Uttar Pradesh should become Uttam Pradesh: PM Modi

Published By : Admin | October 24, 2016 | 14:41 IST
Contribution of our Armed Forces in keeping the Nation safe is immense: Prime Minister
Centre is dedicated to turn Uttar Pradesh into ‘Uttam Pradesh': PM Modi
In UP there are those who are more bothered about family issues & there are those who only want power. But, BJP wants growth of UP: PM
Parties like SP and BSP are unable to transform people’s lives in Uttar Pradesh: PM
Central Government would do everything possible to protect the dignity of women: PM Modi

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

भारत माता की...जय

आलाह-उदल जैसे वीर सपूतन की ई धरती खा आर उनकी वीरता खा बार-बार प्रणाम करत हैं। बुंदेलखंड की पथरीली माटी में पसीने डार-डार खेती करन वाले मेहनतकस किसान और अभावग्रसित मज़दूरन खा दोउ हाथ जोड़कर राम-राम। सब बुज़ुर्गन, मताई-बाप, लड़का बिटियन खां राम-राम।

मंच पर विराजमान श्रीमान ओमप्रकाश माथुर जी, हमारे तेज़-तर्रार नौजवान सदा प्रसन्नचित राज्य के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान केशवप्रसाद मौर्य जी, केन्द्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी और हिन्दुस्तान के कोने-कोने में किसानों क पानी पहुंचाने का बीड़ा जिसने उठाया है, ऐसी सुश्री उमा भारती जी, केन्द्र में मंत्री परिषद की मेरी साथी...इसी उत्तरप्रदेश की धरती की संतान साध्वी निरंजन ज्योति जी, क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीमान मानवेन्द्र सिंह चौहान जी, यहां के हमारे जनप्रिय सांसद श्रीमान पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल जी, श्रीमान स्वतंत्रदेव सिंह, श्रीमान विजय बहादुर जी, श्री भानुप्रताप वर्मा जी, श्री वैभव प्रसाद मिश्रा जी, श्री रवि शर्मा जी, सुश्री रंजा उपाध्याय जी, श्रीमान बाबू प्रसाद निसाद जी और प्यारे भाईयों-बहनों...

मैं सबसे पहले गत सप्ताह मां भारती की सेवा करते करते आतंकवादियों से उग्रवादियों से निर्दोष नागरिकों की रक्षा का प्रण लेकर के जान की बाजी लगाने वाले इसी क्षेत्र के रत्न श्रीमान नरेश कुमार पाल, जिनकी शहादत हो गई, मैं उस वीर सपूत को प्रणाम करता हूं, मैं उनको नमन करता हूं। और मैंने देशवासियों से आग्रह किया है इस बार कि हम दिवाली के दिनों में अपनों को बहुत प्यार से याद करते हैं। दिया जलाकर के अपने घर में रौशनी करते हैं। अंधेरे को हटाने का संकल्प करते हैं। क्या इस दीवाली में देश की उजाले की रक्षा करने वाले हमारे वीर जवान... चाहे थल सेना में हो, चाहे जल सेना में हो, चाहे वायु सेना में हो...बीएसएफ में हो...सीआरपीएफ में हो, कोस्टगार्ड में हो, आईटीबीपी में हो न जाने ऐसे अनगिनत सरकारी संगठनें हैं, जिसमें हमारे देश के नौजवान हमारी रक्षा के लिए सीने पर गोली खाते हुए हमारे सुख चैन के लिए अपने आप को आहुति कर देते हैं। इस दिवाली में हर हिन्दुस्तानी उनको भी दिपावली की शुभकामनाओं का संदेश भेजें... मैंने अपना संदेश भेज दिया है, और देशवासियों से भी आग्रह करता हूं, कि हमारी सेना के जवानों को...हमारे सुरक्षा बलों को... और केवल सेना ही नहीं... और भी सुरक्षा बल हैं.... जो हमारी सुख चैन के लिए सबके सब अपनी जवानी को खपा देते हैं। ऐसे जवानों को हमारी दिवाली की शुभकामनाएं... देश के लिए मर मिटने के हौसलों को बुलन्द कर देती हैं। और ये बुंदेलखंड की धरती तो उनकी बुलन्दी की आवाज़ है। देश की बुलन्दी की आवाज है, और इसलिए जब मैं शहीद वीर नरेशपाल को याद करता हूं, उनका पुण्य स्मरण करता हूं। आपसे और देशवासियों से, और उत्तर प्रदेश की जनता से भी कि इस दिपावाली में शुभ संदेश भेजने के लिए अनुरोध करता हूं। ये धरती बड़ी खास है, इस धरती ने तलवार का करतब भी दिखाया है और कलम से चेतना भी जगायी है।

