मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभाव और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि इतना बड़ा विशाल जनसागर! मेरी नज़र जहां तक पहुंचती है, मुझे सिर्फ सिर ही सिर नज़र आते हैं। कोयम्बटूर हो, इरोड हो, तिरपुर हो, इन सभी जगहों पर कई वर्षों से मेरा आना-जाना रहा है। कार्यकर्ताओं के साथ, यहां के लोगों के साथ, यहां के सामाजिक जीवन में सक्रिय के लोगों के साथ कई बार मिल-बैठकर के यहां की समस्याओं को जानने का, समझने का प्रयास मैंने किया है। जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री भी नहीं था, तब भी मैं यहां आया करता था और आज तमिलनाडु में प्रधानमंत्री बनने के बाद आया तो मैं कई बार, लेकिन सार्वजनिक सभा में बोलने का यह पहला अवसर है। आपने जो स्वागत किया है, सम्मान किया है, आपने जो प्यार दिया है, उसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
मैं आज जब तमिलनाडु आया हूं तो कोयम्बटूर की धरती से देशवासियों से प्रार्थना करना चाहता हूं कि पल भर के लिए आप दो साल पुराने उन दिनों को ज़रा याद कर लीजिए कि देश की क्या हालत उस समय बन गई थी। सुबह टीवी चालू करो, अखबार देखो तो हर दिन एक नया घोटाला, एक नया भ्रष्टाचार, scam हो, scandal हो, न-जाने अनगिनत ऐसी घटनाओं का दौर चल रहा था कि देश निराशा की गर्त में डूब चुका था। यहां के नौजवान उम्मीद खो चुके थे और देश का आम नागरिक सोच रहा था कि हालात बद से बदतर होते जाएंगे, परेशानियां बढ़ती जाएगी, जिन्दगी में कुछ करने लायक बचेगा ही नहीं। ऐसी निराशा का माहौल दो साल पहले हमारे सामने था जो आपको याद होगा। अगर नहीं तो ज़रा पुराने अखबार निकालकर के देख लीजिए आपको सब चीजें याद आ जाएंगी।
आज डेढ़ साल के भीतर दिल्ली में सरकार बनने के बाद पूरे देश में एक नया विश्वास पैदा हुआ है, नई आशा का संचार हुआ है और समाज के हर तबके के लोगों को चाहे गांव में रहते हो, शहर में रहते हो, चाहे पढ़ते हो या नौकरी खोजते हो, चाहे कारखाने में काम करते हो, चाहे खेत में काम करते हो, माताएं-बहने हो, घर में बुजुर्ग हो, हर किसी में यह विश्वास पैदा हुआ है कि अब यह देश आगे बढ़कर ही रहेगा और नई ऊंचाइयों को पार करके ही रहेगा।
कुछ लोग बहुत परेशान हैं। उनको बहुत तकलीफ हो रही है। पहले तो तकलीफ यह हो गई कि यह चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री कैसे बन गया और वो भी पूर्ण बहुमत से सरकार कैसे बना ली? 18 महीने हो गए लेकिन ये लोग लोकतंत्र की भावनाओं को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। जनता-जनार्दन के आदेश को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है, अपनी पराजय को स्वीकार करने का मन नहीं बना पा रहे और इसलिए उनको दिन-रात यह सरकार चुभती है और उनके सिपह-सलारों को भी सरकार चुभती है।
गरीबों के नाम पर राजनीति करने वाले, पिछड़ों के नाम पर राजनीति करने वाले, वंचितों के नाम पर राजनीति करने वाले, इस बात को सहन नहीं कर पा रहे है कि कोई गरीब मां का बेटा, कोई पिछड़ा, कोई वंचित, ये इस देश की बागडोर संभाले, यह बात उनके गले नहीं उतर रही है क्योंकि उनको तो गरीबों के नाम पर राजनीति करने के सिवाए कुछ करना नहीं है।
