PMs remarks at the closing function of the Manipur Sangai Festival

Published By : Admin | November 30, 2014 | 18:04 IST

In his remarks at the closing function of the Manipur Sangai Festival in Imphal today, the Prime Minister said sports was the fulcrum of tremendous economic activity. Several allied disciplines such as nutrition and physiotherapy were associated with sports, and this could boost employment prospects for the youth of Manipur. 

sangai-new-inner-1

The Prime Minister made an impassioned plea to free the youth of the state from the menace of drugs. He said the youth of this state, that has the potential to inspire the entire nation through excellence in sports, should not fall prey to drugs. 

On the subject of employment, the Prime Minister said the entire northeast region had the potential to emerge as a hub for call centres. 

sangai new inner 2

The Prime Minister referred to the requests made by the Chief Minister for improving infrastructure such as roads and hospitals. He said he was happy that the Chief Minister looked forward to this Union Government delivering infrastructure. He said Rs. 60,000 crore had been earmarked in the Union Budget this year for infrastructure in the North-East. He said he would look into each of the requests made and see what could be done about them. He said the Union Government wishes to take the entire Northeast region to new heights of development. The Prime Minister also said that during his recent visit to Myanmar, a lot of attention had been given to improving connectivity between Imphal and Southeast Asia. He said a lot of initiatives had been taken for infrastructure, and the results of these initiatives would be visible in the coming days. 

SANGAI pm address 2 copy

The Prime Minister said that by participating in the closing function of the Manipur Sangai Festival, he wants to give a message to the rest of the country about the immense tourism potential of the state. He said tourism and infrastructure went hand in hand, and tourism was a big generator of employment. 

The Prime Minister said he wanted youth from the Northeast to be recruited in the Delhi Police. He also referred to a proposal made by him when he was Chief Minister of Gujarat, for 200 women police personnel from each of the Northeast states to be deployed in Gujarat for 2 years. He said such steps could boost national integration. 

Text of Prime Minister Shri Narendra Modi’s Speech at the closing function of the Manipur Sangai Festival

अभी मुख्यमंत्री जी बहुत सारे विषयों की चर्चा कर रहे थे। रोड नहीं हैं, अस्पताल नहीं हैं, फिल्म डिवीज़न का कुछ नहीं है। ये जब सारी बातें बता रहे थे, तो मुझे मन में बड़ा संतोष हो रहा था कि कम से कम इस मुख्यमंत्री को भरोसा है कि ये सरकार तो कुछ करेगी। और अगर मुख्यमंत्री का मुझ पर इतना भरोसा हो तो फिर मेरा भी मन करता है कि कुछ करना चाहिए। 

इन्होंने जो पोरबंदर सिल्चर रोड की बात कही। जब अटल जी की सरकार थी तो पोरबंदर में उस रोड के प्रारंभ का शिलान्यास मैंने ही किया था, मुख्यमंत्री के नाते। हो सकता है वैसा उद्घाटन करने के लिए मुझे ही यहां आना पड़ेगा। लेकिन, जितनी बातें मुख्यमंत्री जी ने बताई हैं, बहुत महत्वपूर्ण हैं और हम भी चाहते हैं कि पूरा North East ये हमारा अष्टलक्ष्मी का प्रदेश, विकास की नई ऊंचाईयों को पार करे और इसलिए इस बजट में North East के करीब 60,000 करोड़ रूपए से ज्यादा बजट, इस बजट में हमने रखा था क्योंकि हम चाहते हैं कि यहां infrastructure पर बल दें। 

अभी मैं म्यांमार गया तो म्यांमार में जो हमारी bilateral बातचीत हुई, वहां की सरकार के साथ, उसमें अधिकतम चर्चा, इंफाल के साथ कैसे जुड़ना, उसी की हुई है। रोड connectivity हो, air connectivity हो, i-ways का लाभ मिले और म्यांमार सरकार भी सकारात्मक रूप से भारत के साथ infrastructure के काम में, इस इलाके के साथ जुड़ने में बहुत महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। आने वाले दिनों में इसका परिणाम आपको ज़रूर नज़र आएगा। 