ये वो धरती है जिसने महा–महा योद्धाओं को जन्म दिया है, आला-उदल, महराजा छत्रसाल, लक्ष्मीबाई, जलकारीबाई, रानी दुर्गावति न जाने कितने-कितने नाम हैं। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम...आज जो हम आजादी की सांस ले रहे हैं उसके लिए इसी धरती ने अपना खून बहाया था, जो आज हमें सुख-चैन की जिंदगी देता है। ये धरती आध्यात्म की भी धरती है...महर्षि वेदव्यास, महर्षि वाल्मिकी जी, गोस्वामी तुलसीदास जी और वर्तमानकाल में मैथिलीशरण गुप्त, वृंदालाल वर्मा... ये सभी महानुभावों की श्रंखला... अनगिनत नाम, मैं आज इस धरती पर आया हूं। मैं इन सब को सादर नमन करता हूं। उनके आशीर्वाद की कामना करता हूं, ताकि हमें एक ऐसी शक्ति मिले जो इस बुंदेलखंड को.. यहां के लोगों को मुसीबतों से मुक्ति दिलाए... संकटों से उनको छुट्टी दिला दे। ऐसी हमें एक शक्ति मिले, ऐसा हमें एक आशीर्वाद मिले। भाईयों-बहनों मैं बहुत वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री का काम देखता था, बुंदेलखंड में तो नदियां भी हैं, हमारे गुजरात में तो एक नर्मदा और ताप्ती मईया को छोड़कर और नदियां भी नहीं है, लेकिन तब हमने बीड़ा उठाया था कि वर्षा की एक-एक बूंद बचाएंगे। नर्मदा नदी का पानी जहां तक पहूंचे, पहुंचाएंगे। सूखे में जिंदगी गुजारने वाला वो राज्य... आज 15 साल के परिश्रम के बाद पानी के संकट से मुक्त हुआ है। भाईयों-बहनों, आपको सुनाई देगा... मीडिया वालों को अपना काम करने दो भैया, मुझे देख लिया है अब सुनाई देगा... आपका प्यार मेरे सर-आंखों पर भैया। जब मैं बुंदेलखंड के बारे में सुनता था। यहां पर पांच–पांच नदियां हैं, लेकिन जल प्रबंधन की कमी के कारण यहां पत्थर तो शजल हैं, मगर मिट्टी सूखी है।

भाईयों-बहनों यहां का किसान तबाह हो गया और इसलिए ये बुंदेलखंड की धरती... जो धरती के पताल से हीरे, मोती, सोना और न जाने क्या-क्या देने की ताकत रखती है, लेकिन किसान को पेट भरने तक का अन्न तक नहीं दे पाती है। अगर पानी का प्रबंध कर दिया तो यहां का किसान मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है, मिट्टी में से सोना....। हमारी उमा जी के मार्गदर्शन में एक बड़ा अहम कार्यक्रम हमनें अपने हाथ में लिया है, जिसका लाभ यहां के पूरे क्षेत्र को मिलने वाला है। इसका सपना अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देखा था, लेकिन बाद में ऐसे-ऐसे लोग आए जिनको अपनी तो चिंता खूब रहती है, लोगों की जरा भी चिंता नहीं है और वो योजना थी, नदियों को जोड़ने की, हमारे देश में कई नदियां हैं जो बाढ़ के कारण पूरे इलाके को तबाह कर देती हैं और कुछ नदियां ऐसी हैं जो वर्षा ऋतु के 15 दिनों के बाद सूख जाती हैं। अगर इन नदियों को जोड़ दिया जाए जहां अधिक बाढ़ आती है वहां के पानी को सूखी नदियों में पहूंचाया जाए...इन नदियों को ज़िंदा किया जाए तो धरती के अंदर भी पानी उतरेगा, सूखे कुऐं में भी पानी आएगा और खेती के लिए भी सुलभता बढ़ जाएगी। और इसलिए अटल बिहारी वाजपेयी जी का एक सपना था- केनवेतवा। इन नदियों को जोड़ने का और इस काम को उमा जी ने आगे बढ़ाया है, और मुझे पुरा विश्वास है कि उमा जी के नेतृत्व में ये काम पूरा होकर के रहेगा और इसका परिणाम पूरे क्षेत्र को मिलने वाला है। हजारो करोड़ों की लागत लगने वाली है, और मैं जब यहां आया था.. 2014 चुनाव में क्षेत्र का भ्रमण हुआ था तब भी मैंने कहा था कि अगर बुंदेलखंड को पानी मिल जाए यहां के पानीदार लोग हैं, जो यहां कि जिंदगी बदलने की ताकत रखते हैं।