पिछले डेढ़ साल में एक भी scandal नहीं हुआ है, एक भी scam नहीं हुआ, कहीं ऐसे कोई आरोप नहीं लगे तो इन लोगों को परेशानी है कि करे क्या इस मोदी का? लोकसभा के अंदर तो हम काम कर पाते हैं, हो-हल्ले के बीच कर पाते हैं, विरोधों के बीच कर पाते हैं लेकिन राज्यसभा में ऐसे गुस्सा निकाल रहे हैं, ऐसे गुस्सा निकाल रहे हैं - मोदी तुझे दिखा देंगे, तू प्रधानमंत्री बन गया, अब देखते है तुम्हारा क्या होता है। ये कोई लोकतंत्र का तरीका है क्या? गरीबों की भलाई के निर्णय राज्यसभा में अटके पड़े हुए है। क्या ये नकारात्मकता, ये विरोधवाद, आप की राजनीति कुछ भी हो लेकिन कम से कम देश के गरीबों का तो ख्याल करो।
आपको हैरानी होगी, जब मैं लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था तब मैंने कहा था कि इस देश में कानूनों का इतना जंगल खड़ा कर दिया गया है, कानूनों का इतना जंजाल खड़ा कर दिया है कि आम आदमी, अनपढ़ आदमी, गरीब आदमी, गांव का आदमी, वो बेचारा उन कानूनों में ऐसा फंसा रहता है कि जहां पहुंचना है वहां पहुंच भी नहीं पाता है। गरीबों के लिए तकलीफ पैदा करने वाले, मुश्किल पैदा करने वाले, कठिनाइयां पैदा करने वाले, 1800 कानून मैंने ऐसे खोजकर निकाले जिनकी कोई जरूरत नहीं है। वो कानून मुझे खत्म करने हैं। 700 ऐसे कानूनों को खत्म करने का प्रस्ताव लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में इन्हें खत्म करने नहीं दिया जाता है। राज्यसभा चलने नहीं दी जाती है, गरीब के हक को रोकने का पाप हो रहा है वहां पर।
हमारे यहां जो मजदूर काम करता है, जिन फैक्टरियों में उसको बोनस मिलता है, वहां बोनस देने के नियम इतने पुराने हैं, उसके मानदंड इतने पुराने हैं कि आज बेचारे गरीब मजदूर को बोनस में कुछ हाथ नहीं लगता है। बच्चों के लिए मिठाई तक खरीद नहीं पाता है। हमने तय किया कानून बदलेंगे और मजदूरों को ज्यादा बोनस मिले, उसकी income का standard भी बढ़ाया जाएगा ताकि ज्यादा मजदूरों को इसका फायदा मिले। हमने लोकसभा में कानून पारित किया लेकिन मजदूरों को बोनस देने वाला यह कानून राज्यसभा में अटक गया। मेरे मजदूरों के साथ ऐसा घोर अन्याय किया गया।
कुछ लोगों ने तय किया है, हो सके तो इतना झूठ बोलो, जितने झूठे आरोप इस सरकार पर लगा सकते हैं लगाओ। बार-बार झूठ बोलो, जोर-जोर से झूठ बोलो। जहां जाओ वहां झूठ बोलो, हर बात पर झूठ बोलो। एक ऐसा अभियान चला दिया है देश के अलग-अलग लोगों को गुमराह करने का, समाज में बिखराव पैदा करने का, समाज में भाई-भाई के बीच दीवार पैदा करने का, एक बहुत ही सोची-समझी चाल के तहत देश के टुकड़े-टुकड़े करने का पाप कुछ लोग कर रहे हैं क्योंकि उनको लोग सत्ता में लाते रहे हैं और यहीं लोग देश तोड़ने पर लगे हुए हैं। पहले किसानों को भड़काने के लिए कोशिश की गई, लेकिन जब किसानों ने देखा कि यह सरकार एक के बाद एक ऐसे निर्णय यह सरकार ऐसे कर रही है जिनसे किसानों का भला होने वाला है।
2014 में मेरी सरकार नई-नई बनी थी। मुझे ढेर सारे मुख्यमंत्रियों की चिट्ठियां आती थी। कुछ मुख्यमंत्रियों की दो-दो, चार-चार, पांच-पांच चिट्ठियां आती थी और मैं नया-नया प्रधानमंत्री बना था और चिट्ठी किस बात की आती थी? मुख्यमंत्री मांग करते थे कि हमारे राज्य में किसानों को यूरिया चाहिए, भारत सरकार हमें यूरिया देने का प्रबंध करे और मुख्यमंत्री गुस्सा व्यक्त करते थे भारत सरकार के प्रति। दूसरी तरफ, यूरिया आता था तो कालेबाजारी में बिकता था। यूरिया होता था तो कई राज्यों में किसानों को कतार लगानी पड़ती थी और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ता था। यह जब मैं प्रधानमंत्री बना, उसके शुरूआत के दिनों में ये पुरानी सारी जो विरासत थी वो हमारे नसीब में आई थी।