आज संगई festival में मुझे आने का इधर सौभाग्य मिला। हमारे देश में tourism के विकास के लिए बहुत संभावना है। विश्व के अंदर किसी देश में कोई tourist जाए और पूरा उस देश में उसको जितना देखने को मिले, जानने को मिले, उससे ज्यादा tourist को हमारे यहां एक एक state में मिल सकता है। एक राज्य में ही महीने भर वो चीज़े देख सकता है, गुन सकता, जान सकता है। और हर राज्य की विशेषता अलग है। यानी कभी-कभी एक tourist अगर हर वर्ष यहां आता है और हर वर्ष एक महीना बिताता है, तो भी एक जनम के अंदर पूरा हिंदुस्तान नहीं देख पाएगा, इतनी विविधताओं से भरा ये हमारा देश है। 

North-East में tourism की बहुत संभावनाएं हैं, मणिपुर में अनेक संभावनाएं हैं। अभी मुख्यमंत्री जी ने याद कराया था पोरबंदर और मैं गुजरात का हूं, याद कराया था। तो गुजरात में द्वारका भी है। जहां द्वारका है वहां कृष्ण हैं। और जहां मणिपुर है, वहां भी कृष्ण हैं। अभी मैंने कृष्ण को जिस रूप में यहां देखा, तो मैं उसी माहौल में पैदा हुआ, पला-बढ़ा हूं तो मुझे तो मणिपुर अपनापन सा महसूस होता है। 

दुनिया में 3 ट्रिलियन डालर की tourism business की संभावना नज़र आ रही है। दुनिया में सबसे तेज़ गति से अगर किसी क्षेत्र का विकास हो रहा है, तो tourism का हो रहा है। कुछ स्थानों पर 40 परसेंट ग्रोथ है tourism की। भारत के पास दूनिया को देने के लिए बहुत कुछ है, दिखाने के लिए बहुत कुछ है, उसको प्रभावित करने के लिए बहुत कुछ है, प्रेरित करने के लिए बहुत कुछ है। लेकिन ये सारा हमारा क्षेत्र untapped पढ़ा हुआ है। हमारी कोशिश है कि भारत की जो विरासत है, विरासत के माध्यम से हम दूनिया को tourism के क्षेत्र में आकर्षित करें।

अब मणिपुर, जिसने पोलो को जन्म दिया! कल आपका यहां पोलो का कार्यक्रम था, मैंने सुना यहां 8 देश के लोग उसमें थे। अब ये, ये आपकी विरासत है। ये दुनिया को कैसे पता चले, दुनिया उसे देखने कैसे आए? ये खेल यहाँ प्रारंभ हुआ, वो क्या था, दुनिया जाने तो! इसलिए मणिपुर का जो सामर्थ है, उस सामर्थ को देश भी जाने, दुनिया भी जाने। और उसमें मैं आपके साथ कंधे से कंधा मिला करके काम करना चाहता हूं। 

मुझे अभी यहाँ के एचआरडी के विभाग के लोग मिले थे, तो मैंने उनसे कहा कि हिंदुस्तान में इतनी universities हैं, क्या हर university से साल में एक बार सौ नौजवान, ज्यादा नहीं कह रहा, सौ नौजवान North East में tourist के नाते जा सकते हैं क्या? आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर हिंदुस्तान की एक university के सौ युवक अगर यहां पर tourist के नाते आएं, North East के इन इलाकों में जाएं, सिर्फ university के स्टूडेंट के कारण यहां का tourism इतना बढ़ सकता है कि जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते। 