मैं जब गुजरात में था तो होली वगैरह त्यौहारों पर हिन्दी भाषी लोगों, उत्तर वासी लोगों से मिलना होता था, ज़्यादातर लोग बुंदेलखंड के गुजरात में रहते हैं। शायद कोई गांव ऐसा होगा जहां से कोई परिवार जाकर के गुजरात में न बसा हो तो मैं उनसे पूछना होता था कि आप कौन से वाले बुंदेलखंड से हैं मध्यप्रदेश वाले बुंदेलखंड से या उत्तरप्रदेश वाले बुंदेलखंड से, शुरुआत में सब पूछता था मैं और सब लोग बताते थे कि नहीं साब हम तो उत्तरप्रदेश वाले बुंदेलखंड के हैं। बाद में मैंने पुछना ही बंद कर दिया क्योंकि मुझे पता था कि अगर गुजरात में आया है तो मध्प्रदेश वाले उत्तराखंड वाला नहीं आता है...उत्तरप्रदेश वाले बुंदेलखंड वाला आता है क्योंकि वहां पर कोई रोजगार की संभावनाएं नहीं है। भाईयों-बहनों, जहां इतनी प्राकृतिक संपदा हो वहा का विकास क्यों नहीं हो सकता है? अगर मांजा हो तो कठिन से कठिन परिस्थितियों को बदला जा सकता है।

आपने कच्छ के रेगिस्तान का सुना होगा अगर किसी सरकारी मुलाजिम को ट्रांसफर कर दिया जाए तो वो कहता था कि मुझे तो अंडमान निकोबार भेज दिया गया है। बुंदेलखंड से भी भयंकर प्राकृतिक संकटों वाला इलाका था। लेकिन आज वो हिन्दुस्तान का सबसे तेजी गति से आगे बढ़ने वाला जिला बन गया है। बुंदेलखंड भी ऐसी ही ताकत रखता है आगे बढ़ सकता है भाईयों और बहनों...। भाईयों-बहनों उत्तरप्रदेश ने राजनीति बहुत देखी है, हर प्रकार का खेल देखा है। जिनको खेल खेलने थे, उन्होंने खेल खेल लिए, जिनको पाना था, उन्होंने पा लिया। कभी सपा, कभी बसपा.... कभी सपा कभी बसपा... उनकी तो दुनिया चलती रही... आपकी दुनिया में कोई बदल नहीं आया भाईयों-बहनों। और इसलिए उत्तरप्रदेश में... आने वाले 10 साल में उत्तरप्रदेश को हिन्दुस्तान का उत्तम से उत्तम प्रदेश बनाने की इच्छा आपको लगती है, तो इस सपा-बसपा के चक्कर से बाहर निकलिए भाईयों-बहनों। बहुत हो चुका... आपने देखा होगा कि जब चुनाव आता है और सपा की सरकार होती है तो बसपा वाले सपा के भ्रष्टाचारों पर ढेर सारे भाषण सुनाते हैं। तु -तु मैं-मैं करते हैं...आरोप लगाते हैं... जनता को भ्रमित करके फिर खुद बैठ जाते हैं। लेकिन क्या पांच साल बसपा वालों ने काम किया... एक भी सपा वाले को जेल भेजा था क्या?..एक भी सपा वाले के खिलाफ कदम उठाए थे क्या?... नहीं उठाए। अभी भी बसपा वाले आएंगे आपको भ्रमित करेंगे, और अगर सत्ता में आने का अवसर मिला तो फिर वो दोस्ताना कर देंगे... पर्दे के पीछे... कोई किसी पर कदम नहीं उठाएगा... ये सपा-बसपा दोनों एक-दूसरे के लिए यही करते हैं। आप आपके समय में लूटो... मैं अपने समय में लूटुंगा। जब आपकी बारी आए तो आप मत बताना... जब मेरी बारी आए तो मैं नहीं बताऊंगा... यही खेल सपा-बसपा का चल रहा है, उसी ने उत्तरप्रदेश को तबाह कर रखा है।

उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलना है तो सपा और बसपा के चक्कर से बाहर निकलिए भाईयों-बहनों। आज आप देख रहें है सरकार के मुलाजिम तो वही हैं, 2014 के अखबार देख लीजिए भाईयों..., सारे अखबार किस बात से भरे पड़े थे...? इतने लाख-करोड़ का घोटाला हुआ... हर दिन एक खबर आती थी। आज ढाई साल से आपने मुझे बिठाया है एक खबर आपने भ्रष्टाचार की सुनी है क्या...? कहीं से एक भी खबर आई है क्या..? कहीं कान में भनक आई है क्या...? अगर ईमानदारी से देश चलाने का तय करे तो देश चल सकता है, आज भी देश में ईमानदार लोग हैं, आज भी देश में ईमानदार बाबू लोग हैं, आज भी देश में ईमानदार अफसर लोग हैं, आज भी देश में ईमानदार पुलिस वाले हैं, ताकत-ज़रुरत होती है ईमानदार लोगों को ताकत देने की और देश में ईमानदारी आ सकती है। इसलिए भाईयों-बहनों.. मैं ये कहना चाहता हूं उत्तरप्रदेश में ये जो बेईमानी का खेल चला है। उस खेल से उत्तरप्रदेश को बचाना है। भाईयों-बहनों इस बार उत्तर प्रदेश के चुनाव का चित्र साफ है, इस बार यहां के मतदाताओं को... जैसे लोकसभा के चुनाव में कोई दुविधा नहीं थी। साफ-साफ था कि दूध का दूध और पानी का पानी में फर्क क्या होता है... काला क्या होता है और सफेद क्या होता है साफ-साफ दिखाई दिया था। उत्तर प्रदेश की जनता ने हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी मदद की... पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में, उत्तर प्रदेश के नागरिकों ने भांप लिया था कि यदि यही खेल चलता रहा तो देश बर्बाद हो जाएगा... अगर बदलाव लाना है तो शत प्रतिशत लाना चाहिए और उत्तरप्रदेश की जनता ने ऐसी ताकत दिखाई कि दिल्ली के अंदर शत प्रतिशत बदलाव आया। मैं आपका आभारी हूं, मैं उत्तर प्रदेश का आभारी हूं, मैं पूरे हिन्दुस्तान का आभारी हूं कि उन्होंने ऐसा महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। इस बार भी ज्यादा उलझन का मामला नहीं है जी, एक तरफ वो लोग हैं जिनको परिवार बचाने की चिंता है, दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनको किसी भी प्रकार से गद्दी तक पहुंच जाना है... कुर्सी पकड़नी है। भाईयों-बहनों एक तरफ वो लोग हैं जिन्हें परिवार बचाने की चिंता है, दूसरी तरफ कुर्सी पाने की चिंता है।