मेरे किसान भाइयों-बहनों ये 2015 का वर्ष ऐसा गया, किसी मुख्यमंत्री को भारत सरकार से यूरिया मांगने के लिए चिट्ठी नहीं लिखनी पड़ी। इस देश में कहीं पर भी यूरिया लेने के लिए गए हुए किसानों पर लाठी चार्ज नहीं हुआ। इस देश के किसी किसान को यूरिया कालेबाजारी में खरीदना नहीं पड़ा क्योंकि हिन्दुस्तान आजाद होने के बाद पहली बार सबसे ज्यादा यूरिया फर्टिलाइजर का उत्पादन 2015 में हुआ।
गन्ना किसान, यहां पर भी गन्ना के किसान है अगल-बगल में। चीनी की मिले गन्ना किसान को पैसे देते नहीं। देशभर में गन्ना किसान के पैसे बकाया है। चीनी का उत्पादन ज्यादा हो गया। दुनिया के बाजार में चीनी कोई लेने वाला नहीं है। चीनी का दाम गिर गिया। फैक्टरी वाले किसान को पैसे नहीं दे रहे, ये दृश्य कई वर्षों से चलता रहा है। गन्ना किसान अपने पैसों के लिए बेचारे तरसते रहते है। इन गन्ना किसानों की मदद करने के लिए भारत सरकार ने 6,000 करोड़ रुपए का पैकेज दिया, लेकिन हमने तय किया कि हम चीनी मालिकों को ये पैसे नहीं देंगे। हम जनधन account में, किसान के खाते में सीधे पैसा जमा करवाएंगे और इस देश में पहली बार किसानों को direct पैसा देने की हमने व्यवस्था करवाई।
इतना ही नहीं, हमने Export policy में बदलाव किया। हमने raw sugar के लिए नए नियम बनाए। हमने import के ऊपर कड़े प्रतिबंध लगाने की व्यवस्था की। इन सब का परिणाम यह आया कि आज हम किसान को मदद कर सके, इस स्थिति में पहुंच गए।
सबसे बड़ा निर्णय किया bio fuel बनाने का। इथनॉल बनाने का निर्णय किया और वो पेट्रोल के अंदर, डीजल में mix करने की दिशा में आगे बढ़े और आज sugar फैक्टरियों में से इथनॉल बनता है, उसके कारण जो किसान बेचारा sugarcane पैदा करता था, उसको जो कठिनाई होती थी, उसको मुक्ति मिल जाए, ऐसा एक लंबे अरसे के लिए फायदा होने वाला फैसला सरकार ने लिया।
इस देश में Pulses, दाल वगैरह उसकी खेती किसान कम कर रहा था। ज्यादा से ज्यादा गेहूं और चावल तक जाता था क्योंकि MSP में उसको पैसा मिलना तय होता था। देश को दाल की जरूरत थी, pulses की जरूरत थी। गरीब आदमी को खाने के लिए दाल चाहिए। अगर उसके शरीर में प्रोटीन चाहिए तो उसके लिए दाल खाना जरूरी है। सरकार ने एक बहुत बड़ा निर्णय किया, गरीबों के लिए किया, किसानों के लिए किया कि अब pulses में भी MSP रहेगी, minimum support price रहेगी, इतना ही नहीं उसको purchase करने का काम सरकार ने किया और इसके कारण पहली बार देश का किसान अब pulses की खेती में आगे बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में देश को जिस प्रकार की pulses की जरूरत है उस pulses की requirement मेरे देश का किसान पूरी करने के लिए तैयारी कर रहा है।
पहले कोई प्राकृतिक आपदा होती थी तो किसान को मुआवजा मिलने में दिक्कत होती थी। नियम इतने पुराने थे कि किसान के हाथ कुछ लगता नहीं था। हमारी सरकार आने के बाद प्राकृतिक आपदा में किसानों को मदद करने के सारे नियम बदल दिए और पूरे हिन्दुस्तान के किसानों ने दिल्ली में बैठी हुई सरकार की तारीफ की कि इस प्राकृतिक आपदा से निपटने की ताकत हम को सरकार ने दी है। अब मुसीबतों से झेल जाने के लिए हम तैयार हो गए है।
