WB is waiting for governance where every dept of the govt works honestly & carries out its duty. Free of discrimination & full of harmony: PM Modi
Record investment is coming to India. We want a major chunk of this to be used in Bengal to promote every form of industry and employment: PM Modi
Silk and jute industries are important aspects of Aatmanirbhar Bharat. Promoting them is our responsibility: PM Modi
PM Modi promises to give Rs 18,000 in bank accounts of farmers under PM-Kisan scheme if BJP comes to power in West Bengal

भारत माता की… 

नमस्कार, 

मेरे प्रिय बंगाल के भाइयो और बहनो, 

देश में कोरोना की जो स्थिति है, उस वजह से मैं आज सुबह से ही अनेक महत्वपूर्ण बैठकों में व्यस्त रहा। अभी मैं आपके साथ टेक्नोलॉजी के माध्यम से जुड़ रहा हूं। आपके बीच उपस्थित नहीं हो सका, प्रत्यक्ष आकर आपका आशीर्वाद नहीं ले सका, इसके लिए मैं आपका क्षमाप्रार्थी हूं। विशेषतौर पर आज मैं मालदा, मुर्शिदाबाद, सूरी और साउथ कोलकाता के मतदाताओं, वहां के भाजपा कार्यकर्ताओं से भी क्षमा चाहता हूं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए सभा की बड़ी जोर-शोर से तैयारी की थी। लेकिन परिस्थितिवश मेरा बंगाल आना आज संभव नहीं है।बंगाल को याद करके, मैं बंगाल से बाहर भी रहता हूँ, तो रोबी ठाकुर की ये पंक्ति हमेशा याद आती है। रोबी ठाकुर ने कहा था ओ आमार देशेर माटी, तोमार पोरे ठेकाइ माथा। ओ मेरे देश की माटी, तुझ पर मैं शीश झुकाता हूँ।

साथियो, 

परेड ग्राउंड से मैंने आपके बीच आकर पश्चिम बंगाल के बेहतर भविष्य के लिए, आशोल पॉरिबोर्तोन का आग्रह किया था। इसके बाद आपने जो मुझे और बीजेपी के हर साथी को जिस प्रकार से प्यार दिया, आशीर्वाद दिया, भारी मतदान करके, समर्थन किया, उसको व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द भी कम पड़ रहे हैं। आज जब आपसे मैं जुड़ा हूं तो इस स्नेह का, इस समर्थन का आभार व्यक्त करने के लिए भी आया हूं। पश्चिम बंगाल के कोने-कोने में जाकर मैंने अनुभव किया है कि पश्चिम बंगाल के बेहतर भविष्य के लिए एक सकारात्मक बदलाव की इच्छा कितनी प्रबल है। हर उम्र, हर वर्ग, हर मत, हर संप्रदाय के लोगों में पुरुष हो या स्त्री हो शहर हो या गांव हो पढ़े-लिखें हो या अनपढ़ हो सब के सब में शोनार बांग्ला के निर्माण के लिए एक संकल्प दिख रहा है।

भाइयो और बहनो,

पश्चिम बंगाल के ये चुनाव सिर्फ सत्ता बदलने के लिए नहीं है, बल्कि इन चुनावों में मैं एक आकांक्षी, एस्पिरेशन, एक आशावादी पश्चिम बंगाल को उभरते देख रहा हूं। गांव हो या शहर, हर जगह बेहतर जीवन, बेहतर शिक्षा, बेहतर रोज़गार, बेहतर विकल्प के लिए एक तड़प देख रहा हूं। शांति, सुरक्षा और विकास की एक ललक बंगाल में देखने को मिल रही है। पश्चिम बंगाल आज एक ऐसे शासन के लिए लालायित है, जहां सरकार का हर विभाग ईमानदारी से अपना काम करे, अपना दायित्व निभाए। भेदभाव से मुक्त, सद्भाव से युक्त ऐसी व्यवस्था के लिए पश्चिम बंगाल वोट दे रहा है। बंगाल के लोग काम के अवसर चाहते हैं, श्रम की गरिमा चाहते हैं। Dignity of labour, बंगाल के लोग ईज़ ऑफ लिविंग चाहते हैं, ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस चाहते हैं। और बंगाल की ऐसी हर इच्छा पूरी करने का बीजेपी ने संकल्प लिया है।