तीसरे हम हैं जिन्हें सिर्फ उत्तरप्रदेश बचाने की चिंता है, उत्तरप्रदेश बनाने की चिंता है, उत्तरप्रदेश को आगे बढ़ाने की चिंता है। आप तय कीजिए...क्या उत्तरप्रदेश परिवार को बचाने के लिए खपा देंगे, क्या उत्तरप्रदेश किसी को कुर्सी देने के लिए खपा देगें, क्या उत्तरप्रदेश, उत्तरप्रदेश बनाने के लिए खपा देंगे, निर्णय आपको करना है भाईयों-बहनों... और इसलिए मैं मानता हूं कि इस बार उत्तरप्रदेश की जनता और खास करके मेरे नौजवान... खास करके मेरे मौजवान... आपको, आपके भाग्य का विचार करना है। आपके पूर्वजों ने, आपके पिताजी ने, दादा ने... किसी न किसी भावना में आकर किसी कहीं न कहीं कभी न कभी सपा और बसपा वालों को संभाल कर रखा, बाद में लगा होगा चलो यार अपना तो है। लेकिन उन्होंने उनका तो किया... आपके माता–पिता, दादा-दादी, चाचा-चाची... किसी का कुछ नहीं किया... न आपके गांव का किया, न आपके इलाके का किया, मेरे नौजवानों आपके पूर्वजों को तो भावना के कारण ये नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन मेरे नौजवानों आप गलती मत करना...। आप अपने भाग्य की चिंता करना, आप इस उत्तरप्रदेश की चिंता करना, आप बुंदेलखंड के भाग्य की चिंता करना तो आपको बदलाव मिलेगा मेरे भाईयों-बहनों...। कोई मुझे बताईये ये प्राकृतिक संपदा यहां जो है इस पर हक आपका है कि नहीं है... इस पर आपका हक है कि नहीं है, इसकी कमाई में आपका हिस्सा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, इसमें से आपकी जेब में भी कुछ जाना चाहिए कि नहीं आना चाहिए, आपके गांव के रास्ते बनने चाहिए कि नहीं बनने चाहिए, आपके तालाब ठीक होने चाहिए कि नहीं होने चाहिए, आपके खेत के कुंआ ठीक होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, आपके फसल के दाम मिलने चाहिए कि नहीं मिलने चाहिए...? लेकिन कुछ मुट्ठीभर लोग लखनऊ के आशीर्वाद से आकर के सब कब्जा कर लेते हैं... सब तबाह कर देते हैं, क्या ऐसे माफिया को हटाना है कि नहीं हटाना है?...हटाना चाहिए (पब्लिक)..। आप मुझे बताईये आज जो उत्तर प्रदेश की दो पार्टियां हैं सपा और बसपा... क्या इनमें वो मांजा है क्या माफियाओं से भिड़ने का...? ये लड़ सकते हैं क्या...? इनके भरोसे जीने वाले लोग उन पर कोई कदम उठा सकते हैं क्या...? भाईयों-बहनों..एक अकेली भारतीय जनता पार्टी ऐसी है जो इन माफियाओं के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है... आपके लिए तैयार है। भाईयों-बहनों.. जहां अच्छी सरकारें होती हैं वहां पर जमीन सुधार के कानून के लिए कोशिश होती है ताकि समान्य मानवीय के जमीन की सुरक्षा हो, उनके खेत की रक्षा हो, उनकी सीमा की रक्षा हो कि कोई उसको दबोच न ले, कोई उनसे लिखवा न ले...। हर सरकारें जो अच्छी होती हैं वे जमीन सुधार के लिए कोई न कोई काम करती रहती हैं, लेकिन ये उत्तरप्रदेश है, सरकार सपा की हो, सरकार बसपा की हो... यहां जमीन सुधारने के काम नहीं होते हैं, जमीन हड़पने के काम होते हैं।

कौन कितनी ज़्यादा ज़मीन हड़प लेगा उसको टिकट दी जाती है, उनको फिर नेता बनाया जाता है। भाईयों-बहनों ये उत्तरप्रदेश की धरती हम सब की मां है मां, इस मां को अब लूटने नहीं दिया जाएगा, माफियाओं से ये जमीन छीनने के कारोबारों पर हम कठोर से कठोर कार्रवाई करना चाहते हैं। और इसलिए भाईयों-बहनों मुसीबतों से मुक्ति पाने के लिए हम कदम उठाना चाहते हैं। भाईयों-बहनों आपने सरकारें देखी है। मैं आज आपके सामने.. अच्छी सरकारें होती है तो क्या फर्क आता है इसका उदाहरण बुंदेलखंड एक बढ़िया जगह है। कोई भी नागरिक समझ सकता है और इसलिए मैं चाहता हूं कि इस बात को हम समझें। बुंदेलखंड का एक हिस्सा मध्यप्रदेश में है, बुंदेलखंड एक हिस्सा उत्तरप्रदेश में, उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड पर कभी सपा ने राज किया तो कभी बसपा ने राज किया और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड पर भारतीय जनता पार्टी ने राज किया, भारत सरकार ने दोनों को करीब-करीब 3,500-4,000 हजार करोड़ रुपया दिया... दोनों को दिया.... परिणाम क्या आया...? मध्यप्रदेश वाला बुंदेलखंड... जहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है... जहां कभी उमा जी ने मुख्यमंत्री के नाते काम किया, जहां कभी शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री के नाते काम कर रहे हैं, उन्होंने जो काम किया मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में... केन्द्र सरकार से जो पैसा गया पाई-पाई का पूरे हिसाब के साथ काम किया गया। लेकिन उत्तरप्रदेश में जो हुआ... कहीं पता नहीं चल रहा है कि उन पैसों का क्या हुआ...। मैं बताता हूं आपको... यहां के किसानों को पानी की किल्लत है, मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड को भी पानी की किल्लत है।