हमारे देश का किसान, Crop Insurance में कभी जुड़ना नहीं चाहता था। इतनी सरकारें आई, इतनी Crop Insurance की योजनाएं आई, 20 percent से ज्यादा देश का किसान Crop Insurance नहीं करवाता था क्योंकि Insurance के नियमों में गड़बड़ थी। किसान को पैसा बहुत लेना पड़ता था। हमने इस बार इतना महत्वपूर्ण निर्णय किया है कि किसान सिर्फ डेढ percent में अपना Insurance ले सकता है। मैं चाहता हूं कि जो भी मेरी बात सुनते हैं, किसानों की मदद करने के लिए, किसानों को Insurance लेने के लिए प्रेरित कीजिए, उसकी जिन्दगी में कभी कोई संकट आएगा तो सरकार उसके साथ पूरी तरह खड़ी रहेगी।
60 साल में जो किसानों को नहीं मिला था वो 16 महीने के भीतर-भीतर किसानों को मिल गया और उसके कारण कुछ लोगों की नींद उड़ गई है, उनको लग रहा है ये मोदी का क्या करे, ये तो किसानों की सेवा में लग गया, इसके कारण उनको नींद नहीं आती है। पिछले दिनों हमने बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर की 125वीं जयंती मनाई। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर का हमने गौरवगान किया। पहली बार डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर के सम्मान में हमने सिक्के निकाले, postal stamp निकाला, पार्लियामेंट में दो दिन के लिए संविधान और बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर की 125वीं जयंती पर debate की। लंदन के बाबा साहेब अम्बेडकर जहां पढ़ते थे, वो मकान सरकार ने लिया, स्मारक बनाया, मुंबई में Indu mill जहां बाबा साहेब ने आखिरी सांस ली, अंतिम क्रिया हुई थी, उस चैत्य भूमि को बनाने के लिए Indu mill हमने बाबा साहेब अम्बेडकर की स्मृति में दे दी। हमने दिल्ली में बाबा साहेब अम्बेडकर के लिए दो भव्य स्मारक बनाने की दिशा में कदम उठाए। बाबा साहेब अम्बेडकर, जिनको पूरी तरह भुला दिया गया था। बाबा साहेब अम्बेडकर जिनके विचारों को दबोच दिया गया था। उस बाबा साहेब अम्बेडकर के लिए एक के बाद एक जब हम काम करने लगे दलित, पीड़ित, शोषित, वंचितों के लिए काम करने लगे तो ये भड़क गए। उनको लगता था ये तो हमारा ठेका था, ये तो हमारे वोट है। अब मोदी बाबा साहेब अम्बेडकर की पूजा करने लग गया है। मोदी बाबा साहेब अम्बेडकर के 125 साल मना रहा है। मोदी बाबा साहेब अम्बेडकर के सिक्के निकाल रहा है। मोदी बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम पर पार्लियामेंट चला रहा है, चर्चाएं कर रहा है। अब मोदी से दलितों को जाने से रोकना पड़ेगा, दलितों को पीछे लेना पड़ेगा और इसलिए दलितों के नाम पर झूठ फैलाया जा रहा है। लोगों की आंख में धूल झोंकी जा रही है और मेरे दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित भाइयों को भड़काने का पाप किया जा रहा है।
दलितों, पीड़ितों, शोषितों, वंचितों, उनको भड़काने के लिए झूठ फैलाया जा रहा है कि मोदी reservation खत्म कर देने वाला है। ऐसे झूठ फैलाने वाले लोगों को मैं कहना चाहता हूं। हमारे तत्व ज्ञान को समझने की कोशिश कीजिए। शरीर कितना मजबूत क्यों न हो, ऊंचाई अच्छी हो, वजन अच्छा हो, जेब में पैसे भरपूर हो, सब कुछ हो, खाना बढ़िया खाता हो, सब कुछ हो, लेकिन अगर एक हाथ दुर्बल हो तो उस शरीर को कभी स्वस्थ नहीं कहा जाता। एक आंख अगर दुर्बल हो तो उस शरीर को भी स्वस्थ नहीं कहा जाता। संपूर्ण भारत माता तब स्वस्थ होती है जब मेरे सवा सौ करोड़ देशवासी स्वस्थ होते हैं। मेरे दलित ताकतवर होते हैं, मेरे पीड़ित ताकतवर होते हैं, मेरे वंचित ताकतवर होते हैं। समाज का दबा हुआ वर्ग 60 साल से जो विकास की प्रतीक्षा कर रहा है, उसको अगर अवसर नहीं मिलेगा तो देश कभी आगे नहीं बढ़ेगा और इसलिए हमारी प्राथमिकता है गरीबों का भला, दलितों का भला, वंचितों का भला, शोषितों का भला। इसी को लेकर के हम काम कर रहे हैं।