साथियो,
ये समय, बंगाल को एक नई ऊर्जा के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में आगे बढ़ाने का है। मालदा, मुर्शीदाबाद से लेकर बीरभूम और कोलकाता तक, हर कोई ये चाहता है कि पश्चिम बंगाल का वो पुराना गौरव लौट आए। हर कोई ये चाहता है कि जिस पश्चिम बंगाल में लोग सपने सच करने आते थे, वो पश्चिम बंगाल 21वीं सदी के अवतार के साथ हमें दोबारा मिल जाए। बीजेपी की डबल इंजन की सरकार, इसमें कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। बीजेपी बांग्लार जूबादेर के देबे चाकरी बीजेपी बांग्लार माँ-बोनेदेर के देबे सुरोक्खा बीजेपी बांग्लार जोनो-गोन के देबे भ्रोष्टाचार-मुक्तो शासोन बीजेपी बांग्लार जोनो-गोन के देबे गुंडामी-मुक्तो बांग्ला, बीजेपी बांग्लार चाशीदेर (किसानों) के देबे शोमृद्धि

भाइयो और बहनो, 

लोकतंत्र हमारी सबसे बड़ी ताकत है। लोकतंत्र के बिना सामान्य जन की भावनाओं को सम्मान मिलना बहुत मुश्किल है। देश के अन्य राज्यों की तरह ही पश्चिम बंगाल में भी लोकतंत्र का गौरव हमारा पंचायत सिस्टम रहा है। गांव में पंचायतों को और शहरों में नगर निगमों और नगर पालिकाओं को उनकी लोकतांत्रिक शक्ति  फिर से एक बार वापिस लौटाना ये हमारी प्राथमिकता रहेगी। ये संस्थान विकास और विश्वास के सबसे पहले माध्यम होते हैं। संकट की स्थिति में जनता सबसे पहले इन्ही संस्थानों तक पहुंच पाती है। इसलिए इस सिस्टम पर फिर से भरोसा जगाना बहुत ज़रूरी है। पक्ष और विपक्ष की, डिबेट और डिस्कशन की समृद्ध परंपरा पश्चिम बंगाल में और फले फूले, ये सुनिश्चित करना बीजेपी सरकार की प्रतिबद्धता रहेगी।

साथियो, 

समाज में सकारात्मकता और सद्भाव, विकास का प्रमुख रास्ता है। इसके लिए कानून का राज हो, समय पर सभी की सुनवाई हो, ये बहुत ज़रूरी है। कानून सुनेगा, कानून निष्पक्ष भाव से काम करेगा तो जीवन भी आसान होगा और व्यापार-कारोबार भी आसान होगा। घुसपैठ, तस्करी, अवैध कारोबार, हिंसा, तोलाबाजी, सिंडिकेट, ये विकास के घोर दुश्मन हैं। भारत में निवेश करने के लिए दुनिया संभावनाएं तलाश कर रही हैं। लगातार रिकॉर्ड निवेश भारत में हो रहा है।

इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल में लगे, यहां हर प्रकार के शिल्प को, हर प्रकार के रोज़गार को बल मिले, इसके लिए बीजेपी सरकार भरपूर प्रयास करेगी। भाइयों और बहनों, बेहतर स्वास्थ्य के बिना विकास अधूरा है और शुद्ध पानी के बिना बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। शुद्ध पीने का पानी, हर घर पाइप से जल तेज़ी से पहुंचाना भी बीजेपी की प्राथमिकता है। बंगाल के हर घर को पाइप से शुद्ध जल मिलेगा तो माताओं-बहनों की तकलीफ तो कम होगी ही, आने वाली पीढ़ियां अनेक गभीर बीमारियों से मुक्त होंगी। इससे गरीब का स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च भी बचेगा।  

साथियो,

स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च गरीब की कमर तोड़ देता है। इसके लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए की मदद गरीब के काम आने वाली है। केंद्र सरकार हर तीन लोकसभा क्षेत्रों, इनके बीच कम से कम एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण पर बल दे रही है। बंगाल के कई क्षेत्रों में डेंगु भी एक बहुत बड़ी समस्या रही है। जलभराव और स्वच्छता के अभाव के कारण, ये संकट हर साल परेशान करता है। बीजेपी सरकार डेंगू जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए गंभीर कदम उठाएगी। 