उन्होंने इस दिशा में काम शुरू किया है, आने वाले दिनों में नज़र आएगा। यहां पर विविधता इतनी है और मणिपुर तो एक प्रकार से पूरे North East की सांस्कृतिक राजधानी के जैसा है ये प्रदेश। क्या नहीं है आपके पास! नृत्य है, नाट्य है, गीत है, संगीत है, कास्ट्यूम हैं, क्या नहीं है! यानी एक प्रकार से कला की अप्रतिम विरासत की यह धरती है। उस धरती को दुनिया देखे। मेरा आज इस संगई festival से जुड़ने के पीछे, देश को मुझे एक संदेश देना है, कि एक जगह है जहां प्रधानमंत्री जाने को लालयित है, आप भी जाइए। 

कभी-कभी लोग सोचते हैं कि infrastructure होगा तो tourist आएंगे। कोई कहता है कि tourist आएंगे तो infrastructure होगा। दानों बातों में वजन है। लोग आना शुरू करेंगे तो व्यवस्थाएँ विकसित होने लगेंगीं। व्यवस्थाएं विकसित होने लगेंगी, तो लोग आने वाले बढ़ते जाएंगे। और धीरे-धीरे समाज के अंदर अपनेआप एक ताकत होती है वो progressively इन चीज़ों का develop करते हैं, हमने थोड़ा बस friendly environment create करना होता है। 

अगर उचित connectivity मिल जाए तो यहां टूरिस्टों का तांता लग रहेगा। मुझे विश्वास है कि tourism ऐसा क्षेत्र है जो कम से कम पूंजी से ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोज़गार देता है। बहुत पूंजी नहीं लगानी पड़ती। Tourism ऐसा है- चना-सेव बेचने वाला भी कमाता है, पापड़ बेचने वाला भी कमाता है, आटो रिक्शा वाला भी कमाएगा, फूल पौधे बेचने वाला भी कमाएगा, सब्जी बेचने वाला भी कमाएगा, टैक्सी वाला भी कमाएगा, छोटे-छोटे guest-house लेकर के बैठे होंगे वो भी कमाएँगे, home stay की जो व्यवस्था करते होंगे वो भी कमाएंगे, चाय वाला भी कमाएगा। चाय वाला कमाए तो मुझे जरा ज्यादा आनंद होता है। 

कहने का तात्पर्य यह है कि गरीब से गरीब को रोज़गार मिलता है। भारत सरकार ने तय किया है, मणिपुर की ताकत का परिचय करते हुए, हमने निर्णय किया है कि मणिपुर में sports university बनेगी। एक प्रकार से विश्व में खेल-कूद की दुनिया में भारत का नाम कमाने में मणिपुर का बहुत बड़ा योगदान है। मणिपुर के पास ये जो ताकत है, उस ताकत के लिए भारत सरकार जो भी कर सकती है करना चाहती है। क्योंकि यहां inherent यहां के डीएनए में खेल कूद है। मणिपुर में sports है, इतना ही नहीं, मणिपुर में sportsmen spirit भी उतना ही ज्यादा है। पूरे मणिपुर में sportsmen spirit है। और इसलिए, यह पूरे भारत के लिए प्रेरणा बने, ये हमारा प्रयास है। 

कुछ लोगों के दिमाग में ये सोच होती है कि sports university बनती है, मतलब कि अच्छे खिलाड़ी तैयार होते हैं। ऐसा नहीं है। Sports एक बहुत बड़ी economy है। मैदान तैयार करने से ले करके, score board लिखने वाले लोग, उसके data collection करने वाले लोग, food habits की चिंता करने वाले लोग, physiotherapy की चिंता करने वाले लोग, sports के आवश्यक costume बनाने वाले लोग, यानी खेल-खिलाड़ी के पीछे हज़ारों प्रकार के अलग व्यवसाय होते हैं। मुझे मणिपुर के नौजवान - जो खुद शायद खिलाड़ी नहीं बन पाए होंगे, लेकिन वो खेल की दुनिया में पले-बढ़े इसलिए sports university में उनकी प्रोपर ट्रेनिंग से वे कहीं umpire बन सकते हैं, कहीं scorer बन सकते हैं, कहीं बढ़िया sportsman के physiotherapist बन सकते है, कहीं बढ़िया sportsman के dietitian बन सकते हैं, मैदानों की रचना करने वाले बन सकते हैं, मैदान के आर्किटेक्ट बन सकते हैं। एक प्रकार से सर्वांगीण विकास की संभावनाएं स्पोट्र्स युनिवर्सिटी के साथ जुड़ी हुई हैं। वरना कुछ लोगों को लगता है, sports university यानी कि अच्छा चलो यहां खिलाड़ियों की ट्रेनिंग होगी। ऐसा नहीं है। एक पूरा विज्ञान है। एक पूरा अर्थशास्त्र है। एक पूरी रचना - और उसमें technology है, arithmetic है, सब चीज़ है। आप कल्पना कर सकते हैं कि मणिपुर के जीवन में एक university कितना बड़ा बदलाव लाएगी। 