मध्यप्रदेश सरकार ने योजना के तहत करीब-करीब पानी पहुंचाने का 90 प्रतिशत काम पूरा कर दिया, और उत्तरप्रदेश में अभी भी 40 प्रतिशत से आगे काम नहीं पहुंच पाया है। ये जिम्मेवारी सपा-बसपा दोनों की है। भाईयों-बहनों... यहां पर सिंचाई की योजना लागू करने के काम, कुआं वगैरह के काम, उत्तरप्रदेश में सिर्फ 70 योजना शुरु की गई, एक भी योजना पूरी नहीं की गई। जबकि मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में 170 योजना शुरु की और 170 की 170 सभी योजना पूरी की गई। पाई-पाई काम में लगा दिया, मध्यप्रदेश का किसान सुखी हो गया और उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड का किसान तबाह हो गया। वॉटर-शेड मैनेजमेंट का काम... मध्यप्रदेश ने 1000 नए प्रोजेक्ट लिए वॉटर शेड के..., ट्यूववेल के काम किए... उत्तरप्रदेश बुंदेलखंड ने एक भी काम उस दिशा में नहीं किया। दिल्ली से भेजे गए पैसे सड़ते रहे, आपके काम नहीं आए भाईयों-बहनों। नए कुऐं बनाने    थे, 30,000 का लक्ष्य था नए कुऐं इस इलाके में बनाने का...भारत सरकार ने पैसे दिए थे... किसानों के लिए 30,000 नए कुएं। आपको जानकर के दुख होगा उत्तरप्रदेश बुंदेलखंड के मेरे प्यारे भाईयों-बहनों...मेरे किसान भाईयों-बहनों... 30,000 में से सिर्फ 3,500 कुओं का काम हुआ है। 27,000 के करीब कुऐं किसी ने देखा तक नहीं है। पैसे कहां गए... पता नहीं, दूसरी तरफ मध्यप्रदेश, उसका बुंदेलखंड... उन्होंने 45,000 कुओं की योजना बनाई, और आज मैं गर्व के साथ कहता हूं कि मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में 47,000 कुओं का काम पूरा कर दिया...47,000 कुओं का काम पूरा कर दिया भाईयों-बहनों...।

जो किसान पैदा करते हैं उनकी फसल बर्बाद न हो...इसलिए एक स्टोरेज का काम करना था। मध्यप्रदेश बुंदेलखंड ने किसानों के लिए 6 लाख टन अनाज संग्रह के लिए... गोडाउन वगैरह तैयार करने थे... कर दिए। उत्तरप्रदेश बुंदेलखंड में एक किलो की भी वृद्धि नहीं की गई... ये पैसों की बर्बादी नहीं है तो क्या है...? भाईयों-बहनों जहां सूखा होता है जहां किसानों को परेशानी होती है, वहां अगर पशुपालन पर ध्यान दिया जाए, दूध उत्पादन पर ध्यान दिया जाए तो वहां के किसान को बचाया जा सकता है। भाईयों-बहनों...मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में 18,000 परिवारों को इस काम में जोड़ा, पशु-पालन में, दूध उत्पादन में, दूध की व्यव्स्था करने में लेकिन उत्तरप्रदेश बुंदेलखंड ने...जहां सपा-बसपा की सरकारें हैं, जो पुरानी मंडलियां थी, उसमें भी राजनीतिक उठा-पटक का खेल खेला और ज्यादातर मंडलियों को ताले पड़ गए भाईयों-बहनों। ये काम सपा और बसपा वालों ने किया है। भाईयों-बहनों..मैंने ये विस्तार से इसलिए बताया कि अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार होती है तो जनता के पाई-पाई का समय पर उपयोग करती है। और सपा-बसपा की सरकार है तो सत्ता का उपयोग खेल खेलने के लिए किए जाते हैं, जनता की भलाई के लिए नहीं किए जाते हैं और इसलिए भाईयों-बहनों मैं आज ये अनुरोध करने आया कि आज आप उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलने का संकल्प कीजिए, उत्तरप्रदेश का भाग्य बदलेगा... तभी आपका भाग्य बदलेगा। भाईयों-बहनों... उत्तर प्रदेश ने अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं देश को...अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं। मुझको भी उत्तरप्रदेश ने बनाया है। उत्तरप्रदेश का मुझ पर हक है... भाईयों-बहनों... उत्तर प्रदेश को ऐसी सरकार दो अब तक उत्तर प्रदेश से जितने भी पधानमंत्री हुए, उन्होंने जितना काम उत्तरप्रदेश के लिए किया है...मैं अकेला उन सब से ज्यादा काम करना चाहता हूं। मुझे ऐसी सरकार दो... मैं कुछ करके दिखाना चाहता हूं भाईयों-बहनों। मुझे आपके लिए कुछ करके जाना है... भाईयों-बहनों मैं कर्ज चुकाने आया हूं। मैं सामने से आपकी सेवा करने आया हूं। अभी उमा जी एक नारा बुला रही थी, मैं ज़रा उस नारे को करेक्शन करना चाहूंगा, उमा जी ने कहा “मोदी जी, आप राज करो... हम आपके साथ हैं...” जी नहीं, नारा ये बुलाओ की मोदी जी सेवा करो हम आपके साथ हैं। मोदी राज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है, मोदी राज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मैं तो एक मज़दूर की तरह... आपकी तरह... मुझे जो काम मिला है, आपके लिए अपने आप को खपाने वाला इसान हूं, सेवा... यही मेरा परमोधर्म है... इसी को करना चाहता हूं। गरीब के आंसू पोंछना चाहता हूं, किसान की जिंदगी बदलना चाहता हूं, गांव के जीवन में नई चेतना लाना चाहता हूं, नौजवानों के सामर्थ्य से... देश का भाग्य बदलना चाहता हूं। इसलिए सेवा... यही मेरा रास्ता है, आपकी सेवा के लिए खपने के लिए मैं आपका आशीर्वाद चाहता हूं। और इसीलिए आज आपकी बुंदेलखंड की धरती को नमन करने आया हूं। भाईयों-बहनों..कोई भी समाज हमारी माताओं-बहनों के साथ अन्याय करके आगे नहीं बढ़ सकता है। “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ”, ये बात लेकर के मैं जब चला हूं, ज्यादातर हिन्दु समाज में ऐसी एक विकृत धारा है कि बेटा पैदा हो तो अच्छा और बेटी है तो बोझ है। और इसका परिणाम ये आया... 1000 लड़के पैदा होता है तो सामने 800 या 900 बेटियां पैदा होती हैं। हर हजार में 100,150 बेटियां कम होती हैं... समाज में असंतुलन पैदा हो रहा है। बेटियों को मां के गर्भ में मार दिया जाता है।