भाइयो और बहनो,

स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा और शिल्प, इन दोनों पर फोकस करके ही शोनार बांग्ला का निर्माण संभव है। पश्चिम बंगाल के गांव-गांव में शिक्षकों की जो समृद्ध परिपाटी है, जो शिक्षकों की सकारात्मक भूमिका है, उसको प्रोत्साहित करना बहुत ज़रूरी है। गुरुदेव ने शिक्षा और शिल्प को लेकर विश्व भारती में जो प्रयोग किया, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति उसको विस्तार देती है। स्कूल के समय से ही विद्यार्थी को शिल्प से जोड़ा जाए, विद्यार्थी को उसकी सुविधा के हिसाब से शिक्षा मिले, जिस भाषा को वो समझता है, उसमें ही उसको शिक्षा मिले, ये नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल में है। गरीब का, आदिवासी का, दलित, वंचित, शोषित का बच्चा भी उसकी अपनी भाषा में मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्नॉलॉजी की पढ़ाई कर पाए, इसके लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को यहां तेज़ी से लागू किया जाएगा।

भाइयो और बहनो,

बंगाल के पास आम, लिची, प्याज़, आलू, रेशम, जूट ऐसे अनेक प्रकार की पूंजी है। क़ृषक को उसकी उपज की पूरी कीमत, सीधी बैंक खाते में मिले ये बीजेपी सरकार सुनिश्चित करने वाली है। रेशम और जूट उद्योग आत्मनिर्भर भारत का एक बहुत मजबूत पहलू है। इसको प्रोत्साहित करना हमारी प्रतिबद्धता है। इसी प्रकार फल-सब्जियों की वेस्टेज को रोकने के लिए भी किसानों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों को रेल के माध्यम से फल-सब्जियों के लिए कोल्ड स्टोरेज की एक बहुत बड़ी सौगात मिल रही है। कोल्ड स्टोरेज हो, कृषि आधारित शिल्प हो या फिर नदियों में डैम बनाकर सिंचाई की सुविधाओं का निर्माण हो, इनके लिए बीजेपी सरकार तेज़ी से काम करने वाली है। यहां अधिक से अधिक कृषि आधारित शिल्प लगें, इसके लिए केंद्र सरकार ने पहले ही व्यापक प्रयास शुरु कर दिए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत पिछले 18 हज़ार रुपए बंगाल के हर किसान को मिलें, इसके लिए सरकार बनते ही काम शुरू किया जाएगा।

साथियो,

बंगाल क अनेक क्षेत्रों में मत्स्यपालन को और Blue Economy को और अधिक बढ़ावा देने की जरूरत है। मत्स्य पालकों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का पूरा लाभ मिले, ये सुनिश्चित किया जाएगा। इसके तहत मछली के चारे से लेकर, दवा और फिर बाज़ार पहुंचाने तक एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्र सरकार मदद दे रही है। बीजेपी सरकार का प्रयास है कि मछली की प्रोसेसिंग से जुड़े शिल्प पश्चिम बंगाल में लगें, ताकि मछली के कारोबार में ज्यादा से ज्यादा लाभ सुनिश्चित हो। 

भाइयो और बहनो,

मालदा, मुर्शीदाबाद हो, बीरभूम हो या फिर कोलकाता, हर जिले की, हर शहर की अपनी ताकत है। यही ताकत शोनार बांग्ला की प्रेरणा बनेगी। गुरुदेव ने विश्व भारती के लिए जो मंत्र दिया वो है- यत्र विश्वं भवत्येक नीडम् यानि सारा विश्व एक घौंसला है, एक घर है। इसी भाव के साथ, सबको अंगीकार करते हुए, बंगाल, बीरभूम, कोलकाता ऐसे शहर हर सपने को सच करता आया है। कोलकाता देश के उन शुरुआती शहरों में था जहां बिजली आई। जब देश के दूसरे शहरों में तांगे चलते थे, यहां ट्राम चलती थी। जब दूसरे शहरों में ऑटो नहीं था, तब यहां टैक्सी चलती थीं। जब दूसरे शहरों में बसें चलने लगीं, तब यहां मेट्रो ट्रेन की तैयारी चल रही थी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कोलकाता और पश्चिम बंगाल की इसी लीडरशिप को नए दशक में हम सशक्त करेंगे। अभी कोलकाता मेट्रो के विस्तार का काम चल रहा है। बीजेपी सरकार बनने के बाद ये काम और तेज़ गति से आगे बढ़ेगा। 

