youth of India is immense: PM
QuoteA developed India will be one that is empowered economically, strategically, socially and culturally: PM
QuoteThe youth power of India will definitely make the dream of Viksit Bharat come true: PM

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री मनसुख मांडविया जी, धर्मेंद्र प्रधान जी, जयंत चौधरी जी, रक्षा खडसे जी, संसद के सदस्यगण, अन्य महानुभाव औऱ देश के कोने-कोने से यहां उपस्थित मेरे नौजवान साथियों!

भारत की युवाशक्ति की ऊर्जा से आज ये भारत मंडपम भी ऊर्जा से भर गया है, ऊर्जावान हो गया है। आज पूरा देश, स्वामी विवेकानंद जी को याद कर रहा है, स्वामी जी को प्रणाम कर रहा है। स्वामी विवेकानंद को देश के नौजवानों पर बहुत भरोसा था। स्वामी जी कहते थे – मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है, नई पीढ़ी में है। स्वामी जी कहते थे मेरे कार्यकर्ता नौजवान पीढ़ी से आएंगे, सिंहों की भांति वे हर समस्या का समाधान निकालेंगे। और जैसे विवेकानंद जी का आप पर भरोसा था, मेरा विवेकानंद जी पर भरोसा है, मुझे उनकी कही हर बात पर भरोसा है। उन्होंने भारत के नौजवानों के लिए जो सोचा है, जो कहा है, मेरा उसमें अंधविश्वास है। वाकई, आज अगर स्वामी विवेकानंद जी, सशरीर हमारे बीच होते, तो 21वीं सदी के युवा की इस जागृत शक्ति को देखकर, आपके सक्रिय प्रयासों को देखकर, वो भारत में एक नया विश्वास भर देते, नई ऊर्जा भर देते और नए सपनों के बीज बो देते।

साथियों,

आप लोग ये भारत मंडपम में है, समय का चक्र देखिए, इसी भारत मंडपम में दुनिया के दिग्गज इकट्ठे हुए थे, और वे दुनिया का भविष्य क्या हो, उस पर चर्चा कर रहे थे। ये मेरा सौभाग्य है, उसी भारत मंडपम में मेरे देश के नौजवान भारत के अगले 25 साल कैसे होंगे, इसका रोडमैप बना रहे हैं।

साथियों,

कुछ महीने पहले मैं अपने निवास पर कुछ युवा खिलाड़ियों से मिला था, और मैं उनसे गप्पे-सप्पे कर रहा था, बातें कर रहा था, तो एक खिलाड़ी ने खड़े होकर के कहा- कि मोदी जी दुनिया के लिए आप भले प्रधानमंत्री होंगे, पीएम होंगे, लेकिन हमारे लिए तो पीएम का मतलब है- परम मित्र।

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साथियों,

मेरे लिए मेरे देश के नौजवानों के साथ मित्रता का वो ही नाता है, वो ही रिश्ता है। और मित्रता की सबसे मजबूत कड़ी होती है- विश्वास। मुझे भी आप पर बहुत विश्वास है। इसी विश्वास ने मुझे, मेरा युवा भारत यानि MYBharat के गठन की प्रेरणा दी। इसी विश्वास ने विकसित भारत यंग लीडर डायलॉग का आधार बनाया। मेरा ये विश्वास कहता है- भारत की युवाशक्ति का सामर्थ्य, भारत को जल्द से जल्द विकसित राष्ट्र बनाएगा।

साथियों,

आंकड़ों का जो जोड़-भाग करते रहते हैं, उनको लगता होगा, ये सब बहुत मुश्किल है, लेकिन मेरी आत्मा कहती है, आप सबके भरोसे से कहती हैं कि लक्ष्य बड़ा जरूर है, लेकिन असंभव नहीं है। जब करोड़ों युवाओं की भुजाएं, विकास रथ के पहिए को आगे बढ़ा रही हैं, तो हम जरूर लक्ष्य पर पहुंचकर रहेंगे।