जो लोग आरक्षण के नाम पर झूठ फैला रहे हैं, भ्रम फैला रहे हैं। सरकार को कठघरे में खड़ा करने के लिए समाज को बहका रहे है, मैं उन लोगों को कह रहा हूं कान खोलकर सुन लीजिए। जब तक बाबा साहेब अम्बेडकर का नाम रहेगा, इस देश में कोई किसी की अमानत नहीं हटा सकता, कोई reservation नहीं हटा सकता। बाबा साहेब अम्बेडकर की अमरता से जुड़ा हुआ है और इस पर कोई हाथ नहीं लगा पाएगा, ये मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं।
भाइयों-बहनों देश को आगे बढ़ना है तो देश में एकता चाहिए, सद्भावना चाहिए, शांति चाहिए, यही राजमार्ग है जो विकास की नई ऊंचाइयों को पार करने के लिए इसकी पहली शर्त होती है। आज दुनिया की कोई भी रिपोर्ट देख लीजिए, World bank रिपोर्ट हो, IMF की रिपोर्ट हो, credit agencies की रिपोर्ट हो, सारी दुनिया एक स्वर से कह रही है कि दुनिया की जितनी भी बड़ी economy है, उसमें कोई तेज गति से आगे बढ़ने वाली economy है जिसकी GDP तेज गति से आगे बढ़ रही है तो उस देश का नाम है हिन्दुस्तान मेरे प्यारों, हिन्दुस्तान।
मेरे नौजवान मित्रों, इस देश का सौभाग्य है कि आज हमारे देश में 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 से कम आयु की है। हमारा देश जवान है, हमारे जवानों के सपने भी जवान है और इसलिए देश की दौड़ने की ताकत भी जवानों जैसी है। हमने ‘मेक इन इंडिया’ का अभियान चलाया है। ‘मेक इन इंडिया’ का अभियान इसलिए चलाया है ताकि हिन्दुस्तान में पूंजी आए, कारखाने लगे और मेरे नौजवानों को रोजगार मिले और उस दिशा में बहुत तेजी से काम आगे बढ़ रहा है। मुझे खुशी होती है कि पिछले दिनों मेरे पास जानकारी आई कि Foreign Direct Investment में 39% इजाफा हुआ, 39% increase हुआ है।
देश में जब भी economy की बात होती है, दो ही विषयों की चर्चा होती है – प्राइवेट सेक्टर, पब्लिक सेक्टर। मैंने उसे एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। यह देश प्राइवेट सेक्टर अपना काम करेंगे, पब्लिक सेक्टर अपना काम करेंगे, देश की ताकत तो पर्सनल सेक्टर में है और मेरी सरकार पर्सनल सेक्टर को बढ़ावा देना चाहती है। एक-एक व्यक्ति को entrepreneur बनाना चाहती है। Job seeker नहीं Job-creator बने, ऐसे नौजवान करना चाहता हूं मैं तैयार।
और इसलिए सरकार ने मुद्रा योजना चालू की है। पहले हमने जन-धन account खोले। अब मुद्रा योजना चालू की है। उस मुद्रा योजना के तहत सामान्य आदमी – सब्जी बेचने वाला हो, कपड़ों की इस्त्री करने वाला धोबी हो, बाल काटने वाला नाई हो, अखबार बेचने वाला हो, दूध बेचने वाला हो, चाय बेचने वाला हो, पकौड़े बेचने वाला हो। सामान्य मानविकी, उनको पैसे चाहिए पैसे मिलते नहीं है, साहूकार ब्याज लेता है और उनकी जिन्दगी में कभी अच्छे दिन नहीं आते हैं।
भाइयों-बहनों मुद्रा योजना के तहत हमने ऐसे गरीबों को किसी भी प्रकार की गारंटी के बिना रुपए देना शुरू कर दिया और उसका परिणाम यह आया कि दो करोड़ से ज्यादा परिवारों को पैसा मिला। 95,000 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसा मिला और वे अपने पैरों पर खड़े हुए, खुद का तो पेट भरते हैं और भी दो-तीन लोगों को काम पर लगाकर के उनका भी पेट भरना शुरू किया है।