भाइयों और बहनों,

कोलकाता हो या पश्चिम बंगाल के दूसरे शहर, प्रदूषण से मुक्ति बहुत ज़रूरी है। CNG आधारित ट्रैफिक, रसोई में पाइप से सस्ती गैस, ऐसे सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विस्तार, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ऐसे तमाम कदमों से प्रदूषण में ज़रूर कमी आएगी। शहरों में ड्रेनेज सिस्टम को सुधारना, नदी किनारे घाटों का सुंदरीकरण करना, ये शहर के जीवन को बेहतर बनाएगा। कोलकाता की तो पहचान सिटी ऑफ जॉय के रूप में रही है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से इसको सिटी ऑफ फ्यूचर के रूप में विकसित किया जाएगा। 

साथियो, 

पश्चिम बंगाल, फिर से आत्मनिर्भर भारत का, भारत के ग्लोबल एक्सपोर्ट का अहम सेंटर बने, इसके लिए यहां आशोल पॉरिबोर्तोन चाहिए। यहां हल्दिया से लेकर बनारस तक एक महत्वपूर्ण इनलैंड वॉटरवे पर तेज़ी से काम चल रहा है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट के आधुनिकीकरण पर पहले ही काम शुरु हो चुका है। बीते सालों में जो काम यहां किया गया है, उसके सकारात्मक परिणाम हमें देखने को मिल रहे हैं। और भारत सरकार के नाते मुझे संतोष है कि हम कई अवरोधों के बावजूद भी इन कामों को कर पाए आगे बढ़ा पाए। ऐसे ही अनेक पोर्ट और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर को बीजेपी की सरकार तेज़ गति से ट्रांसफॉर्म करेगी।

साथियो, 

गांव हों या शहर, अपना पक्का घर हर परिवार का सपना होता है। बीजेपी सरकार हर गरीब के, मध्यम वर्ग के अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी से जुटी है। बीते वर्षों में 2 करोड़ से अधिक घर हमारी सरकार द्वारा गरीबों के लिए बनवाए गए हैं। बंगाल में बीजेपी सरकार बनने के बाद, गरीबों के लिए घर निर्माण की गति को बहुत तेजी से बढ़ाया जाएगा। घर पर पक्की छत हो, इसके लिए हमारे प्रयास और बढ़ेंगे। और डबल इंजन की सरकार ये काम बहुत आसानी से कर लेगी, ये हम आपको भरोसा देता हूं। एक तरफ मिडिल क्लास के लिए होम लोन पर लाखों रुपए की छूट दी जा रही है, वहीं दूसरी तरह शहरी गरीबों को पक्का घर दिया जा रहा है। गांव से शहर काम के लिए आए श्रमिक साथियों को भी किराए पर सस्ता और अच्छा आवास मिले, इसके लिए केंद्र सरकार पहले ही योजना बना चुकी है। इसी तरह, केंद्र सरकार का रेरा कानून, जो देश के मध्यम वर्ग के सपनों को मजबूती देता है, सुरक्षा देता है उन्हें घर खरीदने पर होने वाली धोखाधड़ी से बचाता है, उसे भी बंगाल की बीजेपी सरकार जल्द लागू करेगी।