मैं अभी आस्ट्रेलिया गया था, मैंने आस्ट्रेलिया से कहा है कि हमारे मणिपुर में हम जो sports university बना रहे हैं, आस्ट्रेलिया हमारे साथ जुड़े। दुनिया के देशों को मैं यहां जोड़ना चाहता हूं, और उसका लाभ आने वाले दिनों में मिलेगा। 

मणिपुर में यहां के नौजवान को रोज़गार चाहिए और रोज़गार के लिए skill development का महात्मय होना चाहिए। अगर skill development होता है तो उसको अपने आप रोज़गार मिल जाता है। हम skill development पर बल देना चाहते हैं। मैं अभी IT professional से मिला था। मैंने उनको कहा कि आपके call center वगैरह हैदराबाद और बैंगलोर में क्यों चलाते हो? ये मणिपुर में भी चल सकता है, ये नागालैंड में चल सकता है, मेघालय में, मिजोरम में चल सकता है। यहां तो मौसम ऐसा है, कि एयरकंडीशन की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी और यहां के बच्चे English speaking हैं सब, अंग्रेज़ी भाषा जानते हैं। कम से कम खर्च से आप दुनिया के अंदर बढ़िया से बढ़िया call center यहां खड़े कर सकते हो। मैं इसके पीछे लगा हूं, दोस्तों! मैं देखूंगा, किसी न किसी को यहां खींच लाउंगा। इसके कारण यहां के नौजवानों के लिए रोज़गार की संभावनाएं बहुत बढ़ेंगी, उसको मणिपुर छोड़कर जाना नहीं पड़ेगा। 

मैंने एक ये भी सोचा है कि दिल्ली पुलिस में विशेष रूप से North East के बच्चों को पुलीस के रूप में भर्ती किया जाए, उनको अवसर दिया जाए। देश की राजधानी में North East के बच्चे पुलिसिंग करते हों तो पूरी दूनिया को पता चले कि North East के नौजवान हमारी पूरी दिल्ली को कैसे संभालते हैं, उस दिशा में मैं काम करना चाहता हूं। 

मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री था तो इच्छा थी मेरी, जो अधूरी रह गई। अब शायद मैं फिर से कोशिश करूंगा, पूरी हो जाए। मैंने एक इच्छा व्यक्त की थी कि North East के सभी मुख्यमंत्रियों के सामने, जब मैं मुख्यमंत्री था। मैंने कहा था कि North East के हर राज्य से 200 women पुलिस, सब states से 200 women पुलिस, 8 state हैं तो 1600 women पुलिस, दो साल के लिए मैंने कहा, गुजरात में मुझे दीजिए और हर दो साल नई बैच देते रहिए। यानी एक प्रकार से यहां की 1600 बच्चियां दो-दो साल के लिए वहां आएं, पुलिस में काम करें। आप बताइए, कितना बड़ा national integration होगा। 