साथियों,

कहते हैं इतिहास हमें भी सीख देता है, हमें प्रेरणा भी देता है। दुनिया में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जब किसी देश ने, किसी समुदाय ने, समूह ने बड़े सपने, बड़े संकल्पों के साथ एक दिशा में चलना शुरू किया, मिल-जुलकर के चलना शुरू किया और कभी भी लक्ष्य को भूले बिना चलते रहना तय किया और इतिहास गवाह है कि वो सपनों को सिद्ध कर करके ही रहे, उन्होंने हासिल करके दिखाया। आप में से बहुत लोग जानते होंगे, 1930 के दशक में, यानी करीब 100 साल पहले अमेरिका, भीषण आर्थिक संकट में फंस गया था। तब अमेरिका की जनता ने ठाना कि हमें इससे बाहर निकलना है, और तेज गति से आगे बढ़ना है। उन्होंने न्यू डील उसका रास्ता चुना, और अमेरिका ना सिर्फ उस संकट से निकला, बल्कि उसने विकास की रफ्तार को कई गुना तेज करके दिखाया, ज्यादा समय नहीं 100 साल। एक समय था, जब सिंगापुर बेहाल था, एक मछुआरों को छोटा सा गांव हुआ करता था। वहां जीवन की मूल सुविधाओं तक का संकट था। सिंगापुर को सही नेतृत्व मिला, और जनता के साथ मिलकर के सबने तय किया कि हम अपने देश को विकसित राष्ट्र बनाएंगे। वो नियमों से चले, अनुशासन से चले, सामूहिकता के भाव से चले, और कुछ ही सालों में सिंगापुर, एक ग्लोबल फाइनेंशियल और ट्रेड हब बनकर छा गया। दुनिया में ऐसे बहुत सारे देश हैं, घटनाएं हैं, समाज है, समूह है। हमारे देश में भी अनेक ऐसे उदाहरण रहे हैं, भारत के लोगों ने आज़ादी का संकल्प लिया। अंग्रेज सल्तनत की ताकत क्या नहीं थी, उनके पास क्या नहीं था, लेकिन देश उठ खड़ा हुआ, आजादी के सपने को जीने लगा, आजादी प्राप्त करने के लिए जूझने लगा, जीवन आहुत करने के लिए निकल पड़ा और भारत के लोगों ने आजादी हासिल करके दिखाई।

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आजादी के बाद देश में अनाज के संकट का समय था। देश के किसानों ने संकल्प लिया और भारत को खाद्यान्न के संकट से मुक्त करके दिखाया। जब आपका जन्म भी नहीं हुआ होगा, तो PL 480 उस नाम से गेहूं आया करते थे, और गेहूं पहुंचाना यही बड़ा काम हुआ करता था। हम उस संकट से निकल गए। बड़े सपने देखना, बड़े संकल्प लेना और उन्हें तय समय में पूरा करना असंभव नहीं है। किसी भी देश को आगे बढ़ने के लिए बड़े लक्ष्य तय करने ही होते हैं। जो ये सोचकर के बैठे रहते हैं, अरे छोड़ो यार, होता रहता है, अरे चलो भाई ऐसे ही चलता रहेगा, अरे क्या जरूरत है यार, लोग कोई भूखे थोड़े मरते हैं, चलता है ना, चलने दो। अरे कुछ बदलने की क्या जरूरत है, काहे को सर खपाते हो यार। जो लोग इस भावना में दिखते हैं ना, वो चलते-फिरते हैं, लेकिन मरी हुई लाश से ज्यादा कुछ नहीं होते है वो। बिना लक्ष्य के जीवन नहीं हो सकता है दोस्तों। कभी-कभी तो मुझे लगता है अगर जीवन की कोई जड़ी-बूटी होती है, तो वो लक्ष्य होता है, जो जीवन जीने की ताकत भी देता है। जब सामने एक बड़ा लक्ष्य होता है, तो हम पूरी ताकत उसको पाने के लिए लगा देते हैं। और आज का भारत, यही कर रहा है।