भाइयो और बहनो,

बहनों और बेटियों की सक्रिय भागीदारी के बिना विकास अधूरा है। बीजेपी सरकार की ये कोशिश है कि बेटियों के जन्म से लेकर बुढ़ापे तक उनको हर वो सुविधा और प्रोत्साहन मिले, जिससे वो बेहतर समाज का निर्माण कर सकें। पश्चिम बंगाल तो नारी शक्ति की एक बहुत बड़ी प्रेरणास्थली रही है, एक प्रकार से पूजनीय स्थल रहा है। बेहतर गर्ल्ज कॉलेज हों, टेक्नीकल एजुकेशन से जुड़े बेहतरीन संस्थान वहां हों, इसके लिए बीजेपी सरकार प्राथमिकता के आधार पर काम करेगी। बेटियों के खिलाफ संगीन अपराध करने वालों को जल्द से जल्द सज़ा हो, इसके लिए पश्चिम बंगाल में दर्जनों फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के लिए भाजपा सरकार आते ही तुरंत काम शुरू कर देगी। नारी शक्ति के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को सशक्त करने के लिए बीजेपी के संकल्प पत्र में विस्तार से हमने चर्चा की है। सरकार बनते ही, पहले दिन से इस संकल्प पत्र के हर बिंदु पर पूरी गंभीरता से काम शुरु किया जाएगा। सोनार बांग्ला, का निर्माण हम सभी के प्रयासों से होगा, सबको साथ लेकर होगा। 

साथियो, 

बंगाल में चार दशक के बाद लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जनता उत्साह और उमंग के साथ आज निकल पड़ी है, आगे आ रही है। उसे मुक्त मन से अपने अधिकार का प्रयोग करके अपनी पसंद की सरकार चुनने का स्वतंत्र रूप से अवसर मिला है। अब बंगाल चुनाव में मतदान के दो फेज बचे हैं, दो चरण बचे हैं। औऱ एक तरह से चुनाव की दृष्टि से, एक प्रकार से मेरी ये, आज तो मैं रूबरू आकर के अपनी आखिरी रैली कर के आपका धन्यवाद करता लेकिन वर्चुअली भी एक प्रकार से ये मेरी आखिरी रैली इस चुनाव की है। अब तक बंगाल की जनता ने बहुत उत्तम मतदान किया है। पूरे देश को प्रेरणा दे इतना भारी मतदान किया है। मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आगे भी आप ऐसा ही करिएगा। और भले ही दो चरण बाकी हों, लेकिन आपको एक ही बार निकलना है मतदान के लिए। मतदान के लिए जो दिशा-निर्देश बनाए गए हैं, उनका पालन हो, ये सुनिश्चित करते हुए ही आप मतदान करिएगा।  

साथियो,

अंत में एक बार फिर मेरा आपसे आग्रह रहेगा कि कोरोना से बचाव के हर उपाय पर गंभीरता से आप उसका पालन करते रहे। अस्पतालों पर जो दबाव है, उसको हमें अपनी सावधानी से कम करना है। वैज्ञानिक और मेडिकल सलाह के आधार पर ही हमें आगे बढ़ना है, एकजुट होकर कश्मीर से कन्याकुमारी,अटक से कटक हमें एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ना है। टीके के दौरान भी, टीके के बाद भी, मास्क ज़रूरी है, पूरे चेहरे को मास्क से ढंकना ज़रूरी है। दवाई भी, कड़ाई भी, इस मंत्र को हमें याद रखना है। हम सबकी एकजुटता से ही हर लक्ष्य प्राप्त होगा। बंगाल जीतेगा, बीजेपी जीतेगी, हम सब मिलकर जीतेंगे। बंगाल बढ़ेगा, बंगाल बहुत आगे बढ़ेगा, सोनार बांग्ला बनेगा। मैं अपनी बात, University of Calcutta के लिए रोबी ठाकुर ने जो गीत लिखा था, उसी से समाप्त कर रहा हूं।

शुभो कोर्मोपोथे धोरो निर्भोयो गान

शोब दुर्बोल सोन्शोय होक अबोसान

अपने शुभ कर्म-पथ पर निर्भीक हो कर आगे बढ़िए।

आपकी सभी रुकावटें और शंकाएँ समाप्त हों।

इसी संकल्प के साथ आप सभी से आज्ञा चाहता हूं, और आप सभी के उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूं। दो मई बंगाल के जीवन में सोनार बांग्ला की तरफ एक बहुत मजबूत कदम आपलोग बढ़ाने वाले हैं। जैसा कि मैंने वादा किया था कि नई सरकार बीजेपी की बनने वाली है। नमस्कार !!

 

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!