भाईयों-बहनों...ये पाप है...गुनाह है। अगर गुनाह करने वाला हिन्दु है तो क्या हुआ। मेरी सरकार ने कठोर से कठोर कदम उठाए हैं। बेटियों की रक्षा होनी चाहिए, माताओं की रक्षा होनी चाहिए। धर्म नहीं देखना चाहिए...सम्प्रदाय नहीं देखना चाहिए, माताओं-बहनों की इज्जत होनी चाहिए। हमने हिम्मत से इस बात को आगे बढ़ाया है, अब बात आई है तलाक की... अगर कोई हिन्दु... मां के गर्भ में बेटी को मार देगा तो उसको जेल के सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा वैसे ही मेरी मुसलमान बहन... उसका क्या गुनाह... कोई ऐसे ही टेलीफोन पर तीन तलाक बोल दे और उसकी जिंदगी तबाह हो जाए...। क्या मुसलमान बेटियों के हकों की रक्षा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? क्या मुसलमान माताओं-बहनों को रक्षा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? क्या मुसलमान बहनों को समानता का अधिकार मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए? कुछ मुस्लिम बहनों ने अदालत में अपने हकों की लड़ाई लड़ी, सुप्रीम कोर्ट ने हमें पूछा कि आप भारत सरकार क्या कहती है.. हमने साफ-साफ अपने शब्दों में कहा कि माताओं-बहनों पर कोई अन्याय नहीं होना चाहिए, सम्प्रदाय के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मैं हैरान हूं... हिन्दुस्तान की कुछ पॉलिटिकल पार्टियां, वोट बैंक की भूख में 21वी सदी में मुस्लिम औरतों के साथ अन्याय करने पर तुलें हुए हैं, ये कौन सा न्याय है..और इसलिए भाईयों-बहनों... चुनाव अपनी जगह होती है, राजनीति अपनी जगह पर होती है, लेकिन हिन्दुस्तान की मुसलमान औरतों को उनका हक दिलाना...संविधान के तहत दिलाना...ये सरकार और समाज की जिम्मेवारी होती है। मैं मीडिया से सार्वजनिक रुप से आज अनुरोध करना चाहता हूं, टीवी डिबेट करने वालों से मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि तीन तलाक को लेकर के जो विवाद चल रहा है, मेहरबानी करके उसे सरकार और विपक्ष का मुद्दा न बनाएं, मेहरबानी करके उसको भाजपा और अन्य दलों का मुद्दा मत बनाए, मेहरबानी करके उसको हिन्दु और मुसलमान का मुद्दा न बनाएं। डिबेट ये होनी चाहिए कि जो मुसलमान समाज में जो शास्त्रों को जानते हैं, जो कुरान को जानते है, ऐसे Expert लोग टीवी पर आएं और वे चर्चा करें। जो पक्ष में है वो मुसलमान बताएं। मुसलमान समाज में पढ़े लिखे जानकार लोग हैं, आधुनिक विचार रखने वाले लोग हैं।