साथियों,

बीते 10 वर्षों में भी हमने संकल्प से सिद्धि के कितने ही उदाहरण देखे हैं। हम भारतीयों ने तय किया कि हमें खुले में शौच से मुक्त होना है। सिर्फ 60 महीने में ही 60 करोड़ देशवासियों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त कर दिया। भारत ने हर परिवार को बैंक अकाउंट से जोड़ने का लक्ष्य रखा। आज भारत का करीब-करीब हर परिवार बैंकिंग सेवा से जुड़ चुका है। भारत ने गरीब महिलाओं की रसोई को धुएं से मुक्त करने का संकल्प लिया। हमने 10 करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन देकर इस संकल्प को भी सिद्ध किया। आज कितने ही सेक्टर्स में भारत अपने लक्ष्यों को तय समय से भी पहले हासिल करके दिखा रहा है। आपको कोरोना का समय याद होगा, दुनिया वैक्सीन के लिए परेशान थी, कहा जा रहा था कि कोरोना की वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाएंगे, लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने समय से पहले वैक्सीन बनाकर दिखा दी। कुछ लोग कहते थे, भारत में सबको कोरोना वैक्सीन लगने में पता नहीं, 3 साल, 4 साल, 5 साल लग जाएंगे, लेकिन हमने दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चलाया और रिकॉर्ड समय में सबको वैक्सीन लगाकर दिखा दिया। आज दुनिया भी भारत की ये गति देख रही है। हमने ग्रीन एनर्जी को लेकर जी-20 में एक बड़ा कमिटमेंट किया था। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बना जिसने पेरिस कमिटमेंट को पूरा किया, और वो भी तय समय से कितने साल पहले? 9 साल पहले। अब भारत ने 2030 तक पेट्रोल में 20 परसेंट इथेनॉल ब्लेंडिंग का टारगेट रखा है। इस टारगेट को भी हम 2030 के पहले, शायद आने वाले बहुत कम समय में उसको हासिल करने वाले हैं। भारत की ऐसी हर सफलता, संकल्प से सिद्धि का ऐसा हर उदाहरण, हम सबके लिए प्रेरणा है, ये सफलता हमें विकसित भारत के लक्ष्य के प्रति हमारी कमिटमेंट और लक्ष्य के प्रति हमारी करीब जाने की गति तेज कर देती है।