मैंने ये भी कहा था उस समय कि “Gujaratis are the best tourists”. आप दुनिया में कहीं पर भी जाओ, ‘केम छो’ मिल ही जाएगा। वो ऐसे ही इधर-उधर दुनिया भर में घूमते रहते हैं। पैसे बहुत हैं, खर्च करते रहते हैं। मैंने कहा, ये 1600 बच्चियां गुजरात में पुलिस से नाते रहेंगी, दो साल तो उसको 15-20 परिवारों से तो परिचय हो ही जाएगा। और पक्का! वो 15-20 परिवार यहां पर टूरिस्ट के नाते आएंगे। क्या इन सब चीज़ों को बढ़ावा दिया जा सकता है? मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री को कहा है कि मेरा ये प्रस्ताव है कि अगर अभी भी North East से लोग आना चाहते हैं तो गुजरात इनको सलामी के लिए तैयार है। आप कल्पना करिए, कितना बड़ा परिवर्तन आएगा। एक समृद्ध राज्य के साथ, यहां के लोग जुड़ें, कितना परिवर्तन आएगा। 

इसलिए मणिपुर के मेरे भाईयों बहनों! ये संगई समारोह के समापन पर मुख्यमंत्री जी ने जितने विषय रखे हैं, और स्वाभाविक है, मुझ पर भरोसा करके रखे हैं, तो मैं इस भरोसे को निभाने का पूरी तरह प्रयास करने वाले इंसानों में से हूं। उन्होंने जितनी बातें रखी हैं, मैं वहां जा करके डिपार्टमेंट को कहूंगा कि “ज़रा देखिये क्या है इसमें, क्या हो सकता है।“ उसी प्रकार, और जो बातें मैंने बताई हैं, उनको पूरा करने का मेरा प्रयास रहेगा, और मैं चाहूंगा, मणिपुर ने खेल के मैदान में जिस प्रकार से हिंदुस्तान का नाम रौशन किया है, वो विकास के क्षेत्र में भी हिंदुस्तान का सिरमौर बने। 

एक बात की चिंता मुझे सता रही है। वो चिंता मैं व्यक्त करना चाहता हूं। जब मैं सुनता हूं कि मणिपुर का नवयुवा, ड्रग्स का शिकार हुआ है, ये बात मुझे बहुत पीड़ा देती है। उन मां-बापों के प्रति मुझे मन में भारी संवेदना है। ये हम सब का दायित्व है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को हम बरबाद न होने दें। हमारे युवकों को तबाह न होने दें। ये रास्ता खतरनाक है। कोई इंसान बरबाद होता है, ऐसा नहीं है, पूरा परिवार तबाह हो जाता है, पूरा परिवार तबाह होता है, ऐसा नहीं है, पूरा समाज और राज्य तबाह हो जाता है। 

इसलिए हम एक सामूहिक जिम्मेवारी उठाएं। ये मणिपुर, जहां भगवान कृष्ण की धरती रही है, जहां कृष्ण की लीला होती है, मणिपुर, जहां हिंदुस्तान को उत्तम से उत्तम खिलाड़ी मिलते हैं, उस मणिपुर में ये बिमारी नहीं होनी चाहिए। ये बिमारी से मणिपुर मुक्त होना चाहिए। यहां का नौजवान मुक्त होना चाहिए। भारत के नाम को अब रौशन करने की ताकत मणिपुर के नौजवान में है। ड्रग्स उसको तबाह कर जाएगा और इसलिए मैं आज जब संगई जैसे एक पवित्र माहौल में आया हूं तब मैं मणिपुर के युवकों से आग्रह कर रहा हूं। मैं जानता हूं, इस आदत में फंसे हुए लागों को निकलना मुश्किल है, लेकिन एक बार फैसला कीजिए, निकल जाओगे दोस्तों! एक बार अपने आपको बचा लीजिए, आपका और आपके परिवार का भला हो जाएगा। 

इतनी अपेक्षा के साथ, मैं फिर एक बार, मणिपुर में मुझे आने का अवसर मिला, आप सबने मेरा स्वागत किया, सम्मान किया, मैं आप सबका बहुत बहुत आभारी हूं। धन्यवाद। 

Explore More
140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day

Popular Speeches

140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day
Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase

Media Coverage

Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।