इतना ही नहीं, देश के नौजवानों को हुनर सिखाने के लिए अलग skill department बनाया। Skill development के लिए अभियान चलाया। दुनिया के जिन देशों में Skill development में ताकत है उनको भी जोड़ने का प्रयास किया। देश के करोड़ों-करोड़ों नौजवानों के हाथ में skill देना, हुनर देना, उसका एक बहुत बड़ा अभियान चलाया है ताकि कभी इस नौजवान को रोजगार के लिए तड़पना न पड़े।
उसी प्रकार से, सरकारी नौकरियों में अगर पहचान नहीं है, रिश्तेदारी नहीं है, कोई जानकार नहीं है, कोई दलाल नहीं है, कोई corruption के पैसे नहीं है तो नौजवान इंटरव्यू में फेल हो जाते थे, उनको नौकरी नहीं मिलती थी। दिल्ली में बैठी हुई सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय किया, तीसरे और चौथे वर्ग के कर्मचारियों का कोई इंटरव्यू नहीं होगा। उसके exam के merit के आधार पर उसको नौकरी दे दी जाएगी। भारत सरकार ने बहुत बड़ा फैसला किया। भ्रष्टाचार भी गया और हमारे नौजवानों को किसी के पीछे-पीछे जो लगना पड़ता था और अपने रुपए जाते थे, सम्मान जाता था, उनको बचाने का एक बहुत बड़ा काम इस निर्णय से हमने कर दिया।
हमने एक अभियान चलाया ‘स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया’। हमारे देश के नौजवानों के पास बुद्धि है, क्षमता है। वे अपने पैरों पर नई चीज करने को तैयार है और इन दिनों भारत में वो ताकत है, वो दुनिया का स्टार्ट-अप capital बन सकता है। हमारे नौजवान हिम्मत के साथ नए प्रयोग करने के लिए तैयार है, innovation करने के लिए तैयार है, नए तरीके ढूंढने के लिए तैयार है और इन दिनों जीवन के हर क्षेत्र में innovation करके नौजवान नए-नए स्टार्ट अप्स शुरू कर रहे है और बड़े-बड़े सपने लेकर के सही दिशा में मजबूत कदम रख रहे हैं।
मेरे प्यारे नौवान दोस्तों, भारत की जो युवा शक्ति है उसके लिए नए-नए अवसर पैदा करना, उनकी शक्ति को लेकर के आगे बढ़ाना। चाहे देश का किसान हो, चाहे दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित समाज हो, हमारी माताएं-बहनें हो, हमारी खेती हो, हमारा पशुधन हो, हमारे नौजवान हो, सबको साथ लेकर के एक नई ताकत के साथ भारत आगे बढ़ना चाहता है, आपके सपनों को पूरा करना चाहता है और हमारी तरफ से मेहनत करने में कोई कमी नहीं रहती, दिन-रात लगे रहते हैं। इस देश को आगे ले जाने के लिए मुझे आपका साथ और सहकार चाहिए।
मैंने तो बहुत थोड़ी चीजें बताई हैं, लेकिन पिछले डेढ़ साल में कभी एक दिन ऐसा नहीं गया कि कोई न कोई अच्छा काम न किया हो, कोई अच्छा initiative न लिया हो, सारी बातें मैं बताऊं तो मुझे महीनों तक कभी रोडों में रहकर के बताने के लिए बैठे रहना पड़ेगा, इतने सारे काम करने का हमें सौभाग्य मिला है। मैं फिर एक बार आपके समर्थन के लिए, आपके आशीर्वाद के लिए आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। फिर एक बार इस विराट जनसभा के लिए आप लोगों को कोटि-कोटि धन्यवाद। वणक्कम। दोनों मुट्ठी बंद करके मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय। ताकत इतनी चाहिए कि पूरे तमिलनाडु में सुनाई दे, बगल में केरल में भी सुनाई दे।
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद। वणक्कम।