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साथियों,

इस विकास यात्रा में हमें एक बात कभी नहीं भूलनी है, हमें याद रखना है, बड़े लक्ष्य रखना और उन्हें हासिल करना, ये सिर्फ किसी एक सरकारी मशीनरी का काम नहीं है। बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राष्ट्र के हर एक नागरिक का जुटना बहुत जरूरी है। और इसके लिए हमें मंथन करना होता है, दिशा तय करनी होती है, और जैसा आज सुबह जब मैं आपकी प्रेजेंटेशन देख रहा था, तो बीच-बीच में जब बातें करते हुए मैंने एक बार बताया था, कि जितने लाखों लोग इस पूरी प्रक्रिया में जुड़े हैं, मतलब विकसित भारत की ओनरशिप ये मोदी की नहीं, आपकी भी बन गई है। विकसित भारत: यंग लीडर्स डायलॉग, मंथन की इस प्रक्रिया का ही एक उत्तम उदाहरण है। ये ऐसा प्रयास है, जिसे आप नौजवानों ने नेतृत्व दिया है। जिन युवाओं ने क्विज कंपीटिशन में हिस्सा लिया, जिन्होंने essay कंपीटिशन में हिस्सा लिया, जो अभी इस कार्यक्रम से जुड़े हैं, आप सभी ने एक ओनरशिप ली, विकसित भारत के लक्ष्य की ओनरशिप। इसकी झलक उस essay बुक में भी दिखती है, जिसे अभी यहां लॉन्च किया गया है। इसकी झलक अभी मैंने जो 10 प्रजेंटेशन देखे, उसमें भी नजर आती है। ये प्रजेंटेशन वाकई अद्भुत हैं। मन गर्व से भर जाता है कि मेरा देश का नौजवान सोचने में कितना तेज गति से आगे जा रहा है। इससे पता चलता है कि देश के समक्ष मौजूद चुनौतियों को समझने का आपका दायरा कितना व्यापक है। आपके सॉल्यूशंस में ग्राउंड रिएलिटी है, ग्राउंड एक्सपीरिएंस है, आपकी हर बात में मिट्टी की महक है। भारत के युवा एसी के बंद कमरों में बैठकर नहीं सोच रहे, भारत के युवा की सोच का विस्तार आसमान से भी ऊंचा है। मैं कल रात को आप में से कुछ लोगों ने जो मुझे वीडियोज भेजे होंगे, ऐसे ही मैं देख रहा था। जिनके साथ आप सीधी चर्चा में शामिल हुए, उन अलग-अलग experts की आपके बारे में राय सुन रहा हूं, मंत्रियों से बातचीत में, पॉलिसी से जुड़े लोगों से बातचीत में, विकसित भारत के प्रति आपकी इच्छाशक्ति मैं उन चीजों में महसूस करता था। यंग लीडर डायलॉग की इस पूरी प्रक्रिया से मंथन के बाद जो सुझाव निकले, भारत के युवाओं के जो आइडियाज, अब देश की नीतियों का हिस्सा बनेंगे, विकसित भारत को दिशा देंगे। मैं देश के युवाओं को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

मैंने लाल किले से एक लाख नए युवाओं को राजनीति में लाने की बात कही है। अपने सुझावों को लागू करने के लिए राजनीति भी बहुत शानदार माध्यम हो सकती है। मुझे विश्वास है, आप में से ही अनेकों नौजवान राजनीति में भागीदारी के लिए भी आगे आएंगे।

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साथियों,

आज आपसे बात करते हुए, मैं विकसित भारत की एक भव्य तस्वीर भी देख रहा हूं। विकसित भारत में हम क्या देखना चाहते हैं, कैसा भारत देखना चाहते हैं। विकसित भारत यानि जो आर्थिक, सामरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त होगा। जहां इकोनॉमी भी बुलंद होगी और इकोलॉजी भी समृद्ध होगी। जहां अच्छी पढ़ाई, अच्छी कमाई के ज्यादा से ज्यादा अवसर होंगे, जहां दुनिया की सबसे बड़ी युवा स्किल्ड मैनपावर होगी। जहां युवाओं के पास अपने सपने पूरा करने के लिए खुला आसमान होगा।