मुस्लिम महिलाएं पढ़ लिख कर के मुस्लिम महिलाओं के हितों लिए अच्छे से अच्छा विचार रखने वाली हैं। अगर टीवी डिबेट करते हो, मीडिया में चर्चा करते हो तो उसको हिन्दु मुसलमान का मुद्दा मत बनाइए। मुसलमानों में जो लोग सुधार चाहते हैं और जो सुधार नहीं चाहते... उनकी चर्चा हो... ताकि देश के सवा सौ करोड़ नागरिक जान सकें की सचमुच में मुद्दा क्या है? अरे लोकतंत्र में चर्चा होनी चाहिए, और सरकार ने अपनी बात रख दी है, और इसलिए जो लोग तीन तलाक के मुद्दे से हट कर के ऐसे-ऐसे विषय उठा रहे हैं और लोगो को भड़काने की बातें करते हैं। इस देश में हिन्दू को भी... मां के गर्भ में बेटियों को मारने का कोई हक नहीं होगा वो हिन्दु होगा तो भी जेल जाना होगा। इस देश मुस्लिम बहनों को भी तीन तलाक कह कर बर्बाद करने वाले लोगो को भी आज के युग में बर्बाद करने का मौका नहीं दिया जा सकता है, इन माताओं-बहनों की रक्षा होनी चाहिए और इसलिए हम काम कर रहे हैं। भाईयों-बहनों आज बुंदेलखंड की धरती पर मैं जब हैलीकॉप्टर से आ रहा था तो मैं देख रहा था, मीलों तक रास्ते भरे पड़े थे, लोग शायद पहुंच भी नहीं पाए होंगे। ये इतना जन-सैलाब और अभी ठंड शुरु नहीं हुई है, इतनी गर्मी में... भाईयों-बहनों दिल्ली में बैठे हुए लोगों को पता चल गया है कि उत्तरप्रदेश की जनता ने... उत्तर प्रदेश के लिए वोट देना तय कर लिया है, उत्तरप्रदेश का भाग्य बदलने के लिए वोट देना तय कर लिया है, उत्तर प्रदेश का जीवन बदलने के लिए वोट देना तय कर लिया है। अब सपा-बसपा के चक्कर से मुक्ति का ये आंदोलन है, सपा-बसपा के चक्कर से उत्तर प्रदेश को बचाने का ये आंदोलन है, सपा-बसपा की कुरीतियों के कारण तबाह हुए उत्तरप्रदेश को बचाने के लिए आह्वान करने आया हूं। आपने जो जन- समर्थन दिया... मैं बहुत आभारी हूं। मेरे साथ बोलिए भारत माता की...जय, दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की...जय, दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की...जय, भारत माता की... जय, भारत माता की...जय,

बहुत बहुत धन्यवाद।

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President of the European Council, Antonio Costa calls PM Narendra Modi
January 07, 2025
PM congratulates President Costa on assuming charge as the President of the European Council
The two leaders agree to work together to further strengthen the India-EU Strategic Partnership
Underline the need for early conclusion of a mutually beneficial India- EU FTA

Prime Minister Shri. Narendra Modi received a telephone call today from H.E. Mr. Antonio Costa, President of the European Council.

PM congratulated President Costa on his assumption of charge as the President of the European Council.

Noting the substantive progress made in India-EU Strategic Partnership over the past decade, the two leaders agreed to working closely together towards further bolstering the ties, including in the areas of trade, technology, investment, green energy and digital space.

They underlined the need for early conclusion of a mutually beneficial India- EU FTA.

The leaders looked forward to the next India-EU Summit to be held in India at a mutually convenient time.

They exchanged views on regional and global developments of mutual interest. The leaders agreed to remain in touch.