लेकिन साथियों,

क्या हम सिर्फ बोलने से ही विकसित हो जाएंगे? क्या लगता है? वरना शुरू कर देंगे घर जाके माला विकसित भारत, विकसित भारत, विकसित भारत। जब हमारे हर फैसले की कसौटी एक ही होगी, हर फैसले की कसौटी, क्या- विकसित भारत। जब हमारे हर कदम की दिशा एक ही होगी, क्या- विकसित भारत, क्या- विकसित भारत। जब हमारी नीति की भावना एक ही होगी, क्या- विकसित भारत। तो दुनिया की कोई भी शक्ति हमें विकसित होने से नहीं रोक पाएगी। हर देश के इतिहास में एक समय आता है, जब वो quantum jump ले सकता है। भारत के लिए ये मौका अभी है। और मैंने बहुत पहले, लाल किले से मेरे दिल की एक आवाज निकली थी, और मैंने कहा था- यही समय है, सही समय है। आज दुनिया के अनेक बड़े देशों में सीनियर सिटिजन्स की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। और आने वाले अनेक दशकों तक भारत, दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। बड़ी-बड़ी एजेंसियां कह रही हैं कि भारत की जीडीपी में बड़ी बढ़ोतरी युवाशक्ति ही सुनिश्चित करेगा। इसी युवाशक्ति पर देश के महान मनीषियों ने इतना अगाध विश्वास किया है। महर्षि अरबिंदो ने कहा था- भविष्य का सामर्थ्य, आज के नौजवानों के हाथों में है, गुरुदेव टैगोर ने कहा था- युवाशक्ति ज़रूर सपने देखे और उन्हें पूरा करने के लिए जीवन खपा दे। होमी जहांगीर भाभा कहते थे- युवाओं को नए-नए प्रयोग करने चाहिए, क्योंकि युवा हाथों से ही इनोवेशन होता है। आज आप देखिए, दुनिया की कितनी ही बड़ी कंपनियां, उसको भारत के युवा ही चला रहे हैं। भारतीय युवाओं के सामर्थ्य की पूरी दुनिया मुरीद है। हमारे सामने 25 साल का Golden Period है, अमृतकाल है, और मैं पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरा हूं, भारत की युवाशक्ति विकसित भारत का सपना जरूर साकार करेगी। सिर्फ 10 साल में आप युवाओं ने भारत को स्टार्ट अप की दुनिया में टॉप तीन देशों में लाकर के खड़ा कर दिया। बीते 10 साल में आप युवाओं ने भारत को मैन्यूफैक्चरिंग में इतना आगे पहुंचा दिया। सिर्फ 10 साल में आप युवाओं ने डिजिटल इंडिया का परचम पूरी दुनिया में लहरा दिया। सिर्फ 10 साल में आप युवाओं ने भारत को स्पोर्ट्स की दुनिया में कहां से कहां पहुंचा दिया। मेरे भारत का युवा, जब हर असंभव को संभव कर रहा है, तो विकसित भारत भी जरूर संभव कर दिखाएगा।

साथियों,

हमारी सरकार भी आज के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए पूरी शक्ति से जुटी है। आज भारत में हर सप्ताह एक नई यूनिवर्सिटी बन रही है, आज भारत में हर दिन एक नई ITI की स्थापना हो रही है। आज भारत में हर तीसरे दिन एक अटल टिंकरिंग लैब खोली जा रही है। आज भारत में हर दिन दो नए कॉलेज बन रहे हैं। आज देश में 23 IITs हैं, सिर्फ एक दशक में ट्रिपल आईटी की संख्या 9 से बढ़कर 25 हो चुकी है, IIMs की संख्या 13 से बढ़कर 21 हो चुकी है। 10 साल में एम्स की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है, 10 साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी करीब-करीब दोगुनी हो गई है। आज हमारे स्कूल हों, कॉलेज हों, यूनिवर्सिटी हों, क्वांटिटी हो या फिर क्वालिटी, हर स्तर पर शानदार परिणाम दिख रहा है। साल 2014 तक भारत के केवल Nine, केवल Nine हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स QS रैंकिंग में आते थे। आज ये संख्या 46 है। भारत की शिक्षा संस्थानों का बढ़ता हुआ ये सामर्थ्य, विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है।

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साथियों,

कुछ लोगों को लग सकता है कि 2047 तो अभी बहुत दूर है, इसके लिए अभी क्या काम करना, लेकिन उस सोच से भी हमें बाहर निकलना है। विकसित भारत की इस यात्रा में हमें हर रोज नये लक्ष्य बनाने हैं, उसे प्राप्त करना है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करेगा। बीते 10 वर्षों में देश ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। जिस रफ्तार से हम चल रहे हैं, तो वो दिन भी दूर नहीं है, जब पूरा भारत गरीबी से मुक्त होगा। इस दशक के अंत तक भारत ने 500 गीगावॉट रीन्युएबल एनर्जी कैपेसिटी पैदा करने का लक्ष्य रखा है। हमारी रेलवे, नेट जीरो कार्बन एमिटर प्राप्त करने की दिशा में 2030 तक अचीव करना है।

साथियों,

हमारे सामने एक बहुत बड़ा लक्ष्य अगले दशक में ओलंपिक्स के आयोजन का भी है। इसके लिए देश, जी जान से जुटा हुआ है। स्पेस पावर के रूप में भी भारत अपने कदम तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है। हमें 2035 तक स्पेस में अपना स्टेशन स्थापित करना है। दुनिया ने चंद्रयान की सफलता देखी। अब गगनयान की तैयारी ज़ोरों पर है। लेकिन हमें उससे भी आगे का सोचना है, हमें अपने चंद्रयान पर सवार करके किसी भारतीय को चांद पर लैंड करवाना है। ऐसे अनेक लक्ष्यों को पाते हुए ही हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे।

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साथियों,

जब हम बढ़ती हुई इकोनॉमी के आंकड़े की बात करते हैं, तो कुछ लोग सोचते हैं, इससे हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। सच्चाई ये है कि जब इकोनॉमी बढ़ती है, तो जीवन के हर स्तर पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस सदी के पहले दशक में भारत एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बना, मैं 21st सेंचुरी के फर्स्ट टेन्योर की बात कर रहा हूं। तब इकोनॉमी की साइज छोटी थी, इसलिए तब भारत का खेती का बजट कुछ हजार करोड़ रुपए था। भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर बजट एक लाख करोड़ रुपए से भी कम था। और उस समय देश की क्या स्थिति थी? उस समय ज्यादातर गांव सड़कों से वंचित थे, बिजली से वंचित थे, नेशनल हाईवे और रेलवे की स्थिति बहुत खराब थी। बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से भारत का बहुत बड़ा हिस्सा वंचित था।

साथियों,

इसके कुछ समय बाद भारत दो ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बना। तब भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर बजट 2 लाख करोड़ रुपए से भी कम था। लेकिन रोड, रेल, एयरपोर्ट, नहरें, गरीबों के घर, स्कूल, अस्पताल, ये सब पहले के मुकाबले कुछ ज्यादा होने लगे। फिर इसके बाद भारत तेजी से तीन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बना, नतीजा ये हुआ कि एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी हो गई, देश में वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेने चलने लगी, बुलेट ट्रेन का सपना जमीन पर उतरने लगा। भारत ने दुनिया में सबसे तेज़ गति से 5G का रोल-आउट किया। देश की हज़ारों ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचने लगा। 3 लाख से अधिक गांवों तक सड़कें पहुंच गईं, नौजवानों को 23 लाख करोड़ रुपए का बिना गारंटी वाला मुद्रा लोन दिया। मुफ्त इलाज देने की दुनिया की सबसे बड़ी योजना आयुष्मान भारत शुरु की गई। किसानों के बैंक खाते में हर वर्ष हजारों करोड़ रुपए सीधे जमा करने की योजना शुरू हुई। गरीबों के लिए 4 करोड़ पक्के घर बनाए गए। यानि अर्थव्यवस्था जितनी बड़ी होती गई, उतना ही ज्यादा विकास के कार्यों ने गति पकड़ी, उतने ही ज्यादा अवसर बनने लगे। हर सेक्टर में, समाज के हर वर्ग, उसके लिए खर्च करने की देश की क्षमता उतनी ही बढ़ी।

साथियों,

आज भारत करीब-करीब 4 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी है। इससे भारत का सामर्थ्य भी कई गुणा बढ़ गया है। 2014 में जितना इंफ्रास्ट्रक्चर का पूरा बजट था, जितने पैसे में रेल-रोड-एय़रपोर्ट सब बनाए जाते थे, उससे कहीं अधिक पैसे आज भारत सिर्फ रेलवे पर खर्च कर रहा है। आज भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर बजट, 10 साल पहले की तुलना में करीब 6 गुणा अधिक है, 11 लाख करोड़ से ज्यादा है। और इसका परिणाम आज आप भारत के बदलते हुए लैंडस्केप में देख रहे हैं। ये भारत मंडपम भी इसका एक खूबसूरत उदाहरण है। आप में से कुछ लोग पहले अगर यहां प्रगति मैदान में आए हो, तो मेले लगते थे बीच में, और देश भर के लोग यहां आते थे, टेंट बनाकर के काम चलता था, आज ये सब संभव हुआ।

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साथियों,

अब हम यहां से बहुत तेज़ गति से 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के पड़ाव की तरफ बढ़ रहे हैं। आप सोचिए, जब हम 5 ट्रिलियन तक पहुंचेगे, तो विकास की स्केल कितनी बड़ी होगी, सुविधाओं का विस्तार कितना ज्यादा होगा। भारत अब इतने पर ही नहीं रुकने वाला। अगले दशक की समाप्ति होते-होते भारत 10 ट्रिलियन डॉलर के पड़ाव को भी पार कर जाएगा। आप कल्पना कीजिए, इससे बढ़ती हुई इकोनॉमी में, जब आपका करियर आगे बढ़ेगा, तो कितने सारे अवसर आपके लिए होंगे। आप जरा कल्पना कीजिए, 2047 में आप किस उम्र के होंगे, आप अपने परिवार की किन व्यवस्थाओं की चिंता में होंगे। आप कल्पना कीजिए, 2047 में जब आप 40-50 के आसपास होंगे, जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर होंगे, और देश विकसित हुआ होगा, तो उसका सबसे ज्यादा फायदा वो किसको मिलेगा? किसको मिलेगा? आज जो नौजवान है सर्वाधिक फायदा उनको ही मिलने वाला है। और इसलिए मैं आज आपको पूरे विश्वास से कह रहा हूं, आपकी पीढ़ी ना सिर्फ देश के इतिहास का सबसे बड़ा परिवर्तन करेगी, बल्कि उस परिवर्तन की सबसे बड़ी लाभार्थी भी होगी। बस इस यात्रा में हमें एक जरूरी बात याद रखनी है। हमें कंफर्ट जोन की आदत से बचना है। ये स्थिति बड़ी खतरनाक होती है। आगे बढ़ने के लिए कंफर्ट जोन से बाहर आकर रिस्क उठाना जरूरी है। इस यंग लीडर्स डायलॉग में भी युवा अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकले, तभी यहां पर भी पहुंचे। यही जीवन मंत्र आपको सफलता की नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

साथियों,

भारत के भविष्य का रोडमैप तय करने में, आज का ये आयोजन, विकसित भारत, यंग लीडर्स डायलॉग बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। जिस ऊर्जा, जिस उत्साह, जिस लगन के साथ आपने इस संकल्प को अपनाया है, वो वाकई अद्भुत है। विकसित भारत के लिए आपके विचार, निश्चित रूप से बहुमूल्य हैं, उत्तम हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं। अब आपको इन विचारों को देश के कोने-कोने तक लेकर के जाना है। देश के हर जिले में, हर गांव-गली-मोहल्ले में, विकसित भारत के इन विचारों से दूसरे नौजवानों को भी जोड़ना है, इस स्पिरिट को लेकर जाना है। हम 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाकर रहेंगे। इसी संकल्प के साथ हमें जीना है, हमें खुद को खपा देना है।

साथियों,

एक बार फिर, भारत के सभी युवाओं को राष्ट्रीय युवा दिवस की मैं बहुत-बहुत शुभकानाएं देता हूं। और इस संकल्प को सिद्धि में बदलने के लिए, आप सबके अविरत पुरुषार्थ के लिए, सिद्धि प्राप्त करने तक चैन से नहीं बैठेंगे, इस महत्वपूर्ण शपथ को लेकर के आप आगे बढ़े, मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

वंदे मातरम। वंदे मातरम।

बहुत-बहुत धन्यवाद।